August 03, 2025
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शौर्यपथ

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नई दिल्ली/ शौर्यपथ / Pegasus स्पाईवेयर विवाद के बीच रक्षा मंत्रालय का बयान आया है. उसका कहना है कि इसके निर्माता NSO ग्रुप के साथ कोई लेनदेन नहीं किया गया. राज्यसभा में सांसद डॉ. सिवादासन के सवाल के जवाब में मंत्री ने यह बयान दिया. सीपीएम सांसद ने सवाल किया था कि क्या सरकार ने एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज के साथ कोई लेन-देन किया है और यदि हां, तो इसकी डिटेल दीजिए. रक्षा मंत्रालय ने लिखित में जवाब दिया, 'एनएसओ ग्रुप टेक्नोलॉजीज के साथ कोई लेनदेन नहीं किया गया है.'
बता दें, इस विवाद की वजह से संसद के मॉनसून सत्र काफी घमासान मचा हुआ है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की जांच में सामने आया था कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासुस का इस्तेमाल करते हुए भारत में कई लोगों को संभावित निशाना बनाया गया था. इनमें विपक्षी नेता, केंद्रीय मंत्री, भारतीय पत्रकार और अन्य लोग शामिल थे.
न्यूज वेबसाइट 'द वायर' ने मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले रिपोर्ट पब्लिश की थी, जिसमें मोबाइल नंबरों की एक लीक लिस्ट के बारे में बताया गया था. जिसके लिए बताया गया था कि ये नंबर पेगासुस के जरिए हैक के लिए संभावित निशाने थे. इनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और दो केंद्रीय मंत्रियों सहित कईयों के नाम शामिल थे.

मुंंबई/ शौर्यपथ / राजधानी मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में 10 दिनों तक चलने वाला गणपति उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, लेकिन लगातार दूसरे साल मूर्तिकारों-विक्रेताओं का कारोबार ठंडा है. हालांकि बीते साल की तुलना स्थिति कुछ बेहतर है पर कारोबार 80% मंदा है. बीते साल की तरह सरकार ने इस साल भी गणेशोत्सव को लेकर सख़्त गाइडलाइन रखे हैं. ईको फ्रेंडली ट्री गणेशा इस बार आकर्षण का केंद्र है. यह 'बप्पा' विसर्जन के बाद, पौधे का रूप लेंगे. मूर्ति में सूर्यमुखी के बीज का इस्तेमाल हुआ है. न्यूज़ पेपर, टिशु पेपर..ऐसे कई अलग-अलग प्रकार की गणपति मुंबई (Mumbai), महाराष्ट्र में कई जगह तैयार हैं पर दुकानों पर गिनेचुने ही ग्राहक हैं. हालात बीते साल से बेहतर हैं, लेकिन कोविड से पहले की तुलना में 80% ग्राहक कम हैं. प्रतिमा बनाने और बेचने वाले मूर्तिकारों-कलाकारों का कारोबार लगातार दूसरे साल प्रभावित हुआ है.
मुंबर्ई के मूर्ति विक्रेता प्रमोद बताते हैं, पहले जहां ढाई सौ ग्राहक आकार मूर्ति लेकर जाते थे लेकिन अगस्त के पहले हफ़्ते में अभी सिर्फ़ 40 के क़रीब ही आए हैं. खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है. एक अन्‍य मूर्ति विक्रेता रामेश्वर ने बताया, '
दो साल से लॉस में हैं. बहुत कम धंधा है. बारिश की वजह से माल भी कम आया है. हर साल 700-800 मूर्ति बेचते थे, अभी दुकान पर सिर्फ साढ़े तीन सौ के क़रीब ही मूर्ति रखी है, इनमें से भी 24 के क़रीब ही बिकी है. कारोबार बहुत ठंडा है.' मूर्ति विक्रेता तुषार तलारी ने बताया, 'पिछले साल की तुलना में थोड़ा बेहतर है लेकिन, धंधा अब भी पहले की तरह नहीं है. लोग निराश भी हैं कि कहां 10-12 फ़ीट की मूर्ति की इजाज़त होती थी वहीं अब सिर्फ़ 4 फ़ीट की इजाज़त है. सरकारी गाइडलाइन का पालन करेंगे, उम्मीद है अगले साल स्थिति बेहतर हो.'
गौरतलब है कि 10 सितम्बर से 10 दिनों के गणपति उत्सव की शुरुआत हो रही है. राज्य सरकार की ओर से जून महीने में जारी हुईं गाइडलाइंस के मुताबिक़ सार्वजनिक गणेश मंडलों के लिए गणेश मूर्ति की ऊंचाई 4 फीट तक हो सकती है. पूजा, आरती, लाइव दर्शन के लिए ऑनलाइन सुविधा हो, पंडाल पर भीड़ इकट्ठा न हो और घरों में विराजमान होने वाले गणपति मूर्ति की ऊंचाई 2 फीट रखी जाए. इसके साथ ही निर्देशों में यह भी कहा गया है कि मूर्ति की स्थापना और विसर्जन के दौरान भीड़ न जुटे, कोविड नियमों का सख़्ती से पालन हो.बीते वर्ष की तरह इस साल भी कोरोना को देखते हुए सरकार ने त्योहार को सादे तरीके से मनाने और ऑनलाइन दर्शन करने की अपील की है.

नई दिल्ली/ शौर्यपथ /जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं. ललन सिंह ने आरसीपी सिंह की जगह ली थी. आरसीपी सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद जद(यू) अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया था. इससे सवाल उठे कि जेडीयू में गुटबाजी चल रही है. इस पूरे मामले पर जब सीएम नीतीश से बात हुई तो उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रीय परिषद की बैठक में निर्णय हुआ था. हमने ही कह दिया था कि आरसीपी सिंह को ये जिम्मेदारी देना चाहते हैं, वो काम करने लगे. वह मंत्री बन गए तो उन्होंने ही नेशनल एक्जक्यूटिव की बैठक में कहा कि अब ललन जी बन जाएं तो ठीक रहेगा. ये मत सोचिए कोई गुटबाजी है. हमारी पार्टी में ऐसा कुछ नहीं है. सब लोग काम कर रहे हैं. कोई दिक्कत नहीं है.
गौरतलब है कि जेडीयू अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद आरसीपी सिंह ने भावुक पोस्ट लिखी थी. उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे जब जो जिम्मेदारी दी, उसे मैंने अपना सौ प्रतिशत दिया और अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा और चेतना दल को आगे बढ़ाने में लगाई. हमारे नेता का सिर हमेशा ऊंचा रहे और उनका काम सरजमीन तक पहुंचे, हमेशा पूरी तत्परता से इस कोशिश में लगा रहा. केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने सिलसिलेवार कई ट्वीट किए और जेडीयू अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका के बारे में जानकारी साझा की. उन्होंने ट्वीट में कहा, "जदयू मेरे लिए पार्टी मात्र नहीं बल्कि यह मेरे लिए जीवन का पर्याय बन चुकी है. सुबह उठने से लेकर रात सोने तक मेरी हर सांस पार्टी और पार्टी के साथियों से जुड़ी होती है लेकिन, दल हो या जीवन - हमारी और आपकी भूमिका समय-समय पर बदलती रहती है." उन्होंने कहा कि बदलाव जीवन और प्रकृति का नियम है, जिसे हम बदल नहीं सकते लेकिन, जो हमारे हाथ में है और जिसकी बाद में चर्चा होती है, वो यह कि हमने अपनी जिम्मेदारी कितनी खूबसूरती और शिद्दत से निभाई. पार्टी ने मुझे जब जो जिम्मेदारी दी, उसे मैंने अपना सौ प्रतिशत दिया और अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा और चेतना दल को आगे बढ़ाने में लगाई. हमारे नेता का सिर हमेशा ऊंचा रहे और उनका काम सरजमीन तक पहुंचे, हमेशा पूरी तत्परता से इस कोशिश में लगा रहा.
आरसीपी सिंह ने लिखा था कि मुझे कहने में कोई संकोच नहीं कि मेरे हर काम की सफलता के मूल में आप सभी का विश्वास और साथ रहा है. मेरी हर उपलब्धि में आप सभी बराबर के साझेदार हैं और हमेशा रहेंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अपने संक्षिप्त कार्यकाल में और वो भी कोरोना के साये में रहते हुए मैंने दल को नई मजबूती और मुकाम देने की हरसंभव कोशिश की. अब इस दायित्व को आदरणीय ललन बाबू आगे बढ़ाएंगे, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं. अपने दल के लिए और आप सबके लिए मैं जैसे उपलब्ध था, वैसे ही रहूंगा – आजीवन, अविराम.

नई दिल्ली / शौर्यपथ / भारत के ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने पर सोशल मीडिया में बधाई का तांता लग गया. हर किसी ने अपने तरीके से सोशल मीडिया पर बधाई दी. चाहे फेसबुक हो या ट्विटर हो या फिर इंस्टाग्राम, हर जगह नीरज चोपड़ा की तस्वीर लगी हुई थी. इस तस्वीर में एक कैप्शन भी ख़ूब लिखा गया- "तू भी है राणा का वंशज फेंक जहां तक भाला जाए." दरअसल ये एक कविता है, जिसे लखनऊ के कवि वाहिद अली वाहिद ने लिखी है. हालांकि अब वो इस धरती पर मौजूद नहीं हैं, मगर नीरज चोपड़ा के बहाने उनकी ये कविता अमर हो गई. हिन्दुस्तान के अलावा पूरी दुनिया से इस कविता बहुत प्यार मिला. नीरज के बहाने वाहिद को भी याद किया है. सोशल मीडिया पर वाहिद भी ट्रेंड करने लगे. लोगों ने एक सुर में कहा- शायर कभी मरा नहीं करते हैं, अपनी शायरी से अमर होते हैं.
आइए, आज आपको वाहिद अली वाहिद के बारे में और भी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं, जिन्हें जानने के बाद आप कहेंगे कि देश का कोई सपूत हो तो वाहिद जैसा हो वर्ना ना हो. सबसे पहले उनकी ऐतिहासिक कविता को पढ़िए.
कब तक बोझ संभाला जाए
द्वंद्व कहां तक पाला जाए
दूध छीन बच्चों के मुख से
क्यों नागों को पाला जाए
दोनों ओर लिखा हो भारत
सिक्का वही उछाला जाए
तू भी है राणा का वंशज
फेंक जहां तक भाला जाए
इस बिगड़ैल पड़ोसी को तो
फिर शीशे में ढाला जाए
तेरे मेरे दिल पर ताला
राम करें ये ताला जाए
वाहिद के घर दीप जले तो
मंदिर तलक उजाला जाए
हनुमान भक्त थे वाहिद
वाहिद अली वाहिद का जन्म एक मुसलमान परिवार में हुआ है, मगर उनकी रचना को पढ़ने के बाद आपको लगेगा कि वो देश को एकता के सूत्र में बांध के रखने वाले थे. नवभारत टाइम्स की एक ख़बर के अनुसार, वाहिद को उनकी रचना से कोई हनुमान भक्त कहता था, तो कोई राम भक्त. उनकी रचनाओं को देखकर उन्हें वर्तमान का रसखान भी कहा जाता था. हिन्दू-मुस्लिम एकता में विश्वास रखने वाले वाहिद को कट्टरपंथ से बहुत ही नफ़रत थी. वो हमेशा इसके खिलाफ रहते थे.
वाहिद अली वाहिद की और रचना बहुत ही प्रसिद्ध रही है. वो अपनी रचना के जरिए लिखते हैं- 'जब पूजा अजान में भेद न हो, खिल जाती है भक्ति की प्रेम कली रहमान की, राम की एक सदा, घुलती मुख में मिसरी की डली. जब संत फकीरों की राह मिली, तब भूल गए पिछली-अगली मियां वाहिद बोले मौला अली, बजरंग बली- बजरंग बली.'
वाहिद अली की मौत 59 साल में हो गई. समय पर इलाज न होने के कारण उनकी मौत हो गई. आज वो भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, मगर अपनी रचनाओं के ज़रिए हमारे बीच ज़िंदा हैं.

नई दिल्ली / शौर्यपथ / संसद के मॉनसून सत्र का यह आखिरी सप्‍ताह है. 13 अगस्‍त को इस सत्र का समापन हो जाएगा लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही अब तक लगातार बाधित हुई है. पेगासस और कृषि कानून के मुद्दे पर विपक्ष ने आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है और उसके विरोध प्रदर्शन के चलते दोनों सदनों का कामकाज नहीं हो पा रहा. सोमवार को भी हंगामे के कारण बार-बार के स्‍थगन के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही मंगलवार सुबह तक के लिए टालनी पड़ी. सुबह जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो गई तो विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया, फलस्‍वरूप कार्यवाही 11:30 और फिर 12, फिर 12:30 बजे और फिर मंगलवार सुबह तक स्‍थगित करनी पड़ी.उधर राज्‍यसभा में भी इसी कारण से कार्यवाही 12 बजे, फिर 2 बजे और इसके बाद 3:30 बजे तक टालनी पड़ी.12 बजे जब उच्‍च सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा, फलस्‍वरूप सभापति को कार्यवाही 2 बजे फिर 3;30 बजे तक और फिर मंगलवार तक तक स्‍थगित करनी पड़ी. सोमवार को लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (अमेंडमेंट) बिल 2021, डिपोजिट इंश्‍योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी (अमेंडमेंट) और द कांस्‍टीट्यून (एसटी) ऑर्डर (अमेंडमेंट) बिल को लोकसभा में मंजूरी मिली. राज्‍यसभा ने विपक्ष के हंगामे और वाकआउट के बीच सेंट्रल यूनिवर्सिटी (अमेंडमेंट) बिल और टैक्‍सेशन (अमेंडमेंट) बिल को मंजूरी दी. बाद में लोकसभा की तरह उच्‍च सदन की कार्यवाही भी मंगलवार सुबह तक के लिए स्‍थगित कर दी गई.
सुबह जब राज्‍यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो चेयरमैन वेंकैया नायडू ने टोक्‍यो ओलिंपिक में नीरज चोपड़ा की स्‍वर्णिम उपलब्धि का जिक्र किया. उन्‍होंने कहा कि नीरज ने बेहतरीन थ्रो से भारत के लिए ओलिंपिक में जैवलिन थ्रो का गोल्‍ड जीता जबकि घुटने की चोट के बावजूद रेसलर बजरंग पूनिया ने कांस्‍य पदक जीता. उन्‍होंने कहा कि ओलिंपिक मे भाग लेने वाले भारतीय दल ने देश के लिए सर्वश्रेष्‍ठ ओलिंपिक क्षण उपलब्‍ध करए हैं. उन्‍होंने कहा कि पेगासस और अन्‍य मुद्दों पर कई सांसदों से नियम 267 के तहत नोटिस मिले है. मैं पहले ही इन मुद्दों पर चर्चा के लिए कह चुका हूं, आइए इस मसले पर चर्चा करते हैं. इसके बाद विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया और कार्यवाही 12 बजे तक स्‍थगित करनी पड़ी.
सोमवार सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के 79 वर्ष पूरे होने का उल्लेख किया और कहा कि यह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक था.उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ‘करो या मरो' के नारे के साथ यह जन आंदोलन बन गया और अंग्रेजी दासता से मुक्त होने के लिये पूरा देश एकजुट हुआ.बिरला ने कहा कि हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृत महोत्सव मना रहे हैं जो अगले वर्ष तक चलेगा. उन्होंने कहा कि हम एकजुट होकर देश की सम्प्रभुता एवं अखंडता को बनाये रखने के लिये मिलकर काम करें.सदन ने कुछ पल मौन रहकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी.लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में टोक्‍यो ओलिंपिक में जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा के गोल्‍ड मेडल जीतने का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि इससे देश में उमंग का वातावरण है. उन्होंने रेसलिंग में बजरंग पूनिया द्वारा कांस्य पदक जीतने का भी उल्लेख किया. बिरला ने अपनी और सदन की ओर से खिलाड़ियों को बधाई दी.विपक्ष के हंगामे के बीच संविधान (127वां संशोधन) बिल 2021 लोकसभा में पेश किया गया, बाद में सदन से इस बिल को मंजूरी भी मिल गई.इसके अलावा लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (अमेंडमेंट) बिल 2021, डिपोजिट इंश्‍योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी (अमेंडमेंट) बिल को भी लोकसभा में मंजूरी मिली.तीन बाद के स्‍थगन के बाद भी हंगामा जारी रहा और लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार 11 बजे तक स्थगित करनी पड़ी.
कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेसी सांसदों का प्रदर्शन
इससे पहले, पंजाब कांग्रेस से लोकसभा सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया. मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है.हम मांग करते हैं कि लोकसभा में कार्यवाही रोक कर किसानों के मसले पर चर्चा कराई जाए.
हमारी चर्चा की बात को नहीं सुना गया : महुआ मोइत्रा
लोकसभा में आज बिना किसी बहस के तीन बिल पास हो गए. तीन बिल पेश भी हुए. तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, आज बहुत इम्पोर्टेंट बिल थे, आदिवासी दिवस था ओबीसी बिल था सबने कहा कि इस पर चर्चा चाहिए लेकिन इसे नहीं सुना गया. निर्मला ने दोनों बिल ऐसे ही पेश किए. हमारी पेगासस जासूसी पर चर्चा की बात को भी नहीं सुना गया. इन्होंने लोकतंत्र का मजाक बना दिया है. यह कहा जाता था कि विपक्ष एक नहीं है, इस सत्र में सब एक हैं. सब कह रहे हैं, पेगासस पर चर्चा होनी ही चाहिए. हम कही और भी चर्चा करने चाहें जैसे कि स्थायी समिति में तो सरकार ने अपने सांसदों को कह दिया कि आप वहां ओर हस्ताक्षर मत कीजिए ताकि कोरम पूरा न हो. सरकार न तो सदन के अंदर और न बाहर, इस पर चर्चा कर रही है. सुषमा स्वराज और अरुण जेटली जी ने क्या कहा था कि सदन चलाना सरकार का काम, विपक्ष का नहीं होता है. पीएम बाहर बोल रहे हैं, लेकिन अंदर न तो पीएम आते है और न ही गृह मंत्री. सदन में नही आते हैं. मीडिया को हिम्मत ही नहीं, उनसे पूछने की कि सात साल बीत गए. मीडिया से बात नहीं की. वो डर रहे हैं, उनके पास जवाब नही है.

नई दिल्ली/ शौर्यपथ / दिल्ली में आज से नार्को टेस्ट होना शुरू हो गया. आउटर नार्थ जिले के एक कत्ल के मामले में आरोपी का आज नार्को टेस्ट हुआ. यह दिल्ली का पहला नार्को टेस्ट है जो कि अम्बेडकर अस्पताल में किया गया. नार्को टेस्ट के लिए अब पुलिस या दूसरी एजेंसी को अहमदाबाद जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब दिल्ली में बड़े आपराधिक और अनसुलझे आपराधिक मामलों को सुलझाने के लिए दिल्ली में ही आरोपी का नार्को टेस्ट होगा. दिल्ली फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी और अम्बेडकर अस्पताल के जॉइंट ऑपरेशन के साथ यह पहल शुरू की गई है.
आज कत्ल के मामले में आरोपी का नार्को टेस्ट किया गया. FSL रोहणी के दो अधिकारियों, दो फिजिशियनों और अम्बेडकर अस्पताल के चार एक्सपर्ट डॉक्टरों के पैनल ने करीब एक घंटे में यह नार्को टेस्ट पूरा किया. इसके लिए पहले बकायदा एनेस्थीसिया का इंजेक्शन आरोपी को लगाया गया और फिर सवालों की एक फेहरिस्त तैयार कर यह नार्को टेस्ट किया गया.
बता दे कि अब दिल्ली कैंट रेप मामले के आरोपियों का भी नार्को टेस्ट दिल्ली में ही हो सकता है क्योंकि फिलहाल इस मामले के सभी आरोपी क्राइम ब्रांच की कस्टडी में हैं.
FSL की डायरेक्टर दीपा वर्मा और FSL के PRO संजीव गुप्ता की अगुवाई में दिल्ली में यह पहला नार्को टेस्ट सफल हुआ है. दिल्ली पुलिस और बाकी दूसरी एजेंसी अब दिल्ली के अम्बेडकर अस्पताल में ही नार्को टेस्ट करवा सकती हैं ताकि आपराधिक मामलों में जल्द नार्को रिपोर्ट सम्बंधित एजेंसी को मिले.

मनोरंजन / शौर्यपथ / एक्टर अनुपम श्याम के निधन की खबर बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के लिए गहरा सदमा लेकर आई है। 'मन की आवाज प्रतिज्ञा' सीरियल में 'सज्जन सिंह' की भूमिका निभा कर फैंस कि दिल जीत चुके अभिनेता अनुपम श्याम का रविवार देर रात निधन हो गया। वह 63 साल के थे। अनुपम का मुंबई स्थित लाइफ लाइन अस्पताल में किडनी का इलाज चल रहा था। वहीं, उनके निधन के बाद गोरेगांव से अभिनेता अनुपम श्याम के अंतिम संस्कार की तस्वीरें सामने आई हैं। जिसमें इंडस्ट्री के कई दिग्गज कलाकार उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे दिखाई दे रहे हैं।
अंतिम संस्कार पर पहुंचे सेलेब्स
अनुपम श्याम का अंतिम संस्कार सोमवार को गोरेगांव स्थित शिवधाम क्रिमेटोरियम में परिवार और करीबियों की मौजूदगी में किया गया। इस दौरान बॉलीवुड से लेकर टीवी जगत के कई सेलेब्रिटीज उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे थे। जिनमें संजय मिश्रा, यशपाल शर्मा और आदित्य श्रीवास्तव भी शामिल थे। उनकी कुछ आखिरी तस्वीरें सामने आई हैं, जिसे देखकर सभी सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि देते दिखाई दे रहे हैं।
बीमारी से लड़ रहे जंग
अनुपम श्याम पिछले करीब डेढ़ साल से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। पिछले काफी समय से वह स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनकी लगातार डायलिसिस की जा रही थी। श्याम की बीमारी के समय उनके परिवार के सदस्यों ने सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन से मदद मांगी थी। वहीं, उनकी हालत के बारे में पता चलने के बाद बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने भी उनकी मदद की थी।

खेल / शौर्यपथ / टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने के बाद भारतीय मेंस और विमेंस हॉकी टीम आज शाम को दिल्ली पहुंचेगी। भारतीय मेंस हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया, जबकि विमेंस टीम चौथे स्थान पर रही। दोनों टीमों ने अपने प्रदर्शन से फैन्स का दिल जीत लिया। मेंस हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक मेडल अपनी झोली में डालकर देश को गौरवान्वित किया, तो वहीं विमेंस टीम भले ही मेडल से चूक गई, लेकिन अपने खेल और जज्बे से सबका दिल जीत लिया। मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली मेंस टीम ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में जर्मनी को 5-4 से हराया था, जबकि विमेंस टीम को ग्रेट ब्रिटेन के हाथों 2-3 से हार का सामना करना पड़ा था।
दोनों टीमें आज शाम 5:15 बजे साथ में दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करेंगीं। एयरपोर्ट के बाद दोनों टीमें चाणक्यपुरी के अशोका होटल के लिए प्रस्थान करेंगीं। भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक काफी यादगार रहा। भारत एक गोल्ड, दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल के साथ प्वॉइंट टेबल में 48वें नंबर पर रहा। ओलंपिक खेलों में यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। इससे पहले लंदन ओलंपिक में भारत ने कुल छह मेडल (दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज) जीते थे। भारत की ओर से जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया, जो एथलेटिक्स में भारत की ओर से पहला ओलंपिक मेडल भी है। भारत के लिए वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और रेसलर रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीते जबकि मेंस हॉकी टीम, रेसलर बजरंग पूनिया, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु और महिला बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए।
टोक्यो में कुछ ऐसा रहा मेंस हॉकी टीम का सफर
मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली भारतीय मेंस हॉकी टीम ने पूल ए में न्यूजीलैंड, स्पेन, अर्जेंटीना और जापान को हराकर क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया। क्वार्टर फाइनल में टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को हराया और सेमीफाइनल में जगह पक्की की। सेमीफाइनल में भारत को बेल्जियम के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा और फिर ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेले गए मैच में टीम ने जर्मनी को हराया। भारतीय मेंस हॉकी टीम ने टूर्नामेंट में दो ही मैच गंवाए और दोनों मैच ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम के खिलाफ थे, जिन्होंने फाइनल में जगह बनाई थी। बेल्जियम ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया था, जबकि ऑस्ट्रेलिया को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा था। भारतीय टीम पूल-ए में दूसरे नंबर पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी।
टोक्यो में कुछ ऐसा रहा विमेंस हॉकी टीम का सफर
भारतीय विमेंस हॉकी टीम की बात करें तो पूल-ए में चौथे नंबर पर रहकर टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी। रानी रामपाल की कप्तानी वाली भारतीय विमेंस टीम को नीदरलैंड, जर्मनी और ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद टीम ने टूर्नामेंट में वापसी करते हुए आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका को हराया और क्वार्टर फाइनल का टिकट कटाया। क्वार्टर फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय विमेंट टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर सेमीफाइनल का टिकट कटाया। सेमीफाइनल में भारत को अर्जेंटीना के खिलाफ 1-2 से हार झेलनी पड़ी। जबकि ब्रॉन्ज मेडल के मैच में ग्रेट ब्रिटेन ने 4-3 से जीत दर्ज कर भारतीय विमेंस टीम के मेडल जीतने की उम्मीदों को तोड़ दिया। क्वार्टर फाइनल से ब्रॉन्ज मेडल के मैच तक भारतीय विमेंस हॉकी टीम ने अपने प्रदर्शन से करोड़ों फैन्स का दिल जीत लिया।

टिप्स ट्रिक्स / शौर्यपथ /शायद ही आपने कभी दूध में दालचीनी मिलाकर पीने के बारे में सुना हो, लेकिन हम आपको बता रहे हैं इस तरह से दूध पीने के 5 अनमोल सेहत
फायदे -
1 गैस की समस्या से तो आजादी मिलेगी ही, पाचन भी बेहतर हो जाएगा। पाचनतंत्र को सुधारकर आपकी पाचन संबंधी समस्याओं पर रोक लगाएगा दूध के साथ दालचीनी का प्रयोग।
2 नींद नहीं आने की समस्या है, तब भी यह फॉर्मूला आपके लिए फायदेमंद होगा। बस रात को सोने से पहले दालचीनी वाला गर्म दूध पिएं और बेफिक्र होकर चैन की नींद लीजिए।
3 ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के लिए तो दालचीनी जानी ही जाती है। टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए दूध के साथ इसका सेवन फायदे का सौदा है।
4 तनाव कम करने के साथ ही गठिया एवं हड्डियों की अन्य समस्याएं भी दूर हो सकती हैं, अगर आप दूध के साथ दालचीनी का सेवन करेंगे।
5 और सबसे बढ़िया फायदा आपकी त्वचा पर दिखाई देगा, बेदाग, ग्लोइंग स्किन के रूप में। तो फिर इंतजार किस बात का? आज ही शुरु कीजिए दालचीनी वाले दूध का सेवन।
लेकिन इसे लेने से पहले ये जरूर पता हो, कि दालचीनी आपकी तासीर के हिसाब से सही है या नहीं।

धर्म संसार / शौर्यपथ / श्रावण मास में 5 सोमवार होते हैं। पांचों सोमवार का महत्व अलग-अलग होता है। आओ जानते हैं इस संबंध में रोचक जानकारी।
1. श्रावण मास में महादेव के पांच मुख का महत्व है। पांच मुख पांच सोमवार का प्रतीक है महादेव के 5 मुख पंच महाभूतों के सूचक भी हैं। दस हाथ 10 दिशाओं के सूचक हैं। हाथों में विद्यमान अस्‍‍त्र-शस्त्र जगतरक्षक शक्तियों के सूचक हैं। अनेक विद्वान मानते हैं कि सृष्टि, स्‍थिति, लय, अनुग्रह एवं निग्रह- इन 5 कार्यों की निर्मात्री 5 शक्तियों के संकेत शिव के 5 मुख हैं। पूर्व मुख सृष्टि, दक्षिण मुख स्थिति, पश्चिम मुख प्रलय, उत्तर मुख अनुग्रह (कृपा) एवं ऊर्ध्व मुख निग्रह (ज्ञान) का सूचक है।
2. भगवान शंकर के पांच मुखों में ऊर्ध्व मुख ईशान दुग्ध जैसे रंग का, पूर्व मुख तत्पुरुष पीत वर्ण का, दक्षिण मुख अघोर नील वर्ण का, पश्चिम मुख सद्योजात श्वेत वर्ण का और उत्तर मुख वामदेव कृष्ण वर्ण का है। भगवान शिव के पांच मुख चारों दिशाओं में और पांचवा मध्य में है। भगवान शिव के पश्चिम दिशा का मुख सद्योजात बालक के समान स्वच्छ, शुद्ध व निर्विकार हैं। उत्तर दिशा का मुख वामदेव अर्थात् विकारों का नाश करने वाला। दक्षिण मुख अघोर अर्थात निन्दित कर्म करने वाला। निन्दित कर्म करने वाला भी शिव की कृपा से निन्दित कर्म को शुद्ध बना लेता हैं। शिव के पूर्व मुख का नाम तत्पुरुष अर्थात अपने आत्मा में स्थित रहना। ऊर्ध्व मुख का नाम ईशान अर्थात जगत का स्वामी।
3. शिवपुराण में भगवान शिव कहते हैं- सृष्टि, पालन, संहार, तिरोभाव और अनुग्रह-मेरे ये पांच कृत्य (कार्य) मेरे पांचों मुखों द्वारा धारित हैं।
4. कथा अनुसार एक बार भगवान विष्णु ने अत्यन्त मनोहर किशोर रूप धारण किया। उस मनोहर रूप को देखने के लिए चतुर्भुज ब्रह्मा, बहुमुख वाले शेष, सहस्त्राक्ष मुख धारण कर इन्द्र आदि देवता आए। सभी ने भगवान के इस रूप का आनंद लिया तो भगवान शिव सोचने लगे कि यदि मेरे भी अनेक मुख होते तो मैं भी अनेक नेत्रों से भगवान के इस किशोर रूप का सबसे अधिक दर्शन करता। कैलाशपति के मन में इस इच्छा के उत्पन्न होते ही वे पंचमुख हो गए।
5. भगवान शिव के पांच मुख-सद्योजात, वामदेव, तत्पुरुष, अघोर और ईशान हुए और प्रत्येक मुख में तीन-तीन नेत्र बन गए। तभी से वे 'पंचानन' या 'पंचवक्त्र' कहलाने लगे। भगवान शिव के इन पंचमुख के अवतार की कथा पढ़ने और सुनने का बहुत माहात्म्य है। यह प्रसंग मनुष्य के अंदर शिव-भक्ति जाग्रत करने के साथ उसकी समस्त मनोकामनाओं को पूरी कर परम गति देने वाला है।

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