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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
जगदलपुर, शौर्यपथ। कलेक्टर हरिस एस के निर्देशानुसार खनिज विभाग के जांच दल द्वारा 09 जून को ग्राम बनियागांव में अवैध उत्खनन के सूचना प्राप्त होने पर मौके पर 01 चैन माऊण्टेन गशीन को जप्त कर थाना प्रभारी नगरनार की अभिरक्षा में दी गई है। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों को समझाईस दी गई कि अवैध रेत उत्खनन, परिवहन की रोकथाम में सहयोग करें तथा अवैध उत्खनन-परिवहन की सूचना भी विभाग को दें। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार वर्षा काल में 10 जून से 15 अक्टूबर 2025 तक रेत उत्खनन बंद रखा गया है। इसी प्रकार विगत दिनों से अब तक बस्तर जिला अंतर्गत ग्राम तिरथुम, सोनारपाल, फरसागुड़ा, केशलुर, नलपावंड क्षेत्रों का औचक निरीक्षण में अवैध रूप से गौण खनिज का 05 वाहनों में अवैध परिवहन,उत्खनन, भण्डारण करते पाये जाने पर परिवहनकर्ताओं और उत्खन्नकर्ताओं के विरुद्ध गौण खनिज का अवैध परिवहन कर रहे वाहनों का प्रकरण दर्ज करते हुये पुलिस अभिरक्षा में दी गई है। वाहनों को खनिज मय जप्त कर पुलिस अभिरक्षा में सौंपते हुए वाहन मालिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किया जा रहा है। इसमें एक प्रकरण पर जप्ती की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (रा०) तोकापाल द्वारा की गई है। शेष प्रकरण में कार्यवाही के दौरान जिला खनिज जांच उड़नदस्ता दल के खनि अधिकारी शिखर चेरपा, खनि निरीक्षक गिदुल गुहा तथा खनि सिपाही डिकेश्वर खरे, सीताराम नेताम, विकास नायक, जलंधर बघेल, महादेव सेठिया, संतोष सहारा उपस्थित थे। उपरोक्त सभी प्रकरणों में छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियमावली 2015 के नियम 71 सहपठित खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 21 के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को और अधिक जनसुलभ, पारदर्शी और संवादात्मक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा के निर्देश के पश्चात अब राज्य की पुलिस कार्यप्रणाली में प्रयुक्त होने वाले कठिन, पारंपरिक एवं आम नागरिकों की समझ से बाहर उर्दू-फारसी शब्दों को हटाकर उनकी जगह पर सहज और प्रचलित हिंदी शब्दों का उपयोग किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आम नागरिक जब किसी शिकायत, अपराध सूचना अथवा अन्य कार्य से थाने जाता है, तो वह अक्सर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर या अन्य दस्तावेजों की भाषा को लेकर असमंजस में रहता है। अन्य भासाओ के शब्द आम लोगों के लिए अनजाने होते हैं, जिससे वे न तो अपनी बात ठीक से समझा पाते हैं और न ही पूरी प्रक्रिया को ठीक से समझ पाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस का उद्देश्य नागरिकों की सहायता और सुरक्षा है, तो उसकी भाषा भी ऐसी होनी चाहिए जो नागरिकों की समझ में आए और उनके विश्वास को बढ़ाए।
उपमुख्यमंत्री के निर्देशानुसार पुलिस महानिदेशक द्वारा सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को एक आधिकारिक पत्र जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि पुलिस की व्यवहारिक कार्यवाहियों में प्रयुक्त कठिन, पारंपरिक शब्दों को सरल और स्पष्ट हिंदी में बदला जाए। इसके लिए एक शब्द सूची भी तैयार की गई है, जिसमें पुराने कठिन शब्दों के स्थान पर उपयोग किए जाने योग्य सरल विकल्प सुझाए गए हैं।
इस पत्र में यह भी निर्देशित किया गया है कि सभी अधीनस्थ अधिकारियों को इस विषय में अवगत कराया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि यह आदेश केवल औपचारिकता भर न रहे, बल्कि इसका वास्तविक कार्यान्वयन प्रदेश की प्रत्येक पुलिस चौकी, थाने और कार्यालय में दिखे।
छत्तीसगढ़ पुलिस अब केवल कानून का पालन कराने वाली संस्था न होकर जनसंवाद का माध्यम भी बनेगी। भाषा के इस सरलीकरण से शिकायतकर्ता को अपनी बात स्पष्ट रूप से कहने, सुनने और समझने में सुविधा होगी। एफआईआर जैसी प्रक्रिया, जो अब तक केवल अधिवक्ताओं या पुलिस कर्मियों की समझ में आती थी, वह अब आम नागरिक के लिए भी बोधगम्य हो सकेगी।
1 अदम तामील-सूचित न होना
2 इन्द्राज -टंकन
3 खयानत-हड़पना
4 गोश्वारा-नक्शा
5 दीगर-दूसरा
6 नकबजनी -सेंध
7 माल मशरूका लूटी-चोरी गई सम्पत्ति
8 मुचलका-व्यक्तिगत बंध पत्र
9 रोजनामचा-सामान्य दैनिकी
10 शिनाख्त-पहचान
11 शहादत-साक्ष्य
12 शुमार-गणना
13 सजायाफ्ता- दण्ड प्राप्त
14 सरगना -मुखिया
15 सुराग -खोज
16 साजिश -षडयंत्र
17 अदालत दिवानी -सिविल न्यायालय
19 फौजदारी अदालत- दांडिक न्यायालय
20 इकरार नामा -प्रतिज्ञापन
21 बनाम विक्रय -पत्रक
22 इस्तिफा -त्याग-पत्र
23 कत्ल-हत्या
24 कयास -अनुमान
25 खसरा क्षेत्र- पंजी
26 खतौनी -पंजी
27 गुजारिश -निवेदन
28 जब्त -कब्जे में लेना
29 जमानतदार -प्रतिभूति दाता
30 जमानत -प्रतिभूति
31 जरायम- अपराध
32 जबरन -बलपूर्वक
33 जरायम पेशा -अपराधजीवी
34 जायदादे मशरूका -कुर्क हुई सम्पत्ति
35 दाखिलखारिज- नामांतरण
36 सूद -ब्याज
37 हुजूर -श्रीमान/महोदय
38 हुलिया -शारीरिक लक्षण
39 हर्जाना क्षति-प्रतिपूर्ति
40 हलफनामा-शपथ-पत्र
41 दफा- धारा
42 फरियादी -शिकायतकर्ता
43 मुत्तजर्रर -चोट
44 इत्तिलानामा- सूचना पत्र
45 कलमबंद करना -न्यायालय के समक्ष कथन
46 गैरहाजिरी -अनुपस्थिति
47 चस्पा- चिपकाना
48 चश्मदीद- प्रत्यक्षदर्शी
49 जलसाजी- कूटरचना
50 जिला बदर -निर्वासन
51 जामतलाशी -वस्त्रों की तलाशी
52 वारदात- घटना
53 साकिन- पता
54 जायतैनाती- नियुक्ति स्थान
55 हाजा स्थान-परिसर
56 मातहत -अधीनस्थ
57 जेल हिरासत -कब्जे में लेना
58 फौती -मृत्यु सूचना
59 इस्तगासा- छावा
60 मालफड -जुआ का माल मौके पर बरामद होना
61 अर्दली -हलकारा
62 किल्लत मुलाजमान- कर्मगण की कमी
63 तामील कुनन्दा- सूचना करने वाला
64 इमदाद -मदद
65 नजूल -राज भूमि
66 फरार -भागा हुआ
67 फिसदी- प्रतिशत
68 फेहरिस्त -सूची
69 फौत- मृत्यु
70 बयान- कथन
71 बेदखली-निष्कासन
72 मातहत- अधीन
73 मार्फत- द्वारा
74 मियाद -अवधी
75 रकबा-क्षेत्रफल
76 कास्तकार- कृषक
77 नाजिर -व्यवस्थापक
78 अमीन राजस्व -कनिष्ठ अधिकारी
79 राजीनामा -समझौता पत्र
80 वारदात -घटना
81 संगीन -गंम्भीर
82 विरासत -उत्तराधिकार
83 वसियत- हस्तांन्तरण लेख
84 वसूली -उगाही
85 शिनाख्त- पहचान
86 सबूत साक्ष्य-प्रमाण
87 दस्तावेज- अभिलेख
88 कयास -अनुमान
89 सजा -दण्ड
90 सनद -प्रमाण पत्र
91 सुलहनामा-समझौता पत्र
92 अदम चौक- पुलिस असंज्ञेय हस्ताक्षेप, अगोग्य अपराध की सूचना
93 कैदखाना- बंदीगृह
94 तफतीश/तहकीकात -अनुसंधान/जाँच/विवेचना
95 आमद/रवाना/रवानगी-आगमन, प्रस्थान
96 कायमी-पंजीयन
97 तेहरीर- लिखित या लेखीय विवरण
98 इरादतन- साशय
99 खारिज/खारिजी/रद्द निरस्त/निरस्तीकरण
100 खून आलुदा रक्त-रंजित/रक्त से सना हुआ
101 गवाह/गवाहन- साक्षी/साक्षीगण
102 गिरफ्तार/हिरासत -अभिरक्षा
103 तहत् -अंतर्गत
104 जख्त, जख्मी, मजरूब -चोट/घाव घायल/आहत
105 दस्तयाब -खोज लेना/बरामत
106 मौका ए वारदात-घटना स्थल
107 परवाना- परिपत्र/अधिपत्र
108 फैसला- निर्णय
109 हमराह -साथ में
17 प्रतिशत नमक घोल से बीज उपचार एवं आगामी खरीफ सीजन की तैयारी हेतु कृषकों को दी गई जानकारी
किसानों को फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने से होने वाले फायदे के बारे में बताया गया
उन्नत कृषि तकनीक, आधुनिक कृषि उपकरणों, केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं की दी गई जानकारी
राजनांदगांव /शौर्यपथ /विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम साकरा एवं ईरा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में किसानों को कृषि विभाग, पशुपालन विभाग एवं उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी के वैज्ञानिकों द्वारा बीज उत्पादन, 17 प्रतिशत नमक घोल से बीज उपचार एवं आगामी खरीफ सीजन की तैयारी हेतु कृषकों को विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में उप संचालक कृषि श्री नागेश्वर लाल पाण्डेय, सरपंच, पंच, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक एवं कृषकगण उपस्थित थे।
शिविर में किसानों को जानकारी देते हुए बताया गया कि प्राकृतिक खेती में फसलों के पोषक तत्व की आपूर्ति हेतु जीवाणु खाद फसल अवशेष और प्रकृति में उपलब्ध खनिज जैसे रॉक फास्फेट का उपयोग किये जाते हैं। इनके खेत में उपयोग से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है। प्राकृतिक खेती में बीजामृत, घनजीवामृत, जीवामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नि अस्त्र, दशपर्णी अर्क का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही जैविक खेती में जैव उर्वरक अंतर्गत नील हरित काई, राइजोबियम कल्चर, एजोस्पाइरिलम, एजोटोबैक्टर, स्पूर घोलक जीवाणु (पीएसबी), कचरा अपघटक का उपयोग किया जाता है। किसानों को पोषक तत्वों से भरपूर लघु धान्य फसलों के बढ़ती मांग को देखते हुए रागी, कोदो, कुटकी की फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया गया। किसानों को बताया गया कि आधुनिक जीवन शैली में बीमारियों मधुमेह, अल्सर, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमरियों को रोकने के लिए लघु धान्य फसल पौष्टिक एवं गुणकारी है। किसानों को धान के बदले अन्य फसल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने से होने वाले फायदे के संबंध में बताया गया। फसल चक्र परिवर्तन से खरपतवारों का नियंत्रण आसानी से हो जाता है। वहीं कीटों का प्रकोप भी कम होता है।
विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत मृदा परीक्षण के फायदों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि किसानों को अपने खेतों का मृदा का परीक्षण अवश्य कराना चाहिए। इससे मृदा में पोषक तत्वों की कमी को देखते हुए आवश्यकता अनुसार उर्वरक का उपयोग करने से फसल उत्पादकता में वृद्धि होगी। किसानों को फसलों में पौध संरक्षण के संबंध में समुचित जानकारी देते हुए रसायनों का उचित प्रयोग करने के लिए बताया गया। उन्नत कृषि तकनीक, आधुनिक कृषि उपकरणों, केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही अभियान के दौरान खरीफ मौसम की प्रमुख फसलों की उन्नत एवं वैज्ञानिक तकनीक, बीज उपचार, धान की सीधी बुआई विधि, पशुपालन एवं उन्नत पशु नस्ल की जानकारी, आधुनिक कृषि यंत्र ट्रेक्टर, थ्रेसर, हार्वेस्टर, स्प्रेयर, राईस ट्रायर, स्ट्रा बेलर, लेजर लैंड लेवलर, ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव, उद्यानिकी फसल, मत्स्य पालन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार फसल में संतुलित पोषक तत्वों का उपयोग एवं नवाचारों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, मृदा स्वास्थ्य योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, सब्जी को सुरक्षित रखने के लिए पैक हाऊस के निर्माण हेतु अनुदान, संरक्षित खेती हेतु ग्रीन हाऊस स्ट्रक्चर के लिए 50 प्रतिशत की अनुदान राशि के बारे में जानकारी दी गई।
दुर्ग/शौर्यपथ/ अहमदाबाद विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय कुमार रूपानी सहित 241 लोगों की मौत एवं सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे को नगर निगम कार्यालय में दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार की अध्यक्षता में नगर निगम परिसर में आयोजित शोक सभा में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
शोकसभा में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने कहा कि यह हादसा बेहद हृदय विदारक और स्तब्ध कर देने वाला है।इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में हताहत हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखा।इस दुःखद घटना से मन अत्यंत व्यथित है, पीड़ित परिवारों के प्रति गहर्र संवेदनाएं व्यक्त करती हूं।
महापौर ने कहा कि शहीद एएसपी श्री आकाश राव गिरपुंजे ने अपने कर्तव्य के प्रति अदम्य साहस, निष्ठा और समर्पण दिखाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। हमें उन पर गर्व है। हम सब इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ है।
सभा में बड़ी संख्या में आयुक्त सुमित अग्रवाल,सभापति श्याम शर्मा,देवनारायण चन्द्राकर, नरेंद्र बंजारे,शेखर चन्द्राकर, ज्ञानेश्वर ताम्रकर,मनीष साहू,शिव नायक,नीलेश अग्रवाल,शशि साहू,संजय अग्रवाल,कमल देवांगन,खालिक रिजवी,नीरा खिचरिया,सविता साहू,मनीषा सोनी,मनीष कोठारी,अजीत वैध,कार्यपालन अभियंता दिनेश नेताम,गिरीश दीवान,संजय ठाकुर,आरके बोरकर,संजय मिश्रा,अनिल सिंह के अलावा एमआईसी सदस्य/ पार्षदगण व अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
राजनांदगांव /शौर्यपथ / डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार के लिए जिले के पात्र कृषक 31 जुलाई 2025 तक उप संचालक कृषि एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय राजनांदगांव से आवेदन पत्र नि:शुल्क प्राप्त एवं निर्धारित प्रपत्र में पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन पत्र सफलता की कहानी के साथ प्रस्तुत कर सकते है। डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार के लिए चयनित कृषक को राज्य स्थापना दिवस 1 नवम्बर 2025 के अवसर पुरस्कृत किया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत जानकारी वेबसाईट www.agriportal.cg.nic.in से प्राप्त की जा सकती है।
डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार के लिए केवल ऐसे कृषक ही सम्मिलित होने के लिए पात्र होंगे जो विगत दस वर्षों से कृषि का कार्य छत्तीसगढ़ क्षेत्र में कर रहे है। छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी हो, कुल वार्षिक आमदनी में से न्यूनतम 75 प्रतिशत आय कृषि से हो एवं तकाबी, सिंचाई शुल्क, सहकारी बैंकों का कालातीत ऋण नहीं हो। पुरस्कार के लिए फसल विविधीकरण एवं उत्पादकता वृद्धि हेतु नवीन कृषि तकनीकी अपनाने का स्तर, उन्नत कृषि तकनीकी के प्रचार-प्रसार एवं अन्य कृषकों द्वारा अपनाने के लिए प्रेरित करने हेतु प्रयास, विगत तीन वर्षों में विभिन्न फसलों की उत्पादकता का स्तर तथा कृषि एवं सहयोगी क्षेत्र में कृषक द्वारा किया गया उल्लेखनीय व नवोन्वेषी कार्य कृषक का चयन एवं मूल्यांकन का आधार होगा। कृषि क्षेत्र में सर्वोत्तम कार्य करने वाले किसान को पुरस्कार दिया जाएगा। ऐसे कृषक जो खेती में नव तकनीकी को अपनाते हो, जिसकी फसल सघनता अच्छी हो, समन्वित कृषि प्रणाली एवं फसल विविधीकरण अपनाता हो, कृषि के क्षेत्र में नवान्वेषी कार्य करता हो, भूमि एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया हो सहित अन्य कृषि संबंधित उत्कृष्ट कार्य के लिए डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर दिया जाएगा। पुरस्कार हेतु कृषकों से प्राप्त आवेदन पत्र में उल्लेखित गुण-दोष के आधार पर तथ्यों का सत्यापन विकासखंड स्तरीय डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार छानबीन समिति द्वारा किया जाएगा। कृषकों का चयन जिला स्तरीय छानबीन समिति एवं राज्य स्तरीय जूरी सदस्यों द्वारा किया जाएगा एवं उनके द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम होगा।
दंतेवाड़ा/शौर्यपथ /कलेक्टर जिला दंतेवाड़ा कुणाल दुदावत के निर्देशानुसार एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी वरुण नागेश के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिनांक 13 जून 2025 को “महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013” के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन जिला ग्रंथालय, दंतेवाड़ा में किया गया। इस अवसर पर महिला संरक्षण अधिकारी श्रीमती मनीषा ठाकुर द्वारा अधिनियम की प्रमुख धाराओं पर विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि लैंगिक उत्पीड़न के अंतर्गत शारीरिक संपर्क, लैंगिक अनुग्रह की मांग, आपत्तिजनक टिप्पणियां, अश्लील लेखन या प्रदर्शन, तथा किसी भी प्रकार का अनुचित शारीरिक, मौखिक या शाब्दिक आचरण शामिल हैं। ऐसे सभी संस्थान जहाँ 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हों, वहाँ धारा 4 के अंतर्गत आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य है। वहीं जहाँ कर्मचारियों की संख्या 10 से कम हो अथवा शिकायत स्वयं नियोक्ता के विरुद्ध हो, वहां स्थानीय शिकायत समिति के माध्यम से शिकायत की जा सकती है।
कार्यशाला में विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला दंतेवाड़ा के सचिव श्री अनंत दीप तिर्की एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री के.के. देवांगन ने विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहकर अधिनियम 2013 के विभिन्न प्रावधानों, समितियों के गठन एवं उनके कर्तव्यों व कार्य विधियों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। स्थानीय शिकायत समिति की अध्यक्ष श्रीमती बबीता पांडे द्वारा प्रत्येक माह समिति की बैठक आयोजित कर रिपोर्ट जिला कार्यक्रम अधिकारी को भेजे जाने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने यह भी बताया कि समिति का कार्यकाल पूर्ण होने के पश्चात उसका पुनर्गठन अनिवार्य है एवं समिति गठन संबंधी सूचना का बोर्ड कार्यालय में चस्पा किया जाना आवश्यक है। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विभागों व कार्यालयों में गठित आंतरिक शिकायत समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्यों, स्थानीय शिकायत समिति के पदाधिकारियों सहित महिला सशक्तिकरण विभाग से श्रीमती शिवरात्री भुवार्य, ‘सखी’ से दिव्या, तथा पुलिस विभाग से सुश्री आशा सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों द्वारा विषय से संबंधित सवाल पूछे गए, जिनका समाधान विषय विशेषज्ञों द्वारा दिया गया।
हरित ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की ओर छत्तीसगढ़ का कदम
कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट के लिए त्रिपक्षीय समझौता
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार ने सतत् और पर्यावरण हितैषी नीति को गति देते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस दिशा में आज रायपुर नगर पालिक निगम, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) एवं भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के मध्य त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह एग्रीमेंट सतत योजना के तहत नगरीय ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन हेतु किया गया है।
यह एग्रीमेंट छत्तीसगढ़ राज्य में सतत ऊर्जा उत्पादन एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पर्यावरण और सतत विकास को प्राथमिकता दे रही है। सतत् योजना के तहत कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना न केवल अपशिष्ट प्रबंधन में सहायक होगी, बल्कि रोजगार और हरित अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी।
ग्राम रांवाभाटा, रायपुर में प्रस्तावित संयंत्र 100.150 टन प्रतिदिन MSW संसाधित कर बायोगैस का उत्पादन करेगा। इसमें शत-प्रतिशत निवेश भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा, जिसकी लागत लगभग 100 करोड़ रुपए की होगी। संयंत्र के माध्यम से रायपुर सहित आसपास के नगरीय निकायों से लगभग 150 टन प्रतिदिन ठोस अपशिष्ट का उपयोग किया जाएगा।
इस संयंत्र से जुड़ी प्रमुख विशेषताएं
रोजगार सृजन - संयंत्र के संचालन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 30 हजार मानव दिवस प्रति वर्ष रोजगार सृजित होंगे। पर्यावरणीय लाभ संयंत्र के संचालन से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी तथा राज्य Net Zero Emission लक्ष्य की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ेगा। आय और राजस्व पूर्ण क्षमता पर कार्यरत संयंत्र से राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ रुपए का जीएसटी प्राप्त होगा। जैविक खेती को बढ़ावा संयंत्र से सह-उत्पाद के रूप में प्राप्त जैविक खाद का उपयोग जैविक कृषि को प्रोत्साहन देगा। इससे पूर्व 2024 में भिलाई नगर पालिक निगम के साथ त्रिपक्षीय समझौता हो चुका है और 2025 में अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा, राजनांदगांव धमतरी एवं बिलासपुर में कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र हेतु एमओयू निष्पादित किया गया है।
आज हुए एग्रीमेंट हस्ताक्षर कार्यक्रम में रायपुर कलेक्टर श्री गौरव कुमार, सीबीडीए के सीईओ श्री सुमित सरकार, बीपीसीएल बायोफ्यूल्स प्रमुख श्री अनिल कुमार पी, नगर निगम रायपुर कमिश्नर श्री विश्वदीप समेत भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड और सीबीडीए के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
राज्यपाल दरभंगा में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में हुए शामिल
रायपुर/शौर्यपथ /राज्यपाल रमेन डेका गत दिवस बिहार राज्य के दरभंगा में राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ द्वारा ‘‘सीमा सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी‘‘ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसकी सीमाएँ हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर हिंद महासागर की गहराइयों तक फैली हुई हैं। सीमा की सुरक्षा केवल सैनिकों और सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
राज्यपाल डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि सीमा की रक्षा राष्ट्रीय एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने का आधार है। सीमा की सुरक्षा, देश की आंतरिक और बाह्य स्थिरता के लिए आवश्यक है। यह न केवल बाहरी खतरों जैसे आतंकवाद, घुसपैठ और तस्करी से रक्षा करती है, बल्कि देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित करती है। भारत की सीमाएँ, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ साझा की जाती हैं, और प्रत्येक सीमा की अपनी अनूठी चुनौतियाँ हैं।
डेका ने कहा कि हमारे सैनिक, प्राणों की बाजी लगाकर सीमा की सुरक्षा करते हैं लेकिन उनकी यह जिम्मेदारी तब और प्रभावी होती है, जब समाज और नागरिक उनका साथ देते हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं और स्थानीय प्रशासन या सुरक्षा बलों को सूचित कर सकते हैं। असामान्य गतिविधियों, जैसे तस्करी या घुसपैठ, की जानकारी देना, देश की सुरक्षा को मजबूत करता है। आज के युग में सीमा सुरक्षा में तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। ड्रोन, सैटेलाइट निगरानी, और स्मार्ट फेंसिंग जैसे उपकरण सीमा पर निगरानी को और प्रभावी बना रहे हैं। श्री डेका ने कहा कि नागरिक के रूप में, हम तकनीकी नवाचारों को समर्थन दे सकते हैं और सरकार के डिजिटल सुरक्षा प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ के पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी जी के दुखद निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना की यह त्रासदी अत्यंत पीड़ादायक है। श्री रूपाणी जी का निधन न केवल गुजरात बल्कि संपूर्ण राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विजय रूपाणी जी एक सरल, सहज और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व के धनी थे। उनका जनसेवा के प्रति समर्पण सदैव अनुकरणीय रहेगा। उन्होंने निष्ठा और कुशलता के साथ कार्य करते हुए माँ भारती की सेवा की।
मुख्यमंत्री साय ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोक संतप्त परिवारजनों को दुख की इस घड़ी में संबल प्रदान करें।
महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का अनावरण
कन्वेंशन सेंटर का नामकरण महारानी अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर करने की घोषणा
कोरबा जिले को दी 223 करोड़ रूपए की लागत के विकास कार्यों की सौगात
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज कोरबा जिले के प्रवास के दौरान कन्वेंशन सेंटर में लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का लोकार्पण किया और कन्वेंशन सेंटर को महारानी के नाम पर करने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने जिलेवासियों को लगभग 223 करोड़ 88 लाख रूपए से अधिक लागत के 66 विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर प्रजावत्सल और न्यायप्रिय शासक थी। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए, नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ ही उन्होंने देश के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों, धार्मिक स्थलों को संवारा और नई पहचान दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कन्वेन्शन सेंटर को वातानुकूलित बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे छः माह पहले भी कोरबा आये थे, इस दौरान भी 600 करोड़ रूपए से अधिक की राशि के विभिन्न विकास कार्यों की सौगातें दी गई। आज सवा दो सौ करोड़ के विकास कार्यों की सौगात से कोरबा जिले के लोगों को लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने ऐलुमिनियम पार्क की स्थापना के लिए आवश्यक पहल करने की बात कही। उन्होंने एक पेड़ माँ के नाम के तहत कन्वेन्शन सेंटर परिसर में सिंदूर का पौधा भी लगाया। उन्होंने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जीवनी पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री अरूण साव और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन भी ने सम्बोधित किया।
लोकार्पण एवं शिलान्यास
मुख्यमंत्री साय द्वारा लोकार्पित किए गए कार्यों में मुख्य रूप से जल जीवन मिशन के अंतर्गत 11 गांवों में एकल ग्राम नल-जल योजना, 3 गांवों में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन, स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम विद्यालय नवीन भवन/जीर्णाेद्धार कार्य, और 47 छात्रावासों-आश्रमों में 2.4 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापना कार्य शामिल हैं। इसी प्रकार भूमि पूजन के प्रमुख कार्यों में नगर पालिक निगम कोरबा हेतु 100 टीपीडी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री ई-बस सेवा अंतर्गत सिटी बस डिपो-टर्मिनल कॉपलेक्स, 100 बेड हॉस्पिटल में एसएनसीयू हॉल, प्रशिक्षण हॉल सहित अन्य निर्माण कार्य, अयोध्यापुरी तालाब में जल संवर्धन कार्य एवं जिला खनिज संस्थान न्यास मद तथा 15 वें वित्त आयोग के विभिन्न कार्य शामिल हैं।
प्लेन क्रैश में मृत लोगों के प्रति जताई संवेदना
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुजरात से लंदन जा रहे प्लेन के क्रैश होने की घटना में मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके प्रति गहरी संवेदना प्रकट की।
भिलाई/दुर्ग । शौर्यपथ विशेष।
इंसानियत का कोई धर्म नहीं होता, और मदद का कोई वक़्त नहीं — इस सोच को वास्तविकता में जीने वाले लोगों की सूची में इंद्रजीत सिंह उर्फ ‘छोटू’ का नाम पूरे सम्मान के साथ लिया जाता है। दुर्ग-भिलाई क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में इंद्रजीत सिंह छोटू एक ऐसा नाम है, जिसने ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम बना दिया। शौर्यपथ समाचार द्वारा शहर के ऐसे गणमान्य व्यक्तियों का एक संक्षिप्त जीवन परिचय एवं उनके द्वारा समाज के उठान के लिए किये कार्यो का उल्लेख करते हुए उनके द्वारा समाज के लिए किये कार्यो की एक छोटी सी झलक प्रस्तुत कर रहे है उम्मीद है सम्मानित पाठको को यह लेख पसंद आएगा .
परिचय से परे – व्यक्तित्व की गरिमा
भिलाई के निवासी इंद्रजीत सिंह छोटू ट्रांसपोर्ट सेक्टर में एक स्थापित नाम हैं, लेकिन उनके लिए पहचान का असली मानक है – सामाजिक कार्यों के लिए उनकी निःस्वार्थ प्रतिबद्धता।
ड्राइवर, क्लीनर, मजदूर, खिलाड़ी, बेसहारा बच्चे, गरीब परिवार – कोई भी तबका हो, इंद्रजीत सिंह ‘छोटू’ हर बार आगे आते हैं। उनकी सोच हमेशा यही रही है कि “जिस समाज से मिला है, उसे लौटाना भी हमारा कर्तव्य है।”
ड्राइवर-क्लीनर के लिए सुरक्षा कवच
इंद्रजीत सिंह के प्रयासों से सैकड़ों ट्रक ड्राइवरों और क्लीनरों को बीमा सुरक्षा, हेलमेट, मेडिक्लेम, और सड़क सुरक्षा संबंधित प्रशिक्षण दिए गए। उन्होंने ट्रांसपोर्टरों की समस्याओं को लेकर प्रशासन से लेकर सरकार तक सुनियोजित संवाद बनाए रखा है, जिससे नीतिगत सुधार की मांग बार-बार उठती रही।
खिलाड़ियों को मिलता है हौसला
छोटू खुद एक खेल-प्रेमी हैं। उन्होंने स्थानीय स्तर के अनेक क्रिकेट, कबड्डी, फुटबॉल टूर्नामेंट में आर्थिक सहयोग और मंच देकर ग्रामीण खिलाड़ियों को उभरने का मौका दिया है। कई बार राष्ट्रीय स्तर पर चयनित खिलाड़ियों को ट्रेवल और किट सहयोग देकर प्रेरणा दी।
गरीब बेटियों के विवाह की जिम्मेदारी
यहां सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि पिता समान भावनात्मक जुड़ाव भी देखने को मिलता है। अब तक 40 से अधिक निर्धन परिवारों की बेटियों के विवाह में सहयोग, पूरी शादी की व्यवस्था, कपड़े, गहने, भोजन, और वर-वधू की विदाई तक की पूरी ज़िम्मेदारी निभा चुके हैं।
आपदा में सेवा – जब सब पीछे हटते हैं, छोटू आगे होते हैं
चाहे कोरोना काल हो या सड़क हादसा, इंद्रजीत सिंह छोटू ने एम्बुलेंस, भोजन, मेडिकल किट और ऑक्सीजन सिलेंडर तक उपलब्ध करवाए। लॉकडाउन में भूखे ट्रक ड्राइवरों के लिए भोजन वितरण का उनका नेतृत्व आज भी याद किया जाता है।
ट्रांसपोर्ट सेक्टर के मसीहा
ट्रांसपोर्टरों के हक के लिए प्रभावी यूनियन प्रतिनिधि की भूमिका निभाते हुए उन्होंने माल ढुलाई दरों की पारदर्शिता, पथ कर में छूट, और अनुचित चालान के खिलाफ अभियान चलाए हैं।
समाज को संदेश
इंद्रजीत सिंह जैसे लोग हमें यह सिखाते हैं कि नाम कमाने के लिए मंच नहीं, नीयत चाहिए। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि अगर आपका दिल सच्चा है तो समाज खुद आपकी पहचान बन जाता है।
आज जब समाज में स्वार्थ और दूरी बढ़ती जा रही है, ‘छोटू भैया’ जैसे लोग उम्मीद का वह दीपक हैं जो बिना कहे सबके लिए जलता है।
उपसंहार
इंद्रजीत सिंह उर्फ छोटू आज सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि समर्पण, सेवा और सजग नागरिकता का प्रतीक बन चुके हैं। युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए कि व्यवसाय के साथ-साथ समाजसेवा भी पूरी तन्मयता से की जा सकती है।
बलौदाबाजार/शौर्यपथ /कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर जिले में अवैध शराब निर्माण, भंडारण एवं परिवहन पर आबकारी विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी तारतम्य में गस्त के दौरान कसडोल क्षेत्र में आबकारी विभाग की टीम द्वारा 45 बल्क लीटर महुआ शराब सहित 1100 किग्रा महुआ लाहन जब्त की गई।
आरोपी देवप्रसाद यादव पिता कंशराम उम्र 35 वर्ष, चौकी बया अंतर्गत ग्राम सैयहाभाठा के कब्जे से 20.00 बल्क लीटर हाथभठ्ठी महुआ शराब एवं 600 कि.ग्राम महुआ लाहन जप्त किया गया।
इसी तरह आरोपी वासुदेव यादव पिता नरेश यादव उम्र 32 वर्ष चौकी बया अंतर्गत ग्राम सैयहाभाठा से 25.00 बल्क लीटर हाथभठ्ठी महुआ शराब एवं 500 कि.ग्राम महुआ लाहन कुल 45.00 बल्क लीटर महुआ शराब व 1100 कि.ग्राम महुआ लाहन जब्त किया गया। आरोपी के विरूध्द छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(2)(1)(च) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
उक्त कार्रवाई में सहायक जिला आबकारी जलेश कुमार सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
15 जून से होगा आगाज
धरती आबा अभियान के तहत शिविरों की सफलता हेतु अधिकारी आपसी समन्वय से करें कार्य- कलेक्टर दुदावत”
दंतेवाड़ा/शौर्यपथ /जनजातीय ग्रामीण विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” के तहत दंतेवाड़ा जिले में 15 जून से 30 जून 2025 तक विशेष संतृप्तिकरण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय बहुल ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं जैसी मूलभूत सुविधाओं को लोगों की आवश्यकता अनुसार सुगम और सशक्त बनाना है।
इस संबंध में जिले के कलेक्टर कुणाल दुदावत ने बताया कि इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सभी संबंधित विभागों को निर्देश दे दिए गए है। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण पहल है जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की वास्तविक आवश्यकताओं की पहचान कर त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने सभी ग्रामीणों से अपील की है कि वे इन शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर अपने अधिकारों व सुविधाओं की जानकारी लें और योजनाओं का लाभ प्राप्त करें।इसके अंतर्गत दंतेवाड़ा जिले के 156 ग्राम को इस अभियान में शामिल किया गया है। इनमें विकासखण्ड दंतेवाड़ा के 34, गीदम के 42, कटेकल्याण के 51 एवं कुआकोंडा के 29 ग्राम शामिल है।
ज्ञात हो कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत दंतेवाड़ा विकासखंड अन्तर्गत जारम, पोन्दुम, मुरकी, पुलनार, मटेनार, टेकनार, केशापुर, भोगाम, तुड़पारास, कुपेर, मगनार, कमालुर, कुम्हाररास, गामावाड़ा, धुरली, भांसी, बड़े कमेली, नेरली, पाढ़ापुर, दुगेली, मोलसनार, गंजेनार, मसेनार, गदापाल, पुलनार, तोयलंका, कांवड़ गांव, ढुमाम, मेटपाल,नेटापुर, चन्देनर।
गीदम विकासखण्ड अन्तर्गत कौरगांव, तुमरीगुंडा, पहुरनार, छिंदनार, मुचनार, हितामेटा, भाटपाल, कोरलापाल, उपेट, घोटपाल, कटूलनार, रोंजे, कासोली, हिरानार, मुसतलनार, गुमलनार, गुटोली, छोटे तुमनार, मोफलनार, पुंडरी, बोदली, बांगापाल, बड़ेसुरोकी, बड़े तुमनार, मुंडेर, फरसपाल, अलनार, बिंजाम, झोडि़याबाड़म, बड़े कारली, नागुल, मड़से, बड़े पनेड़ा, महाराहाउरनार, बड़े पनेड़ा, हाउरनार, जांवगा, गुमड़ा, कौरलापाल, कोरकोटी, जोड़ातरई।
इसी प्रकार कटेकल्याण विकासखण्ड अन्तर्गत गाटम, मथाड़ी, बेंगलूर, कटेकल्याण, बड़ेलखपाल, धनीकरका, सुरनार, कौरीरास, बड़े बेड़मा, मोखपाल, माहराकरका, भूसारास, हिडपाल, बड़ेगुडरा, छोटेगुडरा, एटेपाल, टेटम, तुमकपाल, गुड़से, परचेली, चीकपाल, मारडुम, बड़ेगादम, जगमपाल एवं कुआकोण्डा विकासखण्ड अन्तर्गत गढ़मिरी, नकुलनार, कुआकोण्डा, हल्बारास, हितावर, मैलावाड़ा, गोंगपाल, कुटेपाल, श्यामगिरी, टिकनपाल,कड़मपाल, मदाड़ी, चोलनार, हिरोली, केरलापाल, समलवार, समेली, गुमियापाल, तनेली, अरनपुर, नहाड़ी, बुरगुम, कुटरेम, पोटाली, रेवाली, अरबे, जबेली, निलावया, पालनार, फुलपाड़ तथा रेगानार मैं शिविरों का आयोजन होगा।