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Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
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भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई निगम प्रशासन द्वारा लगातार अवैध अतिक्रमण पर अवैध निराबर प्रेस विज्ञपति जारी कर दी जाती रही है . भिलाई के ऐसे क्षेत्र जहाँ नई नई बसाहट है एस स्थानों पर भी अतिक्रमण पर कार्यवाही कर वाह वाही लुटने वाली भिलाई निगम प्रशासन अपने खुद की संपत्ति पर हो रहे अतिक्रमण पर मौन है क्या खुद की संपत्ति पर अतिक्रमण कर , मूल नक़्शे में बदलाव करने वालो पर निगम प्रशासन का मौन रहना सही है क्या सिर्फ मझोले वर्ग व गरीब वर्ग के लोगो पर भिलाई निगम प्रशासन कार्यवाही कर अपने कर्तव्य का पालन कर रही है . भिलाई निगम में ऐसे कई क्षेत्र है जो मुख्य बाज़ार के रूप में जाने जाते है अगर उन स्थानों या आस पास के स्थानों पर कोई गरीब एक ठेला भी लगा ले तो कर्तव्य से चूर भिलाई के अधिकारी और तोडू दस्ता अपनी फौज के साथ अतिक्रमण को धराशाई कर एक विजेता की तरह वाह वही लुटते हुए और सुशासन की बात करते हुए आम जनता को ये सन्देश देता है कि भिलाई निगम प्रशासन किसी भी कीमत पर अतिक्रमण बर्दास्त नहीं करेगा एवं अनुमति प्राप्त मूल नक़्शे में बदलाव को अवैध करार देते हुए कार्यवाही करेगा जैसा कि कल निगम प्रशासन ने जोन 1 के क्षेत्र में अतिक्रमण पर कार्यवाही को अंजाम दिया है .
निगम की इस तह की कार्यवाही को देखकर अच्छा भी लगता है कि अवैध निर्माणकर्ता कीखैर नहीं एक आईएएस अधिकारी के आयुक्त बन्ने से शहर की दशा सुधरेगी किन्तु अज भी ऐसे कुछ क्षेत्र है जिसमे निगम की कार्यवाही लगभग शून्य के बराबर है आखिर कार छोटे मझोले लोगो पर कार्यवाही करने वाले निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी आकाश गंगा में निगम परिसर में हो रहे अतिक्रमण पर मौन क्यों है इस क्षेत्र में निगम प्रशासन और प्रशासनिक मुखिया कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे है , सुपेला आकाश गंगा क्षेत्र में कार्यवाही के लिए जोन आयुक्त कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठा रहे है .
आकाश गंगा सुपेला में निगम द्वारा निर्मित 5 ब्लाक है ्र,क्च,ष्ट,ष्ठ,श्व इन 5 ब्लाक में सभी ब्लाक के मूल नक़्शे को परिवर्तित कर दिया गया है कही कही सड़क तक कब्ज़ा कर पक्की दूकान बना दी गयी तो कही आम जनता के लिए बने बरामदे को कब्ज़ा कर निर्माण कर दिया गया है साल 2015 में तात्कालिक निगम आयुक्त द्वारा कार्यवाही की गयी और बहुत से अवैध निर्माण पर निगम का बुलडोजर चला किन्तु बीते 5 साल में कोई भी निगम का प्रशासनिक मुखिया अतिक्रमण पर कार्यवाही के लिए आगेनाही आया . जैसा कि शौर्यपथ समाचार पत्र ने अपने पिछले अंक में परस ज्वेलर्स द्वारा किये गए अतिक्रमण और अवैध निर्माण के मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया जिस प्रकार पारस ज्वेलर्स द्वारा निगम से आबंटित निर्धारित भूमि से ज्यादा भिमी जो कि निगम की संपत्ति है कब्ज़ा कर भव्य शोरुम बना लिया गया वैसी ही स्थिति पृथ्वी इलेक्ट्रिकल के रो की भी है जहां हर दुकानदार द्वारा बरामदे को कब्ज़ा कर कही कच्चा तो कही पक्का निर्माण कर निगम के भवन की मूल संरचना के साथ खिलवाड़ किया गया जो कि खुली आँखों से निगम के अधिकारियों की नजर में है किन्तु निगम प्रशासन की कार्यवाही इन स्थानों पर शून्य है ताकत दिखती है तो ठेलो के अतिक्रमण पर , छोटे मोटे कब्जों पर . क्या निगम प्रशासन अतिक्रमण में कार्यवाही पर भी भेदभाव की नियत से कार्य करता रहेगा क्या ऐसे ही सुशासान की बात और अपील कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहेंगे निगम के जिम्मेदार अधिकारी ?
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