June 17, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

दुर्ग / शौर्यपथ / एक बड़ा मामला दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र में सामने आया है, जहां एक सरकारी राशन दुकान से लगभग 16,000 किलो चावल का गबन हुआ है। इस मामले में जिला खाद्य अधिकारी, सहायक खाद्य अधिकारी और निरीक्षक की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
  शासकीय जानकारी अनुसार, आईडी नंबर 432001026 वाली शासकीय राशन दुकान में मार्च और अप्रैल के बीच चावल की मात्रा में भारी अंतर पाया गया है। 31 मार्च को दुकान में 61,४०४  किलो चावल था, जो 1 अप्रैल को ४४३७० किलो हो गया। इसके अलावा, नमक और शक्कर में भी स्टाक में असमानता है .

  इस मामले में जिला खाद्य अधिकारी अतरी जी का कहना है कि प्रकरण बने है या नहीं जानकारी लेकर बताते है । वहीं, क्षेत्र के निरीक्षक से संपर्क करने की कोशिश कीगई किन्तु उनसे संपर्क नहीं हो पाया । सहायक खाद्य अधिकारी नेहा तिवारी ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है।

 इस बीच, दुकान संचालक पर कोई कार्रवाई हुई हो ऐसा प्रतीत नहीं होता जानकारी अनुसार दुकान अभी भी संचालित हो रही है।
  वहीं विभागीय चर्चा है कि 30 जून तक ऐसे ही टालम टोल की स्थिति बनती रहेगी 30 जून तक खाद्य नियंत्रक (प्रभारी) जिला दुर्ग अतरी जी शासकीय अधिकारी के रूप में सेवारत रहेंगे 30 जून को उनके कार्यकाल का अंतिम दिन है और इसके बाद वह सेवानिवृत्त हो जाएंगे ऐसे में कोई बड़ी बात नहीं की किसी अधिकारी के कार्यकाल में लगभग 16000 किलो से भी ज्यादा के चावल के बारे में स्वयं अधिकारी जानकारी नहीं दे रहे हैं ऐसे में नए पदस्त कंट्रोलर के द्वारा समुचित जानकारी मिल पाएगी ऐसी उम्मीद कम ही नजर आ रही है .

कार्रवाई की मांग

  क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सरकारी राशन की दुकानों में इस तरह के घोटाले आम हो गए हैं और प्रशासन की मिलीभगत से ही ऐसा संभव है।

मुख्य बिंदु:

1. चावल घोटाला: दुर्ग के एक शासकीय राशन दुकान में लगभग 16,000 किलो चावल की अनियमितता का मामला सामने आया है।
2. दुकान संचालक  के अधीन संचालित दुकान में 31 मार्च 2025 को क्लोजिंग टाइम में ६१४०४ किलो चावल दिखाया गया था, लेकिन 1 अप्रैल 2025 को ओपनिंग टाइम में यह ४४३७० किलो हो गया।
3. अधिकारियों की टालमटोल: जिला खाद्य अधिकारी, सहायक खाद्य अधिकारी और निरीक्षक जांच और कार्यवाही के बारे में जानकारी नहीं दे रहे हैं।
4. रिकवरी: विभागीय कार्रवाई के तहत दुकान संचालकों से प्रति किलो चावल के एवज में 45 रुपये की वसूली की जा सकती है, जिससे लाखो रुपये से अधिक की रिकवरी हो सकती है।
5. जिलाधीश की भूमिका: देखना यह है कि क्या दुर्ग जिलाधीश महोदय अभिजीत सिंह इस मामले को संज्ञान में लेंगे और निष्पक्ष जाँच कर दोषियों पर जल्द से जल्द कार्यवाही करेंगे।
6. हालिया मामला: हाल ही में बिलासपुर निगम क्षेत्र में 04 पीडीएस दुकानों के लाइसेंस निलंबित किए गए थे, जहां 18 लाख मूल्य के चावल और अन्य खाद्य पदार्थों में कमी पाई गई थी।

 दुर्ग । शौर्यपथ न्यूज़ । गर्मी की तपिश और पानी की कमी के बीच दुर्ग जिला प्रशासन ने जल स्रोतों के अंधाधुंध दोहन को लेकर सख्त रुख अपनाया है। प्रशासन के स्पष्ट आदेश के बावजूद नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 38, महावीर कॉलोनी में अनुमति (साढ़े 4 इंच )से अधिक (6 इंच ) तक बोरिंग किए जाने का मामला सामने आया। स्थानीय नागरिकों की सतर्कता और प्रशासन की तत्परता से एक संभावित जल संकट को समय रहते टाल दिया गया।

क्या है पूरा मामला?

महावीर कॉलोनी स्थित खसरा नंबर 37/120 पर भूमि स्वामी को 4.5 इंच की एक नलकूप खनन की अनुमति मिली थी।
लेकिन मौके पर 6 इंच व्यास और गहराई तक बोरिंग की जा रही थी, जो कि साफ़ तौर पर प्रशासनिक नियमों का उल्लंघन है।
  वाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर दूसरा बोर :जब पहले बोर से जल नहीं निकला, तो दूसरे स्थान पर नया बोर शुरू कर दिया गया।  इस संदिग्ध गतिविधि पर मोहल्ले के नागरिकों ने तत्परता दिखाई और इसकी जानकारी प्रशासन को दी।
 "वाटर हार्वेस्टिंग" बना ढाल!
  भूमि स्वामी ने बचाव में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए खुदाई होने की दलील दी। लेकिन स्थल पर न तो कोई टैंक निर्माण दिखा, न ही ऐसी कोई संरचना जो वर्षा जल संचयन के अनुरूप हो। विशेषज्ञों के अनुसार, वाटर हार्वेस्टिंग में टैंक व फिल्टर पिट अनिवार्य होते हैं, जो वहाँ नहीं थे।
 प्रशासन की कार्रवाई
  मिली जानकारी अनुसार उक्त बोरिंग को शिकायत मिलते ही राजस्व विभाग व पुलिस टीम मौके पर पहुंची व खनन मशीन को तत्काल जब्त कर थाना कोतवाली ले जाया जाने की बात सामने आई ।
 अब भूजल संरक्षण अधिनियम और संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है।
 बड़ा संदेश
   दुर्ग प्रशासन का यह कड़ा कदम अन्य ऐसे मामलों के लिए एक नज़ीर बन सकता है। जल संकट की आशंका को देखते हुए अब ज़रूरत है कि हर नागरिक और अधिकारी जल संरक्षण के नियमों का ईमानदारी से पालन करें।
"बिना अनुमति की बोरिंग, अब पड़ेगी भारी!"
 भूजल बचाइए, नियमों का पालन करिए – यही विकास की दिशा है।

   

जिले के किसानों को कृषि सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के साथ आधुनिक कृषि तकनीकों की मिल रही है जानकारी
  रायपुर /शौर्यपथ /कृषि मंत्री रामविचार नेताम शनिवार को सरगुज़ा जिला प्रवास के दौरान विकासखण्ड उदयपुर के ग्राम उदयपुर में आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने उपस्थित कृषकों को बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक खेती, सरकार की प्रमुख योजनाएं, उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग, प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कृषकों को रासायनिक खेती से होने वाले नुकसान के बारे में बताया एवं खेती में जल का उचित उपयोग करने हेतु सुझाव दिए। किसानों से खरीफ 2025 की तैयारी के संबंध चर्चा करते हुए कहा कि कृषि में वैज्ञानिक तरीकों और उन्नत तकनीकों को अपनाएं। किसी भी प्रकार की समस्या के सम्बन्ध में उपस्थित अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों से सलाह लें। कार्यक्रम में उपस्थित अम्बिकापुर विधायक श्री राजेश अग्रवाल ने भी  विकसित कृषि संकल्प अभियान के फायदे बताते हुए किसानों से अधिक से अधिक संख्या में कार्यक्रम में शामिल होने अपील की। इस दौरान कृषि मंत्री श्री नेताम ने किसानों को बीज वितरित किया।
     इस दौरान किसानों को वैज्ञानिकों के द्वारा कृषकों के खरीफ संबधी समस्याओं का समाधान के साथ ही कृषि की आधुनिक तकनीक जैसे ड्रोन से यूरिया एवं कीटनाशक का छिड़काव, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभ, उन्नत किस्मों से अधिक उत्पादन, समन्वित कृषि कार्यक्रम, उर्वरकों का समुचित मात्रा में उपयोग की जानकारी दी गई। खरीफ सीजन की विशेष तैयारी और फसल विविधीकरण के तरीके किसानों को सिखाए गए तथा उत्पादकता बढ़ाने के उपायों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया गया। वहीं उन्नत नस्ल के पशुपालन एवं मत्स्य पर भी प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में कृषि विभाग के उपसंचालक  पी.एस. दीवान, कृषि वैज्ञानिक  सूर्य प्रकाश गुप्ता सहित विभागीय अधिकारी एवं कृषक उपस्थित थे।

एक माह तक चले समर कैंप में बच्चों ने सीखे रचनात्मक गतिविधियां
महासमुंद/शौर्यपथ /समाजसेवी डॉ. एकता लंगेह के मार्गदर्शन में स्वयं सेवी संस्थाओं के संयुक्त तत्वाधान में ग्रीष्मकालीन राज्य स्तरीय मासिक समर कैंप का आयोजन महासमुंद में किया गया। पूरे एक माह तक लगातार जारी रहने के बाद इस समर कैम्प के समापन अवसर पर समाज सेवी डॉ. एकता लंगेह ने प्रशिक्षित बच्चों को प्रमाण पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया।
 इस अवसर पर डॉ. एकता ने बच्चों को अपनी रचनात्मक प्रतिभा को निखारने व अपनी योग्यता के बल पर खुद की पहचान की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे मोबाइल व नशापान जैसी अन्य बुराइयों से दूर रहें। मासिक समर कैंप के प्रशिक्षित बच्चों ने कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह से उनके कार्यालय में मुलाक़ात कर उनसे आशीर्वाद लिया। कलेक्टर से मिलकर बच्चों ने खुशी जाहिर की। कलेक्टर ने सभी बच्चों को बधाई देते हुए अपने समर कैंप में सीखे अनुभवों को साझा करने कहा और बच्चों को रचनात्मक और बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
समर कैंप में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु मास्टर ट्रेनर अजय शर्मा, अनिस शर्मा, रोशनी सलाम ,सौम्या साहू रोशन सिंह रूप , साधना ठाकुर को पुरस्कृत किया गया। कैंप के सफल समय संचालन हेतु समाजसेवी रोशाना डेविड, प्रतिभा गिरी को सम्मानित किया गया।
 समर कैंप की सफलता में तारिणी चंद्राकर, विपिन मोहंती, शबनम धनवानी, चंचल कौशिक, उत्तरा विदानी, नूरेन चंद्राकर, तुषार कुमार चंद्राकर एवं समर कैंप आयोजक आस्था वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी और साया फाउंडेशन के सदस्यों ने शुभकामनाएं व बधाई दी हैं।

बच्चों की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है : श्रीमती राजवाड़े
रायपुर /शौर्यपथ /महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बिलासपुर में स्थित गैर शासकीय संस्था सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह (विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी) का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शिशु गृह में निवासरत बच्चों से आत्मीयता से मुलाकात की, उनका हालचाल जाना और संस्था द्वारा प्रदान की जा रही देखभाल सुविधाओं की जानकारी ली।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने बच्चों के साथ समय बिताया और कहा, इन मासूम चेहरों की मुस्कान ही हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है। ये बच्चे हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी हैं, और उनके सुरक्षित, स्वस्थ एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए राज्य सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने संस्था द्वारा बच्चों के संरक्षण, पोषण, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और पुनर्वास की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण योग्य बच्चों के लिए कार्यरत ऐसी संस्थाएं समाज में सकारात्मक बदलाव की आधारशिला हैं।
सेवा भारतीय मातृ छाया शिशु गृह, एक मान्यता प्राप्त विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी है, जो परित्यक्त, अनाथ और असहाय बच्चों को आश्रय, देखभाल और सुरक्षित गोदन प्रक्रिया के माध्यम से नया परिवार प्रदान करती है। संस्था में बच्चों की उम्र के अनुसार पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसी संस्थाओं को समय-समय पर तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग प्रदान किया जाए ताकि बच्चों को बेहतर जीवनशैली मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी, संवेदनशील और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।
निरीक्षण के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी, बाल संरक्षण इकाई के सदस्य एवं संस्था की संचालिका सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। सभी ने मंत्री को संस्था की कार्यप्रणाली एवं वर्तमान स्थिति से अवगत कराया।

धान के बदले मूंगफली की फसल से जशपुर के किसान कमा रहे ज्यादा मुनाफा
रायपुर/शौर्यपथ /जशपुर जिले के किसान अब ग्रीष्मकालीन फसलों की ओर रुख कर खेती से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर रहे हैं और इससे उनका जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दूरस्थ अंचल में निवासरत किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।
इसी क्रम में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन) योजना के अंतर्गत जशपुर जिले के  बगीचा विकासखण्ड के ग्राम दुर्गापारा निवासी किसान श्री गुरुनारायण को धान की पारंपरिक खेती के स्थान पर ग्रीष्मकालीन मूंगफली की फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कृषि विभाग द्वारा उन्हें निःशुल्क 20 किलोग्राम मूंगफली बीज प्रदान किया गया।
किसान गुरुनारायण ने बताया कि उनके पास कुल 3.303 हेक्टेयर भूमि है, जिसमें वे पूर्व में खरीफ एवं रबी दोनों ही सीजन में धान की खेती करते थे। उन्होंने बताया कि धान की खेती में पानी की अधिक खपत होती थी और उत्पादन भी संतोषजनक नहीं मिल पाता था, जिससे लागत अधिक और मुनाफा सीमित रह जाता था।
गुरुनारायण ने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री रवि रोशन टोप्पो से संपर्क कर सलाह ली और धान के बजाय मूंगफली की खेती अपनाने का निर्णय लिया। उन्होंने 0.200 हेक्टेयर में मूंगफली की फसल लगाई। विभाग द्वारा उन्हें बीज के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्व, खाद, दवाइयां और तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया।
किसान ने बताया कि नियमित निगरानी और समय-समय पर प्राप्त सलाह के कारण उनकी फसल बहुत अच्छी स्थिति में है। उन्होंने यह भी कहा कि बाजार में वर्तमान मूंगफली का मूल्य अच्छा होने से इस फसल से उन्हें बेहतर आमदनी की उम्मीद है।
इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि योजनाबद्ध प्रयासों, सही मार्गदर्शन और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर किसान गर्मी के मौसम में भी खेती से मुनाफा कमा सकते हैं और परंपरागत खेती के दायरे से बाहर निकलकर नवाचार की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

भिलाई/शौर्यपथ / नगर निगम भिलाई द्वारा आबंटित दुकानों का सालो से किराया बकाया है। साड़ा कार्यकाल के समय से आबंटित दुकानों में आज भी पुरानी दर पर ही किराया लिया जा रहा है। भिलाई निगम आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय राजस्व विभाग के राजस्व अधिकारी एवं संबंधित योजनाओं के कर्मचारियों को बुलाकर फाईलों का अवलोकन किया। इसके बाद ऐसे बकायादारों को 15 दिन का नोटिस जारी कर वसूली करने का निर्देश दिया है। जो भी किराया नहीं पटाता उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विशेष क्षेत्र प्राधिकरण साडा द्वारा प्रमुख स्थलों पर दुकान, चबूतरा निर्माण करके उस समय के आवश्यकता के अनुसार आबंटन प्रक्रिया का पालन करते हुए दुकानें आबंटित की गई थी। यह दुकानें आकाश गंगा व्यावसायिक परिसर, सुपेला स्कूल के पास, चंद्रा मोर्या टाकिज के सामने सिरसा रोड, कोहका चौंक, नेहरू नगर, पावर हाउस सब्जी मंडी, उत्तर गंगोत्री, आकाशगंगा थोक
सब्जी मंडी में लगभग 1000 से अधिक दुकानों एवं चबूतरो  का निर्माण किया गया था। इसमें से प्रमुख रूप से आकाश गंगा प्रेस काम्पलेक्स, व्यवसायिक परिसर, नगर निगम आफिस के समीप स्थित दुकानें उनमें से वर्तमान में इंडियन बैंक भी संचालित हो रहा है। दुकान आवंटन करने का उददेश्य था कि उस समय के बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान करने हेतु स्थान उपलब्ध कराना। जैसे-जैसे दुकानें निर्मित होती गई, उस समय के योजना के अनुसार दुकानें आबंटित की गई है। प्रत्येक दुकानें अच्छे जगहों पर बनाई गई है। सभी दुकानों का अनुबंध के अनुसार प्रतिमाह किराया निर्धारित किया गया था। जो उस समय के बाजार की उपलब्धता एवं पैसे के मूल्य के हिसाब से किराया तय किया गया था। 110,
300, 648 जो आज के वर्तमान परिपेक्ष्य में बहुत ही कम है। साथ में यह भी अनुबंध था कि प्रत्येक दुकान के किराये में 5 वर्ष बाद 10 प्रतिशत की वृद्वि करना था। कुछ दुकानदार ऐसे भी है, जो दुकान का किराया सन 1992 से जमा नहीं कर रहे हैं। कुछ लोग पुराने दर पर ही किराये की राशि अभी तक जमा कर रहे है। जब उनके द्वारा खरीदी-ब्रिकी या लीज नवीनीकरण करवाया जाता है, तब निगम के राजस्व विभाग द्वारा पूर्व राशि का गणना करके किराया लिया जा रहा है।
आयुक्त पाण्डेय द्वारा प्रत्येक योजना की फाईल के निर्धारित नियम एवं शर्तो को पढऩे के बाद उन्हे ज्ञात हुआ कि बरसों से दुकान का किराया लंबित है, इसका अंदेखी हो रहा था। उन्होने राजस्व अधिकारी एवं संबंधित कर्मचारियों को तुरंत निर्देशित किए कि सभी को तत्काल नोटिस जारी किया जाये। इससे निगम को बहुत क्षति हो रही है। निगम के टैक्स वसूलने वाली एजेंसी के ऊपर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे, उसे अपना सॉफ्टवेयर अपडेट करने को आदेशित किये। अच्छे-अच्छे मार्केट क्षेत्रों में दुकान होने के बाद भी
किराया नहीं जमा किया जा रहा है। कुछ ऐसे भी व्यापारी हैं जो आवंटित दुकान को किराए में चला रहे हैं। जो नियम विरुद्ध है। व्यापारियों द्वारा आबंटित दुकान में व्यापार किया जा रहा है, लेकिन किराया नहीं जमा किया जा रहा है। ऐसे सभी लोगो को 15 दिवस के अंदर अपने सभी बकाया राशि को जमा कर
देवें अन्यथा निगम द्वारा उनके उपर कार्यवाही करेगा। निगम के वेबसाईड में सभी बकायादारों की लिस्ट नाम एवं बकाया राशि जानकारी डाली जा रही है।

यातायात जागरूकता हेतु आज बांटा जायेगा हेलमेट और किया जायेगा पौधों का विरतण
भिलाई/शौर्यपथ / भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के मुख्य कार्यालय खुर्सीपार गेट में एसोसिएशन की तरफ से एक हजार ड्रायवर, हेल्पर व सुपरवाईजर को ओरिएन्टल इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा जीवन सुरक्षा बीमा
पॉलिसी का सर्टिफिकेट प्रदान किया जायेगा। साथ ही यातायात जागरूता हेतु हेलमेंट वितरण,हेल्थ चेकप कैम्प एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधों का वितरण किया जायेगा। उक्त जानकारी भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांस्पोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह ने दी।
 इन्द्रजीत सिंह ने आगे बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूबीएस चौहान संयुक्त परिवहन आयुक्त छग सरकार, कार्यक्रम के विशेष अतिथि एएसपी शहर सुखनंदन राठौर, सुश्री रिचा मिश्रा एडिशनल एसपी ट्राफिक, अंजय शुक्ला अध्यक्ष छग सीमेंट ट्रांस्पोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन होंगे। भिलाई ट्रक ट्रेलर ट्रांस्पोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह ने इस कार्यकम को सफल बनाने और गरिमामय बनाने की अपील की है और कहा है कि कार्यक्रम में सभी लोग बढचढ कर हिस्सा लेकर कार्यक्रम को सफल बनाये।
विश्व पर्यावरण दिवस पर एचटीसी कंपनी में किया गया पौधारोणण:-
भिलाई एचटीसी कंपनी के युवा डायरेक्टर इन्द्रजीत ङ्क्षसह, ट्रांस्र्पोटर मलकीत सिंह लल्लू, युवा ट्रांसर्पोटर्स सोम सिंह, युवा ट्रांस्र्पाेटर्स यश, योगाराव एवं अन्य ट्रांसपोर्टरों की मौजूदगी में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एचटीसी कार्यालय ट्रांसपोर्ट नगर में पौधा रोपण का कार्यक्रम किया गया। इन्द्रजीत सिंह ने इस अवसर पर लोगों से अपील किया है कि अधिक से अधिक पेड़ सभी को लगाना चाहिए ताकि लोगों को शुद्ध हवा, हरियाली और छाया मिल पाये और उपयोगी पेड़ लगाना चाहिए जो फलदायी हो, छायादार हो और स्वास्थ्यवर्धक हो।

आईआईएम रायपुर में मंत्रियों ने सीखी सुशासन और नेतृत्व की बारीकियां
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि ‘चिंतन शिविर 2.0’ जैसे प्रशिक्षण सत्र शासन को नया दृष्टिकोण और नीतिनिर्माण प्रक्रिया को सशक्त बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से मंत्रीगणों को सुशासन और परिवर्तनकारी नेतृत्व के महत्वपूर्ण गुर सीखने का अवसर मिलता है।
आईआईएम रायपुर में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर के प्रथम सत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य के सभी मंत्रीगण शामिल हुए। इस सत्र में ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व’, ‘दूरदर्शी शासन’, ‘संस्कृति’, ‘सुशासन’ और ‘राष्ट्र निर्माण’ जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।
आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय ने ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व एवं दूरदर्शी शासन’ विषय पर अपने व्याख्यान में भगवद्गीता के श्लोकों के माध्यम से निष्काम कर्म और नैतिक प्रशासन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कार्य केवल फल की आशा से नहीं, बल्कि उसके सही होने के कारण किया जाना चाहिए।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने ‘संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण’ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा, “भारत की एकता केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भी है। राष्ट्र निर्माण केवल नीतियों या संसाधनों से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और नैतिक मूल्यों से संभव है।” उन्होंने अंत्योदय के महत्व पर बल देते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण को सुशासन की प्राथमिकता बताया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि चिंतन शिविर जैसे आयोजन शासन को नई दिशा और ऊर्जा देते हैं। उन्होंने दोनों विशेषज्ञ वक्ताओं के विचारों को अत्यंत प्रेरणादायक और नीति-निर्माण के लिए उपयोगी बताया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के विशेष सचिव श्री रजत बंसल, भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर के निदेशक श्री राम काकाणी और सभी मंत्रीगण उपस्थित थे।

आईआईएम रायपुर में दो दिवसीय शिविर का आयोजन
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों का दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 आज आईआईएम रायपुर में प्रारंभ हो गया है। छत्तीसगढ़ शासन के सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा भारतीय प्रबंधन संस्थान, रायपुर (आईआईएम) के सहयोग से दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम के शुभारंभ के पश्चात आज  ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व और दूरदर्शी शासन’, संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण तथा सक्षमता से सततता तक: विकास के लिए सार्वजनिक वित्त पर पुनर्विचार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र का आयोजन किया जा रहा है। दो दिवसीय शिविर के दौरान भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, प्रो. हिमांशु राय (डायरेक्टर आईआईएम इंदौर), डॉ. रविंद्र ढोलकिया (आईआईएम अहमदाबाद), संजीव सान्याल (प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद सदस्य), पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक उदय माहुरकर, ग्लोबल डिजिटल स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र प्रताप गुप्ता जैसे ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ विभिन्न सत्र को संबोधित करेंगे।

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