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मेलबॉक्स / शौर्यपथ / फिल्म ‘छिछोरे’ में एक पिता आत्महत्या करने की कोशिश करने वाले अपने बेटे को अवसाद से उबारते हुए कहते हैं, ‘अगर जिंदगी में सबसे अधिक कुछ जरूरी है, तो वह है, खुद की जिंदगी’। इस डायलॉग को कहने वाले रील लाइफ के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत खुद को असली जिंदगी के अवसाद से उबार न सके। आखिर क्यों? जब हमें काफी मेहनत के बाद सफलता मिलती है, तो हम उस सफलता के इतने दीवाने हो जाते हैं कि जरा-सी असफलता भी हमें अंदर से तोड़ देती है। इस तरह की असफलता हमें अवसाद की ओर ले जाती है। संयुक्त परिवार न होना हमारे अकेलेपन पर हावी हो जाता है, जिसके कारण हम इतने परेशान हो जाते हैं कि अपनी सबसे कीमती जिंदगी भी स्वयं समाप्त कर देते हैं। अवसाद में डूबे इंसान के लिए अकेलापन जानलेवा होता है। इस समय हमें सबसे अधिक अपनों की जरूरत होती है, जो हमारा ख्याल रख सके। अपने सहयोगी कर्मचारियों के होने के बावजूद प्यार और ख्याल रखने वाले अपनों की कमी ने शायद सुशांत सिंह राजपूत को हमसे दूर कर दिया।
आनंद पाण्डेय, रोसड़ा
रक्तदान की जरूरत
रविवार को पूरी दुनिया ने रक्तदान दिवस मनाया। मगर रक्तदान का दिन तो हर रोज है, क्योंकि हर पल, किसी न किसी के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण होता है। जरूरतमंद को रक्त मिल जाए, तो उसकी जान बचाई जा सकती है। लेकिन आज की सच्चाई यह भी है कि रक्तदान करने से कई पढ़े-लिखे लोग भी डरते हैं। इससे जुड़ी कई भ्रांतियां हमारे समाज में मौजूद हैं, जिनको दूर करना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही ब्लड बैंक की उपलब्धता भी हर जगह होनी चाहिए। हर गांव-हर शहर में ब्लड बैंक का जाल होना आवश्यक है। अगर ऐसा होता है, तो रक्तदान करने लोग स्वयं आगे आ सकेंगे और आपात स्थितियों में किसी को भी खून की कमी से नहीं जूझना होगा। सिर्फ रक्तदान दिवस मनाने से कुछ नहीं होगा, रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास भी सरकारों को करना होगा।
प्रदीप कुमार दुबे, देवास, मध्य प्रदेश
बॉलीवुड पर ग्रहण
इस साल लगता है, बॉलीवुड को ग्रहण लग गया है। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत दुनिया को अलविदा कह गए। अभी कुछ दिनों पहले ही इरफान खान और ऋषि कपूर ने भी हमसे विदाई ली थी। साफ है, कोरोना काल में न जाने कितनी विपदाएं आई हैं और न जाने कितना कुछ देखना बाकी है। बहरहाल, सुशांत सिंह की मौत का रहस्य शायद ही सामने आ पाए, लेकिन इससे पता चलता है कि बॉलीवुड में हंसते-मुस्कराते चेहरे के पीछे भी कई गहरे राज छिपे होते हैं। जिंदगी में सब कुछ मिलने के बाद भी कोई कलाकार जीवन से नाखुश हो सकता है। इतना सुलझा, शांत और सादगी भरा जीवन जीने वाला इंसान इतना अकेला कैसे हो गया, और दुनिया को इसका पता भी नहीं चल सका, ताकि उसका हाथ थामकर उसे तनाव से बाहर निकाल लिया जाता? ग्लैमर की दुनिया का शायद अलग ही दस्तूर है, जो आम आदमी कतई नहीं समझ सकता।
संजय कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड
लापरवाह तंत्र
कोरोना से संक्रमित लोगों की सारी उम्मीदें अस्पताल और डॉक्टरों द्वारा हो रहे इलाज पर टिकी हैं। लेकिन यह अफसोस की बात है कि अस्पतालों में मरीजों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए, वे उन्हें नहीं मिल रही हैं। वहां मरीजों की संख्या के हिसाब से बेड कम हैं और साफ-सफाई पर भी कुछ खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में, सवाल यह है कि क्या अस्पतालों की इस कुव्यवस्था को दूर करने के लिए सरकार कोई सख्त कदम उठाएगी? डॉक्टर, नर्सें और पैरा मेडिकल स्टाफ, जो दिन-रात कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं, उनकी सेहत और सुरक्षा पर भी ध्यान देना जरूरी है।
मिताली, नई दिल्ली
ओपिनियन / शौर्यपथ /कुछ वाक्य इतिहास में दर्ज हो जाते हैं। वे किसी एक व्यक्ति द्वारा बोले जरूर जाते हैं, लेकिन दर्ज हो जाते हैं मनुष्यता के स्मृति-पटल पर और बीच-बीच में कौंध उठते हैं मानव उपलब्धियों या असफलताओं को रेखांकित करने के लिए। मित्र द्रोही ब्रूटस के खंजर के सामने खड़े जूलियस सीजर ने अविश्वास आंखों में भरकर पूछा था, तुम भी ब्रूटस! महाभारत में युद्ध के बीच संशय पैदा करने वाला युधिष्ठिर का एक वाक्य - अश्वत्थामा मारा गया... सुनकर महारथी, लेकिन उस क्षण सिर्फ एक पिता द्रोणाचार्य ने अपना धनुष जमीन पर टिका दिया। चंद्रमा पर पहला कदम रखते हुए नील आर्मस्ट्रांग के मुंह से निकला- इंसान का एक छोटा कदम, पर मानव जाति की एक लंबी छलांग।
ये और ऐसे ही कई वाक्य हमारी स्मृतियों में दर्ज हैं। ऐसा ही एक वाक्य अमेरिका के मिनेसोटा में पुलिस के घुटनों तले दबी गरदन वाले जॉर्ज फ्लॉयड ने छटपटाते हुए कहा था- आई कांट ब्रीद -मेरा दम घुट रहा है। अमेरिकी पुलिस निहत्थी लड़ाई में विरोधी को काबू में करने के लिए जमीन पर पटककर चोकहोल्ड दांव लगाती है, जिसमें उसका सिर घुटनों से दबाया जाता है।
इस बार जो सिर घुटने के नीचे था, वह एक अश्वेत का था, इसलिए दबाव सिर्फ एक मजबूत जिस्म का नहीं था, बल्कि उसमें वह सारी नस्लीय घृणा भी शरीक थी, जो किसी काले व्यक्ति के प्रति गोरों के मन में भरी होती है। तकनीक ने एक भयानक फिल्म पूरी दुनिया को दिखा दी - एक मध्यवय का अश्वेत आदमी एक हट्टे-कट्टे श्वेत पुलिसकर्मी के घुटने के नीचे दबा हुआ है और यह बताने की कोशिश कर रहा है कि वह सांस का मरीज है और उसका दम फूल रहा है। यह तो उसकी मृत्यु के बाद पता चला कि वह कोरोना से भी संक्रमित था। लोगों को याद आया कि साल भर पहले भी एक और अश्वेत व्यक्ति की इन्हीं परिस्थितियों में मृत्यु हुई थी और वह भी इसी तरह गिड़गिड़ा रहा था। लेकिन इस बार के वाक्य आई कांट ब्रीद की ध्वनियां अमेरिका, यूरोप, हर जगह गूंजने लगी।
लोगों ने समवेत स्वर में गाना शुरू कर दिया, आई कांट ब्रीद। लोगों का दम इस नस्लभेदी व्यवस्था में घुट रहा था। इस बार उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा हुआ था कि ब्लैक लाइफ मैटर्स अर्थात अश्वेतों की जिंदगी का भी मतलब है। श्वेतों के महाद्वीपों अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में भूचाल आ गया। इस भूचाल के पीछे अश्वेत और श्वेत दोनों थे, बल्कि श्वेत अधिक थे। यह आंदोलन इतिहास की ज्यादतियों का भी बदला लेने निकल पड़ा है। इसने रंगभेद के बचे-खुचे अवशेषों के साथ पुराने नस्लभेदियों, उपनिवेशवादियों और गुलामों के व्यापारियों की स्मृतियों को खुरचना शुरू कर दिया है। कई शताब्दियों से दर्प के साथ चौराहों पर खडे़ औपनिवेशिक युद्धों के नायकों, नस्लभेद के भाष्यकारों और गुलामों के सौदागरों की मूर्तियां धड़ाधड़ गिराई जाने लगी हैं।
इसी बीच एक अद्भुत दृश्य दिखा, मिनेसोटा की पुलिस ने चोकहोल्ड की मुद्रा में घुटनों के बल बैठकर अश्वेतों से माफी मांगी। इसके बाद तो घुटनों के बल बैठकर माफी मांगने की होड़ लग गई, छात्रों, प्राध्यापकों, राजनीतिज्ञों, कलाकारों, सबने घुटने टेककर माफी मांगी। अद्भुत है अमेरिकी समाज! एक तरफ तो उसका प्रभु वर्ग वियतनाम, इराक या अफगानिस्तान में नागरिकों पर बम बरसाकर उनका संहार करता है और साथ ही, उसकी जनता को दुनिया के सबसे बड़े युद्ध विरोधी आंदोलनों की इजाजत भी है। कई बार मुझे लगता है कि अगर इस तरह का आंतरिक लोकतंत्र सोवियत रूस में रहा होता, तो शायद एक खूबसूरत समाज नष्ट नहीं होता। यह एक दिलचस्प तथ्य है कि अमेरिका का सबसे अधिक विरोध माक्र्सवादी और इस्लामी विचारक करते हैं और इन दर्शनों से जुड़े ज्यादातर बड़े नामों की एक कामना यह भी होती है कि उनके या उनकी संतानों के लिए अमेरिका के दरवाजे खुल जाएं। कभी इस पर भी सोचना चाहिए कि नोम चॉमस्की अमेरिका में ही क्यों संभव हुए, सोवियत रूस में होते, तो शायद उनकी जिंदगी साइबेरिया में ही कटती। अमेरिकी समाज के अंतर्विरोधों पर काफी गंभीर समाजशास्त्रीय अध्ययन हो सकते हैं, पर इसे कैसे भूला जा सकता है कि वियतनाम युद्ध के खिलाफ सबसे बड़ी रैलियां अमेरिकी शहरों में ही आयोजित की गई थीं और दुनिया की सबसे ताकतवर सेना ने अंतत: शिकस्त कुबूल कर ली, पर जनमत के दबाव ने सैन्य-राजनीतिक नेतृत्व को परमाणु बम का इस्तेमाल नहीं करने दिया।
अमेरिकी दृश्यों से गुजरते हुए मैं भी कुछ सपने देखने की इजाजत चाहता हूं। मैं सपना देखता हूंं कि दिल्ली पुलिस 1984 के दंगों के दोषी के रूप में माफी मांगने के लिए गुरुद्वारा बंगला साहिब के सामने शर्मिंदगी से सिर झुकाए बैठी है। मेरा एक दूसरा सपना इतना ही असंभव-सा है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस अयोध्या में बाबरी विवाद में अपनी सहभागिता के लिए लखनऊ में पुलिस मुख्यालय के सामने मौन रखकर देश से क्षमा मांग रही है। पश्चिम में गुलामों के सौदागरों की मूर्तियां गिराते देखकर मैंने सपना देखा कि समानता की गारंटी देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 पर दिन-रात बहस करते-करते न्यायमूर्तियों, वकीलों को भी जागना चाहिए। देश में असमानता के लिए जिम्मेदार रहे लोगों की कुछ मूर्तियां अब तक क्या कर रही हैं?
ऐसे ही बहुत से सपने हैं, जो आजकल मैं देख रहा हूं। मुझे पता है, मेरे सपने हाल-फिलहाल तो सच होने वाले नहीं हैं। हमने खुद को जगद्गुरु घोषित कर रखा है। हमारा अतीत इतना महान है कि उस पर किसी तरह की शंका करना वर्जित है, अपने किसी किए पर क्षमा मांगने का तो सवाल ही नहीं उठता। अमेरिका के पास सिर्फ चार सौ वर्षों का इतिहास है, पर उसने इतनी क्षमता अर्जित कर ली है कि वह अपनी गलतियों पर शर्मिंदगी महसूस कर सकता है और हमारा हजारों साल पुराना ‘गौरवशाली’ अतीत हमें इससे रोकता है। पता नहीं हम कब सीख पाएंगे कि गलती की क्षमा मांगना कमजोरी नहीं, जातियों की शक्ति का द्योतक होता है। शर्मिंदगी का सार्वजनिक इजहार हमें बड़ा बनाता है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)विभूति नारायण राय,पूर्व आईपीएस अधिकारी
दुर्ग / शौर्यपथ / जिले के कुबेर इनकेव वार्ड नं. 7, जुनवानी रोड कोहका, नगर पालिक निगम भिलाई एवं वार्ड नंबर 15, मउहारी भाटा मड़ोदा, रिसाली में कोरोना पॉजिटव केस पाये जाने के उपरांत उक्त क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया था। उक्त क्षेत्र में पिछले 14 दिवस में कोई भी नए पॉजिटीव केस नहीं आये है। अत: कन्टेनमेंट जोन की अधिसूचना को समाप्त करते हुए चिन्हित क्षेत्र में जिन व्यक्तियों को होम क्वारंटाईन किया गया है उनके क्वारंटाईन अवधि तक यथास्थिति बनी रहेगी।
चिन्हांकित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकाने एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान शासन के नियमानुसार संचालित होंगे। चिन्हित क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को कोरोना से संबंधित लक्षण होने पर तत्काल कंट्रोल रूम के दूरभाष क्रमांक 0788-2210180 अथवा 0788-2210773 पर सूचित करेंगे।
दुर्ग / शौर्यपथ / विकास कार्यों के लिए लगातार सक्रिय रहने वाले विधायक अरूण वोरा की पहल पर वाय शेप ओवरब्रिज में 50 लाख की लागत से माइक्रो सरफेसिंग डामरीकरण का कार्य प्रारंभ हो गया है। उल्लेखनीय है कि पुलगांव नाला ब्रिज, वायशेप ब्रिज में लगातार हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए वोरा ने सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में शहर के ब्रिजों में सुरक्षात्मक उपाय करने हेतु आवश्यक कार्यों के लिए राशि मांगी थी .
जिसके बाद वायशेप व धमधा नाका ओवरब्रिज में डामरीकरण एवं प्रोटेक्टिव जाली लगाने के कार्य के अतिरिक्त पुलगांव नाला ब्रिज में मार्ग विभाजक निर्माण हेतु 2.06 करोड़ रुपए स्वीकृति मिली थी। लंबे समय से दोनों ओवरब्रिज की मरम्मत की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। विधायक ने कहा कि जनसुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है प्रोटेक्टिव जाली एवं माइक्रो सरफेसिंग डामरीकरण कार्य शुरू हो गया है। काम पूरा होने पर यहां आवागमन में सुविधा होगी। धमधानाका ओवरब्रिज का निर्माण लगभग तीन दशक पहले किया गया है।
ओवरब्रिज के सभी संधारण कार्यों में लोगों की सुरक्षा की अनदेखी नहीं होना चाहिए। साथ ही उन्होंने धमधा नाका में प्रोटेक्टिव वाल सुरक्षित एवं मजबूत बनाने के लिए विभागीय आदेश जारी करने कलेक्टर से आग्रह किया है।
दुर्ग / शौर्यपथ / 14 जून विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर नवदृष्टि फाउंडेशन के आव्हान पर दुर्ग जिला चिकित्सालय ब्लड बैंक में 44 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया,संस्था के संस्थापक सदस्य राज आढ़तिया की माता श्रीमती पुष्पा बेन आढ़तिया ने 65 वर्ष की आयु में रक्तदान कर सब को चौंका दिया उपस्थित सभी लोगों में उनकी ही चर्चा रही एवं सभी ने पुष्प बेन के जज़्बे की तारीफ़ की,पुष्प बेन को रक्तदान करते देख उनकी बहु कोमल आढ़तिया ने भी अपना पहला रक्तदान किया,जिला चिकित्सालय ब्लड बैंक की मुख्य कॉउंसलर आशा साहू ने रक्तदान कर अन्य लोगों को प्रेरित किया,अंकित दुबे,कुलदीप भमरा,खुर्शेद अहंमद,देवनन्द ढीमर,सुरेश सिंह बनाफर(क्राइम ब्रांच),नीरज जैन,विपल कोठारी,गुरप्रीत सिंह ढींगरा सहित 44 लोगों ने रक्तदान किय,
नवदृष्टि फाउंडेशन के कुलवंत भाटिया,राज आढ़तिया,रितेश जैन,संतोष राजपुरोहित,जितेंद्र हासवानी,हरमन दुलाई ने सभी रक्तदानियों का सम्मान किया व उनका उत्साह बढ़ाया,
कुलवंत भाटिया ने पुष्प बेन द्वारा 65 वर्ष की उम्र में रक्तदान को सभी के लिए प्रेरणादाई बताया यह रक्तदान आढ़तिया परिवार का समाज के प्रति समर्पणको दिखता है,नेहरू युवा केन्द्र के नितिन शर्मा ने रक्तदान प्रक्रिया में सहयोग किया
नव दृष्टि फाउंडेशन के अनिल बल्लेवार, कुलवंत भाटिया,राज आढ़तिया,प्रवीण तिवारी ,मुकेश आढ़तिया ,हरमन दुलई,प्रभु दयाल उजाला,प्रमोद बाघ,रितेश जैन,जितेंद्र हासवानी,गोपी रंजन दास,धर्मेंद्र शाह,पियूष मालवीय,मुकेश राठी,संतोष राजपुरोहित, किरण भंडारी,चेतन जैन,चन्दन मिश्रा,यतीन्द्र चावड़ा,नत्थू अग्रवाल,खुर्शीद अहमद ,आकाश मसीह ,अनुराग तैलंग,वीरेंद्र पाली,अभय माहेश्वरी ,प्रफुल्ल जोशी, संजीव श्रीवास्तव,विवेक साहू ,शैलेश कारिया,हरपाल सिंह,मनीष जोशी,प्रसाद राव,दीपक बंसल ने सभी रक्तदानियों की प्रशंसा की व शुभकामनाएं दी.
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर पूरे प्रदेश वासियों की ओर से हर्ष प्रकट किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुशासन के कारण प्रदेश के 67 हजार से अधिक कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्ति मिली और वह अब सामान्य बच्चों की तरह जिंदगी जी रहे हैं जबकि 15 सालों के रमन राज में 38 प्रतिशत से भी अधिक बच्चे कुपोषण की श्रेणी में थे मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, जन्म दर में भी प्रदेश की हालत बद से बदतर थी लाइफ-एक्सपेंटेंसी की सभी मानकों में भाजपा सरकार ने प्रदेश को गर्त में धकेल रखा था। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य केवल कमीशन खोरी करना था।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने मात्र डेढ़ साल के कार्यकाल में ही 13 प्रतिशत से अधिक कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने का भागीरथी काम किया है और आने वाले समय मे छत्तीसगढ़ राज्य का एक भी बच्चा कुपोषित नही रहेगा। विकास ने आंकड़े प्रस्तुत करते हुवे कहा कि भाजपा सरकार के समय दंतेवाड़ा, बस्तर, कांकेर, जशपुर, कबीरधाम और नरायणपुर में कुपोषित बच्चो की संख्या अधिक थी। इन जिलों में 45 प्रतिशत बच्चे कुपोषित कुपोषित थे। यही नही पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह जो खुद एक चिकित्सक थे उनके 15 वर्षों के शासनकाल में सम्पूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम में प्रदेश के 24 प्रतिशत बच्चों को हर साल जरूरी टीका नहीं लग पा रहा। यही नहीं 2 प्रतिशत बच्चे एयआरआई की चपेट में थे। रमन राज में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम पूरी तरह ढप्प हो गया था।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि पूर्ववर्ती रमन सरकार के समय स्वास्थ विभाग और अन्य विभागों में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी व्याप्त थी और प्रदेश के सभी सीएमएचओ पर 7 करोड़ धनराशि के दुरुपयोग का लगा था आरोप जिसकी जांच भी तत्कालीन भाजपा सरकार ने नही करवाई थी। चाइल्ड हेल्थ का ऐसा हाल इसलिए था क्योंकि बच्चों के स्वास्थ्य संबधी योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्ट्राचार पाए जाने पर भी रमन सरकार कोई भी कार्यवाही नहीं करतीं थी। जिसके कारण प्रदेश के 38 प्रतिशत से अधिक बच्चे कुपोषित हो गये थे।
तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी ने संकल्प लिया है कि प्रदेश का एक भी बच्चा कुपोषित नही रहेगा और रमन राज में जो कुल 38 प्रतिशत बच्चे कुपोषित थे जिनमें से अभी 13 प्रतिशत बच्चे सुपोषित हुवे है आने वाले समय मे सभी को सुपोषित रखने की रूप रेखा कांग्रेस सरकार ने बना ली है। गर्भवती माताओं, छोटे बच्चो को भी स्वास्थ्यवर्धक आहार भी उपलब्ध करवाया जा रहा है।
दुर्ग / शौर्यपथ / भिलाई के रिसाली में अपने ही मालिक के घर के बेडरूम से 10 लाख 80 हजार रुपए नगद एवं सोने चांदी के जेवर चोरी करने वाली नौकरानी को नेवई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने नौकरानी से 8 लाख 11 हजार रुपए नगद व 2 लाख के सोने चांदी के जेवर सहित कुल 10 लाख 80 हजार रुपए की जब्ती की गई है आरोपियों को नेवई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
वी/ओ- 1 दुर्ग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने तीन दिन पहले हुए चोरी की शिकायत मिलने पर पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दि थी जिसके बाद पता चला कि आरोपी मैत्रीनगर रिसाली में अनिल सोनी के घर पर ही झाड़ू पोछा का काम करती है। आरोपी ने 5 जून को अनिल सोनी के घर काम करते समय बेडरूम को सुना पाकर पास में रखी अलमारी से नगद रकम चोरी करना स्वीकार किया है। आरोपी ने पैसे से कीमती जेवर एवं कपड़े खरीदना स्वीकार किया है, आरोपी की निशानदेही पर नगदी रकम 8 लाख 11 हजार रुपए सोने के जेवर कीमती एक लाख 92 हजार, चांदी के जेवर 46 हजार एवं 20 हजार के कपड़े एवं दो मोबाइल फोन कुल कीमती 10 लाख 80 हजार आरोपियों के कब्जे से जप्त किया गया है। नेवई में आरोपियों के विरुद्ध भादवि की धारा 454, 380 का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया है। आरोपी लता बाई साहू को गिरफ्तार कर पुलिस पूछताछ कर रही है..
भिलाई / शौर्यपथ / वाटर एड लोकशक्ति समाज सेवी संस्था द्वारा महामाया रोड कुम्हारी वार्ड 03 में मल जल उपचार संयंत्र का भूमिपूजन गौरव शर्मा स्वास्थ्य निरीक्षक कुम्हारी की उपस्थिति में किया गया। इसमे वाटर एड के अनुराग गुप्ता, लोकशक्ति समाज सेवी संस्था के निर्देशक राजू सैमसन, संजय सूना, सुरेश कापसे, इंजीनियर हरिश साहू, प्लांट निर्माण में सहयोगी एल्फो के साइट इंजीनियर अमन, उमानचंद निकोसे एवं देवादास भारती सहित पिट एम्प्टीयर नोहर साहू उपस्थित थे। इस प्लांट का निर्माण 2030 तक कि जनसंख्या को ध्यान में रख कर प्लान किया गया है जिसके द्वारा मल जल का सुरक्षित प्रबंधन कर खाद के रूप में परिवर्तित कर उपयोग योग्य बनाने का कार्य होगा।
इसमे कुम्हारी शहरी क्षेत्र के साथ ढाबाए, मुर्रा, सुरजीडीह,सांकरा, खपरी, पंचदेवरी, कपसदा ग्राम पंचायत को शामिल किया गया है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत ओडीएफ की श्रेणी में रखने के लिए यह प्लांट अत्यंत सहयोगी साबित होगा।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में चालू सीजन के दौरान अब तक वनवासी ग्रामीणों द्वारा 432 करोड़ रूपए की राशि का तेंदूपत्ता और लघु वनोपजों का संग्रहण किया जा चुका है। राज्य में इसके 12 लाख से अधिक संग्राहक परिवारों को अब तक 165 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान भी कर दिया गया है, शेष राशि का भुगतान जारी है। इस तरह कोरोना संकट की इस कठिन घड़ी में भी राज्य में वनोपजों के संग्रहण कार्य से वनवासियों को काफी राहत मिली और इन्हें जीवकोपार्जन का भरपूर लाभ भी मिल रहा है। इससे छत्तीसगढ़ में वनवासी ग्रामीणों का जीवन तेजी से संवरने लगा है।
मुख्यमंत्री बघेल की मंशा के अनुरूप और वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में लॉकडाउन के दौरान संग्राहकों द्वारा इसके नियमों का पालन करते हुए लघु वनोपजों का संग्रहण कार्य सुव्यवस्थित ढंग से जारी है। इसके तहत राज्य में अब तक 9 लाख 71 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। इसमें तेंदूपत्ता संग्राहकों को 388 करोड़ 40 लाख रूपए के पारिश्रमिक का भुगतान किया जाना है। जिसमें से अभी तक 123 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान संग्राहकों को किया जा चुका है। इसी तरह चालू सीजन के दौरान अब तक लगभग 44 करोड़ रूपए की राशि के एक लाख 37 हजार क्विंटल लघु वनोपजों का संग्रहण हो चुका है। जिसमें से अभी तक संग्राहकों को 42 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ से प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें अब तक वनमण्डलवार नारायणपुर में 12 हजार 897 क्विंटल लघु वनोपज तथा 12 हजार 665 मानक बोरा तेंदूपत्ता, दंतेवाड़ा में 11 हजार 566 क्विंटल लघु वनोपज तथा 3 हजार 614 मानक बोरा तेंदूपत्ता तथा बालोद में एक हजार 399 क्विंटल लघु वनोपज तथा 16 हजार 289 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। इसी तरह दक्षिण कोण्डागांव में 14 हजार 413 क्विंटल लघु वनोपज तथा 11 हजार 486 मानक बोरा तेंदूपत्ता, सुकमा में 8 हजार 702 क्विंटल लघु वनोपज तथा 40 हजार 978 मानक बोरा तेंदूपत्ता, धमतरी में 4 हजार 299 क्विंटल लघु वनोपज तथा 19 हजार 13 मानक बोरा तेंदूपत्ता, बीजापुर में 8 हजार 903 क्विंटल लघु वनोपज तथा 81 हजार 999 मानक बोरा तेंदूपत्ता तथा केशकाल में 7 हजार 874 क्विंटल लघु वनोपज तथा 16 हजार 655 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया जा चुका है।
वनमण्डलवार कोरबा में 4 हजार 570 क्विंटल लघु वनोपज तथा 33 हजार 146 मानक बोरा तेंदूपत्ता, रायगढ़ में 3 हजार 955 क्विंटल लघु वनोपज तथा 26 हजार 986 मानक बोरा तेंदूपत्ता, जगदलपुर में 18 हजार 708 क्विंटल लघु वनोपज तथा 11 हजार 792 मानक बोरा तेंदूपत्ता तथा कांकेर में 3 हजार 400 क्विंटल लघु वनोपज तथा 28 हजार 632 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। राजनांदगांव में 6 98 क्विंटल लघु वनोपज तथा 59 हजार 563 मानक बोरा तेंदूपत्ता, पश्चिम भानुप्रतापपुर में 3 हजार 755 क्विंटल लघु वनोपज तथा 67 हजार 727 मानक बोरा तेंदूपत्ता, बिलासपुर में एक हजार 585 क्विंटल लघु वनोपज तथा 14 हजार 20 मानक बोरा तेंदूपत्ता, धरमजयगढ़ में 2 हजार 607 क्विंटल लघु वनोपज तथा 54 हजार 285 मानक बोरा तेंदूपत्ता तथा बलरामपुर में 2 हजार 497 क्विंटल लघु वनोपज तथा 49 हजार 946 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। पूर्व भानुप्रतापपुर में 4 हजार 780 क्विंटल लघु वनोपज तथा 81 हजार 829 मानक बोरा तेंदूपत्ता, खैरागढ़ में एक हजार 823 क्विंटल लघु वनोपज तथा 28 हजार 409 मानक बोरा तेंदूपत्ता, कटघोरा में 2 हजार 651 क्विंटल लघु वनोपज तथा 36 हजार 69 मानक बोरा तेंदूपत्ता, मरवाही में एक हजार 508 क्विंटल लघु वनोपज तथा 11 हजार 356 मानक बोरा तेंदूपत्ता, कोरिया में 2 हजार 79 क्विंटल लघु वनोपज तथा 21 हजार 159 मानक बोरा तेंदूपत्ता, कवर्धा में 773 क्विंटल लघु वनोपज तथा 20 हजार 286 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया जा चुका है।
मुंगेली / शौर्यपथ / कलेक्टर पी. एस. एल्मा के मार्गदर्शन में सुदूर ग्रामीण अंचल शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोना में पदस्त व्याख्याता श्रीमती सृष्टि शर्मा ने अपने लगनशीलता, निरन्तर कार्य करते रहने की अदभुत क्षमता ने जिला को अंतः cg- school- पद को फ्रंट पेज पर ला ही दिया है । नायिका की उपाधि प्राप्त करने वाली जिले की प्रथम शिक्षिका ने निरंतर अध्यापन के अलावा शिक्षा विभाग के उन समस्त कार्यो में अग्रणी भूमिका देती रही है। जिले में संचालित बोर्ड कोचिंग, पी ई टी., सी. पी. एम. टी. कोचिंग क्लास में भी अपने छुट्टी के दिनों में भी विद्यार्थियों को सेवा देती रही हैं। राज्य में चल रहे पढ़ई तुंहर दुवार वर्चुअल कक्षा में भी लगातार ऑनलाइन क्लास ले रही है। ब्लॉग राइटर विवेक ध्रुव (ब्याख्याता) बालोद ने बताया कि श्रीमति शर्मा ने बच्चों की सबसे ज्यादा शंका समाधान दूर कर अपने अन्दर छिपी प्रतिभा को एक बार फिर साबित किया है। उन्हे जिले में विशिष्ट शिक्षिका का दर्जा पहले ही प्राप्त है। श्रीमति शर्मा ने बच्चों को सदैव प्रकृति में छुपे विज्ञान को जानने के लिये प्रेरणा स्रोत का कार्य किया है । इस उपलब्धि पर जिला कलेक्टर पी. एस. एल्मा, जिला शिक्षा अधिकारी जी. पी. भारद्वाज, जिला नोडल अधिकारी पी. सी. दिब्या, सहायक परियोजना अधिकारी आकाश परिहार, जिला मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी राजेन्द्र क्षत्रिय ने बधाई दी है ।
भिलाई / शौर्यपथ /कोरोना काल में आदर्श प्रस्तुत करने वाले व्यापारियों का भिलाई चैंबर द्वारा सम्मान किया जा रहा है। चैंबर के पदाधिकारी ऐसे व्यापारियों का उत्साह बढ़ाते हुए कोरोना संक्रमण के दौरान आम लोगों के बीच व्यापार का आदर्श प्रस्तुत करने वालों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया जा रहा है। सम्मान के उन व्यापारियों का चयन किया जा रहा है जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान शासन के निर्देशों का पूर्णत पालन किया है। ऐसे व्यापारियों को कोरोना के कर्मवीर सम्मान से स्मृति चिन्ह देकर सम्मनित किया जा रहा है।
इसी कड़ी में आज आकाशगंगा स्थित ओपन बटन एवम अनय मोबाईल के संचालक नयन चौहान ,फ्रूट मार्किट से मनोज माखीजा, राधिका नगर से कृष्णा डेरी को स्मृति चिन्ह देकर करोना के कर्मवीर पद से नवाजा गया। युवा चैंबर के प्रदेश अध्यक्ष अजय भसीन बताया कि लॉक डाउन के प्रारंभ से ही ओपन बटन द्वारा दुकान के बाहर डिस्टेन्स के लिए मार्ककर ग्राहकों के लिए बैठने की व्यवस्था कुर्सियां लगाकर की थी। अनय मोबाइल शॉप में ग्राहकों प्रवेश पर फॉग मशीन द्वारा सेनेटाइज किया जाता है। सोशल डिस्टेंस का पालन करने दुकान के बाहर चुने की मार्किंग भी की गई है। इस सम्मान कार्यक्रम के दौरान मनोज बक्तानि, शंकर सचदेव, प्रकाश माखीजा, राहुल चेलानी, संजय कुकरेजा व राजू जैन उपस्थित रहे।
भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस एवं एसजीपी कार्मिक विभाग द्वारा 12 जून, 2020 को कर्म शिरोमणि पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी ब्लास्ट फर्नेसेस एस आर सूर्यवंशी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में ब्लास्ट फर्नेस व एसजीपी विभाग में कार्यरत् वरिष्ठ अधिकारियों, विभिन्न अनुभागों के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
कर्म शिरोमणि पुरस्कार योजना के तहत ब्लास्ट फर्नेस विभाग में माह फरवरी, 2020 के लिए मानिक लाल, सीनियर तकनीशियन, मेकेनिकल अनुभाग एवं राजेन्द्र कुमार देवांगन, सीनियर तकनीशियन, विद्युत अनुभाग तथा माह मार्च, 2020 हेतु जी पी साहू, सीनियर तकनीशियन, मेकेनिकल अनुभाग और सुभाष चन्द्रा, सीनियर तकनीशियन, विद्युत अनुभाग को उनके द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सूर्यवंशी ने उत्कृष्ट कार्य संपादन हेतु पुरस्कृत कार्मिकों को कर्म शिरोमणि पुरस्कार का उत्कृष्टता प्रमाणपत्र, स्मृति चिन्ह एवं कर्मचारी के जीवनसाथी के लिए प्रशंसा पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर अपने सारगर्भित सम्बोधन में उन्होंने उपस्थितों को सुरक्षित कार्य प्रणाली अपनाने एवं इसी प्रकार अपना योगदान देकर विभाग को प्रगति पथ पर ले जाने का आग्रह किया। विदित हो कि वर्तमान महामारी कोविड-19 के मद्देनजर सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
दुर्ग / शौर्यपथ / पुलिस द्वारा हरिहर छत्तीसगढ़ कार्यक्रम के तहत सोशल डिसटेसिग का पालन करते हुए सोमवार को यातायात कार्यालय परिसर नेहरू नगर में वृक्षारोपण किया गया। आज के इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में पुलिस विभाग के साथ अन्य शासकीय विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित हुए । कार्यक्रम के शुरुआत में सर्वप्रथम दुर्ग पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद के द्वारा वृक्षारोपण किया गया उसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार यादव, दुर्ग कलेक्टर डॉक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे, के आर बढ़ाई वन मंडल अधिकारी, गोवर्धन ठाकुर, कमांडेंट प्रथम वहिनी सीएएफ भिलाई, रोहित झा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर, लखन पाटले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, दुर्ग श्रीमती प्रज्ञा मेश्राम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, अजीत यादव सीएसपी भिलाई नगर, प्रवीर चंद तिवारी डीएसपी क्राइम, विशवास चंद्राकर सीएसपी छावनी, विवेक शुक्ला सीएसपी दुर्ग, आकाश राव गिरपुंजे एसडीओपी पाटन, गुरजीत सिंह डीएसपी ट्रैफिक, शौकत अली डीएसपी मुख्यालय, जयलाल मरकाम सहायक सेनानी प्रथम वहिनी, नीलेश द्विवेदी रक्षित निरीक्षक दुर्ग एवं समस्त प्रशिक्षु डी एस पी, थाना प्रभारी तथा यातायात के समस्त अधिकारी कर्मचारियों ने वृक्षारोपण किया।
दुर्ग पुलिस द्वारा आज 100 छायादार एवं फलदार पौधों का वृक्षारोपण किया गया जिससे पर्यावरण को हरा भरा बनाया जा सके ताकि आने वाले कल को वृक्षों के माध्यम से पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके इसी उद्देश्य के साथ दुर्ग पुलिस द्वारा यह वृक्षारोपण किया गया है। आगामी दिनों में दुर्ग पुलिस द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में भी वृक्षारोपण का कार्यक्रम जारी रहेगा।
दुर्ग / शौर्यपथ / कोडिया प्रदेश मे कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और इस दौरान सुरक्षा एवं संयम न बरती जाए तो यह और भी भयावह हो सकती है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने उतई क्षेत्र के आदर्श ग्राम कोडिया के शौर्य युवा संगठन ने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लगातार प्रयासरत है। अलग अलग तरीके से लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे है व सुरक्षा उपाय मुहैय्या करा रहे हैं। अब शौर्य युवा संगठन सेनेटाइजिंग चैम्बर का निर्माण करके कोरोना संक्रमण को रोकने एक और कदम बढ़ाया है।
संगठन के मीडिया प्रभारी आदित्य भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि लोग शासन के निर्देशानुसार अनुमति लेकर कार्यक्रम तो आयोजित कर रहे हैं लेकिन सुविधा की कमी के कारण सुरक्षा मानकों का पालन नहीं कर पा रहे हैं। इसके दृष्टिगत यह चैम्बर संगठन द्वारा ही तैयार किया गया जिसका उपयोग गांव व आस-पास में हो रहे सामाजिक कार्यक्रमों में किया जा रहा है। सेनेटाइजिंग चैम्बर में फॉगर लगा है जिससे उसमे से गुजरने वाले व्यक्ति के पूरे शरीर मे सेनेटाइजर का छिड़काव हो जाता है। साथ ही चैम्बर के एक दीवाल में कोरोना से सबंधित जानकारी प्रिंट की गई है जिससे लोगों को कोरोना वायरस से सम्बंधित जानकारी मिल रही है। दूसरे दीवाल में संगठन के द्वारा कोरोनाकाल मे किये गए कार्यो का उल्लेख किया गया है जिसका उद्देश्य लोगों को उनके सामाजिक दायित्वों के प्रति जागरूक करना है। साथ ही कोरोना योद्धाओं का आभार भी व्यक्त किया गया है। आदित्य जी ने बताया कि यह चैम्बर ट्रायल के लिए बनाया गया था जो कि पूर्ण सफल हुआ है। अब उसमें और भी नई तकनीकों को जोड़ा जा रहा है जिससे सेनेटाइजिंग प्रक्रिया और भी सुलभ हो जाये।
संगठन के अध्यक्ष फलेंद्र पटेल ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने संगठन प्रतिबद्ध है। इसी प्रयास के अंतर्गत सेनेटाइजिंग चैम्बर का निर्माण किया गया है। इस चैम्बर के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया बहुत ही सकारात्मक मिल रहा है जिससे हमारा मनोबल बढ़ा है। अध्यक्ष फलेंद्र पटेल जी ने आभार व्यक्त करते हुए बताया कि यह चैम्बर आदित्य के निर्देशन में इंजीनियर लीलाधर साहूए इलेक्ट्रिशियन घनश्याम साहूए चिरंजीव निषादए युवराज साहूए ईशु साहू द्वारा तैयार किया गया है।
कलेक्टरेट दुर्ग के कर्मचारी महेश साहू ने संगठन को बधाई देते हुए कहा यह शौर्य संगठन का बहुत ही सराहनीय प्रयास है। इससे निश्चित तौर पर कोरोना संक्रमण को रोका जा सकता है। सेनेटाइजिंग चैंबर निर्माण के लिए शिक्षक लुकेश नामदेव, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के जोन प्रभारी भरत चंद्राकर शिक्षिका रूपा साहू, पं सुंदरलाल शर्मा, एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष डॉ आशीष चंद्र शर्मा सहित सैकड़ों लोगों ने संगठन को बधाई दिया है।