August 05, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी जी के दुखद निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना की यह त्रासदी अत्यंत पीड़ादायक है। श्री रूपाणी जी का निधन न केवल गुजरात बल्कि संपूर्ण राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विजय रूपाणी जी एक सरल, सहज और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व के धनी थे। उनका जनसेवा के प्रति समर्पण सदैव अनुकरणीय रहेगा। उन्होंने निष्ठा और कुशलता के साथ कार्य करते हुए माँ भारती की सेवा की।
मुख्यमंत्री साय ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोक संतप्त परिवारजनों को दुख की इस घड़ी में संबल प्रदान करें।

महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का अनावरण
कन्वेंशन सेंटर का नामकरण महारानी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर करने की घोषणा
कोरबा जिले को दी 223 करोड़ रूपए की लागत के विकास कार्यों की सौगात
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज कोरबा जिले के प्रवास के दौरान कन्वेंशन सेंटर में लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का लोकार्पण किया और कन्वेंशन सेंटर को महारानी के नाम पर करने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने जिलेवासियों को लगभग 223 करोड़ 88 लाख रूपए से अधिक लागत के 66 विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर  प्रजावत्सल और न्यायप्रिय शासक थी। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए, नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ ही उन्होंने देश के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों, धार्मिक स्थलों को संवारा और नई पहचान दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कन्वेन्शन सेंटर को वातानुकूलित बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे छः माह पहले भी कोरबा आये थे, इस दौरान भी 600 करोड़ रूपए से अधिक की राशि के विभिन्न विकास कार्यों की सौगातें दी गई। आज सवा दो सौ करोड़ के विकास कार्यों की सौगात से कोरबा जिले के लोगों को लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने ऐलुमिनियम पार्क की स्थापना के लिए आवश्यक पहल करने की बात कही। उन्होंने एक पेड़ माँ के नाम के तहत कन्वेन्शन सेंटर परिसर में सिंदूर का पौधा भी लगाया। उन्होंने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जीवनी पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री अरूण साव और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन भी ने सम्बोधित किया।
लोकार्पण एवं शिलान्यास
मुख्यमंत्री साय द्वारा लोकार्पित किए गए कार्यों में मुख्य रूप से जल जीवन मिशन के अंतर्गत 11 गांवों में एकल ग्राम नल-जल योजना, 3 गांवों में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन, स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम विद्यालय नवीन भवन/जीर्णाेद्धार कार्य, और 47 छात्रावासों-आश्रमों में 2.4 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापना कार्य शामिल हैं। इसी प्रकार भूमि पूजन के प्रमुख कार्यों में नगर पालिक निगम कोरबा हेतु 100 टीपीडी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री ई-बस सेवा अंतर्गत सिटी बस डिपो-टर्मिनल कॉपलेक्स, 100 बेड हॉस्पिटल में एसएनसीयू हॉल, प्रशिक्षण हॉल सहित अन्य निर्माण कार्य, अयोध्यापुरी तालाब में जल संवर्धन कार्य एवं जिला खनिज संस्थान न्यास मद तथा 15 वें वित्त आयोग के विभिन्न कार्य शामिल हैं।  
प्लेन क्रैश में मृत लोगों के प्रति जताई संवेदना
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुजरात से लंदन जा रहे प्लेन के क्रैश होने की घटना में मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके प्रति गहरी संवेदना प्रकट की।

भिलाई/दुर्ग । शौर्यपथ विशेष।  

    इंसानियत का कोई धर्म नहीं होता, और मदद का कोई वक़्त नहीं — इस सोच को वास्तविकता में जीने वाले लोगों की सूची में इंद्रजीत सिंह उर्फ ‘छोटू’ का नाम पूरे सम्मान के साथ लिया जाता है। दुर्ग-भिलाई क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में इंद्रजीत सिंह छोटू एक ऐसा नाम है, जिसने ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम बना दिया। शौर्यपथ समाचार द्वारा शहर के ऐसे गणमान्य व्यक्तियों का एक संक्षिप्त जीवन परिचय एवं उनके द्वारा समाज के उठान के लिए किये कार्यो का उल्लेख करते हुए उनके द्वारा समाज के लिए किये कार्यो की एक छोटी सी झलक प्रस्तुत कर रहे है उम्मीद है सम्मानित पाठको को यह लेख पसंद आएगा .

परिचय से परे – व्यक्तित्व की गरिमा

  भिलाई के निवासी इंद्रजीत सिंह छोटू ट्रांसपोर्ट सेक्टर में एक स्थापित नाम हैं, लेकिन उनके लिए पहचान का असली मानक है – सामाजिक कार्यों के लिए उनकी निःस्वार्थ प्रतिबद्धता।
ड्राइवर, क्लीनर, मजदूर, खिलाड़ी, बेसहारा बच्चे, गरीब परिवार – कोई भी तबका हो, इंद्रजीत सिंह ‘छोटू’ हर बार आगे आते हैं। उनकी सोच हमेशा यही रही है कि “जिस समाज से मिला है, उसे लौटाना भी हमारा कर्तव्य है।”

ड्राइवर-क्लीनर के लिए सुरक्षा कवच

   इंद्रजीत सिंह के प्रयासों से सैकड़ों ट्रक ड्राइवरों और क्लीनरों को बीमा सुरक्षा, हेलमेट, मेडिक्लेम, और सड़क सुरक्षा संबंधित प्रशिक्षण दिए गए। उन्होंने ट्रांसपोर्टरों की समस्याओं को लेकर प्रशासन से लेकर सरकार तक सुनियोजित संवाद बनाए रखा है, जिससे नीतिगत सुधार की मांग बार-बार उठती रही।



खिलाड़ियों को मिलता है हौसला

  छोटू खुद एक खेल-प्रेमी हैं। उन्होंने स्थानीय स्तर के अनेक क्रिकेट, कबड्डी, फुटबॉल टूर्नामेंट में आर्थिक सहयोग और मंच देकर ग्रामीण खिलाड़ियों को उभरने का मौका दिया है। कई बार राष्ट्रीय स्तर पर चयनित खिलाड़ियों को ट्रेवल और किट सहयोग देकर प्रेरणा दी।



गरीब बेटियों के विवाह की जिम्मेदारी

  यहां सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि पिता समान भावनात्मक जुड़ाव भी देखने को मिलता है। अब तक 40 से अधिक निर्धन परिवारों की बेटियों के विवाह में सहयोग, पूरी शादी की व्यवस्था, कपड़े, गहने, भोजन, और वर-वधू की विदाई तक की पूरी ज़िम्मेदारी निभा चुके हैं।

आपदा में सेवा – जब सब पीछे हटते हैं, छोटू आगे होते हैं

 चाहे कोरोना काल हो या सड़क हादसा, इंद्रजीत सिंह छोटू ने एम्बुलेंस, भोजन, मेडिकल किट और ऑक्सीजन सिलेंडर तक उपलब्ध करवाए। लॉकडाउन में भूखे ट्रक ड्राइवरों के लिए भोजन वितरण का उनका नेतृत्व आज भी याद किया जाता है।

ट्रांसपोर्ट सेक्टर के मसीहा

  ट्रांसपोर्टरों के हक के लिए प्रभावी यूनियन प्रतिनिधि की भूमिका निभाते हुए उन्होंने माल ढुलाई दरों की पारदर्शिता, पथ कर में छूट, और अनुचित चालान के खिलाफ अभियान चलाए हैं।

समाज को संदेश

  इंद्रजीत सिंह जैसे लोग हमें यह सिखाते हैं कि नाम कमाने के लिए मंच नहीं, नीयत चाहिए। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि अगर आपका दिल सच्चा है तो समाज खुद आपकी पहचान बन जाता है।
आज जब समाज में स्वार्थ और दूरी बढ़ती जा रही है, ‘छोटू भैया’ जैसे लोग उम्मीद का वह दीपक हैं जो बिना कहे सबके लिए जलता है।

उपसंहार

इंद्रजीत सिंह उर्फ छोटू आज सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि समर्पण, सेवा और सजग नागरिकता का प्रतीक बन चुके हैं। युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए कि व्यवसाय के साथ-साथ समाजसेवा भी पूरी तन्मयता से की जा सकती है।

    

   बलौदाबाजार/शौर्यपथ /कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर जिले में अवैध शराब निर्माण, भंडारण एवं परिवहन पर आबकारी विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी तारतम्य में गस्त के दौरान कसडोल क्षेत्र में आबकारी विभाग की टीम द्वारा 45 बल्क लीटर महुआ शराब सहित 1100 किग्रा महुआ लाहन जब्त की गई।
  आरोपी देवप्रसाद यादव पिता कंशराम उम्र 35 वर्ष, चौकी बया अंतर्गत ग्राम सैयहाभाठा के कब्जे से 20.00 बल्क लीटर हाथभठ्ठी महुआ शराब एवं 600 कि.ग्राम महुआ लाहन जप्त किया गया।
इसी तरह आरोपी वासुदेव यादव पिता नरेश यादव उम्र 32 वर्ष चौकी बया अंतर्गत ग्राम सैयहाभाठा से 25.00 बल्क लीटर हाथभठ्ठी महुआ शराब एवं 500 कि.ग्राम महुआ लाहन कुल 45.00 बल्क लीटर महुआ शराब व 1100 कि.ग्राम महुआ लाहन जब्त किया गया। आरोपी के विरूध्द छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(2)(1)(च) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
उक्त कार्रवाई में सहायक जिला आबकारी जलेश कुमार सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

15 जून से होगा आगाज
धरती आबा अभियान के तहत शिविरों की सफलता हेतु अधिकारी आपसी समन्वय से करें कार्य- कलेक्टर दुदावत”
   दंतेवाड़ा/शौर्यपथ /जनजातीय ग्रामीण विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” के तहत दंतेवाड़ा जिले में 15 जून से 30 जून 2025 तक विशेष संतृप्तिकरण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय बहुल ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं जैसी मूलभूत सुविधाओं को लोगों की आवश्यकता अनुसार सुगम और सशक्त बनाना है।
इस संबंध में जिले के कलेक्टर कुणाल दुदावत ने बताया कि इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सभी संबंधित विभागों को निर्देश दे दिए गए है। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण पहल है जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की वास्तविक आवश्यकताओं की पहचान कर त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने सभी ग्रामीणों से अपील की है कि वे इन शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर अपने अधिकारों व सुविधाओं की जानकारी लें और योजनाओं का लाभ प्राप्त करें।इसके अंतर्गत दंतेवाड़ा जिले के 156 ग्राम को इस अभियान में शामिल किया गया है। इनमें विकासखण्ड दंतेवाड़ा के 34, गीदम के 42, कटेकल्याण के 51 एवं कुआकोंडा के 29 ग्राम शामिल है।
ज्ञात हो कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत दंतेवाड़ा विकासखंड अन्तर्गत जारम, पोन्दुम, मुरकी, पुलनार, मटेनार, टेकनार, केशापुर, भोगाम, तुड़पारास, कुपेर, मगनार, कमालुर, कुम्हाररास, गामावाड़ा, धुरली, भांसी, बड़े कमेली, नेरली, पाढ़ापुर, दुगेली, मोलसनार, गंजेनार, मसेनार, गदापाल, पुलनार, तोयलंका, कांवड़ गांव, ढुमाम, मेटपाल,नेटापुर, चन्देनर।
गीदम विकासखण्ड अन्तर्गत कौरगांव, तुमरीगुंडा,  पहुरनार, छिंदनार, मुचनार, हितामेटा, भाटपाल, कोरलापाल, उपेट, घोटपाल, कटूलनार, रोंजे, कासोली, हिरानार, मुसतलनार, गुमलनार, गुटोली,  छोटे तुमनार, मोफलनार, पुंडरी, बोदली, बांगापाल, बड़ेसुरोकी, बड़े तुमनार, मुंडेर, फरसपाल, अलनार, बिंजाम, झोडि़याबाड़म, बड़े कारली, नागुल, मड़से, बड़े पनेड़ा, महाराहाउरनार, बड़े पनेड़ा, हाउरनार, जांवगा,  गुमड़ा, कौरलापाल,  कोरकोटी, जोड़ातरई।
इसी प्रकार कटेकल्याण विकासखण्ड अन्तर्गत गाटम, मथाड़ी, बेंगलूर, कटेकल्याण, बड़ेलखपाल, धनीकरका, सुरनार, कौरीरास, बड़े बेड़मा, मोखपाल, माहराकरका, भूसारास, हिडपाल, बड़ेगुडरा, छोटेगुडरा, एटेपाल, टेटम, तुमकपाल, गुड़से, परचेली, चीकपाल, मारडुम, बड़ेगादम, जगमपाल एवं कुआकोण्डा विकासखण्ड अन्तर्गत गढ़मिरी, नकुलनार, कुआकोण्डा, हल्बारास, हितावर, मैलावाड़ा, गोंगपाल, कुटेपाल, श्यामगिरी, टिकनपाल,कड़मपाल, मदाड़ी, चोलनार, हिरोली, केरलापाल, समलवार, समेली, गुमियापाल, तनेली, अरनपुर, नहाड़ी, बुरगुम, कुटरेम, पोटाली, रेवाली, अरबे, जबेली, निलावया, पालनार, फुलपाड़ तथा रेगानार मैं शिविरों का आयोजन होगा।

महानदी किनारे अंगारमोती में शुरू की फोटोग्राफी, रोजाना एक से डेढ़ हज़ार की कमाई
  रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में युवाओं के लिए सरकार द्वारा रोजगारपरक योजनाओं में से एक प्रोजेक्ट योजना के तहत धमतरी जिले के तीन युवकों के लिए आय का साधन बन गया है। धमतरी जिले में प्रोजेक्ट युवा के परिणाम अब आने शुरू हो गए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत फोटोग्राफी का निःशुल्क प्रशिक्षण लेकर गंगरेल-रुद्री के तीन युवाओं ने अपने शौक को अब रोजगार के रूप में अपना लिया है। सुनील साहू, कीर्तन साहू और भुवन मीनपाल ने महानदी के किनारे अंगारमोती में अपनी फोटोग्राफी की दुकान खोली है। तीनों युवा यहाँ माँ अंगार मोती के दर्शन के लिए आने वाले पर्यटकों की अलग अलग लोकेशनों में आकर्षक फोटो खींचकर तुरंत प्रिंट उपलब्ध करा देते है। तीनों युवा हर दिन एक से डेढ़ हज़ार रुपए कमा रहे हैं। इन तीनों ने प्रोजेक्ट युवा की संकल्पना को मूर्त रूप देकर धमतरी के युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही स्व रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार  का आभार जताया है।
     फोटोग्राफी की निःशुल्क ट्रेनिंग ने फोटोग्राफी की कला को निखारा। फोटोग्राफी की कला अब  कमाई का जरिया बन गया है, फोटोग्राफी कभी सिर्फ शौक था, अब वही रोज़गार बन चुका है। गंगरेल के स्थानीय निवासी कीर्त्तन कुमार साहू और उनके साथी सुनील साहू तथा भुवन मीनपाल आज फोटोग्राफी के जरिए आत्मनिर्भर बन चुके हैं।  जिला प्रशासन द्वारा दिए गए निः शुल्क  फोटोग्राफी प्रशिक्षण की बदौलत। कीर्तन साहू बताते हैं, “हम पहले भी फोटो खींचते थे, फोटोग्राफी हमारा शौक था, लेकिन तकनीक और समझ की कमी थी। जब जिला प्रशासन ने प्रोजेक्ट युवा में फोटोग्राफी का निःशुल्क प्रोफेशनल प्रशिक्षण दिया, तब समझ आया कि फोटो सिर्फ क्लिक नहीं होती, बल्कि एक कला होती है।“ तीनों साथियों ने इस प्रशिक्षण में फोटोग्राफी की बारीकियां सीखी। कैमरे के प्रकार से लेकर लाइट, अपर्चर, स्पीड, फ्रेम सब की जानकारी मिली। इंडोर और आउट डोर फोटोग्राफी के गुर भी सीखें।
      ट्रेनिंग के बाद आज कीर्तन, सुनील और भुवन तीनों ने मिलकर गंगरेल डैम और अंगारमोती परिसर जैसे पर्यटन स्थलों पर फोटोग्राफी का काम शुरू किया हैं। छुट्टी के दिनों और विशेष मेला-मड़ई के अवसर पर भीड़ वाले दिनों में इनकी कमाई एक से डेढ़ हज़ार रुपये प्रतिदिन तक पहुंच जाती है, जबकि सामान्य दिनों में पाँच सौ से एक हज़ार रुपये तक की आमदनी हो जाती है। प्रोजेक्ट युवा के तहत निःशुल्क ट्रेनिंग ने न सिर्फ इनकी कला को निखारा, बल्कि कमाई का साधन भी बना दिया। यह पहल उन युवाओं के लिए मिसाल है, जो हुनर तो रखते हैं, लेकिन उन्हें सही दिशा नहीं मिलती।
    प्रशिक्षण के बाद इन तीनों युवाओं को फोटोग्राफी का स्टाल शुरू करने के लिए भी जिला प्रशासन ने मदद की है । इन्हें रेडीमेड और आसानी से असेंबल होने वाले आकर्षक स्टॉल भी निःशुल्क दिए गए है। अब ये युवा एक बैट्री से चलने वाले प्रिंटर की मदद से पर्यटकों के आकर्षक फोटो प्रिंट कर तत्काल उपलब्ध करा देते हैं। रियायती दरों पर लोगों को उनके पेन ड्राइव या मोबाइल में भी फोटो की सॉफ्ट कॉपी भी उपलब्ध कराई जा रही है। अब पर्यटकों को भी अपने प्रवास की मधुर स्मृतियाँ इस फोटो बूथ से मिल रही है।
     युवा कार्यक्रम के तहत धमतरी जिले के बारहवीं कक्षा से लेकर कॉलेज तक में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आज के जमाने की डिजीटल तकनीकों और पेशेवर कौशलों में प्रशिक्षित किया जा रहा है । इन युवाओं को एक-दो माह के ऐसे छोटे व्यवसाय पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिसके बाद वे तुरंत ही अपना स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं। प्रथम चरण में प्रशासन द्वारा डिजीटल मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाईनिंग, फ्री लाउसिंग, सायबर सुरक्षा, एआई तकनीक, ड्रोन और रोबोटिक्स, फाईनेंशल मैनेजमेंट, शेफ एंड कुकिंग तथा ब्यूटिशियन जैसे शॉर्ट टर्म व्यवसायों में प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।

रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण से सम्मानित अधिवक्ता विवेक सारस्वत की नवीनतम  पुस्तक "जीएसटी लॉ मैनुअल 2025" का विमोचन किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अधिवक्ता विवेक सारस्वत की यह पुस्तक जीएसटी कानून की अद्यतन जानकारी का महत्वपूर्ण स्रोत है और यह मैनुअल कर पेशेवरों और व्यापारियों के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होगा। इस अवसर पर अधिवक्ता बीना सिंह गौतम, अभय तिवारी, प्रिंसी धावना, वंदना सारस्वत और प्रियांश वर्मा उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि यह मैनुअल भारत के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानूनों का एक अद्यतन और व्यापक संस्करण है, जिसमें सीजीएसटी, आईजीएसटी, यूटीजीएसटी और मुआवजा उपकर के अंतर्गत सभी अधिनियमों, नियमों, अनुसूचियों, अधिसूचनाओं और परिपत्रों का सुव्यवस्थित संकलन किया गया है।
"जीएसटी लॉ मैनुअल 2025" की एक विशेषता इसका द्विभाषी (अंग्रेजी और हिंदी) प्रारूप है, जो देशभर के कर पेशेवरों, व्यापारियों और छात्रों के लिए सरल और स्पष्ट पहुंच सुनिश्चित करता है। इस पुस्तक में वित्त अधिनियम 2025 द्वारा किए गए नवीनतम संशोधनों को भी समाहित किया गया है, जिससे यह मैनुअल जीएसटी कानून का सबसे अद्यतन संस्करण बन गया है। किताब में डिजिटल युग की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक जीएसटी फॉर्मों की डिजिटल प्रतियों तक क्यूआर कोड के माध्यम से सीधी पहुँच की सुविधा भी प्रदान की गई है। यह विशेषता अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाती है और प्रशासनिक कार्यों को सरल करती है। कर पेशेवरों, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सचिवों, लागत लेखाकारों, सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों, छात्रों और शिक्षाविदों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लिखी गई यह पुस्तक जीएसटी की जटिलताओं को समझने और लागू करने के लिए एक अनमोल संसाधन है। इसकी व्यापक सामग्री, द्विभाषी प्रस्तुति और डिजिटल उपकरण इसे भारत की वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था की प्रभावी व्याख्या, कार्यान्वयन और गहन समझ के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बनाते हैं।
अधिवक्ता विवेक सारस्वत को जीएसटी और वैट कानूनों में विशेषज्ञता प्राप्त है। उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2022 में उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण के अंतर्गत कानून क्षेत्र का सर्वोच्च राज्य पुरस्कार "बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल पुरस्कार 2022" प्रदान किया गया था। उन्होंने जीएसटी और वैट कानूनों पर कई सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन किया है। वे www.cggst.com और www.cgvatlaw.com जैसी सफल वेबसाइटों के निर्माता हैं, और देश का पहला अप्रत्यक्ष कर कानून ऐप CGVATLAW भी विकसित कर चुके हैं।
अप्रत्यक्ष कराधान के क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले अधिवक्ता विवेक सारस्वत की यह छठी पुस्तक है, जो कराधान साहित्य में उनके अतुलनीय योगदान को रेखांकित करती है।

रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुजरात के अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना को अत्यंत हृदयविदारक और दुखद घटना बताया है। उन्होंने इस भीषण दुर्घटना में मृत यात्रियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मुख्यमंत्री साय ने दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना करते हुए उनके परिजनों को इस दुख की घड़ी में संबल और शक्ति प्रदान करने की कामना की है।

रायपुर/शौर्यपथ / गरियाबंद जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में अब शिक्षा की नई रोशनी फैल रही है। वर्षों से जिन गांवों में शिक्षक नहीं थे, वहां अब नियमित शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत जिले के 16 शिक्षक विहीन स्कूलों में अब शिक्षक पदस्थ हो गए हैं।
यह जिले के मैनपुर, देवभोग, छुरा और गरियाबंद ब्लॉकों के मौहानाला, भीमाटीकरा, धुमरापदर, भरूवामुड़ा जैसे दूरस्थ गांवों के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के लिए बड़ी राहत है। पहले इन स्कूलों में शिक्षक नहीं होने के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते थे और पालक चिंतित रहते थे।
जिले में अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग कर उन्हें उन स्कूलों में भेजा गया है, जहां एक भी शिक्षक नहीं था या केवल एक शिक्षक के भरोसे पूरा स्कूल चल रहा था। अब जिले की प्राथमिक शाला अकलवारा, डोंगरीपाली कांदागढ़ी, मौहानाला, भीमाटीकरा, बोईरगांव, टीमनपुर, धमना, कुकरार, रावनसिंघी, अमलोर, पीपलाकन्हार, भरूवामुड़ा, नगबेल, ओड़ आदि सभी स्कूलों में शिक्षक तैनात हैं। देवभोग ब्लॉक में पहले ऐसे 6 हाई स्कूल थे जहां केवल एक शिक्षक था। अब इन स्कूलों में भी शिक्षकों की पूर्ण नियुक्ति कर दी गई है, जिससे सभी विषयों की पढ़ाई सही ढंग से हो पाएगी।
मैनपुर और देवभोग जैसे आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षक लंबे समय से नहीं जाना चाहते थे, जिससे शिक्षा व्यवस्था कमजोर थी। लेकिन अब युक्तियुक्तकरण के जरिए कुल्हाड़ीघाट, नकबेल, गोबरा, सहेबीनकछार जैसे गांवों में भी शिक्षक भेजे गए हैं। युक्तियुक्तकरण से पहले जिले में 167 स्कूल ऐसे थे जहां केवल एक शिक्षक पदस्थ था। अब इन स्कूलों में भी अतिरिक्त शिक्षकों की व्यवस्था की गई है।
कलेक्टर बी.एस. उईके के निर्देशन में इस प्रक्रिया को शासन के तय समय-सीमा में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। शिक्षक मिलने से गांवों में शिक्षा का माहौल बना है और ग्रामीणों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि अब उनके बच्चों को गांव में ही अच्छी शिक्षा मिलेगी और उन्हें दूर नहीं जाना पड़ेगा।
युक्तियुक्तकरण से गरियाबंद जिले के वनांचल क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हुई है और अब कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है। यह पहल बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

मुख्यमंत्री  साय की पहल से कर्मचारियों को डिजिटल सुविधा: सेवा जानकारी अब मोबाइल एप पर अपडेट
प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को होगा लाभ: सेवानिवृत्ति, पदोन्नति और वेतन विसंगति में नहीं होगी कोई परेशानी: जीपीएफ का होगा त्वरित भुगतान
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन ई-गवर्नेंस के माध्यम से सुशासन को सशक्त और सहज बनाने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है। "डिजिटल प्रशासन - पारदर्शी समाधान" की नीति को आगे बढ़ाते हुए, प्रदेश सरकार ने अब कर्मचारियों की सेवा जानकारी को मोबाइल एप के माध्यम से अद्यतन करने की अभिनव पहल की है। यह प्रयास मुख्यमंत्री श्री साय की उस सोच को दर्शाता है जिसमें प्रत्येक कर्मचारी की सुविधा, सम्मान और अधिकार सुरक्षित हों — तेज़, सरल और भरोसेमंद प्रणाली के माध्यम से। इसी कड़ी में प्रदेश के लगभग 4 लाख सरकारी कर्मचारियों की सीआर के लिए अब फाइलें पलटने का झंझट समाप्त हो गया है।कर्मचारियों की प्रोफाइल अब एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप पर अद्यतन (अपडेट) की जाएगी। इससे सेवानिवृत्ति, पदोन्नति, वेतन विसंगति आदि के समय किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
नई व्यवस्था के अनुसार अब कर्मचारियों की प्रोफाइल को कार्मिक संपदा पोर्टल पर लोड और अपडेट करना अनिवार्य होगा। इसके लिए एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप और वेब पोर्टल विकसित किए गए हैं।संचालनालय कोष एवं लेखा की इस नई व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। कर्मचारियों की सेवा संबंधी "कुंडली" को अद्यतन रखने में यह व्यवस्था अत्यंत सहायक सिद्ध होगी। हालाँकि 2019 से कार्मिक संपदा मॉड्यूल का उपयोग किया जा रहा है, किंतु यह नवीन डिजिटल प्लेटफॉर्म कर्मचारियों को उनकी व्यक्तिगत एवं सेवा संबंधी जानकारी त्वरित व सुविधाजनक रूप से उपलब्ध कराएगा।
संचालक कोष एवं लेखा रितेश अग्रवाल ने कहा कि यह पाया गया है कि कार्मिक संपदा पोर्टल पर अधिकांश कर्मचारी अपनी जानकारी अपडेट नहीं करते हैं, जिसके कारण सेवानिवृत्ति के समय उन्हें अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कार्मिक संपदा मॉड्यूल में व्यक्तिगत जानकारी अपडेट करने की जिम्मेदारी कार्यालय प्रमुख की होती है, लेकिन इसमें समय लगने के कारण असुविधाएँ उत्पन्न होती हैं। इन समस्याओं के समाधान हेतु एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप विकसित किया गया है, जो कर्मचारियों को स्वयं लॉगिन कर अपनी जानकारी अपडेट करने की सुविधा देता है।
अब सेवा संबंधी जानकारी, नामिनी परिवर्तन, बैंक खाता परिवर्तन आदि के लिए कार्यालय प्रमुख पर निर्भरता नहीं रहेगी, जिससे अनावश्यक विलंब की स्थिति में भी कमी आएगी। स्थानांतरण, वेतन निर्धारण, पदोन्नति और अन्य प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और प्रगति सुनिश्चित होगी। साथ ही सेवा के दौरान और सेवानिवृत्ति उपरांत मिलने वाले लाभ जैसे पेंशन, जीपीएफ, उपादान, अवकाश नगदीकरण आदि प्रकरणों का शीघ्र निराकरण संभव होगा, क्योंकि संबंधित डेटा अद्यतन रहेगा।
कार्मिक संपदा एप से मिलेंगे ये प्रमुख लाभ
कर्मचारियों से प्राप्त सेवा संबंधी आवेदनों का निपटारा सक्षम अधिकारी समयबद्ध तरीके से कर सकेंगे। मॉड्यूल के अद्यतन होने से वेतन विसंगति से जुड़ी समस्याएँ कम होंगी। कर्मचारी  एम्प्लाई कॉर्नर मोबाइल एप या वेब एप्लिकेशन पर लॉगइन कर जानकारी स्वयं अपडेट कर सकते हैं। प्रोफाइल अद्यतन की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के उद्देश्य से यह एप और पोर्टल तैयार किया गया है। इसके उपयोग के लिए एसओपी (Standard Operating Procedure) की जानकारी https://ekoshonline.cg.gov.in/Advertisement/sop_karmik_website_merged.pdf में दी गई है।
साथ ही, शासकीय कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति उपरांत महालेखाकार कार्यालय में अंतिम जीपीएफ दावा को पूर्णतः ऑनलाइन माध्यम से प्रस्तुत करने की व्यवस्था भी तैयार की गई है। इससे दावे के निराकरण में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा।
इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन जीपीएफ क्रेडिट मिसिंग मॉड्यूल भी विकसित किया गया है, जिससे कार्यालय प्रमुख और कर्मचारी सेवा काल के दौरान मिसिंग जीपीएफ एंट्री का ऑनलाइन सुधार कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह स्पष्ट दृष्टिकोण है कि राज्य शासन का प्रत्येक निर्णय आम जन और कर्मचारियों के हित में हो। यह डिजिटल पहल कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा, प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरित निपटान की दिशा में एक सशक्त कदम है, जो छत्तीसगढ़ को ई-गवर्नेंस की अग्रणी श्रेणी में स्थापित करता है।

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