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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / सेवा पखवाड़ा अंतर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा गांधी सभागृह राजनांदगांव में दिव्यांगजनों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम पुरस्कार वितरण, सहायक उपकरण वितरण एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण वैष्णव, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती जागृति साहू, श्रीमती देवकुमारी साहू व श्रीमती किरण बारले, पूर्व जनपद सदस्य श्रीमती मीना पुरेरी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह, नगर निगम पार्षद व चेयरमेन स्वास्थ्य विभाग श्री शैंकी बग्गा, नियामत हुद्दा एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण वैष्णव शासन द्वारा दिव्यांगजनों के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए इस तरह के कार्यक्रम एवं शिविरों का आयोजन होते रहना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए समाज कल्याण विभाग की सराहना की। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने सेवा पखवाड़ा अन्तर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा दिव्यांग एवं बुजुर्गों के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की।
कार्यक्रम में भगवान महावीर समता वृद्धाश्रम में लाभान्वित वृद्धजनों का सम्मान तिलक लगाकर पुष्पहार पहना कर एवं शाल भेंट कर किया गया। दिव्यांग शालेय बच्चों, आस्था अभिलाषा, मनोकामना एवं शासकीय बौद्धिक मंदता के विशेष बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनोहर प्रस्तुति दी। बच्चों ने नशामुक्ति, स्वच्छता अभियान, नारी सशक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। एकल एवं समूह नृत्य में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया। दिव्यांगजनों के लिए दीर्घकालीन सेवा भावना के लिए अभिलाषा संस्था के सचिव श्री सीए रूपम सोनछत्रा, आस्था के संस्थापक अध्यक्ष श्री हेमंत तिवारी एवं वर्तमान अध्यक्ष महेन्द्र सुराना, मनोकामना मनोविकास शाला के संस्थापक अध्यक्ष श्री रत्ना ओस्तवाल, भगवान महावीर समता वृद्धाश्रम के संस्थापक श्री गौतम पारख एवं नगर में संचालित समता जनकल्याण के निदेशक एवं तृतीय लिंग के लिए सक्रियता से कार्यरत श्री शिशुपाल खोब्रागढ़े को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इसी प्रकार पूर्व में खेल कूद प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में शिविर के माध्यम से दिव्यांगजनों के लिए सहायक उपकरण वितरण किया गया। साथ ही दिव्यांगता प्रमाण पत्र नवीनीकरण, यूडीआईडी, बसपास भी बनाये गए। उप संचालक समाज कल्याण श्रीमती वैशाली मरडवार ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन आस्था की संयुक्त सचिव एवं मीडिया प्रभारी सुश्री निखत परवीन खान ने किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में अभिलाषा संस्था की सचिव एवं चाटर्ड एकाउन्टेंट श्रीमती रूपम सोनछत्रा, सर्व शिक्षा अभियान के बीआरपी श्रीमती देवकी सिंह रेड्डी उपस्थित थे। स्वास्थ्य परीक्षण में डॉ. महाकालकर सहित उनकी टीम का सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, दिव्यांग व वृद्धजन, नगरवासी उपस्थित थे।
मोहला / शौर्यपथ / जिले के विकासखण्ड के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत जेरियाट्रिक मेगा कैंप का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस विशेष स्वास्थ्य शिविर में क्षेत्र के बुजुर्ग नागरिकों, विशेषकर वरिष्ठ महिलाओं और पुरुषों के लिए रक्तचाप, शुगर टेस्ट, नेत्र परीक्षण एवं मानसिक स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की गई।
मोहला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नम्रता सिंह की उपस्थिति विशेष रही। इस अवसर पर उन्होंने चलने में असमर्थ माताओं को वॉकर तथा जरूरतमंद बुजुर्गों को वॉकिंग स्टिक प्रदान की। इसके साथ ही कार्यक्रम में 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के आयुष्मान वय वंदन कार्ड भी बनाए गए, जिससे उन्हें सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का सीधा लाभ मिल सके। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय खोब्रागडे, खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.सीमा ठाकुर, डीपीएम डॉ.राकेश वर्मा, बीईटीओ श्री नेताम सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित इस जेरियाट्रिक कैंप का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य की समुचित देखभाल करना, उन्हें सहायक उपकरण उपलब्ध कराना एवं आयुष्मान कार्ड के माध्यम से नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना रहा। इस तरह के आयोजन से ग्रामीण अंचलों में रहने वाले बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवाओं का प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होता है और उन्हें सशक्त एवं आत्मनिर्भर जीवन जीने का अवसर मिलता है।
बिजली बिल से राहत के साथ पर्यावरण संरक्षण को मिल रहा प्रोत्साहन
मोहला / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज उपभोक्ताओं को राहत देने का कार्य कर रही है। योजना अंतर्गत आमजन को रियायती दरों पर घर की छतों पर सोलर पैनल लगाने की सुविधा प्रदान की जा रही है, जिससे वे स्वयं बिजली की जरूरतें पूरी कर सकते है और बिजली बिल से राहत पा सकते हैं।
ग्राम मुरेठीटोला निवासी श्रीमती उर्मिला बाई भुआर्य ने बताया कि सीएससी सेंटर संचालक श्री जसपाल सिंह से योजना की जानकारी मिली। जिसके पश्चात उन्होंने भी घर की छत पर सोलर रूफटॉप सिस्टम लगवाया है। पहले जहां हर माह उन्हें एक हजार से दो हजार रुपए बिजली बिल का भुगतान करना पड़ता था, लेकिन अब मासिक बिजली बिल लगभग शून्य हो गया है, जिससे श्रीमती उर्मिला बिजली बिल के भुगतान की राशि से अच्छी खासी बचत कर पा रही है।
श्रीमती उर्मिला ने कहा कि यह योजना हमारे जैसे मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बहुत फायदेमंद है। स्वच्छ ऊर्जा अपनाकर न केवल पर्यावरण की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि हर माह की बचत से भविष्य की योजनाओं को पूरा करने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि एक वर्ष पूर्व उनके द्वारा योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया गया था। कुछ ही दिनों में विभागीय स्वीकृति पश्चात उनकी छत पर 1 लाख 20 हजार रुपए की लागत से 2 किलोवाट का सोलर पैनल लग गया। इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा 60 हजार की सब्सिडी भी प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि यह केवल आर्थिक राहत नहीं है, बल्कि बिजली जैसी महत्वपूर्ण ऊर्जा उत्पादन में अपना अहम योगदान दे रही हैं। सौर ऊर्जा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी लाभदायक है। इससे किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता और न ही प्रकृति को हानि पहुंचती है।
By - नरेश देवांगन
जगदलपुर, शौर्यपथ। बस्तर जिले के राजमहल परिसर में आयोजित मीना बाजार में प्रवेश के लिए आम जनता से ₹30 टिकट वसूला जा रहा है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन टिकटों पर न तो मूल्य अंकित है और न ही GST का कोई उल्लेख। ऐसा लग रहा है जैसे आयोजकों ने नियमों को चुटकियों में उड़ा दिया हो।
जानकारों का कहना है कि किसी भी टिकट पर उसका मूल्य स्पष्ट रूप से लिखा होना अनिवार्य है। GST रजिस्टर्ड आयोजक को तो GST दर, राशि और GSTIN नंबर भी टिकट पर अंकित करना होता है। बिना मूल्य और GST का उल्लेख करना सिर्फ उपभोक्ता अधिकारों की अनदेखी ही नहीं बल्कि टैक्स चोरी का ताज़ा नमूना है।
स्थानीय नागरिकों ने मजाकिया अंदाज़ में कहा, "टिकट तो लिया, पर रसीद और हिसाब-किताब कहां है? लगता है मेले में भी 'चुपके-चुपके' खेल खेला जा रहा है।" जनता की इस प्रतिक्रिया से साफ है कि आयोजकों की यह चालाकी सबको पसंद नहीं आई।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और GST नियमों के अनुसार यह स्पष्ट अवैध और अनुचित है। नागरिकों और विशेषज्ञों ने आयोजकों पर कड़ी कार्रवाई और जिम्मेदारियों का हिसाब-किताब रखने की मांग की है।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और GST विभाग इस मामले में कितनी सख्ती दिखाते हैं और क्या मेले की इस 'टिकट ट्रिक' पर लगाम लगाई जाएगी या नहीं। जनता की नजरें अब प्रशासन पर टिकी हैं।
मैत्री महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री:उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित, आचार्य विद्यासागर कल्याण सेवा संस्था के लोगो का किया विमोचन
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर में सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा आयोजित मैत्री महोत्सव में शामिल हुए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में पूज्य आर्यिकारत्न 105 अंतर्मति माताजी ससंघ के मंगल सान्निध्य में आयोजित गुरु शरणम् – मैत्री महोत्सव – क्षमादान उत्सव में विधायक श्री राजेश मूणत, जैन समाज के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने मंच पर पूज्य आर्यिकारत्न 105 अंतर्मति माताजी ससंघ को श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में जैन समाज की पारंपरिक पगड़ी और गमछा पहनाकर मुख्यमंत्री का सम्मान किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया तथा आचार्य विद्यासागर कल्याण सेवा संस्था के लोगो का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि मैत्री महोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मिक जागृति और शुद्धिकरण का पावन अवसर है। भारत की पुण्यभूमि केवल सभ्यता और संस्कृति की जननी ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिकता की जीवंत प्रयोगशाला भी रही है। यहाँ धर्म केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन जीने की कला है।
उन्होंने कहा कि भगवान महावीर स्वामी ने ‘जियो और जीने दो’ का संदेश दिया। हाल ही में मनाए गए क्षमादान पर्व का सार यही है कि ‘उत्तम क्षमा, सबसे क्षमा और सबको क्षमा’—यही बड़प्पन है और यही वसुधैव कुटुम्बकम का वास्तविक संदेश है। जैन धर्म ने इस भावना को सबसे सुंदर और गहन रूप में प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन समाज परोपकारी समाज है और इसके सेवा भाव का लाभ छत्तीसगढ़ को निरंतर मिलता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिंसा, अपरिग्रह और अनेकांत के सिद्धांत समरस समाज की आधारशिला हैं। मैं पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के पावन स्मरण और पूज्य आर्यिकारत्न 105 अंतर्मति माताजी ससंघ के मंगल सान्निध्य में उन सभी संतों को नमन करता हूँ, जिन्होंने अपने संयम, तप और साधना से समाज को दिशा दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी का जीवन-दर्शन हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने सिखाया कि सच्चा धर्म त्याग, सेवा और आत्मसंयम में है। यह छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि आचार्य जी ने अपने कठोर साधना के अनेक वर्ष यहाँ व्यतीत किए और चंद्रगिरी तीर्थ पर समाधि ली।
श्री साय ने कहा कि जैन धर्म के तीर्थंकरों के दिए आदर्श—अहिंसा परमो धर्मः, अनेकांतवाद, सत्य और संयम—केवल जैन समाज की धरोहर नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की आत्मा हैं।
कार्यक्रम में सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष श्री विनोद बड़जात्या ने आचार्य विद्यासागर कल्याण सेवा संस्था द्वारा संचालित आचार्य विद्यासागर कल्याण योजना की जानकारी दी और समाज के सभी लोगों से इस योजना से जुड़ने की अपील की। सीआईआई के अध्यक्ष श्री संजय बड़जात्या ने भी सभा को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जैन तीर्थों के निर्माण और संरक्षण के लिए श्री मनीष जैन, आयुर्वेद सेवा के लिए श्री विजय गोधा तथा समाज सेवा के लिए श्री सुनील संगोलिया को सम्मानित किया। उन्होंने चांदी पर उत्कीर्ण गुरु-स्मृति तथा आचार्य श्री विद्यासागर द्वारा रचित हाइकू, जिसे चांदी पर उत्कीर्ण किया गया है, का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर जैन समाज के अनेक पदाधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इनमें सर्वश्री नरेन्द्र जैन, यशवंत जैन, रतनलाल बड़जात्या, सुधीर बाकलीवाल सहित अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तित्व शामिल थे।
रायपुर / शौर्यपथ / भारत मंडपम, नई दिल्ली में 25 से 28 सितम्बर तक आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले का ब्रांड जशप्योर ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। आदिवासी महिलाओं की मेहनत और नवाचार से तैयार किए गए महुआ और मिलेट्स आधारित उत्पादों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर छत्तीसगढ़ की एक नई पहचान बनाई।
एक समय था जब महुआ का उपयोग सिर्फ शराब बनाने के लिए होता था। छत्तीसगढ़ राज्य में हुए नवाचार से अब महुआ से कई अन्य पौष्टिक खाद्य सामग्री बनने लगी है। जिससे महुआ की छवि अब धीरे-धीरे बदल रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की दूरदर्शी सोच और पहल ने महुआ को शराब से हटाकर पोषण और खाद्य सामग्री से जोड़ दिया है। मुख्यमंत्री श्री साय का कहना है कि महुआ और मिलेट्स जैसे पारंपरिक उत्पादों को आधुनिक विज्ञान और नवाचार के साथ जोड़कर हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ-साथ पोषण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ का योगदान बढ़ा रहे हैं।
वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में जशप्योर द्वारा प्रदर्शित महुआ नेक्टर को इसके उच्च पोषण मूल्य और दूध, मिठाइयों व पेय पदार्थों में प्राकृतिक स्वीटनर के रूप में उपयोग के लिए विशेष सराहना मिली। महुआ आधारित च्यवनप्राश (बिना शक्कर, गुड़ और शहद), महुआ टी, कूकीज और एनर्जी स्नेक्स ने भी आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया। जशपुर के पारंपरिक मिलेट (कुटकी), कोदो और बकव्हीट से तैयार उत्पाद पन्द्रह से अधिक वैरायटी के मिलेट पास्ता, पौष्टिक स्नैक्स और बेकरी प्रोडक्ट्स ने दर्शकों को आकर्षित किया है। इन उत्पादों ने साबित किया कि ये अनाज भविष्य के सुपरफूड हैं।
प्रदर्शनी में आए अंतरराष्ट्रीय डेलिगेट्स ने जशपुर की आदिवासी महिलाओं की मेहनत और नवाचार की सराहना की। विशेष रूप से एस्वातिनी (Eswatini) देश के कृषि मंत्री और कृषि निदेशक ने महुआ नेक्टर का स्वाद चखकर इसकी गुणवत्ता और पोषण मूल्य की प्रशंसा की।
जशप्योर के पीछे जशपुर की आदिवासी महिला उद्यमी हैं, जो जय जंगल एफपीसी के तहत काम कर रही हैं। उन्होंने फ़ूड-ग्रेड हार्वेस्टिंग और वैज्ञानिक प्रोसेसिंग के माध्यम से महुआ और मिलेट्स को आधुनिक सुपरफूड में बदल दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण उत्पादों को बढ़ावा देने और आदिवासी महिलाओं की आजीविका सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।
वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में जशप्योर की प्रभावी उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि परंपरा, मेहनत, नवाचार और मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच मिलकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था और छत्तीसगढ़ की खाद्य संस्कृति को वैश्विक पहचान दिला सकते हैं। जशप्योर अब महुआ और मिलेट्स को शराब की पहचान से हटाकर पोषण और खाद्य की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रतीक बन चुका है।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय के आदेशानुसार राज्य के कुल 1227 प्रधान पाठक (प्राथमिक शाला) और बी.एड. प्रशिक्षित स्नातकोत्तर शिक्षक (एल.वी.) को व्याख्याता/व्याख्याता (एल.बी.) टी. संवर्ग में पदोन्नत करने हेतु ऑनलाइन ओपन काउंसलिंग का आयोजन किया गया। यह काउंसलिंग 25 से 28 सितम्बर तक शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, शंकर नगर, रायपुर में संपन्न हुई।
काउंसलिंग के पहले तीन दिनों में अनुपस्थित रहे अभ्यर्थियों के लिए चौथे दिन यानि 28 सितम्बर को विशेष काउंसलिंग आयोजित की गई। इसमें संस्कृत, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, भूगोल और गणित विषय के 5 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराई गई। इसके अतिरिक्त 165 अनुपस्थित अभ्यर्थियों को लॉटरी के माध्यम से उनके संबंधित जिले/संभाग की शालाओं में रिक्त पदों पर स्थान आवंटित किया गया।
कुल 1102 अभ्यर्थियों में से 937 अभ्यर्थी काउंसलिंग में उपस्थित रहे, जिससे उपस्थित रहने का प्रतिशत 85.03 प्रतिशत रहा। काउंसलिंग में चयनित सभी अभ्यर्थियों को उनके द्वारा चयनित विद्यालयों में पदस्थापना के लिए नोडल अधिकारी द्वारा नियुक्ति आदेश जारी कर दिए गए हैं।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज अमर शहीद भगत सिंह की जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित भगत सिंह चौक पहुँचकर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि अमर शहीद भगत सिंह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के वह तेजस्वी नायक थे, जिन्होंने अपने अदम्य साहस, अटूट देशभक्ति और सर्वोच्च बलिदान से आने वाली पीढ़ियों के लिए अमिट प्रेरणा छोड़ी है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है और स्वतंत्रता के लिए त्याग ही सच्ची देशभक्ति का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगत सिंह के विचार और आदर्श आज भी युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करते हैं।
इस अवसर पर रायपुर उत्तर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, सीजीएमएससी अध्यक्ष श्री दीपक म्हस्के, अल्पसंख्यक बोर्ड के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
‘मन की बात’ करोड़ों देशवासियों को जोड़ने, प्रेरित करने, नवाचार और उत्कृष्ट कार्यों को सामने लाने का माध्यम : मुख्यमंत्री साय
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित सिंधु पैलेस में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 126वीं कड़ी का श्रवण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ करोड़ों देशवासियों को जोड़ने, उन्हें प्रेरित करने तथा नवाचार और बेहतर कार्यों को सामने लाने का सशक्त माध्यम है।
मुख्यमंत्री साय ने इस दौरान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह और स्वर कोकिला लता मंगेशकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पुण्य स्मरण किया। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों को शक्ति उपासना के पर्व नवरात्रि की शुभकामनाएँ भी दीं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शक्ति उपासना के इस पावन अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश की दो बहादुर बेटियों, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा की ‘नाविका सागर परिक्रमा’ का उल्लेख किया। दोनों अधिकारियों ने 47 हजार 500 किलोमीटर की समुद्री यात्रा 238 दिनों में पूरी की और दुनिया के सबसे सुदूर स्थान ‘नीमो प्वाइंट’ पर तिरंगा फहराकर देश का गौरव बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय देशभर में ‘जीएसटी बचत उत्सव’ मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जीएसटी दरों में हुई कटौती से लोगों को दैनिक जरूरतों की वस्तुओं से लेकर वाहनों, कृषि उपकरणों और मशीनों तक में बड़ी राहत मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत का आह्वान करते हैं और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देना इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम स्वदेशी वस्तुएँ खरीदते हैं, तो हम केवल सामान नहीं लेते, बल्कि एक परिवार की उम्मीद, एक कारीगर की मेहनत और एक उद्यमी के सपनों को सम्मान देते हैं। उन्होंने कहा कि खादी उत्पादों की लोकप्रियता पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ी है और हम सभी को खादी के वस्त्रों और उत्पादों का उपयोग करना चाहिए।
इस अवसर पर रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, सीजीएमएससी के अध्यक्ष दीपक म्हस्के, छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
जेम पोर्टल में भ्रष्टाचार का केन्द्र बना, प्रदेश के बाहर के सप्लायरो से ज्यादा खरीदी हो रही
आठ लाख की रोटी खरीदी मामले की लीपापोती की जा रही है
रायपुर / शौर्यपथ / जेम पोर्टल भ्रष्टाचार का केन्द्र बन चुका है। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि जेम पोर्टल से की गई सभी खरीदी की जांच होनी चाहिए । कांग्रेस सरकार के समय सीएसआईडीसी के माध्यम से हो रही खरीदी को भाजपा सरकार बनने के बाद इसी लिए बंद किया गया था ताकि भ्रष्टाचार किया जा सके और राज्य के बाहर के सप्लायरों से कमीशन ले कर खरीदी की जाय।जेम पोर्टल के माध्यम से अब तक 87873 करोड़ की खरीदी की गई है। इस पूरी खरीदी की जांच की जानी चाहिये। जेम पोर्टल की खरीदी में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। स्थानीय व्यापारियों की अनदेखी हुई है, पोर्टल से हुई अधिकांश खरीदी राज्य के बाहर के सप्लायरों से हुई है। इसी जेम पोर्टल से 300 का जग 32000 में खरीदा गया है। 1 लाख की टी.वी 10 लाख में, 60 हजार की रोटी मेकर मशीन 8 लाख में खरीदी गयी। 1539 का ट्रेक सूट 2499 में खरीदा गया। यह है जेम पोर्टल का कमाल सरकार में बैठे हुये लोग जेम पोर्टल के माध्यम से राज्य के खजाने पर डाका डाल रहे है। आठ लाख की रोटी खरीदी मामले में लीपापोती करने में पूरी सरकार जुटी है जबकि इस मामले में अभी तक एफआईआर हो जाना था ।
पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि जेम पोर्टल के माध्यम से की गई अभी तक की सभी खरीददारी का सोशल ऑडिट करवाया जाय तो पूरा सिस्टम नंगा हो जाएगा ।सरकार में सह है तो सभी खरीदारी की गई सामांग्री और उसके भाव सार्वजनिक कर दे ।अभी तक जितनी भी खरीदी की गई साफ हो जाएगा कि सारा सामान बाजार भाव से दस से सौ गुना से भी अधिक भाव पर खरीदी हुई है।
दीपक बैज ने कहा जेम पोर्टल से खरीदी में जो भ्रष्टाचार हुआ है उसमें नीचे से ऊपर तक लोग शामिल है इसीलिए सरकार किसी भी घोटाले का जांच नहीं करवा रही ।जांच की मांग करने वाले घोटाले के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जाती है बलौदाबाजार रायपुर में यही हुआ है ।
रायपुर / शौर्यपथ।
इस्पात गोदावरी हादसे से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। मृतकों के परिजनों और घायलों से संवेदना व्यक्त करने आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने मुलाकात की। दोनों नेताओं ने नारायणा हॉस्पिटल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
घटना को गंभीर लापरवाही बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रथम दृष्टया इंडस्ट्रियल सेफ्टी एक्ट का पालन नहीं किया गया था। कंपनी प्रबंधन की स्पष्ट लापरवाही सामने आ रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब उद्योग विभाग और श्रम विभाग मौजूद हैं, तो औद्योगिक सुरक्षा की अनदेखी कैसे हो रही है?
बैज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग करती है।
? मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।
? घायलों को 50 लाख रुपये और पूर्ण इलाज की व्यवस्था मिले।
? घटना की निष्पक्ष जांच कर कंपनी प्रबंधन और जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस तरह की घटनाएं औद्योगिक क्षेत्रों में प्रबंधन की बेलगाम कार्यशैली और सरकारी उदासीनता का परिणाम हैं। उन्होंने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है और न्याय दिलाने तक संघर्ष जारी रहेगा।
यह हादसा न केवल सुरक्षा मानकों पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रदेश में उद्योगों के संचालन पर निगरानी कितनी ढीली है। पीड़ित परिवार अब सरकार और प्रशासन से न्यायपूर्ण कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
दुर्ग/लखोली / शौर्यपथ /
37 सीजी बटालियन एनसीसी दुर्ग द्वारा लखोली में 10 दिवसीय संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर (CATC-150) का आयोजन 26 सितम्बर से 05 अक्टूबर तक किया जा रहा है। इस शिविर में विभिन्न कॉलेजों एवं स्कूलों से कुल 401 कैडेट्स भाग ले रहे हैं।
शिविर का शुभारंभ कैंप कमांडेंट कर्नल निलेश चतुर्वेदी के उद्घाटन भाषण से हुआ। उन्होंने एनसीसी के आदर्श वाक्य “एकता और अनुशासन” पर प्रकाश डालते हुए कैडेट्स को देशप्रेम, सेवा-भाव और सशस्त्र सेनाओं में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही जल संरक्षण, जल की बर्बादी रोकने तथा अनुशासन में रहकर लक्ष्यों को हासिल करने का आह्वान किया।
कर्नल चतुर्वेदी ने शिविर की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें गणतंत्र दिवस परेड दिल्ली की तैयारी, थल सेना कैंप, एसएसबी चयन हेतु विशेष कक्षाएं, व्यक्तित्व विकास, नेतृत्व क्षमता, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर व्याख्यान, ड्रिल, खेलकूद और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। शिविर की रूपरेखा सैन्य वातावरण पर आधारित है, ताकि कैडेट्स सेना जैसी दिनचर्या से परिचित हो सकें।
शिविर के दूसरे दिन विशेष सत्र में रायपुर ट्रैफिक पुलिस के डीएसपी गुरजीत सिंह एवं उनकी टीम ने सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों का पालन केवल जुर्माने से बचने के लिए नहीं, बल्कि जीवन सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी के लिए आवश्यक है। कैडेट्स को हेलमेट और सीटबेल्ट के अनिवार्य उपयोग, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करने, ओवरस्पीडिंग से बचने, पैदल यात्रियों को प्राथमिकता देने और ट्रैफिक सिग्नलों का पालन करने जैसे बिंदुओं पर जागरूक किया गया। उन्होंने कैडेट्स को समाज में “रोल मॉडल” बनकर नागरिकों को प्रेरित करने का संदेश दिया।
इस शिविर में उप शिविर सेनानी कर्नल प्रेमजीत, सूबेदार मेजर थानेश्वर गुरुंग, तथा विभिन्न संस्थानों से आए एनसीसी अधिकारी — कैंप एजुटेंट ऑफिसर लेफ्टिनेंट संतोष यादव, लेफ्टिनेंट प्रशांत दुबे, फर्स्ट ऑफिसर पूनम सोंधी, फर्स्ट ऑफिसर सचिन शर्मा, फर्स्ट ऑफिसर के.के. कोशिमा, थर्ड ऑफिसर पूनम बघेल एवं पीआई स्टाफ उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने कैडेट्स को अनुशासन, नेतृत्व एवं कौशल विकास की दिशा में सक्रिय रूप से प्रेरित किया।
यह शिविर न केवल कैडेट्स को सैन्य जीवन का अनुभव करा रहा है, बल्कि उनमें सामाजिक दायित्व, राष्ट्रप्रेम और जिम्मेदार नागरिक बनने की भावना भी प्रबल कर रहा है।
दुर्ग/कोपीडीह / शौर्यपथ /
श्री जी योग समिति दुर्ग (पंजीकृत संस्था), जो पिछले तीन वर्षों से योग प्रशिक्षण के क्षेत्र में सक्रिय है, ने नवरात्रि पर्व के अवसर पर आस्था और समर्पण का अद्वितीय परिचय दिया। समिति द्वारा डोंगरगढ़ जाने वाले पद यात्रियों के लिए ग्राम कोपीडीह में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
भक्ति और उल्लास से भरे इस आयोजन में समिति के सभी सदस्यों ने तन, मन, धन से योगदान देते हुए देवी गीत, नृत्य और हर्षोल्लास के साथ यात्रियों और ग्रामीणों को भोजन परोसा। व्रतधारियों के लिए विशेष फलाहार की व्यवस्था की गई, जिससे श्रद्धालुओं में अपार हर्ष देखा गया।
समिति का यह आयोजन ग्रामवासियों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। गांव में भक्तिभाव और सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बना। समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारी एवं सदस्य – पंकज शर्मा, देवाशीष कर्मकार, अमरेश भौमिक, बबीता गुप्ता, वंदना सोनी, संदीप अग्रवाल, शरद गुप्ता, शोभा कर्मकार, कमल शर्मा, ब्यूटी भौमिक, कविता चौधरी, इंदु वडेरा, पूजा विश्वकर्मा, प्राची विश्वकर्मा, सूर्य राजपूत, भावना साहू एवं नितेश साहू अपने बच्चों सहित, रविशंकर सोनी, दीनदयाल साहू, मनीष दरयानी, कुशल उजाला–गंगा उजाला अपने बच्चों सहित, डॉली साहू, शोभ सुनील खंडेलवाल, मनीष साहू, ममता गणेश अग्रवाल, निक्की अग्रवाल, अर्चना भौमिक, डॉ. अनुराधा बक्शी, सौम्या सिंघानिया अपनी माता सहित, मूलचंद भैया, गौरव बजाज, पलक, पूनम चावड़ा, हार्दिक चावड़ा, कार्तिक, प्रीति अग्रवाल और अन्य अनेक सदस्य पूरे उत्साह के साथ उपस्थित रहे।
माता रानी की पूजा-अर्चना हेतु समिति द्वारा दान भी अर्पित किया गया। इस अवसर पर ग्राम सरपंच का सहयोग भी सराहनीय रहा। कार्यक्रम के अंत में समिति ने सभी ग्रामवासियों के सहयोग और सहभागिता के लिए आभार प्रकट किया।
? “मां बंधन भी है और मुक्ति भी, मां साधन भी है और साध्य भी” – इसी भाव के साथ यह आयोजन नवरात्रि में श्रद्धा, सेवा और समर्पण का प्रेरणादायी उदाहरण बन गया।