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व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /धार्मिक मान्यतानुसार एकादशी का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. सालभर में 24 एकादशी पड़ती हैं जिनमें से एक आज मनाई जा रही है. आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी है जिसे परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं. इस एकादशी पर व्रत रखना बेहद शुभ माना जाता है. कहते हैं इस दिन भगवान विष्णु अपनी निंद्रा में करवट बदलते हैं. मुद्रा में परिवर्तन के कारण ही इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन भक्त श्रीहरि के लिए व्रत रखते हैं और विशेष पूजा-पाठ भी करते हैं. जानिए इस व्रत में भक्त क्या खाते हैं.
परिवर्तिनी एकादशी कब है
पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर परिवर्तिनी एकादशी पड़ती है. इस साल यह व्रत 2 दिनों का माना जा रहा है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 25 सितंबर सुबह 7 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 26 सितंबर सुबह 5 बजे खत्म होगी. इस चलते परिवर्तिनी एकादशी को 25 सितंबर और 26 सितंबर दोनों दिन मनाया जा रहा है. साथ ही, एकादशी का व्रत आज 25 सितंबर के दिन ही रखा जाएगा.
मान्यतानुसार एकादशी का व्रत रखने पर जीवन के सभी दुखों से मुक्ति मिलती है, घर में खुशहाली आती है, कष्ट दूर रहते हैं और ग्रहों की अशुभता दूर हो जाती है.
एकादशी की पूजा
परिवर्तिनी एकादशी में सुबह सवेरे उठकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करके उनकी प्रतिमा के समक्ष तुलसी दल अर्पित किया जाता है और साथ ही पुष्प चढ़ाए जाते हैं. इसके बाद भगवान की आरती की जाती है. भगवान विष्णु के साथ-साथ माता पार्वती का भी पूजन होता है. भक्त दिनभर भगवान विष्णु के गीत, भजन और आरती आदि सुनते हैं.
एकादशी व्रत में क्या खाएं
एकादशी के व्रत में शकरकंदी, कट्टू, आलू, नारियल, काली मिर्च और साबुदाना का सेवन किया जा सकता है. इसके अलावा सेंधा नमक, अदरक, बादाम, दूध और चीनी को भी खानपान में सम्मिलित करते हैं.
जो भक्त एकादशी का व्रत रखते हैं या अगर किसी के घर में कोई व्यक्ति एकादशी का व्रत रख रहा है तो उन्हें मांस, लहसुन, मसूर की दाल और प्याज आदि से परहेज करने के लिए कहा जाता है.
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