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रायपुर / शौर्यपथ / पत्रकारिता आज के युग में चौथा स्तंभ से ज्यादा व्यापार का जरिया बन गया अगर किसी के पास कुछ काम नहीं तो ५ -१० हजार में एक वेब पोर्टल बना लिए और शुरू हो गए पत्रकारिता की दुनिया में दो दो हाँथ करने समाचार का क्या वो तो ऑनलाइन में कई मिल जाते है अगर कुछ ज्यादा हुआ तो कही किसी शहर का किसी दैनिक अख़बार का एजेंसी ले लिए और बन गए पत्रकार . कहा की एजेंसी और कहा पत्रकारिता का धौस बस इसी आड़ में ठेकेदारी करना वसूली करना और एश करना बस यही जिन्दगी के मायने बन गए है . समाज में अपने आप को वजनदार बताने माइक आईडी लेकर घूमते ऐसे पत्रकार बहुत मिलेंगे जिनका ना तो खुद का कोई खोज ( खबरों के मामले में ) रहता है और ना कोई अनुभव पत्रकारिता के मामले में रहती है आज इस चेनल में तो कल उस चेनल में अपना पीआरओ लेटर लेकर बन जाते है पत्रकार और उसकी आड़ में करते है पोर्टल समाचार का खेल . शासन द्वारा लगातार फर्जी पत्रकारों , फेक समाचारों पर कार्यवाही की बात तो की जाती है किन्तु अगर जमीनी स्तर पर देखा जाये तो ऐसे पोर्टल समाचारों के मालिक जो समाचार से ज्यादा वसूली पर सलंग्न रहते है इतने बुलंद हौसलों के मालिक होते है कि दो -चार पोर्टल बना कर इधर उधर की खबर को प्रकाशित कर शेरे हिन्द बनने की दिशा में स्वयं को सर्वश्रेष्ट साबित करने के लिए लगातार प्रयास रत रहते है . कई ऐसे पोर्टल मालिक तो १० -१५ कर्मचारियों की फौज भी रखते है ताकि वसूली में आसानी हो क्योकि इनका मुख्य उद्देश्य समाचार नहीं सिर्फ और सिर्फ वसूली होता है अगर ऐसे पोर्टल के समाचार देखे तो सिर्फ नेट की खबर को ही कॉपी पेस्ट करके अपनी होशियारी दिखाते है और फेक न्यूज़ के द्वारा रोमांच पैदा करने की कोशिश करते है .
हाल ही में एक ऐसे ही मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के बारे में एक निजी न्यूज़ पोर्टल टीसीपी 24 न्यूज़ पोरटल ने फेक न्यूज़ चला कर सनसनी फैलाने की कोशिश की किन्तु प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने तुरंत इस पर कार्यवाही की मांग करते हुए आयुक्त संचनालय को पत्र लिखा . भले ही कुछ घंटो बाद ही पोर्टल के संचालक द्वारा फेक समाचार को डिलीट कर दिया गया किन्तु इस तरह की प्रथा के कारण ऐसे न्यूज़ पोर्टल की भी छवि धूमिल हो रही है जो समाज के बीच जा कर खबर खोज कर प्रकाशित करते है . ऐसे अनेक पोर्टल वाले आज भी समाज में है जो समाचार की दुनिया से बेखबर सिर्फ वसूली की तरफ ही ध्यान देते है एक छोटा सा पोर्टल बना कर पुरे प्रदेश में संपादक के रूप में अपने आप को दर्शाते हुए दो तीन लोगो की टीम को साथ लेकर शहरों एवं ग्रामीण इलाको में घूम घूम कर वसूली करते आम देखे जा सकते है .
प्रशासन को चाहिए कि ऐसे न्यूज़ पोर्टल के मालिको पर लगाम कसे और ज़रूरत पड़े तो सख्त से सख्त कार्यवाही करे जो एक जगह की अनुमति लेकर पुरे प्रदेश में पत्रकारिता के नाम पर आतंक फैलाते है . प्रशासन एवं जनसंपर्क विभाग अगर सही समय ऐसे फर्जी पत्रकारों पर जो पोर्टल मालिक के नाम पर गाँव क़स्बा ही नहीं पुरे प्रदेश में घूम घूम कर आतंक फैला रहे है , अपने निर्धारित कार्य स्थल को छोड़ कर अन्यंत्र कार्य कर रहे है पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करे साथ ही ऐसे फर्जी पत्रकारों पर जो एक से ज्यादा संस्था की आईडी लेकर झूठी शान और वसूली में महान बनने कि कोशिश कर रहे है , अपूर्ण दस्तावेजो के साथ कार्य कर रहे है , छोटे छोटे न्यूज़ पोर्टल बनाकर ग्रामीण इलाको में धौस दिखाते हुए भ्रमण कर रहे , ऐसे लोगो पर लगाम लगाए ताकि उन पत्रकारों की मेहनत पर दाग ना लगे जो शासन के नियमो के तहत कार्य करते हुए समाज और जनहित के मुद्दों की बात को शासन के योजनाओं को , समाज की वर्तमान की खबरों को आम जनता के सामने लाने का कार्य कर रहे है एवं पत्रकारिता से सम्बंधित शासन के नियमो का पालन करते हुए कार्य कर रहे है .
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