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क्या अवैध सूदखोरी पर होगी जाँच , क्या आयकर विभाग लेगा मामले को संज्ञान
दुर्ग / शौर्यपथ / सूदखोरी समाज के लिए वर्तमान परिवेश में एक अभिशाप बनता जा रहा है शासन की लाख कोशिश के बाद भी अवैध रूप से सूदखोरी आज भी चलन में है अवैध सूदखोरी के मामले समय समय पर सामने भी आते रहे है किन्तु आज भी ऐसे कई लोग है जो इस सूदखोरी के जाल में उलझे हुए है . ऐसे कई प्रकरण न्यायालय में लंबित है जिसमे प्रतिवादी द्वारा कर्ज ली गयी रकम से कई गुना ज्यादा देने के बाद भी मुकदमे की मार झेल रहे है . सूदखोर जरुरत के समय रकम तो देते है किन्तु साथ ही विश्वास और भरोसे को भी दफऩ करते हुए जरुरतमंदो से खाली स्टाम्प , ब्लैंक चेक आदि पर दस्खत करवा कर अपनी तरफ से मजबूत हो जाते है और फिर खेल शुरू होता है 5 प्रतिशत से लेकर 25-30 प्रतिशत तक के ब्याज का धीरे धीरे कर्ज लेने वाला रकम चुकाते चुकाते थक जाता है किन्तु सूदखोरों की भूख नहीं मिटती और मामला पहुँच जाता है न्यायालय जहा कई प्रकरण में समझौता होता है तो कई प्रकरण में सजा किन्तु इस पर फिर भी कोई ध्यान नहीं देता कि रकम देने वाले के पास जो पैसे है क्या वो आयकर विभाग की नजर में है क्योकि ऐसे रकम का लेनदेन अधिकतर नगद ही होता है ऐसे ही एक मामले की जानकारी शौर्यपथ समाचार के पास है जिसमे सामने जो दिख रहा है वो भी सच हो सकता है किन्तु जो नहीं दिख रहा है उस पर जांच की तरफ रुख करने से कई मामले का खुलासा हो सकता है .
ऐसे ही एक मामले मे सुभाष नगर निवासी फिरोज राठोर के साथ धोखाधड़ी हुई जिसकी एफआईआर प्रार्थी द्वारा पद्मनाभपुर चौकी में 2019 में कर दी गयी मामला था वाहन खरीदी बिक्री में लेनदेन का जसके अनुसार चिखली निवासी देवेन्द्र द्वारा फिरोज राठौर से 2 लाख 90 हजार और 29 लाख की रकम के लेनदेन पर विवाद कौर्ट तक पहुँच गया . मामले के अनुसार देवेन्द्र सिंह ने एक वाहन का क्रय किया जिसका भुगतान फिरोज राठौर द्वारा 2लाख90 हजार टोयोटाशोरूममें (ह्म्ह्लद्दह्य) द्वारा किया गया साथ ही 29 लाख रूपये का कर्ज भी दिया गया और वाहन के अपने कब्जे में ले लिया गया जिसकी कि़स्त की रकम का भुगतान देवेन्द्र सिंह को करना था जिसकी बाकायदा लिखा पढ़ी भी हुई लिखा पढ़ी कितनी सच है और कितने झोल मामला न्यायालय में है किन्तु इन सबमे बड़ी बात यह है कि फिरोज राठौर द्वारा इस लेनदेन में लिखापढ़ी जिस स्टाम्प में हुई उस पर कई तरह के सवाल परिवादी की तरफ से उठाये जा रहे है इतनी बड़ी रकम की लिख पढ़ी में एक बात गौर करने वाली है कि जो रकम छोटी है और जिसका लेनदेन बैंकिंग से हुआ वह रकम बाकायदा टाइप की हुई है वही उससे 10 गुना बड़ी रकम 29 लाख रूपये पेन से लिखे हुए है और नगद भुगतान की बात लिखी गयी है .
वही आरोपी देवेन्द्र सिंह का कहना है कि मेरे द्वारा सिर्फ 2 लाख 90 हजार की रकम ली गयी थी वही 29 लाख की रकम की जानकारी मुझे नहीं है इससे पहले भी संव्यवहार हुआ था किन्तु इतनी बड़ी रकम मेरे द्वारा नहीं ली गयी . वैसे 29 लाख की रकम के बारे में देवेन्द्र सिंह द्वारा आयकार विभाग में जांच की मांग की गयी है कि क्या इतनी बड़ी रकम फिरोज राठौर के पास होने की जानकारी विभाग को है वही इन सबमे बड़ी बात यह है कि जिस वाहन का लेनदेन हुआ था वह वाहन फोर्चुनर टोयटा है जिसका बाजार मूल्य लगभग 32 लाख का है इतनी बड़ी वाहन को खरीदने वाला आखिरकार उस वाहन को अपने पास क्यों नहीं रखा है प्राप्त जानकारी के अनुसार वाहन देवेन्द्र सिंह के नाम से है जिसके रकम का भुगतान फिरोज राठौर ने किया किन्तु वाहन का उपयोग अन्य कोई तीसरा कर रहा है . क्या इन शिकायतों की सच्चाई के पीछे कोई और कहानी है . आरोपी देवेन्द्र सिंह की धर्मपति से चर्चा पर पता चला कि वाहन में अवैध कार्य कर फ़साने की धमकी के भी फोन आ रहे है जिसकी शिकायत देवेन्द्र सिंह की पत्नी ने मोहन नगर थाने में कर दी है .
पुलिस जाँच से हो सकते है कई खुलासे ..
शिकायत पर शिकायत लें दें पर बड़ी बड़ी रकम कभी नगद तो कभी बैंकिंग आखिर ऐसा क्या व्यापार करते है है वादी और परिवादी की लाखो के नगद लेनदेन पर जो सालो से हो रहा अचानक दरार आ गयी क्योकि इस बार रकम 30 लाख के करीब की है और दोनो पक्ष अपने अपने बात पर अडिग है क्या इस नगद लेनदेन के पीछे कोई और कहानी तो नहीं इस बात की निष्पक्ष जाँच से हो सकते है कई खुलासे हो क्योकि अब इन लेन देंन के फर्जी होने की बात पर देवेन्द्र सिंह की धर्मपत्नी के द्वारा भी फिरोज राठौर व अन्य को नोटिस भेजने की बात कही गयी है .
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