August 04, 2025
Hindi Hindi

अब गुड्स गार्ड ने नौकरी पर मंडराने लगा खतरा केन्द्र सरकार ने अमेरिका से आयात की ईटीटी सिस्टम , जो गार्ड के बदले लोकोपायलटों को देगा संकेत Featured

  • Ad Content 1

दुर्ग / शौर्यपथ / ट्रेन के पिछले बोगियों में तैनात रहकर लाल और हरी झण्डी दिखाने वाले हुए लोको पायलटों का भी पद अब खत्म करने जा रही है और इसकी जगह अमेरिका से आयातित एंड ऑफ ट्रेन टेरिमेंटरी यानि ईओटीटी सिस्टम लागू करने की तैय्यारी में है। इसके लिए रेलवे ने विेदेशी तकनीक वाले ईओटीटी सिस्टम का परीक्षण भी शुरू कर दिया है। इसके लिए भूनेश्वर रेलवे जोन ने पांच माल गाडिय़ों में इस सिस्टम को लगाकर परीक्षण करना शुरू कर दिया है। यदि यह सिस्टम यहां सफल रहा तो माल गाडिय़ों सहित यात्री ट्रेनों में भी यह सिस्टम रेलवे लागू करेगी जिसके कारण लोको पायलटों के लाखों पद पर रहने वाले रेलवे कर्मचारियों के नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है।
जाने कैसे काम करता है ईटीटी सिस्टम
वर्तमान में ट्रेनों का संचालन गार्ड के माध्यम से होता है। लेकिन नई विदेशी तकनीक का परीक्षण सफल हो जाने पर ट्रेनों के संचालन में गार्ड की जरुरत नहीं पड़ेगी। इस नई तकनीक के तहत गार्ड के डिब्बे वाली जगह पर एक मशीन स्थापित की जाएगी जो सेंसर के माध्यम से लोको पायलट को सभी मानकों के अनुरुप ट्रेन चलने के लिए तैयार होने का संकेत देगी। इस संकेत के बाद लोको पायलट टे्रन को आगे बढ़ा सकेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे ने एंड ऑफ ट्रेन टरिमेंटरी सिस्टम को अमेरिका से आयातित किया गया है। पहले चरण में पूर्व तटीय रेलवे भुवनेश्वर जोन द्वारा परीक्षण के तौर पर पांच मशीनों को लगाया गया है। मालगाडिय़ों में परीक्षण सफल होता है तो आने वाले दिनों में इस तकनीक का इस्तेमाल यात्री ट्रेनों में भी किया जाएगा। ऐसे में स्वाभाविक है कि रेलवे में होने वाली गुड्स गार्ड की भर्ती पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
उल्लेखनीय है कि रेलवे समय-समय पर गुड्स गार्ड की भर्ती होती है। यही गुड्स गार्ड आगे अपनी वरिष्ठता और ट्रेनिंग के बाद यात्री ट्रेनों की भी जिम्मेदारी निभाते हैं। वर्तमान में गार्ड के बिना किसी भी ट्रेन के सुरक्षित परिचालन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। गार्ड से मिलने वाले संकेत के अनुरुप ही लोको पायलट ट्रेन को चलाता है। यह संकेत गार्ड लाल व हरी झण्डी दिखाकर देता है। यात्री ट्रेनों के गार्ड सिटी बजाकर भी पायलट को रवानगी का संकेत देते हैं। लेकिन नई तकनीक का परीक्षण सफल हो जाने के बाद न केवल मालगाड़ी बल्कि सभी तरह के यात्री ट्रेनों से सफेद कपड़े की वर्दी में नजर आने वाले गार्ड इतिहास का हिस्सा बन जाएंगे।
यात्री ट्रेनों में हो सकती है दिक्कत
गार्ड के पद को नई तकनीक लाकर खत्म करने से रेलवे को भले ही इन्हें दिए जाने वाले भारी भरकम वेतन से राहत मिल जाएगी। लेकिन बिना गार्ड के यात्री ट्रेनों का परिचालन में दिक्कत होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है। दरअसल यात्री ट्रेनों में गार्ड बोगी के साथ पार्सल वेन भी अटैत रहता है। स्टेशन में पार्सल चढ़ाने और उतारने के साथ ही लॉक पर सील लगाने का कार्य गार्ड के जिम्मे रहता है। ऐसे में ईओटीटी सिस्टम से ट्रेन का परिचालन होने में तो कोई अड़चन नहीं आएगी। लेकिन पार्सल वेन की जिम्मेदारी कौन संभालेगा यह प्रश्न उभर आया है।
बीएमवाय चरोदा में 250 के करीब है गार्ड
बीएमवाय चरोदा रेलवे का अहम केन्द्र बिन्दु है। यहां पर गुड्स व यात्री टे्रनों के लगभग 250 गार्ड पदस्थ है। रेलवे द्वारा ईओटीटी सिस्टम लागू किए जाने की तैयारी का पता चलते ही भिलाई-चरोदा के बीएमवाय में गार्ड के रूप में पदस्थ रेल कर्मचारियों के माथे पर सिकन उभर आई है। गुड्स व यात्री ट्रेनों के गार्ड रेलवे के परिचालन विभाग के कर्मचारी होते हैं। ऐसे में जब पद ही खत्म हो जाएगा तो फिर वर्तमान में गार्ड के रूप मे कार्यरत कर्मचारियों के भविष्य को लेकर रेलवे प्रशासन के भावी रूख पर निगाहें टिक गई है।

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)