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टिप्स ट्रिक्स / शौर्यपथ /बढ़ा हुआ पेट सभी को परेशान करता है, बढ़ता वजन जहां सेहत के लिए खतरनाक है वहीं ये लुक्स को भी बिगाड़ता है, अगर आप भी चाहते है अपने पेट को कम करना वो भी जल्दी तो हम आपको इस लेख में कुछ ऐसे टिप्स बता रहे है जिन्हें अपनाकर आप बहुत आसानी से अपने पेट को कम कर सकते है आइए जानते हैं....
अगर आप एक ही बार में अधिक भोजन करने में यकीन करते हैं, और आपको इसकी आदत है, तो यह आदत बदल डालिए। अपनी डाइट को 2 या 3 भागों में बांट लें, और हर दो या तीन घंटे में थोड़ा-थोड़ा खाएं। इससे आपका पेट भरा रहेगा, ऊर्जा का स्तर भी बना रहेगा और पेट का मोटापा भी कम होगा।
2 गरम पानी - सुबह-सुबह खाली पेट गर्म पानी पीना, पेट कम करने के लिए बेहद फायदेमंद होगा। इससे पेट में जमा वसा धीरे-धीरे कम होगा। इसके अलावा अगर आप गरम पानी में नींबू और शहद डालकर पिएंगे तो यह और भी फायदेमंद साबित होगा। इतना ही नहीं, इसे रोजाना पीने से आप तरोताजा और ऊर्जावान भी महसूस करेंगे।
3 मॉर्निंग वॉक - सुबह-सुबह पैदल चलना, जॉगिंग करना या फिर पेट संबंधी व्यायाम करना, पेट की चर्बी कम करने का बेहतरीन विकल्प है। इससे धीरे-धीरे फैट भी कम होगा और आपका पाचन तंत्र भी बेहतर होगा। साथ ही शरीर में दिनभर ऊर्जा का स्तर बना रहेगा।
4 नौकासन - योगा आपके शरीर के साथ-साथ मानसिक परेशानियों को भी कम करता है। बढ़े हुए पेट को कम करने के लिए नौकासन योग का सबसे बेहतर विकल्प है। इससे पेट की चर्बी जिस तरह से कम होगी, आप खुद इस बदलाव को देख और महसूस कर पाएंगे।
देर रात न खाएं - देर रात को खाना खाना भी पेट की चर्बी बढ़ने का एक प्रमुख कारण है। हमेशा सोने से 2 घंटे पहले ही रात का भोजन कर लें। इसके अलावा आप चाहें तो रात के खाने में कुछ हल्का फुल्का ही खाएं। अगर खाना खाने के बाद थोड़ा समय टहलने के लिए निकालेंगे, तो यह सोने पर सुहागा होगा।
टिप्स ट्रिक्स / शौर्यपथ /इस नए दौर में हर किसी को मोबाइल फोन यूज करने की आदत हो चुकी है। मोबाइल के बगैर कुछ भी संभव नहीं। सुबह उठते ही सबसे पहले फोन उठाकर नए नोटिफिकेशन चेक करते हैं। यहां तक की मॉर्निंग वॉक करते समय भी लोग मोबाइल का इस्तेमाल करना बंद नहीं करते। अगर आपको भी सुबह टहलते वक्त मोबाइल की आदत है तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है।
मांसपेशियों में दर्द
मॉर्निंग वॉक करते समय हम अपनी दोनों हाथों को ऊपर नीचे करते हैं। इस प्रक्रिया में पूरे हाथों और मांसपेशियों की एक्सरसाइज होती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार जब हम मोबाइल को एक हाथ में पकड़कर टहलते हैं तो हमारे मसल्स में असंतुलन पैदा हो जाता है। यह मांसपेशियों में दर्द का कारण बन सकता है।
पोस्चर करता है खराब
मॉर्निंग वॉक करते समय लगातार फोन के इस्तेमाल से हमारा बॉडी पोस्चर खराब हो जाता है। टहलते समय स्पाइनल कॉर्ड हमेशा सीधी रहना चाहिए। मोबाइल इस्तेमाल करने से हमारा सारा ध्यान उसी पर रहता है और हमारी रीढ़ की हड्डी सीधी नहीं रहती। लंबे समय तक इस तरह टहलने से आपका बॉडी पोस्चर खराब हो जाता है।
हो सकता है बैक पेन
लंबे समय तक गलत तरीके से टहलने से हमारा बॉडी पोस्चर खराब हो जाता है। ऐसे में यह की समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए टहलते वक्त मोबाइल का यूज इग्नोर करें।
एकाग्रता होती है खत्म
टहलते वक्त हमारा सारा ध्यान केवल अपने शरीर पर रहना चाहिए लेकिन, मोबाइल के इस्तेमाल के कारण ऐसा नहीं हो पाता है। हमारा ध्यान मोबाइल पर रहता है, जिससे मन की एकाग्रता खत्म हो जाती है और हमें वो लाभ नहीं मिल पाता जो एक्सरसाइज करने से मिल सकता था।
सेहत /शौर्यपथ /चना कई गुणों से भरपूर होता है। इसका सेवन करने से शरीर को एनर्जी मिलती है। भारत में इसे अलग-अलग प्रकार से बनाकर खाया जाता है। और यह हर तरह से सेहत के लिए फायदेमंद है। चने में मैंगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसका सेवन करने से एक्ट्रा फैट बर्न होता है और एनर्जी बढ़ती है। लेकिन वहीं भीगे चने के पानी के भी लाभ है। अगर आप नहीं जानते हैं तो आज जान लीजिए।
- भीगे हुए चने का पानी पीने से इम्यूनिटी लेवल बढ़ता है। वहीं कोरोना काल में आप इस पानी को जरूर पी सकते हैं। चने में जरूरी मिनरल्स, क्लोरोफिल और फास्फोरस भी होते हैं। जब चने को पानी में भिगोया जाता है तो उसके मिनरल्स पानी में भी घुल जाते हैं। इसलिए इसका पानी पीने की सलाह दी जाती है।
-रात में चने को भिगोकर रख देना चाहिए। इसके बाद सुबह वह पानी पी लें चाहिए। अगर आप वह पानी नहीं पी पाते हैं तो उन्हें चने के साथ थोड़ा सा काला नमक डालकर उबाल लीजिए। इसके बाद उसका सेवन कर लीजिए।
-भीगे हुए चने के पानी का सेवन करने से पेट का डाइजेशन अच्छा रहता है। पाचन तंत्र से जुड़ी अधिकतम परेशानी का हल आपको मिल सकता है। कब्ज, पेट दर्द, ब्लोटिंग, अपच
जैसी समस्या होने पर यह पानी सबसे अधिक लाभकारी है।
- सूप या दाल बनाते समय भी इस पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- चने के पानी को और भी हेल्दी बनाया जा सकता है। इसमें आप नींबू, काला नमकऔर पुदीने की पत्तियों को मिक्स कर सकते हैं।
धर्म संसार / शौर्यपथ /यदि आप मध्यप्रदेश की तीर्थनगरी उज्जैन में पुण्य सलिला शिप्रा तट के निकट स्थित 6ठी शताब्दी ईसा पूर्व में निर्मित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकालेश्वर के दर्शन करने जा रहे हैं तो कुछ जरूरी 10 बात अवश्य जान लें।
1. भस्म आरती : कालों के काल महाकाल के यहां प्रतिदिन अलसुबह भस्म आरती होती है। इस आरती की खासियत यह है कि इसमें ताजा मुर्दे की भस्म से भगवान महाकाल का श्रृंगार किया जाता है। इस आरती में शामिल होने के लिए पहले से बुकिंग की जाती है।
2. जूना महाकाल : महाकाल के दर्शन करने के बाद जूना महाकाल के दर्शन जरूर करना चाहिए। यह महाकाल प्रांगण में ही स्थित है।
3. तीन महाकाल विराजमान हैं उज्जैन में : उज्जैन में साढ़े तीन काल विराजमान है- महाकाल, कालभैरव, गढ़कालिका और अर्ध काल भैरव। यदि महाकाल बाबा और जूना महाकाल बाबा के दर्शन कर लिए हैं तो यहां के दर्शन भी जरूर करें।
4. 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे खास : 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकाल ही एकमात्र सर्वोत्तम शिवलिंग है। कहते हैं कि 'आकाशे तारकं लिंगं पाताले हाटकेश्वरम्। भूलोके च महाकालो लिंड्गत्रय नमोस्तु ते।।' अर्थात आकाश में तारक शिवलिंग, पाताल में हाटकेश्वर शिवलिंग तथा पृथ्वी पर महाकालेश्वर ही मान्य शिवलिंग है।
5. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के तीन भाग हैं : वर्तमान में जो महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है, वह 3 खंडों में विभाजित है। निचले खंड में महाकालेश्वर, मध्य खंड में ओंकारेश्वर तथा ऊपरी खंड में श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर स्थित है। नागचन्द्रेश्वर शिवलिंग के दर्शन वर्ष में एक बार नागपंचमी के दिन ही करने दिए जाते हैं।
6. गर्भगृह का दृश्य : गर्भगृह में विराजित भगवान महाकालेश्वर का विशाल दक्षिणमुखी शिवलिंग है। इसी के साथ ही गर्भगृह में माता पार्वती, भगवान गणेश व कार्तिकेय की मोहक प्रतिमाएं हैं। गर्भगृह में नंदी दीप स्थापित है, जो सदैव प्रज्वलित होता रहता है। गर्भगृह के सामने विशाल कक्ष में नंदी की प्रतिमा विराजित है।
7. उज्जैन के राजा : उज्जैन का एक ही राजा है और वह है महाकाल बाबा। विक्रमादित्य के शासन के बाद से यहां कोई भी राजा रात में नहीं रुक सकता। जिसने भी यह दुस्साहस किया है, वह संकटों से घिरकर मारा गया। यदि आप मंत्री या राजा हैं तो यहां रात ना रुकें। वर्तमान में भी कोई भी राजा, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आदि यहां रात नहीं रुक सकता।
8. महाकाल की सवारी : उज्जैन के राजा महाकाल बाबा श्रावण मास में प्रति सोमवार नगर भ्रमण करते हैं और अपनी प्रजा को देखते हैं। महाकाल की सवारी में किसी भी प्रकार का नशा करके शामिल नहीं होते हैं। महाशिवरात्रि के दिन समूचा शहर शिवमय हो जाता है। चारों ओर बस शिव जी का ही गुंजन सुनाई देता है। सारा शहर बाराती बन शिवविवाह में शामिल होता है।
9. क्यों कहते हैं महाकाल : काल के दो अर्थ होते हैं- एक समय और दूसरा मृत्यु। महाकाल को 'महाकाल' इसलिए कहा जाता है कि प्राचीन समय में यहीं से संपूर्ण विश्व का मानक समय निर्धारित होता था इसीलिए इस ज्योतिर्लिंग का नाम 'महाकालेश्वर' रखा गया है। हालांकि महाकाल कहने का संबंध पौराणिक मान्यता से भी जुड़ा हुआ है।
10. महाकाल की पौराणिक कथा : पौराणिक कथा के अनुसार इस शिवलिंग की स्थापना राजा चन्द्रसेन और गोप बालक रूप की कथा से जुड़ी है। कथा से हनुमानजी का संबंध भी जुड़ा हुआ है।
रायपुर। शौर्य पथ ।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के अंदर का घमासान कम होता नहीं दिख रहा है. स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच तल्खी अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि अब विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत अपनी नाराजगी खुलकर व्यक्त कर रहे हैं. ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बने रहने के फॉर्मूले पर भी महंत ने जो बात कही उससे प्रदेश का सियासी पारा एक बार फिर चढ़ है. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने आयोग, मंडल में नियुक्ति को लेकर साफ कहा कि मैं नाराज हूं.
पहले समझिये ढाई-ढाई साल सीएम बने रहने के फॉर्मूले पर क्यों अहम है विधानसभा अध्यक्ष का बयान
छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत 3 दिन के कोरिया जिले के दौरे पर पहुंचे थे. महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत के संसदीय क्षेत्र का हिस्सा कोरिया भी है. ज्योत्सना महंत कोरबा से कांग्रेस की लोकसभा सांसद हैं. छत्तीसगढ़ में पिछले एक महीने से ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बने रहने के फॉर्मूले की चर्चा का बाजार गर्म है. इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव पर कांग्रेस के ही विधायक बृहस्पति सिंह ने जान से मरवाने का आरोप लगा दिया था, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव अपने ही सरकार के रवैये से दुखी होकर विधानसभा से बाहर आ गए थे. हालांकि, बाद में आलाकमान के निर्देश पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया ने मोर्चा संभाला और बृहस्पति सिंह के विधानसभा में खेद प्रकट करने के साथ ही मामला ठंडा हुआ था.
इसी बीच कई बार विधायकों की अलग-अलग मीटिंग और मुख्यमंत्री निवास में विधायकों के बैठक और भोज का कार्यक्रम भी हुआ. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव अगस्त महीने में ही करीब एक हफ्ते तक दिल्ली में रहे. हालांकि उनकी ओर से यही कहा गया कि आलाकमान ने त्रिपुरा भेजा है, इसलिए वो त्रिपुरा की रिपोर्ट सौंपने दिल्ली गए हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ के सियासी पंडितों ने सिंहदेव के इस दौरे को भी ढाई-ढाई साल वाले फॉर्मूले से जोड़ दिया. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत का ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बने रहने के मामले में बयान देना एक बार फिर प्रदेश में में चर्चा का विषय बन गया है.
क्या कहा विधानसभा अध्यक्ष महंत ने
विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत से कोरिया जिले में पत्रकारों ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बने रहने के फॉर्मूले पर सवाल किया. इसके जवाब में महंत ने कहा कि ये मामला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के बीच का है. इसकी जानकारी राहुल गांधी रखते हैं. ये बात दिल्ली से ही पता चल सकती है. कयासों से इसका निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है.
जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री की रेस में होने का सवाल किया तो महंत ने जो जवाब दिया प्रदेश में उसकी चर्चा ज्यादा हो रही है. दरअसल महंत ने कहा कि हम चार लोग यानी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और खुद अपने बारे में यानी विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत सीएम की रेस में थे. उस समय हुए फैसले को महंत सेमीफाइनल मैच से जोड़ रहे हैं. वहीँ अब कह रहे हैं कि मैं और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू उस समय सेमीफाइनल खेल रहे थे. सेमीफाइनल में तो 4 लोग ही खेलते हैं लेकिन अभी 2 हैं. इसमें से जो फाइनल जीतेगा वही जीतेगा. जिन दो लोगों का जिक्र महंत कर रहे हैं वो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ही हैं.
विधानसभा अध्यक्ष महंत ने क्यों कहा मैं नाराज हूं
छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों निगम, मंडल और आयोग की सूची निकली. इस दौरान जिन लोगों का नाम सूची में आ गया था, उन लोगों में से भी कुछ लोगों ने नाराजगी जाहिर की. हालांकि, खुलकर किसी ने विरोध दर्ज नहीं किया. वहीँ जिन लोगों का नाम सूची में नहीं था उन लोगों का नाराज होना तो स्वाभाविक था. इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत कोरिया जिले के दौरे में पहुंच गए. पत्रकारों ने कोरिया जिले के नेताओं को निगम मंडल में जगह नहीं मिलने की वजह से नाराजगी पर सवाल किया. इस पर महंत ने जवाब दिया कि कोरिया जिले के लोगों को जगह नहीं मिली इसलिए मैं नाराज हूं.
बीजेपी ने कहा कांग्रेस के अंतर्कलह से ब्यूरोक्रेट्स, शासन और प्रशासन सब प्रभावित हो रहे हैं. कांग्रेस बोली महंत जी बड़े नेता हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के अंदर मचे घमासान पर बीजेपी की प्रतिक्रया भी आई. बीजेपी विधायक ब्रजमोहन अग्रवाल ने कहा की कांग्रेस के ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री के फॉर्मूले की वजह से छत्तीसगढ़ का विकास प्रभावित हो रहा है. शासन, प्रशासन और ब्यूरोक्रेट्स सब कन्फ्यूज हैं. इसलिए छत्तीसगढ़ की जनता का नुकसान हो रहा है. वहीँ इस पूरे मामले पर एबीपी न्यूज़ ने जब कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन शैलेश नितिन त्रिवेदी से बात की तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा की डॉ. चरणदास महंत संवैधानिक पद पर हैं, केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. इस मामले में मैं क्या कह सकता हूं. महंत जी बड़े नेता हैं.
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के सभी प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ अब व्यावहारिक ज्ञान भी दिया जाएगा। उन्हें अपने समाज और अपने आस-पास की व्यवहारिक बाते भी सिखाई जाएंगी। इसके लिए गढ़बो नवा भविष्य कार्यक्रम की शुरूआत 15 अगस्त से सभी प्राथमिक स्कूलों में की जा रही है।
गढ़बो नवा भविष्य कार्यक्रम के माध्यम से स्कूली बच्चों को समाज में विभिन्न कार्यो और व्यावसायों से जुड़े लोगों की पहचान करायी जाएगी। शिक्षक इन व्यवसायों से जुड़ी बातों और व्यवहारिक जानकारियां कहानियों के माध्यम से बच्चों को देंगे। पुस्तकीय ज्ञान और व्यावहारिक ज्ञान दोनों ही बाते बच्चों को मिलने से उनमें अध्ययन के प्रति रूचि जगेगी। बच्चों को कक्षा में सिखाई गई बातों को अपने बड़े भाई-बहन या पालकों का सहयोग लेकर इस पुस्तक में दिए गए विभिन्न व्यवसायों के बारे में चित्र को देखकर चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा सभी शिक्षकों को इस कार्यक्रम की गतिविधियों का अभिलेख तैयार करने के लिए भी निर्देशित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में ब्रुनेई विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि बच्चे अपने आस-पास के वातावरण से नई-नई जानकारी रूचि के साथ सीखते हैं। इस अध्ययन के आधार पर राज्य में प्राथमिक स्तर पर ही बच्चों को विभिन्न व्यवसायों की जानकारी देने के उद्देश्य से इस सत्र में प्राथमिक शालाओं में बच्चों एवं शिक्षकों के लिए ‘गढ़बो नवा भविष्य’ के नाम से सामग्री मुद्रित कर उपलब्ध कराई गई हैं।
रायपुर / शौर्यपथ / 75वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, मंत्रीगण- गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा तथा अनुसूचित जाति एवं आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, उच्च शिक्षा एवं खेल मंत्री उमेश पटेल, राजस्व एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
इसी प्रकार संसदीय सचिव यू.डी. मिंज, विकास उपाध्याय, रेखचंद जैन, इन्द्रशाह मंडावी, विनोद सेवनलाल चन्द्राकर, चिन्तामणि महाराज, द्वारिकाधीश यादव, शिशुपाल सोरी, पारसनाथ राजवाड़े, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद, गुरूदयाल सिंह बंजारे, डॉ. श्रीमती रश्मि आशीष सिंह एवं चन्द्रदेव प्रसाद राय, सुश्री शकुंतला साहू और श्रीमती अम्बिका सिंहदेव ने भी प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पूरे देशवासियों, सेना के जवानों सहित प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि 15 अगस्त 1947 को आज ही के दिन हमारा देश गुलामी से मुक्त हुआ था और स्वतंत्रता की ताजी हवा में सांस ली थी। अनेक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के समर्पण, त्याग और बलिदान से देश को आजादी मिली। मैं इस अवसर पर उन समस्त महापुरूषों को नमन करती हूं। इस आजादी को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए हमारे सेना के जवानों और पुलिस कर्मियों ने भी अपनी शहादत दी है। मैं उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और नमन करती हूं। इस समय हम देश की आजादी के 75वें वर्ष के अवसर को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं। इस अवसर पर आग्रह है कि आजादी के समस्त नायकों को याद करें और उनसे प्रेरणा लें।
राज्यपाल ने कहा कि आजादी के इस पावन पर्व पर देश को कोरोना वायरस तथा विघटनकारी तत्वों से मुक्ति दिलाने का संकल्प लें और आधुनिक तकनीक और स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा कर एक ऐसे भारत का निर्माण करें जो पूरे विश्व का नेतृत्व करे। साथ ही मैं नई पीढ़ी से आह्वान करती हूं कि भारत की एकता और अखण्डता को मजबूत करने में अपनी सक्रिय भागीदारी निभायें।
जिला मुख्यालयों में आयोजित मुख्य समारोह में विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रीगण और संसदीय सचिव फहराएंगे तिरंगा
रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश में 15 अगस्त 2021 को स्वतंत्रता दिवस पूरी गरिमा और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राऊण्ड में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण करेंगे। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत कोरिया जिला मुख्यालय में एवं उपाध्यक्ष मनोज सिंह मण्डावी कोण्डागांव जिला मुख्यालय में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण करेंगे। अन्य जिला मुख्यालयों में मंत्रीगण और संसदीय सचिव राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और मुख्यमंत्री का प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन करेंगे।
गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू महासमुंद में, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव कबीरधाम में, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे रायगढ़ में, वन एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर दुर्ग में, स्कूल शिक्षा तथा अनुसूचित जाति तथा आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम कोरबा में, उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा बस्तर में, नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया सरगुजा में, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत राजनांदगांव में, उच्च शिक्षा एवं खेल मंत्री उमेश पटेल बलौदाबाजार-भाटापारा में, राजस्व एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जयसिंह अग्रवाल बिलासपुर में तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार मुंगेली मंे, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया कांकेर जिला मुख्यालय में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण करने के पश्चात मुख्यमंत्री का प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन करेंगे।
इसी प्रकार संसदीय सचिव यू.डी. मिंज बलरामपुर में, विकास उपाध्याय बेमेतरा में, रेखचंद जैन सुकमा में, इन्द्रशाह मंडावी दंतेवाड़ा में, विनोद सेवनलाल चन्द्राकर धमतरी में, चिन्तामणि महाराज जशपुर में, द्वारिकाधीश यादव गरियाबंद में, शिशुपाल सोरी बीजापुर में, पारसनाथ राजवाड़े गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद सूरजपुर में, गुरूदयाल सिंह बंजारे नारायणपुर में, डॉ. श्रीमती रश्मि आशीष सिंह बालोद में एवं श्री चन्द्रदेव प्रसाद राय जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय में आयोजित 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में ध्वजारोहण करने के बाद मुख्यमंत्री का प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने साहित्यकार श्री सतीश जायसवाल को वसुंधरा सम्मान से सम्मानित किया
स्वर्गीय श्री देवी प्रसाद चौबे की स्मृति में उनकी 45 वीं पुण्य तिथि पर आयोजित किया गया कार्यक्रम
रायपुर / शौर्यपथ / प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ को समृद्ध बनाने के लिए गांवों को समृद्ध बनाना होगा। ग्रामीणों, किसानों, मजदूरों की स्थिति को बेहतर बनाने के साथ ही लोककला एवं संस्कृति को संरक्षित करना होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ग्रामीण व्यवस्था को मजबूत कर रही है। गांधीवादी एवं ग्रामीण व्यवस्था के सशक्त प्रतिनिधि स्वर्गीय देवी प्रसाद के प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि है।
मुख्यमंत्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में लोक जागरण पत्रिका की ओर से स्वर्गीय देवी प्रसाद चौबे की स्मृति में आयोजित 21वें वसुंधरा सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह का आयोजन संस्कृति विभाग एवं श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन के सहयोग से किया गया । मुख्यमंत्री ने अवसर पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं पत्रकार श्री सतीश जायसवाल को प्रशस्ति पत्र शाल एवं श्रीफल भेंट कर 21 वें वसुंधरा सम्मान से सम्मानित किया। उन्होंने समारोह मे लोकजागरण की मासिक पत्रिका ‘वसुंधरा’ के 58 वें तथा कला, साहित्य, संस्कृति की मासिक पत्रिका ‘बहुमत’ के 109वें अंक का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि स्वर्गीय श्री देवी प्रसाद चौबे जी वैचारिक रूप से दृढ़ और धार्मिक व्यक्ति थे। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों विशेषकर देउरगांव स्थित महामाया मंदिर में बलि प्रथा की रोकथाम में अग्रणी भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि गांवों में रोजगार, शिक्षा एवं स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से लोगों का खेती-किसानी और गांव के प्रति रूझान बढ़ा है। दो-ढाई सालों में किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 22 लाख और खेती का रकबा 22 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 27 लाख हेक्टेयर हो गया है। ग्रामीण अंचल के भूमिहीन परिवारों की मदद के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के जरिए 6 हजार रूपए की वार्षिक मदद दी जाएगी। गोधन न्याय योजना सेे पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा मिलने लगा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेन्दूपत्ता संग्रहण दर में बढ़ोतरी और 52 लघुवनोपजांे की खरीदी से वनांचल में लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। दंतेवाड़ा जिले का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस साल अब तक 133 ट्रेक्टर की बिक्री दंतेवाड़ा में हुई है। बीते दो-ढ़ाई सालों में लगभग 400 ट्रेक्टर वहां के किसानों ने खरीदा है। दंतेवाड़ा में मोटर सायकल की खरीदी में भी कई गुणा की बढ़ोत्तरी हुई है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि साहित्कार श्री सतीश जायसवाल को वसुंधरा सम्मान के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। समारोह के मुख्य वक्ता डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान दौर में सूचनाओं की सत्यता और विश्वसनीयता एक बड़ी चुनौती है। सोशल मीडिया में गलत तथ्य प्रचारित किए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में पत्रकारिता प्रतिष्ठानों की यह जिम्मेदारी है कि वह सच्ची खबरें और सोशल मीडिया में चल रही खबरों की सच्चाई बताए। कार्यक्रम को वरिष्ठ पत्रकार श्री रमेश नैय्यर ने भी सम्बोधित किया। पत्रकार एवं साहित्यकार श्री सतीश जायसवाल ने कहा कि भारतीय लेखन में साहित्य और पत्रकारिता साथ साथ चली है। वसुंधरा सम्मान दोनों धाराओं को साथ लेकर चल रहा है। उन्होंने ग्रामीण व्यवस्था, संस्कृति, लोककला को पुर्नजीवित करने के लिए मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की।
समारोह में स्वर्गीय श्री देवीप्रसाद चौबे के पुत्र श्री प्रदीप चौबे तथा कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री रविंद्र चौबे, महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त निगम की उपाध्यक्ष श्रीमती नीता लोधी, छत्तीसगढ़ राज्य बुनकर सहकारी संघ के अध्यक्ष मोतीलाल देवांगन, वसुंधरा सम्मान के संयोजक श्री विनोद मिश्र, आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री अरुण श्रीवास्तव, सचिव मुमताज भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर डी.एन.शर्मा ने किया।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2001 से निरंतर जारी वसुंधरा सम्मान अब तक सर्वश्री रमेश नैयर, कुमार साहू, श्यामलाल चतुर्वेदी, बसंत कुमार तिवारी, बबन प्रसाद मिश्र, दिवाकर मुक्तिबोध, आशा शुक्ला, शरद कोठारी, गिरिजा शंकर, हिमांशु द्विवेदी, विनोद शंकर शुक्ल, ज्ञान अवस्थी, श्याम वेताल, अभय किशोर, गिरीश पंकज, सुशील त्रिवेदी, बी. के. एस. रे, प्रकाश दुबे, तुषार कांति बोस, ई. वी. मुरली को प्रदान किया जा चुका है।