
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
शौर्यपथ समाचार विशेष रिपोर्ट
दुर्ग, 24 जुलाई 2025
नगर पालिक निगम दुर्ग में हाल ही में तीन कर्मचारियों के निलंबन के बाद प्रशासनिक हलकों में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। सूत्रों से मिली विश्वसनीय जानकारी के अनुसार चौथे कर्मचारी पर भी अब निलंबन की कार्रवाई तय मानी जा रही है। आरोप है कि उक्त कर्मचारी ने शासकीय पद का दुरुपयोग करते हुए अपने बेटे के नाम से "स्ट्रीट वेंडर" योजना में दुकान का अवैध रूप से आवंटन करवा लिया, जबकि वह स्वयं शासकीय कर्मचारी था और योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभों के लिए अयोग्य था।
फाइलों में दबा मामला अब फिर उठा चर्चा में
सूत्रों का कहना है कि यह मामला पूर्व से ही जांचाधीन है लेकिन कुछ समय से यह फाइलों में दबा पड़ा था। अब जबकि नगर निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल के नेतृत्व में लगातार तीन कर्मचारियों पर निलंबन जैसी सख्त कार्रवाई की जा चुकी है, तो यह उम्मीद की जा रही है कि इस मामले पर भी कठोर निर्णय लिया जाएगा।
क्या शासकीय कर्मचारी अपने परिजनों को दिला सकते हैं योजना का लाभ?
यह सवाल अब प्रशासनिक और सामाजिक चर्चा का विषय बन गया है – क्या कोई शासकीय कर्मचारी, जो स्वयं राज्य शासन की सेवा में है, अपने पुत्र अथवा परिजनों को शासन की योजनाओं का लाभ दिला सकता है?
नियम क्या कहते हैं?
छत्तीसगढ़ नगर प्रशासन अधिनियम एवं संबंधित योजना निर्देशों के अनुसार –
कोई भी शासकीय कर्मचारी या उसका निकट संबंधी यदि उस योजना की पात्रता श्रेणी में नहीं आता, तो वह लाभ लेने का अधिकारी नहीं होता।
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना (PM SVANidhi) जैसे योजनाओं में स्पष्ट प्रावधान है कि लाभार्थी स्वयं स्वरोजगार में संलग्न हो तथा किसी प्रकार की शासकीय सेवा में न हो और न ही उसका नाम शासकीय पेंशनर सूची में दर्ज हो।
यदि किसी कर्मचारी द्वारा पद का दुरुपयोग कर इस प्रकार का लाभ अपने परिजनों को दिलाया गया है, तो यह स्पष्ट रूप से हितों का टकराव (Conflict of Interest) और शासकीय सेवा नियमों का उल्लंघन है।
आयुक्त की अग्नि परीक्षा
अब सभी की निगाहें नगर निगम आयुक्त श्री सुमित अग्रवाल पर टिकी हैं। वे पहले ही अनुशासन और पारदर्शिता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा चुके हैं। परंतु क्या वे इस संवेदनशील मामले में भी निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करते हुए दोषी कर्मचारी पर कार्रवाई करेंगे या यह मामला एक बार फिर फाइलों में दफ्न हो जाएगा, यह देखने योग्य होगा।
न्याय की प्रतीक्षा में शिकायतकर्ता
इस मामले में शिकायतकर्ता ने बार-बार निगम को आवेदन दिया है, जिसकी सत्यता की पुष्टि के लिए दस्तावेज और जांच रिपोर्ट भी संलग्न किए गए थे। अब जबकि नगर निगम प्रशासन लगातार कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ रहा है, तो शिकायतकर्ता सहित समाज के जागरूक नागरिकों को आशा है कि इस बार भी पारदर्शी और निष्पक्ष निर्णय सामने आएगा।
शौर्यपथ की अपील
शौर्यपथ समाचार इस पूरे प्रकरण पर सतत निगरानी रखे हुए है और पाठकों को निष्पक्ष जानकारी देता रहेगा। साथ ही हम शासन एवं प्रशासन से आग्रह करते हैं कि योजनाओं का लाभ केवल पात्र व्यक्तियों को ही मिले, इसके लिए एक स्वतंत्र एवं स्वचालित सत्यापन प्रणाली विकसित की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार के दुरुपयोग पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.