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रायपुर / SHOURYAPATH NEWS /
जो विपत्ति के समय में मदद करता है, वही जीवन का सच्चा साथी होता है। आज यह कहावत राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के लिए चरितार्थ साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर किसानों के लिए राज्य की महत्वाकांक्षी योजना ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ शुरू की गई है। वह निश्चित ही आज अपने उद्देश्य की ओर बढ़ रहा है। इस विषम परिस्थिति मंे धान के अंतरिम राशि का मिलना किसानों को एक बड़ी राहत प्रदान कर रहा है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बलौदाबाजार जिले के अंतर्गत ग्राम गैतरा के किसान श्री दिलेश्वर वर्मा को पहली किश्त की राशि 16 हजार 6 सौ 86 रूपए मिलने पर उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया है। श्री वर्मा ने बताया कि वर्ष 2019-20 में धान उपार्जन केन्द्र में 90 क्विंटल धान बेचा था और ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ के तहत् लगभग 63 हजार रूपए की सहायता राशि चार किश्तों में मिलेगी।
उन्होंने बताया कि प्रथम किश्त की अंतरिम राशि बैंक खाते में आ जाने से उन्हें आगामी खरीफ सीजन में खेती-किसानी की तैयारी करने में बड़ी मद्दगार साबित होगी और खाद-बीज आदि की व्यवस्था करने में अब आसानी होगी और इस राशि से ट्रैक्टर मालिक और कृषि केन्द्र की बकाया राशि को चुकाउंगा। इस आगामी फसल के दौरान अपने खेतों के मेड़ांे में अरहर लगा कर अतिरिक्त आय अर्जित करूंगा। श्री वर्मा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य शासन ने किसानों की समस्याओं को समझा और लॉकडाउन की इस संकट की घड़ी में ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ ने एक सच्चे साथी की महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
राज्य सरकार द्वारा 39 ट्रेनों के लिए रेल मण्डलों को 3.74 करोड़ रूपए भुगतान
रायपुर / SHOURYAPATH NEWS /
नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों तथा अन्य लोगों को मुख्यमंत्री बघेल की पहल पर वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है। अब तक 53 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 71 हजार 712 श्रमिकों को एवं 453 अन्य यात्रियों को वापस लाया गया है। राज्य सरकार द्वारा अन्य प्रदेशों से श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए कुल 59 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की सहमति दी गई है, इनमें से 39 श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए 3 करोड़ 74 लाख 31 हजार 330 रूपए की राशि रेल मण्डलों को भुगतान की गई है।
श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा प्रवासी श्रमिकों को छत्तीसगढ़ वापस लाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए विभिन्न रेल मण्डलों को श्रमिकों के यात्रा व्यय के लिए आवश्यक राशि का भुगतान किया जा रहा है। डॉ. डहरिया ने बताया कि लॉकडाउन के कारण श्रमिक जो छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं पर पहुंच रहे है एवं राज्य से होकर गुजरने वाले सभी श्रमिकों के लिए भोजन, पेयजल, स्वास्थ्य परीक्षण, चरण पादुका वितरण एवं परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था से श्रमिकों कोे काफी राहत मिली है। छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों को, चाहे वो किसी भी राज्य के हो, उन्हें छत्तीसगढ़ का मेहमान मान कर शासन-प्रशासन के लोग उनकी हरसंभव मदद कर रहे है।
उन्होंने बताया कि श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर श्रमिकों के लिए राशन एवं नगद आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रदेश के 26 हजार 205 श्रमिकों को 38 करोड़ 26 लाख रूपए बकाया वेतन का भुगतान भी कराया गया है। वहीं लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 1 लाख 4 हजार श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है और छोटे-बड़े 1390 से अधिक कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया है।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को सी.एस.आई.डी.सी. से जल्द ‘रेट कांट्रेक्ट‘ निर्धारित करने के दिए निर्देश
रायपुर / shouryapath news /
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के लघु उद्योगों में उत्पादित सामग्रियों के विपणन को प्रोत्साहन देने के लिए सभी विभागों को सी.एस.आई.डी.सी. के माध्यम से जल्द से जल्द रेट कांट्रेक्ट निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभागों द्वारा क्रय की जाने वाली सामग्रियों की सूची उद्योग विभाग-सी.एस.आई.डी.सी. को तत्काल उपलब्ध कराने तथा सी.एस.आई.डी.सी. को शीघ्र अतिशीघ्र समस्त वस्तुओं की दरें निर्धारित करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा पूर्व में राज्य के लघु उद्योगों द्वारा उत्पादित सामग्रियों के लिए सी.एस.आई.डी.सी. के माध्यम से ‘रेट कांट्रेक्ट‘ निर्धारित करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अभी भी अनेक विभागों द्वारा नियमित रूप से क्रय की जाने वाली विभिन्न सामग्रियों का ‘रेट कांट्रेक्ट‘ निर्धारित नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन वस्तुओं का राज्य में निर्माण नहीं होता है तथा विभागों द्वारा उनका नियमित क्रय किया जाता है, उन सभी वस्तुओं की आपूर्ति राज्य में निर्माता कंपनियों के अधिकृत वितरकों के माध्यम से ही की जाए, जिससे राज्य में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले और राज्य को जी.एस.टी. की क्षति भी नहीं हो।
//कंटेनमेंट जोन को छोड़कर जिले में सभी शासकीय कार्यालय संचालित होंगे
//विवाह समारोह में अधिकतम 50 और अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 व्यक्तियों को शामिल होने की मिलेगी अनुमति: एसडीएम और तहसीलदार देंगे अनुमति
//दुकानें और व्यावसायिक संस्थान सप्ताह के छह दिन सवेरे 7 बजे से शाम 7 बजे तक खुले रहेंगे
//स्ट्रीट वेंडरों के लिए स्थानीय निकाय तय करेंगे स्थान और समय
//अंतर्राज्यीय बसों का परिचालन प्रतिबंधित रहेगा
रेड और आरेंज जोन का निर्धारण स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा
//प्रत्येक क्वारेंटीन सेंटर के लिए प्रभारी अधिकारी और क्वारेंटीन सेंटर के समूहों की निगरानी के लिए जोनल अधिकारी तैनात किए जाएंगे
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री बघेल की अध्यक्षता में गत दिवस आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार राज्य शासन द्वारा आर्थिक गतिविधियों के संचालन, क्वारेंटीन सेंटर्स की व्यवस्थाओं, रेड, आरेंज जोन निर्धारण के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए है। जारी निर्देशों के अनुसार मई माह के अंतिम शनिवार-रविवार को होने वाले पूर्ण लॉकडाउन को निरस्त कर दिया गया है। इसलिए आगामी शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन नहीं रहेगा। सभी दुकानें और संस्थान जो भारत सरकार के गृह मंत्रालय अथवा राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंधित नहीं हैं वे सप्ताह के छह दिन सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक खुली रहेंगी।
दुकानें और व्यावसायिक संस्थान पहले की तरह खुलेंगी लेकिन वर्तमान में जारी समय सीमा और सप्ताहिक अवकाश का पालन करना होगा। बाजार पूर्व में निर्धारित दिनों और व्यवस्था के अनुसार वर्तमान में तय समय के अनुसार खोले जाएंगे। बहुत घने बाजारों में भीड़ को कम करने के लिए स्थानीय स्तर पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। सड़क किनारे सामान बेचने वालों (स्ट्रीटवेंर्डस) के लिए स्थानीय निकायों द्वारा स्थान और समय का निर्धारण कर फिजिकल डिस्टेंस का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इन व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय व्यापारी संघों के साथ चर्चा के निर्देश दिए गए हैं।
व्यावसायिक आटो और टैक्सियों का परिचालन 28 मई से परिवहन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार शुरू हो गया है। अंतर्राज्यीय व्यावसायिक बसों और अंतर्राज्यीय व्यावसायिक टैक्सियों का परिचालन आगामी आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा। अंतर्राज्यीय आवागमन ई-पास के जरिए हो सकेगा। ई-पास एप को विभिन्न श्रेणियों के लिए स्वचालित रूप से ई-पास जारी करने के लिए अपडेट किया गया है। टेऊन, टैक्सी, ऑटो एवं बस से यात्रियों को चिन्हित मार्ग से उनके गंतव्य तक जाने की अनुमति दी जाएगी। इन वाहनों में यात्रियों की संख्या बैठक क्षमता से अधिक न हो और यात्रियों को अनिवार्य रूप से मॉस्क पहनना होगा और फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखना होगा।
रेड और आरेंज जोन का निर्धारण स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा, लेकिन कंटेनमेंट जोन की सीमा का निर्धारण जिला कलेक्टरों द्वारा किया जाएगा। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि क्वारेंटीन सेंटर्स में सुरक्षा के सभी उपाय सुनिश्चित किए जाए। भवनों के बाहर आवागमन नियंत्रित किया जाए। क्वारेंटीन सेंटर्स में रूकने वालों को बरामदे में खुले में नही सोने दिया जाए। दरवाजे के नीचे खुले हिस्से को ढक कर रखा जाए। सांप और बिच्छु से बचाव के उपाय सुनिश्चित किए जाए। असुरक्षित क्वारेंटीन सेंटर्स को सुरक्षित भवनों और स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। क्वारेंटीन सेंटर्स में कमरों के अंदर आवश्यकतानुसार कुलर और अतिरिक्त पंखों की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। खाने की गुणवत्ता, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छ शौचालय आदि सुविधाओं का ध्यान रखा जाए। क्वारेंटीन सेंटर्स पर योग प्रशिक्षण और आउटडोर एक्टिविटी और खेल गतिविधियां भौतिक दूरी का ध्यान रख आयोजित की जा सकती हैं। इसके लिए कलेक्टर, एनजीओ और वालेंटियर्स की मदद ले सकते हैं। क्वारेंटीन सेंटर्स में रहने वालों के लिए दैनिक गतिविधियां तय की जाए। क्वारेंटीन सेंटरों की निगरानी के लिए जोनल अधिकारी नियुक्त किए जाए। प्रत्येक क्वारेंटीन सेंटर के लिए प्रभारी अधिकारी रखा जाए जो वहां उपलब्ध सुविधाओं के साथ-साथ सेंटर में रहने वाले की स्वास्थ्य जांच और कोरोना टेस्ट की निगरानी रखेंगे। इन निर्देशों के पालन के लिए प्रभारी अधिकारी जिम्मेदार होंगे। इन कार्यो में स्थानीय ग्राम पंचायत सचिव और स्थानीय लोगों की सहायता ली जा सकती है।
क्वारेंटीन सेंटर में रहने वाले जो लोग 14 दिनों की क्वारेंटीन अवधि सफलतापूर्वक पूरी कर लिए हो और जिनमें कोई लक्षण नहीं हैं उन्हें घर जाने की अनुमति दी जाए। यदि किसी में लक्षण मिलते हैं तो उनका टेस्ट निर्धारित एसओपी के अनुसार सुनिश्चित किया जाए। स्थानीय सरपंच और ग्राम पंचायत सचिव यह सुनिश्चित करेंगे कि घर जाने वाले लोग अगले सात से दस दिन तक अपने घरों में ही रहें। कलेक्टर क्वारेंटीन सेंटर्स में रहने वाले लोगों को तनाव मुक्त करने के लिए काउंसलर्स और मनोवैज्ञानिकों की सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। क्वारेंटीन सेंटर्स में लोगों के मनोरंजन के लिए टेलीविजन उपलब्ध कराए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
क्वारेंटीन कैम्प में रूके श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उनकी स्किल मेपिंग की जाएगी। इनमें से बहुत से श्रमिकों के कौशल के बारे में जानकारी रजिस्ट्रेशन के समय दी गई है। इस संबंध में श्रम, कौशल विकास विभाग और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सचिव द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। श्रम विभाग द्वारा ऐसे श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा जिनका अब तक रजिस्ट्रेशन नही हुआ है। श्रमिकों का मनरेगा कार्ड, राशन कार्ड, श्रमिक कार्ड बनाए जाएंगे। श्रमिकों का स्किल डेव्हलपमेंट, स्थानीय उद्योगों में रोजगार और सड़क निर्माण जैसे काम दिलाने के लिए रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। श्रमिकों के बच्चों के स्कूली शिक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। जिला पंचायतों को मनरेगा के अंतर्गत धान उपार्जन केन्द्रों पर पक्के चबूतरे निर्धारित मापदंड के अनुसार स्वीकृत करने के साथ मनरेगा में अधिक से अधिक कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे अधिक से अधिक श्रमिकों को बारिश के पहले रोजगार दिया जा सके।
औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियों के लिए आने वाले यात्रियों को यदि वे बताते हैं कि वे फैक्ट्री के मेंटेनेेस आदि कार्य के आ रहे हैं, उनके आने जाने के स्थान की जानकारी देने तथा आवेदन करने पर अनिवार्य क्वारेंटीन से छूट दी जा सकती है। कम समय के लिए आने वाले यात्रियों के लिए जिनके पास वापस जाने का कंफर्म टिकट है। उन्हें भी जानेे की अनुमति दी जा सकती है। यह भी प्रस्तावित किया गया है कि स्कूलों को एक जुलाई से प्रारंभ किया जाए इसलिए स्कूल खुलने के पहले स्कूलों को क्वारेंटीन सुविधा हटाकर भवन का सेनेटाईजेशन स्वास्थ्य विभाग से कराना सुनिश्चित किया जाए। विवाह और अंतिम संस्कार के लिए अनुमति देने के अधिकार एसडीएम और तहसीलदारों को देने का निर्णय लिया गया है। विवाह समारोह में अधिकतम 50 लोगों को और अंतिम संस्कार में अधिकतम 20 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। प्रदेश के एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले श्रमिकों को क्वारेंटीन में नही रखा जाए। पिछले कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ से दूसरे राज्यों में जा चुके श्रमिकों को यह छूट नही मिलेगी। कंटेनमेंट जोन को छोड़कर जिले में सभी शासकीय कार्यालय संचालित होंगे।
मुख्यमंत्री ने रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ कलेक्टर को दिए निर्देश
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के राज्य में ठहरने वाले स्टेशनों में प्रवासी श्रमिकों के लिए बिस्किट और पानी पाउच की समुचित व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा और रायगढ़ कलेक्टर को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण प्रवासी श्रमिकों के लिए रेल्वे स्टेशनों में भोजन-पानी की कोई व्यवस्था नही है और न ही वो टेऊनों से उतर पा रहे है। ऐसी स्थिति में उन्हें बिस्किट और पानी के पाउच आदि मुहैया कराने से काफी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों की उनके गृह राज्यों में वापसी के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही है। ऐसी श्रमिक स्पेशल ट्रेने जो छत्तीसगढ़ से होकर गुजरेंगी यदि आपके जिले में रूकती है तो कम से कम एक मुख्य स्टेशन में इन प्रवासी श्रमिकों के लिए पर्याप्त संख्या में बिस्किट और पानी पाउच की व्यवस्था की जाए। ट्रेन के स्टेशन पर रूकते ही तत्काल यात्रियों को इसके वितरण की व्यवस्था की जाए।
वितरण के लिए आवश्यक दल गठित कर लिए जाएं, साथ ही इस कार्य में वालिंटियर्य का सहयोग भी लिया जाए। सामग्री के वितरण का सुपरविजन जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। बिस्किट या अन्य खाद्य सामग्रियों को उचित ढंग से संग्रहित किया जाए ताकि वो खराब न हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए।
रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नति, वार्षिक वेतन वृद्धि में होगी मितव्ययता
राज्य सरकार के विभागों, कार्यालयों सहित निगम, मण्डल, आयोग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय और अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्थाओं में भी समान रूप से होगा लागू
वित्त विभाग ने जारी किया आदेश: 31 मार्च 2021 तक रहेगा लागू
रायपुर / शौर्यपथ / कोरोना संक्रमण (कोविड-19) से बचाव के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण राज्य सरकार के राजस्व प्राप्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही महामारी की रोकथाम के लिए अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था भी तत्काल किया जाना है, जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय व्यय के युक्तियुक्तकरण और उपलब्ध संसाधनों का विकासमूलक कार्यो के लिए अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए मितव्ययता के अनेक निर्णय लिए हैं।
जिसके तहत नए पदों का निर्माण, स्थानांतरण, महंगे होटलों में बैठकें, विदेश यात्रा और नए वाहनों की खरीदी पर रोक लगा दी गई है वहीं रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नति, वार्षिक वेतन वृद्धि में मितव्ययता के संबंध में निर्देश जारी किए गए है।
राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा इस संबंध में जारी निर्देश के तहत लोक सेवा आयोग से भरे जाने वाले सीधी भर्ती के रिक्त पदों एवं अनुकंपा नियुक्ति के पदों को छोड़कर शेष सभी भर्ती के रिक्त पदों को भरने के पहले वित्त विभाग की अनुमति ली जाएगी। जिन पदों के लिए वित्त विभाग से भर्ती की अनुमति प्राप्त हो चुकी है, किन्तु नियुक्ति शेष है उनके लिए भी वित्त विभाग की अनुमति पुनः प्राप्त की जाएगी। ऐसे प्रस्ताव को वित्त विभाग में भेजते समय इन पदों की पूर्ति पर आने वाले वार्षिक वित्तीय भार तथा पदों की पूर्ति की आवश्यकता का औचित्य दर्शाया जाएगा।
वित्त विभाग ने कहा है कि विभागों द्वारा नियमित पदोन्नति में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाए, किन्तु पदोन्नति के परिणाम स्वरूप होने वाले स्थानांतरण को रोकने के लिए याथसंभव उस पद को उसी स्थान पर आगामी आदेश तक अस्थाई तौर पर उन्नयन (अपग्रेड) कर दिया जाए। पदोन्नति-क्रमोन्नति के फलस्वरूप देयक एरियर्स राशि के भुगतान को वित्त विभाग के आगामी आदेश तक विलंबित रखा जाए। विभागों के स्थापना व्यय में वृद्धि को नियंत्रित रखने की दृष्टि से सभी शासकीय विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, निकायों में नवीन पद सृजन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है। विशेष परिस्थितियों में वित्त विभाग की सहमति से ही नवीन पद सृजित किए जा सकेंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के अनुसार स्थानांतरण पर प्रतिबंध है। स्थानांतरण केवल समन्वय में अनुमोदन के बाद ही किया जाएगा। स्थानांतरण पर अतिरिक्त व्यय भार को ध्यान में रखते हुए विभागों से यह अपेक्षा की गई है कि समन्वय मंे भी न्यूनतम स्थानांतरण किया जाए और अति आवश्यक होने पर स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण को प्राथमिकता दिया जाए। लोक हित में वांच्छित अपवाद को छोड़कर राज्य शासन के व्यय पर विदेश यात्राओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। शासकीय अधिकारियों के बिजनेस क्लास से हवाई यात्रा और प्रथम श्रेणी में रेल यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा। अनावश्यक एवं बिना सक्षम स्वीकृति के शासकीय भ्रमण प्रतिबंध रहेगा।
विभागों को बैठकों का आयोजन न्यूनतम करने को कहा गया है। कॉन्फ्रेंस, सेमिनार, शासकीय समारोह के आयोजनों में मितव्ययिता बरतने तथा अति आवश्यक बैठक-कार्यक्रम का आयोजन महंगे होटलों की बजाय शासकीय भवनों में करने के निर्देश दिए गए है। यथा संभव बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंस एवं वेबीनार के माध्यम से आयोजित की जाए। आदेश में कहा गया है कि विभागों द्वारा अति आवश्यक नवीन योजनाओं को ही चालू वर्ष में प्रारंभ करने की कार्यवाही-प्रस्ताव प्रेषित किया जाए तथा पूर्व से संचालित योजनाओं की अलग से समीक्षा की जाए। जो योजनाएं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनुपयोगी है। उनको समाप्त करने की कार्यवाही की जाए। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान नवीन वाहनों का क्रय पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा केवल अत्यावश्यक सेवाओं के लिए आवश्यक वाहनों का क्रय वित्त विभाग की अनुमति से किया जा सकेगा।
राज्य के शासकीय सेवकों को एक जुलाई 2020 एवं एक जनवरी 2021 में देय वार्षिक वेतन वृद्धि को आगामी आदेश तक विलंबित रखा गया है। किन्तु एक जनवरी 2021 एवं एक जुलाई 2021 से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय सेवकों के मामले में यह लागू नहीं होगा। विभिन्न विभागों द्वारा संचालित व्यक्तिगत जमा खाता (पीडी एकाउंट) जो एक वर्ष की अवधि से प्रचलन में नहीं है को तत्काल बंद करने तथा खाते में जमा राशि चालान के माध्यम से शासकीय कोष में जमा करने के निर्देश दिए गए है। राज्य पोषित योजना के तहत प्रावधानित राशि जो कि संचित निधि से 31 मार्च 2020 तक अग्रिम आहरित कर बैंक खातों में रखी गई है को अर्जित ब्याज सहित 15 जून 2020 तक राज्य शासन के खाते में वापिस जमा की जाएगी।
वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि कतिपय केन्द्रीय योजनाओं में राशि बजट के माध्यम से प्राप्त होती है। ऐसी योजनाओं में बजट में प्रावधानित राशि के विरूद्ध 31 मार्च 2020 तक अग्रिम आहरित कर बैंक खाते में जमा राशि में से कमिटेड एक्सपेंडिचर, जो तत्काल किया जाना संभावित हो, का भुगतान कर शेष समस्त राशि अर्जित ब्याज सहित मुख्य शीर्ष 8443-के-डिपाजिट में 15 जून 2020 तक अनिवार्य रूप से जमा करने को कहा गया है। विभागों द्वारा भविष्य में आवश्यकतानुसार वित्त विभाग की अनुमति से के-डिपाजिट में जमा राशि विमुक्त कराई जा सकेगी।
वित्त विभाग द्वारा जारी यह आदेश राज्य के शासकीय विभागों, कार्यालयों के साथ-साथ सभी निगम, मण्डल, आयोग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय और अनुदान प्राप्त स्वशासी संस्थाओं में भी समान रूप से लागू होंगे। ये निर्देश 31 मार्च 2021 तक लागू रहेंगे। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा आज मंत्रालय से सभी विभागों सहित अध्यक्ष, राजस्व मंडल, संभागीय कमिश्नरों, विभागाध्यक्षों और कलेक्टरों को परिपत्र जारी किया गया है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को ईद पर्व की मुबारकबाद दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ईद का पर्व प्रेम, सौहाद्र्र और भाईचारे का प्रतीक है। यह पर्व हमें ऊंच-नीच, छोटे-बड़े का भेदभाव भुलाकर एक दूसरे को गले लगाने का संदेश देता है। ईद वास्तव में सामाजिक समरसता का त्यौहार है। मुख्यमंत्री ने खुशी के इस पर्व को भाईचारे के साथ मनाने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोगों से अपील की है कि वे घरों में ही ईद की नमाज अदा करें और देश-प्रदेश की तरक्की, खुशहाली तथा अमन-शांति की दुआ करें।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना लोगों के जीवन में लाएगी बदलाव: श्रीमती सोनिया गांधी
छत्तीसगढ़ के किसानों के जीवन में खुशहाली का नया दौर शुरू: श्री भूपेश बघेल
राजीव गांधी किसान न्याय योजना की हुई शुरूआत
5750 करोड़ की राशि चार किश्तों में किसानों को मिलेगी: पहली किश्त 1500 करोड़ रूपए किसानों के खातों में ऑनलाईन अंतरित
वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए योजना का हुआ शुभारंभ
रायपुर /शौर्यपथ / पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.श्री राजीव गांधी के शहादत दिवस पर श्रीमती सोनिया गांधी और श्री राहुल गांधी की विशेष उपस्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना - राजीव गांधी किसान न्याय योजना का शुभारंभ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हुआ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में अपने मंत्रिमण्डल के सहयोगियों के साथ इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली 5750 करोड़ रूपए की राशि में से प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की। इस कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए वरिष्ठ नेता श्री मोतीलाल वोरा, सांसद श्री पी.एल. पुनिया, श्री रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित प्रदेश के जिलों से सांसद, विधायक और हितग्राही कृषक शामिल हुए।
शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा संासद श्री राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना संकट की स्थिति को देखते हुए मैंने प्रधानमंत्री जी से आग्रह किया था कि गरीबों को इस वक्त कर्ज की नहीं बल्कि नगद राशि की जरूरत है। इसका बढिय़ा रास्ता छत्तीसगढ़ सरकार ने निकाला है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने किसानों को मदद पहुंचाने के लिए उनके खाते में सीधे राशि दी है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ सरकार संकट के समय में, लोगों की मदद कैसे की जा सकती है, इसका देश को रास्ता दिखाया है। चाहे कोरोना संकट हो और कोई भी विपत्ति हम गरीबों का हाथ कभी नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हमें गरीबों की मदद करने के लिये उनके साथ खड़ा होना पड़ेगा। हमें मामूल है कि राज्य की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, इस हालत में भी छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को राहत पहुंचाने हेतु लिया गया यह निर्णय, कोई छोटा काम नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों एवं गरीबों की मदद करने का निर्णय हमने सोच-समझकर लिया है। यह किसी व्यक्ति विशेष का निर्णय नहीं है। यह छत्तीसगढ़ की आवाज है। यह रास्ता छत्तीसगढ़ के लोगों ने ही हमें बताया है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमण्डल के सभी सहयागियों और छत्तीसगढ़ की जनता को बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा-राजीव जी की भावना के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब आदिवासी किसानों की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को सीधे उनके खाते में राशि देने की शुरूआत की गई है। इस योजना के दूसरे चरण में ग्रामीण भूमिहीन मजदूरों को शामिल करने का निर्णय अपने आप में अनोखा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गरीब किसानों को मदद पहुंचाने की अनुकरणीय योजना है। इससे आदिवासियों, ग्रामीणों एवं गरीबों के जीवन में बदलाव आएगा, खुशहाली आएगी। ऐसी योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू कर जन-जन तक लाभ पहुंचाना राजीव जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि राजीव जी का यह मानना था कि खेती विकास की पूंजी है। भारत के विकास के लिये किसानों एवं गरीबों को मदद पहुुंचाना जरूरी है। उन्होंने इस क्रांतिकारी योजना के लिये मुख्यमंत्री बघेल की सरकार के साथ ही प्रदेश के गरीबों, किसानों एवं मजदूरों को शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की मूलभावना हमारे लिये मार्गदर्शिका है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसके माध्यम से हम किसानों एवं कमजोर वर्ग के लोगों को न सिर्फ सम्मान से जीने का अवसर उपलब्ध कराएंगे बल्कि गरीबी का कलंक मिटाने में भी सफल होंगे। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से राज्य के किसानों के जीवन में खुशहाली का नया दौर शुरू होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से लाभान्वित होने वालों में 90 प्रतिशत लघु-सीमांत किसान अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं गरीब तबके के हैं। इस योजना की प्रथम किश्त की राशि 1500 करोड़ रूपये हम सीधे किसानों के खाते में अंतरित कर रहे हैं। योजना के तहत राज्य के 19 लाख किसानों को इस वर्ष 5750 करोड़ रूपये दिए जाएंगे। इसके अंतर्गत धान की खेती के लिये किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रूपये तथा गन्ना की खेती के लिये प्रति एकड़ 13000 रूपये आदान सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा कि हमनें अब तक धान खरीदी, कर्जमाफी, फसल बीमा, सिंचाई कर की माफी और प्रोत्साहन राशि को मिलाकर किसानों को 40 हजार 700 करोड़ रूपये उनके खातों में सीधे अंतरित किए है।
उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। आज हम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी का पुण्य स्मरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के आधुनिक भारत निर्माण के स्वप्न दृष्टा राजीव जी यह दृष्टिकोण था कि- 'भारत में गरीबी उन्मूलन तथा आत्मनिर्भर भारत' निर्माण के लक्ष्य की प्राप्ति किसानों की आर्थिक दशा में सुधार के बिना संभव नहीं है। श्री राहुल गांधी की न्याय की वृहद अवधारणा के क्रियान्वयन की दिशा में और उनक मार्गदर्शन में प्रथम कदम है '' राजीव गांधी किसान न्याय योजना'' । मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि सोनिया जी और राहुल जी के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ देश के प्रथम राज्यों में से है जो कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के पालन करने में दृढ़ संकल्पित है।
प्रदेश के किसानों को मिलेगी बड़ी राहतरू 5700 करोड़ रूपए की राशि डीबीटी के माध्यम से चार किश्तों में जाएगी किसानों के खातों में
प्रदेश में धान, मक्का और गन्ना (रबी) के 19 लाख किसानों को मिलेगा फायदा
प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए कृषकों के खातों में होगा ऑनलाईन अंतरण
किसानों को खेती किसानी से जोडऩे देश में अपने किस्म की पहली योजना
मुख्यमंत्री बघेल ने योजना के शुभारंभ कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की
रायपुर / शौर्यपथ / पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी के शहादत दिवस 21 मई के दिन छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के लिए न्याय योजना शुरू कर रही है। दिल्ली से श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए इस योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री बघेल और मंत्रीमण्डल के सदस्यगण मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में दोपहर 12 बजे स्वर्गीय राजीव गांधी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके पश्चात् किसानों को दी जाने वाली 5700 करोड़ रूपए की राशि में से प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि के कृषकों के खातों में ऑनलाईन अंतरण की जाएगी। कार्यक्रम में जिलों से सांसद, विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि, किसान और विभिन्न योजनाओं के हितग्राही भी वीडियो कांफ्रेसिंग से जुड़ेंगे।
मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में योजना के शुभारंभ के लिए की जा रही तैयारियों की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा भी की। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ देश में पहला ऐसा राज्य है जो किसानों को सीधे तौर पर बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कर 5700 करोड़ रूपए की राहत प्रदान कर रहा है। कोरोना संकट के काल में किसानों को छत्तीसगढ़ सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से बड़ी राहत प्रदान करने जा रही है। इस योजना का उद्देश्य फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करना और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाना है।
मुख्यमंत्री बघेल कार्यक्रम के आरंभ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के संबंध में संक्षिप्त उद्बोधन देगें । कार्यक्रम में किसानों को दी जाने वाली 5700 करोड़ रूपए की राशि में से प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि के कृषकों के खातों में अंतरित की जाएगी। इस अवसर पर जिला मुख्यालयों में उपस्थित योजना के हितग्राहियों के साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और लघु वनोपज के हितग्राही तथा गन्ना और मक्का उत्पादक किसानों से वीडियो कांफ्रेसिंग से जरिए चर्चा भी की जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने तथा कृषि के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित करने लिए यह महत्वाकांक्षी योजना लागू की जा रही है। इस योजना से न केवल प्रदेश में फसल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम भी मिलेगा। इस योजना के तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5700 करोड़ रूपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में अंतरित की जाएगी। यह योजना किसानों को खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करने की देश में अपने तरह की एक बडी योजना है।
राज्य सरकार इस योजना के जरिए किसानों को खेती किसानी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए खरीफ 2019 से धान तथा मक्का लगाने वाले किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से अनुपातिक रूप से आदान सहायता राशि दी जाएगी। इस योजना में धान फसल के लिए 18 लाख 34 हजार 834 किसानो को प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि प्रदान की जाएगी। योजना से प्रदेश के 9 लाख 53 हजार 706 सीमांत कृषक, 5 लाख 60 हजार 284 लघु कृषक और 3 लाख 20 हजार 844 बड़े किसान लाभान्वित होंगें।
इसी तरह गन्ना फसल के लिए पेराई वर्ष 2019-20 में सहकारी कारखाना द्वारा क्रय किए गए गन्ना की मात्रा के आधार पर एफआरपी राशि 261 रूपए प्रति क्विंटल और प्रोत्साहन एवं आदान सहायता राशि 93.75 रूपए प्रति क्विंटल अर्थात अधिकतम 355 रूपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश के 34 हजार 637 किसानों को 73 करोड़ 55 लाख रूपए चार किश्तों में मिलेगा। जिसमें प्रथम किश्त 18.43 करोड़ रूपए की राशि 21 मई को अंतरित की जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इसके साथ ही वर्ष 2018-19 में सहकारी शक्कर कारखानों के माध्यम से खरीदे गए गन्ना की मात्रा के आधार पर 50 रूपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि (बकाया बोनस) भी प्रदान करने जा रही है। इसके तहत प्रदेश के 24 हजार 414 किसानों को 10 करोड़ 27 लाख रूपए राशि दी जाएगी। राज्य सरकार ने इस योजना के तहत खरीफ 2019 में सहकारी समिति, लैम्पस के माध्यम से उपार्जित मक्का फसल के किसानों को भी लाभ देने का निर्णय लिया है। मक्का फसल के आकड़े लिए जा रहे हैं, जिसके आधार पर आगामी किश्त में उनको भुगतान किया जाएगा।
इस योजना में राज्य सरकार ने खरीफ 2020 से इसमें धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कोटकी तथा रबी में गन्ना फसल को शामिल किया है। सरकार ने यह भी कहा है कि अनुदान लेने वाला किसान यदि गत वर्ष धान की फसल लेता है और इस साल धान के स्थान पर योजना में शामिल अन्य फसल लेता हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता दी जायेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील और मजबूत बनाने के लिए लॉकडाउन जैसे संकट के समय में किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत 900 करोड़ की राशि उनके खातों में अंतरित की गई है। मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा इसके पहले लगभग 18 लाख किसानों का 8800 करोड़ रूपए का कर्ज माफ किया गया है साथ ही कृषि भूमि अर्जन पर चार गुना मुआवजा, सिंचाई कर माफी जैसे कदम उठाकर किसानों को राहत पहुंचाई गई है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्ययोजना तैयार करने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित
समिति दो माह में तैयार करेगी विस्तृत कार्ययोजना का प्रस्ताव
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के भूमिहीन कृषि मजदूरों को ‘न्याय’ योजना के द्वितीय चरण में शामिल करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री बघेल ने इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित कर दी गई है, यह समिति दो माह में विस्तृत कार्ययोजना का प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करेगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित समिति में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय, प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास, श्रम विभाग के सचिव तथा अनुसूचित जाति-जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव इस समिति के सदस्य हैं।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में आज हुए सड़क हादसे से छत्तीसगढ़ की दो महिला श्रमिकों की हुई मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सड़क दुर्घटना में मृत श्रमिकों के परिजनों को 4-4 लाख रूपए और घायलों को 50-50 हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में घायल 6 श्रमिकों के बेहतर उपचार के लिए अधिकारियों को आवश्यक पहल करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि ये मजदूर राज्य के बिल्हा क्षेत्र के रहने वाले है जो महाराष्ट्र यवतमाल से बस द्वारा छत्तीसगढ़ लौट रहे थे।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश के बाद आज दो प्रवासी गर्भवती श्रमिक माताओं ने सुरक्षित प्रसव के जरिये स्वस्थ कन्याओं को जन्म दिया। दोनों ही माताएं अलग-अलग समय में अपने परिजनों के साथ राजनांदगांव जिले के बागनदी बार्डर पहुंची थीं, जहां उन्हें प्रवस पीड़ा शुरू हो गई। प्रशासन ने उन्हें तुरत स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचाकर सुरक्षित प्रसव का इंतजाम किया।
मूलतः कटई बेमेतरा निवासी श्रीमती त्रिवेणी साहू ने बागनदी बार्डर के उपस्वास्थ्य केंद्र में बच्ची को जन्म दिया। वहीं महाराष्ट्र के पुणे से आईं 28 वर्षीय सुरेखा पति कुमार सिंह निषाद ने छुरिया स्थित स्वास्थ्य केंद्र में बच्ची को जन्म दिया। छत्तीसगढ़ की सीमा में सुरेखा को प्रसव पीड़ा शुरु होने पर उन्हें पहले निकट के अस्तपाल पहुंचाया गया, जहां से छुरिया रेफर कर दिया गया। सुरेखा मूलतः दुर्ग जिले के सुखरीकला गांव की निवासी है।
दोनों ही मामलों में सुरक्षित प्रसव कराने में राजनांदगांव जिले के स्वास्थ्य विभाग के अमले ने तत्परता से कार्य किया। जिला कलेक्टर मौर्य ने स्वयं स्वस्थ्य केंद्र पहुंचकर जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
छत्तीसगढ़ की विभिन्न सीमाओं से हर रोज प्रवेश कर रहे हजारों मजदूरों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए शासन ने बसों के इंतजाम किए हैं। बसों की रवानगी से पहले मजदूरों के भोजन-पानी, चरणपादुका के प्रबंध के साथ-साथ उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं कि प्रवासी श्रमिक परिवारों में शामिल महिलाओं तथा बच्चों के स्वास्थ्य की विशेष देखभाल की जाए। क्वारेंटीन सेंटर में भी उनका विशेष ध्यान रखा जाए।
अब तक 15 ट्रेनों से 22 हजार श्रमिकों को की हुई सकुशल वापसी
वाहन एवं अन्य माध्यमों से 83 हजार 172 श्रमिक लौटे छत्तीसगढ़
रायपुर / शौर्यपथ / नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण छत्तीसगढ़ के बाहर अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के श्रमिकों तथा अन्य लोगों को लगतार वापसी जारी हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल एवं निर्देशन पर राज्य एवं राज्य के बाहर फंसे लगभग 3 लाख लोगों को त्वरित राहत पहुंचाई गई है। साथ ही प्रदेश के श्रमिकों को वापस लाने के लिए राज्य सरकारों से समन्वय कर 45 ट्रेनों की सहमति प्रदान की गई हैं।
श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा प्रवासी श्रमिकों को वापस छत्तीसगढ़ लाने के लिए स्पेशल ट्रेन के लिए विभिन्न रेल मण्डलों को श्रमिकों के यात्रा व्यय के लिए आवश्यक राशि का भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में 34 हजार 284 यात्रियों को 23 ट्रेनों से वापस लाने के लिए एक करोड़ 99 लाख 58 हजार 360 रूपए का भुगतान किया गया है।
राज्य सरकार इसके अलावा लॉकडाउन के कारण श्रमिकों एवं अन्य लोगों को जो छत्तीसगढ़ राज्य के सीमाओं पर पहुंच रहे है एवं राज्य की ओर से गुजरने वाले सभी श्रमिकों के लिए नाश्ता, भोजन, स्वास्थ्य परीक्षण एवं परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था ने श्रमिकों कोे काफी राहत पहुंचा रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ के सभी सीमाओं पर पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों को, चाहें वो किसी भी राज्य के हो, उन्हें छत्तीसगढ़ का मेहमान मान कर शासन-प्रशासन के लोग उनके हरसंभव मदद कर रहे है।
मंत्री डॉ. डहरिया ने बताया कि लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण देश के अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 2 लाख 51 हजार 867 श्रमिक तथा 22 हजार 168 अन्य लोगों इस तरह कुल 2 लाख 73 हजार 935 लोगों ने अब तक वापस अपने गृहग्राम आने के लिए राज्य शासन द्वारा जारी लिंक के माध्यम से ऑनलाईन पंजीयन करवाया है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा अन्य प्रदेशों में छत्तीसगढ़ के संकटापन्न प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए लगभग 45 ट्रेनों की सहमति राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई है। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा 34 हजार 284 श्रमिकों को छत्तीसगढ़ वापस लाने 23 ट्रेनों के लिए विभिन्न रेल मण्डलों को लगभग 2 करोड़ का भुगतान किया गया है। अब तक 15 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 22 हजार प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया जा चुका है। वाहन एवं अन्य माध्यमों से अन्य राज्यों में फंसे लगभग 83 हजार 172 श्रमिक सकुशल अपने गृहग्राम लौट चुके है। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के फंसे हुए लगभग 30 हजार से अधिक श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा गया है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के भीतर ही 11 हजार से अधिक श्रमिकों को एक जिले से अपने गृह जिला तक पहुंचाया गया है।
छत्तीसगढ़ के 2 लाख 51 हजार 867 प्रवासी श्रमिक सहित तीन लाख से अधिक लोगों को जो देश के अन्य राज्यों में होने की सूचना मिलने पर उनके द्वारा बतायी गई समस्याओं का त्वरित निदान करते हुए उनके लिए भोजन, राशन, नगद, नियोजकों से वेतन तथा रहने एवं चिकित्सा आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर (राशन एवं नगद) आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रदेश के 26 हजार 102 श्रमिकों को 36 करोड़ रूपए बकाया वेतन का भुगतान कराया गया है। लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 98 हजार श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वहीं छोटे-बड़े 1246 कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया है।
राजनांदगांव / शौर्यपथ / धूप और गम के बादल अब छंटने लगे हंै। कोविड-19 संक्रमण के कारण लॉकडाऊन में फंसे प्रदेश एवं अन्य प्रवासी श्रमिकों की पीड़ा को महसूस कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बागनदी बार्डर से उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान से बड़ी संख्या में श्रमिक बागनदी बार्डर आ रहे है। जिला प्रशासन ने तत्परता एवं सक्रियता से श्रमिकों के आवागमन के लिए बागनदी चेक पोस्ट में व्यवस्था की है। कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य निरंतर बागनदी चेक पोस्ट का निरीक्षण कर रहे है और व्यवस्था की निगरानी कर रहे हंै। श्रमिकों की सहायता के लिए काऊंटर बनाए गए है। विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रमिक सहायता केन्द्र में अपने गांव की ओर जाने वाले बसों का पता पूछकर जाने की तैयारी में खुश दिखाई दिए। बागनदी बार्डर में श्रमिकों के लिए सूखे नाश्ते एवं पेयजल की व्यवस्था की गई है। उन्हें ओआरएस घोल एवं शर्बत दिया जा रहा है। चेक पोस्ट में उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए काऊंटर बनाया गया है। समीप ही पुलिस सहायता केन्द्र में श्रमिकों को जानकारी देने के साथ ही मदद की जा रही है। श्रमिकों के पंजीयन के लिए दो काउंटर बनाए गए है। प्रवासी श्रमिकों को उनके राज्य तक एवं छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को उनके जिलों तक पहुंचाने के लिए लगभग 100 बसें लगी हुई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 53 में स्थित बागनदी बार्डर में प्रतिदिन लगभग 10 से 15 हजार श्रमिक सीमा में प्रवेश कर रहे है। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, मध्यप्रदेश से आने वाले यात्री लगातार आ रहे हंै। महाराष्ट्र एवं गुजरात परिवहन विभाग की बसों एवं उन राज्यों से आने वाले ट्रकों के माध्यम से बढ़ी संख्या में यात्रियों को बागनदी चेक पोस्ट के समीप उतार दिया जाता है। जिससे बागनदी चेक पोस्ट पर हजारों लोगों की भीड़ एकत्र हो रही है। सीमा पर आने वाले यात्री छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडि़सा, पश्चिम बंगाल के निवासी
जिले में लाकडाउन की समयावधि में प्रथम चरण (24 मार्च से 13 अप्रैल 2020), द्वितीय चरण (14 अप्रैल से 3 मई 2020) एवं तृतीय चरण (4 मई से 17 मई 2020) को मिलाकर अब तक राजनांदगांव के अंतर्राज्यीय सीमाओं से लगभग 2 लाख 10 हजार लोग प्रवेश कर चुके है। प्रवासी मजदूरों की जाने की व्यवस्था अंतर्गत पका हुआ भोजन एवं सूखा राशन लगभग 60 हजार से अधिक लोगों को प्रदान किया गया। क्वारेन्टाईन सेंटर जहां दूसरे राज्य के प्रवासी मजदूरों को 14 दिनों तक क्वांरेन्टाईन किया गया, सड़क चिरचारी में 800, रैन बसेरा राजनांदगांव में 300 लोगों को तथा दूसरे राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों के रहने, खाने, कपड़े और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं में लगभग 28 लाख रूपए व्यय किए गए है। जिले में क्वांरेन्टाईन सेंटरों की संख्या 1443 है, जिस पर अब तक 4 करोड़ 32 लाख 90 हजार रूपए व्यय किया जा चुका है। बागनदी से अन्य जिलों एवं अन्तर्राज्यीय सीमाओं तक प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिए 100 बसों की व्यवस्था की गई है। राजनांदगांव के रैन बसेरा से 24 अप्रैल 2020 से बसों के माध्यम से जिला कवर्धा, मुंगेली, बेमेतरा एवं बलोद के 12 हजार मजदूरों को अब तक पहुंचाया गया है। दूसरे राज्य से आए प्रवासी मजदूर का व्यय अस्थायी क्वांरेन्टाईन सेंटर (सड़क चिरचारी एवं अन्य चेक पोस्ट) में 28 लाख रूपए का व्यय हुआ। वही बस एवं डीजल व्यवस्था के लिए प्रतिदिन 15 से 20 लाख रूपए का व्यय हो रहा है। अब तक 30 लाख रूपए का व्यय किया जा चुका है।
बागनदी बार्डर पर पश्चिम बंगाल के केस्टो एवं रमेश विश्वास ने बताया कि रोजी-मजदूरी के लिए पुणा गए थे और ऐसी कठिन परिस्थिति में फंस गए थे कि अपने घर नहीं जा पा रहे थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की मदद से हम अपने घर तक पहुंच पाएंगे। छत्तर साहू ने बताया कि पुणा से वापस आया हूं। अब आज बेमेतरा अपने गांव साजा-बेलगांव चला जाऊंगा। रघुराम साय ने बताया कि झारखंड से हम 20 श्रमिक रोजी-मजदूरी करने के लिए महाराष्ट्र के नासिक शहर चले गए थे और वहां लॉकडाऊन में फंस गए थे। आज हम बस सेवा से अपने गांव गढ़वा चले जाएंगे। इसके लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया।