
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
वास्तु टिप्स /शौर्यपथ / वास्तु शास्त्र में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए कई तरह के उपायों के बारे में बताया गया है। वहीं अगर पश्चिम दिशा में कोई दोष होता है तो गृहस्वामी और घर के सदस्यों को कई तरह की परेशानियां होती हैं।
वास्तु शास्त्र में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए कई तरह के उपायों के बारे में बताया गया है। घर की पश्चिम दिशा को काफी अहम माना जाता है। इसलिए कहा जाता है कि पश्चिम दिशा में कोई भी दोष होने का अर्थ है कि खुद को परेशानी और परिवार को परेशानी होना।
बता दें कि पश्चिम दिशा के स्वामी वरुण, आयुध पाश और प्रतिनिधि ग्रह शनिदेव होते हैं। पश्चिम दिशा से कालपुरुष के पेट, गुप्तांग और जननांग का विचार किया जाता है। यदि इस दिशा में दोष होता है तो घर के स्वामी की आमदनी अच्छी नहीं रहती है और उसे यौन संबंधी बीमारी होने का अंदेशा रहता है।
पश्चिम दिशा के वास्तु उपाय
घर की पश्चिम दिशा को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। इसके साथ ही यदि घर की पश्चिम दिशा की दीवार में दरारें हैं, तो इससे आपको और आपके परिवार को शनि का कुप्रभाव भी झेलना पड़ सकता है। वहीं घर के स्वामी की आमदनी भी प्रभावित होती है।
इसके साथ ही अगर यदि पति-पत्नी का बेडरूम पश्चिम दिशा में है तो उनमें पटरी ठीक से नहीं बैठती है। दोनों में अक्सर किसी न किसी बात को लेकर विवाद होते रहते हैं और लंबे समय तक साथ नहीं रह पाते हैं। यानी की पति-पत्नी में डायवोर्स भी हो सकता है। वहीं अगर विवाद न हो तो अन्य कई कारणों से पति-पत्नी को अलग-अलग रहना पड़ सकता है।
घर के पश्चिम दिशा में पूजा घर होने से गृहस्वामी ज्योतिष और तंत्र-मंत्र आदि विधाओं का जानकार होता है। वहीं अगर इस दिशा में रसोई बनी है तो धन का आगमन तो होता है, लेकिन वह धन टिकता नहीं है।
पश्चिम दिशा में अग्निस्थल होने पर घर के सदस्यों को बार-बार गर्मी, पित्त, एसिडिटी जैसी समस्याएं होती रहती हैं। वहीं पश्चिम दिशा में लगा दरवाजा छोटा होने पर गृहस्वामी की उन्नति में बाधा आती रहती है।
पश्चिम दिशा में बना गेट अगर नैऋत्यमुखी हो, तो परिवार के सदस्यों को कोई लंबी बीमारी और असाध्य रोग होने का खतरा होता है। वहीं ऐसे द्वारा के होने पर असामयिक मृत्यु भी हो सकती है।
पश्चिम दिशा में बना गेट वायव्यमुखी होने पर मकान मालिक कोर्ट-कचहरी के मामलों में फंसा रहता है। जिसके कारण उसका काफी धन व्यय होता रहता है।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.