August 05, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

 रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा श्रमिकों एवं उनके परिजनों की बेहतरी के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लगातार आर्थिक मदद दी जा रही है। इसी सिलसिले में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को श्रम विभाग अंतर्गत संचालित योजना मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के अंतर्गत टॉप टेन में आने वाले बच्चों को 1,00,000 (एक लाख रूपये) प्रोत्साहन राशि से लाभान्वित किया जाता है।
     श्रम पदाधिकारी ने बताया कि श्रम विभाग में संचालित छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत जांजगीर चांपा जिले के विकासखंड बम्हनीडीह के ग्राम कुम्हारीकला निवासी श्रीमती सीता बाई का रेजा कुली प्रवर्ग में पंजीयन था। श्रीमती सीता बाई के प्रथम पुत्री पायल कुमारी राज ने माध्यमिक शिक्षा मण्डल रायपुर कक्षा 10वीं में मेरिट स्थान में 6वां स्थान प्राप्त किया है। जिसे योजना के तहत नवीन सर्किट हाऊस, सिविल लाईन रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय, श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन एवं भवन एवं अध्यक्ष अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा  पायल कुमारी राज को चेक के माध्यम से 1,00,000 (एक लाख रूपये) प्रोत्साहन सहायता राशि से लाभान्वित किया गया।

पति की स्मृतियों संग अब सुमित्रा जी रहीं हैं सम्मान और सुकून का जीवन
रायपुर/शौर्यपथ /जांजगीर-चांपा जिले के जनपद पंचायत बलौदा अंतर्गत ग्राम पंचायत बिरगहनी (च) की श्रीमती सुमित्रा पटेल के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) किसी वरदान से कम साबित नहीं हुई। यह योजना उनके दिवंगत पति स्व. लखनलाल पटेल के अधूरे सपनों को साकार करने वाली बनी, जिससे आज वे एक सुरक्षित और पक्के मकान में सम्मानपूर्वक जीवन यापन कर रही हैं।
स्व. लखनलाल पटेल का परिवार बेहद ही साधनहीन था और उनकी रोजी-रोटी की एकमात्र सहारा मजदूरी थी। स्वयं की खेती की जमीन नहीं होने के कारण उनका परिवार वर्षों तक एक कच्चे और जर्जर मिट्टी के घर में रह रहा था। जीवनभर मेहनत करने के बावजूद पक्का मकान बनाना केवल एक सपना बनकर रह गया था।
वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत उन्हें पात्र पाते हुए 1 लाख 20 हजार रुपये की सहायता राशि किश्तों में उनके खाते में हस्तांतरित की गई। इस योजना के माध्यम से श्री लखनलाल और उनकी पत्नी सुमित्रा ने मिलकर अपने सपनों का मजबूत पक्का घर तैयार किया।
दुर्भाग्यवश घर पूर्ण होने के कुछ समय बाद ही श्री लखनलाल का आकस्मिक निधन हो गया। अब सुमित्रा पटेल उसी मकान में अपने पति की स्मृतियों के सहारे जीवन यापन कर रही हैं। उनका कहना है कि, सरकार की इस योजना ने हमें वह दिया जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की थी। यह घर अब मेरे जीवन का सहारा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ ही उन्हें महात्मा गांधी नरेगा के तहत मजदूरी कार्य, उज्ज्वला योजना से गैस कनेक्शन तथा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय जैसी सुविधाएं भी प्राप्त हुई हैं।
श्रीमती सुमित्रा पटेल ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह योजना हम जैसे गरीब परिवारों के लिए आशा की किरण है, जिससे हमें जीवन में स्थायित्व और सम्मान मिला है।

रायपुर/शौर्यपथ /हर किसी का सपना होता है एक पक्का घर और जब यह सपना साकार होता है तो ज़िंदगी में नई उम्मीदें और सुकून भर जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ है जशपुर जिले के बगीचा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत पण्ड्रापाठ के बुचू राम का जिनका वर्षों पुराना सपना प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के माध्यम से अब हकीकत बन चुका है।
बुचू राम पहले अपने पुराने, कच्चे और जर्जर मकान में पत्नी और बच्चों के साथ कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे थे। बरसात के मौसम में टपकती छत, चारों ओर पानी और असहज माहौल ने उनका जीवन कठिन बना रखा था। सीमित आय और कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वह खुद का पक्का मकान बनाने की कल्पना भी नहीं कर पा रहे थे।
लेकिन साल 2023-24 में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के अंतर्गत उन्हें मकान निर्माण के लिए स्वीकृति मिली। ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक ने उनके दस्तावेज जुटाकर ऑनलाइन पंजीयन कराया और कुछ ही समय बाद उनके खाते में पहली किस्त की राशि पहुंच गई। बुचू राम ने बताया कि शुरुआत में उन्हें विश्वास नहीं हुआ, लेकिन बैंक जाकर जब खाते में राशि देखी तो आंखों में खुशी के आंसू आ गए।
सरकारी सहायता और मनरेगा की मजदूरी मिलाकर उन्होंने अपना पक्का मकान तैयार किया। अब वे अपने परिवार के साथ न केवल सुरक्षित और मजबूत छत के नीचे रह रहे हैं, बल्कि बरसात के मौसम में भी बिना किसी चिंता के चैन की नींद ले पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना का लाभ दूरस्थ अंचलों के जरूरतमंद लोगों तक भी पहुंच रहा है। इस योजना ने बुचू राम जैसे अनेक लोगों को सम्मान से जीवन जीने का अवसर दिया है।
बुचू राम ने मुख्यमंत्री और भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा, जिस घर की उम्मीद मैंने छोड़ दी थी, वह आज मेरे सामने खड़ा है। सरकार ने मेरी अंधेरी जिंदगी में उजाला ला दिया है।

रायपुर /शौर्यपथ /
1    मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति सूची में तकनीकी कारणों से शामिल होने से वंचित जातियों को प्राप्त होने वाली कतिपय सुविधाएं के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए डिहारी कोरवा, बघेल क्षत्री, संसारी उरांव तथा पबिया, पविया, पवीया समाज के विद्यार्थियों को अनुसूचित जनजाति के समतुल्य एवं डोमरा जाति के विद्यार्थियों को अनुसूचित जाति के समतुल्य राज्य मद से मात्र राज्य छात्रवृत्ति तथा शिष्यवृत्ति प्रदान किये जाने एवं छात्रावास-आश्रमों में स्वीकृत सीट के अधीन प्रवेश दिए जाने की सुविधा प्रदान करने की सहमति दी है।
2    मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत घर की छतों में सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना में राज्य शासन द्वारा उपभोक्ताओं को वित्तीय सहायता दिए जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
    छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के माध्यम से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के घरों पर सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने पर केंद्रीय वित्तीय सहायता के साथ-साथ राज्य की ओर से अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी, जो सोलर प्लांट की क्षमता (1 किलोवाट, 2 किलोवाट, 3 किलोवाट और उससे अधिक) के आधार पर अलग-अलग होगी। उदाहरण के लिए, 1 किलोवाट प्लांट के लिए कुल 45,000 रूपए, (30,000 रूपए केंद्रीय और 15,000 रूपए राज्य सहायता) जबकि 3 किलोवाट या उससे अधिक के प्लांट के लिए 1,08,000 रूपए (78,000 रूपए केंद्रीय और 30,000 रूपए राज्य सहायता) की मदद मिलेगी। हाउसिंग सोसाइटी/रेसिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन के लिए भी इसी तरह की सहायता प्रस्तावित की गई है। यह अनुदान राशि CSPDCL को अग्रिम रूप से मिलेगी और वही इसे लाभार्थियों को देगी। वर्ष 2025-26 में 60,000 और 2026-27 में 70,000 सोलर पावर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इससे वित्तीय वर्ष 2025-26 में 180 करोड़ एवं 2026-27 में 210 करोड़ रूपए का वित्तीय भार आएगा।
    CSPDCL इस योजना की कार्यान्वयन एजेंसी होगी और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय , भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार इसे लागू करेगी। कंपनी इस योजना के संचालन के लिए एक अलग बैंक खाता खोलेगी, जिसमें सब्सिडी की राशि रखी जाएगी और उसका हिसाब-किताब किया जाएगा। राज्य वित्तीय सहायता उन घरेलू उपभोक्ताओं को प्राथमिकता से दी जाएगी जिनके सोलर प्लांट का ग्रिड सिंक्रोनाइजेशन 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद हुआ है।
3    मंत्रिपरिषद ने राज्य में वन्यजीव, खासकर बाघों के संरक्षण और ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण पहल करते हुए ‘‘छत्तीसगढ़ टाइगर फाउंडेशन सोसायटी‘‘ का गठन करने का निर्णय लिया है। यह सोसायटी वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत काम करेगी। मध्य प्रदेश में यह 1996 से संचालित है। इसका मुख्य लक्ष्य छत्तीसगढ़ में लगातार घट रही बाघों की आबादी (फिलहाल लगभग 18-20) को बचाना है। यह संस्था स्व-वित्तपोषित होगी, जिससे सरकारी खजाने पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। यह सहयोग देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं से फंड जुटाएगी।
    यह सोसायटी बाघों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों में सीधे शामिल होगी। यह स्थानीय समुदाय की भागीदारी से ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देगी, जिससे न केवल पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार और आय के अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही, यह पर्यावरणीय शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करेगी, जिससे भविष्य के संरक्षणवादी तैयार होंगे। इस पहल से संरक्षण के लिए बाहरी धन, विशेषज्ञता और संसाधन मिलेंगे, जिससे स्थानीय समुदायों को रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य का पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा।
    यह छत्तीसगढ़ में वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी, जो जैव विविधता की रक्षा के साथ-साथ ईको-टूरिज्म को भी मजबूत आधार देगी।
4    मंत्रिपरिषद द्वारा अशासकीय अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्था ‘‘रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर की सहयोगी संस्था ‘‘विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल हेल्थ वेलफेयर एवं सेवायें, छत्तीसगढ़ (विश्वास)‘‘ को रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर में अंतर्भूत (मर्ज) करने का अनुमोदन किया गया।
5    उद्यानिकी महाविद्यालय (उद्यानिकी विश्वविद्यालय) की स्थापना के लिए बेमेतरा जिले के साजा तहसील अंतर्गत बेलगांव में राजगामी संपदा की 94.290 हेक्टेयर भूमि में से 100 एकड़ भूमि उद्यानिकी विभाग को निःशुल्क प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
6    जशपुर जिले में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा हर्बल व महुआ चाय जैसे पारंपरिक उत्पाद ‘JashPure’ ब्रांड के तहत तैयार किए जा रहे हैं। इन उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराने और विपणन को बढ़ावा देने हेतु इस ब्रांड को राज्य शासन अथवा CSIDC को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव का मंत्री परिषद ने अनुमोदन किया है।
    ब्रांड हस्तांतरण से एग्रो व फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय कच्चे माल की मांग बढ़ेगी और आदिवासी महिलाओं को  रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। ट्रेडमार्क हस्तांतरण से राज्य पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।
7    मंत्रिपरिषद द्वारा शहीद पुलिसकर्मियों के सर्वाेच्च बलिदान को ध्यान में रखते हुए अनुकम्पा नियुक्ति हेतु जारी एकजाई पुनरीक्षित निर्देश-2013 की कंडिका 13 (3) में संशोधन करते हुए निर्णय लिया है कि - नक्सली हिंसा में शहीद पुलिस सेवकों के प्रकरण में उनके परिवार के किसी भी पात्र सदस्य (महिला या पुरूष) को विकल्प के आधार पर पुलिस विभाग के अलावा, किसी अन्य विभाग में, राज्य के किसी भी जिला, संभाग में अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी। पहले अनुकम्पा नियुक्ति यथासंभव उसी विभाग या कार्यालय में देने की व्यवस्था थी, जिसमें दिवंगत शासकीय सेवक निधन के पूर्व कार्यरत था।
8    मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में गौण खनिजों के सुव्यवस्थित अन्वेषण, पूर्वेक्षण एवं अधोसंरचना के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ‘‘स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट‘‘ (एसएमईटी) के गठन की अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
    गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में स्टेट मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट के तहत समस्त गौण खनिजों से प्राप्त होने वाली रायल्टी 2 प्रतिशत राशि अतिरिक्त रूप से एसएमईटी फंड में जमा की जाएगी। जिसका उपयोग गौण खनिजों के अन्वेषण, अधोसंरचना विकास में उच्च तकनीकों का उपयोग, इन्फॉर्मेशन सिस्टिम, लॉजिस्टिक सपोर्ट, मानव संसाधनों के उन्नयन आदि में किया जा सकेगा। भारत सरकार के नेशनल मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट की तर्ज पर राज्य में स्टेट मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया जाएगा।

– शौर्यपथ विशेष रिपोर्ट दुर्ग। प्रदेश सरकार भले ही सुशासन और पारदर्शिता के दावे करती हो, लेकिन दुर्ग जिला खाद्य विभाग की कार्यशैली इन दावों को दिन-दहाड़े ठेंगा दिखा रही…

   रायगढ़ / शौर्यपथ / कापू क्षेत्र में जमीन से जुड़े पुराने विवाद ने रविवार को अचानक तूल पकड़ लिया, जब विवादित भूमि पर पहुंचे एक सरदार व्यक्ति ने दुनाली बंदूक लहराकर दूसरे पक्ष को जान से मारने की धमकी दी। यह घटना दोपहर करीब 1 बजे की है, जब दोनों पक्षों के बीच जमीन पर कब्जे को लेकर तनातनी चल रही थी।
विवादित जमीन पर थी बुवाई की तैयारी
   सूत्रों के अनुसार, विवादित भूमि पर एक पक्ष की ओर से बुवाई की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान दूसरे पक्ष से जुड़े एक सरदार व्यक्ति वहां पहुंचा और तेज आवाज़ में विरोध करते हुए अचानक अपनी डबल बैरल बंदूक निकाल ली। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उसने कुछ लोगों को लक्ष्य कर धमकी भी दी। इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
पुलिस ने हथियार जब्त किया, एफआईआर दर्ज
 घटना की सूचना मिलते ही कापू पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और आर्म्स एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।  बंदूक जब्त कर ली गई है और लाइसेंस की वैधता की जांच की जा रही है। अगर लाइसेंस अवैध या समाप्त पाया गया, तो आरोपी पर और भी गंभीर धाराएं लग सकती हैं।
क्या है आरोपी की पृष्ठभूमि?
  मिली जानकारी अनुसार आरोपी सरदार व्यक्ति पूर्व में एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल से जुड़ा रहा है और जिला स्तर पर सक्रिय भूमिका निभा चुका है। हालाँकि वर्तमान में उसकी कोई पदस्थ स्थिति नहीं है, मगर उसके कुछ प्रभावशाली नेताओं से निकट संबंध बताए जा रहे हैं।
  स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि सरदार अक्सर जमीन से जुड़े मामलों में दखल देता है और खुद को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त बताता है। पुलिस इस पूरे मामले में राजनीतिक एंगल की भी जांच कर रही है।
गांव में दहशत, निष्पक्ष कार्रवाई की मांग
  घटना के बाद कापू गांव और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल बन गया है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि इस प्रकार से हथियार लहराकर लोग विवाद सुलझाने लगेंगे तो क्षेत्र में कानून-व्यवस्था का कोई मूल्य नहीं रह जाएगा। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी के खिलाफ निष्पक्ष और कठोर कार्रवाई की जाए तथा विवादित भूमि का स्थायी समाधान निकाला जाए। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है और संबंधित विभाग से हथियार लाइसेंस की जानकारी भी मांगी गई है।

- परकोलेशन टैंक और इंजेक्शन वेल मॉडल बन रहा पहचान
- आधुनिक तकनीक से भूजल रिचार्ज का देश में पहला प्रयोग
राजनांदगांव/शौर्यपथ / राजनांदगांव जिले में भूजल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में मिशन जल रक्षा के अंतर्गत एक अनूठी और तकनीकी दृष्टि से समृद्ध पहल की जा रही है, जो राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन रही है। जिले में अब तक कुल 1693 परकोलेशन टैंक का निर्माण किया जा चुका है, जो भूजल रिचार्ज की प्राकृतिक संरचनाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन टैंकों के निर्माण के लिए जीआईएस फ्रैक्चर जोन आइडेंटिफिकेशन जैसी वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिससे जल के प्रवाह और भूजल पुनर्भरण के उपयुक्त स्थलों का चयन किया गया। इन टैंकों में आसपास के क्षेत्रों से वर्षा जल एकत्रित होकर सीधे जमीन में रिसता है और भूजल स्तर को पुन: भरने में सहायक होता है।
नवाचार की नई दिशा-
परकोलेशन टैंक तथा इंजेक्शन वेल का समायोजन जल संरक्षण की इस मुहिम को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु राजनांदगांव जिले ने परकोलेशन टैंकों में इंजेक्शन वेल जोडऩे की अभिनव कार्ययोजना तैयार की है। अब तक 200 से अधिक परकोलेशन टैंकों में इंजेक्शन वेल का निर्माण सफलतापूर्वक किया जा चुका है और आगामी वर्षा ऋतु से पूर्व इस संख्या को और अधिक बढ़ाने हेतु तेजी से कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि युक्त संरचना की लागत मात्र 37 हजार रूपए है जो कि एक हैंडपंप खोदने की लागत से भी कम है और इसका कार्य सीधे सरफेस में इकट्ठा होने वाले जल को फिल्टर मीडिया से गुजारते हुए सीधे ग्राउंडवाटर टेबल में पहुंचने का है।
इंजेक्शन वेल की विशेषताएं -
वर्षा जल को फिल्टर कर गहराई तक सीधे जलभंडार तक पहुँचाया जाता है। संरचना की न्यूनतम लागत मात्र 37000 आसन एवं सीधे समझ में आने वाली तकनीक है। खाली पड़े ग्राउंडवाटर टेबल का सर्वोत्तम उपयोग, यह प्रणाली तेज वर्षा के समय अधिक जल को तुरंत जमीन में भेजने में सक्षम है। परंपरागत रिसाव विधियों की तुलना में अधिक प्रभावशाली भूजल पुनर्भरण संभव होता है। मिशन जल रक्षा के तहत पारंपरिक तारीख से आगे बढ़ते हुए अब नवीनतम तकनीक के आधार पर संरचनाएं तैयार किया जाना आज के समय की मुख्य जरूरत है। जिले की यह पहल इसलिए भी विशिष्ट है क्योंकि इसमें परकोलेशन टैंक के निर्माण में जीआईएस मैपिंग, हाईड्रोलॉजिकल, सर्वे तथा रनआफ कैचमेंट एनॉलसिस जैसी तकनीकों का उपयोग किया गया है। इस तकनीकी दृष्टिकोण के कारण संरचनाएं न केवल प्रभावी सिद्ध हो रही हैं, बल्कि उनका दीर्घकालिक जल संरक्षण में योगदान भी स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाला होगा। साथ ही साथ वर्तमान में स्वीकृत किए गए 46 बोरखनन में हैंडपंप के साथ बोरवेल के साथ-साथ इंजेक्शन वेल की भी स्वीकृति प्रदान की गई जिसमें बोरवेल से 30 फीट की दूरी में ही 100 फिट गहरा इंजेक्शन वेल का निर्माण कर बोरवेल का ओवरफ्लो पानी सीधे इंजेक्शन वेल से जोड़ा जा रहा है जिससे कि पानी का दुरूपयोग कम से कम हो और बोरवेल कभी सूखने की स्थिति में ना आए इन प्रयासों को ग्रामीणों द्वारा बड़े ध्यान पूर्वक देखकर तकनीक को समझते हुए सुझाव भी प्रदान किए जा रहे हैं।
सम्भावित परिणाम और सामाजिक प्रभाव-
इंजेक्शन वेल से वर्षा जल सीधे भूजल स्तर तक पहुँचेगा, जिससे स्थानीय जल स्तर में वृद्धि होगी। कुएं, हैंडपंप, और ट्यूबवेल में जल की उपलब्धता बढ़ेगी।
राष्ट्रीय स्तर पर पहला प्रयोग -
यह समायोजन मॉडल परकोलेशन टैंक और इंजेक्शन वेल देश में अपने आप में पहला प्रयास माना जा रहा है, जिसमें भूजल रिचार्ज के लिए अत्याधुनिक तकनीक को समग्र ग्रामीण विकास मॉडल में समाहित किया गया है। यह जल शक्ति मंत्रालय सहित विभिन्न संस्थाओं के लिए भी समय-समय पर  केंद्रीय मंत्री एवं अन्य प्रतिनिधियों के माध्यम से अध्ययन और अनुकरणीय मॉडल के रूप में प्रस्तुत की जा रही है।
प्रशासनिक नेतृत्व एवं सतत निगरानी -
इस पहल के पीछे जिला प्रशासन की दूरदर्शिता, तकनीकी टीमों का समर्पण और जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतों की सहभागिता प्रमुख भूमिका निभा रही है। कार्य की नियमित निगरानी, सर्वेक्षण और सामुदायिक भागीदारी ने इसे सफल बनाने में निर्णायक योगदान दिया है।
जिले में परकोलेशन टैंक और इंजेक्शन वेल युक्त भूजल रिचार्ज मॉडल, जल संकट से जूझते ग्रामीण भारत के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। यह पहल न केवल भूजल स्तर में सुधार लाने वाली है, बल्कि एक सतत, विज्ञान आधारित और सामुदायिक भागीदारी से युक्त जल नीति की मिसाल भी पेश कर रही है।

बालोद/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा नगर सेना अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएँ तथा एसडीआरएफ, मुख्यालय छत्तीसगढ़, नवा रायपुर के अंतर्गत महिला एवं पुरुष नगर सैनिकों की लिखित भर्ती परीक्षा का आयोजन 22 जून 2025 (रविवार) को किया जाएगा। अभ्यर्थी व्यापम की वेबसाइट अलंचंउमह.बहेजंजम.हवअ.पद पर उपलब्ध लिंक पर क्लिक करके अपने प्रोफाइल लॉगिन पेज से प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। अभ्यर्थी अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त एसएमएस के यू.आर.एल. को क्लिक करके भी सीधे प्रवेश पत्र प्राप्त कर उसका प्रिंट आउट ले सकते हैं।
परीक्षा दिवस को प्रत्येक परीक्षार्थी लगभग एक घंटे पूर्व अपने परीक्षा केन्द्र में उपस्थित रहें, जिससे उनके मूल पहचान पत्र से उनका पहचान किया जा सके एवं परीक्षा केंद्र में जाने हेतु अनुमति दी जा सके। यह उचित होगा कि, परीक्षार्थी परीक्षा दिवस से एक दिन पूर्व ही अपने परीक्षा केन्द्र की भौगोलिक स्थिति से भलीभाँति परिचित हो जावें। प्रवेश पत्र पर अंकित समय के पश्चात किसी को भी परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जायेगा ।
अभ्यर्थी संपूर्ण प्रवेश पत्र पूर्णतः डाउनलोड करें और उसका प्रिंट आउट लेकर परीक्षा केन्द्र में जायें। परीक्षार्थियों को डाकघर के माध्यम से प्रवेश पत्र नहीं भेजा जाएगा। किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा केन्द्र के सम्बंध में कठिनाई होती है तो हेल्पलाइन नंबर 0771-2972780 एवं मोबाइल नंबर 8269801982 पर समय प्रातः 10 से शाम 05.30 बजे तक संपर्क कर सकते हैं। परीक्षार्थियों को अपना फोटोयुक्त मूल आई डी. प्रूफ जैस े मतदाता पहचान पत्र, ड्रायविंग लायसेंस, पेन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, विद्यालय का फोटोयुक्त परिचय पत्र, फोटोयुक्त अंकसूची मूलरूप में (फोटो कॉपी मान्य नहीं) परीक्षा दिवस में परीक्षा केन्द्र में लाना अनिवार्य होगा। मूल पहचान पत्र के अभाव में परीक्षा केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।

शिविर में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीण हुए उपस्थित
शासन की विभिन्न योजनाओं से हितग्राही हुए लाभान्वित
बालोद/शौर्यपथ /धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत आज जिले के डौंडी विकासखण्ड के ग्राम घोटिया में लाभ संतृप्त शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें ग्राम घोटिया सहित पेण्ड्र, पचेड़ा, पटेली, टेकाढोड़ा, सिंगनवाही, भर्रीटोला-36, धोतिमटोला और ठेमाबुजुर्ग के ग्रामीणों बड़ी संख्या में शामिल हुए। शिविर में पात्र परिवारों को शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से त्वरित रूप से लाभान्वित किया गया। शिविर में जनपद पंचायत डौण्डी के अध्यक्ष श्री भोलाराम नेताम, सरपंच श्रीमती ममता मंडावी, क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक आदि उपस्थित थे।
ग्राम घोटिया में आयोजित शिविर शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। शिविर में अनुसूचित जनजाति के 108 आवासहीन परिवारों का चिन्हांकन किया गया । इसी प्रकार 10 हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड और 05 का टीकाकरण किया गया। 18 हितग्राहियों को राशन कार्ड, 04 हितग्राहियों का पेंशन, 32 लोगों का सिकलसेल एनिमिया की जाॅच, अनुसूचित परिवारों के 04 घरों में विद्युत कनेक्शन सहित वन अधिकार पत्र धारी को पशुपालन विभाग की की योजनाओं का लाभ दिलाने 29 हितग्राहियों को चिन्हांकित कर सूची उच्च कार्यालय में आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है।

दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत वार्ड 60 रायपुर नाका में स्थिति मुक्तिधाम का निरीक्षण महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने वार्ड पार्षद सहित लोक कर्म प्रभारी देवनारायण चन्द्राकर के साथ मौके पर उपस्थित ठेकेदार को जल्द ही कार्यो को पूरा करने को कहा गया।उन्होंने कहा कि मुक्तिधाम क्षेत्र स्थल पर बाउंड्रीवाल के किनारे-किनारे चारो तरफ छायादार पौधे रोपण करने के निर्देश दिए।साथ ही मुक्तिधाम में बेहतर साफ सफ़ाई करने,गाजर घास को काटने के लिए भी निर्देश दिए गए।इस दौरान प्रभारी देवनारायण चंद्राकर, देवनारायण तांडी,अरुण सिंह,शिवेंद्र परिहार,रंजिता पाटिल,निखिल खिचारिया, सहायक अभियंता संजय ठाकुर,उपअभियंता पंकज साहू के अलावा ठेकेदार उपस्थित रहे।
रायपुर नाका मुक्तिधाम में चल रहे उन्नयन व सुंदरीकरण कार्य का निरीक्षण करने महापौर श्रीमती अलका बाघमार टीम के साथ पहुँची।उन्होंने प्रतीक्षा शेड व दाह संस्कार के लिए शेड मरम्मत का निर्माण किया जाना है, यह कार्य प्रगति पर हैं। इस कार्य के लिए 24 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी तरह मुक्तिधाम के भीतर शेड, नल कनेक्शन, पुराने मंच की रिपेयरिंग करते हुए चारों ओर छायादार वृक्ष लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मुक्तिधाम में आने वाले शोकाकुल परिवारों के नहाने के लिए उचित व्यवस्था करते हुए स्नान स्थल, पीने की पानी की व्यवस्था, पाइप लाइन व्यवस्था, भवन मरम्मत सहित  किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है।

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