
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
आस्था / शौर्यपथ / दक्षिण भारत में ओणम का प्रसिद्ध त्योहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्र माह की शुक्ल त्रयोदशी को मनाया जाता है। जबकि मलयालम कैलेंडर के अनुसार चिंगम माह में यह त्योहार मनाया जाता है जो कि प्रथम माह है। खासकर यह त्योहार हस्त नक्षत्र से शुरू होकर श्रवण नक्षत्र तक चलता है। इस बार यह पर्व 12 अगस्त 2021 से प्रारंभ होकर 23 अगस्त तक लेगा। 21 अगस्त को ओणम का मुख्य पर्व रहेगा। आओ जानते हैं ओणम के बारे में 10 रोचक बातें
1. इस दिन राजा बलि देखने आते हैं अपनी प्रजा को : यह त्योहार किसी देवी-देवता के सम्मान में नहीं बल्की एक दानवीर असुर राजा बलि के सम्मान में मनाया जाता है जिसने विष्णु के अवतार भगवान वामन को 3 पग भूमि दान में दे दी थी और फिर श्री वामन ने उन्हें अमरता का वरदान देकर पाताल लोक का राजा बना दिया था। ऐसी मान्यता है कि अजर-अमर राजा बलि ओणम के दिन अपनी प्रजा को देखने आते हैं। राजा बलि की राजधानी महाबलीपुरम थी।
2. घरों की होती है साफ सफाई : जिस तरह दशहरे में दस दिन पहले रामलीलाओं का आयोजन होता है या दीपावली के पहले घर की रंगाई-पुताई के साथ फूलों से सजावट होती रही है।
3. बनता है फूलों का घर : उसी तरह ओणम से दस दिन पहले घरों को फूलों से सजाने का कार्य चलता रहता है। घर को अच्छे से सजाकर बाहर रंगोली बनाते हैं। खासकर घर में कमरे को साफ करके एक फूल-गृह बनाया जाता है जिसमें गोलाकार रुप में फूल सजाए जाते हैं। प्रतिदिन आठ दिन तक सजावट का यह कार्यक्रम चलता है।
4. राजा बालि की मूर्ति को सजाते हैं : इस दौरान राजा बलि की मिट्टी की बनी त्रिकोणात्मक मूर्ति पर अलग-अलग फूलों से चित्र बनाते हैं। प्रथम दिन फूलों से जितने गोलाकार वृत बनाई जाती हैं दसवें दिन तक उसके दसवें गुने तक गोलाकार में फूलों के वृत रचे जाते हैं।
5. फूलों की सजावट के आसपास उत्सव मनाती हैं महिलाएं : नौवें दिन हर घर में भगवान विष्णु की मूर्ति की पूजा होती है तथा परिवार की महिलाएं इसके इर्द-गिर्द नाचती हुई तालियां बजाती हैं। वामन अवतार के गीत गाते हैं।
6. नौका दौड़, नृत्य और गान : इस दौरान सर्प नौका दौड़ के साथ कथकली नृत्य और गाना भी होता है।
7. रात्रि में गणेश पूजा : रात को गणेशजी और श्रावण देवता की मूर्ति की पूजा होती है। मूर्तियों के सामने मंगलदीप जलाए जाते हैं। पूजा-अर्चना के बाद मूर्ति विसर्जन किया जाता है।
8 बनते हैं कौन से पकवान : इस दौरान पापड़ और केले के चिप्स बनाए जाते हैं। इसके अलावा 'पचड़ी–पचड़ी काल्लम, ओल्लम, दाव, घी, सांभर' भी बनाया जाता है। दूध, नारियल मिलाकर खास तरह की खीर बनाते हैं।
9. अठारह प्रकार के दुग्ध पकवान : कहते हैं कि केरल में अठारह प्रकार के दुग्ध पकवान बनते हैं। इनमें कई प्रकार की दालें जैसे मूंग व चना के आटे का प्रयोग भी विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है। भोजन को कदली के पत्तों में परोसा जाता है।
10. थिरुवोनम : ओणम के अंतिम दिन थिरुवोनम होता है। यह मुख्य त्योहार है। इस दिन उत्सव का माहौल होता है।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.