May 03, 2025
Hindi Hindi
मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी )

मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी ) (251)

 रायपुर 0/ शौर्यपथ / मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार लघु वनोपजों और वनौषधियों में वेल्यू एडीशन करने वाले उद्योगों को हर संभव मदद देगी। वेल्यू एडीशन से न केवल वनवासियों को लाभ होगा, अपितु उद्योगपतियों और व्यवसायियों को भी अच्छा फायदा होगा। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में बस्तर, धमतरी, महासमुन्द, कांकेर, बालोद के उद्योगपतियों और व्यापारियों के साथ विचार-विमर्श कर रहे थे। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश उद्योगपति और व्यापारी वर्तमान में लघु वनोपजों की खरीदी करके बड़ी कम्पनियों को सप्लाई करते हैं। यदि वे लघु वनोपजों का वेल्यू एडीशन करें, तो इससे जहां स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं व्यापारियों को भी अच्छा लाभ होगा और राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वेल्यू एडीशन के लिए आगे आने वाले उद्योगपतियों और व्यापारियों को कोई अड़चन आती है, तो उसे दूर करने के लिए राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ मदद करेगी। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए उद्योगपति और व्यवसायी लघु वनोपज का संग्रह करने वाली समितियों से गुणवत्ता और मूल्य के बारे में चर्चा करें। वेल्यू एडीशन के प्लांट में इन लोगों को काम दें और फिनिशड प्रोडक्ट तैयार कर बड़ी कम्पनियों को दें या व्यापारिक संस्थाओं के माध्यम से इसकी मार्केटिंग कराएं। उन्होंने कहा कि अपनी फैक्ट्री में स्थानीय संग्राहकों को काम दें, इससे उन्हें रोजगार और आय का एक नया जरिया मिलेगा और व्यापारियों को भी लाभ होगा।    
   मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत भू-भाग में वन है, यहां लघु वनोपज और वनौषधियां नैसर्गिक रूप से प्रचुर मात्रा मंे पायी जाती हैं। राज्य सरकार द्वारा 31 प्रकार की लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर संग्राहकों के माध्यम से की जा रही है। लाॅकडाउन के दौरान देश का लगभग 99 प्रतिशत लघु वनोपज का संग्रहण एवं खरीदी छत्तीसगढ़ में की गई, इससे वनवासियों को संकट के समय में भी बड़ा आर्थिक संबल मिला है। महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिला। तेंदूपत्ता का संग्रहण 4000 रूपए प्रति मानक बोरे की दर पर किया जा रहा है। महुआ का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 30 रूपए किया गया, इससे बाजार में 40 रूपए प्रति किलो पर भी महुआ बिका। लाॅकडाउन में बड़े पैमाने पर मनरेगा के काम प्रारंभ किए गए जिसमें औसतन 26 लाख लोगों को काम मिला। आदिवासियों को मनरेगा और वनोपजों के संग्रहण कार्य के जरिए आय का साधन मिला और वे इन कार्याें में व्यस्त हो गए। राज्य सरकार ने स्थानीय निवासियों के माध्यम से बांस कटाई कराने का फैसला किया और कटाई के रेट भी बढ़ाए, इससे भोपालपट्टनम में 20 साल बाद पहली बार बांस की कटाई हो सकी। बांस से ट्री गार्ड बनवाने का फैसला भी किया गया, स्थानीय लोगों द्वारा 25 हजार बांस से ट्री गार्ड तैयार किए गए, इससे भी उन्हें आमदनी हुई। 
        मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों और वनवासियों को सतत रूप से आय का जरिया मिलते रहे, इसके लिए वन विभाग को जंगलों में इमारती लकड़ी की जगह चार चिरौंजी, इमली जैसे लघु वनोपज के वनों का रोपण करने के निर्देश दिए गए हैं। वन अधिकार पट्टा प्राप्त हितग्राहियों की जमीन में भी ऐसे पौधों का रोपण करने को कहा गया है। इन पौधों के बीच इंटर क्राॅपिंग के जरिए हल्दी, अदरक, तिखुर की खेती की जा सकती है। इससे वनवासियों को वर्ष भर आमदनी मिलती रहेगी। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि आंवला और चिरौंजी के वृक्ष को बिना नुकसान पहुंचाए आंवला और चिरौंजी की तोड़ाई के लिए तकनीक विकसित करनी होगी। जिससे इनके वृक्ष भी बचे रहें। उन्होंने कहा कि हर गांव में 3 से 5 एकड़ की जमीन पर गौठान विकसित किए जा रहे हैं, जहां फलदार वृक्षों के साथ-साथ लघु वनोपज और वन औषधियों के पौधे भी लगाए जा रहे हैं। गौठानों को राज्य सरकार आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रही है। व्यवसायी इन केंद्रों से जुड़कर वहां काम कर रहे समूहों की सहायता से प्रोसेसिंग का काम प्रारंभ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गौठान आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में बड़े बदलाव का माध्यम बनेगा। खुले में मवेशी नहीं रहने से किसानों को दोहरी फसल लेने में भी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि गौठानों में पशु पालन और डेयरी का काम भी किया जा रहा है। गौठानों के प्रबंधन एवं संचालक के लिए व्यवसायी एवं उद्योगपति अपने अनुभव एवं ज्ञान से ग्रामीणों की मदद कर सकते हैं। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों का पहिया चलेगा तो लोगों को रोजगार मिलेगा इस बात का ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में लाॅकडाउन के दौरान लोगों को रोजगार देने की पहल की गई, अप्रैल से उद्योगों को प्रारंभ करने की अनुमति दी गई। इस दौरान छत्तीसगढ़ से देश में लगभग 90 प्रतिशत इस्पात की आपूर्ति की गई। चर्चा के दौरान उद्योगपतियों ने अपनी विभिन्न समस्याओं की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने उन पर गंभीरता पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर सर्वश्री मोहन भाई पटेल, मुकेश ढोलकिया, जीतेन्द्र चंद्राकर, सुरेश जैन, रोशन अग्रवाल, प्रमोद चंद्राकर और दीपक उपाध्याय सहित अनेक उद्योगपति  चर्चा में शामिल हुए।

आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 9 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषित थे,
कुपोषित बच्चों में 13.79 प्रतिशत की आई कमी

   रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान‘ और विभिन्न योजनाओं के एकीकृत प्लान से बच्चों में कुपोषण दूर करने में बड़ी सफलता मिली है। वर्ष 2019 में किये गये वजन त्यौहार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 9 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषित थे, इनमें से मार्च 2020 तक 67 हजार 889 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गए हैं। इस तरह कुपोषित बच्चों की संख्या में लगभग 13.79 प्रतिशत की कमी आई है। जो कुपोषण के खिलाफ शुरू की गई जंग में एक बड़ी उपलब्धि है। बहुत ही कम समय में ही कुपोषण की दर में उल्लेखनीय कमी का श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व सहित उनकी दूरदर्शी सोच को जाता है।
छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की दर को देखते हुए प्रदेश को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने अभियान की शुरूआत की। राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार प्रदेश के 5 वर्ष से कम उम्र के 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण और 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थे। इन आंकड़ों को देखे तो प्रदेश में 9 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषित थे। इनमें से अधिकांश आदिवासी और दूरस्थ वनांचल इलाकों के बच्चे थे। इन आंकड़ों को नयी सरकार एक चुनौती के रूप में लिया और ‘कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ‘़ की संकल्पना के साथ महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 से पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की है। अभियान की सफलता के लिए इसमें जन-समुदाय को भी शामिल किया गया है।
प्रदेश के नक्सल प्रभावित बस्तर सहित वनांचल के कुछ ग्राम पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सुपोषण अभियान की शुरूआत की गई। दंतेवाड़ा जिले में पंचायतों के माध्यम से गर्म पौष्टिक भोजन और धमतरी जिले में लइका जतन ठउर जैसे नवाचार कार्यक्रमों के जरिए इसे आगे बढ़ाया गया। जिला खनिज न्यास निधि का एक बेहतर उपयोग सुपोषण अभियान के तहत गरम भोजन प्रदान करने की व्यवस्था की गई। इसकी सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अभियान को 2 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में लागू किया। इस अभियान के तहत चिन्हांकित बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र में दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार के अतिरिक्त स्थानीय स्तर निःशुल्क पौष्टिक आहार और कुपोषित महिलाओं और बच्चों को गर्म पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है।
एनीमिया प्रभावितों को आयरन पोलिक एसिड, कृमिनाशक गोली दी जा रही है। प्रदेश को आगामी 3 वर्षों में कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा समन्वित प्रयास किये जा रहे हैं।
कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सभी आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद किया गया है। ऐसी स्थिति में बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम प्रदेश के 51 हजार 455 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लगभग 28 लाख 78 हजार हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट पोषक आहार का वितरण सुनिश्चित कराया है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत हितग्राहियों को गर्म भोजन के स्थान पर सूखा राशन वितरित करने की व्यवस्था की गई है। इसके तहत मई माह तक तीन लाख 47 हजार हितग्राहियों को सूखा राशन प्रदान किया गया है। विश्व बैंक ने भी आंगनाबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना वायरस के नियंत्रण के साथ ही टेक होम राशन वितरण कार्य की प्रशंसा की है। छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित भवन में ठहराकर उनके टीकाकरण, आवश्यक दवाई, स्वास्थ्य परीक्षण की पुख्ता व्यवस्था भी की गई है।
कुपोषण प्रभावित बच्चों और महिलाओं को निःशुल्क काउंसलिंग और परामर्श सेंवाएं देने के साथ नियमित मॉनिटरिंग भी की जा रही है। सुपोषण रथ, शिविरों और परिचर्चा के माध्यम से जनजागरूकता के प्रयास भी हो रहे हैं। इसी की एक कड़ी के रूप में एनीमिया के स्तर और स्वास्थ्य सुधार के लिए बस्तर जिले में शुरू किये गए मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान और स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत किचन गार्डन बागवानी को पोषण के लिए अनूठी राह बताते हुए यूनिसेफ ने सराहना की है।

अब जिला पंचायत के पौधरोपण के लिए कर रहीं ट्री गार्ड तैयार
बांस के प्रमोशन और इसे स्वसहायता समूहों के साथ जोडऩे की योजना को दुर्ग जिले में मिल रही सफलता


   दुर्ग / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर कांफ्रेंस के दौरान बांस के प्रमोशन के लिए कार्य करने के निर्देश दिए थे। दुर्ग जिले में बांस के ट्री गार्ड को स्वसहायता समूहों के माध्यम से बनवाकर उनकी आय भी बढाई जा रही है और न्यूनतम लागत में पौध संरक्षण का उद्देश्य भी पूरा हो पा रहा है। यह छोटी सी शुरूआत हुई है लेकिन बांस को लेकर किया जा रहा यह काम बहुत आगे जाएगा क्योंकि बांस को पेड की श्रेणी से हटाकर घास की श्रेणी में लाये जाने से इसके व्यावसायिक दोहन की संभावनाएं काफी बड गई हैं। इससे बांस के पौधे भी लगाए जा सकेंगे और बांस के काम में लगे बंसोड परिवारों को भी लाभ होगा।
सांकरा स्थित आजीविका केंद्र में यह कार्य बड़े पैमाने पर हो रहा है। यहां स्वसहायता समूहों की तीस महिलाएं बांस के ट्री गार्ड बनाने का काम कर रही हैं। वे एक हजार ट्री गार्ड भिलाई नगर निगम को उपलब्ध करा चुकी हैं। यह केवल शुरूआत है। अभी जिला पंचायत द्वारा बडे पैमाने पर पौधरोपण में इनके बनाये गए ट्री गार्ड का इस्तेमाल हो पाएगा। जिला पंचायत द्वारा इन महिलाओं को दस दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया था। जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि हमारा लक्ष्य बउे पैमाने पर पौधरोपण करना है। हम सामूहिक फलोद्यान भी तैयार कर रहे हैं तथा अन्य तरह के पौधे लगा रहे हैं। इसमें वृहत्तर लाभ हो और लागत बिल्कुल कम हो, इस उद्देश्य से बांस के ट्री गार्ड उपयोगी साबित हुए। यह प्रकृति का ही उपहार है और प्रकृति में ही काम आ जाएगा। इसके साथ ही बांस के उत्पाद को लेकर महिलाओं की ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। चूंकि शासन के लिए पौधरोपण प्राथमिकता है अत: इन महिलाओं के लिए लगातार आय के अवसर बने रहेंगे। जय मां लक्ष्मी स्वसहायता समूह की अध्यक्ष नीरा सिंगौर ने बताया कि हम लोगों को सेरीखेडी में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण प्राप्त करते ही हमें काम मिल गया।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष धमधा ब्लाक में भी स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने बडी मात्रा में ट्री गार्ड बनाये जिनका उपयोग हार्टिकल्चर डिपार्टमेंट ने किया था। अच्छा काम मिला, अब प्रकृति को भी सहेजेंगे- प्रशिक्षित होने भी कोई खर्च नहीं करना पड़ता । काम के लिए भी घूमना नहीं पड़ता। काम भी मिल गया और आर्डर भी मिलते चले गए। पहले थो?ा समय लगता था, अब ट्रेंड हो गए तो बहुत जल्दी करने लगे हैं। इतनी तेजी से आर्डर मिलेंगे, सोचा नहीं था।

// जिले के नागरिकों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिलाने पहल,
// मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर कांफ्रेंस में दिये थे निर्देश, कहा है कि दुर्ग-भिलाई के नागरिकों को महानगरों की ओर नहीं करना पड़े रूख
// हफ्ते भर पहले भिलाई विधायक यादव ने रखी थी मांग

  दुर्ग / शौर्यपथ / सेक्टर नौ हास्पिटल को अत्याधुनिक बनाने अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन मिलकर इसको अत्याधुनिक बनाने योजना बना रहे हैं, ताकि उसके पुरानी दिन वापस आ जाये और दुर्ग भिलाई के लोगों को महानगरों की ओर रूख नही करना पड़े। इसका निर्देश बुधवार को कलेक्टर प्रेस कांफ्रेस में कल मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को निर्देश दिये थे।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद गुरूवार को सुबह ही कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे इस उद्देश्य से सेक्टर 9 हॉस्पिटल पहुंचे और उन्होंने प्रबंधन के साथ बैठक में इस संबंध में लंबी चर्चा की। चर्चा के उपरांत यह तय हुआ कि सेक्टर 9 हॉस्पिटल इस संबंध में प्लान बनाकर देगा। कलेक्टर ने बताया कि सेक्टर 9 हॉस्पिटल में अधोसंरचना पर्याप्त है इसे अद्यतन किया जा सकता है। राज्य शासन की अनेक योजनाओं का लाभ लेकर यहां जिले के नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें सुनिश्चित की जा सकती हैं।
बैठक में सेक्टर 9 हॉस्पिटल प्रबंधन ने वर्तमान स्थिति, मानव संसाधन एवं अस्पताल में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की जानकारी दी। महानगरों के अस्पतालों की तुलना में प्रशिक्षित स्टाफ एवं अधोसंरचना की जानकारी भी दी। कलेक्टर ने कहा कि सेक्टर 9 हॉस्पिटल देश का प्रतिष्ठित संस्थान है। इसकी स्थिति निरंतर बेहतर हो और यह देश के सबसे शीर्ष मेडिकल संस्थानों में से एक हो, इस दिशा में हम सबको मिलकर काम करना है ताकि दुर्ग जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहतरीन हो। इस दिशा में जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सहयोग सेक्टर 9 हॉस्पिटल को किया जाएगा। चाहे मैनपावर के संबंध में हो, विशेषज्ञ चिकित्सकों के संबंध में हों अथवा किसी तरह से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने अन्य तरीके के प्रयोग हों, इस दिशा में अस्पताल प्रबंधन जो प्रस्ताव रखेगा। उस पर विचार कर राज्य शासन के मार्गदर्शन से इस पर प्रभावी अमल किया जाएगा। सेक्टर 9 हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. संजीव इस्सर ने विस्तार से इस संबंध में अपनी बात रखी और उपलब्ध अधोसंरचना के संबंध में अवगत कराया। इस दौरान बीएसपी के ईडी श्री दुबे एवं सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने कहा कि इस तरह के प्रस्ताव आने के बाद सहमति मिलने पर एमओयू हो सकेगा। इसके माध्यम से जिले के नागरिकों को भी बिना बाहर का रूख किए स्तरीय इलाज मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि चूंकि सेक्टर 9 हास्पिटल में प्रभावी अधोसंरचना पहले ही मौजूद है इसलिए यहां पर कुछ अतिरिक्त कदम उठाकर हम बेहतरीन स्वास्थ्य अधोसंरचना बना सकते हैं। इसका लाभ सेल एम्प्लाई को भी मिलेगा और दुर्ग के नागरिकों को भी इसका पूरा लाभ मिल पाएगा। उल्लेखनीय है कि सेक्टर 9 हॉस्पिटल में 800 बेड की सुविधा है। अस्पताल की बड़ी क्षमता को देखते हुए इसे अद्यतन करने अतिरिक्त योजना के क्रियान्वयन होने पर जिले की बडी आबादी को पहले से ज्यादा लाभ मिल सकता है।
एक सप्ताह पूर्व विधायक देवेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री से की थी मांग
बहुत जल्द पब्लिक सेक्टर यूनिट के सबसे बड़े अस्पताल भिलाई के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल सेक्टर-9 की जो तस्वीर बदलने जा रही है। इसकी पहल एक सप्ताह पूर्व भिलाई के विधायक एवं महापौर देवेन्द्र यादव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश से इस अस्पताल को फिर से प्रतिष्ठित अस्पताल बनाये जाने की मांग की थी। लोग ये सवाल कर रहे हैं कि आखिर सरकार ने कैसे सेक्टर-9 अस्पताल की सुध ली है? इसके पीछे भिलाई नगर विधायक देवेंद्र का हाथ है। इसके अलावा देवेंद्र ने सेक्टर-9 अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग की थी। देवेंद्र ने तब तर्क देते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध और भिलाई के सबसे बड़े हॉस्पिटल सेक्टर-9 हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा देना चाहिए। बीएसपी द्वारा सन 1955 से संचालित है। यहां भिलाई स्टील प्लांट के कर्मियों के अलावा प्रदेश व देशभर के लोग उपचार कराने के लिए आते हैं। मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने से काफी सुविधाएं बढ़ेंगी। देवेंद्र की इस पहल के बाद कल कलेक्टर कान्फ्रेंस मीटिंग में सीएम भूपेश ने कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को निर्देश दिए कि सेक्टर-9 अस्पताल को पहले की तरह अपग्रेड किया जाए। इसके लिए रोडमैप बनाए। जो भी जरूरी चीजों की आवश्यकता होगी, उसके लिए सेल प्रबंधन से बात करें और सरकार भी मदद करेगी।

देवेन्द्र यादव ने सीएम से मिल जताया आभार
भिलाई विधायक एवं महापौर देवेन्द्र यादव ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। इस दौरान श्री यादव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा सेक्टर हॉस्पिटल का सुध लेने एवं उसको अत्याधुनिक अस्पताल बनाने के लिए संज्ञान मेंं लेने पर आभार जताया। बता दें कि सेक्टर-9 अस्पताल को फिर से जनउपयोगी बनाने विधायक व महापौर देवेन्द्र यादव ने पहल की थी। देवेंद यादव ने 2 जून को भूपेश सरकार से सेक्टर-9 अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने की मांग की थी। देवेंद्र ने तब तर्क देते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध और भिलाई के सबसे बड़े हॉस्पिटल सेक्टर-9 हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज का दर्जा देना चाहिए। बीएसपी द्वारा सन 1955 से संचालित है। यहां भिलाई स्टील प्लांट के कर्मियों के अलावा प्रदेश व देशभर के लोग उपचार कराने के लिए आते हैं। मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने से काफी सुविधाएं बढ़ेंगी। देवेंद्र की इस पहल के बाद कल कलेक्टर कान्फ्रेंस मीटिंग में सीएम भूपेश ने कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे को निर्देश दिए कि सेक्टर-9 अस्पताल को पहले की तरह अपग्रेड किया जाए। इसके लिए रोडमैप बनाए। जो भी जरूरी चीजों की आवश्यकता होगी, उसके लिए सेल प्रबंधन से बात करें और सरकार भी मदद करेगी।

राजनांदगांव / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए कलेक्टर कांफ्रेंस ली। कोरोना महामारी के दौरान सभी जिलों का काम प्रशंसनीय रहा। उन्होंने कहा कि अवकाश के दिनों में भी सभी अधिकारियों-कर्मचारियों ने काम किया, इसके लिए सभी को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के साथ-साथ राज्य शासन की अन्य सभी महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री बघेल ने राजनांदगांव जिले में कोविड-19 से बचाव के लिए लॉकडाउन के दौरान बागनदी बार्डर में जिला प्रशासन द्वारा प्रवासी श्रमिकों एवं प्रदेश के श्रमिकों के लिए की गई व्यवस्था की सराहना की। उन्होंने कहा कि बागनदी बार्डर में अन्य राज्यों से आ रहे श्रमिकों के लिए बस की सुविधा एवं अन्य व्यवस्था सक्रियता पूर्वक किया गया।
कलेक्टर ने जानकारी दी कि राजनांदगांव में एक हजार 872 क्वारेंटाईन सेन्टर है। अभी 809 क्वारेंटाईन सेन्टर में 5 हजार 97 प्रवासी ठहरे हुए है। इनके लिए भोजन, आवास सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई है। श्री वर्मा ने बताया कि प्रवासियों में 210 गर्भवती महिलाएं है। उनके लिए जिले के हर विकासखंड में एक-एक महतारी सदन बनाया गया है। महतारी सदन में गर्भवती माताओं की बेहतर स्वास्थ्य जांच के साथ पौष्टिक भोजन एवं सुरक्षित आवास के प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने बताया कि 813 ग्राम पंचायतों में 4 हजार 153 कार्य चल रहे है। इनमें प्रतिदिन एक लाख 88 हजार 322 ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है।
कलेक्टर वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना के तहत अब तक जिले में 121 हाट बाजारों में क्लीनिक लगाकर 97 हजार 215 लोंगों का उपचार किया गया, जो जिले की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। कोविड-19 हॉस्पिटल (शासकीय मेडिकल कॉलेज पेण्ड्री राजनांदगांव) में बनाया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में प्रथम चरण में 113 गौठानों को विकसित किया गया है। नरवा योजना के तहत 90 नालों को पुर्नजीवित किया गया है। इसके अंतर्गत बोल्डर चेकडेम, गिट्टी चेक डेम, गेबियन स्ट्रक्चर बनाया गया है। राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के अंतर्गत बाड़ी योजना से 93 सामुदायिक बाडिय़ां एवं 183 निजी बाड़ी बनाई गई है। घुरवा योजना में एक हजार 646 भू-नडेप, 70 वर्मीटांका, 28 वर्मी बेड बनाया गया है। मनरेगा से 1 हजार 134 निजी डबरी, 450 तालाब गहरीकरण, 100 से अधिक नए तालाब तथा 10 लाख नवीन पौधे तैयार करने के लिए 22 नर्सरी तैयार की गई है।
वीडियो कांफ्रेसिंग में पुलिस अधीक्षक पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र शुक्ला, वनमंडलाधिकारी राजनांदगांव बीपी सिंह, वनमंडलाधिकारी खैरागढ़ रामावतार दुबे, अपर कलेक्टर ओंकार यदु, अपर कलेक्टर हरिकृष्ण शर्मा, सहायक कलेक्टर ललितादित्य नीलम, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती तनुजा सलाम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी, नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

दुर्ग / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना वर्ष 2020-21  अंतर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से ऋण लेने हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत उद्योग क्षेत्र के अधिकतम 25 लाख रू. सेवा क्षेत्र में अधिकतम 10 लाख रू. एवं  व्यवसाय क्षेत्र में अधिकतम 2 लाख रू. आवेदन द्वारा ऋण लिया जा सकता है। योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को 10 प्रतिशत अधिकतम 1 लाख रू. तक, अन्य पिछडा वर्ग, महिला, अल्प संख्यक, विकलांग, भूतपूर्व सैनिक, नक्सल प्रभावित आवेदकों को 15 प्रतिशत अधिकतम 1.50 लाख रू. तक एवं अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को 25 प्रतिशत अधिकतम 1.50 लाख रू. मार्जिन मनी की पात्रता होगी । आवेदक छत्तीसगढ राज्य का मूल निवासी हो, न्यूनतम 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण, आयु 18 से 35 वर्ष  के मध्य हो (विशेष समुदाय को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट), परिवार की वार्षिक आय रू. 3 लाख से अधिक नहीं हो। ऋण लेने के इच्छुक हितग्राही कार्यालय में उपस्थित होकर अपना आवेदन पत्र के साथ विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन, आधार कार्ड, राशन कार्ड, स्थाई निवास प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान-पत्र या ड्रायविंग लाइंसेंस, शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण पत्र, जन्म तिथि प्रमाण पत्र, सक्षम अधिकारी द्वारा नि:शक्तता का प्रमाण पत्र, उद्यमी विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम संबंधी प्रमाण पत्र, कम से कम पांच वर्ष का भूमि व भवन किरायानामा, वर्तमान दरों का कोटेशन जिसमेें मशीनरी, उपकरण व साज-सज्जा शामिल होने के साथ परिवार की वार्षिक आय प्रमाण पत्र सहित स्वयं का पता लिखा हुआ 2 लिफाफे व आवेदन के साथ समस्त दस्तावेज 2 प्रतियों कार्यालयीन समय मे मुख्य महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र दुर्ग मे शीघ्रतिशीघ्र आवेदन आवेदन जमा करें।

दुर्ग / शौर्यपथ / कलेक्टर कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने सभी जिलों में राज्य शासन की प्रगतिरत योजनाओं के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की। दुर्ग जिले में हेल्थ सेक्टर एवं नगरीय प्रशासन तथा अन्य विभागों में हो रहे नवाचारों की कलेक्टर कांफ्रेंस में प्रशंसा की गई। कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने सामुदायिक फलोद्यानों एवं फलदार पौधों का रकबा बढाने विशेष निर्देश दिए। नगरीय प्रशासन विभाग में मूलत: पट्टा वितरण के कार्यों में दुर्ग जिला प्रशासन की गतिविधि की विशेष रूप से प्रशंसा की गई। मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना एवं मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना में किए गए कार्यों में जिले का काम अच्छा रहा। इन योजनाओं के माध्यम से बडी संख्या में लोगों को स्वास्थ्य लाभ तो हुआ ही, साथ ही बीपी, शुगर, टीबी जैसी बीमारियों के चिन्हांकन में इससे आसानी हुई। इन योजनाओं में 8397 लोगों का बीपी जांच हुआ जिसमें  2584 लोगों को उच्चरक्तचाप की समस्या चिन्हांकित हुई। इसमें शुगर की जांच भी  2689 लोगों की हुई। इसमें  234 लोगों का मधुमेह चिन्हांकित हुआ। इन शिविरों के माध्यम से  58 लोगों का टीबी चिन्हांकित हुआ। कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कोविड की तैयारियों की भी समीक्षा की और सभी जिलों को बिना लक्षणों वाले मरीजों के लिए अलग से रायपुर के इंडोर स्टेडियम की तरह बड़ा कैंपस रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर दुर्ग ने इस संबंध में नगर निगम कमिश्नर दुर्ग को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड में एसओपी का पालन पूरी तरह हो, यह सुनिश्चित करें। ऐसा किये जाने से कोविड संक्रमण को रोकने की दिशा में सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आ रहे लोगों की  स्किल मैपिंग करें। बहुत से प्रोजेक्टस एवं उद्योगों में ऐसे हुनरमंदों की जरूरत हैं जिनकी कमी अब तक राज्य में रही थी। स्किल मैंपिंग से यह मिल जाएगा। मुख्यमंत्री ने पौधरोपण एवं स्वसहायता समूहों के आय ब?ाने के विषय पर विशेष फोकस किया। उन्होंने कहा कि फलदार पौधों के रोपण से, मुनगा आदि के रोपण से मिड डे मील में एवं आंगनबाडियों में यह अधिक मात्रा में उपलब्ध होगा। इससे स्वसहायता समूहों को भी काम मिलेगा और कुपोषण को थामने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कुपोषण के संबंध में विशेष कार्य करने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कुपोषण बउी समस्या है और निरतंर मानिटरिंग और फोकस रखने से यह समस्या दूर होगी। कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने  दुर्ग जिले के विषयों की जानकारी दी। कलेक्टर कांफ्रेंस में जिले से आईजी विवेकानंद सिन्हा, सीएफ श्रीमती शालिनी रैना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव, नगर निगम भिलाई कमिश्नर ऋतुराज रघुवंशी, डीएफओ केआर बढाई,  रिसाली कमिश्नर  प्रकाश सर्वे, दुर्ग कमिश्नर इंद्रजीत बर्मन, नगर निगम भिलाई चरौदा कमिश्नर कीर्तिमान राठौर उपस्थित थे।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में कोरोना संक्रमण से बचाव, नियंत्रण के उपायों और मरीजों के इलाज की व्यवस्थाओं की समीक्षा की साथ ही आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने क्वारेंटीन सेंटर्स की व्यवस्था, अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तरों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि संक्रमित व्यक्ति से अस्पताल आने वाले अन्य मरीजों में संक्रमण नहीं फैले। चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ के लोग संक्रमण से बचाव के लिए गाइड लाईन का पालन करें। मुख्यमंत्री बघेल ने वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के माध्यम से एम्स रायपुर के निदेशक और बिलासपुर सिम्स के अधिकारियों से भी वहां की व्यवस्थाओं और आगे की रणनीति पर चर्चा की। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जिलों में 141 कोविड केयर सेंटरों और कोविड के मरीजों के लिए 21 हजार 230 बिस्तर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने मुख्यमंत्री को विभिन्न अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कोविड-19 नियंत्रण के लिए प्रदेश स्तर पर किए जा रहे उपायों की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में शामिल अधिकारियों से क्वारेंटाइन सेंटर्स की संख्या, वहां की व्यवस्था और रह रहे लोगों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रदेश में पहुंच चुके प्रवासी मजदूरों के लिए संचालित क्वारेंटाइन सेंटर्स एवं वहां की व्यवस्था के बारे में चर्चा की और अगले कुछ दिनों में पहुंचने वाले मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर्स में रखने की व्यवस्था के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तरों एवं वहां भर्ती मरीजों के बारे में जानकारी ली। इस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में क्षेत्रीय स्तर पर डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 1770 बेड हैं, वहीं जिले स्तर पर डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 3470 बिस्तर की व्यवस्था है। इन सभी अस्पतालों में आईसीयू की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त बिना लक्षण वाले और कम लक्षण वाले मरीजों हेतु 141 कोविड केयर सेंटर जिलों में स्थापित किये जा रहे हैं, जहाँ 7234 बिस्तर उपलब्ध होंगे व 6500 बिस्तर के अतिरिक्त कोविड केयर यूनिट की स्थापना प्रक्रियाधीन है।
अधिकारियों ने बताया क्वारेंटीन सेंटर में पूर्व से उपलब्ध 4026 बिस्तरों को भी आवश्यकता पडऩे पर कोविड केयर सेंटर में परिवर्तित किया जायेगा। इस प्रकार प्रदेश में कोविड-19 मरीजों हेतु 21 हजार 230 बिस्तर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमितों के स्वास्थ्य की गंभीरता, लाक्षणिक और गैर-लाक्षणिक मरीजों की जांच व स्वास्थ्य की स्थिति एवं उपचार की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री बघेल ने आने वाले दिनों में कोविड-19 पर नियंत्रण के प्रभावी उपायों और इसका सामुदायिक प्रसार रोकने के संबंध में एम्स के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर से सुझाव मांगे। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करने और इलाज के बारे में आगामी कार्ययोजना एवं रणनीति पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने सिम्स बिलासपुर के डीन और अधीक्षक से वहां कोरोना वायरस संक्रमित डॉक्टर एवं मेडिकल स्टॉफ के बारे में जानकारी ली।
डीन डॉ. पात्रा ने मुख्यमंत्री को डॉक्टरों के संक्रमण के कारणों की जानकारी दी। उन्होंने इससे बचने के लिए वहां की जा रही सावधानियों के बारे में भी बताया। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने सभी मेडिकल कॉलेजों को जरूरी सावधानी बरतने तथा इलाज के लिए आने वाले गंभीर मरीजों का गंभीरतापूर्वक उपचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने इलाज और देखभाल के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों को अपनाने और सभी को इनका अनिवार्यत: पालन करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, खाद्य एवं परिवहन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एस.एल. आदिले और सिम्स बिलासपुर के डीन डॉ. पात्रा शामिल हुए । एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर तथा सिम्स बिलासपुर के अधीक्षक डॉ. पुनीत भारद्वाज अपने-अपने कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेस में जुड़े।

      भिलाई नगर / शौर्यपथ /  नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र मे मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए आयुक्त  ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर निगम सभागार में नोडल अधिकारी तरुण पाल लहरें ने बैठक ली! मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के लिए आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी किया जा चुका है! इस योजना के तहत निगम क्षेत्र के नागरिकों को उनकी बस्ती, मोहल्ले, पारा में ही चिकित्सा की उन्नत सेवा मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से मिल पाएगी! निवास के समीप ही सुविधा प्राप्त होने के कारण स्लम क्षेत्र के नागरिक इसका सहज ही लाभ प्राप्त कर पाएंगे साथ ही उन्हें अपने कार्यों से छुट्टी नहीं लेनी पड़ेगी एवं बच्चों की पढ़ाई भी निरंतर चल सकेगी! यह सेवा बिल्कुल निशुल्क होगी!
           मोबाइल मेडिकल यूनिट से होगा परीक्षण इस योजना के अंतर्गत चलित वाहन जिसमें चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ उपलब्ध होंगे के साथ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार स्लम क्षेत्र में निर्धारित स्थल जो कि सामान्यतः सांस्कृतिक भवन/ सांस्कृतिक चबूतरा/ वार्ड कार्यालय/ निकाय के अन्य भवन के पास पहुंचेंगे जहां पर रोगियों के बैठने, पेयजल तथा अन्य अनुषांगिक सुविधाएं निगम द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी! चिकित्सक द्वारा बारी-बारी से रोगियों का परीक्षण कर आवश्यक दवाइयां प्रदान की जाएगी! इसके अतिरिक्त पैथोलॉजी लैब की सुविधा भी मोबाइल मेडिकल यूनिट में उपलब्ध होंगी! चिकित्सा, दवाईयां तथा पैथोलॉजी टेस्ट की सुविधा नागरिकों को निशुल्क प्रदान की जाएगी! मोबाइल मेडिकल यूनिट में अनुपलब्ध परीक्षण की सुविधाएं समीपस्थ शासकीय चिकित्सालय से प्राप्त की जा सकेगी!
          प्रतिस्पर्धात्मक निविदाओं के माध्यम से होगा एजेंसी का चयन अर्बन पब्लिक सर्विस सोसायटी के द्वारा निगम क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक निविदा के माध्यम से एजेंसी नियुक्त किया जाएगा जिसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया जा चुका है भिलाई क्षेत्र में जिसकी अंतिम तिथि 15 जून नियत की गई है तथा 8 जून को प्री बीट मीटिंग निगम सभागार में रखा गया है जहां पर कोई भी एजेंसी या इस कार्य में रूचि लेने वाले विस्तृत जानकारी एकत्रित कर सकते हैं, इनके प्रश्नों का निराकरण भी इस दिन किया जाएगा! कार्य लेने वाले एजेंसी के द्वारा मोबाइल मेडिकल यूनिट चालक एवं इंधन सहित, मेडिकल ऑफिसर, फार्मासिस्ट, महिला चिकित्सा मित्र तथा पैथोलॉजी लैब सहायक उपलब्ध कराए जाएंगे!
           भिलाई के लिए तीन मोबाइल मेडिकल यूनिट की होगी व्यवस्था सहायक नोडल अधिकारी बीके देवांगन ने बताया कि भिलाई क्षेत्र के लिए 3 मेडिकल मोबाइल यूनिट की व्यवस्था की जानी है, अभी केवल एक मेडिकल मोबाइल यूनिट के लिए दर मंगाया गया है जिसके आधार पर बाकी का दर तय किया जाएगा! प्रत्येक मेडिकल मोबाइल यूनिट में मानिटरिंग हेतु सीसीटीवी तथा योजना के प्रचार-प्रसार हेतु टीवी, प्रोजेक्टर, मुनादी हेतु साउंड सिस्टम आदि की व्यवस्था होगी! मोबाइल मेडिकल यूनिट के संचालन हेतु समस्त आनुषांगिक अधिनियम, नियमों तथा पंजीयन आदि समस्त आवश्यक कार्य जैसे नर्सिंग होम एक्ट, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट चयनित एजेंसी द्वारा किया जाएगा! मेडिकल मोबाइल यूनिट के माध्यम से होने वाले परीक्षण के उपरांत इसका रिपोर्ट भी दिया जाएगा तथा इसके लिए दिन एवं समय भी निर्धारित किया गया है!
मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना को लेकर सभागार में हुई बैठक निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर भिलाई क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर सभागार में बैठक हुई जिसमें नोडल अधिकारी तरुण पाल लहरें ने विस्तृत जानकारी प्रदान की! चयनित एजेंसी को 5 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा!
 उन्होंने बताया कि योजना के पात्र हितग्राही भिलाई निगम क्षेत्र के समस्त नागरिक होंगे एवं स्लम क्षेत्र में निवास करने वाले नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी यदि शिविर स्थल पर दूसरे वार्ड के नागरिक आते हैं तो उन्हें भी समस्त सुविधाएं प्रदान की जाएगी! बैठक में कुछ चिकित्सक एवं एजेंसी भी उपस्थित रहे! इस कार्य से संबंधित अधिक जानकारी के लिए नोडल अधिकारी के मोबाइल नंबर 7509229781 से संपर्क किया जा सकता है!
     भिलाई निगम क्षेत्र अंतर्गत 59 स्लम क्षेत्र नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र मे स्लम क्षेत्र बात करें तो तकरीबन 59 स्लम क्षेत्र है जिसमें 24470 से अधिक परिवार निवासरत है! रहवासी क्षेत्र में इनको मोहल्ले में ही मेडिकल मोबाइल यूनिट का लाभ मिलेगा!

दुर्ग । शौर्यपथ । विधायक अरूण वोरा ने आईएएनएस.सी वोटर स्टेट ऑफ द नेशन 2020 सर्वे में देश के दूसरे सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री चुने जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बधाई देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य की जनता के नजर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पूरे देश में सबसे उत्कृष्ट मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री और उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार का काम दूसरे नंबर पर नहीं बल्कि पहले नंबर पर है। वोरा ने कहा कि पिछले डेढ़ साल के कार्यकाल में भूपेश सरकार ने किसानों की कर्जमाफी और 25 रुपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदी के साथ न्याय योजना शुरू कर बहुत बड़े राहत भरे फैसले किए हैं। देश में धान का सबसे ज्यादा मूल्य छत्तीसगढ़ सरकार दे रही है। इसी तरह वनोपज का मूल्य भी आदिवासियों को सबसे ज्यादा दिया जा रहा है। इन फैसलों से परेशानहाल किसानों व आदिवासियों की आर्थिक स्थिति सुधर रही है। इसी तरह भूपेश सरकार ने हाट बाजार क्लीनिक, मोहल्ला क्लीनिक जैसी योजनाएं शुरू कर लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए उनके इलाज की चिंता की है। हाफ बिजली बिल जैसी योजना लागू कर पूरे छत्तीसगढ़वासियों को बड़ी राहत देने का महत्वपूर्ण फैसला किया गया है। भूपेश सरकार ने कोविड 19 महामारी से बचाव और इलाज के लिए जिस तरह से योजनाबद्ध ढंग से काम किया है उसकी देश विदेश में प्रशंशा हो रही है। वोरा ने कहा कि लॉकडाउन की विपरीत परिस्थितियों में लाखों गरीबों, मजदूरों को रोज भोजन देने, प्रवासी मजदूरों को राहत देने के लिए भोजन, नाश्ता, पेयजल के साथ चरणपादुका जैसी व्यवस्थाएं करते हुए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने दूसरे राज्यों से मजदूरों को वापस लाने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण काम किया है। वोरा ने दावा किया कि सर्वे एजेंसियों की नजर में भले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दूसरे नंबर पर हों, लेकिन प्रदेश के हर नागरिक को राहत देने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की जनता की नजर में पहले नंबर पर हैं।

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)