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दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम महापौर श्रीमती अलका बाघमार दो दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण पर इंदौर रवाना हो गई हैं। उनकी अनुपस्थिति में, प्रभारी वित्त विभाग के सदस्य नरेंद्र बंजारे को दो दिनों के लिए प्रभारी महापौर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।महापौर श्रीमती बाघमार ने यह आदेश जारी करते हुए शहर के कामकाज को सुचारु रूप से चलाने के लिए यह निर्णय लिया है।
प्रभारी महापौर नरेंद्र बंजारे शुक्रवार सुबह से महापौर चेंबर में अपना दायित्व संभालेंगे। इस दौरान वे महापौर के विभागीय कार्यों और महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
शहर का कामकाज नहीं होगा प्रभावित प्रभारी महापौर श्री बंजारे ने आश्वस्त किया है कि उनकी देखरेख में शहर का कामकाज सुचारु रूप से चलता रहेगा और कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय या कार्य प्रभावित नहीं होगा। वे निकाय के प्रशासनिक कार्यों, जैसे कि सफाई, पानी की आपूर्ति, बिजली, आदि की देखरेख करेंगे और महत्वपूर्ण बैठकों व कार्यक्रमों में भी प्रतिनिधित्व करेंगे।
राजनांदगांव/शौर्यपथ /जिले के ग्रामीण बच्चे पढ़ाई के प्रति अपनी रूचि और जागरूकता का उदाहरण पेश करते हुए घर में पढ़ाई का कोना तैयार कर रहे हैं। यह प्रेरणादायक पहल यूनिसेफ, जिला प्रशासन राजनांदगांव और एलायंस फॉर बिहेवियर चेंज मेंबर्स सर्वहितम के टीम युवोदय राजनांदगांव, जिला समन्वयक विनोद कुमार टेम्बुकर की टीम द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यशाला में भाग लेने के बाद शुरू किया जा रहा है।
कार्यशाला में रूप नहीं गुण को देखो, आज क्या सीखा और पढ़ाई का कोना जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चों के शिक्षा स्तर में सुधार एवं व्यक्तित्व विकास की कड़ी को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चे समझकर एवं कार्यशाला से सीखकर एक विशेष पढ़ाई का स्थान तैयार कर रहे है। वहां बच्चों द्वारा किताबें व्यवस्थित रखा जा रहा है पढ़ाई का रूटीन दीवार पर चिपकाकर उसी अनुसार उसी जगह पर पढ़ाई कर रहे है। प्रत्येक गांव से युवाओं की टीम बनाई जा रही है, जिससे युवा अपने गांव के अन्य बच्चों एवं ग्रामीणजनों को जागरूक कर सकें। इस कड़ी में ग्राम पार्रीकला से हिना, सोनाली, ग्राम ठाकुरटोला से राधिका, हर्षिता, साक्षी, ग्राम पत्थरी से देविका और तनु, ग्राम डोम्हटोला से वर्षा, तनु, कुंदन जैसे सभी गांव में बच्चों एवं युवाओं द्वारा पढ़ाई का कोना बनाकर गांव में बच्चों एवं युवाओं को प्रेरित किया जा रहा है। शिक्षा स्तर में बदलाव, सुधार और व्यक्तित्व विकास किया जा सके। इस कड़ी में यूनिसेफ जिला समन्वयक श्री विनोद टेम्बुकर, दिव्या राजपूत, विकासखंड समन्वयक श्री चंद्रप्रकाश साहू, युवोदय सक्रिय स्वयंसेवक श्री तोरण, श्री साहिल, श्री भावेश एवं अन्य स्वयंसेवियों द्वारा सक्रिय योगदान दिया जा रहा है।
- कार्यक्रम में दवाईयां एवं सिकल सेल जेनेटिक कार्ड का किया गया वितरण
- विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन
राजनांदगांव /शौर्यपथ /कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्गदर्शन में विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न के निर्देशानुसार प्रत्येक व्यक्ति का नि:शुल्क सिकल सेल स्क्रीनिंग किया गया। नागरिकों को सही समय पर ईलाज एवं दवाईयां उपलब्ध कराई गई और इसके साथ सिकल सेल जेनेटिक कार्ड का वितरण किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सिकल सेल एक आनुवांशिक रोग है जिसकी सही समय पर जांच कराने और नियमित दवाईयां लेने से नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विवाह कराने के पहले सिकल सेल कुंडली का जरूर मिलान करना चाहिए। कुंडली मिलान उपरांत पॉजिटीव आये लोगों को विवाह किए जाने संबंधी पूर्ण जानकारी देने कहा। इसके लिए लोगों को जागरूक होना आवश्यक है। जिले में 6 लाख 16 हजार 308 सिकल सेल स्क्रीनिंग किया गया। जिसमें 5 लाख 93 हजार 144 सिकल सेल निगेटीव, 661 सिकल सेल पॉजिटीव एवं 10 हजार 147 सिकल सेल वाहक है।
सिविल सर्जन डॉ. श्रीमती माधुरी खंूटे ने कहा कि जिला अस्पताल में न्यूमोकोकल वैक्सिन उपलब्ध है जिसे सिकल सेल एवं थैलिसिमिया पीडि़त 4 वर्ष से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को लगाया जाना है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने मैदानी स्तर पर मितानिनों के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने की बात कही। कार्यक्रम में जिला नोडल अधिकारी सिकल सेल डॉ. सुहद्रा ठाकुर, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक, जिला माईक्रोबॉयोलॉजिस्ट एवं स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी तथा शहरी क्षेत्र के एएनएम, मितानिन व सिकल सेल हितग्राही उपस्थित थे।
राजनांदगांव /शौर्यपथ /एनआईईपीआईडी सिकंदराबाद के अंतर्गत संचालित सीआरसी ठाकुरटोला राजनांदगांव छत्तीसगढ़ द्वारा आज छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से 8 से 40 वर्ष तक 87 दिव्यांगजन कान्हा शान्तिवनम कान्हा गांव रंगारेड्डी जिला तेलंगाना में ग्यारहवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में शामिल होने के लिए रवाना हुए। योगा दिवस के प्रोटोकॉल के अनुसार सभी राज्य से इस योगा दिवस में 3500 दिव्याँगजन शामिल होंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक, सचिव श्री राजेश अग्रवाल, सयुंक्त सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार श्री राजीव शर्मा शामिल होंगे।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्रति वर्ष एक नई थीम रखी जाती है। इस वर्ष योग दिवस की थीम योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ रखी गई है। जिसका मतलब है कि जिस तरह पृथ्वी एक है, ठीक उसी तरह हमारा स्वास्थ्य भी एक ही है, जिसे हमें स्वस्थ रखने की जरूरत है। प्रति वर्ष 21 जून को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाती है। यह सिर्फ एक तारीख या औपचारिक दिन नहीं है, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा की विश्व स्वीकृति का प्रतीक बन गया है। योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन को संतुलन और शांति देने की एक कला है। सभी को योग के लाभों से जोडऩा और उन्हें स्वस्थ जीवन की दिशा में प्रेरित करना। ट्रेन रवाना के समय आस्था मुकबधिर स्कूल राजनंदगांव के अध्यक्ष श्री महेंद्र सुराना, सीआरसी से श्री पुनीत राम साहू, श्री पुष्पेंदु जना उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सीआरसी राजनंदगांव से श्री गजेन्द्र कुमार साहू समन्वय कर रहे है।
कलेक्टर ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम की तैयारी के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली
- 21 जून 2025 को सुबह 6.45 बजे से दिग्विजय स्टेडियम में होगा सामूहिक योगाभ्यास
- आयोजन की तैयारी के लिए अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
राजनांदगांव /शौर्यपथ / कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की तैयारी के लिए अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग, वन मंडलाधिकारी श्री आयुष जैन एवं जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह उपस्थित रहे।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून 2025 को सुबह 6.45 बजे से दिग्विजय स्टेडियम में सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने आयोजन की तैयारी के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने के लिए नागरिकों को अधिक से अधिक प्रेरित करना है। इसमें अधिक से अधिक लोगों की सक्रिय सहभागिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, स्कूल बच्चे, खिलाड़ी, सभी अधिकारी-कर्मचारी एवं नागरिक शामिल होंगे। उन्होंने मंच, साऊंड, योग करने के लिए कार्पेंट की व्यवस्था, वाहन पार्किंग, ट्रैफिकके संबंध में दायित्व सौंपे एवं आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी एवं समाज सेवी संस्थाएं कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने समाज कल्याण विभाग एवं खेल विभाग को कार्यक्रम की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए कहा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम राजनांदगांव श्री खेमलाल वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
अशोक करिहार आत्महत्या मामला बना प्रशासन के लिए बड़ा सवाल ?
शौर्यपथ समाचार / विशेष रिपोर्ट / दुर्ग
दुर्ग नगर निगम में कार्यरत सफाई कामगार अशोक करिहार की आत्महत्या ने निगम प्रशासन, विशेषकर उपायुक्त महेंद्र साहू की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 27 सितंबर 2022 की सुबह जब अशोक करिहार अपने ही घर में फांसी पर झूलते मिले, तब न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा नगर निगम सकते में आ गया।
बीमारी और छुट्टी के लिए संघर्ष बना मौत की वजह?
अशोक करिहार, जो लंबे समय से विभिन्न बीमारियों से पीडि़त थे, ने छुट्टी के लिए आवेदन दिया था। सूत्रों के अनुसार, उनके पास उपलब्ध वैध छुट्टियां थीं, लेकिन इसके बावजूद उपायुक्त महेंद्र साहू, जो छुट्टी स्वीकृत करने के अधिकृत अधिकारी थे, ने छुट्टी मंजूर नहीं की।
यह भी चर्चा में आया कि छुट्टी स्वीकृति से संबंधित नोटशीट में जानबूझकर हेराफेरी की गई। रिश्वत की मांग और मानसिक प्रताडऩा की संभावना को लेकर भी चर्चा तेज है। इसी के चलते अशोक करिहार ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया।
सुसाइड नोट: सिस्टम पर गंभीर आरोप
घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक कथित सुसाइड नोट वायरल हुआ जिसमें अशोक करिहार ने अधिकारियों की प्रताडऩा का जि़क्र करते हुए अपने पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति देने की बात लिखी थी। हालांकि इस नोट की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है, लेकिन नगर निगम में इस नोट को लेकर कई चर्चाएं हुईं।
संदेहास्पद गति से हुई अनुकंपा नियुक्ति
अशोक करिहार की मृत्यु के मात्र 12 दिन के अंदर उनके पुत्र अनिल करिहार को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर दी गई। इस प्रक्रिया में जो बात सबसे अधिक चौंकाती है वह यह कि मृत्यु प्रमाण पत्र और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बिना ही नियुक्ति पूरी कर दी गई।
10 अक्टूबर 2022 को अशोक करिहार के पुत्र ने नौकरी भी ज्वाइन कर ली , जबकि मृत्यु प्रमाण पत्र 19 अक्टूबर को निर्गत हुआ। इसका अर्थ यह है कि बिना मृत्यु की पूरी औपचारिक पुष्टि के ही नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर दी गई।
पूर्ववर्ती आवेदकों की अनदेखी
जबकि नगर निगम में अन्य लगभग 40 परिवार अनुकंपा नियुक्ति के लिए वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे हैं, ऐसे में इतनी तेजी से सिर्फ अशोक करिहार के पुत्र की नियुक्ति होना संदेह को और गहरा करता है। क्या यह उपायुक्त महेंद्र साहू और अशोक करिहार के बीच हुए विवाद की भरपाई का प्रयास था? या फिर यह उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों के संबंधों और प्रभाव का परिणाम?
संवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग?
स्थापना शाखा के प्रमुख के रूप में महेंद्र साहू की भूमिका अब सवालों के घेरे में है। यदि सत्यता यही है कि बिना नियमों का पालन किए, एक विवादित परिस्थिति में, मात्र राजनीतिक या प्रशासनिक संबंधों के दम पर नियुक्ति की गई, तो यह न केवल संवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग है, बल्कि भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा भी है।
प्रशासन को देना चाहिए जवाब
यह मामला अब उच्च स्तरीय जांच की मांग करता है। यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु के पीछे प्रशासनिक उत्पीडऩ की भूमिका है, तो यह मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन है। नगर निगम प्रशासन और राज्य शासन को इस मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए और दोषियों को दंडित करना चाहिए।
सार
दुर्ग नगर निगम का यह प्रकरण दर्शाता है कि कैसे एक आम सफाई कर्मचारी को सिस्टम की बेरुखी ने आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया और कैसे बाद में उस मौत का इस्तेमाल संभवत: कुछ अधिकारी अपने कर्तव्यों से बचाव और लाभ के लिए करते दिखाई दे रहे हैं।
प्रश्न यह है कि—क्या इस मामले की जांच होगी या फिर एक और मौत सिर्फ आंकड़ा बनकर रह जाएगी?
कलेक्टर ने चौपाल लगाकर सुनी बैगा आदिवासियों की समस्याएं, त्वरित समाधान के दिए निर्देश
मुंगेली /शौर्यपथ /जनजातीय समुदाय के समग्र विकास को लेकर केंद्र और राज्य शासन की प्राथमिकताओं के अनुरूप “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” के अंतर्गत जिले के सुदूर वनांचल ग्राम छपरवा में शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर कुन्दन कुमार एवं पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल ने चौपाल लगाकर बैगा आदिवासियों की समस्याएं सुनीं और विभिन्न विभागों को त्वरित समाधान हेतु निर्देश दिए। शिविर में कलेक्टर ने ग्रामीणों से पेयजल, विद्युत, शिक्षा, स्वास्थ्य, आधार, राशन, पेंशन, वनाधिकार पट्टा, शौचालय, आवास सहित लगभग 25 कल्याणकारी योजनाओं की जमीनी जानकारी ली और उनकी क्रियान्वयन की स्थिति जानी।
शिवतराई क्षेत्र में 24 घंटे 108 एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने के निर्देश
कलेक्टर ने पेयजल की समस्या को प्रमुखता से लेते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और बिजली व्यवस्था के लिए क्रेडा विभाग को शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को शिवतराई क्षेत्र में 24 घंटे 108 एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने एवं एटीआर क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में मौसमी बीमारियों एवं विषैले जीव-जंतुओं के काटने पर उपचार हेतु दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों को मितानिनों के साथ सतत संवाद बनाए रखने की अपील भी की। कलेक्टर ने बैगा आदिवासियों से एटीआर क्षेत्र से विस्थापन के संबंध में भी चर्चा करते हुए वन विभाग को संवेदनशीलता के साथ आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बताया कि एटीआर क्षेत्र की सभी स्कूलों में युक्तियुक्तकरण के तहत पर्याप्त शिक्षक पदस्थ कर दिए गए हैं। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने और मिशन 90 प्लस अभियान में छात्र-छात्राओं को स्थान दिलाने के निर्देश दिए। साथ ही बैगा आदिवासियों को शासन की योजनाओं से जागरूक करने रेडियो भी उपलब्ध कराने की बात कही।
एसपी ने बाल विवाह से बचाव एवं शिक्षा और नशामुक्ति के लिए किया जागरूक
पुलिस अधीक्षक ने बैगा समुदाय को मच्छरदानी का नियमित उपयोग, जमीन पर न सोने, जूते-चप्पल झाड़कर पहनने, बाल विवाह से बचाव एवं शिक्षा और नशामुक्ति जैसे विषयों पर जागरूक किया। कलेक्टर-एसपी ने आदिवासी बैगाओं के बच्चों को दुलार भी किया और टाफियां प्रदान कर शुभाशीष दिया। शिविर के दौरान बड़ी संख्या में हितग्राहियों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ प्रदान किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पांडेय, एसडीएम लोरमी श्री अजीत पुजारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं सैकड़ों की संख्या में बैगा आदिवासी उपस्थित रहे।
विश्व सिकलसेल दिवस पर जनजागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
सिकलसेल से बचाव के लिए प्रभावी उपाय अपनाने पर दिया गया जोर
मुंगेली/शौर्यपथ / विश्व सिकलसेल दिवस के अवसर पर मुंगेली विकासखण्ड के ग्राम दशरंगपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार ने कहा कि हर व्यक्ति को अपना सिकल सेल जांच कराना चाहिये और यदि व्यक्ति सिकल सेल से ग्रसित है, तो उसे घबराना नहीं चाहिये। सिकलसेल से बचने के लिए समय पर जांच, परामर्श, विवाह पूर्व परीक्षण और सतत स्वास्थ्य निगरानी जैसे उपायों को अपनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने आमजनों को मौसमी बीमारियों से बचाव के संबंध में भी जानकारी दी और बच्चों को ओ.आर.एस पैकेट व हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड का वितरण किया।
पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल ने कहा कि सिकलसेल जैसे अनुवांशिक रोग के प्रति आम जनता को जागरूक रहना चाहिए। उन्होंने आमजनों से कहा कि समय रहते सिकलसेल की जांच कराकर स्वयं व समाज को सुरक्षित बनाएं। जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पाण्डेय ने कहा कि सिकल सेल के बारे में लोगों को जागरूक और समझ बढ़ाने के लिए हर साल 19 जून को विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस दौरान कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक तथा जिला पंचायत सीईओ ने एक पेड़ मां के नाम के तहत वृक्षारोपण किया और पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन का संदेश दिया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभातचंद्र प्रभाकर ने बताया कि सिकल सेल एनीमिया एक वंशानुगत बीमारी है, जो माता-पिता से जीन के माध्यम से बच्चों में स्थानांतरित होती है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के आकार को प्रभावित करता है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री गिरीश कुर्रे ने बताया कि जिले में 31 जुलाई तक स्टॉप डायरिया कैंपेन का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान सिकलसेल से पीड़ित रोगियों ने अपने अनुभव भी साझा किए, जिससे बीमारी की वास्तविकता समझने में मदद मिली। इस अवसर पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. ज्वाला प्रसाद कौशिक सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के समस्त स्टाफ, मितानिन, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक व ग्रामीणजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड ने किया शारदाधाम को सूचीबद्ध, मूलभूत सुविधाओं और प्रचार-प्रसार को मिलेगा बढ़ावा
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ और झारखण्ड की अंतर्राज्यीय सीमा पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक व प्राकृतिक पर्यटन स्थल शारदाधाम को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ टुरीज्म बोर्ड ने राज्य के चिन्हकित पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल कर लिया है। पर्यटन बोर्ड ने इसके लिए परिपत्र जारी कर दिया है। बोर्ड के इस निर्णय से इस पर्यटन स्थल को एक नई पहचान मिल सकेगी। बोर्ड इसके प्रचार-प्रसार के साथ ही पर्यटको के लिए मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए बजट उपलब्ध करा सकेगा।
श्रद्धा और ज्ञान का संगम है शारदाधाम
शारदाधाम में विद्यादायनी माँ सरस्वती की श्रद्वा और ज्ञान अर्जन का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यहां छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य के जरूरतमंद बच्चों के रहने और पढ़ने के लिए कोचिंग की विशेष व्यवस्था की गई है। शारदाधाम समिति के अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने बताया कि इस विशेष कोचिंग संस्था में बच्चों के रहने,खाने के साथ उनकी कोचिंग की निशुल्क व्यवस्था की गई है। बच्चों के रहने और कोचिंग का जो भी खर्चा होता है,उसका व्यय समिति श्रद्वालुओं के सहयोग से पूरा करती है।
प्रकृतिक सौंदर्य से भरपूर है शारदाधाम प्रसिद्व धार्मिक पर्यटन स्थल शारदाधाम,जिला मुख्यालय जशपुर से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर,दुलदुला ब्लाक में स्थित है। माता सरस्वती का यह प्रसिद्व मंदिर चारो ओर घने जंगल से घिरा हुआ है। नजदीक ही गिरमा नदी की कलकल करती मधुर ध्वनि यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्वालुओं का मन मोह लेते हैं। संचालन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि विद्यादायनी मां सरस्वती का यह भव्य मंदिर पूरी तरह से श्रमदान से तैयार किया गया है। दोनों राज्यों के श्रद्वालुओं ने पसीना बहा कर मां के इस मंदिर का निर्माण किया है। मंदिर के भवन का डिजाइन झारखंड के प्रसिद्व लचलागढ़ हनुमान मंदिर के तर्ज पर तैयार किया गया है।
पर्यटन हब के रूप में विकसित हो रहा है जशपुर
उल्लेखनीय है कि वनाँचल क्षेत्र जशपुर में पर्यटन उद्योग विकसित करने की दिशा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तेजी से काम कर रहे हैँ। कुनकुरी ब्लाक में स्थित मयाली नेचर कैंप के विकास के लिए दस करोड़ रूपये भारत दर्शन योजना के अंतर्गत स्वीकृत किए गए हैँ। यहीं स्थित मधेश्वर महादेव को हाल ही में गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड ने विश्व का सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में मान्यता दी है। इसके साथ ही सीएम विष्णुदेव साय ने जिले को पर्यटन नक्शे से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए फरसाबहार ब्लाक में स्थित कोतेबीराधाम में लक्ष्मण झूला के तर्ज पर पुल निर्माण की घोषणा की है। इसके साथ ही जिले में देशदेखा,रानीदाह जैसे पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय का लक्ष्य जिले में ग्रीन उद्योग विकसित कर जिलेवासियों को रोजगार उपलब्ध कराना है।
रायपुर में भाजपा की अहम बैठक में बनी रूपरेखा, कांग्रेस के लोकतंत्र विरोधी कृत्यों को उजागर करेगी पार्टी
रायपुर/शौर्यपथ विशेष संवाददाता
भारतीय लोकतंत्र के सबसे काले अध्याय — आपातकाल की 50वीं बरसी पर छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी राज्यभर में संगठित, चरणबद्ध और जागरूकता से परिपूर्ण कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित करेगी। इस संबंध में 19 जून 2025 को रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में महत्वपूर्ण संगठनात्मक बैठक आयोजित हुई, जिसमें आगामी दिनों में पार्टी द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई।
आपातकाल पर होगा विचार, विरोध और विवेचना का समन्वित आयोजन
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 25 जून को आपातकाल की 50वीं बरसी को छत्तीसगढ़ भाजपा "लोकतंत्र बचाओ दिवस" के रूप में मनाएगी।प्रदेशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस,विचार गोष्ठियाँ,प्रदर्शन,और युवाओं के बीच संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल थोपे जाने के ऐतिहासिक सच को सामने लाया जाएगा।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी की सत्ता लालसा ने देश को अंधकार में ढकेल दिया था। लाखों निर्दोष नागरिकों को मीसा और डीआईआर जैसे काले कानूनों के तहत बिना मुकदमे जेलों में ठूंस दिया गया था, पत्रकारिता का गला घोंटा गया था और लोकतंत्र का अपमान हुआ था। आज की नई पीढ़ी को इस काले इतिहास से अवगत कराना भाजपा की वैचारिक जिम्मेदारी है।
बैठक में शामिल हुए ये प्रमुख नेता
बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल, प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, सांसद संतोष पांडे, सभी कैबिनेट मंत्री, विधायकगण और प्रदेश महामंत्रीगण समेत संगठन के विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित रहे।
इन आयोजनों पर भी बनी रूपरेखा
बैठक में 25 जून के अलावा 21 जून को योग दिवस और 23 जून को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस के आयोजन पर भी चर्चा की गई। योग दिवस पर भाजपा नेता प्रदेशभर के तीर्थ, पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों पर उपस्थित रहेंगे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस पर कश्मीर के एक देश, एक निशान, एक विधान के आंदोलन को याद करते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
"संकल्प से सिद्धि – 11 साल बेमिसाल" अभियान की समीक्षा
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 वर्षों के कार्यकाल की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु चलाए जा रहे "संकल्प से सिद्धि – 11 साल बेमिसाल" अभियान की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
घर-घर संपर्क,व्यावसायिक बैठकों,गोष्ठियों और प्रदर्शनियों के माध्यम से सुशासन, सेवा और गरीब कल्याण की योजनाओं को जनता तक पहुँचाया जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव का वक्तव्य
पत्रकारों से चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा:"बैठक में यह सुनिश्चित किया गया है कि पार्टी के हर कार्यक्रम में विधायकों, कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों की सहभागिता हो। लोकतंत्र की रक्षा और संविधान के सम्मान की भावना को लेकर हम पूरे राज्य में जनजागरण करेंगे।"