August 03, 2025
Hindi Hindi
शौर्यपथ

शौर्यपथ

पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर का संपूर्ण जीवन समाज कल्याण हेतु रहा समर्पित-मुख्यमंत्री साय

रायपुर / शौर्यपथ / पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर का संपूर्ण जीवन समाज कल्याण हेतु समर्पित रहा। वह इंदौर की न केवल महारानी थीं, बल्कि न्यायप्रिय, धार्मिक एवं निष्पक्ष प्रशासक भी थीं। उन्होंने देशभर में धार्मिक स्थलों एवं मंदिरों के जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण के क्षेत्र में जो कार्य किए, वे आज भी हम सबके लिए प्रेरणादायक हैं। उक्त बातें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर में विश्व मांगल्य सभा द्वारा आयोजित पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर की जीवनी पर आधारित नाट्य मंचन समारोह में कही।
  श्री साय ने आगे कहा कि हम सभी लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती मना रहे हैं। इस अवसर पर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पूरे देश एवं प्रदेश में उनकी स्मृति में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।


  सुशासन, सनातन और संस्कृति के लिए समर्पित लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी के जीवन पर आधारित यह नाट्य प्रस्तुति लोगों तक उनके महान कृतित्व को पहुंचाने में सहायक होगी। राजमाता अहिल्याबाई होलकर हमारे गौरवशाली इतिहास की महान प्रेरणापुंज हैं। उनके जीवन चरित्र से वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने रामराज्य की अवधारणा को साकार किया। तीन दशकों तक उन्होंने होलकर राजवंश का नेतृत्व किया। उन्होंने प्रशासन, न्याय और जनकल्याण की अनुकरणीय व्यवस्था प्रदान की। दक्षिण में कांची, उत्तर में बद्रीनाथ, पूर्व में पुरी और पश्चिम में द्वारका तक, हर स्थान पर उनके पुण्य कार्यों की छाप मिलती है। वे इंदौर की महारानी थीं, परंतु उन्होंने अपने को किसी भौगोलिक सीमा में नहीं बाँधा। देश के विभिन्न हिस्सों में उन्होंने मंदिरों का निर्माण, धर्मशालाओं की स्थापना की और धर्म की पताका सदैव लहराई।
  वह सनातन की ध्वजवाहिका रहीं। जब महारानी अहिल्याबाई का नाम आता है तो हाथों में शिवलिंग लिए हुए उनकी तस्वीर सजीव हो उठती है। उन्होंने भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना के प्रतीक काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। जब औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट किया, तब यह घटना हिंदू समाज के लिए अत्यंत आघातकारी थी। उस समय माता जीजाबाई ने शिवाजी महाराज से कहा था कि काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण हमारा सर्वोच्च लक्ष्य होना चाहिए। पेशवा माधवराव ने भी अपनी वसीयत में लिखा था कि उनकी इच्छा है कि काशी विश्वनाथ मंदिर फिर से बने। यह यशस्वी कार्य राजमाता अहिल्याबाई होलकर के कर-कमलों से संपन्न हुआ।
   उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कर लाखों आस्थावान हिंदुओं के सपनों को साकार किया। वे हरिद्वार से गंगाजल मंगवाकर उसे कांचीपुरम के शिव मंदिर में अर्पित करवाती थीं। उन्होंने पुरी में धर्मशाला तथा द्वारका में भी धार्मिक निर्माण कार्य करवाए। जिस प्रकार आदि शंकराचार्य जी ने सनातन परंपरा को जोड़ते हुए चार धाम की स्थापना की, उसी परंपरा में राजमाता अहिल्याबाई होलकर जी ने भारत को सांस्कृतिक रूप से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
 इस अवसर पर जगदलपुर विधायक श्री किरण देव साय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रस्तावना विश्व मांगल्य सभा की श्रीमती निकिता ताई द्वारा प्रस्तुत की गई।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, प्रदेश अध्यक्ष एवं जगदलपुर विधायक  किरण देव साय, अजय जामवाल, पवन साय सहित बड़ी संख्या में विधायकगण, सांसदगण, निगम-मंडल-आयोग के अध्यक्षगण, जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता शूटर श्री अभिनव बिंद्रा ने की मुलाकात
छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी और स्पोर्ट्स साइंस डेवलपमेंट के लिए होगा कार्य

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाएं अब आकाश को छूएंगी। राज्य के खिलाड़ी प्रारंभिक स्तर से ही आधुनिक तकनीकों के माध्यम से दक्ष बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज उनके निवास कार्यालय में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता शूटर अभिनव बिंद्रा ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री साय ने श्री बिंद्रा से छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी एवं स्पोर्ट्स साइंस डेवलपमेंट के विषय में विस्तारपूर्वक चर्चा की।
  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्री बिंद्रा का पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने श्री बिंद्रा से छत्तीसगढ़ में खेल गतिविधियों के विकास एवं खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने संबंधी योजनाओं पर गहन चर्चा की।
  मुख्यमंत्री साय ने चर्चा के दौरान कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है। प्रदेश के युवाओं में खेलों के प्रति स्वाभाविक रुचि एवं नैसर्गिक प्रतिभा है, विशेषकर आदिवासी अंचलों के युवाओं में अत्यधिक संभावनाएं हैं। इस परिप्रेक्ष्य में श्री बिंद्रा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वे छत्तीसगढ़ में ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन, स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी और स्पोर्ट्स साइंस कार्यक्रम प्रारंभ करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि राज्य की खेल प्रतिभाओं को निखारने में ये प्रयास अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।
  चर्चा के दौरान श्री बिंद्रा ने बताया कि वे अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों में खिलाड़ियों को आगे लाने के लिए विविध कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि फाउंडेशन द्वारा खेलहित में संचालित ये कार्यक्रम निःशुल्क होते हैं, जिससे खिलाड़ियों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में भी फाउंडेशन के माध्यम से ऐसे कार्यक्रम प्रारंभ किए जाने के सम्बन्ध में चर्चा की।
  श्री बिंद्रा ने जानकारी दी कि ओलंपिक वैल्यू एजुकेशन कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के स्कूली बच्चों में ओलंपिक मूल्यों का विकास किया जाएगा। उन्हें उत्कृष्टता, सम्मान और मैत्री जैसे मूल्यों को अपनाने हेतु प्रेरित किया जाएगा, जिससे प्रारंभिक अवस्था से ही खेल प्रतिभाओं का संवर्धन संभव हो सकेगा।
  मुख्यमंत्री साय को श्री बिंद्रा ने अवगत कराया कि स्पोर्ट्स इंजरी खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। स्पोर्ट्स इंजरी रिकवरी कार्यक्रम के अंतर्गत खिलाड़ियों को निःशुल्क सर्जरी, पुनर्वास एवं उपचार उपरांत देखभाल की संपूर्ण सुविधा प्रदान की जाएगी, ताकि वे स्वस्थ होकर पुनः खेल क्षेत्र में सक्रीय हो सकें। इस हेतु फाउंडेशन के साथ देश के 30 उत्कृष्ट चिकित्सकों का नेटवर्क कार्यरत है, जिसका लाभ छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को मिलेगा।
  मुख्यमंत्री को श्री बिंद्रा ने बताया कि वर्तमान खेल परिदृश्य पूर्णतः विज्ञान-आधारित हो गया है। अतः वे छत्तीसगढ़ में स्पोर्ट्स साइंस कार्यक्रम प्रारंभ करना चाहते हैं, जिससे आधुनिक एवं वैज्ञानिक पद्धति से खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जा सके। नवीनतम तकनीकों की सहायता से प्रतिभाओं की पहचान वैज्ञानिक तरीके से की जा सकेगी तथा टेक्नोलॉजी के माध्यम से उनके कौशल को समुचित रूप से विकसित किया जा सकेगा।
  मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को आवश्यक सभी सुविधाएं प्रदान कर रही है। विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा समुदाय के युवाओं में तीरंदाजी का प्राकृतिक कौशल है। इस प्रतिभा को बढ़ावा देने हेतु रायपुर एवं जशपुर में एनटीपीसी के सहयोग से 60 करोड़ रुपये की लागत से आर्चरी अकादमी की स्थापना की जा रही है। इसी प्रकार बस्तर में आयोजित बस्तर ओलंपिक में 1.65 लाख से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 2 करोड़ रुपये एवं कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में देने की घोषणा की गई है।
  इस अवसर पर खेल मंत्री टंकराम वर्मा, छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर, खेल विभाग के सचिव यशवंत कुमार, संचालक श्रीमती तनुजा सलाम, डॉ. दिगपाल राणावत सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

दुर्ग। शोर्यपथ। दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में सार्वजनिक भूमि के एक विवादास्पद आवंटन को लेकर एक बार फिर नगर प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता चतुर्भुज राठी द्वारा शपथ-पत्र में कथित रूप से गलत जानकारी देकर एक बहुमूल्य जमीन का आवंटन करवा लेने के मामले में वर्तमान शहरी सरकार की निष्क्रियता राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है।

   जानकारी के अनुसार, जब नगर निगम में कांग्रेस की सत्ता थी, तब राम रसोई नामक एक संस्था ने उक्त जमीन के लिए आवेदन किया था। यह संस्था भारतीय जनता पार्टी के नेता चतुर्भुज राठी से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी बताई जा रही है। आरोप है कि संस्था के दस्तावेजों में कई तथ्य छिपाए गए और भूमि आवंटन की प्रक्रिया में कई अनियमितताएं हुईं। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि भूमि का स्थल परिवर्तन परिषद की अंतिम बैठक में चुपचाप कर दिया गया, और फिर 50 पैसे के साधारण कागज पर अनुबंध भी हो गया, जिसकी स्पष्ट जानकारी न तो परिषद को दी गई और न ही शहरी सरकार के दस्तावेज़ों में दर्ज है।

   वर्तमान में दुर्ग नगर निगम की बागडोर भाजपा समर्थित महापौर श्रीमती अलका बाघमार के हाथों में है। हालांकि विपक्ष व सामाजिक संगठनों द्वारा कई बार इस मुद्दे को उठाया गया और दस्तावेज़ी प्रमाण भी उपलब्ध कराए गए, फिर भी प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या शहरी सरकार अपने ही पार्टी नेता को बचाने के लिए कार्रवाई से परहेज कर रही है?

  महापौर अलका बाघमार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में शहर में "सुशासन और पारदर्शिता" का वादा किया था, लेकिन राम रसोई संस्था को बस स्टैंड जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्र में अधूरे दस्तावेजों के आधार पर दी गई जमीन और उस पर बने अनुबंध की जांच न करना, उनकी प्रशासनिक प्रतिबद्धता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है।

 विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं होती, तो इससे एक गंभीर परंपरा स्थापित होगी जिसमें राजनैतिक रसूख के बल पर सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग करना सामान्य होता जाएगा।

   दूसरी ओर, दुर्ग बस स्टैंड की बदहाल स्थिति नगर निगम की प्राथमिकता को लेकर भी सवाल खड़े कर रही है। व्यस्ततम बस स्टैंड पर अतिक्रमण, गंदगी और अव्यवस्था को लेकर जनता में रोष है, परंतु नगर प्रशासन की दृष्टि भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सुरक्षा में अधिक केंद्रित नजर आ रही है।

   भाजपा संगठन के लिए यह मामला विचारणीय है। वही पार्टी जो वर्षों तक भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन करती रही, आज जब उसका प्रतिनिधि महापौर पद पर है, तब उसके नेतृत्व में नियमों की अनदेखी और गलत दस्तावेजों के आधार पर सार्वजनिक भूमि का आवंटन जैसे मामलों पर आंखें मूंद लेना, उसके सिद्धांतों को कमजोर करता है।

 अब यह देखना होगा कि भाजपा समर्थित नगर निगम की पहली महिला महापौर श्रीमती अलका बाघमार क्या इस संवेदनशील मामले में निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की पहल करेंगी, या फिर यह मामला भी अन्य राजनीतिक मामलों की तरह समय के गर्त में दब जाएगा।

जनता की निगाहें अब इस पर टिकी हैं कि सुशासन और पारदर्शिता की बातें केवल भाषणों तक सीमित रहेंगी या व्यवहार में उतरेंगी।

दुर्ग/रायपुर, 18 जुलाई 2025।

    छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा भूचाल उस वक्त आया जब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इकलौते पुत्र चैतन्य बघेल को ₹2100 करोड़ शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया।

यह गिरफ्तारी उनके जन्मदिन के दिन हुई, जिससे राजनीतिक हलकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जबरदस्त आक्रोश देखा गया। शुक्रवार की सुबह से ही कांग्रेस समर्थकों का उनके निवास पर आना-जाना लगा हुआ था, लेकिन दोपहर में ईडी की कार्रवाई ने पूरे माहौल को तनावपूर्ण बना दिया।

? क्या है पूरा मामला?

ईडी ने चैतन्य बघेल को PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत गिरफ्तार किया।

उन पर आरोप है कि वह राज्य में हुए शराब घोटाले से अर्जित काली कमाई के प्रमुख लाभार्थी (Beneficiary) हैं।

सूत्रों के अनुसार ईडी ने जांच में ऐसे कई वित्तीय लेन-देन और दस्तावेज बरामद किए हैं जो उनकी संलिप्तता की पुष्टि करते हैं।


? ED की कार्रवाई की मुख्य बातें:

चैतन्य बघेल के भिलाई स्थित आवास में तड़के छापेमारी की गई।

लगभग 5 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तारी के समय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए ईडी की गाड़ी को घेर लिया, मौके पर पुलिस बल तैनात करना पड़ा।


?️ भूपेश बघेल का बयान:

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा—

> "यह गिरफ्तारी मेरे बेटे की नहीं, मेरी आवाज की गिरफ्तारी है। अडाणी कोयला प्रोजेक्ट के खिलाफ बोलने की यह सज़ा दी जा रही है। यह केंद्र सरकार की ईडी राजनीति है।"



? राजनीतिक असर:

कांग्रेस ने इस गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है और विधानसभा सत्र में विरोध दर्ज किया है।

राज्यभर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है।



> ? "बेटे का जन्मदिन और सत्ता की साजिश? भूपेश बघेल के बेटे की गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में मचाया भूचाल। जानिए पूरा सच!"

#ChaitanyaBaghel #EDAction #LiquorScam #BhupeshBaghel #PoliticalVendetta #PMLA #CongressVsED #BirthdayArrest  https://shouryapathnews.in/

भिलाई। शौर्यपथ।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई-3 स्थित निवास पर शुक्रवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। यह कार्रवाई ऐसे दिन हुई है जब विधानसभा सत्र का अंतिम दिन था और पूर्व मुख्यमंत्री बघेल तमनार क्षेत्र में अडानी परियोजना के लिए की जा रही पेड़ों की कटाई का मुद्दा सदन में उठाने वाले थे।

 

ईडी की इस कार्रवाई को लेकर भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा –

“ED आ गई। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठना था। भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ED भेज दी है।”

(कार्यालय - भूपेश बघेल)

गौरतलब है कि आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इकलौते पुत्र चैतन्य बघेल का जन्मदिन भी है। सुबह से ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों के भिलाई-3 निवास पहुंचने का सिलसिला जारी था, जो जन्मदिन की बधाई देने के लिए आ रहे थे। पार्टी में जन्मदिन को लेकर उत्साह का माहौल था और बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन ईडी की छापेमारी ने इस माहौल को पूरी तरह बदल कर रख दिया।

ईडी की इस कार्रवाई के बाद बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध जताने के लिए बघेल निवास की ओर बढ़ने लगे। स्थिति को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।

हाल ही में भूपेश बघेल द्वारा सरकारी खरीदी और टीवी खरीद घोटाले को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा गया था। साथ ही, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की राज्यपाल से मुलाकात पर भी उनकी तीखी टिप्पणी सामने आई थी, जिससे प्रदेश की राजनीति में पहले से ही गरमी बनी हुई थी।

अब ईडी की यह कार्रवाई कांग्रेस के निशाने पर केंद्र सरकार को एक बार फिर ले आई है। माना जा रहा है कि इस घटनाक्रम के बाद सियासी बयानबाज़ी और तेज़ हो सकती है, और विधानसभा सत्र के अंतिम दिन यह मामला विपक्ष द्वारा प्रमुखता से उठाया जाएगा।

  दुर्ग | शौर्यपथ संवाददाता
दुर्ग जिले में स्वास्थ्य विभाग में फैली अनियमितताओं और लापरवाहियों के खिलाफ कांग्रेस ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। 16 जुलाई को कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय का घेराव करते हुए गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज़ बुलंद की। इसके अगले ही दिन, 17 जुलाई को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधीश को विस्तृत ज्ञापन सौंपा और व्यवस्था में सुधार की ठोस मांगें रखीं।
  प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल, नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय कोहले और छाया महापौर प्रेमलता साहू ने किया। ज्ञापन में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति, संविदा कर्मचारियों के वेतन में कटौती, मातृ-शिशु अस्पताल में टीकाकरण व्यवस्था की लचर दशा, हमर क्लिनिक में डॉक्टरों की कमी और भवन नियमितीकरण में हो रही देरी जैसे गंभीर मुद्दों को रेखांकित किया गया। इसके अतिरिक्त जिला अस्पताल में कैजुअल्टी नंबर को पुनः प्रारंभ करने की भी मांग की गई जिससे आम जनता को सुविधा मिल सके।
  इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व सभापति राजेश यादव, पार्षद दीपक साहू, भास्कर कुंडले, ज्ञानदास बंजारे, पूर्व पार्षद भोला महोबिया, दुष्यंत देवांगन, विजय चंद्राकर, युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष आयुष शर्मा, प्रदेश संयोजक चिराग शर्मा, निकिता मिलिंद, हेमा साहू, आनंद कपूर ताम्रकार, शिशिरकांत कसार, अमोल जैन, यश बाकलीवाल सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
  पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल इन दिनों लगातार सरकार की असफलताओं और प्रशासनिक लापरवाहियों के खिलाफ मुखर होकर जनहित के मुद्दों पर संघर्ष कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता संगठित होकर लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे कार्यकर्ताओं में नया जोश और ऊर्जा देखने को मिल रही है।
  दुर्ग कांग्रेस की इस सक्रियता ने न केवल प्रशासन को जवाबदेह बनाने की दिशा में दबाव बनाया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि विपक्ष जनता की समस्याओं को लेकर गंभीर है और किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करने वाला।

     जांजगीर-चांपा, बिर्रा / शौर्यपथ /  वन क्षेत्र की कटाई और लगातार घटते जंगलों के कारण जंगली जानवर अब आबादी और कृषि क्षेत्र की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। सिलादेही और गतवा गांव के खेतों में बुधवार को करीब डेढ़ दर्जन जंगली सुअरों (बरहा) का झुंड देखा गया, जिससे ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। बरसात के इस मौसम में जहां धान की फसल की बुआई जोरों पर है, वहीं जंगली जानवरों द्वारा खेतों में घुसकर फसल को रौंदना और चरना किसानों के लिए दोहरी मुसीबत बन गया है।
  ग्रामीणों ने बताया कि सिलादेही के समीप हसदेव नदी पार देवरी गांव के खेतों में इन जंगली सुअरों का झुंड सबसे पहले देखा गया। खेत में काम कर रहे महिला-पुरुष मजदूर जानवरों को देखकर भयभीत हो गए और इधर-उधर भागने लगे। किसी तरह ग्रामीणों ने जानवरों को खेत से खदेड़ा, लेकिन बरहा का झुंड नदी पार कर बाबा धाम इलाके और फिर गतवा के खेतों में पहुंच गया, जहां उन्होंने धान की बुआई की गई फसल को चरना शुरू कर दिया।
किसानों को हो रहा फसल का बड़ा नुकसान
  स्थानीय किसानों के अनुसार, बरहा के झुंड ने कई एकड़ खेतों में बोई गई धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। खेतों में गड्ढे कर दिए गए हैं और कई जगह पौधों को जड़ से उखाड़ दिया गया है। यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।
ग्रामीणों ने वन विभाग से की तत्काल कार्रवाई की मांग
   ग्रामीणों ने वनमंडलाधिकारी को ज्ञापन देकर जंगली जानवरों को तत्काल हटाने और क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाया गया, तो आने वाले दिनों में फसल पूरी तरह नष्ट हो सकती है और ग्रामीणों के लिए खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो सकता है।
वन कटाई का दुष्परिणाम
   गौरतलब है कि ग्रामीणों ने पूर्व में ही आशंका जताई थी कि हसदेव वन क्षेत्र में हो रही अंधाधुंध कटाई के कारण जंगली जानवरों का झुंड रिहायशी और कृषि क्षेत्रों की ओर रुख करेगा। आज वही आशंका साकार होती दिख रही है।

  रिसाली / शौर्यपथ / दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को बेहतर सड़क सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विधायक ललित चंद्राकर के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं दुर्ग ग्रामीण विधायक चंद्राकर की पहल पर नगर पालिक निगम रिसाली को नगरोत्थान योजना के अंतर्गत 19 करोड़ 41 लाख रुपए की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिससे तीन प्रमुख सड़कों का डामरीकरण, चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
संवर्धन हेतु चिन्हित मार्ग
 विधायक चंद्राकर के द्वारा जिन मार्गों को दुरुस्त करने की अनुशंसा की गई है, वे सभी अत्यंत व्यस्त और जनसंपर्क की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं:
    मैत्रीकुंज से मधुरिमा फेस-3 तक
    आज़ाद चौक से आत्मानंद स्कूल, कृष्णा टॉकीज रोड तक
    श्रीराम चौक से बालाजी अपार्टमेंट तक 

  इन मार्गों का डामरीकरण, चौड़ीकरण और दोनों ओर पेवर ब्लॉक लगाने का कार्य प्रस्तावित है, जिससे नागरिकों को यातायात और सुविधा दोनों में राहत मिलेगी।

इस विकास कार्य से विशेष रूप से निम्नलिखित वार्डों के निवासियों को लाभ मिलेगा: वार्ड 05 – एचएससीएल कॉलोनी, रूआबांधा  , वार्ड 23 – प्रगतिनगर रिसाली , वार्ड 24 – आज़ाद मार्केट रिसाली ,   वार्ड 25 – आशीष नगर पश्चिम रिसाली , वार्ड 27 – मैत्रीनगर रिसाली , वार्ड 28 – शक्तिविहार रिसाली

विद्युत पोल हटाने का कार्य पहले
  नगर निगम के सहायक अभियंता अखिलेश गुप्ता ने बताया कि कई स्थानों पर बेतरतीब ढंग से लगे विद्युत पोलों को पहले व्यवस्थित किया जाएगा, उसके बाद डामरीकरण का कार्य आरंभ होगा।
 डी.पी.एस. चौक मार्ग का भी होगा उन्नयन
  विधायक चंद्राकर के प्रयासों से डी.पी.एस. चौक से कल्याणी मंदिर चौक तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य भी शीघ्र शुरू होगा। इस हेतु भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) ने सहमति प्रदान कर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। यह मार्ग रिसाली की सीमा में प्रवेश का प्रमुख रास्ता है और इसके विकास से क्षेत्रवासियों को सीधा लाभ मिलेगा।
जनसरोकार और विधायक की सक्रियता
  विधायक ललित चंद्राकर के नेतृत्व में रिसाली क्षेत्र में न केवल सड़कों का कायाकल्प हो रहा है, बल्कि विद्युतीकरण, नाली निर्माण, और भवन स्वीकृति जैसे बुनियादी कार्यों में भी निरंतर प्रगति हो रही है। यह दर्शाता है कि वे अपने क्षेत्र के नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं दिलाने के लिए सदैव सक्रिय हैं।

 बिलासपुर / शौर्यपथ / जिले में लगातार हो रही अघोषित विद्युत कटौती, ट्रांसफार्मर खराबी, केबल जलने, और डियो गिरने जैसी तकनीकी समस्याओं से आमजन त्रस्त है। इन समस्याओं के समाधान हेतु संबंधित विभाग द्वारा संतोषजनक जवाब न मिलने के विरोध में जिला कांग्रेस कमेटी बिलासपुर द्वारा आगामी 18 जुलाई शुक्रवार को दोपहर 12 बजे तिफरा स्थित विद्युत मंडल कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
  नेता प्रतिपक्ष भरत कुमार कश्यप ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा लगातार बिजली दरों में वृद्धि की जा रही है, जबकि आम जनता को न तो नियमित बिजली मिल रही है, न ही समय पर समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। कई बार छोटी-मोटी खराबी के कारण 10 से 12 घंटे तक बिजली गुल रहती है, जिससे पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित होती है।
  कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि सरकार की नाकामी का सीधा असर आम जनता के जीवन पर पड़ रहा है, और अब जनता की आवाज को मजबूती से उठाना जरूरी हो गया है।
धरना स्थल और समय की जानकारी
  प्रदर्शन के लिए सभी कांग्रेसजन एवं आम नागरिकों को दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) के पास दोपहर 12 बजे एकत्रित होने का आह्वान किया गया है। वहां से जुलूस के रूप में विद्युत मंडल कार्यालय, तिफरा की ओर कूच कर घेराव किया जाएगा।
  कश्यप ने जिले के नागरिकों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इस जनहित आंदोलन को सफल बनाने की अपील की है।

दुर्ग / शौर्यपथ / विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल द्वारा दुर्ग, बेमेतरा और कवर्धा जिलों के कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित तीन दिवसीय संभाग स्तरीय शौर्य प्रशिक्षण वर्ग का भव्य समापन 13 जुलाई को हुआ। यह प्रशिक्षण 11 से 13 जुलाई तक दुर्ग के पंचवटी मांगलिक प्रांगण, गजपारा में आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों सनातन धर्म से जुड़े युवाओं ने संगठनात्मक, सांस्कृतिक और वैचारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया।

वर्ग का शुभारंभ 11 जुलाई को क्षेत्र संगठन मंत्री जितेंद्र सिंह पवार के करकमलों से हुआ। उद्घाटन सत्र में प्रांत सह मंत्री घनश्याम चौधरी, प्रांत सह मंत्री नंदूराम साहू, और बजरंग दल प्रांत सह संयोजक शुभम नाग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

प्रथम दिवस की शाम विहिप संगठन मंत्री कन्हैया कुंदन के मार्गदर्शन एवं प्रांत सत्संग प्रमुख सुनील वर्मा के संगीतमय भजनों के साथ समर्पण और संस्कार का वातावरण बना।

द्वितीय दिवस (12 जुलाई) को विविध विषयों पर सत्र आयोजित किए गए, जिनमें

    धर्मांतरण व लव जिहाद पर चंद्रशेखर वर्मा का संबोधन,
    संगठन के कार्य और साप्ताहिक मिलन पर प्रांत संयोजक ऋषि मिश्रा का मार्गदर्शन,
    विहिप की स्थापना व इतिहास पर जुगराजधर द्विवेदी का प्रस्तुतीकरण,
    वर्तमान चुनौतियां और कार्यकर्ता का दायित्व विषय पर प्रांत अध्यक्ष संतोष गोलछा का उद्बोधन शामिल रहा।
 

  इसके अतिरिक्त, हिंदू जीवन दर्शन पर निलेश शर्मा और श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में बजरंग दल की भूमिका पर राहुल गुलाटी ने युवाओं को प्रेरित किया।
 

     अंतिम दिवस (13 जुलाई) को नंदूराम साहू ने संगठन की कार्यपद्धति, समिति निर्माण और सत्संग विस्तार जैसे विषयों पर दिशा-निर्देश दिए। समापन समारोह में शुभम नाग व यशपाल साहू की उपस्थिति में युवाओं ने संगठन के प्रति संकल्प लिया।
वर्ग की संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

    विभाग मंत्री अनिल गुर्जर (पालक अधिकारी),
    विभाग सह संयोजक राकेश तिवारी (पर्यवेक्षक),
    विभाग संयोजक शैलेन्द्र सोनी (मुख्य शिक्षक) ने।

    शहर के अलग-अलग प्रखंडों से बजरंग दल और विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारी जैसे मनीष बुचासिया, प्रवीण राव, सौरभ देवांगन, खेमलाल सेन, रामकुमार राय, बलदाऊ साहू, रोहित दूबे, कुणाल शर्मा सहित दर्जनों दायित्ववान कार्यकर्ता सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।
  कार्यक्रम के अंत में शौर्य पथ संचलन का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं के उत्साह, अनुशासन और ऊर्जा को देखकर शहरवासियों ने जगह-जगह फूलों की वर्षा कर स्वागत किया।

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)