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इस बार लोकवाणी छतीसगढ़ सरकार दो वर्ष का कार्यकाल विषय पर होगी केन्द्रित
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 13 वीं कड़ी का प्रसारण 13 दिसंबर, रविवार को होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार ‘छत्तीसगढ़ सरकार दो वर्ष का कार्यकाल' विषय पर प्रदेशवासियों से बात करेंगे। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खेलबो-जीतबो-गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का नारा अब धरातल पर तेजी से मूर्त रूप ले रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य मंे खिलाड़ियों और खेलप्रेमियों के लिए सर्वसुविधा युक्त अत्याधुनिक खेल सुविधाएं तेजी से विकसित हो रही है। इससे खेल के नक्शे पर छत्तीसगढ़ राज्य की एक अलग पहचान होगी साथ ही यहां के खिलाड़ियों को राज्य में ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विगत दो वर्षों में खेल अधोसंरचनाओं के विकास में बड़ी उपलब्धि भी हासिल की है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व और खेल मंत्री उमेश पटेल के मार्गनिर्देशन में प्रदेश में आधुनिक खेलों के साथ ही साथ प्रदेश के ग्रामीण और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए अनेक अहम कदम उठाएं है।
प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद खेलों और खेल सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के लिए एक अहम निर्णय लेते हुए राज्य में खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। राज्य में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नई और आधुनिक खेल आकादमियां शुरू की जा रही हैे। इन अकादमियों का संचालन छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण के माध्यम से किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से अब तक कई ऐसे खेल मैदान व खेल अधोसंरचनाएं थीं, जिनका सही उपयोग नहीं किया जा रहा था, भूपेश सरकार ने खेल विकास प्राधिकरण के माध्यम इन अनुपयोगी खेल मैदानों का उन्नयन कर उन्हें उपयोगी बनाकर खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध कराने जा रही है।
अभी हाल ही में 19 नवंबर को मुख्यमंत्री बघेल ने रायपुर के कृषि विश्वविद्यालय सांस्कृतिक भवन से लगी 4 एकड़ भूमि में टेनिस स्पोर्ट अकादमी के निर्माण के लिए आधारशिला रखी है। इस आकादमी के निर्माण के लिए राज्य शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा 17 करोड़ 75 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की है। टेनिस स्पोर्ट अकादमी के अंतर्गत एडमिन बिल्ंिडग, हॉस्टल बिल्ंिडग और टेनिस कोर्ट का निर्माण किया जाएगा। टेनिस कोर्ट में 3 हजार 500 दर्शक क्षमता की होगी।
इसके साथ ही राजधानी रायपुर में बालक एवं बालिकाओं के लिए आवासीय हॉकी अकादमी एवं न्यायधानी बिलासपुर में तैराकी, कुश्ती और एथलेटिक के ‘एक्सिलेंस सेंटर’ प्रारंभ होने से अब खिलाड़ियों को प्रशिक्षण लेने बाहर नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियो को ये सुविधाएं अपने ही राज्य में मिल सकेंगी। राज्य सरकार के प्रयास से इन दोनो ही संस्थाओं को सांई से मान्यता मिल गई है। इससे अब राज्य के कोने कोने से खेल प्रतिभाओें का चयन किया जाएगा। साथ ही आवासीय खेल अकादमी में खिलाड़ियों को छात्रावास, छात्रवृत्ति, शिक्षा और प्रशिक्षण की बेहतर सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विशेष प्रयासों से भारत सरकार ने अम्बिकापुर में मल्टीपरपज इंडोर हॉल के निर्माण के लिए 4 करोड़ 50 लाख रूपए तथा महासमुन्द में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रेक के निर्माण के लिए 6 करोड़ 60 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी है। मुख्यमंत्री राज्य के खिलाड़ियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार बड़े कदम उठा रहे हैं। राज्य में विश्वस्तरीय खेल अधोसंरचनाओं के निर्माण के लिए भी कदम दर कदम राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। बिलासपुर में नव निर्मित सिंथेटिक टर्फ के हॉकी स्टेडियम का नामकरण स्वर्गीय बी.आर.यादव हॉकी स्टेडियम करते हुए इस स्टेडियम को खिलाड़ियों के लिए खोल दिया गया है।
छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर सर्वाधिक जोर दे रही है। इसके लिए राज्य में शीघ्र ही विभिन्न खेलों के प्रशिक्षकों की भर्ती की भी तैयारी चल रही है। खेल एवं युवा कल्याण संचालनालय द्वारा इसके लिए कार्यवाही की जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर राज्य के बाहर से भी प्रशिक्षकों की सेवाएं ली जाएंगी ताकि राज्य के खिलाड़ियों का स्तर और उंचा हो सके और वे बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
राजधानी रायपुर में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना की थीम पर विगत वर्ष राज्य युवा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया था, जिसमें राज्य गठन के बाद पहली बार राज्य के युवाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिये थे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस आयोजन को प्रतिवर्ष करने के निर्देश दिए हैं, इसके लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा पृथक से बजट प्रावधान भी रखा है। युवा महोत्सव के सभी प्रतिभागियों को 5-5 सौ रूपए की प्रोत्साहन राशि भी दी गई है।
इसके साथ ही भारत सरकार द्वारा ‘वन स्टेट-वन गेम‘ के तहत ओलंम्पिक-2024 में तीरंदाजी में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतिभाशाली तीरंदाज खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर उन्हें तैयार करने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ राज्य को सौंपी गई है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा नैसर्गिक प्रतिभा वाले युवाओं का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। राज्य के जशपुर में हॉकी के खेल को बढ़ावा देने के लिए एस्ट्रोटर्फ का काम चालू किया गया है। पाटन-मर्रा में स्टेेडियम का निर्माण किया जा रहा है। दुर्ग में जूडो एकेडमी की स्थापना की गई है। राज्य सरकार नारायणपुर में मलखम्भ को प्रोत्साहित करने के लिए वहां बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा रही है।
प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राजीव युवा मितान क्लबों का गठन किया जा रहा है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा प्रदेश के 146 विकासखण्डों की 11 हजार 664 ग्राम पंचायतों में राजीव युवा मितन क्लब योजना लागू की जाएगी। इन क्लबों को अपनी गतिविधियों के संचालन के लिए प्रतिमाह 10 हजार रूपए दिए जाएंगे। क्लब के युवाओं को विभिन्न सामाजिक गतिविधियों जैसे-स्वच्छता, वृक्षारोपण कार्यक्रमों सहित अन्य योजनाओं के प्रचार के लिए जोड़ा जाएगा।
( लेख - छेदीलाल तिवारी, जनसंपर्क )
नीट क्वालिफाई बच्चे जो नेटवर्क प्राब्लम के चलते काउंसिलिंग के लिए तय समय पर नही करा सके थे अपना पंजीयन इन होनहार बच्चों का अब सरकार संवारेगी भविष्य
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक ओर संवेदनशील पहल करते हुए प्रदेश के सुदुर अंचल जहां नेटवर्क और अन्य तकनीकी कारणों से नीट क्वालिफाई होनहार छात्र-छात्राएं जो काउंसलिंग के लिए निर्धारित समय पर अपना पंजीयन नही करा सके थे उन्हें अब प्रदेश के निजी काॅलेजों में पेमेंट सीट पर प्रवेश दिलाने के निर्देश दिए है। इन होनहार बच्चों का भविष्य अब सरकार संवारेगी। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद यह पहली बार है कि एमबीबीएस के लिए निजी काॅलेजों के पेमेंट सीट में बच्चों को राज्य सरकार के खर्च पर दाखिला दिलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि किसी भी बच्चे के भविष्य के साथ कोई समझौता नही होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रदेश के दूरस्थ आदिवासी अंचलों के ऐसे सभी होनहार बच्चों के एमबीबीएस मेें दाखिला के लिए जिला प्रशासन को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संज्ञान में जैसे ही यह बात आयी कि दंतेवाड़ा जिले के 27 होनहार छात्र-छात्राएं जिन्होंने नीट क्वालिफाई किया है परन्तु नेटवर्क प्राब्लम के चलते प्रथम काउंसलिंग में उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका था। इस सम्बन्ध में जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर पंजीयन कराने का प्रयास किया गया और राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय काउंसलिंग पूर्व इनका रजिस्ट्रेशन कराया गया परंतु ये छात्र चयन से वंचित रह गए । राज्य में पंजीयन हेतु द्वितीय अवसर नहीं होने से उनका पंजीयन नहीं कराया जा सका । प्रथम काउंसलिंग के पश्चात इसमें दो छात्रा कुमारी पदमा मडे और पीयूषा बेक एमबीबीएस में प्रवेश की पात्रता रखती हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कलेक्टर दंतेवाड़ा द्वारा इन छात्राओं का प्रदेश के निजी काॅलेजों में दाखिला की कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आगे भी यदि इनमें से कोई छात्र कटअप के बाद प्रवेश के लिए पात्र पाया जाता है तो उन्हें भी निजी काॅलेजों की पेमेंट सीट पर दाखिला दिलाया जाएगा और इसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
पेंड्रीडीह की महिलाओं को गोधन न्याय योजना के तहत मिली 1 लाख 32 हजार 282 रूपए की राशि
बाड़ी की साग-सब्जी बनी आय का जरिया
राजनांदगांव / शौर्यपथ / ग्रामीण संस्कृति, परिवेश एवं संसाधनों के अनुरूप जब ग्रामीण विकास की दिशा तय की जाती है, तब उसकी परिणति सामाजिक परिवर्तन के रूप में होती है। शासन की किसान हितैषी नरवा, घुरवा, गरुआ एवं बाड़ी योजना गावों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है और खुशहाली एवं समृद्धि ला रही है। वहीं सामाजिक चेतना की मशाल भी है, जिसकी रोशनी से ग्रामीण महिलाओं को आगे बढऩे का आत्मविश्वास और संबल मिला है। इसकी एक बानगी छुरिया विकासखंड के ग्राम पेंड्रीडीह में दिखी, जहाँ महिलाओं की जिंदगी बदल रही है। मेहनतकश महिलाओं का कारवां सफलता की राह पर आगे बढ़ा है। पेंड्रीडीह आदर्श गौठान में 5 महिला स्व सहायता समूह कार्यरत है।
गौठान से लगे 6 एकड़ की सामुदायिक बाड़ी में जैविक खाद से साग-सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने अपने भ्रमण के दौरान समूह की महिलाओं को सब्जी उत्पादन के लिये प्रोत्साहित किया था। बाड़ी में टमाटर, बैंगन, बरबट्टी, मूली, जिमीकंद का उत्पादन हो रहा है। स्वादिष्ट सब्जियां होने के कारण इनकी आस-पास के बाजार में मांग बढ़ी है और समूह की आय में वृद्धि हुई है। गोधन न्याय योजना के तहत गौठान में एकत्रित गोबर से समूह की महिलाओं को 1 लाख 32 हजार 282 रूपए की राशि मिली। राधाकृष्ण आदर्श गौठान समिति में 703.20 क्विंटल गोबर खरीदी गई, जिसमें से 390 क्विंटल गोबर का वर्मी टैंक में भराई किया गया है और वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा रहा है। माँ भवानी स्वसहायता समूह के सदस्यों द्वारा टैंक में 65 किलो वर्मी डाला गया है और 243 किलो वर्मी खाद तैयार कर लिया गया है, जिसे सैम्पल जांच के लिए भेजा गया है। जनपद सीईओ छुरिया श्री प्रतीक प्रधान ने बताया कि अभी गौठान में 5 समूह जिनमें राधाकृष्ण स्वसहायता समूह, जय माँ दंतेश्वरी स्वसहायता समूह, जय माँ गायत्री स्वसहायता समूह, जय माँ शीतला एवं जय लक्ष्मी स्वसहायता समूह कार्यरत है और बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं। एनजीजीबी की टीम इनका सहयोग कर रही है।
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत रायपुर शहरी क्षेत्र में दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन शुरू
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत प्रदेश के पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में रायपुर शहरी क्षेत्र में दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन शुरू हो गया है। पहले दिन यह मोबाइल क्लिनिक रायपुर के गोंदवारा क्षेत्र और आज हीरापुर सेक्टर के गोगांव आंगनबाड़ी क्षेत्र पहुंची।
दाई-दीदी क्लीनिक की मोबाइल टीम पहुंचने पर महिलाओं ने उसका स्वागत किया। गोंदवारा में कल जहां इस क्लिनिक के माध्यम से लगभग पचास महिलाओं ने अपना इलाज कराया था, वहीं आज सौ से अधिक महिलाओं ने अपना इलाज कराया। कई गर्भवती एवं प्रसूता महिलाओं ने जहां महिला चिकित्सक को अपने बीच पाकर उन्हें अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य संबंधित समस्यायें बतायी वहीं जांच करवाकर अपना इलाज भी करवाया।
मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के जन्म दिवस पर किया था शुभारंभ
उल्लेखनीय हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो दिन पूर्व 19 नवम्बर को देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के जन्म दिवस पर महिलाओं के लिए क्लीनिक दाई-दीदी क्लीनिक का शुभारंभ किया था। उन्होंने पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र के लिए 3 स्पेशल मोबाइल दाई-दीदी क्लीनिक को अपने निवास से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया था। इस क्लीनिक में डॉक्टर सहित सभी चिकित्सकीय स्टाफ महिलाएं होंगी और केवल महिलाओं का ही निःशुल्क इलाज किया जाएगा।
क्लिनिक में आने वाली महिलाओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा महिलाओं के प्रति दिखाई गई संवेदनशीलता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और उनके प्रति आभार व्यक्त किया। उल्लेखनीय हैं कि दाई-दीदी क्लीनिक देश में अपनी तरह का पहला क्लीनिक है, जो केवल महिलाओं का इलाज करेगा। यह भी उल्लेखनीय हैं कि कई बार संकोच के कारण महिलाएं अपनी बीमारी को खुलकर नहीं बता पाती हैं। इस कारण उनकी बीमारी का सही उपचार नहीं हो पाता। अब दाई-दीदी क्लीनिक में महिला चिकित्सक और महिला स्टाफ होने से वे निःसंकोच अपना समुचित इलाज करा रही है। रायपुर शहर में इस मोबाइल क्लिनिक के माध्यम से महिलाओं को निःशुल्क इलाज की सुविधा उनके घर के पास मिल रही है और महिलाएं भी इसका पूरा लाभ लेते हुए बड़ी संख्या में आकर अपना इलाज करा रही है।
स्तन कैंसर के अलावा गर्भवती महिलाओं की विशेष जांच की सुविधा
दाई-दीदी क्लीनिक में महिलाओं के प्राथमिक उपचार के साथ-साथ महिला चिकित्सक द्वारा स्तन कैंसर की जांच, हितग्राहियों को स्व स्तन जांच का प्रशिक्षण, गर्भवती महिलाओं की नियमित एवं विशेष जांच आदि की अतिरिक्त सुविधा हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से शहरों में स्थित आंगनबाड़ी के निकट पूर्व निर्धारित दिवसों में यह क्लीनिक स्लम क्षेत्र में लगाया जा रहा है। इस क्लीनिक के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं, बच्चों आदि के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न हितग्राहीमूलक परियोजना का लाभ भी प्रदान किया जा रहा है।
यह भी उल्लेखनीय हैं कि जनरल क्लीनिक में महिलाओं के लिए पृथक जांच कक्ष और काउंसलर नहीं होने से महिलाएं परिवार नियोजन के साधन, कॉपर-टी निवेशन, आपातकालीन पिल्स की उपलब्धता, गर्भनिरोधक गोलियां, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली, गर्भनिरोधक इंजेक्शन, परिवार नियोजन परामर्श, एसटीडी परामर्श में शर्म का अनुभव करती है। इस महिला क्लीनिक में डेडीकेटेड महिला स्टाफ होने से महिलाओं विशेषकर झुग्गी झोपड़ क्षेत्र की गरीब महिलाएं अब इस प्रकार के परामर्श निःसंकोच ले रही हैं।
मुख्यमंत्री ने दाई-दीदी क्लीनिक का किया शुभारंभ : दाई-दीदी क्लीनिक की वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर किया रवाना
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के जन्म दिवस पर महिलाओं के लिए क्लीनिक दाई-दीदी क्लीनिक का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र के लिए 03 स्पेशल मोबाइल दाई-दीदी क्लीनिक को अपने निवास से हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने मोबाइल क्लीनिक के भीतर जाकर उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन भी किया और अपने ब्लड प्रेशर की जांच भी करायी। इस दाई-दीदी स्पेशल क्लीनिक में डॉक्टर सहित सभी चिकित्सकीय स्टाफ महिलाएं होंगी और केवल महिलाओं का ही निःशुल्क इलाज किया जाएगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दाई-दीदी क्लीनिक देश में अपनी तरह का पहला क्लीनिक है, जो केवल महिलाओं का इलाज करेगा। वर्तमान में इसे रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर निगम क्षेत्र में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है और आगे इसका विस्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकोच के कारण महिलाएं अपनी बीमारी को खुलकर नहीं बता पाती हैं। इस कारण उनकी बीमारी का सही उपचार नहीं हो पाता। अब दाई-दीदी क्लीनिक में महिला चिकित्सक और महिला स्टाफ होने से वे निःसंकोच अपना समुचित इलाज करा सकेंगी। इसमें महिलाओं को निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। उन्हें अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने महिलाओं से इस क्लीनिक का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील की है।
इस मौके पर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया, राज्य गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, महापौर एजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, सचिव नगरीय प्रशासन श्रीमती अलरमेल मंगई डी., रायपुर कलेक्टर भारतीदासन, नगर निगम कमिश्नर रायपुर, डॉक्टर, नर्स सहित उपस्थित थे।
गौरतलब है कि दाई-दीदी क्लीनिक में महिलाओं के प्राथमिक उपचार के साथ-साथ महिला चिकित्सक द्वारा स्तन कैंसर की जांच, हितग्राहियों को स्व स्तन जांच का प्रशिक्षण, गर्भवती महिलाओं की नियमित एवं विशेष जांच आदि की अतिरिक्त सुविधा होगी। महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से शहरों में स्थित आंगनबाड़ी के निकट पूर्व निर्धारित दिवसों में यह क्लीनिक स्लम क्षेत्र में लगाया जाएगा। इस क्लीनिक के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं, बच्चों आदि के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न हितग्राहीमूलक परियोजना का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
जनरल क्लीनिक में महिलाओं के लिए पृथक जांच कक्ष और काउंसलर नहीं होने से महिलाएं परिवार नियोजन के साधन, कॉपर-टी निवेशन, आपातकालीन पिल्स की उपलब्धता, गर्भनिरोधक गोलियां, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली, गर्भनिरोधक इंजेक्शन, परिवार नियोजन परामर्श, एसटीडी परामर्श में शर्म का अनुभव करती है। इस महिला क्लीनिक में डेडीकेटेड महिला स्टाफ होने से अब इस प्रकार के परामर्श निःसंकोच ले सकेंगी।
रायपुर / / शौर्यपथ /मुख्यमंत्री बघेल 19 नवम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी की जयंती पर महिलाओं के लिए स्पेशल क्लीनिक दाई-दीदी क्लीनिक का शुभारंभ करेंगे। महिलाओं के लिए शुरू की जाने वाली यह स्पेशल महिला मेडिकल मोबाइल क्लीनिक देश में अपनी तरह की पहली अनूठी क्लीनिक होगी। क्लीनिक की गाड़ियों में केवल महिला मरीजों को ही निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। दाई-दीदी क्लीनिक गाड़ियों में केवल महिला स्टाफ तथा महिला डॉक्टर, महिला लैब टेक्नीशियन एवं महिला एएनएम ही कार्यरत रहेंगे। इस क्लीनिक के शुरू होने से महिला श्रमिकों एवं स्लम क्षेत्रों में निवासरत महिलाओं एवं बच्चियों को अपने घर के निकट ही महिला डॉक्टरों के माध्यम से इलाज की सुविधा मिलेगी।
इस क्लीनिक का संचालन मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत किया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश के तीन बड़े नगर पालिक निगम रायपुर, भिलाई एवं बिलासपुर में महिलाओं के लिए एक-एक दाई-दीदी क्लीनिक शुरू की जा रही है। इस क्लीनिक में महिलाओं के प्राथमिक उपचार के साथ-साथ महिला चिकित्सक द्वारा स्तन कैंसर की जांच, हितग्राहियों को स्व स्तन जांच का प्रशिक्षण, गर्भवती महिलाओं की नियमित एवं विशेष जांच आदि की अतिरिक्त सुविधा होगी। महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से शहरों में स्थित आंगनबाड़ी के निकट पूर्व निर्धारित दिवसों में यह क्लीनिक स्लम क्षेत्र में लगाया जाएगा। इस क्लीनिक के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं, बच्चों आदि के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न हितग्राहीमूलक परियोजना का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
गौरतलब है कि जनरल क्लीनिक में महिलाओं के लिए पृथक जांच कक्ष और काउंसलर नहीं होने से महिलाएं परिवार नियोजन के साधन, कॉपर-टी निवेशन, आपातकालीन पिल्स की उपलब्धता, गर्भनिरोधक गोलियां, साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली, गर्भनिरोधक इंजेक्शन, परिवार नियोजन परामर्श, एसटीडी परामर्श में शर्म का अनुभव करती है। इस महिला क्लीनिक में डेडीकेटेड महिला स्टाफ होने से अब इस प्रकार के परामर्श निःसंकोच ले सकेंगी।
25, 26 एवं 27 नवंबर को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके करा सकते हैं रिकॉर्डिंग
13 दिसंबर को प्रसारित होगी 13 वीं कड़ी
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार छत्तीसगढ़ सरकार दो वर्ष का कार्यकाल विषय पर प्रदेशवासियों से बात करेंगे।
इस संबंध में कोई भी व्यक्ति आकाशवाणी रायपुर के दूरभाष नंबर 0771-2430501, 2430502, 2430503 पर 25, 26 एवं 27 नवंबर को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकॉर्ड करा सकते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 13 वीं कड़ी का प्रसारण 13 दिसंबर को होगा। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा।
दुर्ग / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान के दौरान उन महिलाओं से मिले जिनके द्वारा गोबर से बनाए दीयों, वंदनवार, शुभ-लाभ,वॉल हैंगिंग इत्यादि ने न केवल प्रदेश में बल्कि देश के बाहर भी छत्तीसगढ़ को पहचान दिलाई है।
महिलाओं ने मुख्यमंत्री जी को शुध्द गोबर से बने वंदनवार और दीये भेंट भी किए।महिलाओं द्वारा दी गई भेंट को मुख्यमंत्री जी ने बड़े स्नेह से स्वीकार किया और उनके साथ तस्वीर भी खिंचवाई।संस्था की संचालिका श्रीमती निधि चन्द्राकर ने जब मुख्यमंत्री जी को बताया कि उन्होंने देश के बाहर भी दीये और वंदनवार भेजे हैं तो वे बहुत खुश हुए। उनकी मेहनत की सराहना की और आशीर्वाद दिया ऐसे ही अच्छा काम करते रहिए।महिलाओं की हुनरमंदी देखकर मुख्यमंत्री जी ने उनका उत्साहवर्धन भी किया।उन्होंने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में अच्छा काम कर रही हैं आपने गोधन से बने उत्पादों को देश के बाहर पहचान दिलाई जो काबिले तारीफ है।
संस्था की सभी महिलाएं श्रीमती कल्पना वर्मा, श्रीमती शशि ,श्रीमती मनीषा और श्रीमती पिंकी मुख्यमंत्री से मिलकर काफी उत्साहित नजर आईं।इन महिलाओं ने बताया उन सबको बहुत अच्छा लगा जब उन सबको प्रदेश के मुख्यमंत्री का इतना स्नेह और आशीर्वाद मिला।अब वे दुगने उत्साह से काम करेंगी।
दुर्ग / शौर्यपथ / ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए गौठान का सशक्तिकरण आवश्यक है। गौठान के बनने से यहां जानवरों के रखने की व्यवस्था हो गई। गोधन न्याय योजना के माध्यम से पशुधन को लोग ज्यादा सहेजने लगे हैं। इससे फसल सुरक्षा भी हो रही है। कुछ किसानों ने बताया कि उन्होंने काफी समय पहले ओन्हारी फसल ली थी। इस बार उन्होंने फिर से यह फसल लगाई है। यह बताता है कि मवेशियों से फसल सुरक्षा बेहद आवश्यक थी।
गौठान और गोधन न्याय योजना से इसका रास्ता खुला। यह खेती और पशुपालन की बेहतरी के लिए शानदार योजना है। साथ ही जैविक खेती की ओर भी इससे राह प्रशस्त होती है। उन्होंने कहा कि पिछली बार किसानों ने गौठान के लिए मुक्त हस्त से पैरादान किया था। गोमाता के संवर्धन के लिए ये सबसे उत्तम कार्य है। इस बार भी खेतों में फसल अवशेष जलाएं नहीं अपितु पैरादान करें।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गौठान ग्रामीण आजीविका केंद्र के रूप में स्थापित होंगे। अभी स्वसहायता समूह की महिलाओं ने दीपावली को देखते हुए उत्पाद तैयार किये हैं। इनकी अच्छी बिक्री हो रही है। इन्हें स्थानीय जरूरत के मुताबिक चीजें तैयार करने के लिए कहा जा रहा है। अपने हुनर, गुणवत्ता और मेहनत से ये अपने उत्पादों की बाजार में जगह बना लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान उत्पादन करने वाले किसानों को एथेनॉल का प्लांट लगने से विशेष मदद मिलेगी। इसके लिए केंद्र से अनुमति मांगी गई थी, प्लांट आरम्भ होने से धान उगाने वाले किसानों की समृद्धि और बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों को खेती किसानी में किसी तरह की दिक्कत न आये, इसके लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की किश्त ऐसे समय में दी गई जब किसानों को खेती के लिए सबसे ज्यादा राशि की जरूरत होती है।
पाटन में 101 आंगनबाड़ी केंद्रों का रेनोवेशन वेदांता समूह की मदद से हुआ, लोकार्पण के पश्चात बच्चों से प्रश्न पूछे मुख्यमंत्री ने
दुर्ग / शौर्यपथ / बच्चे सबसे अच्छे, मुख्यमंत्री ने जब आर जामगांव में आंगनबाड़ी के बच्चों की क्लास ली तो ब्लैकबोर्ड में यह लिख दिया। बच्चों के साथ उनके यह बेहद आत्मीय क्षण थे मौका था पाटन विधानसभा में 101 आंगनबाड़ी केंद्रों के रेनोवेशन पश्चात लोकार्पण का। यह वेदांता समूह के सहयोग से हुआ। मुख्यमंत्री ने इस केंद्र की बड़ी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस ऑडियो विजुअल की सुविधा वाले केंद्र में बच्चों को कल्पनाशीलता विकसित करने में खेल खेल में सीखने में खासी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बच्चों से प्रश्न भी पूछे।
आंगनबाड़ी की दीवारों पशु पक्षियों के सुंदर तस्वीरों से सजी थी। मुख्यमंत्री एक एक कर इनके बारे में पूछते रहे और बच्चे उत्साह से जवाब देते रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी पहली ऐसी जगह होती है जहां घर से परे बच्चे पहली बार देर तक रुकते हैं। यह सुंदर हो, सुविधापूर्ण हो, मनोरंजक हो तो बच्चों को बहुत अच्छा लगता है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बच्चों को गिफ्ट भी दिये। उल्लेखनीय है कि लोकार्पित होने वाले केंद्रों में ऑडियो विजुअल क्लास के लिए टीवी सेट आदि की व्यवस्था की गई है। हाइजिनिक किचन बनाया गया है। वाटर फ़िल्टर की सुविधा है। एक मॉडल आंगनबाड़ी के अनुकूल बड़ा सुंदर माहौल यहां बनाया गया है।
यहां मौजूद जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि यहां की कार्यकर्ता श्रीमती मोहिनी म्हस्के और सहायिका श्रीमती देवेंद्री श्रीवास ने सुपोषण को लेकर बहुत अच्छा काम किया है तथा अपने केंद्र को कुपोषण से मुक्त किया है। इस पर मुख्यमंत्री ने दोनों का सम्मान किया। इस मौके पर संभागायुक्त टीसी महावर, आईजी विवेकानंद सिन्हा, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसपी प्रशांत ठाकुर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
दुर्ग / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दुर्ग जिले के पाटन ब्लाक के ग्राम पतोरा के गौठान पहुंचे। वहां स्वसहायता समूह की महिलाओं ने दीवाली त्योहार के लिए सुंदर डिजाइनर दीये, सजावटी सामग्री तथा परंपरागत छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के पैकेट की सामग्री उन्हें दिखाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बिहान बाजार के बुकलेट का भी लोेकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं द्वारा संचालित आयमूलक गतिविधियों और उनके द्वारा उत्पादित सामग्री की गुणवत्ता की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सामग्रियों को केवल स्थानीय स्तर विक्रय करने के बजाए इसकी मार्केटिंग अन्य बाजारों एवं शहरों में की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को महिला समूहों के उत्पाद की मार्केटिंग एवं ऑनलाईन विक्रय की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि आनलाइन प्लेटफार्म के लिए बातचीत चल रही है। इन उत्पादों को अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने दुर्ग में बिहान बाजार जिला पंचायत परिसर में आरंभ किया गया है। केवल दो दिनों में 3 लाख रुपए की बिक्री बिहान बाजार में हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं से कहा कि जिन वस्तुओं की बाजार में ज्यादा माँग है, उन्हें तैयार करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि इन्हें सिलाई मशीन का प्रशिक्षण भी दें। अगरबत्ती, फिनाइल, साबुन जैसे उत्पादों के निर्माण के लिए भी सभी समूहों को प्रेरित करें। कोशिश यह हो कि स्थानीय मार्केट में अधिकाधिक उत्पाद स्थानीय एसएचजी ही उपलब्ध करा दें। इससे आय का रास्ता खुलेगा।
मुख्यमंत्री ने गौठान में वर्मी कंपोस्ट उत्पादन को भी देखा। मुख्यमंत्री ने पूछा कि डिकंपोजर डाला या नहीं। महिला समूह से जुड़ी सुमन ने बताया कि डिकंपोजर के उपयोग से खाद बनाने में लगने वाला समय काफी कम हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों को आत्मनिर्भर बनाना है। आप लोग जितना काम गोधन न्याय योजना पर करेंगे, आपकी आय उतनी ही बढ़ेगी। उन्होंने पहाटियों से भी बातचीत की। पहाटियों ने बताया कि इससे हमें आय जरिया मिल गया है।इस मौके पर गुंडरदेही के विधायक श्री कुंवर निषाद, संभागायुक्त श्री टीसी महावर, आईजी विवेकानंद सिन्हा, सीएफ श्रीमती शालिनी रैना, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसपी प्रशांत ठाकुर, सीईओ सच्चिदानंद आलोक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
राज्य में गोबर विक्रेताओं को अब तक हो चुका 47.38 करोड़ रूपए का भुगतान
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राज्य शासन की महत्वाकांक्षी 'गोधन न्याय योजना' के तहत राज्य के 77 हजार 592 ग्रामीणों एवं गौपालकों से 20 अक्टूबर से 5 नवम्बर के मध्य गौठानों में क्रय किए गए गोबर के एवज में 8 करोड़ 97 लाख रूपए का ऑनलाइन भुगतान किया। गोधन न्याय योजना के तहत अब तक गोबर विक्रेताओं को 47 करोड़ 38 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागों के समन्वित प्रयास से गौठान और गोधन न्याय योजना का राज्य में सफल क्रियान्वयन हो रहा है और इसका लाभ ग्रामीणों, किसानों, पशुपालकों सहित समाज के गरीब तबके के लोगों को मिलने लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन और विक्रय भी शुरू हो चुका है। इससे अब महिला समूहों को भी लाभ मिलने लगेगा। उन्होंने वर्मी कम्पोस्ट सहित अन्य सामग्रियों के निर्माण के लिए महिला समूहों को प्रशिक्षित किए जाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन एवं अप्रारंभ गौठानों को तेजी से पूरा कराने और इसे आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित करने की बात कही। उन्होंने महिला समूहों द्वारा उत्पादित सब्जी एवं अन्य सामग्रियों की मार्केटिंग के लिए उन्हें शासकीय संस्थाओं विशेषकर स्कूलों में संचालित मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम तथा आश्रम-छात्रावास में आपूर्ति सुनिश्चित करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को इस बात पर ध्यान देने की जरूरत है कि महिला समूह मांग आधारित सामग्रियों का उत्पादन करें, ताकि उन्हें लाभ होता रहे। उन्होंने कहा कि सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चर्चा पूरे देश में है। उन्होंने राज्य में इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोधन न्याय योजना के तहत प्रत्येक पखवाड़े में गोबर खरीदी की राशि का भुगतान कर अपने वादे को निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अब तक 47.38 करोड़ रूपए का भुगतान गोबर बेचने वाले ग्रामीणों एवं गौपालकों को किया जा चुका है। यह समाज के जरूरतमंद एवं गरीब लोगों को सीधा लाभ पहुंचाने वाली योजना है। उन्होंने कहा कि गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट की गुणवत्ता की जांच के लिए राज्य के प्रत्येक जिले में प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है। गौठानों के आजीविका मिशन से जोडऩे की कार्ययोजना है। उन्होंने गौठानों में आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र को 10-10 गौठानों से तथा एग्रीकल्चर, डेयरी एवं मत्स्य महाविद्यालयों को भी गौठानों से जोडऩे की बात कहीं।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम.गीता ने बताया कि राज्य में 5454 गौठान निर्मित है, जिसमें से 3677 गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है। अब तक 23 लाख 68 हजार 900 क्विंटल गोबर क्रय किया गया है। उन्होंने बताया कि गोबर विक्रेताओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के 51.51 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति वर्ग के 37.24 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति वर्ग के 7.40 प्रतिशत हितग्राही शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वर्मी खाद के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में वर्मी टांको का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। अब तक 44 हजार से अधिक टांके बनाए जा चुके है, जबकि 16 हजार टांके निर्माणाधीन है। गौठानों में 8 हजार से अधिक क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन हुआ है। जिसमें से एक हजार क्विंटल खाद की बिक्री हो चुकी है। शेष खाद की मात्रा की पैकेजिंग एवं विक्रय प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि गोधन न्याय योजना शुरू होने से बीते 3 माह में सक्रिय गौठानों की संख्या में लगभग 1 हजार की बढ़ोत्तरी हुई है।
इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी, सचिव कृषि अमृत कुमार खलखो, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, संचालक उद्यानिकी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में समाज के कमजोर लोगों, आदिवासियों, किसानों, श्रमिकों के कल्याण तथा उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मानना है कि छत्तीसगढ़ में किसानों को आगे बढ़ाकर, मजबूत व आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर ही राज्य को खुशहाल बनाया जा सकता है। वे जानते हैं कि किसान विकास की पूंजी है। गांव की तरक्की में ही देश की तरक्की है। इसलिए 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही किसानों से 2500 रू. प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी के अपने वायदे को पूरा किया। वर्षों से लंबित 17 लाख 82 हजार किसानों का 8 हजार 755 करोड़ रू. का कृषि ऋण और 244 करोड़ रू. का सिंचाई कर माफ किया। ग्राम सुराजी योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा, बारी’ के माध्यम से गांवों की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को नया जीवन देने की पहल की। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में 1700 से अधिक आदिवासी किसानों की 4200 एकड़ जमीन वापिस कर दी। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2500 रू. प्रति मानक बोरा से बढ़ा कर 4000 रू. प्रति मानक बोरा कर दिया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल ने जब प्रदेश के किसानों से 2500 रूपए प्रति क्ंिवटल में धान खरीदने में बाधा आई तो किसानों के हित में हरसंभव कदम उठाने का प्रण लिया। इस बीच अचानक कोरोना संक्रमण का खतरा और देशव्यापी लॉकडाउन से किसान भी अनेक मुसीबतों से घिर गए। इन विपरीत परिस्थितियों में मुख्यमंत्री ने किसानों से किया अपना वादा निभाया और 21 मई को राजीव गांधी जी के शहादत दिवस पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू कर किसानों के खातों में 1500 करोड़ रूपए की प्रथम किश्त की प्रोत्साहन राशि अंतरित। लॉक डाउन अवधि में किसानों को सीधे मदद पहुचाकर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने देश को रास्ता दिखाने का काम किया कि किस तरह हम अपने देश के अन्नदाता को मुसीबत से उबार सकते हैं और नकदी देकर अर्थव्यवस्था को भी सुधार सकते हैं।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य में 19 लाख से अधिक किसानों को 5750 करोड़ रू. की राशि का भुगतान 4 किस्तों में किया जा रहा है। पहली किस्त 1500 करोड़ रूपए 21 मई को किसानों की खाते में देने के बाद दूसरी किस्त 20 अगस्त को राजीव गांधी जी के जन्म दिन के अवसर पर किसानों के खाते में जमा की गई थी। आज एक नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर किसानों को तीसरी किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि दी जाएगी। निश्चित ही यह योजना प्रदेश के किसानों के लिए कोरोना संकट काल में एक वरदान साबित हुई है। इससे किसानों को खेती-किसानी के लिए संबल मिला है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गतिशील बनाने में जुटे हैं। अपनी दूरदर्शी सोच से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने नरवा, गरवा, घुरवा, बारी’ का जो उन्होंने खाका बुना था अब वह धरातल पर सफलता पूर्वक साकार होता दिखाई देने लगा है। प्रदेश में 5600 गौठान स्वीकृत होने के साथ 5454 पूर्ण हो चुके हैं। इन गौठानों में रोजगार के अवसर तो बने ही, साथ ही यहां तैयार जैविक खाद और इसकी उपयोगिता ने गोबर की महत्ता को भी बढ़ाया है। देश में एक अलग तरह की योजना गोधन न्याय योजना की शुरूआत भी इन्हीं उपयोगिताओं और महत्व का परिणाम है। किसानों से 2 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदकर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक नये अध्याय की शुरूआत की है। गोधन न्याय योजना ने देश भर में प्रशंसा बटोरी है। इस योजना में गोबर बेचने वाले किसानों, पशुपालकों एवं ग्रामीणों अब तक 39 करोड़ रूपए का भुगतान भी ऑनलाइन किया जा चुका है। निश्चित ही इन प्रयासों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था संवरने के साथ पर्यावरण संतुलन को बेहतर बनाने में मदद मिली है।
कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के दौरान भी प्रदेश के मुख्यमंत्री गरीबों के मसीहा बने। उन्होंने इस संकटकाल में राशन कार्डधारियों सहित प्रवासी मजदूर परिवारों के लिए खाद्यान्न की व्यवस्था कराई। जरूरतमंदों को निःशुल्क खाद्यान्न देने के साथ आंगनबाड़ी, स्कूल से जुड़े बच्चों को सूखा अनाज घर-घर तक देने का काम किया। मनरेगा के तहत काम और समय पर मजदूरी भुगतान, लघु वनोपज संग्रह के लिए पारिश्रमिक देने में भी छत्तीसगढ़ अव्वल रहा है।
छत्तीसगढ़ की एक तिहाई जनसंख्या अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की है। सरकार द्वार इन वर्गों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी को वन अधिकार मान्यता पत्र देकर आदिवासियों के सांस्कृति एवं पारम्परिक विरासतों को सहेजने और पर्यावरण संतुलन को स्थापित रखने में भी कदम उठाया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य सबसे अधिक वन अधिकार पत्र देने वाला राज्य भी बन गया है। प्रदेश में 12.50 लाख वन क्षेत्र के निवासी है, जो तेंदूपत्ता संग्रहण करते हैं। ऐसे संग्राहकों के लिए श्री शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना लागू कर सुरक्षा लागू की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार का समाज के सभी वर्गों के कल्याण एवं गांवों में खुशहाली लाने और लोगों को स्वावलंबी बनाने का प्रयास सराहनीय है।