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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
रायपुर/शौर्यपथ /जंगलों से घिरे कोरबा जिले के लेमरू ब्लॉक के घोंघीबहरा गांव की श्रीमती दिलेशरी मंझुवार के घर हाल ही में खुशियों की लहर दौड़ गई। बेटी अनुष्का की छठी का आयोजन ऐसे समय हुआ, जब यह परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। लेकिन इन खुशियों के पीछे एक मजबूत सहारा बनी छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना, जिसके तहत श्रीमती दिलेशरी को हर महीने एक हजार की आर्थिक मदद मिल रही है।
गर्भावस्था के दौरान श्रीमती दिलेशरी को कई तरह की चिंताएं सताती थीं। घर की माली हालत ऐसी नहीं थी कि बच्चे के जन्म के बाद कोई खास आयोजन कर सकें। लेकिन जब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा महतारी वंदन योजना की शुरुआत की गई, तो श्रीमती दिलेशरी ने भी आवेदन किया। योजना का लाभ मिलना शुरू हुआ और गर्भावस्था के दौरान यह राशि उनके लिए राहत बन गई।
बेटी अनुष्का के जन्म के बाद जब छठी का समय आया, तो खाते में जमा योजना की राशि ने उनकी सारी चिंता दूर कर दी। श्रीमती दिलेशरी ने खुशी-खुशी छठी का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि इस आयोजन के लिए किसी से उधार नहीं लेना पड़ा, न ही किसी से मदद मांगनी पड़ी। मजदूरी पर आधारित आय वाले इस परिवार के लिए यह योजना अब केवल एक सहायता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया कदम है। श्रीमती दिलेशरी अब घर से लगे जमीन को समतल कर खेत बनाना चाहती हैं और इसके लिए भी योजना की राशि बचा रही हैं।
महतारी वंदन योजना हमारे जैसे गरीब परिवारों के लिए जीवन की सबसे बड़ी ताकत बनकर आई है, श्रीमती दिलेशरी कहती हैं। यह योजना हमें आत्मसम्मान के साथ जीने का हक देती है। जरूरत के समय अब हमें किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता। राज्य सरकार की यह योजना न सिर्फ आर्थिक सहायता का माध्यम बन रही है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं में आत्मविश्वास और स्वावलंबन की भावना भी जगा रही है।
रायपुर /शौर्यपथ /हर घर जल योजना के तहत् महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखण्ड का ग्राम गबोद, में तस्वीर बदल गई है। उल्लेखनीय है कि ग्राम गबोद हरियाली और स्वच्छता के लिए “ग्रीन गाँव” के नाम से प्रसिद्ध है। जल जीवन मिशन के द्वारा हर घर नल हर घर जल योजना से हुए सफलता पूर्वक कार्यों के कारण अब गबोद एक और बड़ी उपलब्धि के साथ नई पहचान बना रहा है।
यह गांव अब “हर घर जल ग्राम“ घोषित हो चुका है। 14 जनवरी 2025 को गबोद गांव को यह उपाधि तब मिली जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना के तहत यहां हर घर में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो गई। यहां गांववासियों का अनुशासन और देशभक्ति भी तारीफे काबिल है। हर सुबह 7ः30 बजे गांव का हर नागरिक अपने घर के बाहर आकर राष्ट्रगान में भाग लेता है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में 89.39 लाख रुपये की लागत से गांव में 40 किलोलीटर की उच्चस्तरीय जलागार और 760 मीटर पाइपलाइन के साथ 138 घरों में नल कनेक्शन प्रदान किए गए। इस योजना के तहत अब गांव के हर घर तक शुद्ध जल पहुंच रहा है। इससे पहले महिलाओं और बच्चों को गांव के 5 हैंडपंप और कुछ कुओं से पानी लाना पड़ता था। बरसात के समय पानी लाने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था, और कभी-कभी विवाद भी हो जाते थे। अब यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो चुकी है।
महिलाओं को स्वच्छ जल मिलने से स्वास्थ्य में सुधार हुआ है और समय की बचत होने से वे अब आर्थिक गतिविधियों में भाग ले रही हैं। बच्चों को पढ़ाई का समय मिलने लगा है और गर्भवती महिलाओं को भी विशेष लाभ मिला है, जिससे गर्भपात जैसी समस्याएं कम हुई हैं। गांव के लोग अब जल संरक्षण और पौधारोपण जैसे कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। ग्रीन गाँव का यह उदाहरण अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बन रहा है।
गांव की महिला श्रीमति पूजा सिंह ठाकुर ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, “अब पानी की वह समस्या नहीं रही जो पहले होती थी। हम सब सरकार के आभारी हैं।” गबोद ग्राम के समस्त नागरिकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को इस उपलब्धि के लिए धन्यवाद दिया है।
बिहान ने संवारी नीलबती की जिंदगी
रायपुर/शौर्यपथ /राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित ‘बिहान’ योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत महिलाओं और युवतियों को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना से जुड़कर जिले की कई महिलाएं आज अपने पैरों पर खड़ी हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। इन्हीं में से एक हैं माकड़ी विकासखंड के ग्राम गुमड़ी की श्रीमती नीलबती नाग, जिन्होंने ‘बिहान’ से जुड़कर न केवल अपने परिवार को संबल दिया, बल्कि अपनी नई पहचान भी बनाई।
पहले नीलबती नाग के परिवार को जीवनयापन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। वे और उनके पति रामदयाल नाग मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। कठिन आर्थिक हालात और चुनौतियों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वर्ष 2014 में नीलबती ‘बिहान’ योजना से जुड़ीं और महिला बचत स्व-सहायता समूह की सदस्य बनीं। आज वे समूह में सचिव के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
माकड़ी विकासखंड की टीम के मार्गदर्शन में उन्होंने समूह की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया और उन्हें बिहान से जोड़ा। समूह से ऋण प्राप्त कर नीलबती ने अपने गांव में एक किराना दुकान की शुरुआत की। उन्होंने दुकान को सुव्यवस्थित ढंग से सजाया और स्थानीय जरूरत के अनुसार आवश्यक वस्तुओं को रखीं, जिससे गांववासियों को सुविधा मिली। आज नीलबती को किराना दुकान से प्रतिमाह लगभग 8,000 रुपये की आय हो रही है। इसके अलावा महतारी वंदन योजना के तहत उन्हें हर महीने 01 हजार रूपए प्रतिमाह लाभ भी मिल रहा है। शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर न केवल आत्मनिर्भर हुईं, बल्कि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में भी सुधार किया। उनकी यह सफलता उन तमाम ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो जीवन में बदलाव लाने की इच्छा रखती हैं। नीलबती नाग ने यह साबित किया कि महिलाएं अपनी दृढ़ संकल्प से अपने परिवार के जीवन को नई दिशा दे सकती हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 18 नए अग्निशमन वाहनों को दिखाई हरी झंडी
नवा रायपुर में अग्निशमन केंद्र सह आवासीय परिसर का किया लोकार्पण
अत्याधुनिक अग्निशमन वाहनों से राहत कार्यों को मिलेगी गति
रायपुर /शौर्यपथ /प्रदेश की नागरिक सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार प्रतिबद्ध प्रयास कर रही है। संसाधनों के आधुनिकीकरण, अग्निशमन सेवाओं को तकनीकी रूप से उन्नत करने और जवानों के प्रशिक्षण व मनोबल को प्राथमिकता देने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के माना कैंप स्थित नगर सेना केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान परिसर में आयोजित कार्यक्रम में 18 नवीन अग्निशमन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने सेक्टर-13, नवा रायपुर में नवनिर्मित अग्निशमन केंद्र सह आवासीय परिसर और माना में नवीन सेनानी कार्यालय का भी लोकार्पण किया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
आपातकालीन सेवाओं को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ये अत्याधुनिक अग्निशमन वाहन प्रदेश की त्वरित आपातकालीन सेवाओं की क्षमता को नई गति देंगे। उन्होंने इसे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकार्पित भवनों के माध्यम से अग्निशमन तंत्र को मजबूती मिलेगी और हमारे जवानों की दक्षता में भी इजाफा होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन नए वाहनों से आगजनी की घटनाओं पर पहले से कहीं अधिक प्रभावी तरीके से और तेज़ी से काबू पाया जा सकेगा, जिससे जान-माल की रक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि जीवन की रक्षा सबसे बड़ा कार्य है और इसे पूरी निष्ठा और तत्परता से निभाने वाले अग्निशमन कर्मी हमारे सच्चे नायक हैं, जिनकी सेवाओं को समाज हमेशा सम्मान की दृष्टि से देखता है।
आपातकालीन सेवा का डेमो और अत्याधुनिक उपकरणों की प्रदर्शनी
कार्यक्रम के दौरान राज्य आपदा मोचन बल और अग्निशमन राहत दल द्वारा आगजनी की घटना पर आधारित आपातकालीन सेवा का प्रदर्शन (डेमो) भी किया गया। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन को गहरी रुचि और गंभीरता से देखा और जवानों की तत्परता व सजगता की भूरी-भूरी प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने अग्निशमन सेवाओं में उपयोग होने वाले अत्याधुनिक उपकरणों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। विभागीय अधिकारियों ने उन्हें लुकास जैक, ग्लास ब्रेकर, एयर लिफ्टिंग बैग, पेलिकन टावर लाइट, डायमंड टिप, चेन सॉ, फायर जैल ब्लैकेट, फायर सूट और अंडर वॉटर कैमरा जैसे उपकरणों की कार्यप्रणाली और उपयोगिता की जानकारी दी।
अग्निशमन सेवाओं का निरंतर हो रहा सशक्तिकरण
उप पुलिस महानिरीक्षक अजात शत्रु बहादुर सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में अग्निशमन सेवा को नगरीय निकाय से हस्तांतरित किया गया था। वर्तमान में प्रतिवर्ष औसतन 8,000 फायर कॉल प्राप्त होते हैं, जबकि ग्रीष्मकाल में यह संख्या प्रतिदिन 40 तक पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि आज जिन 18 नवीन अग्निशमन वाहनों को शामिल किया गया है, उनके साथ विभाग के पास अब कुल 161 अग्निशमन वाहन उपलब्ध हो गए हैं। रायगढ़, कोरबा, कबीरधाम, दंतेवाड़ा, धमतरी, कोरिया और अंबिकापुर जैसे जिलों को आज ही ये वाहन सौंपे गए हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि एनआरडीए द्वारा नवा रायपुर में अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के लिए 5.5 करोड़ रुपये की लागत से फायर स्टेशन सह आवासीय परिसर का निर्माण कराया गया है, जिसका आज लोकार्पण हुआ।
शहीद अग्निशमन कर्मियों को समर्पित अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह
अजात शत्रु बहादुर सिंह ने बताया कि अग्निशमन सेवाओं में अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर कर्मचारियों की स्मृति में प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को शहीद दिवस मनाया जाता है और 14 से 20 अप्रैल तक पूरे देश में अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह आयोजित किया जाता है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में भी इस वर्ष अग्निशमन सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम में विधायक मोतीलाल साहू, अपर मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम और मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
रायपुर /शौर्यपथ /मंत्रिपरिषद की बैठक में परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के हित में निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड, सरगुजा/बस्तर/बिलासपुर द्वारा आयोजित परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी अभ्यर्थी जो परीक्षा अथवा साक्षात्कार में उपस्थित होंगे उन्हें उनके द्वारा दी गई परीक्षा शुल्क की राशि वापस की जाएगी।
इससे सिरियस केन्डीडेट की परीक्षा में उपस्थिति का प्रतिशत बढ़ेगा, वहीं नॉन सिरियस केन्डीडेट और इनइलिजिबल केन्डीडेट परीक्षा फॉर्म नहीं भरेंगे और इनके कारण राज्य शासन को होने वाली आर्थिक क्षति भी कम होगी।
कैबिनेट की बैठक में राज्य के छोटे व्यापारियों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान (संशोधन) अध्यादेश-2025 के प्रारूप में निहित संशोधन का अनुमोदन किया गया।
जिसके अनुसार राज्य सरकार छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करेगी और 10 साल से अधिक पुराने लंबित मामलों में 25 हजार रूपए तक की वैट देनदरियों को माफ करेगी। इससे 40 हजार से अधिक व्यापारियों को लाभ होगा और 62 हजार से अधिक मुकदमेबाजी के मामलों में कमी आएगी।
कैबिनेट की बैठक में नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ में एन.आई.एफ.टी.के कैम्पस को मंजूरी प्रदान की गई। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान का नया कैम्पस छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में स्थापित किया जाएगा। कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार इस परियोजना की कुल संभावित लागत करीब 271.18 करोड़ रुपये होगी। इसमें भूमि क्रय हेतु 21.18 करोड़, भवन निर्माण के लिए 200 करोड़ और मशीनरी, फर्नीचर आदि के लिए 50 करोड़ रुपये का व्यय शामिल है।
इस संस्थान की स्थापना से फैशन शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं को नए अवसर मिलेंगे और फैशन उद्योग को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित मानव संसाधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान भारत में फैशन शिक्षा का एक प्रमुख संस्थान है, जिसकी स्थापना 1986 में कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के तहत हुई थी। एन.आई.एफ.टी. के पूरे भारत में 17 परिसर हैं, जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु शामिल हैं। यह संस्थान फैशन डिजाइन, प्रबंधन और प्रौद्योगिकी में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करता है। संस्थान फैशन डिजाइन, टेक्सटाइल डिजाइन, फैशन प्रबंधन और फैशन प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखता है। यह छात्रों को व्यावहारिक अनुभव और प्लेसमेंट के अवसर प्रदान करने के लिए फैशन उद्योग के साथ सहयोग करता है।
मंत्रिपरिषद ने राज्य के नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट सह कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण हेतु स्थापित किये जा रहे बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु रियायती लीज (Lease) दरों पर शासकीय भूमि आबंटन किये जाने की सहमति प्रदान करते हुए आगे की कार्यवाही के लिए नगरीय प्रशासन विभाग एवं संबंधित नगर निगमों को अधिकृत किया है।
मंत्रिपरिषद ने राज्य में सहकारिता को प्रोत्साहन दिये जाने के उद्देश्य से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शक्कर वितरण हेतु अप्रैल 2025 से मार्च 2026 तक आवश्यक शक्कर का क्रय राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों से करने का निर्णय लिया है। इस हेतु शक्कर का क्रय मूल्य 37,000 रू. प्रति टन (एक्स फैक्ट्री, जी.एस.टी. अतिरिक्त) निर्धारित किया गया है।
मंत्रिपरिषद ने स्थानीय रोजगार और सूक्ष्म-लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) को राज्य में हैवी अर्थ मूविंग इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग संयंत्र स्थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इसके लिए 100 एकड़ भूमि को टोकन दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया है।
पात्र परिवारों को पक्का मकान दिलाना हमारी जिम्मेदारी : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
राज्य में 15 से 30 अप्रैल तक चलेगा मोर दुआर-साय सरकार महाभियान
रायपुर/शौर्यपथ / उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा आज बस्तर जिले के ग्राम शासनकचौरा और हलबा कचौरा में प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण के अंतर्गत 'आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण विशेष पखवाड़ा' के तहत 3 हितग्राहियों के घर जाकर ‘आवास प्लस 2024 (2.0)’ मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सर्वे किया। ग्रामवासियों से आत्मीय संवाद किया। उप मुख्यमंत्री के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों में भारी उत्साह दिखाई दिया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रत्येक पात्र ग्रामीण परिवार को पक्का और सुरक्षित घर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कार्य समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पूरा किया जाएगा, ताकि हर जरूरतमंद को योजना का लाभ मिले।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण आवास प्लस 2.0 के तहत सर्वेक्षण के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विशेष पहल पर 15 दिवसीय मोर दुआर-साय सरकार महाभियान शुरू किया गया है। यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। मोर दुआर-साय सरकार महाभियान का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के ऐसे ग्रामीण परिवारों की पहचान करना है, जिन्हें अब तक किसी भी आवासीय योजना के तहत पक्का आवास नहीं मिल सका है। उन्हें पक्के आवास की सुविधा उपलब्ध कराना है।
इस महाभियान में राज्य के प्रत्येक गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस 2.0 के हितग्राहियों के सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा, ताकि योजनांतर्गत आवास की स्वीकृति एवं निर्माण कार्य कराया जा सके। यह महाभियान तीन चरणों में संचालित होगा। पहले चरण में 15 से 19 अप्रैल के बीच जिला और ब्लॉक स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं। दूसरे चरण में 20 से 28 अप्रैल तक सभी ग्रामों में ग्राम सभाएं आयोजित कर घर-घर जाकर पात्र परिवारों का सर्वेक्षण किया जाएगा। तीसरे चरण में 29 और 30 अप्रैल को सभी सर्वेक्षणों की पुष्टि, ग्राम सभा की स्वीकृति और सत्यापन कर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर राज्य कार्यालय को भेजी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने ग्राम शासनकचौरा और हलबा कचौरा में आयोजित कार्यक्रम में स्वयं लाभार्थियों क्रमशः बृन्दावती भारती, दुलारी भारती और गुड्डुराम बघेल से चर्चा करते हुए उनके मकान की स्थिति जानी। उन्होंने ग्रामवासियों से सीधा संवाद करते हुए यह भी कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि कोई भी परिवार बिना पक्के मकान के न रहे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वेक्षण के माध्यम से जो भी पात्र परिवार सामने आएंगे, उन्हें शीघ्रातिशीघ्र योजना में सम्मिलित किया जाएगा।
हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार : उपमुख्यमंत्री शर्मा
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्पष्ट लक्ष्य है कि देश के हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिले, जिसमें पक्का मकान एक बुनियादी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस संकल्प के साथ कार्य कर रही है कि कोई भी पात्र नागरिक सरकार की योजनाओं से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 2024-25 के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत कुल 11,50,315 मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 9,41,595 मकानों की पहले ही स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इनमें से 1,78,476 मकान पूर्ण रूप से निर्मित हो चुके हैं और शेष निर्माणाधीन हैं। अब तक कुल 3,59,037 लाभार्थियों को आवास मिल चुका है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुए लाभार्थी स्वयं भी मोबाइल ऐप के जरिए अपनी जानकारी अपलोड कर सकेंगे। इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा GRIH पोर्टल भी विकसित किया गया है।
पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का वादा सरकार भूली,भूख हड़ताल पर बैठे सचिव की मौत का जिम्मेदार कौन--डॉ. संदीप पाठक,सांसद, छग प्रभारी,AAP
रायपुर/शौर्यपथ /आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव, राज्यसभा सांसद और छत्तीसगढ़ प्रभारी डॉ. संदीप पाठक जी ने छत्तीसगढ़ प्रदेश में पंचायत सचिवों की भूख हड़ताल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव के समय मोदी गारंटी में भाजपा ने इन पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का वादा किया था। सरकार बनने के लगभग डेढ़ साल बाद भी सरकार को इनकी सुध नहीं है। आज भूख हड़ताल पर बैठे पंचायत सचिव की हार्ट अटैक से मौत हो गई वह पाली जनपद के ग्राम पंचायत कुटेला मुंडा में पदस्थ थे और 9 अप्रैल से ब्लॉक मुख्यालय में भूख हड़ताल पर थे।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में अपनी मांगों को लेकर 17 मार्च 2025 से पंचायत सचिव हड़ताल पर हैं। कई सचिव सेवानिवृत्त हो चुके हैं और कुछ शीघ्र होने वाले हैं, जिनके पास पेंशन या किसी अन्य प्रकार का सहारा नहीं है। 1995-96 से अल्प वेतन पर सेवा दे रहे सचिव अब जीवनयापन के संकट से जूझ रहे हैं। बीते विधानसभा चुनाव में इन लोगों को मोदी की गारंटी के तहत शासकीयकरण किए जाने का वादा किया गया था। राज्य में भाजपा की सरकार बने अब दो साल होने जा रहे है। इसके बाद भी मांग पूरी नहीं हुई।
भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव के मोदी गारंटी घोषणापत्र में पंचायत सचिवों की मांगों पर सरकार बनने के 100 दिन के अंदर पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार को डेढ़ साल होने को है सरकार ने अभी तक उनकी मांगे पूरी नहीं की हैं।भाजपा ने रायपुर में 7 जुलाई 2024 को आयोजित स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने भी आश्वासन दिया था कि इस दिशा में कार्य होगा और 2-3 माह के भीतर समिति बनाकर निर्णय लिया जाएगा, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. पंचायत सचिवों की राज्यव्यापी हड़ताल से पीएम आवास से लेकर मनरेगा, पेंशन वितरण समेत पंचायतों से जुड़े मूलभूत कार्य प्रभावित हो रहे है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू जी ने कहा कि आम आदमी पार्टी राज्य सरकार से आग्रह करती है कि इन पंचायत सचिवों की जायज मांगों को सुना जाए और उनकी मांगों को पूरा करें, आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ पंचायत सचिवों के साथ खड़ी है और यदि इनकी मांगे पूरी नहीं होती तो पार्टी इसके लिए जल्द ही बड़ा आंदोलन करेगी।
- ग्राम किरगी ब में निकाली गई जल कलश यात्रा
राजनांदगांव /शौर्यपथ /जिला प्रशासन व विभिन्न संगठनों एवं जनसामान्य द्वारा जिले में जल के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए नागरिकों में जागरूकता लाने विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। इसी कड़ी में पद्मश्री फूलबासन यादव के नेतृत्व में जनपद पंचायत डोंगरगांव के ग्राम किरगी में नीर और नारी जल यात्रा के संदेश के साथ ग्रामवासियों के सहयोग से जल कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा के माध्यम से जल संरक्षण एवं जल संरक्षण के लाभ से ग्रामीणों को जागरूक किया गया। पद्मश्री फूलबासन यादव ने ग्रामीणों को बताया गया कि राजनांदगांव जिला सेमीक्रिटिकल जोन घोषित हो गया है, ऐसी स्थिति में जिलेवासियों की जल संरक्षण को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में पेयजल समस्या से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी में मानव ही संजोने व संवारने का काम कर सकते हंै, प्रकृति से मिले इस जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करना होगा। मानव को सभी जीव-जंतुओं के बारे में भी सोचना चाहिए, जिनको जल संकट से परेशानी हो सकती है। जल कलश यात्रा में जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्री मनीष कुमार साहू, जनपद सदस्य श्री उमेश साहू, सरपंच ग्राम पंचायत किरगी ब श्रीमती इंद्रानी साहू एवं अन्य जनप्रतिनिधि, पंचगण एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
- उन्नत तकनीक से रबी मौसम में लगाई मूंगफली की फसल
- मूंगफली फसल में कम पानी, कम खाद, कम दवाई के उपयोग से कास्त लागत में आई कमी
राजनांदगांव /शौर्यपथ /फसल विविधीकरण को अपनाकर वनांचल ग्राम घोटिया के किसान श्री नारद पटेल ने रबी मौसम में उन्नत तकनीक से मूंगफली की फसल लेकर कास्त लागत से 4 गुना से अधिक का मुनाफा लिया है। छुरिया विकासखंड के ग्राम घोटिया निवासी श्री नारद पटेल ने बताया कि उन्होंने एक हेक्टेयर में मूंगफली की खेती की, जिसमें 12 क्ंिवटल का उत्पादन हुआ है जिससे उन्हें 72 हजार रूपए का कुल आय प्राप्त हुआ। इस खेती में कास्त लागत 14 हजार 47 रूपए लगा था और 57 हजार 953 रूपए की शुद्ध आय हुई है। श्री नारद ने बताया कि उनके पास 2 हेक्टेयर जमीन है। जिसमें वे एक हेक्टेयर में उद्यानिकी फसल तथा एक हेक्टेयर में मूंगफली की फसल ली है। श्री नारद विगत 12 वर्षों से सब्जी की खेती कर रहे हैं साथ ही मक्का एवं मूंग की खेती का अनुभव है। श्री नारद ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने टीआरएफए तिलहन योजनान्तर्गत 1 हेक्टेयर में मंूगफली का प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस योजना के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा मूंगफली का बीज प्रदाय किया गया था। इसके साथ-साथ मूंगफली की खेती के निंदाई, गुड़ाई के दौरान विभाग के अधिकारियों द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश एवं सलाह दिया गया। जिससे मंूगफली का उत्पादन बहुत अच्छा हुआ। श्री नारद ने बताया कि मूंगफली फसल में कम पानी, कम खाद, दवाई का उपयोग कम होता है, इसलिए कास्त लागत कम लगती है और आय अधिक होती है। उन्नत तकनीक से मूंगफली की खेती करने से आसपास के किसान काफी प्रभावित हुए हैं। क्षेत्र के किसान फसल विविधीकरण को अपनाकर उन्नत तकनीक से खेती करना चाह रहे हैं।
अधिकारी-कर्मचारियों को नियमित रूप से फील्ड विजिट कर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
बालोद/शौर्यपथ /कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने आज संयुक्त जिला कार्यालय सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग तथा समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों के अलावा सभी परियोजना अधिकारियों एवं सेक्टर सुपरवाईजरों को आंगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित रूप से निरीक्षण कर वहाँ सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने अधिकारी-कर्मचारियों को फील्ड में भी लगातार दौरा कर शासकीय योजनाओं का निर्धारित समयावधि में समुचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौजे, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी डीपी सिंह, समाज कल्याण विभाग के उप संचालक अजय गेडाम, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन अभियंता सहित परियोजना अधिकारी, सेक्टर सुपरवाईजर एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
बैठक में चन्द्रवाल ने सभी परियोजना अधिकारियों से अपने-अपने परियोजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी भवन निर्माण एवं मरम्मत कार्य के अलावा आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के अलावा शौचालय निर्माण के कार्य की प्रगति के संबंध मंे बारी-बारी से जानकारी ली। उन्होेंने अधिकारियों को इन सभी कार्यों को प्राथमिकता के साथ निर्धारित समयावधि में पूरा कराने के निर्देश भी दिए। इस दौरान श्री चन्द्रवाल ने अधिकारियों से आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं तथा बच्चों की दर्ज संख्या के अलावा उनकी उपस्थिति के आंकलन के संबंध में प्रारंभ किए गए पोषण ट्रेकर एप्प में आॅनलाईन एंट्री के कार्य के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को इस कार्य को शत प्रतिशत सही एवं त्रुटिरहित ढंग से पूरा कराने तथा इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं तथा विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को समुचित प्रशिक्षण भी प्रदान कराने के निर्देश दिए। इस संबंध में उन्होंने सभी परियोजना अधिकारियों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश देने को कहा। श्री चन्द्रवाल ने जिले के सभी शौचालय विहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण हेतु विभाग को प्रस्ताव भेजने के भी निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु चल रहे भर्ती प्रक्रिया के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कराने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा उन्होंने जिले में संचालित सखी वन स्टाॅप सेंटर में चल रहे भर्ती प्रक्रिया के संबंध में भी जानकारी ली। श्री चन्द्रवाल ने अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया को समय-सीमा में पूरा कराने के निर्देश दिए। बैठक में श्री चन्द्रवाल ने पूरक पोषण आहार कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को गर्म भोजन के वितरण के कार्य की भी जानकारी ली। इसके अलावा उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों के सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने हेतु पुराने भवनों का जाँच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बैठक में श्री चन्द्रवाल ने समाज कल्याण विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की। इसके अंतर्गत उन्होंने घरौंदा, नशामुक्ति केंन्द्र एवं प्रशामक गृह की व्यवस्थाओं तथा वहाँ निवासरत लोगों को प्रदान की जाने वाली भोजन, नाश्ता, स्वच्छ पेयजल तथा अन्य सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने इन स्थानों पर निवासरत लोगों को समय पर भोजन, नाश्ता आदि प्रदान करने के अलावा उनके इलाज की समुचित व्यवस्था करने तथा इन संस्थानों में शौचालय, साफ-सफाई एवं मनोरंजन आदि की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। श्री चन्द्रवाल ने समाज कल्याण विभाग के उप संचालक एवं अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को इन संस्थानों का नियमित रूप से फील्ड विजिट करने के निर्देश भी दिए।
गर्मी में मानव हो या फिर पशु-पक्षी सभी को ठंडे जल की तलाश रहती है। पक्षियों को पानी के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है:महापौर
दुर्ग/शौर्यपथ /सिकोला बस्ती स्थित ओम सत्यम शिक्षण एवं जन विकास समिति द्वारा गोंडवाना भवन सिविल लाइन में सकोरा पक्षियों के पानी के पात्र का वितरण महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने लोगो को किया।
इस अवसर पर एमआईसी सदस्य नरेंद्र बंजारे,ज्ञानेश्वर ताम्रकार,नीलेश अग्रवाल उपस्थित हुए सकोरा वितरण राहगीर एवं जागरूक जनता को प्रदान किया गया ओम सत्यम शिक्षण एवं जन विकास समिति के अध्यक्ष सीता राम ठाकुर सचिव।दिलीप ठाकुर सदस्य के आर मुदलियार लेखु यादव द्वारा सेवा व रचनात्मक कार्य में उल्लेखनीय भूमिका निभाई गई ज्ञातव्य हो कि समिति के तत्वाधान में विगत लगभग 30 वर्षों से वृद्धाश्रम,सेंट्रल जेल आदिवासी छात्रावास ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ परीक्षण एवं मार्गदर्शन शिविर आयोजित हो रही हे और पक्षियों के लिए सकोरा वितरण भी कई वर्षों से संपादित हो रही है,लोग इसे संवेदना युक्त क्रिया कलाप की संज्ञा भी देते हैं।
इस अवसर पर महापौर श्रीमती अलका बाघमार ने कहा कि भीषण गर्मी में आसमान से आग बरस रही है। गर्मी में मानव हो या फिर पशु-पक्षी सभी को ठंडे जल की तलाश रहती है। लोगों के लिए तो जगह-जगह प्याऊ व नल के साथ ही पानी की उचित व्यवस्था मिल ही जाती है, लेकिन पक्षियों को पानी के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है।
ऐसे में लोगों की जिम्मेदारी है कि वे पक्षियों के लिए दाना व पानी की उचित व्यवस्था कर अपने जिम्मेदारी का निर्वाहन करें। ताकि खुले आसमान और धूप में विचरण करने वाले पंछियों को राहत मिल सके।
भीषण गर्मी को देखते हुए शहर में बेजुबान पशु-पक्षियों के लिए भी दाना-पानी का इंतजाम करने का अभियान शुरू कर दिया। यह अभियान घरों घर चलाया जा रहा है, जिसमें जागरूक और पर्यारण प्रेमी शामिल हैं।
दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत आगामी दिनों पड़ने वाली भीषण गर्मी में विद्युत संबंधी तकनीकी खामी के चलते पानी सप्लाई बाधित होने से रोकने तथा शिवनाथ नदी इंटकवेल व फिल्टर प्लांट में किसी भी प्रकार के विद्युत व मशीनरी कार्य में दिक्कत न हो इसे ध्यान में रखते हुए नगर निगम के जलगृह विभाग ने कल 17 अप्रेल गुरुवार को एक साथ अलग अलग स्तर पर व्यापक तौर पर संधारण कार्य करने जा रही है जिसके चलते कल गुरुवार को शहर के 42 एम एल डी प्लांट के किसी भी टंकी से शाम की पाली की पानी सप्लाई नहीं होगा।
इस अत्यावश्यक कार्य की पूर्व तैयारी को लेकर आज सुबह महापौर श्रीमती अलका अलका बाघमार ने आयुक्त सुमित अग्रवाल की उपस्थिति में जल गृह प्रभारी श्रीमती लीना दिनेश की जलघर स्थित चेंबर में आपात बैठक लेकर विभागीय अधिकारियों को पूरी तैयारी के साथ संधारण कार्य पूरी करने व शट डाउन के दौरान आवश्यकतानुसार प्रभावित क्षेत्र में टैंकर की वैकल्लिप व्यस्था करने के निर्देश दिए है।
साथ ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों से आ रही लो प्रेशर बोरिंग नल मरम्मत जैसे कार्यों के लेट लतीफी के लिए अधिकारियों सख्त निर्देश देते हुए प्राथमिकता से रिपेयर कार्य पूरे करने कहा है बैठक में जल घर प्रभारी लीना दिनेश देवांगन के अलावा, लोक कर्म प्रभारी देवनारायण चंद्राकर,विद्युत विभाग प्रभारी ज्ञानेश्वर ताम्रकार,कार्यपालन अभियंता दिनेश नेताम, सहायक अभियंता गिरीश दीवान, जलकार्य निरीक्षक नारायण ठाकुर सहित निगम के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।
गुरुवार को निगम के जल गृह विभाग द्वारा जिन बड़े संधारण व अन्य कार्य किए जाएंगे।
प्रभावित क्षेत्रः- 24 एमएलडी टंकी रायपुर नाका, पांच बिल्डिंग सिविल लाईन, बोरसी- वार्ड नं. 49 (बोरसी पश्चिम), वार्ड नं. 50 (बोरसी पूर्व), वार्ड नं. 51 (बोरसी उत्तर), वार्ड नं. 52 (बोरसी दक्षिण) के आंशिक व वार्ड नं. 46 (पद्मनाभपुर पूर्व) के आंशिक,पोटिया टंकि वार्ड नं. 52 बोरसी दक्षिण, वार्ड नं. 53 पोटियाकला उत्तर, वार्ड नं. 54 पोटियाकला दक्षिण,बघेरा- वार्ड नं. 1 नयापारा, वार्ड नं. 2 राजीव नगर, वार्ड नं. 03 मठपारा दक्षिण, वार्ड नं. 04 मठपारा उत्तर रामनगर, बघेरा, बटालियन,सिकोला उरला- वार्ड नं. 14 सिकोला भाटा, वार्ड नं. 15 सिकोला बरती दक्षिण, वार्ड नं. 16 सिकोला बस्ती उत्तर, वार्ड नं. 57 उरला पश्चिम, वार्ड नं. 58 उरला पूर्व,कातुलबोर्ड:- वार्ड नं. 21 तितुरडीह आंशिक, वार्ड नं. 59 कातुलबोर्ड पूर्व, वार्ड नं. 60 कातुलबोर्ड पश्चिम,गंजपारा- वार्ड नं. 37 आजाद वार्ड, वार्ड नं. 38 मिलपारा, वार्डनं. 39 कचहरी वार्ड, वार्ड नं. 40 सुराना कॉलेज)₹, वार्ड नं. 41 केलाबाड़ी, वार्ड नं. 42 कसारीडीह पश्चिम में प्रथम चरण दिनांक 17 अप्रैल दिन गुरुवार को सुबह की सप्लाई नहीं हो पायेगी, दूसरे दिवस 18 अप्रैल को सुबह से वाटर सप्लाई सामान्य रूप से किया जावेगा।
नक्सलवाद के समूल उन्मूलन हेतु सरकार पूरी ताक़त और समर्पण के साथ काम कर रही कार्य: मुख्यमंत्री साय
अंतिम छोर तक योजनाओं का पहुंचे लाभ और हर हितग्राही तक शासन की पहुँच हो सुनिश्चित - मुख्यमंत्री
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज बस्तर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष 'प्रेरणा' में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्यमंत्री साय ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को हितग्राहीमूलक योजनाओं का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करते हुए प्राथमिकता से निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर के विकास की यात्रा अब ठहराव नहीं, निरंतर गति की मांग करती है। हमारा प्रयास है कि अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और हर हितग्राही तक शासन की पहुँच सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर अब पिछड़ेपन का प्रतीक नहीं, नए भारत की संभावनाओं का प्रवेश द्वार बन रहा है। यहां का हर गाँव, हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़े — यही हमारा लक्ष्य है। आयुष्मान, आधार, आवास और विद्युतीकरण जैसी योजनाएं केवल सरकारी परियोजनाएं नहीं, बल्कि आम जन की गरिमा और सुरक्षा की गारंटी हैं।
उन्होंने कहा कि बस्तर के युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। हम उन्हें सिर्फ कौशल नहीं, स्वाभिमान देना चाहते हैं। अब हमारा मंत्र है — हर घर में उजाला, हर हाथ में रोजगार और हर दिल में विश्वास। यही बस्तर की नई पहचान होगी, और यहीं से छत्तीसगढ़ की विकास गाथा को नई ऊँचाई मिलेगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आज की बैठक अत्यंत उपयोगी रही और इसमें बस्तर संभाग के विकास, शांति स्थापना और योजनाओं की प्रगति को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ। यह देखकर संतोष होता है कि बस्तर संभाग में शासन और प्रशासन की टीम युवा, ऊर्जावान और संकल्पबद्ध दिख रही है। जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और समस्त अधिकारियों की उपस्थिति यह प्रमाणित करती है कि हम सब विकास के प्रति गंभीर हैं और बस्तर में शांति स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निर्देश दिए कि नक्सलवाद के समूल उन्मूलन हेतु सरकार पूरी ताक़त और समर्पण के साथ काम कर रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में नक्सल उन्मूलन का कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और यह लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक पूर्ण करने का संकल्प है। हमारे सुरक्षा बलों का साहस, समर्पण और रणनीति के साथ काम करना इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा सत्र के प्रारंभ होने जा रहा है। उन्होंने जाति प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को समयबद्ध और सरल बनाने के निर्देश दिए ताकि बच्चों को कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि गर्मी और बारिश के मौसम में बीमारियों की आशंका रहती है, ऐसे में सीएससी स्तर और स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाइयों की उपलब्धता और चिकित्सकीय व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखें।उन्होंने कहा कि बस्तर में उद्योग की स्थापना को लेकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, महिलाओं और स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देते हुए उद्योग नीति में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिनसे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि बस्तर में अपूर्ण योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे हैं और जगदलपुर एयरपोर्ट से नियमित उड़ानें प्रारंभ करने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य अधोसंरचना परियोजनाओं पर भी गति लाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात की आवश्यकता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण यह और भी आवश्यक हो जाता है कि हम व्यक्तिगत लाभ आधारित योजनाओं को प्राथमिकता दें और प्रत्येक परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त करें। मोबाइल नेटवर्क की समस्याओं के कारण कई बार आधार, राशन, बैंकिंग जैसी सेवाएं बाधित होती हैं। संबंधित एजेंसियों से समन्वय कर इसका शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क और संचार उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के सम्बन्ध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित बसें चलाने की आवश्यकता है ताकि जनता को सुरक्षित व सुलभ आवागमन का साधन मिल सके।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों में जनता की जबरदस्त भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि लोग विकास से जुड़ना चाहते हैं और नक्सलवाद की विचारधारा से दूर होना चाहते हैं। हमें इसी विश्वास को और मजबूत करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को गंभीरता से लें, उन्हें सम्मान दें, और धैर्यपूर्वक उनकी बातों को सुनें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों में प्रशासनिक कुशलता के साथ मानवीय संवेदनशीलता भी आवश्यक है। बस्तर संभाग की जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें पूरी निष्ठा के साथ उनके कल्याण के लिए कार्य करना है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में समूचा बस्तर अलग ही परिदृश्य में दिखाई दे रहा है, बस्तर उन्नति की कहानी लिख रहा है। यह सभी के परिश्रम का परिणाम है। बस्तर की आवश्यकता का ध्यान रखते हुए कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी निर्माण कार्यो को समयावधि में पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश के पहले ही निर्माण कार्य पूर्ण हो।
बैठक के दौरान बस्तर संभाग के आयुक्त डोमन सिंह ने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 87.24 प्रतिशत और आधार कार्ड निर्माण में 96.37 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री साय ने आयुष्मान कार्ड और आधार कार्ड में शतप्रतिशत लक्ष्यपूर्ति के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
बैठक में अंदरूनी क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के समाधान के लिए मोबाइल टावर लगाने की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई।बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 93.37 प्रतिशत प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी पात्र हितग्राही आवास से वंचित न रहे, और सभी निर्माण कार्य आगामी दिसंबर माह तक पूर्ण कर लिए जाएँ। आवश्यक निर्माण सामग्री की आपूर्ति पंचायतों के माध्यम से एकसाथ करने की रणनीति पर भी जोर दिया गया।
बैठक में जानकारी दी गई कि विद्युतीकरण के क्षेत्र में बस्तर संभाग ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अब तक 95.89 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच चुकी है। कांकेर जिले में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है, वहीं बस्तर और कोंडागांव में यह आँकड़ा 99 प्रतिशत के पार पहुँच गया है। शेष जिलों में दिसंबर 2025 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना में 91.55 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया है। मुख्यमंत्री साय ने सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जैसे जिलों में गति लाने के निर्देश दिए। इसी तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 82.88 प्रतिशत किसानों को लाभ मिल रहा है। जनधन खातों में 90.79 प्रतिशत पात्र हितग्राही पंजीकृत हैं। राजस्व संबंधी प्रकरणों जैसे नामांतरण, सीमांकन, त्रुटि सुधार के मामलों में त्वरित एवं समयबद्ध निराकरण के निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्यमंत्री साय ने स्थानीय युवाओं को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाओं से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने प्रशिक्षित युवाओं को शतप्रतिशत प्लेसमेंट दिलाने और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पीसीसीएफ श्रीनिवास राव, बस्तर संभाग के आयुक्त, आईजी पुलिस, सभी जिलों के कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त सहित सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
550 से अधिक स्वच्छता लक्षित इकाइयों का रूपांतरण, खुले में कचरा फेंकने, गंदगी करने पर दंड का प्रावधान
स्वच्छता बढ़ाने कचरा डिस्पोजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने व स्वच्छ शौचालय के साथ ही लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने पर जोर
रायपुर/शौर्यपथ /उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव की पहल पर शहरों में स्वच्छ शौचालय उपलब्ध कराने तथा नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने 57 करोड़ 70 लाख रुपए जारी किए गए हैं। नगरीय प्रशासन विभाग ने स्वच्छ एवं सर्वसुविधायुक्त शौचालयों के लिए 144 नगरीय निकायों को 42 करोड़ 58 लाख रुपए जारी किए हैं। इस राशि से 1389 शौचालयों की मरम्मत की जाएगी। इसके साथ ही स्वच्छता श्रृंगार योजना के तहत सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव एवं संधारण के लिए 15 करोड़ 12 लाख रुपए भी मंजूर किए गए हैं। इस राशि से सामुदायिक शौचालयों के उन्नयन के कार्य किए जा रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव के निर्देश पर नगरीय निकायों में स्वच्छता अभियान की गति को और तेज करने, कचरा डिस्पोजल की व्यवस्था को सुदृढ़ करने, नागरिकों को स्वच्छ शौचालय उपलब्ध कराने तथा उन्हें स्वच्छता के प्रति जागरूक करने विभिन्न मदों से राशि जारी की गई है। इस राशि से शौचालयों की मरम्मत, सफाई तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के काम प्राथमिकता से किए जाएंगे।
उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालय एक सुविधा से कहीं अधिक आम नागरिकों के दैनिक जीवन का हिस्सा है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों की उपेक्षा के कारण नगरीय निकायों में शौचालयों की स्थिति जर्जर थी, वे उपयोग के लायक नहीं थे। राज्य सरकार ने शौचालयों की आवश्यकताओं को देखते हुए स्वच्छ एवं सर्वसुविधायुक्त शौचालय सुनिश्चित करने के लिए राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि हम नागरिकों को स्वच्छता के प्रति सजग करने के साथ ही उन्हें स्वच्छ, सुंदर और स्वस्थ वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
साव ने बताया कि नगरीय निकायों के सार्वजनिक स्थलों जैसे बाजार, बस स्टैंड, चौक-चौराहे एवं अन्य भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में मिशन मोड पर स्वच्छता लक्षित इकाइयों का चिन्हांकन कर स्वच्छता के कार्य किए जा रहे हैं। अब तक ऐसे 550 से अधिक स्थानों को सीटीयू या जीवीपी के रूप में चिन्हित कर स्वच्छ किया जा चुका है। इन स्थलों पर खुले में कचरा फेंकने या दोबारा गंदगी करने वालों के लिए दंड का प्रावधान भी किया गया है।
विभिन्न संस्थाओं और गतिविधियों के माध्यम से बढ़ाई जा रही सहभागिता
उप मुख्यमंत्री साव शौचालयों की गुणवत्ता में सुधार लाने नियमित रूप से समीक्षा कर रहे हैं। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने भी नगरीय निकायों के आयुक्तों एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को नागरिकों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। लोगों में जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सभी नगरीय निकायों को प्रचार-प्रसार (आईईसी) मद से आर्थिक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। वॉल पेंटिंग, वेस्ट-टू-आर्ट से बनी कलाकृतियों तथा बैक लेन सौंदर्गीकरण के माध्यम से स्वच्छता संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। शैक्षणिक संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों, स्वसहायता समूहों आदि के सहयोग से स्वच्छता पखवाड़ा, सफाई चौपाल, नुक्कड़ नाटक, प्लॉग रन, स्वच्छता शपथ जैसे कार्यक्रमों से नागरिकों की सहभागिता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग एवं राज्य सरकार की निरंतर कोशिशों से शहरों में स्वच्छता अभियान को नई गति मिली है। प्रदेश के सभी नगरीय निकाय स्वच्छता के इस जन आंदोलन से और अधिक प्रतिबद्धता से जुड़ गए हैं।