September 30, 2025
Hindi Hindi

जानें कब है सोम प्रदोष व्रत, क्या है इस व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

  • Ad Content 1

  आस्था /शौर्यपथ /हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखने की परंपरा है. यह व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित किया जाता है. इस बार मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 दिसंबर यानी दिन सोमवार को है. इस दिन सोम प्रदोष व्रत रखा जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, भोलेनाथ ) को प्रसन्न करने और जल्द कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत रखना लाभकारी होता है. भगवान शिव एक ऐसे देवता हैं जिनकी आराधना देवी देवता, असुर, ऋषि, दैत्य सभी करते हैं. यहां जानिए मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष के प्रदोष व्रत का मुहूर्त और क्या है महत्व.
सोम प्रदोष व्रत का मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को 5 दिसंबर 2022 की सुबह 5:57 पर शुरू होगी. इस पूजा का समापन अगले दिन 6 दिसंबर 2022 को सुबह 6:45 पर होगा.
सोम प्रदोष व्रत का महत्व
दिसंबर के महीने की 5 तारीख को सोम प्रदोष व्रत रहेगा. इस दिन सच्चे भक्ति भाव से भक्त पूजा पाठ कर व्रत रखते हैं. कहते हैं कि जो भी भक्त इस सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इस व्रत में भोलेनाथ की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है. इस व्रत को करने से भगवान शिव (Lord Shiva) की पूर्ण कृपा प्राप्त की जा सकती है और सभी तरह की विपदाओं को भगवान हर लेते हैं. कहते हैं कि धन की कमी को खत्म करने के लिए भी प्रदोष व्रत लाभदायक है. मान्यतानुसार इस व्रत को करने से सभी तरह के रोग दूर हो जाते हैं. इस व्रत को लेकर यह भी मान्यता है कि अविवाहित युवक-युवतियों को प्रदोष व्रत जरूर करना चाहिए. इससे उन्हें योग्य वर वधु की प्राप्ति होती है.
सोम प्रदोष व्रत के पूजा की विधि
     सोम प्रदोष व्रत के दिन आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना होगा और स्वच्छ कपड़े धारण करने होंगे.
    स्नान करने के बाद एक चौकी रखें. उस पर भगवान शिव और माता पार्वती का चित्र या मूर्ति विधिवत स्थापित करें.
    इसके बाद षोडशोपचार पूजन करें.
    शाम के समय एक बार फिर स्नान करने के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा शुरू करें.
    गाय के दूध, घी, दही शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें.
    इसके बाद शिवलिंग पर चंदन लगाकर मदार, बेलपत्र, भांग, पुष्प अर्पित करें और विधि पूर्वक पूजन करने के बाद आरती करें.
वैवाहिक जीवन को सुखद करने का उपाय है सोम प्रदोष व्रत
अगर सप्तम भाव में पापी ग्रहों जैसे शनि,राहु, मंगल और केतु के कारण आपके दांपत्य जीवन में खटास आ गई है तो यह उपाय आपको जरूर करना चाहिए. 27 गुलाब के लाल फूल चंदन के इत्र के साथ शाम के समय पति पत्नी दोनों मिलकर भोलेनाथ को नमः शिवाय 27 बार बोलकर अर्पण करें. मान्यतानुसार ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी और आप के सोचे हुए सभी कार्य सिद्ध हो जाएंगे.
 

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)