August 06, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

मुख्यमंत्री प्रेस प्रकोष्ठ में अनवरत 23 वर्षों तक उल्लेखनीय सेवाएं
रायपुर /शौर्यपथ /जनसंपर्क विभाग में 31 वर्षों तक अपनी उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले उप संचालक श्री आनंद प्रकाश सोलंकी के सेवानिवृत्ति अवसर पर 30 जून सोमवार को जनसंपर्क संचालनालय में एक गरिमामय विदाई समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अपर संचालक श्री जे एल दरियो, अपर संचालक श्री उमेश मिश्रा एवं अपर संचालक श्री संजीव तिवारी सहित विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने श्री सोलंकी की सेवा, समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा और योगदान को याद करते हुए उन्हें भावभीनी विदाई दी।
यहां यह उल्लेखनीय है कि श्री आनंद प्रकाश सोलंकी ने अपने सेवाकाल के 23 वर्ष तक मुख्यमंत्री प्रेस प्रकोष्ठ में एक जिम्मेदार अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए राज्य शासन की योजनाओं एवं नीतियों को जनता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह उनके कार्यकुशलता,निष्ठा और विश्वास का प्रमाण है। विभागीय अधिकारियों ने इस अवसर पर श्री सोलंकी के उज्ज्वल भविष्य और सुदीर्ध स्वस्थ्य जीवन की कामना की। अपर संचालक श्री उमेश मिश्रा एवं संयुक्त संचालक श्री बी.एम तंबोली ने कहा कि श्री सोलंकी का सरल व्यवहार, उनकी सौम्यता और कार्यशैली अनुकरणीय है।
समारोह में उनके साथ कार्य कर चुके सहकर्मियों ने  भी अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिकारियों ने श्री सोलंकी को शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें शुभकामनाएं दी। श्री आनंद प्रकाश सोलंकी ने इस मौके पर विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों से प्राप्त मार्गदर्शन और सहकर्मियों से मिले सहयोग के लिए आभार जताते हुए कहा कि आप सभी लोगों के सहयोग से ही वह अपने दायित्वों के निर्वहन में सफल रहे हैं।

दुर्ग। शौर्यपथ विशेष रिपोर्ट।

  भारतीय जनता पार्टी, दुर्ग का जिला संगठन अब पहले जैसा नहीं रहा। कभी अंदरूनी खींचतान, निष्क्रियता और गुटबाजी से जूझता यह संगठन आज पूरी ऊर्जा, समन्वय और अनुशासन के साथ अपने चरम पर है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण 30 जून को दुर्ग जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक के जन्मदिन पर देखने को मिला, जब हजारों कार्यकर्ताओं और नागरिकों की भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि भाजपा अब "व्यक्ति केंद्रित नहीं", संगठन आधारित पार्टी बन चुकी है।

भाजपा का अतीत: जब संगठन बिखराव का शिकार था

भाजपा दुर्ग संगठन की यदि अतीत की बात करें, तो एक समय ऐसा भी था जब कार्यकर्ताओं में संवादहीनता, और वरिष्ठ नेताओं में आपसी मतभेद आम बात हो चुकी थी। पार्टी के कार्यक्रम औपचारिकता मात्र बन चुके थे। संगठन का नाम केवल कागजों पर था और चुनाव के समय ही सक्रियता दिखाई देती थी।
 2018 के बाद जब राज्य में भाजपा ने सत्ता गंवाई, तब दुर्ग जिले में कार्यकर्ताओं में निराशा और नेतृत्व में दिशाहीनता नजर आई। यह दौर ऐसा था जब भाजपा संगठन "कठपुतली मात्र" कहा जाने लगा था।

परिवर्तन की शुरुआत: नेतृत्व की नई सोच

संगठन में नई जान फूंकी तात्कालिक जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने। उनके नेतृत्व में संगठन की आधारशिला को पुनः सशक्त किया गया। जमीनी कार्यकर्ता, बूथ स्तर की सक्रियता, और सांगठनिक ढांचे की मजबूती पर विशेष बल दिया गया। इसी कड़ी में सुरेंद्र कौशिक जैसे समर्पित कार्यकर्ताओं को अग्रिम पंक्ति में लाया गया, जिन्होंने हर वर्ग को साथ लेकर संगठन में नई चेतना का संचार किया।



सुरेंद्र कौशिक: कर्मठ नेतृत्व का प्रतीक

आज जब सुरेंद्र कौशिक भाजपा दुर्ग के जिला अध्यक्ष हैं, तो वे केवल एक नाम नहीं बल्कि संगठन के जीवंत चेहरे के रूप में देखे जा रहे हैं। जन्मदिन के दिन उन्होंने मां चंडी मंदिर में पूजा-अर्चना, फिर "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत पौधरोपण किया, और दिनभर आमजन से मिलकर जनसंपर्क भी किया। यह जनसंपर्क केवल औपचारिकता नहीं बल्कि प्रशासन, समाज और कार्यकर्ता के बीच पुल बनाने का संदेश था।

जन्मदिन पर दिखी राजनीतिक चेतना

बाफना मंगलम में आयोजित कार्यक्रम में हजारों की भीड़, शहर भर में पोस्टर-बैनर, सोशल मीडिया पर शुभकामनाओं की बाढ़ — यह सब किसी व्यक्ति की लोकप्रियता से अधिक संगठन की स्वीकार्यता को दर्शाता है। कांग्रेस जहां अब भी व्यक्ति विशेष के भरोसे चुनावी वैतरणी पार करने की कोशिश करती है, वहीं भाजपा संगठन का हर कार्यकर्ता एक सिपाही की भांति एकजुट दिख रहा है।


भाजपा की नई कार्यशैली: अनुशासन, विस्तार और भागीदारी

वर्तमान भाजपा संगठन की कार्यशैली पहले से बिलकुल अलग है। बूथ स्तर पर संपर्क अभियान, नियमित संगठनात्मक बैठकें, युवाओं को जोड़ने की रणनीति, महिला मोर्चा और किसान मोर्चा की गतिविधियों का विस्तार — ये सब संगठन के जीवंत होने के प्रमाण हैं।

कांग्रेस के लिए चेतावनी का संकेत

अगर कांग्रेस अभी भी नेता केंद्रित रणनीति में उलझी रही, और जमीनी कार्यकर्ता को सम्मान नहीं दिया, तो भाजपा की यह संगठनात्मक मजबूती 2028 तक के चुनाव में कांग्रेस को और भी पीछे छोड़ सकती है। कांग्रेस का संगठन अब भी स्थानीय स्तर पर निष्क्रिय दिखता है, आज भले ही भाजपा के चुने कई जनप्रतिनिधियों की लोकप्रियता काफी गिर चुकी है और लगातार उनकी निष्क्रियता और चाटुकारों से घिरे रहने के बावजूद समर्पित कार्यकर्ताओ की उम्मीद की आस संगठन है ऐसे में भाजपा का हर छोटा-बड़ा कार्यकर्ता आज खुद को संगठन के नेतृत्व का भागीदार मानता है।



शौर्यपथ समाचार पत्र परिवार भारतीय जनता पार्टी के दुर्ग जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक को जन्मदिन की हार्दिक बधाई प्रेषित करता है, और आशा करता है कि संगठन की यह ऊर्जा, दिशा और दृष्टि भाजपा को आने वाले समय में और अधिक मजबूत बनाएगी।

दुर्ग | शौर्यपथ विशेष रिपोर्ट दुर्ग जिले में खाद्य विभाग द्वारा हाल ही में किए गए भौतिक सत्यापन में लगभग 9000 क्विंटल पीडीएस चावल की स्टॉक कमी सामने आई है,…

भिलाई / शौर्यपथ / कराते कला के जरिये समाज में आत्मरक्षा और महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से कारा-कु-जु-बो-काई फुल कॉन्टेक्ट कराते संस्था द्वारा एक दिवसीय प्रशासकीय एवं प्रेरणादायी सेमिनार का आयोजन इंडियन कॉफी हाउस सभागार में किया गया।
  इस भव्य आयोजन की अगुवाई संस्था के डायरेक्टर व नेशनल अवार्डी, देश के ख्यातनाम प्रशिक्षक सेन्साई गिरी राव ने की। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चले इस कार्यक्रम में संस्था के सीनियर व अनुभवी प्रशिक्षकों ने हिस्सा लिया और मार्शल आर्ट्स के सामाजिक महत्व पर विचार साझा किए।
  सेमिनार के मुख्य अतिथि वक्ताओं में प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. मानसी गुलाटी, वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेता एच.एस. मिश्रा, छत्तीसगढ़ नगर निगम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, दुर्गा वाहिनी सह-संयोजक किरण मिश्रा, विश्व हिंदू परिषद भिलाई के महामंत्री विनोद यादव और वरिष्ठ पत्रकार हरप्रीत भाटिया शामिल रहे।
 सभी वक्ताओं ने महिलाओं की आत्मरक्षा में फुल कॉन्टेक्ट कराते की भूमिका को बेहद प्रभावशाली व आवश्यक बताया। महिला वक्ताओं ने इसे नारी शक्ति के आत्मनिर्भर बनने का सशक्त माध्यम बताया।
  एच.एस. मिश्रा ने उद्योग इकाइयों से खिलाड़ियों को सहयोग दिलाने की बात कही, वहीं विनोद यादव ने प्रशिक्षकों से बच्चों के मोबाइल उपयोग पर नियंत्रण व अनुशासन पर बल देने का सुझाव दिया। पत्रकार हरप्रीत भाटिया ने आत्मरक्षा शिविरों को स्कूलों और कॉलेजों तक पहुंचाने की पहल का आश्वासन दिया।
  इस प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लेने वाले प्रमुख प्रशिक्षकों में रामकुमार पांडे, गांधी सोनी, भरत लाल साहू, श्रवण कुमार साहू, सुभाष सोनी, लक्ष्मी तिवारी, मनोज नेताम, काजल बेहरा, विधि मिश्रा और महक हुसैन शामिल रहे।
  अंत में सभी प्रशिक्षकों और वक्ताओं को संस्था की ओर से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन सेन्साई गिरी राव द्वारा किया गया।

दुर्ग / शौर्यपथ /
एक भावनात्मक पल... जब बरसों की सेवा यात्रा एक पड़ाव पर थमती है। जब साथियों का साथ छूटता है और ऑफिस के गलियारों में स्मृतियों की गूंज रह जाती है। कुछ ऐसा ही दृश्य सोमवार को दुर्ग नगर निगम मुख्यालय सभागार में नजर आया, जहां 62 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके पांच समर्पित कर्मचारियों को निगम परिवार ने सम्मान के साथ विदाई दी।

समारोह में इन कर्मयोगियों को शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। महात्मा गांधी स्कूल के प्रभारी प्राचार्य दिनेश अग्रवाल, वाहन चालक मानिकपुरी, सफाई कर्मी खिलावन तिरंगा, भृत्य मंगलीन गोंड जैसे समर्पित कर्मचारियों ने मंच से अपने सेवा अनुभव साझा करते हुए नम आंखों से कहा — “हमने प्रयास किया कि अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी से निभाएं, और आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हम निगम की सेवा में अपना सर्वस्व दे पाए।”

इस अवसर पर महापौर श्रीमती अलका बाघमार, सभापति श्याम शर्मा, एमआईसी सदस्यगण और वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। महापौर बाघमार ने भावुक शब्दों में कहा —
“आज हमारे निगम परिवार के पांच सदस्य सेवा-काल पूर्ण कर सेवानिवृत्त हो रहे हैं। आपने जीवन का कीमती समय सेवा में अर्पित किया, पारिवारिक दायित्वों को पीछे रखकर ईमानदारी से कार्य किया। आपका समर्पण अनुकरणीय है।”

महापौर ने आश्वस्त किया कि सभी देयकों का भुगतान तत्काल किया जा रहा है और पेंशन प्रक्रिया भी शीघ्र पूर्ण की जाएगी। उन्होंने कहा, "आपका अनुभव संस्था की थाती है, आप जब चाहें निगम परिवार का हिस्सा बने रह सकते हैं।”

सभा को संबोधित करते हुए सभापति श्याम शर्मा ने कहा, “अब आपके जीवन का वह समय है, जिसे आप अपने परिवार को समर्पित करें, अपने दायित्वों को पूरा करते हुए सुखमय जीवन व्यतीत करें।” स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के परिजनों की उपस्थिति पर आभार जताया।
 स्मृतियों की भीनी खुशबू लिए यह विदाई सिर्फ औपचारिक नहीं थी, यह एक संस्था और उसके कर्मठ सदस्यों के बीच वर्षों के रिश्ते का संजीव दस्तावेज थी।
  यह क्षण केवल कागज पर दर्ज एक तारीख नहीं, बल्कि उन भावनाओं का प्रतीक था जो बरसों की साझा यात्राओं, हँसी-ठिठोली, तनावपूर्ण जिम्मेदारियों और बंधुत्व से गूंथे हुए थे।
  सभा में निगम के एमआइसी सदस्यगण, अधिकारीगण, और कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। हर चेहरे पर विदाई की गंभीरता और सम्मान का भाव स्पष्ट था।
  कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं, पर उनकी सेवाएं और स्मृतियाँ संस्थान की आत्मा में बस जाती हैं। आज भी एक यही भाव हर उपस्थिति की आंखों में स्पष्ट था— "हमने साथ बिताए दिन नहीं भूले हैं, और कभी नहीं भूलेंगे।”

दुर्ग / शौर्यपथ / हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग परिसर में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय तिवारी ने विद्यार्थियों और उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा –

    “योग भारत की प्राचीन जीवनशैली है जो तन, मन और आत्मा तीनों को स्वस्थ बनाती है। यह केवल एक दिवस का उत्सव नहीं, बल्कि प्रतिदिन के अभ्यास में लाया जाना चाहिए। विद्यार्थी जीवन में योग का अभ्यास मानसिक स्पष्टता और आत्मसंयम लाता है, जो भविष्य निर्माण में अत्यंत सहायक है।”

   कुलसचिव भूपेंद्र कुलदीप ने कहा कि योग न केवल तनाव प्रबंधन में सहायक है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और स्पष्टता भी लाता है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे नियमित योग को अपनाएं और स्वस्थ जीवनशैली की ओर अग्रसर हों।
  कार्यक्रम के दौरान शैलदेवी महाविद्यालय, अंडा से पधारे योग प्रशिक्षकों द्वारा अनुलोम-विलोम, कपालभाति, ताड़ासन, उष्ट्रासन, वज्रासन, हास्यासन सहित अन्य योगासन और सूक्ष्म व्यायाम का अभ्यास करवाया गया। योग अभ्यास के बाद विश्वविद्यालय के योग विभाग के विद्यार्थियों ने आकर्षक योग नृत्य की प्रस्तुति दी, जिसे उपस्थितजनों ने सराहा और तालियों से उत्साहवर्धन किया।
  कार्यक्रम का संचालन एवं स्वागत भाषण एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक जनेंद्र कुमार दीवान ने प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को योग के प्रति जागरूक करना और उन्हें नियमित अभ्यास के लिए प्रेरित करना था।
  इस अवसर पर डॉ. राजमणि पटेल (उपकुलसचिव), राजेन्द्र कुमार चौहान (सहायक कुलसचिव), हिमांशु शेखर मंडावी, दिग्विजय कुमार, क्रीड़ा विभाग के डायरेक्टर डॉ. दिनेश नामदेव, विभिन्न महाविद्यालयों के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी, विश्वविद्यालय के कर्मचारी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
  कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन क्रीड़ा विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश नामदेव ने किया। समापन पर सभी प्रतिभागियों ने भविष्य में योग को अपनी दिनचर्या में सम्मिलित करने का संकल्प लिया।
    लगभग 200 से अधिक विद्यार्थियों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने योग महोत्सव में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने बौद्धिक भ्रमण पर आए सुकमा जिले के युवाओं से की आत्मीय मुलाकात
मुख्यमंत्री से मिलकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के खिले चेहरे
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज यहां  मंत्रालय महानदी भवन में बौद्धिक भ्रमण पर आए सुकमा जिले के युवाओं से मुलाकात की। मुख्यमंत्री  साय ने युवाओं से उनका हाल-चाल जाना और राजधानी रायपुर में उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि वे खूब पढ़ें और आगे बढ़ें। छत्तीसगढ़ सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री से मिलकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के चेहरे खिल उठे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुकमा जिले के युवाओं से आत्मीय चर्चा की। उन्होंने कहा कि नक्सली विकास विरोधी हैं। वे नहीं चाहते कि बस्तर के लोगों को पानी, बिजली, सड़क और विद्यालय जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलें। सरकार की प्राथमिकता बस्तर का विकास है। बहुत जल्द बस्तर से नक्सलवाद खत्म होगा।
मुख्यमंत्री ने बड़े प्रेम से प्रदेश के सुदूर क्षेत्र से आये इन युवाओं से बातचीत की और उनके बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने युवाओं से पूछा कि उन्हें रायपुर आकर कैसा लग रहा है ? जिसके जवाब में युवाओं ने बताया कि उनके दल के अधिकतर युवा पहली बार राजधानी रायपुर आये हैं। अधिकांश ने इस भ्रमण के दौरान पहली बार जगदलपुर को देखा। पहली बार अपने गांव से रायपुर आकर बहुत अच्छा लग रहा है। नई-नई चीजें देखने को मिल रही हैं। आज उन्हें मंत्रालय को देखने और यहां की कार्यप्रणाली समझने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित रूप से यह अनुभव आपके लिए लाभदायक रहेगा। इस भ्रमण का पूरा लाभ उठाएं और स्वयं को समृद्ध करें।
मुख्यमंत्री  साय ने सुकमा के युवाओं से विशेष रुप से उनकी शिक्षा के विषय में चर्चा की। विभिन्न आयुवर्ग के युवाओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे दसवीं, बारहवीं सहित कॉलेज तक में पढ़ रहे हैं। सहज सरल मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय से युवाओं ने खुलकर संवाद किया। इस दौरान एक छात्र ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह बीएससी के सेकेंड ईयर में पढ़ रहा है, वहीं एक छात्र ने स्वयं खड़े होकर मुख्यमंत्री को बताया कि वह भी बीए फाइनल का विद्यार्थी है। मुख्यमंत्री साय ने युवाओं की पढ़ाई के प्रति रुचि की सराहना की और इसी तरह पढ़ लिख कर आगे बढ़ने के लिए उनका हौसला बढ़ाया।
उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत नियद नेल्लानार कार्यक्रम के तहत बस्तर संभाग के युवाओं का बौद्धिक भ्रमण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी क्रम में सुकमा जिले के 95 युवाओं को 2 दिवसीय भ्रमण पर राजधानी रायपुर आये हैं। इस दल में 77 बालक और 18 बालिकाएं शामिल हैं।

0 बरसात में बढ़े सर्पदंश के मामले: मेडिकल कॉलेज अस्पताल सतर्क

राजनांदगांव। बरसात का मौसम जहां हरियाली और ठंडक लेकर आता है, वहीं यह मौसम सर्पदंश जैसी घटनाओं में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी लाता है। पिछले एक सप्ताह में मेडिकल कॉलेज अस्पताल राजनांदगांव में सर्पदंश के 6 मरीज इलाज के लिए पहुंचे, जिनमें से 4 को जहरीले सांप ने काटा था। इनमें से 3 मरीजों की हालत गंभीर थी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। हालांकि, चिकित्सकों की सतर्कता, समर्पण और समय पर इलाज से सभी मरीजों की जान बचा ली गई है और वे स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।

0 गंभीर हालत में आए मरीज, समय पर इलाज से बची जान तीनों गंभीर मरीज लगभग तीन दिन तक वेंटिलेटर पर रहे। एक मरीज राजनांदगांव का निवासी था जबकि दो अन्य आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से लाए गए थे। सभी मरीज अस्पताल पहुंचने पर बेहोशी की हालत में थे और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग की सतर्क टीम के सदस्य डॉ चिन्मय जैन, डॉ आशीष डुलानी , डॉ गोपेश एवं डॉ राहुल ने बिना समय गंवाए इलाज शुरू किया। एंटी वेनम इंजेक्शन और अन्य जीवनरक्षक उपायों से उनकी हालत में तेजी से सुधार हुआ। यह पूरी तरह से अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था और डॉक्टरों के प्रयासों की सफलता है।

0 क्यों बढ़ते हैं बरसात में सर्पदंश के मामले? (एक्सपर्ट व्यू डॉ प्रकाश खूंटे, एमबीबीएस एमडी मेडिसिन एवं प्रोफेसर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल राजनांदगांव)

डॉक्टर प्रकाश खूंटे के अनुसार, बरसात के मौसम में सांपों के बिलों में पानी भर जाता है, जिससे वे बाहर निकल आते हैं। अक्सर ये सांप घनी आबादी वाले क्षेत्रों या खेतों की ओर चले जाते हैं, जहां मानव-सांप आमना-सामना बढ़ जाता है। कई बार इंसान उन्हें देखते ही मारने की कोशिश करता है और ऐसे में सांप आत्मरक्षा में डंस लेते हैं। यही वजह है कि इस मौसम में सर्पदंश के केस बढ़ जाते हैं।

0 मेडिकल कॉलेज की टीम तैयार, एंटी वेनम की पर्याप्त व्यवस्था मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ अतुल देशकर ने बताया कि सर्पदंश से निपटने के लिए अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में एंटी वेनम इंजेक्शन उपलब्ध हैं। इसके अलावा इमरजेंसी टीम, विशेषज्ञ डॉक्टर और जरूरी उपकरण हर समय तैयार हैं। अब तक सर्पदंश के जितने भी मरीज अस्पताल लाए जा चुके हैं सभी को समय पर इलाज देकर बचाया गया है। बरसात को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त तैयारी की गई है।

0 "जहर नहीं, घबराहट ज्यादा खतरनाक"

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. प्रकाश खुटे ने बताया कि सर्पदंश से होने वाली मौतों के पीछे अक्सर घबराहट और भ्रम कारण होते हैं। डॉ. खूंटे के मुताबिक, 80 फीसदी सांप गैर-जहरीले होते हैं, जबकि कुछ सांप कम जहरीले होते हैं और समय पर इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बच सकती है। कई बार सांप ने किसी जानवर को खा लिया होता है, जिससे जहर का असर कमजोर हो जाता है।

० क्या करें अगर सांप काट ले? – वरिष्ठ चिकित्सक डॉ खूंटे की सलाह:

1. झाड़-फूंक या टोने-टोटके में समय न गंवाएं।

2. जिस अंग को सांप ने काटा हो, उसे स्थिर और नीचे रखें।

3. शरीर की मूवमेंट कम करें, ताकि जहर न फैले।

4. कोई चीरा या कट न लगाएं।

5. काटे गए स्थान के ऊपर ढीला कपड़ा बांधें ताकि दो उंगलियां अंदर जा सकें।

6. मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं और एंटी वेनम इंजेक्शन दिलवाएं।

0 जनजागरूकता की जरूरत मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि बरसात में विशेष सतर्कता रखें। खेतों, झाड़ियों, अंधेरे या गीले स्थानों में सावधानी से चलें। रबर के जूते, टॉर्च और डंडे का उपयोग करें। यदि सर्पदंश हो, तो डरें नहीं और तुरंत मेडिकल सहायता लें। यह रिपोर्ट इस बात की मिसाल है कि समय पर उपचार और जागरूकता से सर्पदंश जैसे खतरनाक हालात से भी जंग जीती जा सकती है। बरसात के इस मौसम में सतर्कता और सावधानी ही जीवन रक्षा का सबसे बड़ा उपाय है।

वनांचल सोनहत में जनभागीदारी से एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत सुनहरा कदम
42 ग्राम पंचायतों के 8 हजार आवासीय परिसर में एक संकल्प के साथ लगाए गए 24 हजार पौधे
कोरिया /शौर्यपथ /देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जारी अभियान एक पेड़ मां के नाम अंतर्गत कोरिया जिले के सोनहत जनपद पंचायत में आज व्यापक स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाया गया। एक पेड़ मां के नाम अभियान की कड़ी में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए वनांचल जनपद पंचायत सोनहत के सभी 42 ग्राम पंचायतों में एक साथ 24 हजार पौधे रोपे गए और उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया गया। एक साथ बड़े पैमाने पर हुए इस पौधारोपण में वनांचल के 8 हजार आवास हितग्राहियों ने एक साथ संकल्प लेकर अपने आवासों के परिसर में आज सुबह से पौधारोपण किया। इस अभियान के तहत पूरे जनपद के प्रत्येक आवास हितग्राहियों ने तीन-तीन पौधों के मान से अपने आवासों के आस-पास पौधे लगाए और फिर उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया। कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी द्वारा जिले को क्लीन कोरिया ग्रीन कोरिया का नारा देते हुए इसकी संकल्पना को साकार करने के लिए प्रत्येक स्तर पर जनभागीदारी को सर्वाधिक महत्व का विषय बताते हुए सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं।
एक साथ लगाए गए 24 हजार पौधे कोरिया जिले में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ एक दिन जनभागीदारी से एक साथ इतनी बड़ी संख्या में पौधों का रोपण हुआ है। एक पेड़ मां के नाम अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना बनाकर वनांचल जनपद के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में जनभागीदारी का आवाहन किया गया। सभी को वृक्षारोपण की अनिवार्यता और लाभ के बारे में जागरूक करते हुए सहभागिता बनाकर आवास तक पौधे उपलब्ध कराए गए और ग्राम पंचायतों की पहल के साथ सभी हितग्राहियों ने एक साथ इस व्यापक पौधारोपण अभियान में हिस्सेदारी की और एक पेड़ मां के नाम लगाकर क्लीन कोरिया,ग्रीन कोरिया को मजबूत किया। 30 जून की सुबह नौ बजे से 42 ग्रामों में एक साथ आठ हजार परिवारों ने तीन पौधे प्रत्येक के मान से कुल 24 हजार फलदार पौधे लगाकर नई इबारत लिखी।
सीईओ जिला पंचायत डॉ आशुतोष चतुर्वेदी
जिले में कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी द्वारा एक पेड़ मां के नाम अभियान के लिए कार्ययोजना बनाकर पौधरोपण अभियान की सफलता के निर्देश दिए गए हैं। जिले में विभागों के साथ ब्लाक प्लांटेशन और लीनियर प्लांटेशन के साथ व्यक्तिगत हितग्राहियों की श्रेणी का पृथक पृथक चिन्हाकन कर पौधरोपण कार्य  कराया जा रहा है। इस वर्ष कोरिया जिले में पौधरोपण के साथ ही सबसे ज्यादा उनकी सुरक्षा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए आम नागरिकों को संकल्प दिलाया जा रहा है जिससे सभी पौधे आगे चलकर कोरिया की हरियाली को बढ़ा सकें।
कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी
 आज कोरिया जिले के वनांचल क्षेत्र के आठ हजार कोरियावासियों ने एक पेड़ मां के नाम अभियान से जुड़कर 24 हजार पौधे लगा दिए हैं। यह एक नई शुरूआत है जब इतनी बड़ी संख्या में जनभागीदारी से पौधे एक साथ एक दिन लगा लिए गए हैं। सभी ने इनकी सुरक्षा का संकल्प लिया है। आने वाले समय में पौधरोपण अभियान के अंतर्गत और भी जगहों पर बड़ी संख्या में जनसहयोग से एक पेड़ मां के नाम लगाए जाने की कार्यवाही की जानी है।

  रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन के सेक्रेटरी ब्लॉक के पंचम तल पर निर्मित नवीन सभागार का लोकार्पण किया। 13.90 करोड़ रुपये की कुल लागत से निर्मित यह भव्य सभागार सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। 6450 वर्गफुट क्षेत्र में बने इस कॉन्फ्रेंस हॉल की बैठक क्षमता 185 सीटों की है। सभागार आंतरिक विद्युतीकरण, अग्निशमन व्यवस्था, वातानुकूलन, ऑडियो-विजुअल प्रणाली, आंतरिक साज-सज्जा तथा फर्नीचर सहित सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित है।
  इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव एवं श्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा सहित मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मुकेश बंसल, श्री पी. दयानंद, डॉ. बसवराजू एस., श्री राहुल भगत, सचिव श्री रजत कुमार, श्री अंकित आनंद, श्री अविनाश चम्पावत तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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