August 03, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

लोकसंस्कृति, नशा मुक्ति व आत्मनिर्भरता का संदेश:
छत्तीसगढ़ी गीत, नृत्य और परंपराओं से सजी सांस्कृतिक संध्या, लाल परिधान मे सावन की रंगत बिखरी,
सावन मेला का शुभारंभ, मनोरंजक प्रतियोगिताएं रही आकर्षण का केन्द्र,निगम द्वारा आयोजित दो दिवसीय सावन मेला में महिलाओं की जुटी भीड़:
3 अगस्त भव्य समापन में विशिष्ट हस्तियों की गरिमामयी उपस्थिति मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की धर्म पत्नी -मुख्य अतिथि समाज-सेविका कौशल्या देवी करेंगी कार्यक्रम का भव्य समापन:
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर निगम दुर्ग द्वारा आयोजित बहुप्रतीक्षित रिमझिम सावन मेला का शुभारंभ आज बड़े धूमधाम से हुआ। उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि रहीं भाजपा की वरिष्ठ नेत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पाण्डेय के साथ विधायक गजेंद्र यादव और शहर की प्रथम नागरिक महापौर अलका बागमार की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और छत्तीसगढ़ी मंगल गीत से हुई। भारी संख्या में नागरिकों, महिलाओं, बच्चों और युवा वर्ग की उपस्थिति ने आयोजन स्थल को उत्सवमय बना दिया। कार्यक्रम मे 15 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता मे भाग लिया.
मुख्य अतिथि सरोज पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा, "रिमझिम सावन मेला न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि यह हमारी लोकसंस्कृति, स्वदेशी उत्पादों और सामाजिक जागरूकता का भी परिचायक है।"
विधायक गजेंद्र यादव ने कहा इस प्रकार के आयोजन हमारे क्षेत्र की सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना को नई ऊर्जा देते हैं। रिमझिम मेला में जिस तरह नशा मुक्ति जैसे गंभीर विषय को भी रचनात्मकता से जोड़ा गया है, वह सराहनीय है। इसके माध्यम से युवा पीढ़ी को सकारात्मक दिशा देने का प्रयास किया जा रहा है। मैं नगर निगम को इस सफल आयोजन के लिए बधाई देता हूँ और जनता से आह्वान करता हूँ कि अधिक से अधिक संख्या में इसमें भाग लेकर इसे सफल बनाएं।"
महापौर अलका बागमार ने कहा रिमझिम सावन मेला नगर की पहचान बनता जा रहा है। इसमें न सिर्फ लोकसंस्कृति का समावेश है बल्कि महिलाओं, युवाओं और स्थानीय व समूहों को मंच देने का एक सशक्त प्रयास है। इस बार विशेष रूप से नशा मुक्ति जैसे सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता कार्यक्रम जोड़े गए हैं, जो इसे और भी सार्थक बनाते हैं। हमारा प्रयास है कि यह मेला हर साल और अधिक प्रभावी और जनभागीदारी से भरपूर हो।"
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पाण्डेय व विधायक गजेंद्र यादव व महापौर अलका बाघमार ने मेले में लगे विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया। हस्तनिर्मित वस्तुओं,स्थानीय खाद्य सामग्री और पारंपरिक परिधानों को देखकर उन्होंने खूब सराहना की और कुछ वस्तुओं की खरीददारी भी की।
नशा मुक्ति पर जागरूकता कार्यक्रम मेले का विशेष आकर्षण रहा। नुक्कड़ नाटक, पोस्टर प्रदर्शनी और वक्ताओं के माध्यम से युवाओं व आम नागरिकों को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित किया गया। इसमें समाजसेवियों, स्कूली विद्यार्थियों ने सहभागिता की।
दिनभर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में छत्तीसगढ़ की परंपराओं की सजीव झलक देखने को मिली। जस गीत, राऊत नाचा, सुआ नृत्य, जस गीत और पंथी नृत्य जैसी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। लोक कलाकारों की भावनात्मक प्रस्तुति ने वातावरण को छत्तीसगढ़ी रंग में रंग दिया।
नगर निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने कहा कि मेला दो दिवसीय होगा, जिसमें प्रत्येक दिन सामाजिक व सांस्कृतिक विषयों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
-इस कार्यक्रम में विशेष आकर्षण का केंद्र रहा;
समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी, बच्चों के लिए झूले और खेल गतिविधियाँ, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वादिष्ट अनुभव,स्वास्थ्य जांच और नशा मुक्ति परामर्श केंद्र रहा
नगर निगम द्वारा सुरक्षा, स्वच्छता व यातायात की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मेला परिसर में हर आयु वर्ग के लिए कुछ न कुछ खास है, जिससे यह सावन की फुहारों के बीच उल्लास और संस्कृति का अद्भुत संगम बन चुका है। इस कार्यक्रम मे ऋचा रिकेश सेन,माया बेलचदन,उषा टावरी,चन्द्रिका चंद्राकर,गौरी सुरेंद्र कौशिक, हर्षा लोकमाणी चंद्राकर, कार्यक्रम के प्रभारी हर्षिका संभव जैन,शशि साहू सहित एमआईसी सदस्य गण एवं अधिकारी/कर्मचारी के अलावा भारी संख्या मे नागरिक गण मौजूद रहे!
भव्य समापन में विशिष्ट हस्तियों की गरिमामयी उपस्थिति
"रिमझिम सावन मेला 2025" का समापन समारोह 3 अगस्त 2025 (रविवार) को उल्लासपूर्ण वातावरण में आयोजित किया जाएगा। इस समापन अवसर पर महिलाओं की रचनात्मक भागीदारी और सांस्कृतिक प्रतिभाओं का सम्मान किया जाएगा।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की धर्म पत्नी - मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेविका कौशल्या देवी उपस्थित रहेंगी। साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में विजय बघेल (सांसद), ललित चंद्राकर (संसदीय संसाधन), महापौर अलका बाघमार, रजनी बघेल (समाजसेविका), पूजा चंद्राकर (समाजसेविका एवं सांस्कृतिक प्रेरक) शामिल होगे। इन सभी अतिथियों की उपस्थिति से समापन समारोह गरिमामय एवं स्मरणीय बनेगा.

  दुर्ग/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम में 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले एक अधिकारी एवं 2 कर्मचारियों को स-सम्मान बिदाई दी गई। निगम मुख्य कार्यालय सभागार में आयोजित बिदाई समारोह में महापौर श्रीमती अलका बाघमार एवं आयुक्त सुमित अग्रवाल ने कार्यपालान अभियंता वीपी मिश्रा, लिपिक कोमल व सफाई कर्मी श्रीमती रेणुका को निगम प्रशासन की ओर से स्मृति चिन्ह, शॉल और श्रीफल भेंट करते हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान किये।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार एवं निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने सभी सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हुए शुभकामनाएं दिए। साथ ही निगम हित में किए गए उनके सराहनीय कार्यों को याद किये। दुर्ग निगम के यूनियन पदाधिकारियों ने सेवानिवृत कर्मचारियों के प्रति अपने उदगार व्यक्त किए। कर्मचारियों ने अपने सेवाकाल अवधि को सबके समक्ष साझा करते हुए शासन एवं निगम प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किए।
बिदाई कार्यक्रम में एमआईसी सदस्य काशीराम कोसरे, मनीष साहू, हर्षिका जैन,पार्षद मनीषा सोनी,लुकेश्वरी ठाकुर,रेशमा सोनकर,पायल पाटिल, प्रतिभा गुप्ता,नीरा खिचारिया,शिवेंद्र परिहार, प्रमोद पाटिल,अनिल सिंह, संजय मिश्रा, शशिकांत यादव, ईश्वर वर्मा,कार्यपालन अभियंता दिनेश नेताम, आर के जैन, गिरीश दिवान सहित अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे!उपस्थित कर्मचारियो को स्वास्थ्य अधिकारी धमेंद्र मिश्रा ने आभार व्यक्त किए।

संपूर्णता अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को मुख्यमंत्री ने किया पुरस्कृत
सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले दो जिलों और छह विकासखंडों को मिला स्वर्ण पदक
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संपूर्णता अभियान में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को पुरस्कृत किया। उन्होंने आज राजधानी रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित कार्यक्रम में जुलाई-2024 से सितम्बर-2024 तक राज्य के आकांक्षी जिलों और आकांक्षी विकासखंडों में तीन महीनों तक संचालित संपूर्णता अभियान में निर्धारित संकेतकों को संतृप्त करने और लक्ष्यों को हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने इन जिलों और विकासखंडों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया। संपूर्णता अभियान के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले आकांक्षी जिलों बस्तर और कोंडागांव तथा आकांक्षी विकासखंडों शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा और प्रतापपुर को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल तथा विधायक सर्वश्री सुनील सोनी, मोतीलाल साहू और गुरू खुशवंत साहेब भी सम्मान समारोह में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत की संकल्पना में सभी वर्गों का विकास समाहित है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वालों और विशेष पिछड़ी जनजातियों  को विकास की सबसे ज्यादा जरूरत है। भारत सरकार ने इसे गहराई से समझकर प्रधानमंत्री जनमन योजना प्रारंभ की है। इस योजना से सुदूर वनांचलों में आवास, पेयजल, बिजली, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाएं पहुंच रही हैं। धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसे कार्यक्रमों से जिसमें छत्तीसगढ़ के भी 6661 गांव शामिल हैं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच के अनुरूप विकास की रोशनी सुदूर गांवों तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में केंद्र सरकार की आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में शामिल गांव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा कि देश में वर्ष 2018 से आकांक्षी जिलों में काम शुरू हुआ है। विकास की दौड़ में पिछड़े जिलों और विकासखंडों को आगे लाने का काम इसमें हो रहा है। इसके अंतर्गत शामिल गांवों में अलग-अलग सेक्टर में काम कर मानव सूचकांकों को सुधारा जा रहा है। उन्हें संतृप्ति के स्तर पर लाया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक-एक व्यक्ति के विकास और कल्याण से विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समारोह में कहा कि आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में भौतिक प्रगति से अलग मानव सूचकांकों को बेहतर करने के लिए काम किए जा रहे हैं। लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें संतृप्त करने अहम इंडीकेटर्स पर काम हो रहे हैं जिनकी तरफ सामान्यतः ज्यादा ध्यान नहीं जाता है। राज्य के आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में और भी बेहतर काम हो, इसके लिए मैं सभी जिलों व विकासखंडों को शुभकामनाएं देता हूं। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन और योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद ने समारोह में संपूर्णता अभियान के दौरान किए गए कार्यों तथा उपलब्धियों की जानकारी दी। नीति आयोग के सदस्य-सचिव श्री आशीष भट्ट, सदस्य श्री के. सुब्रमण्यम और योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव भी कार्यक्रम में मौजूद थीं।
छह सूचकांकों पर अच्छा काम करने वाले जिलों और विकासखंडों को किया गया पुरस्कृत
आकांक्षी जिला कार्यक्रम के 49 संकेतकों में से छह और आकांक्षी विकासखंडों के 40 संकेतकों में से छह संकेतकों को चिन्हित कर इन्हें संतृप्त करने संपूर्णता अभियान संचालित किया गया था। इनमें एएनसी पंजीकरण, पूरक पोषण ले रही गर्भवती महिलाओं, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पूर्ण टीकाकरण वाले बच्चे, बिजली वाले स्कूल, शैक्षणिक सत्र शुरू होने के एक महीने के भीतर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने वाले स्कूल, मधुमेह जांच, उच्च रक्तचाप जांच, परिक्रामी निधि प्राप्त करने वाले स्वसहायता समूहों की संख्या जैसे संकेतक शामिल थे।
संपूर्णता अभियान के दौरान सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले आकांक्षी जिलों व विकासखंडों को आज स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। पांच संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले जिलों व विकासखंडों को रजत पदक, चार संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वालों को कांस्य पदक तथा तीन संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को ताम्र पदक से सम्मानित किया गया।  
बस्तर और कोंडागांव जिले को स्वर्ण पदक
संपूर्णता अभियान के दौरान सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले आकांक्षी जिलों बस्तर और कोंडागांव तथा आकांक्षी विकासखंडों शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा और प्रतापपुर को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। आकांक्षी जिलों दंतेवाड़ा, कोरबा, कांकेर, नारायणपुर तथा आकांक्षी विकासखंडों लखनपुर, बैकुंठपुर, दुर्गकोंदूल, गौरेला-2, कोरबा और पिथौरा को रजत पदक प्रदान किया गया। आकांक्षी जिला बीजापुर और आकांक्षी विकासखंडों गरियाबंद, उसूर, पोड़ी उपरोड़ा, बोड़ला, तोकापाल एवं कुआंकोंडा को कांस्य पदक तथा आकांक्षी जिलों मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी, महासमुंद, सुकमा एवं आंकांक्षी विकासखंड अंबागढ़ चौकी को ताम्र पदक से सम्मानित किया गया। संबंधित जिलों के वर्तमान और तत्कालीन कलेक्टरों ने ये पुरस्कार ग्रहण किए।

रायपुर-जबलपुर नई एक्सप्रेस ट्रेन सेवा का हुआ भव्य शुभारंभ
मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने रायपुर-जबलपुर नई रेलसेवा को दिखाई हरी झंडी
रायपुर से जबलपुर तक का आरामदायक सफर 08 घंटे में होगा पूरा
छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के बीच बढ़ेगी संपर्क सुविधा
पिछले एक दशक में रेलवे बजट में 21 गुना वृद्धि, 32 स्टेशनों का हो रहा कायाकल्प
छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रुपए से अधिक की रेल परियोजनाएं संचालित
रायपुर-जबलपुर ट्रेन से पर्यटन, व्यापार और शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने आज राजधानी रायपुर रेलवे स्टेशन से रायपुर-जबलपुर नई एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और नई सेवा के लिए प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। शुभारंभ के खास मौके पर गुजरात के भावनगर में आयोजित मुख्य समारोह से केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और मनसुख मांडविया तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअली उपस्थित रहे। मुख्य समारोह में रीवा-पुणे (हड़पसर) एक्सप्रेस एवं भावनगर टर्मिनस-अयोध्या एक्सप्रेस का भी रीवा एवं भावनगर से शुभारंभ किया गया।
        मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारे देश के  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री  अश्विनी वैष्णव की विशेष पहल से आज तीन नई ट्रेन सेवाओं का शुभारंभ हुआ है और इसमें छत्तीसगढ़ को भी रायपुर-जबलपुर नई ट्रेन सेवा की बड़ी सौगात मिली है। उन्होंने नई रेल सेवा के लिए प्रदेश की 3 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में छत्तीसगढ़ का रेल का बजट 21 गुना बढ़ा है और इस साल 6 हजार 900 करोड़ की राशि मिली है।  साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 47 हजार करोड़ रुपए से अधिक की रेल परियोजनाएं संचालित है, जो छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क और यात्री सुविधाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
     मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 32 रेलवे स्टेशनों को 680 करोड़  की लागत से सर्वसुविधायुक्त बनाने के साथ ही पूरा कायाकल्प जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा बस्तर क्षेत्र नक्सलवाद से पीड़ित और वहां भी  प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने नई रेल परियोजनाओं की सौगात दी है। रावघाट-जगदलपुर रेल परियोजना सहित अन्य महत्वपूर्ण रेल परियोजनाएं भी हमारे छत्तीसगढ़ को मिली है, इसके लिए भी उन्होंने विशेष रूप से आभार जताया। श्री साय ने कहा कि रायपुर से जबलपुर के लिए वैकल्पिक रेल सेवा मिलने से पर्यटन, शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
   नई रेल सेवा मिलने से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आस्था और पर्यटन के प्रमुख केंद्र जैसे मां बमलेश्वरी की भूमि डोंगरगढ़ और भेड़ाघाट सीधे इन बड़े शहरों से जुड़ पाएंगे।
         पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने रायपुर-जबलपुर एक्सप्रेस के शुभारंभ को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह रेलसेवा  छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के बीच बेहतर संपर्क का सशक्त माध्यम बनेगी। उन्होंने बताया कि यह गाड़ी रायपुर से जबलपुर तक लगभग 410 किलोमीटर की दूरी को केवल 8 घंटे में तय करेगी। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश के यात्री अब सुगमता के साथ गोंदिया, बालाघाट और जबलपुर  की यात्रा कर पाएंगे और इससे क्षेत्रीय व्यापार व पर्यटन को भी गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि 'अमृत भारत स्टेशन योजना’ के माध्यम से प्रदेश के 32 स्टेशन का पुनर्विकास हो रहा है और रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग जैसे बड़े स्टेशनों में यात्री सुविधाएं लगातार बढ़ रही है। उन्होंने नई कनेक्टिविटी के लिए बधाई देते हुए कहा कि निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ के रेलवे नेटवर्क का और अधिक सशक्त विस्तार होगा।
     इस अवसर पर सांसद  बृजमोहन अग्रवाल, विधायक मोतीलाल साहू, विधायक पुरंदर मिश्रा, महाप्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे तरुण प्रकाश, डीआरएम रायपुर श्री दयानंद सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
     गौरतलब है कि यह नई एक्सप्रेस ट्रेन सेवा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश तीन राज्यों को जोड़ रही है। यह ट्रेन रायपुर, गोंदिया और जबलपुर के बीच यात्रियों को तेज़, वैकल्पिक और सुगम मार्ग उपलब्ध कराएगी। इस नई सेवा से यात्रियों को न केवल आरामदायक सफर मिलेगा, बल्कि व्यापार, शिक्षा और पर्यटन की दृष्टि से भी यह अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि नियमित सेवा के तहत गाड़ी संख्या 11701 रायपुर से दोपहर 2:45 बजे प्रस्थान करेगी और रात 10:45 बजे जबलपुर पहुंचेगी। वहीं, वापसी में गाड़ी संख्या 11702 जबलपुर से सुबह 6:00 बजे चलकर दोपहर 1:50 बजे रायपुर पहुंचेगी। इस ट्रेन में कुल 15 कोच होंगे, जिनमें एक एसी चेयर कार, चार चेयर कार, आठ सामान्य कोच, एक पावर कार और एक एसएलआरडी कोच शामिल हैं। यह सेवा व्यापारियों, विद्यार्थियों, पर्यटकों और दैनिक यात्रियों के लिए बेहद उपयोगी होगी। रायपुर, डोंगरगढ़, बालाघाट, नैनपुर और जबलपुर जैसे शहर सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व से समृद्ध हैं। नंदनवन जूलॉजिकल पार्क, माँ बमलेश्वरी मंदिर, कान्हा नेशनल पार्क, भेड़ाघाट और धुआंधार जलप्रपात जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुँच अब और आसान हो सकेगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने इस नई रेलसेवा की शुरुआत कर यात्रियों के लिए यात्रा को और अधिक सुलभ, सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह सेवा क्षेत्रीय संपर्क को सशक्त बनाएगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगी।

भक्ति, संस्कृति और समरसता का संगम रायपुर की भव्य कांवड़ यात्रा में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सावन मास के पवित्र अवसर पर राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी क्षेत्र में आयोजित विशाल कांवड़ यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक कर छत्तीसगढ़ प्रदेश की खुशहाली, समृद्धि और जनकल्याण की कामना की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज मारूति मंगलम भवन, गुढ़ियारी से हटकेश्वरनाथ महादेव मंदिर तक हजारों की संख्या में कांवड़िए जलाभिषेक हेतु रवाना हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ की गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा को जीवंत बनाए रखने का कार्य करता है और हमारे लोक-विश्वास की गहराई को प्रकट करता है। सावन महीने में कांवड़ यात्रा शिवभक्तों की आस्था, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जिसमें श्रद्धालु कई-कई किलोमीटर पदयात्रा कर भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर के महादेव घाट स्थित भगवान हटकेश्वरनाथ महादेव का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है। यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में जलाभिषेक हेतु एकत्र होते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति का अद्वितीय संगम है। कांवड़ यात्रा जैसी आयोजन न केवल परंपरा को सहेजते हैं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना और सामाजिक समरसता का भी संदेश देते हैं।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, पूर्व राज्यपाल श्री रमेश बैस, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े, लोकसभा सांसद  बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर पश्चिम विधायक श्री राजेश मूणत, रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी, रायपुर ग्रामीण विधायक  मोतीलाल साहू, रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, पूर्व सांसद  अभिषेक सिंह और रायपुर महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु, गणमान्य नागरिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

2 से 15 अगस्त तक तीन चरणों में होगा आयोजन
‘‘हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता: स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग‘‘ थीम पर केंद्रित होगा कार्यक्रम
रायपुर/शौर्यपथ / देशभर की तरह छत्तीसगढ़ में भी 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘‘हर घर तिरंगा‘‘ कार्यक्रम का आयोजन 02 से 15 अगस्त 2025 तक तीन चरणों में किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी भारतीय नागरिकों को अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि आमजन में देशभक्ति की भावना का विकास हो और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान में वृद्धि हो। ‘‘हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता: स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग‘‘ थीम पर आधारित यह कार्यक्रम तीन चरणों में संपन्न होगा—प्रथम चरण: 02 से 08 अगस्त, द्वितीय चरण: 09 से 12 अगस्त, और तृतीय चरण: 13 से 15 अगस्त 2025 तक।
अभियान के दौरान समस्त शासकीय भवनों एवं संस्थानों, आवासीय भवनों में तिरंगा फहराया जाएगा। भवनों को रोशनी से सजाया जाएगा, रंगोली बनाई जाएगी, और सेल्फी ज़ोन तैयार किए जाएंगे। कार्यक्रम की व्यापक सफलता सुनिश्चित करने हेतु पंपलेट, बैनर, स्टैंडीज़ आदि के माध्यम से स्थानीय भाषाओं में जोरदार प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
यह अभियान नागरिक एकता और सामूहिक उत्सव की भावना पर आधारित है, जिसमें स्वतंत्रता के साथ-साथ स्वच्छता और जल संरक्षण के संकल्प को भी समाहित किया गया है।
प्रथम चरण (02 से 08 अगस्त) के अंतर्गत विद्यालयों और सार्वजनिक स्थलों को तिरंगा आर्ट से सजाया जाएगा। इस दौरान रंगोली प्रतियोगिताएं, तिरंगे के स्थानीय इतिहास पर प्रश्नोत्तरी, तिरंगा राखी निर्माण हेतु कार्यशालाएं एवं प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर तीन रंगों के धागों से तिरंगे की बुनाई का प्रदर्शन भी होगा। विद्यालयों में तिरंगे के मूल्यों और उसकी भावना से प्रेरित पत्र लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
द्वितीय चरण (09 से 12 अगस्त) के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर जनसहभागिता से तिरंगा मेला और तिरंगा कंसर्ट का आयोजन किया जाएगा, जिसमें जनप्रतिनिधियों सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभाशाली व्यक्तियों और खिलाड़ियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। तिरंगा कंसर्ट में देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त तिरंगा रैली, बाइक और साइकिल रैली का आयोजन भी किया जाएगा।
तृतीय चरण (13 से 15 अगस्त) में शासकीय भवनों, शैक्षणिक संस्थानों, होटलों, कार्यालयों, बांधों एवं पुलों पर तिरंगा फहराया जाएगा तथा रोशनी की जाएगी। इसी अवधि में स्वच्छता और जल संरक्षण से संबंधित विविध गतिविधियां भी संपन्न की जाएंगी।
‘‘हर घर तिरंगा‘‘ कार्यक्रम में जिले के अंतर्गत सार्वजनिक उपक्रमों, स्व-सहायता समूहों, सामाजिक संगठनों आदि के समस्त कर्मचारियों एवं उनके परिवारों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कार्पोरेट एवं निजी संगठनों को भी सीएसआर संसाधनों सहित इस अभियान में भाग लेने और सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
संस्कृति विभाग द्वारा इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार की वेबसाइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करते हुए आमजन को ‘‘हर घर तिरंगा‘‘ कार्यक्रम में सक्रिय रूप से सहभागी बनने हेतु प्रेरित किया जाएगा। साथ ही ‘‘हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता: स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग‘‘ विषयक सभी गतिविधियों को वेबसाइट www.harghartiranga.com से लिंक कर व्यापक रूप से प्रचारित किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में ग्राम पंचायतों के सरपंचों, नगरीय निकायों के पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। स्थानीय स्व-सहायता समूहों को तिरंगे के निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा तथा ग्राम पंचायतों में तिरंगे की बिक्री एवं वितरण के लिए केंद्र स्थापित किए जाएंगे। राज्य के सभी जिलों में डाकघर और उचित मूल्य की दुकानें तिरंगे के वितरण-बिक्री केंद्र के रूप में कार्य करेंगी। आमजन की अधिकाधिक सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु टोल नाकों, चेक पोस्टों आदि पर पंपलेट्स और स्टीकर्स का वितरण किया जाएगा।

रायपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आज का दिन राजधानी रायपुर और जगदलपुर में विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी के चलते अत्यंत व्यस्त रहेगा । उन्होंने सुबह से लेकर देर शाम तक एक के बाद एक कई महत्त्वपूर्ण आयोजनों में शिरकत करेंगे , जिसमें महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और प्रशासनिक नवाचार से जुड़े विषय प्रमुख है ।

मुख्यमंत्री सुबह 9:50 बजे सिविल लाइन स्थित निवास से रवाना होकर 10:00 बजे रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंचेगे । यहां उन्होंने रायपुर से जबलपुर ट्रेन के शुभारंभ कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे । इसके पश्चात 11:35 बजे वे मार्गशी मंगलम् भवन, गुढ़ियारी पहुँचेगे, जहाँ वे विशेष कन्या यात्रा कार्यक्रम में भाग लेंगे और बालिकाओं के सम्मान में सरकार की प्रतिबद्धता के विषय में व्यक्तव्य देंगे ।

दोपहर 12:30 बजे मुख्यमंत्री पुनः गुढ़ियारी से प्रस्थान कर सिविल लाइन लौटेगे, जहां कुछ समय विश्राम करने के पश्चात उनके 3:40 बजे नवीन विधानसभा भवन, अटल नगर में एक महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक बैठक में भाग लेने का कार्यक्रम है । इस बैठक में राज्य के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ संवाद होगा ।

शाम 6:30 बजे मुख्यमंत्री होटल कोर्टयार्ड मैरियट में आयोजित ज्ञान धारा शिक्षा संवाद - 2025 कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे । यहाँ वे सीबीएसई, सीआईएससीई और सीजी बोर्ड से जुड़े छात्रों, शिक्षकों और शिक्षा विशेषज्ञों से सीधे संवाद करेंगे और शैक्षिक सुधारों को लेकर अपने विचार साझा करेंगे ।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आज का यह दौरा राज्य सरकार की सक्रियता, लोकसंवाद की प्राथमिकता और शिक्षा एवं महिला कल्याण को लेकर प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

संपूर्णता अभियान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को मुख्यमंत्री ने किया पुरस्कृत
सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले दो जिलों और छह विकासखंडों को मिला स्वर्ण पदक

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संपूर्णता अभियान में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले आकांक्षी जिलों और विकासखंडों को पुरस्कृत किया। उन्होंने आज राजधानी रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित कार्यक्रम में जुलाई-2024 से सितम्बर-2024 तक राज्य के आकांक्षी जिलों और आकांक्षी विकासखंडों में तीन महीनों तक संचालित संपूर्णता अभियान में निर्धारित संकेतकों को संतृप्त करने और लक्ष्यों को हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने इन जिलों और विकासखंडों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया। संपूर्णता अभियान के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले आकांक्षी जिलों बस्तर और कोंडागांव तथा आकांक्षी विकासखंडों शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा और प्रतापपुर को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल तथा विधायक सर्वश्री सुनील सोनी, मोतीलाल साहू और गुरू खुशवंत साहेब भी सम्मान समारोह में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत की संकल्पना में सभी वर्गों का विकास समाहित है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वालों और विशेष पिछड़ी जनजातियों (PVTGs) को विकास की सबसे ज्यादा जरूरत है। भारत सरकार ने इसे गहराई से समझकर प्रधानमंत्री जनमन योजना प्रारंभ की है। इस योजना से सुदूर वनांचलों में आवास, पेयजल, बिजली, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाएं पहुंच रही हैं। धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसे कार्यक्रमों से जिसमें छत्तीसगढ़ के भी 6661 गांव शामिल हैं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच के अनुरूप विकास की रोशनी सुदूर गांवों तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में केंद्र सरकार की आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में शामिल गांव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने अपने संबोधन में कहा कि देश में वर्ष 2018 से आकांक्षी जिलों में काम शुरू हुआ है। विकास की दौड़ में पिछड़े जिलों और विकासखंडों को आगे लाने का काम इसमें हो रहा है। इसके अंतर्गत शामिल गांवों में अलग-अलग सेक्टर में काम कर मानव सूचकांकों को सुधारा जा रहा है। उन्हें संतृप्ति के स्तर पर लाया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक-एक व्यक्ति के विकास और कल्याण से विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त होगा।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समारोह में कहा कि आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में भौतिक प्रगति से अलग मानव सूचकांकों को बेहतर करने के लिए काम किए जा रहे हैं। लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें संतृप्त करने अहम इंडीकेटर्स पर काम हो रहे हैं जिनकी तरफ सामान्यतः ज्यादा ध्यान नहीं जाता है। राज्य के आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में और भी बेहतर काम हो, इसके लिए मैं सभी जिलों व विकासखंडों को शुभकामनाएं देता हूं। मुख्य सचिव अमिताभ जैन और योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव  अंकित आनंद ने समारोह में संपूर्णता अभियान के दौरान किए गए कार्यों तथा उपलब्धियों की जानकारी दी। नीति आयोग के सदस्य-सचिव श्री आशीष भट्ट, सदस्य के. सुब्रमण्यम और योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग की संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव भी कार्यक्रम में मौजूद थीं।

छह सूचकांकों पर अच्छा काम करने वाले जिलों और विकासखंडों को किया गया पुरस्कृत

आकांक्षी जिला कार्यक्रम के 49 संकेतकों में से छह और आकांक्षी विकासखंडों के 40 संकेतकों में से छह संकेतकों को चिन्हित कर इन्हें संतृप्त करने संपूर्णता अभियान संचालित किया गया था। इनमें एएनसी पंजीकरण, पूरक पोषण ले रही गर्भवती महिलाओं, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पूर्ण टीकाकरण वाले बच्चे, बिजली वाले स्कूल, शैक्षणिक सत्र शुरू होने के एक महीने के भीतर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने वाले स्कूल, मधुमेह जांच, उच्च रक्तचाप जांच, परिक्रामी निधि प्राप्त करने वाले स्वसहायता समूहों की संख्या जैसे संकेतक शामिल थे।

संपूर्णता अभियान के दौरान सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले आकांक्षी जिलों व विकासखंडों को आज स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। पांच संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले जिलों व विकासखंडों को रजत पदक, चार संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वालों को कांस्य पदक तथा तीन संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले जिलों और विकासखंडों को ताम्र पदक से सम्मानित किया गया।  

बस्तर और कोंडागांव जिले को स्वर्ण पदक

संपूर्णता अभियान के दौरान सभी छह संकेतकों में पूर्ण संतृप्ति हासिल करने वाले आकांक्षी जिलों बस्तर और कोंडागांव तथा आकांक्षी विकासखंडों शंकरगढ़, मैनपुर, माकड़ी, कोयलीबेड़ा, ओरछा और प्रतापपुर को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। आकांक्षी जिलों दंतेवाड़ा, कोरबा, कांकेर, नारायणपुर तथा आकांक्षी विकासखंडों लखनपुर, बैकुंठपुर, दुर्गकोंदूल, गौरेला-2, कोरबा और पिथौरा को रजत पदक प्रदान किया गया। आकांक्षी जिला बीजापुर और आकांक्षी विकासखंडों गरियाबंद, उसूर, पोड़ी उपरोड़ा, बोड़ला, तोकापाल एवं कुआंकोंडा को कांस्य पदक तथा आकांक्षी जिलों मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी, महासमुंद, सुकमा एवं आंकांक्षी विकासखंड अंबागढ़ चौकी को ताम्र पदक से सम्मानित किया गया। संबंधित जिलों के वर्तमान और तत्कालीन कलेक्टरों ने ये पुरस्कार ग्रहण किए।

ग्रामीणों में जल सुरक्षा के प्रति जागरूकता की मिसाल बना बामनपुर, गुंजेपरती और नंबी गांव

रायपुर / शौर्यपथ / धुर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में अब विकास के साथ सामाजिक-स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में भी जागरूकता बढ़ रही है। प्रशासन इसके लिए तरह-तरह से प्रयास कर लोगों को समझाईश दे रहा है। बीजापुर जिले के भोपालपटनम एवं उसूर विकासखंडों के अंतर्गत आने वाले ग्राम बामनपुर, गुंजेपरती और नंबी में जल जीवन मिशन के तहत जल सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर ऐसे ही एक अनोखी और प्रेरणादायक जनजागरूकता पहल की गई।
  इन गांवों में “हर घर नल से जल” योजना के अंतर्गत पेयजल सुविधा तो उपलब्ध थी, फिर भी कुछ ग्रामीण परंपरागत आदतों या जानकारी के अभाव में नदी और नालों के पानी का उपयोग पीने के लिए कर रहे थे। इससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं की संभावना बनी हुई थी। जल-जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में प्रशासन ने तय किया कि ग्रामीणों को जल की गुणवता और उससे जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों के बारे में व्यावहारिक तरीके से समझाने का अभियान चलाया जाएगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की देखरेख में यह अभियान प्रारंभ किया गया।
  जिला जल परीक्षण प्रयोगशाला की केमिस्ट के नेतृत्व में दल बनाकर गांवों में भेजा गया। वहाँ पहुँचकर उन्होंने सरपंच, सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और ग्रामवासियों की उपस्थिति में नदी नाले के जल और नल से प्राप्त जल का परीक्षण करके अंतर को सबके सामने प्रस्तुत किया। जब ग्रामीणों ने स्वयं देखा कि नदी नाला के जल में हानिकारक तत्व उपस्थित हैं जबकि घर में लगे नल का जल साफ और सुरक्षित है, तो उन्होंने भविष्य में पीने के लिए केवल सुरक्षित नल के जल का उपयोग करने का वादा किया। इस पहल को स्थानीय लोगों ने सराहा और इसे आँखें खोलने वाला अनुभव बताया।
  यह पहल इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि यदि जानकारी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जनसामान्य को समझाया जाए, तो वे सकारात्मक बदलाव के लिए तत्पर रहते हैं। यह अभियान जल जीवन मिशन के उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में एक प्रभावशाली कदम साबित हुआ है। बामनपुर, गुंजेपरती और नंबी जैसे गांव अब केवल जल उपलब्धता में आत्मनिर्भर नहीं हैं, बल्कि जल की गुणवत्ता को लेकर भी सजग हुए हैं।

समाचार सार

*प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त की राशि जारी*

*प्रदेश के 25.47 लाख से अधिक किसानों के खातों में 553 करोड़ 34 लाख रुपये का हुआ अंतरण*

*राज्य के अन्नदाताओं को अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत मिली 9 हजार 700 करोड़ रुपये की राशि*

*छत्तीसगढ़ के 2.34 लाख वन पट्टाधारी और 32,500 विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को भी मिल रहा है योजना का लाभ*

 

रायपुर / शौर्यपथ/ सावन के पवित्र महीने में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी (उत्तर प्रदेश) से देशभर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त के रूप में 20500 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर स्थित उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के सभागार से प्रदेश के किसानों के साथ वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वृहद किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 2019 से अब तक देशभर के किसानों को 3.75 लाख करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके खातों में भेजी जा चुकी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर काम कर रही है और पीएम किसान निधि इसका सशक्त उदाहरण है। श्री मोदी ने कहा कि कृषि विकास में पिछड़े जिलों के लिए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ की शुरुआत की गई है और इसके लिए 24 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सिंचाई योजनाओं पर भी सरकार बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है ताकि खेतों तक पानी पहुंच सके और उत्पादन में वृद्धि हो। प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को राहत देने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ संचालित है, जो उन्हें संकट से उबारने का कार्य करती है। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि 1.5 करोड़ से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं और 3 करोड़ के लक्ष्य में से आधा काम हमने पूरा कर लिया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को पवित्र श्रावण मास की शुभकामनाएं देते हुए भगवान महादेव से छत्तीसगढ़ के सतत् कल्याण, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से छत्तीसगढ़ के लगभग 25 लाख से अधिक किसानों को 553 करोड़ 34 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है।

मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अन्नदाताओं को आर्थिक संबल देकर उनके परिश्रम का सम्मान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार “मोदी की गारंटी” के अनुरूप किसानों की उन्नति के लिए निरंतर समर्पित भाव से कार्य कर रही है। हमने किसानों से जो वादा किया था, उसे पूरा किया है। आज छत्तीसगढ़ में किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की कीमत दी जा रही है, जो उनकी आय को और सुदृढ़ कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार गठन के दस दिनों के भीतर ही 3716 करोड़ रुपये की 2 वर्ष की बकाया बोनस राशि का भुगतान कर हमने किसानों के भरोसे को और मजबूत किया। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में ‘किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ की शुरुआत हुई, जिसने खेती-किसानी को लाभकारी व्यवसाय में परिवर्तित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले किसान भारी ब्याज दरों पर उधार लेकर खेती करते थे, लेकिन आज केसीसी (KCC) के माध्यम से शून्य ब्याज दर पर ऋण मिल रहा है, जिससे खेती-किसानी और आसान हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए तेज़ी से कार्य किया जा रहा है। बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और हम बोधघाट परियोजना, महानदी और इंद्रावती नदी को जोड़ने जैसी योजनाओं के माध्यम से बस्तर को सिंचित और समृद्ध क्षेत्र बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। श्री साय ने कहा कि दलहन-तिलहन फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए 10 हजार रुपये की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। साथ ही, भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी 10 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार खेती ही नहीं, बल्कि मत्स्यपालन, दुग्ध उत्पादन और पशुपालन जैसे सहायक कृषि कार्यों को भी सशक्त करने में जुटी है। ‘दुधारू पशु वितरण योजना’ को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 6 जिलों से प्रारंभ किया गया है, जिसे नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के माध्यम से लागू किया जा रहा है। इससे दूध का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को उसकी उचित कीमत मिलेगी।

श्री साय ने कहा कि मिलेट्स (श्री अन्न) जैसे पौष्टिक अनाजों का उत्पादन, कोदो, कुटकी और रागी जैसी पारंपरिक फसलों की खेती को बढ़ावा देकर किसानों को बाजार में बेहतर दाम दिलाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार निरंतर किसानों को इस योजना के तहत राशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित कर रही है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में गांव-गांव में पक्की सड़कें बन गई हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अब किसानों को बिना ब्याज के अल्पकालिक ऋण उपलब्ध हो रहा है। हमारी सरकार ने अनेक योजनाएं धरातल पर लाकर किसानों की बेहतरी के लिए कार्य किया है।

कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि आज इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 25.47 लाख से अधिक किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 20वीं किश्त की राशि 553 करोड़ 34 लाख रुपये अंतरित की गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधान की परिकल्पना के साथ आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों का उपयोग कर खेती-किसानी को नई दिशा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वृहद रूप से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाया गया। इस अभियान में कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक लाख से अधिक किसानों से मुलाकात कर खेती-किसानी के तरीकों और उनके फायदों की जानकारी दी।

कार्यक्रम में हितग्राहियों को कृषि उपकरणों एवं योजनाओं के तहत अनुदान राशि के चेक प्रदान किए गए।

कार्यक्रम में विधायकगण सर्वश्री सुनील सोनी, पुरंदर मिश्रा, गुरु खुशवंत साहेब, इंद्रकुमार साहू, रायपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे, छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लि. के प्रबंध संचालक श्री अजय अग्रवाल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर.आर. सक्सेना सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।

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