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समाचार सार
*प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त की राशि जारी*
*प्रदेश के 25.47 लाख से अधिक किसानों के खातों में 553 करोड़ 34 लाख रुपये का हुआ अंतरण*
*राज्य के अन्नदाताओं को अब तक पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत मिली 9 हजार 700 करोड़ रुपये की राशि*
*छत्तीसगढ़ के 2.34 लाख वन पट्टाधारी और 32,500 विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को भी मिल रहा है योजना का लाभ*
रायपुर / शौर्यपथ/ सावन के पवित्र महीने में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी (उत्तर प्रदेश) से देशभर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त के रूप में 20500 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर स्थित उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के सभागार से प्रदेश के किसानों के साथ वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वृहद किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 2019 से अब तक देशभर के किसानों को 3.75 लाख करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके खातों में भेजी जा चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए निरंतर काम कर रही है और पीएम किसान निधि इसका सशक्त उदाहरण है। श्री मोदी ने कहा कि कृषि विकास में पिछड़े जिलों के लिए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ की शुरुआत की गई है और इसके लिए 24 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि सिंचाई योजनाओं पर भी सरकार बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है ताकि खेतों तक पानी पहुंच सके और उत्पादन में वृद्धि हो। प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को राहत देने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ संचालित है, जो उन्हें संकट से उबारने का कार्य करती है। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि 1.5 करोड़ से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं और 3 करोड़ के लक्ष्य में से आधा काम हमने पूरा कर लिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को पवित्र श्रावण मास की शुभकामनाएं देते हुए भगवान महादेव से छत्तीसगढ़ के सतत् कल्याण, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से छत्तीसगढ़ के लगभग 25 लाख से अधिक किसानों को 553 करोड़ 34 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री साय ने प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अन्नदाताओं को आर्थिक संबल देकर उनके परिश्रम का सम्मान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार “मोदी की गारंटी” के अनुरूप किसानों की उन्नति के लिए निरंतर समर्पित भाव से कार्य कर रही है। हमने किसानों से जो वादा किया था, उसे पूरा किया है। आज छत्तीसगढ़ में किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की कीमत दी जा रही है, जो उनकी आय को और सुदृढ़ कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार गठन के दस दिनों के भीतर ही 3716 करोड़ रुपये की 2 वर्ष की बकाया बोनस राशि का भुगतान कर हमने किसानों के भरोसे को और मजबूत किया। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में ‘किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ की शुरुआत हुई, जिसने खेती-किसानी को लाभकारी व्यवसाय में परिवर्तित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले किसान भारी ब्याज दरों पर उधार लेकर खेती करते थे, लेकिन आज केसीसी (KCC) के माध्यम से शून्य ब्याज दर पर ऋण मिल रहा है, जिससे खेती-किसानी और आसान हो गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए तेज़ी से कार्य किया जा रहा है। बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और हम बोधघाट परियोजना, महानदी और इंद्रावती नदी को जोड़ने जैसी योजनाओं के माध्यम से बस्तर को सिंचित और समृद्ध क्षेत्र बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। श्री साय ने कहा कि दलहन-तिलहन फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए 10 हजार रुपये की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। साथ ही, भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी 10 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार खेती ही नहीं, बल्कि मत्स्यपालन, दुग्ध उत्पादन और पशुपालन जैसे सहायक कृषि कार्यों को भी सशक्त करने में जुटी है। ‘दुधारू पशु वितरण योजना’ को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 6 जिलों से प्रारंभ किया गया है, जिसे नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के माध्यम से लागू किया जा रहा है। इससे दूध का उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को उसकी उचित कीमत मिलेगी।
श्री साय ने कहा कि मिलेट्स (श्री अन्न) जैसे पौष्टिक अनाजों का उत्पादन, कोदो, कुटकी और रागी जैसी पारंपरिक फसलों की खेती को बढ़ावा देकर किसानों को बाजार में बेहतर दाम दिलाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार निरंतर किसानों को इस योजना के तहत राशि सीधे उनके खाते में हस्तांतरित कर रही है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में गांव-गांव में पक्की सड़कें बन गई हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अब किसानों को बिना ब्याज के अल्पकालिक ऋण उपलब्ध हो रहा है। हमारी सरकार ने अनेक योजनाएं धरातल पर लाकर किसानों की बेहतरी के लिए कार्य किया है।
कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि आज इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 25.47 लाख से अधिक किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से 20वीं किश्त की राशि 553 करोड़ 34 लाख रुपये अंतरित की गई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधान की परिकल्पना के साथ आधुनिक कृषि उपकरणों और तकनीकों का उपयोग कर खेती-किसानी को नई दिशा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वृहद रूप से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाया गया। इस अभियान में कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक लाख से अधिक किसानों से मुलाकात कर खेती-किसानी के तरीकों और उनके फायदों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में हितग्राहियों को कृषि उपकरणों एवं योजनाओं के तहत अनुदान राशि के चेक प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में विधायकगण सर्वश्री सुनील सोनी, पुरंदर मिश्रा, गुरु खुशवंत साहेब, इंद्रकुमार साहू, रायपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे, छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लि. के प्रबंध संचालक श्री अजय अग्रवाल, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर.आर. सक्सेना सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
बिलासपुर, 2 अगस्त 2025 | छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक परिदृश्य में एक बड़ा मोड़ आया जब बिलासपुर हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें वे अपनी फीस स्वतंत्र रूप से तय करने का अधिकार मांग रहे थे।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह सार्वजनिक हित में निजी विद्यालयों की फीस संरचना को विनियमित कर सके।
⚖️ मुख्य बिंदु:
? याचिका का विषय:
राज्य में संचालित कुछ प्रतिष्ठित निजी विद्यालयों ने यह याचिका दायर की थी कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गठित “फीस विनियमन समिति” उनकी स्वायत्तता में हस्तक्षेप कर रही है।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि निजी संस्थानों को आर्थिक स्वायत्तता संविधान द्वारा प्रदत्त है, और शासन को सीधे तौर पर फीस तय करने का अधिकार नहीं है।
? हाईकोर्ट का फैसला:
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने यह स्पष्ट करते हुए याचिका खारिज की कि
> “शिक्षा एक सामाजिक जिम्मेदारी है, व्यावसायिक अवसर नहीं। राज्य सरकार को यह वैधानिक अधिकार है कि वह सार्वजनिक हित में निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण रख सके।”
कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 21-A (निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार) तथा शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE Act 2009) का हवाला देते हुए यह टिप्पणी दी।
? फीस विनियमन समिति की वैधता बरकरार:
राज्य शासन द्वारा वर्ष 2023 में गठित फीस विनियमन समिति की संवैधानिकता को भी कोर्ट ने वैध ठहराया है। इस समिति में शिक्षा विशेषज्ञों, विधि विशेषज्ञों और अभिभावकों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।
? अब क्या होगा?
✅ अब सभी निजी स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप फीस प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा।
✅ फीस वृद्धि से पहले समिति की अनुमति आवश्यक होगी।
✅ मनमानी फीस वसूली पर दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान रहेगा।
? राज्य शासन की प्रतिक्रिया:
छत्तीसगढ़ शासन के शिक्षा सचिव ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा:
> "यह फैसला छात्रों और अभिभावकों के हित में है। शिक्षा को व्यापार नहीं बनने दिया जाएगा। अब पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ फीस तय होगी।"
??? अभिभावकों में खुशी, स्कूलों में असमंजस:
जहां अभिभावक संघों ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है, वहीं कई निजी स्कूल प्रबंधन समितियां अब इस आदेश की समीक्षा करने की बात कह रही हैं।
? पृष्ठभूमि में क्या हुआ था?
2022-23 सत्र में कई स्कूलों द्वारा 30% से 60% तक फीस बढ़ोतरी के बाद राज्यभर में विरोध शुरू हुआ था।
सरकार ने छत्तीसगढ़ निजी विद्यालय शुल्क विनियमन अधिनियम 2023 पारित कर फीस नियंत्रण के लिए एक समिति का गठन किया।
इसी के खिलाफ स्कूलों की याचिका दाखिल हुई थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया।
? निष्कर्ष:
यह निर्णय छत्तीसगढ़ में निजी शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता, संतुलन और सामाजिक जवाबदेही की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह स्पष्ट संकेत है कि शिक्षा को सेवा के रूप में देखा जाएगा, न कि केवल लाभ कमाने के माध्यम के रूप में।
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ को रेल सेवाओं के क्षेत्र में एक और बड़ी सौगात मिलने जा रही है। भारत सरकार के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर सूचित किया है कि रायपुर-जबलपुर नई एक्सप्रेस ट्रेन को 3 अगस्त 2025 को हरी झंडी दिखाई जाएगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि भारत सरकार छत्तीसगढ़ में रेलवे सेवाओं और आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वर्तमान में राज्य में ₹44,657 करोड़ की लागत से विभिन्न रेलवे परियोजनाएं प्रगति पर हैं। वर्ष 2025 के बजट में छत्तीसगढ़ को रिकॉर्ड ₹6,925 करोड़ की स्वीकृति दी गई है।
छत्तीसगढ़ के 32 रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है, जिनमें से 5 स्टेशनों का हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में दो वंदे भारत ट्रेनों का संचालन भी पहले से जारी है, जो ‘मेक इन इंडिया’ पहल का उदाहरण हैं।
रायपुर-जबलपुर एक्सप्रेस ट्रेन न केवल छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बीच आवागमन को आसान बनाएगी, बल्कि इससे व्यापार, पर्यटन और सामाजिक संपर्क को भी नई गति मिलेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में रेल नेटवर्क का विस्तार तेजी से हो रहा है, जिससे जनता को सुविधाजनक और आधुनिक रेल सेवाओं का लाभ मिल रहा है।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव का लोरमी दौरा
मुंगेली /शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विधि और विधायी कार्य, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा उपमुख्यमंत्री अरुण साव आज लोरमी प्रवास पर पहुंचे, जहां उन्होंने राजीव गांधी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में आयोजित दीक्षारंभ एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना से हुई। महाविद्यालय के प्राचार्य श्री एम.के. धुर्वे ने उपमुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए संस्थान की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1994 से संचालित यह महाविद्यालय लोरमी नगर की शैक्षणिक पहचान बन चुका है। मुख्यमंत्री द्वारा गर्मी के समय वाटर कूलर एवं 100 सीटर कन्या छात्रावास की सौगात क्षेत्रवासियों के लिए बड़ी उपलब्धि है। कार्यक्रम में छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया और छात्रा पूर्णिमा द्वारा उपमुख्यमंत्री को मांग-पत्र सौंपा गया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री साव ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा, शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि हमें प्रकृति और समाज से जुड़कर समग्र विकास की दिशा में आगे बढ़ना होगा। उन्होंने अपने छात्र जीवन की स्मृतियाँ साझा करते हुए विद्यार्थियों को आत्मविश्वास, अनुशासन और निरंतर प्रयास का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है, लेकिन उससे भी अधिक आवश्यक है, सही दिशा तय करना। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता का रास्ता मेहनत और ईमानदारी से होकर गुजरता है। इस दौरान उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जीवन संघर्ष और उपलब्धियों का उदाहरण देते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया।
उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, मन और तन दोनों को साधना होगा। यह तय आपको करना है कि आप 45 प्रतिशत अंक वाले विद्यार्थी बनना चाहते हैं या 95 प्रतिशत अंक वाला, क्योंकि वही सितारे की तरह चमकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि कभी भी डिप्रेशन, निराशा और हताशा को अपने जीवन में जगह न दें। ये आपके सबसे बड़े शत्रु हैं। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जैसे नेता एक गरीब माँ के बेटे होकर भी विश्व मंच पर छाए हैं, यह मेहनत और लगन का परिणाम है।”
वृक्षारोपण कर दिया संदेश, सांस्कृतिक मंच निर्माण सहित की विभिन्न घोषणाएं
कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री श्री साव ने महाविद्यालय परिसर में आम का पौधा रोपित कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “वृक्षारोपण केवल औपचारिकता नहीं बल्कि हमारी भावी पीढ़ियों के प्रति एक जिम्मेदारी है।” उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग और जल संरक्षण के प्रति युवाओं को जागरूक करते हुए अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील की। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने कॉलेज की मांगों को सकारात्मकता के साथ स्वीकार करते हुए आवश्यक घोषणाएं कीं, इनमें 15 नग ग्रीन बोर्ड, परिसर में बाउण्ड्रीवाल, चेकर पत्थर, 02 सेट सोलर हाइमास्ट और सांस्कृतिक मंच निर्माण की घोषणा की। इस अवसर पर उन्हें महाविद्यालय की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में लोरमी एसडीएम अजीत पुजारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्राचार्यगण, शिक्षक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
नई दिल्ली/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल से सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान राज्य की महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं, विशेषकर बस्तर क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना पर विस्तार से चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय मंत्री सी आर पाटिल को अवगत कराया कि बोधघाट परियोजना बस्तर की सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और ऊर्जा उत्पादन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर क्षेत्र दशकों से विकास की मुख्यधारा से पीछे रहा है। वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि इस क्षेत्र को नक्सल हिंसा से मुक्त कर आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जाए। उन्होंने बताया कि बस्तर के लिए प्रस्तावित बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना से लगभग 8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई और 125 मेगावाट विद्युत उत्पादन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी बताया कि बस्तर क्षेत्र में अब नक्सल प्रभाव में उल्लेखनीय कमी आई है और विकास कार्यों के लिए अनुकूल वातावरण बन रहा है। ऐसे में बोधघाट जैसी परियोजनाएं इस क्षेत्र को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में निर्माण संबंधी आवश्यक पहल करने के विषय में विस्तार से चर्चा की।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए परियोजना से संबंधित प्रस्तावों का शीघ्र तकनीकी परीक्षण कराने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री साय ने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार के सहयोग से बोधघाट परियोजना शीघ्र साकार रूप लेगी और यह बस्तर की आर्थिक उन्नति और सामाजिक बदलाव का प्रमुख आधार बनेगी।
पशुओं को मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वतंत्र रूप से छोड़ने पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पशु मालिकों पर होगी कार्रवाई
बालोद/शौर्यपथ /बालोद जिले में सड़क दुर्घटना में कमी लाने, बेहतर आवागमन की व्यवस्था बनाने तथा पशुओं की जीवन सुरक्षा हेतु जिले के अनुविभागीय दण्डाधिकारियों ने अपने अनुविभाग स्तर पर आदेश जारी किया है। जिसके तहत पशु मालिकों द्वारा अपने पशुओं को बांधकर रखा जाएगा। पशुओं को मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वतंत्र रूप से छोड़ने पर पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय 03 धारा 11(1) तथा अन्य सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत पशु मालिकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। अनुविभागीय दण्डाधिकारियों द्वारा जारी आदेश के अनुसार आवागमन हेतु निर्धारित भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्यीय राजमार्ग एवं स्थानीय मार्गो में लगातार सड़क दुर्घटना घटित हो रहा है, जिसका एक प्रमुख कारण स्थानीय पशु मालिकों द्वारा लापरवाही व गैर जिम्मेदारीपूर्वक पशुओं को सड़क एवं सार्वजनिक स्थल पर स्वतंत्र रूप से छोड़ देना है। इन आवारा पशुओं के कारण न केवल आवागमन बाधित होता है अपितु जनहानि, पशुहानि एवं मालहानि जैसी गंभीर घटना घटित होता है। जिससे कानून एवं लोक शांति व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है। इन आवारा पशुओं के मार्गों में एकत्रित होने से अत्यावश्यक सेवा एवं आपातकालीन सेवा देने वाले वाहनों का आवागमन भी गंभीर रूप से प्रभावित होता है। यदि इन आवारा पशुओं के मालिकों द्वारा इन पशुओं को सडक अथवा सार्वजनिक स्थलों में न छोड़कर उचित प्रबंधन एवं रख रखाव किया जाता है तो होने वाली मानव जीवन की क्षति, पशु क्षति, संपत्ति की क्षति तथा कानून एवं शांति व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने से बचा जा सकता है। उपरोक्तानुसार पशुओं पशुओं के मार्गों में एकत्रित होने से घटित गंभीर सड़क दुर्घटना का माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी डब्लूपी (पीआईएल) 58/2019 में संज्ञान लिया जाकर राज्य शासन से जवाब चाहा गया है। इस प्रकार सड़क पर एकत्रित आवारा पशु न केवल आमजन के आवागमन में बाधक या सड़क दुर्घटना का कारण है अपितु प्रशासनिक समस्या भी बन चुका है। जिसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार इन आवारा पशुओं के लापरवाह व गैर जिम्मेदार पशु मालिक है। पशु मालिकों का इस प्रकार गैर जिम्मेदाराना एवं लापरवाहीपूर्वक आचरण भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 291 के अंतर्गत तथा पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय 3 धारा 11 (1) के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में भी आता है।
उपरोक्त वर्णित तथ्यों के प्रकाश में सभी तथ्यों पर विचार करने के उपरांत इस क्षेत्र में मानव, पशु जीवन, लोकहित, लोक सुरक्षा, कानून एवं लोक शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए मुझे यह समाधान हो गया है कि अनुविभाग डौण्डी के विभिन्न मार्गों एवं सार्वजनिक स्थानों में विभिन्न पशु मालिकों द्वारा अपने पालतू पशुओं को स्वतंत्र रूप से छोड़े जाने से रोका जाना आवश्यक हो गया है। इनके द्वारा छोड़े गये पशुओं से मार्ग अवरूद्ध न हो एवं जन सामान्य, पशुओं की सुरक्षा तथा सुविधा के साथ-साथ आपातकालीन एवं अत्यावश्यक सेवा के निर्बाध व शांतिपूर्ण ढंग से संचालन तथा कानून व्यस्था की दृष्टि से इस क्षेत्र को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रतिबंधित किया जाना आवश्यक प्रतीत होता है। अनुविभागीय दण्डाधिकारियों ने जारी आदेश में कहा है कि उपरोक्त तथ्यों से संतुष्ट होते हुए आमजन पशुओं की जीवन सुरक्षा हेतु तथा जनहित में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 अंतर्गत यह आदेश पारित करता हूँ कि अनुविभाग अंतर्गत सभी पशु मालिक अपने पशुओं को बांधकर रखेंगे। इन पशुओं को मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों पर स्वतंत्र रूप से नहीं छोड़ेंगे ना एकत्रित होने देंगे अन्यथा भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 291 के अंतर्गत सजा एवं जुर्माना से दण्डित किया जावेगा साथ ही पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के अध्याय 3 धारा 11(1) तथा अन्य सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कठोर कार्यवाही की जाएगी।
चूंकि इस आदेश को पारित करने के पूर्व व्यक्तिगत सुनवाई का तथा साक्ष्य प्राप्त करने का अवसर दिया जाना संभव नहीं है। अतः यह आदेश आज 31 जुलाई 2025 को एकपक्षीय पारित किया जा रहा है, जो आगामी दो माह तक के लिए प्रभावी रहेगा।
नागरिक ने शिविर मे पहुंचकर कराया समस्याओ का समाधान:
दुर्ग / शौर्यपथ /नगर निगम द्वारा सीमा क्षेत्र अंतर्गत आज पटरीपार वार्ड 57 एवं 58 हेतु शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन एवं कामकाज में पारदर्शिता हेतु समाधान शिविर का आयोजन 31 जुलाई को आई एच् एस डी पी आवास के कक्ष में आयोजित किया गया!पटरीपार वार्ड 57 एवं 58 मे समस्या समाधान शिविर मे हुआ त्वरित निराकरण.
शिविर में नगर निगम से सम्बंधित शिकायतों एवं योजनाओं के लिए शिविर का आयोजन किया गया था.शिविर में स्वास्थ्य, राशन, निराश्रित पेंशन, बाजार, आवास, जल, भवन, विद्युत्, आयुष्मान,स्वनिधि आदि विभाग द्वारा लाभान्वित करने आवेदन प्राप्त हुए. मोबाईल मेडिकल यूनिट स्वास्थ्य 80, आयुष्मान एवं स्वनिधि 08 हितग्राही लाभान्वित हुए. इसके अतिरिक्त राशन कार्ड, विद्युत्, आवास, स्वास्थ्य, जल, पेंशन आदि के आवेदन प्राप्त हुए!शिविर के अवसर पर उपस्थित नोडल अधिकारी व उपायुक्त मोहेंद्र साहू, थान सिंग यादव, नारायण यादव के साथ शिविर का निरीक्षण कर नागरिकों की समस्यायो को सुना और निराकरण हेतु आश्वासन दिया.इस अवसर पर पार्षद रेशमा सोनकर, पार्षद सरस निर्मलकर सहित निगम अधिकारी /कर्मचारी गण मौजूद रहे /
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से हुई मुलाकात
छत्तीसगढ़ में सात हजार करोड़ की सड़क परियोजनाओं को जल्द मिलेगी वित्तीय स्वीकृति
नई दिल्ली/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ की अधोसंरचना को रफ्तार देने के लिए आज एक अहम क़दम उठाया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी से मुलाक़ात की, जिसमें राज्य की कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को मंज़ूरी मिली।
बैठक में केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 7000 करोड़ से ऊपर के नियोजित कार्यों की वित्तीय स्वीकृति को शीघ्र करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया।
इसके साथ ही केंद्रीय सड़क निधि के तहत 600 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी गई। इसके ज़रिए छत्तीसगढ़ में कई सड़कों के निर्माण और उन्नयन का रास्ता साफ़ होगा।
रायपुर शहर की भीड़भाड़ को कम करने के लिए चार बड़े ब्रिज बनाए जाएंगे, जिनका भूमि पूजन शीघ्र ही होगा। वहीं, राजधानी रायपुर से अन्य ज़िलों तक की सड़कें दो लेन से चार लेन में बदली जाएंगी, जिससे आवागमन तेज़ और सुरक्षित हो जाएगा।
बैठक में यह भी तय हुआ कि राज्य की सड़क योजनाएं की प्लानिंग में अब केंद्र के ‘गति शक्ति पोर्टल’ का उपयोग किया जाएगा, ताकि जल्द मंजूरी मिल सके। श्री गडकरी ने रायपुर-आरंग-बिलासपुर-दर्री के बीच करीब 95 किमी लंबी छह लेन सड़क के लिए डीपीआर जल्दी बनाने के लिए आदेशित किया, जो औद्योगिक, कृषि और शैक्षिक क्षेत्रों को जोड़ेगी। साथ ही, समृद्धि एक्सप्रेसवे का विस्तार रायपुर तक भी किया जाएगा।
इसके अलावा कुछ ज़रूरी योजनाओं को आज मंजूरी भी मिल गई। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 ए में उन्नयन कार्य, राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 43 में रेजिंग का कार्य एवं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 में मजबूतीकरण के कुल 115.95 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति मिली है। इनमें बिलासपुर शहर के भीतर 15 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण शामिल है, जिससे शहर में ट्रैफिक आसान होगा। कटनी-गुमला मार्ग के हिस्से में 11 किलोमीटर सड़क बनेगी जो गांवों को जोड़ने में मदद करेगी। वहीं, केशकाल के 4 किलोमीटर हिस्से की सड़क को मज़बूत किया जाएगा, जिससे पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सड़कें केवल यात्रा का साधन नहीं हैं, बल्कि विकास, रोज़गार और सामाजिक बदलाव का रास्ता हैं। अँजोर विजन 2047’ के तहत छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य है कि हर गांव, हर नागरिक तक बेहतर और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन पहुंचे। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉक्टर कमलप्रीत सिंह भी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन अभियानों व उपलब्धियों की दी जानकारी
नई दिल्ली/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज संसद भवन में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से सौजन्य भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ के समग्र विकास, माओवादी चुनौती से निपटने की रणनीति सहित विभिन्न विषयों पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा की।
मुख्यमंत्री साय ने केंद्रीय गृह मंत्री को माओवादी विरोधी अभियानों की उपलब्धि एवं भविष्य की कार्ययोजना से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में पिछले डेढ़ वर्षों में उल्लेखनीय सफलता मिली है। दिसंबर 2023 से अब तक 33 बड़ी मुठभेड़ों में शीर्ष माओवादी नेताओं सहित 445 माओवादी न्यूट्रलाइज़ किए गए हैं। वहीं, 1554 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं, एवं 1588 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
उन्होंने कहा राज्य सरकार की “समन्वित विकास और सुरक्षा” नीति के तहत माओवादी प्रभाव को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इन प्रयासों से न केवल माओवादी प्रभाव कम हुआ है, बल्कि स्थानीय समुदायों में प्रशासन के प्रति भरोसा भी बढ़ा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार की माओवाद उन्मूलन हेतु किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने माओवादी उन्मूलन के लिए राज्य सरकार के प्रयासों को ऐतिहासिक बताया और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का वादा किया।
बैठक में छत्तीसगढ़ के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले अमृत रजत महोत्सव 2025 की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि इस आयोजन को भव्य और यादगार बनाने के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक एकता, और आर्थिक उपलब्धियों को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने बस्तर के विकास और सुरक्षा में सहयोग और मार्गदर्शन पर श्री शाह को धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
नई दिल्ली/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ को खेल और स्वास्थ्य शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ देने की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण पहल हुई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, युवा कार्य एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया से नई दिल्ली में सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान बस्तर ओलंपिक को इस वर्ष से "खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स" के रूप में आयोजित करने की सहमति प्रदान की गई। यह निर्णय न केवल जनजातीय युवाओं की प्रतिभा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की पारंपरिक खेल संस्कृति को भी वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाएगा।
मुख्यमंत्री साय ने रायपुर और बिलासपुर में 220-बेड के मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज खोलने का प्रस्ताव भी केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखा, जिससे राज्य को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य शिक्षा के साथ-साथ बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। इस पर केंद्रीय मंत्री श्री मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार शीघ्र ही इस प्रस्ताव पर सकारात्मक निर्णय लेकर आवश्यक स्वीकृति की प्रक्रिया प्रारंभ करेगी।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान का क्षेत्रीय केंद्र छत्तीसगढ़ में स्थापित करने तथा राज्य में खेल अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए नए स्टेडियम एवं प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की माँग भी रखी। केंद्रीय मंत्री ने इन विषयों पर भी शीघ्र स्वीकृति दिए जाने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह एवं मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत भी उपस्थित थे।