August 04, 2025
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कागजों पर ही पटवारी ने उगा दिया धान, सत्यापन में सामने आई गड़बड़ी Featured

कागजों पर ही पटवारी ने उगा दिया धान, सत्यापन में सामने आई गड़बड़ी कागजों पर ही पटवारी ने उगा दिया धान, सत्यापन में सामने आई गड़बड़ी
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  अंबिकापुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शाशन द्वारा 15 नवम्बर से धान खरीदी शुरू कर दी गई है . प्रदेश में धान खरीदी निष्पक्ष और सुचारू रूप से हो इसके लिए प्रशासन भी मुस्तैद है किन्तु फर्जीवाडा करने वालो की अपनी ही अलग सोंच होती है किन्तु आज नहीं तो कल ऐसे फर्जीवाड़ा का खुलासा हो ही जाता है ऐसे ही एक मामला सामने आया और यह मामला किसी अन्य जिले से नहीं वरण प्रदेश के मुखिया के जिले से ही सामने आया जिसमे प्रशासन ने एक बड़े फर्जीवाड़ा को नाकाम कर दिया .
 सरगुजा जिले में राजस्व विभाग के पटवारियों द्वारा कागजों में 100 हेक्टेयर में धान की फसल बोने का मामला सामने आया है। जब अधिकारियों ने जांच शुरू की तो यह फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया। गिरदावरी सत्यापन में इस तरह की व्यापक विसंगतियां पाई गईं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि कई किसानों के नाम पर बिना उनकी जानकारी के फसलें दर्ज की गई थीं।  
गिरदावरी सत्यापन में गड़बड़ी का खुलासा
  राजस्व विभाग द्वारा किए गए गिरदावरी सत्यापन में सामने आया कि 1900 हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल नहीं बोई गई थी, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उसे धान से भरा हुआ दिखाया गया था। 100 हेक्टेयर में तो पूरी तरह से फर्जीवाड़ा हुआ था, जहां जमीन खाली थी, लेकिन कागजों पर वहां धान की खेती दर्ज कर दी गई थी।  
फर्जी तरीके से खपाया जा सकता था 95000 क्विंटल धान
  सत्यापन में जब यह तथ्य सामने आया कि 1900 हेक्टेयर (लगभग 4750 एकड़) में धान का रकबा फर्जी तरीके से दर्शाया गया है, तो यह अनुमानित किया गया कि 95000 क्विंटल धान समितियों में खपाया जा सकता था। प्रति एकड़ 20 क्विंटल के हिसाब से यह लगभग 29 करोड़ 45 लाख रुपये का घोटाला होता। यदि यह गड़बड़ी पकड़ी न जाती, तो बिचौलियों और दलालों की मिलीभगत से यह धान आसानी से कुप्रबंधित किया जा सकता था।  
सत्यापन के बाद कार्रवाई की तैयारी
  फर्जी रकबा दर्ज करने के मामले में अब तहसील और जिला स्तर के अधिकारियों की टीम सत्यापन कर रही है। राज्य स्तर पर भी अधिकारियों की टीम द्वारा गिरदावरी का और गहन सत्यापन किया जाएगा। गिरदावरी सत्यापन के दौरान रकबे में पांच प्रतिशत की कमी की संभावना जताई जा रही है।  
गिरदावरी क्या है?
  गिरदावरी वह प्रक्रिया है, जिसमें किसानों द्वारा अपने खेत में बोई गई फसलों का रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। यह प्रक्रिया रबी, खरीफ और अन्य सीजन में तीन बार की जाती है। वर्तमान में यह सत्यापन खरीफ फसलों के लिए किया जा रहा है। 

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