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सेहत / शौर्यपथ / पतझड़ में जन्मे बच्चों में अस्थमा, हे फीवर और खानपान से संबंधित एलर्जी होने का खतरा ज्यादा होता है। एक हालिया शोध में यह खुलासा हुआ है। ब्रिटेन में दुनिया में सबसे अधिक एलर्जी की दर है, यहां की 20 प्रतिशत से अधिक आबादी कम से कम एक एलर्जी विकार से पीडि़त है।
कोलोराडो की नेशनल ज्यूइश हेल्थ की शोधकर्ता डॉक्टर जेसिका हुई ने कहा, हमने अपने क्लिनिक में इलाज किए गए प्रत्येक बच्चे को देखा और पाया कि जो बच्चे पतझड़ में पैदा हुए थे, उनमें एलर्जी से जुड़ी सभी स्थितियों का अनुभव करने की अधिक संभावना थी। अब हम इस बारे में अधिक अध्ययन कर रहे हैं कि ऐसा क्यों है और हम दृढ़ता से मानते हैं कि यह त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया के कारण होता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि ज्यादातर एलर्जी बचपन में ही शुरू होती है जब एलर्जी फैलाने वाले रोगाणु सूखी हुई त्वचा से अंदर प्रवेश करते हैं। इससे एलर्जी की एक श्रृखंला की शुरुआत हो जाती है जिसे एटॉपिक मार्च कहते हैं।
ब्रिटेन में पांच में से एक बच्चे को एक्जीमा की शिकायत है। जिन्हें एक्जीमा की शिकायत होती है उनके शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया का स्तर ज्यादा होता है। इससे एलर्जी पैदा करने वाले रोगाणुओं को नष्ट करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि पतझड़ में पैदा होने वाले बच्चों की त्वचा बेहद कमजोर होती है और इसलिए ये बार-बार एलर्जी का शिकार हो जाते हैं।
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