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खाना खजाना /शौर्यपथ /संडे हो त्यौहार या फिर पिकनिक, बिना समोसे के सभी अधूरे हैं. समोसा एक ऐसा नाश्ता है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी बेहद पसंद करते हैं. कुछ लोग समोसे को चटनी के साथ खाना पसंद करते हैं तो कुछ चाय के साथ. पर क्या आप जानते हैं कि तला हुआ समोसा धीरे-धीरे आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाने का काम करता है. डीप फाइड ये समोसा ना सिर्फ तला हुआ होता है बल्कि, इसमें आलू में मौजूद कैलोरी के चलते आपके वजन बढ़ाने में भी भागीदार होता है. इन तमाम चीजों के बावजूद अगर आपका समोसा खाने का मन कर रहा है तो आप बेफिक्र होकर समोसा खा सकते हैं. क्योंकि आज हम आपको समोसे की एक ऐसी रेसिपी बताने जा रहे हैं जिसे आप टेंशन फ्री होकर खा सकते हैं. इससे आपकी सेहत को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा. इस समोसे को तलने की बजाय बेक कर के घर में ही बना सकते हैं. आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बेक्ड समोसे की बहुत ही सिंपल टेस्टी और हेल्दी रेसिपी.
बेक्ड समोसा बनाने के इंग्रेडिएंट्स-
बारीक कटा हुआ प्याज
1 टुकड़ा अदरक कद्दूकस किया हुआ
2 चम्मच करी पाउडर
250 ग्राम कटे हुए, छिले हुए आलू
50 ग्राम फ्रोजन मटर
लहसुन की 2 कलियाँ पिसी हुई
1 बड़ा चम्मच रिफाइंड तेल
1 छोटा चम्मच सरसों का पाउडर
75 ग्राम हरी बीन्स
4 फिलो शीट
बेक्ड समोसा कैसे बनाएं
1. फिलिंग तैयार करें
3 मिनट के लिए प्याज, लहसुन और अदरक को तेल के स्प्रे में भूनें फिर करी पाउडर और सरसों के दाने डालें. इसके बाद 400 एमएल पानी के साथ आलू और बीन्स डालें.
2. फिलिंग को पकाएं और ओवन को गर्म करें
सब्जियों के नरम होने तक 20 मिनट तक पकाएं. आखिरी 5 मिनट.में मटर डालें. ओवन को 200C/ फैन 180C/ गैस 6 तक गर्म करें.
3. समोसा तैयार करें
पेस्ट्री की एक शीट पर तेल लगाएं और फिर तीन स्ट्रिप्स में काट लें. एक पट्टी के टॉप पर 2 टेबल-स्पून मिश्रण रखें और उसी के ऊपर एक ट्राइंगल शेप में मोड़ें. समोसे का आकार बनाने के लिए पेस्ट्री की लंबाई को नीचे की ओर मोड़ते रहें. अब इसे नॉन-स्टिक बेकिंग ट्रे पर रखें.
4. बेक करें और गरमागरम सर्व करें.
बाकी बची हुईं पेस्ट्री और फिलिंग के साथ रिपीट करें. गोल्डन ब्राउन होने तक 18-20 मिनट तक बेक करें. गर्म - गर्म सर्व करें.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / व्यक्तित्व में चार चांद लगाने वाला बाल जब अपने मूल रंग काले को छोड़कर सफेद होने लगता है तो चिंता होने लगती है. ये परेशानी तब और बढ़ जाती है जब आप युवा अवस्था में हों तो. इसके पीछे के कारण पोषक तत्वों में कमी या फिर अनुवांशिक हो सकता है. सफेद बाल की परेशानी से जो लोग जूझ रहे हैं उन्हें सबसे पहले अपने आहार में विटामिन सी वाले खाद्य पदार्थों को बढ़ा लेना चाहिए. उसके बाद कुछ ऐसे होममेड हेयर मास्क का भी इस्तेमाल करना चाहिए जिससे बहुत हद तक बाल अपने वास्तविक रंग पर वापस लौट आते हैं.
सफेद बाल के कारण
आपको बता दें कि आजकल बढ़ते प्रदूषण, गलत खान पान और अत्याधिक तनाव की वजह से बालों में कम उम्र में सफेदी आने लग जाती है 25 से 30 साल की उम्र में.
सफेद बालों को कैसे करें नेचुरल ब्लैक
सफेद बालों में करी पत्ता लगाना भी अच्छा होता है. इससे बालों का झड़ना भी रुक जाता है. इसको मेहंदी की तरह पीसकर बाल में मास्क की तरह लगा लीजिए. ऐसा आप हफ्ते में एक बार कर सकते हैं.
भृंगराज का तेल या पाउडर भी सफेद बालों के लिए अच्छा होता है. इसे लगाने के आधे घंटे बाद माइल्ड शैंपू से हेयर वॉश कर लीजिए.
प्याज का रस भी बहुत लाभकारी होता है सफेद बालों के लिए. इसके रस को स्कैल्प में लगाकर अच्छे से मालिश करें. इससे भी आपके बालों का नेचुरल कलर वापस आ जाएगा.
आंवले को पीसकर अगर आप हफ्ते में एक बार मास्क की तरह लगा लेते हैं बालों में तो इसके विटामिन सी गुण बहुत सहायता करेंगे काले रंग देने में.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ स्किन की देखभाल में एक्सफोलिएशन या स्क्रब जरूरी स्टेप्स में से एक है. चेहरे पर जमी गंदगी और डेड स्किन सेल्स को हटाने में स्क्रब का इस्तेमाल किया जाता है. स्किन बेजान नजर आने लगे तो एक्सफोलिएशन ही स्किन में जान लाने का काम करती है. स्क्रब करने के बाद त्वचा अन्य स्किन केयर प्रोडक्ट्स को ठीक तरह से सोख पाती है. लेकिन, स्क्रब से जुड़ी बेहद आम गलतियां हैं जिन्हें लोग करते हैं. कई छोटे पार्लर या नौसिखिए लोग भी आपकी स्किन पर गलत तरह से स्क्रब लगाते हैं जिससे ओवर एक्सफोलिएशन के कारण स्किन की बाहरी परत डैमेज हो जाती है और चेहरे पर दाने, पिंपल्स और धब्बे नजर आने लगते हैं. आप इन गलतियों को ना दोहराएं इसीलिए यहां आपके लिए कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं जिनसे आपको पता चलेगा सही तरह से स्क्रब करने का तरीका.
स्क्रब इस्तेमाल करने का सही तरीका |
कितनी देर करें स्क्रब
हफ्ते में एक ज्यादा से ज्यादा 2 बार ही स्क्रब किया जाना चाहिए. स्क्रब करने के लिए एक उंगली के बराबर ही स्क्रब लें और उसे उंगलियों पर लेकर हल्का-हल्का चेहरे पर मलें. स्क्रब सिर्फ 2 से 3 मिनट तक ही किया जाता है इससे ज्यादा नहीं. स्क्रब करने के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धोएं.
चेहरा घिसना
आपने शायद पार्लर से इस तरह स्क्रब करना सीखा होगा. ढेर सारा स्क्रब लेकर पूरे चेहरे पर लगातार 5 से 10 मिनट तक घिसना स्किन को ओवर एक्सफोलिएट (Over Exfoliate) कर देता है. स्किन की आउटर लेयर तो खराब होती ही है साथ ही स्किन पर अंदरूनी रूप से भी इसका प्रभाव पड़ता है. खासतौर से आंखों के पास स्क्रब नहीं घिसा जाता.
पोस्ट स्क्रब रूटीन
स्क्रब करने पर स्किन एक्सफोलिएट हो जाती है यानी रोम छिद्रों से गंदगी निकल जाती है और अन्य प्रोडक्ट्स स्किन में बेहतर तरीके से एब्जोर्ब होते हैं. लेकिन, स्क्रब करने के बाद स्किन पर कुछ ना लगाना एक बड़ी भूल है. स्क्रब के बाद एक अच्छा हाइड्रेटिंग मॉइश्चराइजर लगाएं जो स्किन की खोई हुई नमी लौटाए और चेहरा रूखा-सूखा ना नजर आए.
नियमित रूप से स्क्रब ना करना
अगर आप हर हफ्ते स्क्रब नहीं करती हैं तो आपके चेहरे पर गंदगी जमने से क्लोग्ड पोर्स और ब्लैकहेड्स (Blackheads) या वाइटहेड्स की दिक्कत होने लगेगी. इसके साथ ही स्किन का टेक्सचर खराब होगा सो अलग. इसलिए नियमित रूप से हफ्ते दर हफ्ते चेहरा एक्सफोलिएट करते रहें.
स्क्रब घर पर बनाना
आप बेझिझक घर पर स्क्रब बना सकते हैं. कॉफी का स्क्रब चेहरे के लिए अच्छा साबित होता है. इसे बनाने के लिए एक चम्मच कॉफी में एक चम्मच शहद मिलाकर मिक्स करें और चेहरे पर स्क्रब की तरह इस्तेमाल करें. इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने होठों को भी स्क्रब करें. होठों के फटने की दिक्कत फिर नहीं होगी.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /ठंड के मौसम में आपने गन्ने के रस से गुड़ बनते हुए खूब देखा होगा. यह खाने में बहुत स्वादिष्ट और सेहतमंद होती है. इसमें आयरन की मात्रा भरपूर होती है. रोज सुबह एक टुकड़ा गुड़ एनीमिया रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है. लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं जिसके बारे में भी जानना बहुत जरूरी है तो चलिए आपको बताते हैं.
गुड़ खाने के क्या हैं नुकसान
आजकल बाजार में नकली खाद्य पदार्थों की भरमार है. ऐसे में अगर आप गुड़ खाते हैं और वह नमकीन लगता है स्वाद में तो उसे ना खाएं. क्योंकि यह आपके लिवर और किडनी को खराब कर सकता है.
इससे मधुमेह रोगियों को भी नुकसान पहुंच सकता है. क्योंकि नकली गुण में चीनी की मात्रा अधिक होती है. ऐसे में यह रक्त शर्करा को बढ़ाने का काम करेगा शरीर में.
नकली गुड़ खाने के बाद आपको हाथ पैर में रैशेज भी नजर आ सकते हैं. इससे सिरदर्द भी हो सकता है. ऐसे में आपको थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है.
इसको खाने से आपका वजन भी बढ़ सकता है. क्योंकि 10 ग्राम गुड़ में 40 ग्राम कैलोरी होती है. इसलिए खाने में थोड़ा एहतियात बरतें.
वहीं, इसका ज्यादा सेवन आपके शरीर में सूजन को बढ़ा सकता है. इसलिए इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें. गठिया और जोड़ों के दर्द में इसको नहीं खाना चाहिए.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /डायबिटीज एक लगातार बढ़ती कंडीशन है जो तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्ष 2030 तक डायबिटीज सातवां सबसे घातक रोग होगा. ऐसे में यह बेहद आवश्यक हो जाता है कि वक्त रहते खानपान और जीवशैली को डायबिटीज के मुताबिक ढाल लिया जाए जिससे यह स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा ना करें. मेथी के दानों की बात करें आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स के अनुसार मेथी दानों का सेवन ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में सहायक है. जानिए इन दानों का किन-किन तरीकों से सेवन किया जा सकता है
डायबिटीज में मेथी के दाने |
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ विटामिन एंड न्यूट्रीशन में छपी एक स्टडी के अनुसार रोजाना 10 ग्राम मेथी के दानों का सेवन टाइप-2 डायबिटीज में फायदेमंद साबित होता है. इन दानों में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो पाचन को धीमा करती है जिससे कार्बोहाइड्रेट्स और शुगर सोखने का एब्सोर्पशन रेग्यूलेट होता है. मेथी के दानों का पानी खासतौर से असर दिखाता है. इस पानी को बनाने के लिए एक गिलास गर्म पानी में 10 ग्राम मेथी के दानों को भिगोकर पिएं.
मेथी दाने के स्प्राउट्स
मेथी के दानों का अंकुरण करके खाना भी डायबिटीज के मरीज के लिए अच्छा होता है. इसे बनाने के लिए मुट्टीभर मेथी के दानों को हल्के गर्म पानी में रातभर भिगोकर रखें. अगली सुबह अतिरिक्त पानी को निकालकर बर्तन में निकाल लें. अब किसी गीले सूती के कपड़े में इन बीजों को बांध लें.
आपको इस दानों को 3 से 4 दिनों तक कपड़े में बांधकर रखना होगा. आप देखेंगे कि मेथी के दानों से सफेद अंकुर फूटने लगे हैं. इन अंकुरित दानों से सलाद बनाकर खाएं. सलाद आप सब्जियों या फलों के साथ बना सकते हैं.
इन बातों का ध्यान रखें
ब्रेकफास्ट स्किप ना करें और हमेशा घर से संतुलित आहार खाकर ही निकलें.
फाइबर को अपने खानपान का हिस्सा बनाएं.
डिब्बाबंद चीजों से परहेज करें.
प्रोटीन का सेवन भी फायदेमंद साबित होगा.
हल्के और स्वादिष्ट स्नैक्स मील्स के बीच में खाते रहें.
शरीर को हाइड्रेटेड रखना ना भूलें और दिनभर में पानी पीते रहें.
आस्था /शौर्यपथ /आस्था में विश्वास रखने वाले लोग नियमित दिनचर्या में पूजा-पाठ को भी अहम स्थान देते हैं. हिंदू धर्म में हर दिन किसी ना किसी देवता से जुड़ा हुआ है. जैसे सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए खास होता है. उसी तरह से सप्ताह के बाकी बचे दिन भी खास देवी या देवताओं से जुड़े हुए हैं. अक्सर लोग अपने घर में पूजा-पाठ के लिए अलग स्थान का चयन कर वहां देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित करते हैं और नियमित पूजन करते हैं. दैहिक, दैविक और भौतिक ताप को दूर करने और मानसिक शांति के लिए पूजा-पाठ और जप करना शुभ माना गया है. शास्त्रों में कहा गया है कि व्यक्ति का मन ही बंधन और मुक्ति का कारण होता है. दौनिक पूजा पाठ में लोग आरती को भी विशेष महत्व देते हैं. पूजन की पूर्णाहुति आरती करके ही की जाती है. आरती के दौरान अक्सर लोग कपूर जलाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूजा-पाठ और यज्ञ अनुष्ठान के दौरान कपूर जलाना क्यों शुभ होता है. यदि नहीं, तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से.
पूजा-आरती के दौरान में कपूर जलाने से मिलते हैं ये लाभ
कपूर में ऐसे पदार्थ मौजूद होते हैं जो कि जलने के बाद हमारे आसपास के वातावरण को बिलकुल शुद्ध करने की क्षमता रखते हैं. शुद्ध और शांत वातावरण में सुखी और स्वस्थ जीवन बिताया जा सकता है. इसके साथ ही कपूर की खुशबू बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट कर देती है. अगर रोजना सुबह-शाम आरती करने के दौरान या वैसे भी कपूर जलाया जाता है तो इसके सुगंध से पूरे घर की निगेटिव एनर्जी खत्म हो जाती है. इसके अलावा जलता हुआ कपूर वास्तु दोष को दूर करने में भी मददगार साबित होता है. यही वजह है कि लोग घरों में पूजा-पाठ के दौरान कपूर जलाते हैं.
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो पूजा-पाठ के दौरान कपूर जलाने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिल सकती है. कहा जाता है कि जलते हुए कपूर के धुंए से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती हैं. जिसके परिणामस्वरूप घर-परिवार का वातावरण खुशहाल नजर आता है. इसके साथ ही पूजा में कपूर जलाकर आरती करने से भगवान उसे स्वीकार करते हैं और अपने भक्तों की इच्छा पूरी करते हैं.
वैज्ञानिक दृष्टि से कपूर का महत्व
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी कपूर का खास महत्व है. वैज्ञानिक इस बात को मानते हैं कि कपूर जलाने से बैक्टीरिया खत्म होते हैं, परिणामस्वरूप वातावरण स्वच्छ और खुशहाल नजर आता है. घर में इस्तेमाल किया जाने वाला भीमसेनी कपूर कई प्रकार के लाभकारी साबित होता है. यही वजह कि कपूर को इतना अधिक महत्व दिया जाता है.
शौर्यपथ /यहां जानें गर्म पानी पीने के कुछ महत्वपूर्ण फायदे
1. ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है
पूरे दिन विभिन्न विभिन्न के खाद्य पदार्थों का सेवन करने के बाद फैट और टॉक्सिन्स शरीर में जमा हो जाते हैं। ऐसे में नियमित रूप से गुनगुना पानी पीने से किडनी में जमे टॉक्सिंस यूरिन के साथ बाहर आ जाते हैं। जिससे ब्लड सरकुलेशन बेहतर तरीके से हो पाता है। गर्मियों के मुकाबले ठंड में आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा रहता है, जिस वजह से ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगते हैं। ऐसे में गर्म पानी पीने से इन्हें फैलने में मदद मिलती है और यह ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करता है।
2. नाक और गले की जकड़न से छुटकारा दिलाता है
गर्म पानी का सेवन सर्दियों में होने वाले सर्दी खांसी के संक्रमण को कम करने में मदद करता है। इसके साथ ही बहती नाक, गले की खराश और थकान को दूर करने में कारगर होता है। वहीं यदि जुकाम के कारण आपकी नाक बंद है तो यह नासिका मार्ग को भी खोलता है।
3. शरीर के दर्द और थकान को कम करने में कारगर
सर्दियों में कई लोगों को शारीरिक दर्द और थकान की शिकायत रहती है। बदलता मौसम जॉइंट इत्यादि में दर्द का कारण बनता है और आप जरूरत से ज्यादा थकान महसूस करती हैं। ऐसे में गर्म पानी का सेवन मांसपेशियों को गर्माहट देता है और दर्द, सिर दर्द, पीरियड्स के दर्द से राहत पाने में मदद करता है।
4. पाचन क्रिया को संतुलित रखे
यदि आप कब्ज, अपच और पाचन क्रिया से जुड़ी अन्य प्रकार की समस्याओं से ग्रसित हैं, तो ऐसे में गर्म पानी का सेवन मेटाबॉलिक रेट को बढ़ा देता है और पाचन क्रिया को संतुलित रखता है। इसके साथ ही ठंडे पानी की तुलना में गर्म पानी खाने को जल्दी पचाता है। वहीं कब्ज की समस्या पाइल्स की संभावना को बढ़ा देती हैं तो एक उचित मात्रा में गर्म पानी पीना इस समस्या स्व निजात पाने में आपकी मदद कर सकता है।
5. वेट लॉस में फायदेमंद
सर्दियों में बढ़ता वजन किसी के लिए भी चिंता का कारण बन सकता है। खासकर महिलाएं बेली फैट से परेशान रहती हैं। इस स्थिति में नियमित रूप से सुबह उठकर गुनगुने पानी का सेवन आपकी बॉडी टेंपरेचर को बढ़ा देता है। साथ ही फैट बर्निंग कैपेसिटी भी इम्प्रूव होती है। गर्म पानी पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और यह आपके डाइट में मौजूद फैट मॉलिक्यूल्स को पूरी तरह तोड़ देती हैं जिस वजह से शरीर पर एक एक्स्ट्रा चर्बी जमा नही होती।
अब जानें किस तरह और किस समय पीना है गर्म पानी
सुबह खाली पेट गर्म पानी का सेवन काफी फायदेमंद होता है। इसके साथ ही यदि मुमकिन हो तो आप पूरे दिन भी गर्म पानी पी सकती हैं।
वहीं कॉफी और चाय की जगह आप आप पानी में अदरक, नींबू का रस, पुदीना, दालचीनी, जायफल और तुलसी की पत्तियों को उबालकर ले सकती हैं। यह पानी की गुणबत्ता को और ज्यादा बढ़ा देगा।
सेहत /शौर्यपथ /क्या आपका पाचन तंत्र सही नहीं रहता है? क्या आपको भी अपच और गैस जैसी समस्याएं आए दिन लगी रहती हैं? यदि हां.. तो यह आपके पेनक्रियाज में कई तरह की समस्याओं के कारण हो सकता है। इसलिए आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे शरीर में मौजूद पैनक्रिया के फंक्शन और उन्हें हेल्दी रखने के कुछ टिप्स के बारे में।
इंस्टीट्यूट ऑफ डाइजेस्टिव एंड हेपेटोबिलरी साइंसेज, मेदांता – द मेडिसिटी गुड़गांव के डायरेक्टर – डॉ एस आर मिश्रा, से जानिए पेनक्रियाटिक कैंसर के बारे में सबकुछ।
क्या होता है पैनक्रिया और इसका फंक्शन?
बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि पेनक्रिया हमारे शरीर के बहुत महत्वपूर्ण अंग हैं और पाचन तंत्र का हिस्सा भी। मेयो क्लीनिक के अनुसार यह पेट के पीछे होता है और हथेली जितना बड़ा इसका आकार होता है। यह एक तरह का ग्लैंड है जो कई एंजाइम और हॉरमोन प्रोड्यूस करता है। इसका काम खाना पचाने में मदद करना है और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखने के लिए इंसुलिन प्रोड्यूद करना भी।
पैनक्रियाटिक कैंसर के लक्षण
जानिए क्या हो सकते हैं पैनक्रियाटिक कैंसर के लक्षण
पेट दर्द जो आपकी पीठ तक फैलता है
भूख न लगना या वजन कम होना
आपकी त्वचा का पीला पड़ना
आंखों का सफेद होना
हल्के रंग का मल
गहरे रंग का मूत्र
त्वचा में खुजली
रक्त के थक्के
थकान
क्या हैं पैनक्रियाटिक कैंसर के कारण?
धूम्रपान
मधुमेह
अग्न्याशय की सूजन
अग्नाशय के कैंसर का पारिवारिक इतिहास
मोटापा
तो आप अपने पैनक्रिया को हेल्दी कैसे रख सकते हैं?
क्लीवलैंड क्लीनिक द्वारा सुझाए गए ये टिप्स आपको अपनी पेनक्रियाटिक हेल्थ को बनाए रखने में मदद कर सकती हैं –
स्वस्थ वजन बनाए रखें और रेगुलर व्यायाम करें। क्योंकि वेट कम करने से आपको टाइप 2 मधुमेह और पित्ताशय की पथरी को रोकने में मदद मिल सकती है जो अन्य स्याओं का कारण बन सकती है।
कम वसा वाले आहार का सेवन करना। उच्च वसा के सेवन से पित्त की पथरी हो सकती है, जिससे पैनक्रियाटिस हो सकता है। अधिक वजन होना भी अग्न्याशय के कैंसर के लिए एक जोखिम कारक है।
शराब का सेवन कम करें, क्योंकि शराब पीने से आपको पैनक्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही, धूम्रपान भी छोड़ें क्योंकि यह भी कैंसरका जोखिम पैदा कर सकते हैं।
अपनी नियमित जांच करवाते रहें। रेगुलर टेस्ट से आप अपनी पैनक्रियाटिक कैंसर का सही समय पर पता लगा सकते हैं।
पैनक्रियाटिक कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीना बहुत ज़रूरी है।
खाना खजाना /शौर्यपथ /रोल खाने के शौकीन हैं तो आपको पनीर काठी रोल जरूर पसंद आएगा. सुबह का नाश्ता हो या फिर शाम का स्नैक्स इन रोल्स को आप एन्जॉय कर सकते हैं. बाजार में आपने पनीर काठी रोल खाया होगा लेकिन घर पर इसे बनाना चाहते हैं तो हम आपके लिए मशहूर शेफ कुणाल कपूर की बताई ये रेसिपी लेकर आए हैं.
पनीर काठी रोल बनाने के लिए सामग्री-
आटे के लिए-
मैदा - 1½ कप
आटा - ½ कप
नमक
तेल - 1 छोटा चम्मच
पानी - आवश्यकतानुसार
मक्खन - सेंकने के लिए
मसाले के लिए-
तेल - 3 बड़े चम्मच
जीरा - 1 छोटा चम्मच
धनिया के बीज - 2 छोटे चम्मच
अदरक कटा हुआ - 1 छोटा चम्मच
लहसुन कटा हुआ - 1 छोटा चम्मच
हरी मिर्च कटी हुई - 1 छोटा चम्मच
मक्खन - 1 बड़ा चम्मच
हल्दी - ½ छोटा चम्मच
मिर्च पाउडर - 1 छोटा चम्मच
धनिया पाउडर - 1 बड़ा चम्मच
टमाटर प्यूरी - ¼ कप
प्याज़ बारीक़ कटा हुआ - ½ कप
शिमला मिर्च कटी हुई - ¼ कप
पीली शिमला मिर्च कटी हुई - ¼ कप
लाल शिमला मिर्च चौकोर टुकड़ों में कटी हुई - ¼ कप
पनीर चौकोर टुकड़ों में कटा हुआ- 1 कप
कसूरी मेथी पाउडर - ½ छोटा चम्मच
धनिया कटा हुआ - मुट्ठी भर
चीज़ स्लाइस - 4 नग
मोज़रेला चीज़ कद्दूकस किया हुआ - ½ कप
सलाद के पत्ते - मुट्ठी भर
प्याज़ कटा हुआ - ½ कप
टमाटर कटा हुआ - ½ कप
धनिया कटा हुआ - मुट्ठी भर
गोल मिर्च का पाउडर
नींबू का रस - 2 बड़े चम्मच
हरी मिर्च कटी हुई - 1 छोटा चम्मच
पनीर काठी रोल बनाने का तरीका-
सख्त आटा गूंथ लें, 10 मिनट के लिए रख दें और फिर इसे 4 भागों में बांट लें. सूखे आटे की सहायता से पतला बेल लें.
सूखा मैदा छिड़ककर पंखे की तरह मोड़िये और फिर गोल घुमाते हुए लपेट कर परतों की लोई बना लें. उन्हें सपाट बेलें और गरम तवे पर तेल डालकर सेंक लें. पक जाने के बाद निकाल कर अलग रख दें.
फिलिंग के लिए एक पैन में तेल और मक्खन डालकर गर्म करें. पिसा हुआ जीरा और धनिया के दाने डालें. अदरक, लहसुन और हरी मिर्च डालें. इसे हल्का चलाएं और हल्दी, मिर्च पाउडर और धनिया पाउडर डालें. टमाटर प्यूरी डालकर तेल छोड़ने तक पकाएं.
प्याज, मिर्च डालकर भूनें और 2 मिनट के लिए एक साथ टॉस करें. कटे हुए टमाटर और पनीर के साथ नमक, कसूरी मेथी और कटा हरा धनिया डालें. निकाल कर एक तरफ रख दें.
पराठे को ऊपर रखें और ऊपर से चीज़ स्लाइस और कद्दूकस किया हुआ मोज़रेला चीज़ डालें. सलाद के पत्ते, पनीर का मिक्सचर डालें और चाट मसाला छिड़कें.
सलाद के लिए सभी सामग्रियों को मिलाएं और पनीर भरने के बाद ऊपर से डालें. अब पराठे को सावधानी से रोल करें और बटर पेपर में लपेटकर और बचे हुए सलाद के साथ सर्व करें.
आस्था /शौर्यपथ /गरुड़ पुराण में जीवन से जुड़ी अमूमन हर बातों का जिक्र किया गया है. यही एकमात्र ऐसा आध्यात्मिक ग्रंथ है जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि मृत्यु के उपरांत इस आत्मा के साथ क्या होता है. इसके साथ ही इंसान को उसके कर्मों अनुसार, फल की प्राप्ति होती है. गुरुड़ पुराण में इस बात का उल्लेख किया गया है कि इंसान अगर अपने जीवन काल में बुरे कर्मों में लिप्त रहता है तो उसे मरने के बाद नर्क में अनेक प्रकार की यातनाएं और कष्ट झेलने पड़ते हैं. वहीं गरुड़ पुराण इस बात को भी कहता है कि अगर कोई व्यक्ति रोजना 4 शुभ कार्य करता है तो उससे घर में मां लक्ष्मी स्वयं वास करती हैं और वहां बरकत होती रहती है. आइए जानते हैं गरुड़ पुराण में निहित 4 शुभ कार्यो के बारे में.
कुल देवता की पूजा
गरुड़ पुराण के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को अपने कुल देवता की पूजा रोज करनी चाहिए. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि कुल देवी या देवता की पूजा करने से जीवन खुशहाल रहता है. इसके साथ ही पूरे परिवार पर कुल देवता या देवी की कृपा बनी रहती है.
भोजन से जुड़े नियम
गरुड़ पुराण में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि घर में भोजन ग्रहण करने से पहले देवी-देवताओं को भोग जरूर अर्पित करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके साथ जी जीवन में अन्न और धन की कमी नहीं होती है.
अन्न-दान
गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को रोजाना कुछ ना कुछ अन्न का दान जरूर करना चाहिए. इसके लिए रोजना पकाए गए भोजन में से कुछ हिस्सा गाय या जरूरतमंद लोगों के लिए निकालकर उन्हें देना चाहिए. इसके अलावा व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार आय के कुछ अंश का दान जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से घर में आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.
धार्मिक ग्रंथों का पाठ
गरुड़ पुराण की मानें तो व्यक्ति को हर दिन धार्मिक ग्रंथों का पाठ जरूर करना चाहिए. साथ ही ग्रंथो में दिए गए ज्ञान को आत्मसात करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में आने वाली समस्याओं से लड़ने में मदद मिलती है.
ब्यूटी/शौर्यपथ /सर्दियों में बालों में रूसी की समस्या होना बेहद आम है. यह सफेदी अलग से ही नजर आती है और हल्का सा भी बालों पर खुजा देने या बाल झाड़ने पर कंधों पर बर्फ की तरह गिरने लगती है. इससे शर्मिंदगी तो होती ही है साथ ही बालों में खुजली और गंदगी भी बढ़ती और बाल ऑयली भी दिख सकते हैं. इस डैंड्रफ को दूर करने में कुछ हेयर केयर टिप्स और नुस्खे बेहद काम के साबित होते हैं. इनका इस्तेमाल भी महिलाएं और पुरुष दोनों ही बेहद आसानी से कर सकते हैं.
डैंड्रफ को कैसे करें दूर | How To Get Rid Of Dandruff
नीम
ताजा नीम की पत्तियों को लेकर पेस्ट बना लें. नीम के पत्ते एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर होते हैं जो डैंड्रफ को दूर करने में अच्छा असर दिखाते हैं. सिर पर नीम का पेस्ट लगाकर कुछ देर बाद धो लेने पर सिर से डैंड्रफ दूर हो सकता है.
नारियल तेल
एक कटोरी में नारियल का तेल लें और उसमें नींबू मिला लें. सिर पर फैले डैंड्रफ और डैंड्रफ से होने वाली खुजली को दूर करने के लिए इस तेल को लगाएं और बालों पर 10 से 15 मिनट लगाए रखने के बाद धो लें. इस तेल से बालों की ग्रोथ भी प्रोमोट होने में मदद मिलती है.
दही
रूसी हटाने के सबसे कारगर तरीकों में से एक है दही का इस्तेमाल. इसे बालों पर लगाने के लिए एक कटोरी में दही लें और हाथों से बालों के सिरे से जड़ों तक लगा लें. इसे सिर पर 15 से 20 मिनट लगाए रखने पर ही प्रभाव दिखने लगता है. दही के असर को बढ़ाने के लिए आप इसमें काली मिर्च भी पीसकर मिला सकते हैं.
सेब का सिरका
बालों को धोने के लिए सेब के सिरके का इस्तेमाल करें. ध्यान दें कि इसे पानी में मिलाए बिना कभी भी इस्तेमाल ना करें क्योंकि इससे बालों को नुकसान भी पहुंच सकता है. नहाने के मग्गे में 2 चम्मच एपल साइडर विनेगर मिलाएं और नहाने समय इससे बालों को धोएं. 2 से 3 मिनट रुकने के बाद बालों को सादे पानी से धो लें. रूसी पर यह नुस्खा कारगर साबित होता है.
एलोवेरा
एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर एलोवेरा का इस्तेमाल बालों से डैंड्रफ हटाने के लिए किया जा सकता है. एलोवेरा की ताजा पत्ती से गूदा निकालकर बालों पर लगाएं या फिर एलोवेरा जैल का इस्तेमाल करें. 10 से 15 मिनट बाद हेयर वॉश करें. आप हफ्ते में 2 बाल एलोवेरा बालों पर लगा सकते हैं.
दादी नानी नुस्खे /शौर्यपथ /कोई भी मौसम हो मच्छरों की परेशानी बनी रहती है. जिसके कारण हाथ, पैर और चेहरे का बुरा हाल हो जाता है. मॉसक्विटो रॉकेट, मोर्टीन ओडोमास का भी इस्तेमाल करते हैं इन्हें भगाने के लिए फिर भी कोई खास असर नहीं पड़ता है. ऐसे में समझ नहीं आता है कि क्या करें कि मच्छरों से दूरी बनी रहे. तो आज इस लेख में हम कुछ घरेलू उपाय के बारे में बताते हैं जिससे आपको काफी हद तक राहत मिलेगी.
मच्छरों को भगाने के घरेलू उपाय
- मच्छरों को भगाने के लिए आप जिस कमरे में सोते हैं उसमें दरवाजा बंद करके कपूर जलाकर रख दीजिए. यकीनन आधे घंटे में मच्छर गायब हो जाएंगे. इसके अलावा आप कपूर के पानी को पूरे कमरे में छिड़क सकते हैं. इसकी खुशबू से भी गायब हो जाते हैं मच्छर.
- पुदीने की महक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं मच्छर भगाने में. आप पुदीने के तेल को घर में छिड़क दीजिए इससे मच्छर जरूर भाग जाएंगे. इसके तेल को घर के कोने-कोने में छिड़क दीजिए.
- रोजमेरी, गेंदा और पुदीने के पौधे घर में जरूर लगाइए इससे भी मच्छर घर के आस पास नहीं फटकते हैं. इन्हें गमले में लगाकर घर के अलग-अलग हिस्सों में रख सकती हैं.
- नींबू और लौंग की खुशबू से भी मच्छर नहीं आते हैं घर में. इसके अलावा आप लहसुन को उबालकर घर में छिड़काव कर दीजिए. इससे भी मच्छर भाग जाएंगे. क्योंकि इसमें मौजूद सल्फर मच्छरों को बिल्कुल पसंद नहीं आता हैं.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ / कम उम्र में बाल सफेद होने को लेकर लोग चिंतित तो हैं ही अब दाढ़ी के रंग में भी उम्र से पहले सफेदी आने लगी है जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है. कुछ समय पहले तक 40 की उम्र का आंकड़ा पर चुके लोग ही बाल और दाढ़ी रंगीन किया करते थे सफेदी छुपाने के लिए जबकि अब कम उम्र के लड़के भी डाई का इस्तेमाल करने लगे हैं. इसके पीछे आखिर क्या वजह है कि उम्र से पहले दाढ़ी का रंग सफेद हो रहा है. आज इसी समस्या को लेख के माध्यम से समझने की कोशिश करेंगे. हम आपको बताएंगे 4 महत्वपूर्ण बातें या यूं कहें आपकी दिनचर्या की रोज की लापरवाहियां कैसे आपको 25 से 30 साल की उम्र में ही बुढ़ापे का अहसास करा रही हैं.
दाढ़ी सफेद होने का कारण
लंबे समय से तनाव में रहना आपके दाढ़ी का रंग काले से सफेद कर सकता है. आजकल लोग एक दूसरे से आगे निकलने के चक्कर में हम किसी से कमतर ना रहे और अपनी अनगिनत आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं जिसके चलते तनाव होना लाजिम हैं. ऐसे में खाने-पीने और उठने-बैठने का समय निश्चित नहीं है जिसके चलते शरीर को ना तो सही से आराम और ना ही पोषण मिल पा रहा है.
मेलेनिन, एक ऐसा पिंगमेंट है जो आंख, बाल और स्किन की प्राकृतिक रंग और चमक बनाए रखने का काम करता है. यह एक रंगद्रव्य जो अधिकतर जीवों में पाया जाता है. इसकी कमी शरीर में हो जाती है तो बाल, आंख और त्वचा की रंगत प्रभावित होती है. इसलिए आप अपने खान पान (diet) में साइट्रस फूड, बेरी और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं. यह मेलेनिन का उत्पादन शरीर में बढ़ाने का काम करेंगी.
स्मोकिंग, ड्रिकिंग जैसा नशा भी कम उम्र में दाढ़ी और बाल के सफेद होने का कारण हो सकती है. ज्यादा स्मोकिंग करने से ब्लड वेसल्स सिकोड़ने लगते हैं जिससे हेयर फॉलिकल्स तक रक्त का प्रवाह ठीक ढ़ंह से नहीं हो पता है जिससे भी दाढ़ी का रंग काले से सफेद होने लगता है.
वहीं, कम उम्र में बाल और दाढ़ी के सफेद होने के पीछे की वजह अनुवांशिक हो सकती है. ऐसी स्थिति में आपके पास एक ही विकल्प है कि आप अपने खान पान में विटामिन सी और अन्य पोषक तत्वों को बढ़ाएं. और साथ ही व्ययाम का भी सहारा ले सकते हैं. इससे आप थोड़ा सा सुधार ला सकते हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / सर्दियों के मौसम में शरीर को सेहतमंद रखने के लिए हम अपनी डाइट में कई तरह के बदलाव करते हैं. असल में ठंड के मौसम में पुरुषों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए. आपको बता दें कि पुरुषों को महिलाओं की तुलना में एनर्जी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है क्योंकि, महिलाओं की तुलना में पुरुष फिजिकल एक्टिविटीज ज्यादा करते हैं. इतना ही नहीं इनके शारीरिक बनावट में भी अंतर होता है. अगर आप एक्सरसाइज करते हैं या आपके मासल्स मास हैं तो आपको हेल्दी डाइट की बेहद जरूरत है. अगर आप भी यही सोच रहे हैं कि ऐसा क्या एड करें जिससे शरीर को पोषण के साथ एनर्जी भी मिल सकते हैं. तो परेशान न हो हम आपको कवर कर रहे हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आप अपनी डाइट में शामिल कर शरीर को सेहतमंद रख सकते हैं.
यहां हैं 5 फूड्स जिन्हें पुरुष अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं- Here Are 5 Foods That Men Can Include In Their Diet:
1. ग्रीन टी-
पुरुषों को अपने दिन की शुरूआत ग्रीन टी के साथ करनी चाहिए. अगर आप वजन को कंट्रोल में रखना चाहते हैं, तो दिनभर में 2-3 कप ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं. ये शरीर को सेहतमंद रखने के साथ-साथ एनर्जी से भी भरपूर है.
2. बादाम-
बादाम को सेहत के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है. आपको बता दें कि बादाम हेल्दी अनसैचुरेटेड फैट से भरपूर होते हैं. इतना ही नहीं इसमें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन ई की मात्रा भी अच्छी खासी पाई जाती है. अगर आप बादाम को डाइट में शामिल करते हैं, तो इससे दिल और डाइजेस्टिव सिस्टम को हेल्दी रखा जा सकता है.
3. अंडे-
पुरुषों को प्रोटीन की ज्यादा जरूरत होती है. ऐसे में वो प्रोटीन की पूर्ति के लिए अंडे का सेवन कर सकते हैं. अंडे में अमीनो एसिड पाया जाता है, जो मसल्स बिल्डिंग में फायदेमंद हो सकता है.
4. ऑलिव ऑयल-
आज कल मार्केट में कई तरह के ऑयल मिलते हैं, जो हेल्दी होने का दवा करते हैं. आप हेल्दी ऑयल ऑप्शन की तलाश में हैं तो ऑलिव ऑयल को चुन सकते हैं. इसमें मोनोअनसैचुरेटेड फैट, एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पाई जाती है, जो दिल को हेल्दी रखने और शरीर की सूजन को दूर करने में मदद कर सकते हैं.
5. योगर्ट-
योगर्ट को स्वाद और सेहत से भरपूर माना जाता है. रोजाना योगर्ट का सेवन करने से पेट में किटाणुओं से लड़ने वाले गुड बैक्टीरिया की संख्या में बढ़ोतरी होती है, जो शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं. दूध की ही तरह योगर्ट में भी कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं. पुरुष अपनी डाइट में योगर्ट को शामिल कर सकते हैं.