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दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग निगम क्षेत्र में सालो से ऐसे कबाड़ी अपना व्यापार निगम क्षेत्र में चला रहे है जो अवैधानिक तो है ही साथ ही चोरी के सामन को खरीदने बेचने के कार्य में लिप्त है . पुलिस प्रशासन द्वारा समय समय पर कबाडियों पर कार्यवाही की जाती है किन्तु मामूली आपराध पंजीबद्ध होने से और आसानी से जमानत मिलने से ऐसे कबाडियों के हौसले बुलंद होते जा रहे है .अभी तक तो सिर्फ यही होता था कि छोटी मोती चोरी के सामन के साथ कबाड़ी पकडाते और मामूली धारा के बदौलत आसानी से जमानत पर छुट जाते किन्तु बीते दिनों कबाड़ी के इस व्यापार में शामिल लोगो के बुलंद हौसले ने शासकीय कार्य में लगे अमृत मिशन के लाखो के पाइप पर ही अपना हाँथ साफ़ कर दिया .
मामला अमृत मिशन के कार्य में लगे लक्ष्मी सिविल इंजीनियरिंग सर्विस प्राईवेट लिमिटेड के सामन का है . जैसा कि सभी जानते है इन दिनों दुर्ग में अमृत मिशन के तहत पुरे निगम क्षेत्र में नया पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर है . कंपनी यह कार्य पिछले दो साल से कर रही है ऐसे में दुर्ग निगम के कई स्थानों पर सीमेंट कोटेट जीआई पाइप शहर के कई हिस्सों में फैले हुए है इन्ही पाइप पर अब कबाड़ के व्यापार करने वालो की नजर लग गयी .
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती रात वार्ड 1 में कुछ लोगो द्वारा अमृत मिशन के पाइप को एक निजी वाहन टाटा एस में लोड किया जा रहा था तब कंपनी के लोगो को किसी स्थानीय द्वारा जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे और वाहन टाटा एस ष्टत्र07/रुक्क/5186 को पकड़ लिया गया तथा ड्राईवर व उसके दो सहयोगी भी पकड़ में आ गए . कम्पनी के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा क्षेत्र के कोतवाली पुलिस को सूचित किया गया और मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई . वाहन में तकरीबन सवा लाख की कीमत के पाइप बरामद हुए जिसे कोतवाली पुलिस ने जप्त कर आरोपी ड्राईवर रमेश चंद्राकर को गिरफ्तार किया गया . वही मामले पर कंपनी के अधिकारी का कहना है कि काफी दिनों से हमारे पाइप गायब हो रहे थे . एक अनुमान के मुताबिक लगभग 7 से 8 लाख तक के पाइप गायब हो चुके है . बारीकी से निरिक्षण किया जा रहा है और स्टाक मिलाने पर स्पष्ट हो जायेगा कि कितने के पाइप अब तक चोरी हो चुके है . आज जो पाइप पकडाया वो 8 इंच पाइप था .
जैसा कि कंपनी के अधिकारी बता रहे है कि चोरी में उपयोग होने वाले वाहन के ड्राईवर ने कंपनी के अधिकारियों को बताया कि पहले भी इस तरह से पाइप को ले जाया गया है . बड़ा सवाल उठता है कि चोरी के कटे हुए पाइप को आखिर कहा और किस को बेचा जा रहा था . चोरी के पाइप जो टुकडो के आकार में काट के ले जाए गए वो किसी उपयोग के काबिल नहीं है सिर्फ कबाड़ के भाव में ही ऐसे पाइप बिक सकते है ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि शहर के ही किसी कबाड़ी का इस कार्य में हाँथ है , कयास तो यह भी लगाए जा रहे है कि कबाडियों पर सख्त कार्यवाही का ना होना ही इनके हौसले बुलंद करता है . शहर के हर गली मोहल्ले में ऐसे लोग घूमते देखे जाते है जो कबाड़ का सामन खरीदने के लिए भटकते है किन्तु यह भी बड़ा सवाल है कि किया पुलिस शहर के सभी कबाडियों के गोदाम की बारीकी से जाँच करेगी क्योकि इन दिनों शहर में गाडिया भी बहुत चोरी हो रही है आखिर ये चोरी का सामान कैसे और कहा खप रहा है आज जब शासकीय कार्य में लगे लक्ष्मी सिविल इंजीनियरिंग सर्विस प्राईवेट लिमिटेड की पाइप चोरी का मामला सामने आया तो बहुत सी बाते सामने आ गयी अब देखना यह है कि दुर्ग पुलिस इस मामले की तह तक जाती है या मामला आसान तरीके से रफा दफा होता है ...
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