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समाचार सार
*प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त की राशि जारी*
*प्रदेश के 25.47 लाख से अधिक किसानों के खातों में 553 करोड़ 34 लाख रुपये का हुआ अंतरण*
*राज्य के अन्नदाताओं को अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत मिली 9 हजार 700 करोड़ रुपये की राशि*
*छत्तीसगढ़ के 2.34 लाख वन पट्टाधारी और 32,500 विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को भी मिल रहा है योजना का लाभ*
रायपुर / शौर्यपथ/ सावन के पवित्र महीने में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी (उत्तर प्रदेश) से देशभर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त के रूप में 20500 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर स्थित उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के सभागार से प्रदेश के किसानों के साथ वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वृहद किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 2019 से अब तक देशभर के किसानों को 3.75 लाख करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके खातों में भेजी जा चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर काम कर रही है और पीएम किसान निधि इसका सशक्त उदाहरण है। श्री मोदी ने कहा कि कृषि विकास में पिछड़े जिलों के लिए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ की शुरुआत की गई है और इसके लिए 24 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सिंचाई योजनाओं पर भी सरकार बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है ताकि खेतों तक पानी पहुंच सके और उत्पादन में वृद्धि हो। प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को राहत देने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ संचालित है, जो उन्हें संकट से उबारने का कार्य करती है। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि 1.5 करोड़ से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं और 3 करोड़ के लक्ष्य में से आधा काम हमने पूरा कर लिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को पवित्र श्रावण मास की शुभकामनाएं देते हुए भगवान महादेव से छत्तीसगढ़ के सतत् कल्याण, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से छत्तीसगढ़ के लगभग 25 लाख से अधिक किसानों को 553 करोड़ 34 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अन्नदाताओं को आर्थिक संबल देकर उनके परिश्रम का सम्मान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार “मोदी की गारंटी” के अनुरूप किसानों की उन्नति के लिए निरंतर समर्पित भाव से कार्य कर रही है। हमने किसानों से जो वादा किया था, उसे पूरा किया है। आज छत्तीसगढ़ में किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की कीमत दी जा रही है, जो उनकी आय को और सुदृढ़ कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार गठन के दस दिनों के भीतर ही 3716 करोड़ रुपये की 2 वर्ष की बकाया बोनस राशि का भुगतान कर हमने किसानों के भरोसे को और मजबूत किया। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में ‘किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ की शुरुआत हुई, जिसने खेती-किसानी को लाभकारी व्यवसाय में परिवर्तित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले किसान भारी ब्याज दरों पर उधार लेकर खेती करते थे, लेकिन आज केसीसी (KCC) के माध्यम से शून्य ब्याज दर पर ऋण मिल रहा है, जिससे खेती-किसानी और आसान हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए तेज़ी से कार्य किया जा रहा है। बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और हम बोधघाट परियोजना, महानदी और इंद्रावती नदी को जोड़ने जैसी योजनाओं के माध्यम से बस्तर को सिंचित और समृद्ध क्षेत्र बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। श्री साय ने कहा कि दलहन-तिलहन फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए 10 हजार रुपये की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। साथ ही, भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी 10 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार खेती ही नहीं, बल्कि मत्स्यपालन, दुग्ध उत्पादन और पशुपालन जैसे सहायक कृषि कार्यों को भी सशक्त करने में जुटी है। ‘दुधारू पशु वितरण योजना’ को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 6 जिलों से प्रारंभ किया गया है, जिसे नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के माध्यम से लागू किया जा रहा है। इससे दूध का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को उसकी उचित कीमत मिलेगी।
श्री साय ने कहा कि मिलेट्स (श्री अन्न) जैसे पौष्टिक अनाजों का उत्पादन, कोदो, कुटकी और रागी जैसी पारंपरिक फसलों की खेती को बढ़ावा देकर किसानों को बाजार में बेहतर दाम दिलाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार निरंतर किसानों को इस योजना के तहत राशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित कर रही है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में गांव-गांव में पक्की सड़कें बन गई हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अब किसानों को बिना ब्याज के अल्पकालिक ऋण उपलब्ध हो रहा है। हमारी सरकार ने अनेक योजनाएं धरातल पर लाकर किसानों की बेहतरी के लिए कार्य किया है।
कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि आज इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 25.47 लाख से अधिक किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 20वीं किश्त की राशि 553 करोड़ 34 लाख रुपये अंतरित की गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधान की परिकल्पना के साथ आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों का उपयोग कर खेती-किसानी को नई दिशा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वृहद रूप से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाया गया। इस अभियान में कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक लाख से अधिक किसानों से मुलाकात कर खेती-किसानी के तरीकों और उनके फायदों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में हितग्राहियों को कृषि उपकरणों एवं योजनाओं के तहत अनुदान राशि के चेक प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में विधायकगण सर्वश्री सुनील सोनी, पुरंदर मिश्रा, गुरु खुशवंत साहेब, इंद्रकुमार साहू, रायपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे, छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लि. के प्रबंध संचालक श्री अजय अग्रवाल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर.आर. सक्सेना सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी पर तीन प्रतिशत कमीशन मांगने और ठेकेदारों को धमकाने के आरोपों के बाद अब इस प्रकरण में सियासी तापमान और बढ़ गया है। जहां एक ओर कांग्रेस ने खंडन पत्रों को दबाव और डर के तहत कराया गया बताया है, वहीं भाजपा खामोश नजर आ रही है। कांग्रेस ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए भूपेंद्र सवन्नी को तत्काल पद से हटाने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने आज मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, "यह पहला मौका है जब किसी शिकायत की जांच नहीं की जा रही, बल्कि खंडन करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री को भेजी गई ठेकेदारों की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने स्वयं इस पर पत्र जारी कर पूरी जानकारी मांगी थी। बावजूद इसके, अब जो खंडन सामने आ रहे हैं, वो शिकायतकर्ताओं से नहीं, बल्कि अन्य ठेकेदारों से करवाए जा रहे हैं, जोकि बेहद गंभीर मामला है।"
धनंजय ठाकुर ने सीधे तौर पर भूपेंद्र सवन्नी पर आरोप लगाया कि उन्होंने शिकायतकर्ताओं को धमका कर, दबाव बना कर खंडन के लिए विवश किया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यही तरीका अगर मुख्यमंत्री तक की गई शिकायतों के साथ अपनाया जा रहा है, तो आम नागरिकों को न्याय की उम्मीद कैसे होगी?
"क्या भूपेंद्र सवन्नी मुख्यमंत्री से भी ऊपर हैं, जो जांच के आदेश के बाद भी वह ठेकेदारों को धमका रहे हैं? क्या भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है?" – धनंजय ठाकुर
? पृष्ठभूमि में क्या है मामला?
इस पूरे विवाद की शुरुआत भूपेंद्र सवन्नी के खिलाफ ठेकेदारों की ओर से मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत के सोशल मिडिया में उजागर होने के बाद राजनैतिक रंग चढ़ा । शिकायत में आरोप था कि क्रेडा में कार्य कराने वाले ठेकेदारों से भूपेंद्र सवन्नी तीन प्रतिशत कमीशन मांगते हैं और मना करने पर काम में अड़चन डालने की धमकी देते हैं।
शिकायत पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने विभागीय स्तर पर संज्ञान लेते हुए क्रेडा से विवरण मांगा था, लेकिन इसके तुरंत बाद ही कुछ ठेकेदारों के नाम से खंडन पत्र सामने आने लगे, जिनमें आरोपों को निराधार बताया गया।
हालांकि, अब कांग्रेस का दावा है कि जो खंडन दिए जा रहे हैं, वे उन्हीं ठेकेदारों से नहीं हैं जिन्होंने शिकायत की थी। कांग्रेस इसे भाजपा द्वारा प्रशासनिक दबाव और राजनीतिक संरक्षण के तहत कराया गया ‘खंडन प्रबंधन’ बता रही है।
? कांग्रेस ने क्या मांग की है?
कांग्रेस की मांग है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच हो। जब तक जांच पूरी न हो, भूपेंद्र सवन्नी को उनके पद से हटाया जाए। जिन ठेकेदारों ने शिकायत की है, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
धनंजय सिंह ठाकुर ने आगे कहा, “भाजपा की सरकार में सुशासन की बात बेमानी हो चुकी है। जब मुख्यमंत्री तक की गई शिकायतों को दबाया जा रहा है तो यह संकेत है कि प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं खतरे में हैं। गुंडागर्दी की ये राजनीति अब उजागर हो रही है।”
रायपुर, 29 जुलाई 2025 | विशेष संवाददाता
छत्तीसगढ़ भाजपा के युवा नेता एवं केड्रा इकाई रायपुर के नव नियुक्त अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी इन दिनों गंभीर आरोपों के घेरे में हैं। ऊर्जा विभाग से संबंधित एक कार्य में निजी ईकाइयों से 3% कमीशन की मांग और न देने पर धमकी देने की शिकायत मुख्यमंत्री सचिवालय तक पहुँच चुकी है। इस पत्र की प्रति सार्वजनिक होने के बाद मामला गरमा गया है और अब यह एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है।
शिकायत और मुख्यमंत्री सचिवालय की कार्रवाई
दिनांक 20 जून 2025 को रायपुर की एक ईकाई द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में यह आरोप लगाया गया कि भूपेंद्र सवन्नी ऊर्जा विभाग के तहत नए सिस्टम निर्माण संबंधी कार्यों के लिए ठेकेदारों और ईकाइयों से 3% की कथित मांग कर रहे हैं। शिकायत में कहा गया है कि जो ईकाइयाँ यह "हिस्सा" देने से इनकार करती हैं, उन्हें धमकाया जाता है और उनके कार्य रोके जाते हैं।
इस पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने त्वरित संज्ञान लेते हुए ऊर्जा विभाग को पत्राचार भेजकर पूरे प्रकरण की जनहित में वेब पोर्टल पर अपलोडिंग सहित नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अवर सचिव अरविंद कुमार खोपड़े द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि मामला गंभीर है और इसकी पड़ताल आवश्यक है।
प्रदेश कांग्रेस ने बनाया बड़ा राजनीतिक हथियार
शिकायत पत्र के सार्वजनिक होते ही यह मुद्दा प्रदेश कांग्रेस के लिए बैठे-बैठाए एक बड़ा राजनीतिक हथियार बन गया है। कांग्रेस नेताओं द्वारा इसे सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर तेजी से साझा किया जा रहा है।
ट्विटर (एक्स), फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे मंचों पर कांग्रेस प्रवक्ताओं और नेताओं ने भूपेंद्र सवन्नी को ‘भ्रष्टाचार का प्रतीक’ बताते हुए भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है। कई वरिष्ठ नेताओं ने मांग की है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो और दोषी को पार्टी से निष्कासित किया जाए।
कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि “यह मामला भाजपा के युवाओं में फैलते सत्ता-प्रदत्त भ्रष्टाचार का प्रमाण है। जब युवा नेतृत्व ही भ्रष्टाचार में लिप्त होगा तो राज्य की राजनीतिक संस्कृति का क्या होगा?”
भूपेंद्र सवन्नी और पूर्व विवाद
भूपेंद्र सवन्नी पर यह कोई पहला आरोप नहीं है। पूर्व में भी मंडल एवं अन्य शासकीय कार्यों में हस्तक्षेप, नियुक्तियों में मनमानी और अधिकारियों पर दबाव डालने जैसे आरोप उन पर लग चुके हैं। हालांकि, इस बार मामला दस्तावेजी प्रमाणों के साथ सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुँच चुका है, जिससे इसकी संवेदनशीलता और भी बढ़ गई है।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला अब केवल प्रशासनिक जांच का नहीं, बल्कि राजनीतिक रणनीति और साख का मुद्दा बन गया है। भाजपा को जहाँ आंतरिक स्तर पर इस पर संज्ञान लेना होगा, वहीं कांग्रेस इस पूरे प्रकरण को आगामी नगर निकाय और पंचायत चुनावों से पहले एक नैतिक मुद्दा बनाकर जनता के बीच ले जाने की तैयारी में है।
निष्कर्ष
भूपेंद्र सवन्नी के खिलाफ लगे आरोपों ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। एक ओर भाजपा के लिए यह नेतृत्व की जवाबदेही का सवाल है, वहीं कांग्रेस इसे भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनजागरण का अवसर मान रही है। अगर जांच निष्पक्ष होती है, तो यह पूरे राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है।
(यह रिपोर्ट तीन आधिकारिक पत्रों एवं सोशल मीडिया पर जारी प्रतिक्रियाओं के विश्लेषण पर आधारित है। संबंधित पक्षों से सफाई या प्रतिक्रिया प्राप्त होने पर उसे आगामी संस्करण में प्रकाशित किया जाएगा।)
दुर्ग। शौर्यपथ।
दुर्ग नगर निगम में हाल ही में तीन कर्मचारियों के निलंबन के बाद माहौल अत्यधिक तनावपूर्ण हो गया है। त्वरित निलंबन आदेश जारी करने के बाद अब निगम प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। इसी क्रम में एक चिंताजनक घटना सामने आई जब निलंबित कर्मचारियों में से एक महिला कर्मचारी ने गुरुवार देर शाम महमरा डैम में आत्महत्या करने की कोशिश की। गनीमत रही कि वहां मौजूद कुछ लोगों की तत्परता से उनकी जान बच गई, अन्यथा यह मामला बहुत बड़े संकट का रूप ले सकता था।
इस घटना ने निगम कर्मचारियों और शहरवासियों दोनों को झकझोर कर रख दिया है। निगम प्रशासन पर यह आरोप लग रहे हैं कि कई वर्षों से लंबित और गंभीर शिकायतों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन हाल ही में आई एक शिकायत पर मात्र 24 घंटे में निलंबन आदेश जारी कर दिया गया। इससे निगम की कार्यप्रणाली में भेदभाव और पक्षपात की आशंका गहराई है।
चर्चा में है लॉलीपॉप अनुबंध घोटाला
निगम कर्मचारी थान सिंह यादव द्वारा लॉलीपॉप अनुबंध में राजस्व को हुए नुकसान का मामला भी चर्चा का विषय बना हुआ है। कर्मचारियों का कहना है कि जब इतने बड़े राजस्व नुकसान की जांच तक नहीं हुई, तो हालिया मामूली आरोपों में त्वरित निलंबन की कार्रवाई जल्दबाजी और पूर्वाग्रह से ग्रसित लगती है।
पारिवारिक लाभ और पद दुरुपयोग पर भी उठे सवाल
इसी बीच यह भी सामने आया है कि कुछ अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपात्र पुत्रों को शासकीय सुविधाएं दिलवाईं, फिर भी उन मामलों पर आज तक कोई जांच शुरू नहीं की गई। ऐसे मामलों की अनदेखी और कुछ मामलों में त्वरित निलंबन से निगम में कार्यरत कर्मचारी अब खुलकर सवाल उठा रहे हैं।
पूर्व में अशोक करिहार कांड की याद ताजा
महिला कर्मचारी की आत्महत्या की कोशिश ने पूर्व में निगमकर्मी अशोक करिहार द्वारा प्रताडऩा से तंग आकर आत्महत्या किए जाने की घटना की याद ताजा कर दी है। कर्मचारियों में भय और असंतोष स्पष्ट झलक रहा है। यदि कुछ क्षणों की देरी हो जाती, तो आज एक और परिवार उजड़ जाता।
अब निगाहें आयुक्त सुमित अग्रवाल पर
निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल पर अब यह जिम्मेदारी है कि वे इस पूरे मामले में निष्पक्ष और संवेदनशील कार्रवाई करें। आम जनता और निगम के कर्मचारी यह उम्मीद कर रहे हैं कि लॉलीपॉप अनुबंध, गुमठी आवंटन, एनयूएलएम योजनाओं में मिलीभगत, अपात्र लाभार्थियों को सरकारी सुविधाएं दिलाने जैसे मामलों में भी शीघ्र जांच हो और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के "जीरो टॉलरेंस" और "सुशासन" की नीति तभी सार्थक होगी जब हर स्तर पर निष्पक्ष और निर्भीक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के दुर्गम और नक्सल प्रभावित इलाकों में अब डिजिटल क्रांति की नई लहर दौड़ने वाली है। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं दूरसंचार राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने आज रायपुर में जानकारी दी कि केंद्र सरकार 400 नए बीएसएनएल टावर लगाने जा रही है, जिससे इन क्षेत्रों में भी तेज, सुरक्षित और सुलभ 4G इंटरनेट सेवा उपलब्ध हो सकेगी।
राजधानी रायपुर में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में डॉ. शेखर ने कहा कि ये टावर चरणबद्ध तरीके से स्थापित किए जाएंगे और इसके लिए सुरक्षा बलों और वन विभाग से आवश्यक अनुमतियाँ ली जा रही हैं।
डिजिटल इंडिया के मिशन को मिलेगा बल
डॉ. शेखर ने बताया, “बीएसएनएल देश के कोने-कोने में उच्च गुणवत्ता की 4G सेवाएं प्रदान कर रहा है। ये 400 टावर ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन को नक्सल क्षेत्र जैसे दूरस्थ इलाकों तक ले जाने की दिशा में बड़ा कदम हैं।”
ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा में दिखा संतोष
बैठक में ग्रामीण विकास, डाक, और दूरसंचार विभाग सहित BSNL के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। डॉ. शेखर ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) जैसे कार्यक्रमों के प्रभावशाली क्रियान्वयन पर संतोष जताया और कहा कि यह योजनाएं गांवों में बदलाव की मजबूत बुनियाद रख रही हैं।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में ‘पिंक ऑटो’ जैसी पहल
राज्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की भूमिका को सराहते हुए बताया कि राज्य में ‘पिंक ऑटो’ योजना के तहत महिलाओं को ऑटो उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
“SHGs को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और विपणन अवसर देकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई सार्थक प्रयास हो रहे हैं। ये पहल देश के अन्य राज्यों के लिए **मॉडल बन सकती है।”
नक्सल क्षेत्रों में 'मिशन मोड' पर विकास
डॉ. शेखर ने स्पष्ट किया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार मिशन मोड में काम कर रही है:
विद्यालयों का डिजिटलीकरण, जिससे छात्र JEE, NEET जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर पा रहे हैं
दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष सुविधाएं, ताकि कोई भी पीछे न रह जाए
सेवाओं की घर-घर पहुंच से वंचित क्षेत्रों में विकास की रफ्तार तेज
"अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे विकास" — यही है संकल्प
अपने संबोधन के अंत में डॉ. शेखर ने कहा: “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की योजनाएं अब अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुँच रही हैं। आदिवासी, वंचित और दुर्गम क्षेत्रों में अब तेज़ बदलाव और समावेशी विकास देखने को मिल रहा है।”उन्होंने यह भी जोड़ा कि डिजिटल, भौतिक और सामाजिक ढांचे को एकीकृत करते हुए “सबका साथ, सबका विकास” के विजन को ज़मीन पर उतारने का कार्य किया जा रहा है।
अब जंगलों में भी गूंजेगा नेटवर्क — छत्तीसगढ़ को मिलेगी डिजिटल उड़ान।