August 05, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

दुर्ग। शौर्यपथ न्यूज़। साल 2022 में दुर्ग नगर निगम के अंतर्गत कार्यरत एक सफाईकर्मी की आत्महत्या का मामला एक बार फिर चर्चा में है। वर्षों तक शांत पड़े इस दर्दनाक…

जगदलपुर, शौर्यपथ। कलेक्टर हरिस एस के निर्देशानुसार खनिज विभाग के जांच दल द्वारा 09 जून को ग्राम बनियागांव में अवैध उत्खनन के सूचना प्राप्त होने पर मौके पर 01 चैन माऊण्टेन गशीन को जप्त कर थाना प्रभारी नगरनार की अभिरक्षा में दी गई है। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों को समझाईस दी गई कि अवैध रेत उत्खनन, परिवहन की रोकथाम में सहयोग करें तथा अवैध उत्खनन-परिवहन की सूचना भी विभाग को दें। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार वर्षा काल में 10 जून से 15 अक्टूबर 2025 तक रेत उत्खनन बंद रखा गया है। इसी प्रकार विगत दिनों से अब तक बस्तर जिला अंतर्गत ग्राम तिरथुम, सोनारपाल, फरसागुड़ा, केशलुर, नलपावंड क्षेत्रों का औचक निरीक्षण में अवैध रूप से गौण खनिज का 05 वाहनों में अवैध परिवहन,उत्खनन, भण्डारण करते पाये जाने पर परिवहनकर्ताओं और उत्खन्नकर्ताओं के विरुद्ध गौण खनिज का अवैध परिवहन कर रहे वाहनों का प्रकरण दर्ज करते हुये पुलिस अभिरक्षा में दी गई है। वाहनों को खनिज मय जप्त कर पुलिस अभिरक्षा में सौंपते हुए वाहन मालिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किया जा रहा है। इसमें एक प्रकरण पर जप्ती की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (रा०) तोकापाल द्वारा की गई है। शेष प्रकरण में कार्यवाही के दौरान जिला खनिज जांच उड़नदस्ता दल के खनि अधिकारी शिखर चेरपा, खनि निरीक्षक गिदुल गुहा तथा खनि सिपाही डिकेश्वर खरे, सीताराम नेताम, विकास नायक, जलंधर बघेल, महादेव सेठिया, संतोष सहारा उपस्थित थे। उपरोक्त सभी प्रकरणों में छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियमावली 2015 के नियम 71 सहपठित खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 21 के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

  रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को और अधिक जनसुलभ, पारदर्शी और संवादात्मक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा के निर्देश के पश्चात अब राज्य की पुलिस कार्यप्रणाली में प्रयुक्त होने वाले कठिन, पारंपरिक एवं आम नागरिकों की समझ से बाहर उर्दू-फारसी शब्दों को हटाकर उनकी जगह पर सहज और प्रचलित हिंदी शब्दों का उपयोग किया जाएगा।
  उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आम नागरिक जब किसी शिकायत, अपराध सूचना अथवा अन्य कार्य से थाने जाता है, तो वह अक्सर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर या अन्य दस्तावेजों की भाषा को लेकर असमंजस में रहता है। अन्य भासाओ के शब्द आम लोगों के लिए अनजाने होते हैं, जिससे वे न तो अपनी बात ठीक से समझा पाते हैं और न ही पूरी प्रक्रिया को ठीक से समझ पाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस का उद्देश्य नागरिकों की सहायता और सुरक्षा है, तो उसकी भाषा भी ऐसी होनी चाहिए जो नागरिकों की समझ में आए और उनके विश्वास को बढ़ाए।
  उपमुख्यमंत्री के निर्देशानुसार पुलिस महानिदेशक द्वारा सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को एक आधिकारिक पत्र जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि पुलिस की व्यवहारिक कार्यवाहियों में प्रयुक्त कठिन, पारंपरिक शब्दों को सरल और स्पष्ट हिंदी में बदला जाए। इसके लिए एक शब्द सूची भी तैयार की गई है, जिसमें पुराने कठिन शब्दों के स्थान पर उपयोग किए जाने योग्य सरल विकल्प सुझाए गए हैं।
  इस पत्र में यह भी निर्देशित किया गया है कि सभी अधीनस्थ अधिकारियों को इस विषय में अवगत कराया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि यह आदेश केवल औपचारिकता भर न रहे, बल्कि इसका वास्तविक कार्यान्वयन प्रदेश की प्रत्येक पुलिस चौकी, थाने और कार्यालय में दिखे।
  छत्तीसगढ़ पुलिस अब केवल कानून का पालन कराने वाली संस्था न होकर जनसंवाद का माध्यम भी बनेगी। भाषा के इस सरलीकरण से शिकायतकर्ता को अपनी बात स्पष्ट रूप से कहने, सुनने और समझने में सुविधा होगी। एफआईआर जैसी प्रक्रिया, जो अब तक केवल अधिवक्ताओं या पुलिस कर्मियों की समझ में आती थी, वह अब आम नागरिक के लिए भी बोधगम्य हो सकेगी।
  1    अदम तामील-सूचित न होना
2    इन्द्राज    -टंकन
3    खयानत-हड़पना
4    गोश्वारा-नक्शा
5    दीगर-दूसरा
6    नकबजनी    -सेंध
7    माल मशरूका    लूटी-चोरी गई सम्पत्ति
8    मुचलका-व्यक्तिगत बंध पत्र
9    रोजनामचा-सामान्य दैनिकी
10    शिनाख्त-पहचान
11    शहादत-साक्ष्य
12    शुमार-गणना
13    सजायाफ्ता-    दण्ड प्राप्त
14    सरगना    -मुखिया
15    सुराग    -खोज
16    साजिश    -षडयंत्र
17    अदालत दिवानी    -सिविल न्यायालय
19    फौजदारी अदालत-    दांडिक न्यायालय
20    इकरार नामा    -प्रतिज्ञापन
21    बनाम    विक्रय -पत्रक
22    इस्तिफा    -त्याग-पत्र
23    कत्ल-हत्या
24    कयास    -अनुमान
25    खसरा    क्षेत्र- पंजी
26    खतौनी    -पंजी
27    गुजारिश    -निवेदन
28    जब्त    -कब्जे में लेना
29    जमानतदार    -प्रतिभूति दाता
30    जमानत    -प्रतिभूति
31    जरायम-    अपराध
32    जबरन    -बलपूर्वक
33    जरायम पेशा    -अपराधजीवी
34    जायदादे मशरूका    -कुर्क हुई सम्पत्ति
35    दाखिलखारिज-    नामांतरण
36    सूद    -ब्याज
37    हुजूर    -श्रीमान/महोदय
38    हुलिया    -शारीरिक लक्षण
39    हर्जाना    क्षति-प्रतिपूर्ति
40    हलफनामा-शपथ-पत्र
41    दफा-    धारा
42    फरियादी    -शिकायतकर्ता
43    मुत्तजर्रर    -चोट
44    इत्तिलानामा-    सूचना पत्र
45    कलमबंद करना    -न्यायालय के समक्ष कथन
46    गैरहाजिरी    -अनुपस्थिति
47    चस्पा-    चिपकाना
48    चश्मदीद-    प्रत्यक्षदर्शी
49    जलसाजी-    कूटरचना
50    जिला बदर    -निर्वासन
51    जामतलाशी    -वस्त्रों की तलाशी
52    वारदात-    घटना
53    साकिन-    पता
54    जायतैनाती-    नियुक्ति स्थान
55    हाजा    स्थान-परिसर
56    मातहत    -अधीनस्थ
57    जेल हिरासत    -कब्जे में लेना
58    फौती    -मृत्यु सूचना
59    इस्तगासा-    छावा
60    मालफड    -जुआ का माल मौके पर बरामद होना
61    अर्दली    -हलकारा
62    किल्लत मुलाजमान-    कर्मगण की कमी
63    तामील कुनन्दा-    सूचना करने वाला
64    इमदाद    -मदद
65    नजूल    -राज भूमि
66    फरार    -भागा हुआ
67    फिसदी-    प्रतिशत
68    फेहरिस्त    -सूची
69    फौत-    मृत्यु
70    बयान-    कथन
71    बेदखली-निष्कासन
72    मातहत-    अधीन
73    मार्फत-    द्वारा
74    मियाद    -अवधी
75    रकबा-क्षेत्रफल
76    कास्तकार-    कृषक
77    नाजिर    -व्यवस्थापक
78    अमीन    राजस्व -कनिष्ठ अधिकारी
79    राजीनामा    -समझौता पत्र
80    वारदात    -घटना
81    संगीन    -गंम्भीर
82    विरासत    -उत्तराधिकार
83    वसियत-    हस्तांन्तरण लेख
84    वसूली    -उगाही
85    शिनाख्त-    पहचान
86    सबूत    साक्ष्य-प्रमाण
87    दस्तावेज-    अभिलेख
88    कयास    -अनुमान
89    सजा    -दण्ड
90    सनद    -प्रमाण पत्र
91    सुलहनामा-समझौता पत्र
92    अदम चौक-    पुलिस असंज्ञेय हस्ताक्षेप, अगोग्य अपराध की सूचना
93    कैदखाना-    बंदीगृह
94    तफतीश/तहकीकात    -अनुसंधान/जाँच/विवेचना
95    आमद/रवाना/रवानगी-आगमन, प्रस्थान
96    कायमी-पंजीयन
97    तेहरीर-    लिखित या लेखीय विवरण
98    इरादतन-    साशय
99    खारिज/खारिजी/रद्द    निरस्त/निरस्तीकरण
100    खून आलुदा    रक्त-रंजित/रक्त से सना हुआ
101    गवाह/गवाहन-    साक्षी/साक्षीगण
102    गिरफ्तार/हिरासत    -अभिरक्षा
103    तहत्    -अंतर्गत
104    जख्त, जख्मी, मजरूब    -चोट/घाव घायल/आहत
105    दस्तयाब    -खोज लेना/बरामत
106    मौका ए वारदात-घटना स्थल
107    परवाना-    परिपत्र/अधिपत्र
108    फैसला-    निर्णय
109    हमराह    -साथ में

17 प्रतिशत नमक घोल से बीज उपचार एवं आगामी खरीफ सीजन की तैयारी हेतु कृषकों को दी गई जानकारी
किसानों को फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने से होने वाले फायदे के बारे में बताया गया
उन्नत कृषि तकनीक, आधुनिक कृषि उपकरणों, केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं की दी गई जानकारी
राजनांदगांव /शौर्यपथ /विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम साकरा एवं ईरा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में किसानों को कृषि विभाग, पशुपालन विभाग एवं उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी के वैज्ञानिकों द्वारा बीज उत्पादन, 17 प्रतिशत नमक घोल से बीज उपचार एवं आगामी खरीफ सीजन की तैयारी हेतु कृषकों को विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में उप संचालक कृषि श्री नागेश्वर लाल पाण्डेय, सरपंच, पंच, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक एवं कृषकगण उपस्थित थे।
शिविर में किसानों को जानकारी देते हुए बताया गया कि प्राकृतिक खेती में फसलों के पोषक तत्व की आपूर्ति हेतु जीवाणु खाद फसल अवशेष और प्रकृति में उपलब्ध खनिज जैसे रॉक फास्फेट का उपयोग किये जाते हैं। इनके खेत में उपयोग से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है। प्राकृतिक खेती में बीजामृत, घनजीवामृत, जीवामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नि अस्त्र, दशपर्णी अर्क का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही जैविक खेती में जैव उर्वरक अंतर्गत नील हरित काई, राइजोबियम कल्चर, एजोस्पाइरिलम, एजोटोबैक्टर, स्पूर घोलक जीवाणु (पीएसबी), कचरा अपघटक का उपयोग किया जाता है। किसानों को पोषक तत्वों से भरपूर लघु धान्य फसलों के बढ़ती मांग को देखते हुए रागी, कोदो, कुटकी की फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया गया। किसानों को बताया गया कि आधुनिक जीवन शैली में बीमारियों मधुमेह, अल्सर, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमरियों को रोकने के लिए लघु धान्य फसल पौष्टिक एवं गुणकारी है। किसानों को धान के बदले अन्य फसल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने से होने वाले फायदे के संबंध में बताया गया। फसल चक्र परिवर्तन से खरपतवारों का नियंत्रण आसानी से हो जाता है। वहीं कीटों का प्रकोप भी कम होता है।
विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत मृदा परीक्षण के फायदों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि किसानों को अपने खेतों का मृदा का परीक्षण अवश्य कराना चाहिए। इससे मृदा में पोषक तत्वों की कमी को देखते हुए आवश्यकता अनुसार उर्वरक का उपयोग करने से फसल उत्पादकता में वृद्धि होगी। किसानों को फसलों में पौध संरक्षण के संबंध में समुचित जानकारी देते हुए रसायनों का उचित प्रयोग करने के लिए बताया गया। उन्नत कृषि तकनीक, आधुनिक कृषि उपकरणों, केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही अभियान के दौरान खरीफ मौसम की प्रमुख फसलों की उन्नत एवं वैज्ञानिक तकनीक, बीज उपचार, धान की सीधी बुआई विधि, पशुपालन एवं उन्नत पशु नस्ल की जानकारी, आधुनिक कृषि यंत्र ट्रेक्टर, थ्रेसर, हार्वेस्टर, स्प्रेयर, राईस ट्रायर, स्ट्रा बेलर, लेजर लैंड लेवलर, ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव, उद्यानिकी फसल, मत्स्य पालन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार फसल में संतुलित पोषक तत्वों का उपयोग एवं नवाचारों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, मृदा स्वास्थ्य योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, सब्जी को सुरक्षित रखने के लिए पैक हाऊस के निर्माण हेतु अनुदान, संरक्षित खेती हेतु ग्रीन हाऊस स्ट्रक्चर के लिए 50 प्रतिशत की अनुदान राशि के बारे में जानकारी दी गई।

दुर्ग/शौर्यपथ/ अहमदाबाद विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय कुमार रूपानी सहित 241 लोगों की मौत एवं सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में शहीद एएसपी  आकाश राव गिरपुंजे को नगर निगम कार्यालय में दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
महापौर श्रीमती अलका बाघमार की अध्यक्षता में नगर निगम परिसर में आयोजित शोक सभा में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
शोकसभा में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने कहा कि यह हादसा बेहद हृदय विदारक और स्तब्ध कर देने वाला है।इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में हताहत हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रखा।इस दुःखद घटना से मन अत्यंत व्यथित है, पीड़ित परिवारों के प्रति गहर्र संवेदनाएं व्यक्त करती हूं।
महापौर ने कहा कि शहीद एएसपी श्री आकाश राव गिरपुंजे ने अपने कर्तव्य के प्रति अदम्य साहस, निष्ठा और समर्पण दिखाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। हमें उन पर गर्व है। हम सब इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ है।
सभा में बड़ी संख्या में आयुक्त सुमित अग्रवाल,सभापति श्याम शर्मा,देवनारायण चन्द्राकर, नरेंद्र बंजारे,शेखर चन्द्राकर, ज्ञानेश्वर ताम्रकर,मनीष साहू,शिव नायक,नीलेश अग्रवाल,शशि साहू,संजय अग्रवाल,कमल देवांगन,खालिक रिजवी,नीरा खिचरिया,सविता साहू,मनीषा सोनी,मनीष कोठारी,अजीत वैध,कार्यपालन अभियंता दिनेश नेताम,गिरीश दीवान,संजय ठाकुर,आरके बोरकर,संजय मिश्रा,अनिल सिंह के अलावा एमआईसी सदस्य/ पार्षदगण व अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।

राजनांदगांव /शौर्यपथ / डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार के लिए जिले के पात्र कृषक 31 जुलाई 2025 तक उप संचालक कृषि एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय राजनांदगांव से आवेदन पत्र नि:शुल्क प्राप्त एवं निर्धारित प्रपत्र में पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन पत्र सफलता की कहानी के साथ प्रस्तुत कर सकते है। डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार के लिए चयनित कृषक को राज्य स्थापना दिवस 1 नवम्बर 2025 के अवसर पुरस्कृत किया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत जानकारी वेबसाईट www.agriportal.cg.nic.in से प्राप्त की जा सकती है।
   डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार के लिए केवल ऐसे कृषक ही सम्मिलित होने के लिए पात्र होंगे जो विगत दस वर्षों से कृषि का कार्य छत्तीसगढ़ क्षेत्र में कर रहे है। छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी हो, कुल वार्षिक आमदनी में से न्यूनतम 75 प्रतिशत आय कृषि से हो एवं तकाबी, सिंचाई शुल्क, सहकारी बैंकों का कालातीत ऋण नहीं हो। पुरस्कार के लिए फसल विविधीकरण एवं उत्पादकता वृद्धि हेतु नवीन कृषि तकनीकी अपनाने का स्तर, उन्नत कृषि तकनीकी के प्रचार-प्रसार एवं अन्य कृषकों द्वारा अपनाने के लिए प्रेरित करने हेतु प्रयास, विगत तीन वर्षों में विभिन्न फसलों की उत्पादकता का स्तर तथा कृषि एवं सहयोगी क्षेत्र में कृषक द्वारा किया गया उल्लेखनीय व नवोन्वेषी कार्य कृषक का चयन एवं मूल्यांकन का आधार होगा। कृषि क्षेत्र में सर्वोत्तम कार्य करने वाले किसान को पुरस्कार दिया जाएगा। ऐसे कृषक जो खेती में नव तकनीकी को अपनाते हो, जिसकी फसल सघनता अच्छी हो, समन्वित कृषि प्रणाली एवं फसल विविधीकरण अपनाता हो, कृषि के क्षेत्र में नवान्वेषी कार्य करता हो, भूमि एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया हो सहित अन्य कृषि संबंधित उत्कृष्ट कार्य के लिए डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर दिया जाएगा। पुरस्कार हेतु कृषकों से प्राप्त आवेदन पत्र में उल्लेखित गुण-दोष के आधार पर तथ्यों का सत्यापन विकासखंड स्तरीय डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार छानबीन समिति द्वारा किया जाएगा। कृषकों का चयन जिला स्तरीय छानबीन समिति एवं राज्य स्तरीय जूरी सदस्यों द्वारा किया जाएगा एवं उनके द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम होगा।

  दंतेवाड़ा/शौर्यपथ /कलेक्टर जिला दंतेवाड़ा कुणाल दुदावत के निर्देशानुसार एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी वरुण नागेश के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिनांक 13 जून 2025 को “महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013” के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन जिला ग्रंथालय, दंतेवाड़ा में किया गया। इस अवसर पर महिला संरक्षण अधिकारी श्रीमती मनीषा ठाकुर द्वारा अधिनियम की प्रमुख धाराओं पर विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि लैंगिक उत्पीड़न के अंतर्गत शारीरिक संपर्क, लैंगिक अनुग्रह की मांग, आपत्तिजनक टिप्पणियां, अश्लील लेखन या प्रदर्शन, तथा किसी भी प्रकार का अनुचित शारीरिक, मौखिक या शाब्दिक आचरण शामिल हैं। ऐसे सभी संस्थान जहाँ 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हों, वहाँ धारा 4 के अंतर्गत आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य है। वहीं जहाँ कर्मचारियों की संख्या 10 से कम हो अथवा शिकायत स्वयं नियोक्ता के विरुद्ध हो, वहां स्थानीय शिकायत समिति के माध्यम से शिकायत की जा सकती है।
कार्यशाला में विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला दंतेवाड़ा के सचिव श्री अनंत दीप तिर्की एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री के.के. देवांगन ने विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहकर अधिनियम 2013 के विभिन्न प्रावधानों, समितियों के गठन एवं उनके कर्तव्यों व कार्य विधियों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। स्थानीय शिकायत समिति की अध्यक्ष श्रीमती बबीता पांडे द्वारा प्रत्येक माह समिति की बैठक आयोजित कर रिपोर्ट जिला कार्यक्रम अधिकारी को भेजे जाने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने यह भी बताया कि समिति का कार्यकाल पूर्ण होने के पश्चात उसका पुनर्गठन अनिवार्य है एवं समिति गठन संबंधी सूचना का बोर्ड कार्यालय में चस्पा किया जाना आवश्यक है। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विभागों व कार्यालयों में गठित आंतरिक शिकायत समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्यों, स्थानीय शिकायत समिति के पदाधिकारियों सहित महिला सशक्तिकरण विभाग से श्रीमती शिवरात्री भुवार्य, ‘सखी’ से दिव्या, तथा पुलिस विभाग से सुश्री आशा सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों द्वारा विषय से संबंधित सवाल पूछे गए, जिनका समाधान विषय विशेषज्ञों द्वारा दिया गया।

हरित ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की ओर छत्तीसगढ़ का कदम
कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट के लिए त्रिपक्षीय समझौता
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार ने सतत् और पर्यावरण हितैषी नीति को गति देते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस दिशा में आज रायपुर नगर पालिक निगम, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) एवं भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड के मध्य त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह एग्रीमेंट सतत योजना के तहत नगरीय ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन हेतु किया गया है।
यह एग्रीमेंट छत्तीसगढ़ राज्य में सतत ऊर्जा उत्पादन एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पर्यावरण और सतत विकास को प्राथमिकता दे रही है। सतत् योजना के तहत कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना न केवल अपशिष्ट प्रबंधन में सहायक होगी, बल्कि रोजगार और हरित अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी।
ग्राम रांवाभाटा, रायपुर में प्रस्तावित संयंत्र 100.150 टन प्रतिदिन MSW संसाधित कर बायोगैस का उत्पादन करेगा। इसमें शत-प्रतिशत निवेश भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा, जिसकी लागत लगभग 100 करोड़ रुपए की होगी। संयंत्र के माध्यम से रायपुर सहित आसपास के नगरीय निकायों से लगभग 150 टन प्रतिदिन ठोस अपशिष्ट का उपयोग किया जाएगा।
इस संयंत्र से जुड़ी प्रमुख विशेषताएं
रोजगार सृजन - संयंत्र के संचालन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 30 हजार मानव दिवस प्रति वर्ष रोजगार सृजित होंगे। पर्यावरणीय लाभ संयंत्र के संचालन से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी तथा राज्य Net Zero Emission लक्ष्य की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ेगा। आय और राजस्व पूर्ण क्षमता पर कार्यरत संयंत्र से राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ रुपए का जीएसटी प्राप्त होगा। जैविक खेती को बढ़ावा संयंत्र से सह-उत्पाद के रूप में प्राप्त जैविक खाद का उपयोग जैविक कृषि को प्रोत्साहन देगा। इससे पूर्व 2024 में भिलाई नगर पालिक निगम के साथ त्रिपक्षीय समझौता हो चुका है और 2025 में अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा, राजनांदगांव धमतरी एवं बिलासपुर में कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र हेतु एमओयू निष्पादित किया गया है।
आज हुए एग्रीमेंट हस्ताक्षर कार्यक्रम में रायपुर कलेक्टर श्री गौरव कुमार, सीबीडीए के सीईओ श्री सुमित सरकार, बीपीसीएल बायोफ्यूल्स प्रमुख श्री अनिल कुमार पी, नगर निगम रायपुर कमिश्नर श्री विश्वदीप समेत भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड और सीबीडीए के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्यपाल दरभंगा में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में हुए शामिल
रायपुर/शौर्यपथ /राज्यपाल  रमेन डेका गत दिवस बिहार राज्य के दरभंगा में राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ द्वारा ‘‘सीमा सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी‘‘ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसकी सीमाएँ हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर हिंद महासागर की गहराइयों तक फैली हुई हैं। सीमा की सुरक्षा केवल सैनिकों और सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
राज्यपाल  डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि सीमा की रक्षा राष्ट्रीय एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने का आधार है। सीमा की सुरक्षा, देश की आंतरिक और बाह्य स्थिरता के लिए आवश्यक है। यह न केवल बाहरी खतरों जैसे आतंकवाद, घुसपैठ और तस्करी से रक्षा करती है, बल्कि देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित करती है। भारत की सीमाएँ, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ साझा की जाती हैं, और प्रत्येक सीमा की अपनी अनूठी चुनौतियाँ हैं।
 डेका ने कहा कि हमारे सैनिक, प्राणों की बाजी लगाकर सीमा की सुरक्षा करते हैं लेकिन उनकी यह जिम्मेदारी तब और प्रभावी होती है, जब समाज और नागरिक उनका साथ देते हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं और स्थानीय प्रशासन या सुरक्षा बलों को सूचित कर सकते हैं। असामान्य गतिविधियों, जैसे तस्करी या घुसपैठ, की जानकारी देना, देश की सुरक्षा को मजबूत करता है। आज के युग में सीमा सुरक्षा में तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। ड्रोन, सैटेलाइट निगरानी, और स्मार्ट फेंसिंग जैसे उपकरण सीमा पर निगरानी को और प्रभावी बना रहे हैं। श्री डेका ने कहा कि नागरिक के रूप में, हम तकनीकी नवाचारों को समर्थन दे सकते हैं और सरकार के डिजिटल सुरक्षा प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ के पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी जी के दुखद निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना की यह त्रासदी अत्यंत पीड़ादायक है। श्री रूपाणी जी का निधन न केवल गुजरात बल्कि संपूर्ण राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विजय रूपाणी जी एक सरल, सहज और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व के धनी थे। उनका जनसेवा के प्रति समर्पण सदैव अनुकरणीय रहेगा। उन्होंने निष्ठा और कुशलता के साथ कार्य करते हुए माँ भारती की सेवा की।
मुख्यमंत्री साय ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोक संतप्त परिवारजनों को दुख की इस घड़ी में संबल प्रदान करें।

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