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आस्था /शौर्यपथ / श्रीकृष्ण के बचपन के कई मित्र थे जैसे मनसुखा, मधुमंगल, श्रीदामा, सुदामा, उद्धव, सुबाहु, सुबल, भद्र, सुभद्र, मणिभद्र, भोज, तोककृष्ण, वरूथप, मधुकंड, विशाल, रसाल, मकरन्द, सदानन्द, चन्द्रहास, बकुल, शारद, बुद्धिप्रकाश आदि। बचपन में यह सभी गोकुल और वृंदावन की गलियों में माखन चोरते और उधम मचाते थे। बाल सखियों में चन्द्रावली, श्यामा, शैव्या, पद्या, राधा, ललिता, विशाखा तथा भद्रा आदि के नाम लिए जाते हैं।
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार सखियों के नाम इस तरह हैं- चन्द्रावली, श्यामा, शैव्या, पद्या, राधा, ललिता, विशाखा तथा भद्रा। कुछ जगह ये नाम इस प्रकार हैं- चित्रा, सुदेवी, ललिता, विशाखा, चम्पकलता, तुंगविद्या, इन्दुलेखा, रंगदेवी और सुदेवी। कुछ जगह पर ललिता, विशाखा, चम्पकलता, चित्रादेवी, तुंगविद्या, इन्दुलेखा, रंगदेवी और कृत्रिमा (मनेली)। इनमें से कुछ नामों में अंतर है। आओ जानते हैं श्रीकृष्ण की सखी ललिता के बारे में रोचक जानकारी।
1. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार श्रीजी राधारानी की 8 सखियां थीं। अष्टसखियों के नाम हैं- 1. ललिता, 2. विशाखा, 3. चित्रा, 4. इंदुलेखा, 5. चंपकलता, 6. रंगदेवी, 7. तुंगविद्या और 8. सुदेवी। राधारानी की इन आठ सखियों को ही "अष्टसखी" कहा जाता है। श्रीधाम वृंदावन में इन अष्टसखियों का मंदिर भी स्थित है। इस सखियों में सबसे करीबी ललिता था।
2. कहते हैं कि ललिता भी श्रीकृष्ण से उतना ही प्रेम करती थी जितान की राधा, परंतु ललिता ने अपने प्रेम को कभी भी अभिव्यक्त नहीं किया था।
3. राधा और श्रीकृष्ण के प्रेम और निकुंज लीलाओं की साक्षी थीं ललिता। ललिता ने राधा का हर मौके पर साथ दिया था। ललिताजी का राधारानी की सहचरी के अतिरिक्त खंडिका नायिका के रूप में भी चित्रंण होता है, मतलब सेविका के रूप में राधा माधव के साथ आती हैं, और कभी-कभी नायिका बनकर कृष्णजी के साथ विहार करती हैं।
4. कहते हैं कि स्वयं भगवान शिव ने भी ललिता से 'सखीभाव' की दीक्षा प्राप्त की थी। ललिताजी ने शिवजी से कहा था कि रासलीला में श्रीकृष्ण के अतिरिक्त किसी पुरुष को प्रवेश नहीं है तब शिवजी को भी सखी बनना पड़ा था।
5. कई लोग यह भी मानते हैं कि मीरा के रूप में ललिता ने ही जन्म लेकर श्रीकृष्ण भक्ति का प्रचार प्रसार किया था। भक्त सुरदासजी ने ललिता के बारे में अपनी रचनाओं में बहुत कुछ लिखा है। यह भी कहा जाता है कि भक्त सुरदासजी श्रीकृष्ण के काल में किसी और नाम से जन्में थे और तब भी वे अंधे ही थे। उस काल में वे यादवकुल के गुरु से मिले थे।
6. माना जाता है कि अकबर के समय में राधा रानी की सखी ललिता ने स्वामी हरिदास के रूप में अवतार लिया था। स्वामी हरिदास वृन्दावन के निधिवन के एकांत में अपने दिव्य संगीत से प्रिया-प्रियतम (राधा-कृष्ण) को रिझाते थे। बांके बिहारी नाम से वृन्दावन में मंदिर स्थित है जिसकी स्थापना स्वामी हरिदास ने की थी। तानसेन भी उनके संगीत और गायन के बहुत ही ज्यादा प्रभावित थे।
7. मथुरा जिले में बरसाना के ऊंचागाव में ललिता अटोर नामक पहाड़ी पर ललिता का भव्य मंदिर है। इस मंदिर की जन्मोत्सव परंपरा के अनुसार 2021 में ललिताजी को हुए 5249 वर्ष हो चुके हैं।
धर्म संसार /शौर्यपथ /कृष्ण के प्रपौत्र वज्र को बहुत सी जगह पर वज्रनाभ भी लिखा गया है। वज्रनाभ द्वारिका के यदुवंश के अंतिम शासक थे, जो यदुओं की आपसी लड़ाई में जीवित बच गए थे। द्वारिका के समुद्र में डूबने पर अर्जुन द्वारिका गए और वज्र तथा शेष बची यादव महिलाओं को हस्तिनापुर ले गए। कृष्ण के प्रपौत्र वज्र को हस्तिनापुर में मथुरा का राजा भी घोषित किया था। जब वज्रनाभ मथुरा के राजा बने, उस समय पूरा ब्रज्रमण्डल उजाड़ पड़ा था। उन्होंने महाराज परीक्षित और महर्षि शांडिल्य के सहयोग से संपूर्ण ब्रजमंडल की पुन: स्थापना की थी। वज्रनाभ के नाम से ही मथुरा क्षेत्र को ब्रजमंडल कहा जाता है। मथुरा क्षेत्र में सिर्फ मथुरा ही नहीं और भी बहुत कुछ है, हां श्रीकृष्ण ने लीलाएं रची थी।
1. गोकुल-नंदगांव : मथुरा की जेल में जन्म लेते ही श्रीकृष्ण इस क्षेत्र में पहुंच गए थे जहां उनका बचपन गुजरा और कई असुरों का वध किया और देवों का उद्धार किया।
2. वृंदावन-मधुबन : श्रीकृष्ण जब थोड़े बड़े हुए तो वृंदावन उनका प्रमुख लीला स्थली बन गया। उन्होंने यहां रास रचा और दुनिया को प्रेम का पाठ पढ़ाया।
3. गोवर्धन : जहां उन्होंने गोवर्धन पर्वत को उठाकर नई परंपरा और त्योहार को प्रकट किया।
4. बरसाना : जहां उनकी प्रेमिका राधा रानी रहती थीं।
5. मथुरा : जहां उनका जन्म हुआ, कंस का वध किया और जहां रहकर जरासंध से कई युद्ध किए।
संपूर्ण ब्रजमंडल में होली और रास की बड़ी धूम रहती है। ब्रजमंडल में खासकर मथुरा में लगभग 45 दिन के होली के पर्व का आरंभ वसंत पंचमी से ही हो जाता है। बसंत पंचमी पर ब्रज में भगवान बांकेबिहारी ने भक्तों के साथ होली खेलकर होली महोत्सव की शुरुआत की थी। तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
खेल /शौर्यपथ / रायपुर में खेली जा रही अनएकैडमी रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज के नौवें मैच में इंग्लैंड लीजेंड्स ने इंडिया लीजेंड्स को 6 रन से हरा दिया। इंग्लैंड की तरफ से कप्तान केविन पीटरसन ने 75 रनों की तेज पारी खेली। इस मैच के बाद इंग्लिश टीम के तेज गेंदबाज क्रिस ट्रेमलेट ने महान सचिन तेंदुलकर के साथ एक फोटो शेयर की। 6 फीट 7 इंच लंबे ट्रेमलेट ने फोटो के कैप्शन में सचिन की फिटनेस की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि अगर उस उम्र में भी सचिन की तरह फिट रहूं तो खुशी होगी। इसके बाद इस फोटो पर सचिन ने उनके जमकर मजे लिए हैं।
मास्टर ब्लास्टर ने ट्वीट पर मजेदार रिप्लाई करते हुए लिखा कि, मुझे ट्रेमलेट जैसा बनने के लिए कितने ऑमलेट खाने पड़ेंगे? बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर ट्रेमलेट अब शौकिया तौर पर बॉडी बिल्डर और वेट लिफ्टर बन चुके हैं। उनकी फिटनेस और बॉडी देखकर भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान भी मैच के दौरान काफी हैरान रह गए थे। दोनों ने मजाकिया अंदाज में एक दूसरे के साथ बाइसेप्स की तुलना भी की थी।
मैच की बात करें तो इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पीटरसन की धुआंधार पारी की बदौलत सात विकेट पर 188 रनों का विशाल स्कोर बनाया। इसके जवाब में इंडिया लीजेंड्स निर्धारित 20 ओवर में सात विकेट पर 182 रनों पर बना पाया। इंडिया लीजेंड्स को चार मैचों में पहली हार का सामना करना पड़ा है। अंतिम पांच ओवर में इंडिया लीजेंड्स को जीत के लिए 78 रनों की दरकार थी।
इसके बाद इरफान पठान ने मनप्रीत गोनी (नाबाद 35) ने अंतिम ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए आठवें विकेट के लिए केवल 20 ही गेंदों पर 51 रनों की विस्फोटक साझेदारी करके इंडिया लीजेंड्स को जीत की दहलीज पर ला खड़ा कर दिया।अंतिम 6 गेंदों पर इंडिया लेजेंडस को जीत के लिए 19 रन बनाने थे, लेकिन टीम जीत की दहलीज पर आकर जीत से महरूम रह गई और उसे छह रन से नजदीकी हार का मुंह देखना पड़ा।
शौर्यपथ / महाशिवरात्रि व्रत रखने के दौरान आस्था के साथ अपनी सेहत पर ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है जिससे कि आपको बाद में नुकसान न उठाना पड़े। ऐसे में बहुत जरूरी है कुछ बातों का ध्यान रखना। हम आपको ऐसे हेल्थ टिप्स बता रहे हैं, जो आपके व्रत को आसान बनाने में मदद करेंगे। इन टिप्स को फॉलो करके आपको थकान भी नहीं होगी और आप कमजोरी से भी बच जाएंगे।
आंखों को आराम दें
सबसे जरूरी है कि आंखों को आराम दें। आप व्रत के दौरान जितना मोबाइल और टीवी का इस्तेमाल करेंगे, आपकी आंखें उतनी ज्यादा थकने लगेंगी। आंखों को आराम न देने पर शरीर में कमजोरी आने लगती है और आपको हर पल नींद आती रहेगी।
मन को शांत रखें
आप खुद को भरोसा दिलाएं कि इस व्रत को करने से आपके जीवन में सकारात्मकता आएगी यानी व्रत के दौरान कुछ भी नकारात्मक न सोचें। मन को शांत रखें और सच्चे मन से प्रार्थना करें। किसी भी प्रकार का तनाव या चिंता आपको भावनात्मक और शारीरिक रूप से प्रभावित कर सकती है, जिससे बीमार होने का खतरा रहता है।
हाइड्रेट रहें
फास्टिंग करते समय कम से कम आठ गिलास पानी पिएं ताकि आप टॉक्सिंस बाहर निकालकर बॉडी डिटॉक्स कर सकें। यदि आप सिर्फ पानी पीकर फास्टिंग कर रहे हैं ,तो अपनी पानी पीने की मात्रा को बढ़ाएं। यह आपको ऊर्जावान बनाएं रखने में मदद करता है।
फिजिकल एक्टिविटी से बचें
व्रत के दौरान हेवी फिजिकल एक्टिविटी ना करें क्योंकि यह शरीर के मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाता है जिसके कारण आपको भूख, प्यास या अधिक थकान महसूस होने लगती है। इसके बजाय, डेस्क वर्क चुनें, आध्यात्मिक किताबें पढ़ें, भक्ति संगीत सुनें या बस अपने शरीर और दिमाग को आराम दें।
थोड़े-थोड़े समय पर खाएं
यदि आप फास्टिंग के दौरान फल खा रहे हैं, तो हर थोड़े समय पर खाते रहें। इससे आपका पेट भरा रहेगा और आपको भूख नहीं लगेगी। कुछ नहीं, तो नारियल पानी पीते रहें इससे आपको कमजोरी नहीं होगी और व्रत खोलने के बाद खाना खाने पर फूड पॉयजनिंग का खतरा भी नहीं होगा।
शौर्यपथ /आप अगर शिवरात्रि का व्रत रखने वाले हैं, तो यह खबर आपके लिए है। जब लम्बे समय तक भूखे रहने के बाद जब हम काफी मात्रा में खाना खा लेते हैं, तो फूड पॉयजनिंग का खतरा हो सकता है। खासतौर पर व्रत रखने के बाद जब व्रत खोलने के लिए कुछ खाते हैं, तो पेट खराब होने के साथ फूड पॉयजनिंग का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। इसका कारण यह है कि व्रत में लम्बे समय तक भूखे रहने के बाद तली-भुनी चीजें खाने से इसका असर पाचन शक्ति पर पड़ता है, जिससे एसिड बनने की समस्या हो जाती है। ऐसे में कुछ उपाय ऐसे हैं जिनसे फूड पॉयजनिंग के खतरे को कम किया जा सकता है।
फूड पॉयजनिंग क्या है
फूड पॉयजनिंग एक तरह का संक्रमण है, जो स्टैफिलोकोकस नामक बैक्टीरिया, वायरस या अन्य जीवाणु के कारण हो सकता है। जब स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया किसी खाद्य पदार्थ को खराब कर देता है, तो उसे खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है। इस कारण उल्टी और डायरिया जैसी समस्या हो सकती है। इसके अलावा, फूड पाइजनिंग की समस्या कॉली बैक्टीरिया के कारण भी हो सकती है। यह गंदा पानी पीने से शरीर में आ सकता है।
फूड पॉयजनिंग से बचने के घरेलू उपाय-
-हाजमे को सुधारने के लिए अदरक विशेष रूप से फायदा पहुंचाता है। खाने के साथ अदरक के लच्छे पर जरा-सा काला नमक और नीबू डाल कर खाएं। अदरक की चाय पिएं।
-पेट की तकलीफ में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए।
-शहद का सेवन भी पेट को आराम पहुंचाता है।
-भुने जीरे को पतली छाछ में मिलाकर पीने से पेट को राहत मिलती है। भूख लगने लगती है।
-फूड पॉयजनिंग होने पर तुलसी के पत्तों का रस अदरक में मिलाकर पीने से काफी लाभ मिलता है।
-पानी उबाल कर ही पिएं, क्योंकि उबालने से पानी हल्का हो जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान
-खाना हमेशा साबुन से अच्छी तरह हाथ धोकर ही बनाएं।
-हमेशा साफ-सुथरे और अच्छी तरह धुले बर्तनों का ही इस्तेमाल करें।
-खाने की चीजें खरीदते समय कच्चे मांस, मछली या चिकन को फल और सब्जियों से अलग ही रखें, वरना क्रॉस कन्टेमिनेशन का खतरा बढ़ सकता है।
-खाना हमेशा अच्छी तरह पका कर खाएं, ताकि उच्च ताप से सभी हानिकारक जीव नष्ट हो जाएं
-खाना पकाने के बाद उसे देर तक बाहर या खुला न छोड़ें। आमतौर पर पके भोजन में भी करीब दो घंटे बाद बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।
-यदि पके हुए भोजन का रंग या गंध बदली हुई लगे तो उसे बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।
-बारिश के मौसम में अपच की समस्या भी बढ़ जाती है, इसलिए ज्यादा चटपटा या तला-भुना भोजन करने से बचना चाहिए।
-रसोई घर में इस्तेमाल होने वाले झाड़न को भी रोज गर्म पानी से धोना चाहिए। उनमें मौजूद ई-कोलाई बैक्टीरिया पेट में कई तरह की गड़बड़ियां कर सकता है।
-फल व सब्जियों को बहुत अच्छी तरह नल के बहते पानी में ही धोना चाहिए।
दुर्ग / शौर्यपथ / आज महाशिवरात्रि है . हिन्दुओ के सबसे बड़े पर्व के रूप में देवो के देव महादेव को आज सभी भक्तगण अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते है . प्रत्येक साल महाशिवरात्रि के दिन सुबह से देवालयों पर भक्ति के रंग में डूबे भक्त अपने आराध्य को पूजते है किन्तु आज का महाशिवरात्रि का पर्व दुर्ग जिले वासियों के लिए एक यादगार पल के रूप में इतिहास के पन्नो पर दर्ज हो जाएगा . जिले के भिलाई नगर में बोल बम समिति द्वारा पिछले १२ वर्षो से बोलेनाथ की बारात का बड़े धूमधाम से आयोजन किया जाता रहा है और हर साल की तरह इस साल भी किया जा रहा है जिसकी तैयारी पिछले कई दिनों से चल रही है किन्तु इस साल भोलेनाथ की बारात निकलने वाली आयोजन समिति के लिए भी खास है .
बोल बम के सेवा एवं कल्याण समिति के अध्यक्ष दया सिंह द्वारा मध्य भारत की सबसे बड़ी बारात भगवान भोले शंकर कि विगत 12 वर्षों से निकाली जाती है 13 वे वर्ष की बारात की तैयारी पूर्ण हो गयी है,जिसमें बोल बम की टीम बढ़ चढ़कर हिस्सा ली है और सभी टीम के पुरे सदस्य को अलग अलग दायित्व दिया गया है,जितनी भी झाकियां है उसमें 10,10 सदस्य टीम बनाकर उनको कार्यभार सौपा गया है. कोविद 19 को देखते हुए हजारो माक्स के साथ सेनेटाइजर का भी व्यवस्था समिति कर रही है . बाबा की बारात हंथखोज इंदिरा नगर से प्रारंभ होकर ट्रांसपोर्ट रोड से कैनाल रोड होते हुए बोल बम चौक होते नन्दी तिराहा होते दुर्गा मैदान पहुंच कर शिव पार्वती जी का काल्पनिक विवाह संपन्न होगा. जिसमें छत्तीसगढ़ के गणमान्य ,समाज सेवी, राजनेता बाबा की बारात देखने के लिए उपस्थित होंगे . समिति द्वारा इसके लिए पूरी व्यवस्था कर ली गई है .
इस बार झांकियों का प्रारूप केरल से थयम और कथकली जैसी झांकियां छत्तीसगढ़ में देखने का सौभाग्य लोगों को प्राप्त होगा,आंध्रा की राजमुंदरी झांकी देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा,दिल्ली की झांकिया, उत्तर प्रदेश की राममंदिर की झांकिया,उड़ीसा से अनेक झांकियां बस्तर की और संपूर्ण भारत से लगभग 151 झाकियां छत्तीसगढ़ में देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा,समस्त श्रद्धालुओं से समिति ने निवेदन किया है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर बाबा की बारात में शामिल हो और कई समाजों के लोग द्वारा इस बारात में बढ चढ़कर हिस्सा लिया जा रहा है . हर समाज अपने द्वारा फल,जूस, भोग, पानी इत्यादि का वितरण करेगा,31 हजार कार्ड का वितरण हो चुका है.
लोगों के उत्साह देखते हुए ऐसा लग रहा है साधुसंतों, श्रद्धालुओं का आगमन सैकड़ों की तादाद मे होगा,तैयारी पूर्ण हो गयी है . आज भिलाई इस्पात नगरी शिवमय हो जायगी इस पावन दिन के साक्षी सबी बनेंगे साथ ही गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया जाएगा।
कोरोना के निर्देशों और आदेशों पर पालन नहीं करने वालों पर होगी प्राथमिकी दर्ज
होम आईसोलेशन के दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करें
जिला कोविड टास्क फोर्स की बैठक
रायपुर / शौर्यपथ / कलेक्टर डाॅ. एस भारतीदासन ने रायपुर जिले में कोरोना वायरस (कोविड़-19) प्रकरणों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर कोरोना वायरस से बचाव एवं रोकथाम के लिए योजनाबद्ध एवं नियमित रूप से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने ये निर्देश रेडक्रास सोसायटी के सभाकक्ष में आज आयोजित जिला कोविड टास्क फोर्स की बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि कोविड के प्रसार को रोकने के लिए सभी इंन्सिडेट कमांडर फील्ड में जाकर कार्य करें, कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग का कार्य भी प्रभावी रूप से किया जाए। कलेक्टर ने कहा कि यह देखा जा रहा है कि लोग मास्क को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने ऐसे लोगों जिनके द्वारा कोविड के लिए जारी शासन-प्रशासन के नियमों और आदेशों का पालन नही किया जा रहा है, के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा होम आईसोलेशन के दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाए। कलेक्टर ने यह भी कहा कि देश के अनेक राज्यों कोरोना के प्रकरण बढ़े है और पिछले वर्ष भी इसी समय कोरोना के प्रकरणों में तेजी से वृद्वि हुई थी और आगामी समय में भी प्रकरणों की संख्या बढ़ने की आशंका है, ऐसे में सभी संबंधित अधिकारी कार्य योजना बनाकर समयसीमा में समुचित कार्रवाई करें।
कलेक्टर ने नागरिकों से अपील की वे अपनी ओर से कोरोना से बचाव और सुरक्षा के लिए कोरोना संबंधी सामाजिक व्यवहार का पालन करें। मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें, सामाजिक दूरी बना कर रखें और सेनेटाईजर आदि का उपयोग करें। कलेक्टर ने जिले में कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव एवं रोकथाम कार्य में संलग्न सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा सभी इंसिडेंट कमांडर को एक्टिव सर्विलांस कार्य पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देने को कहा तथा इसका नियमित रूप से पर्यवेक्षण और समीक्षा करने को कहा।
कलेक्टर ने कहा कि आपदा प्रबंधन कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 188, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51-60, एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट, 1897 यथा संशोधित 2020 के सुसंगत प्रावधान सहपठित छत्तीसगढ़, एपिडेमिक डिसीजज कोविङ-19 रेगुलेशन 2020 के रेगुलेशन 14 के अधीन संबंधित पुलिस थाना में एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाएगी। एफ.आई.आर दर्ज कराने का उत्तरदायित्व संबंधित इंसिडेंट कमांडर का होगा, जिसके लिये इसिडेंट कमांडर द्वारा अधीनस्थ अधिकारियों को प्राधिकृत किया जा सकता है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि कोविड आपदा प्रबंधन कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत विधियों के अधीन कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार यादव, निगम आयुक्त सौरभ कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ गौरव कुमार सिंह सहित नगर निगम के सभी जोन कमिश्नर, इन्सिंडेट कमांडर और संबंधित अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे।
किसानों की बढ़ेगी आय और बढ़ेंगे रोजगार के नए अवसर , जैविक खेती को मिलेगा प्रोत्साहन, आवारा मवेशियों की समस्या होगी हल
रायपुर / शौर्यपथ / लोकसभा में कृषि मामलों की स्थायी समिति ने मंगलवार को सदन में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की सराहना करते हुए केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि किसानों से मवेशियों के गोबर खरीद की ऐसी ही योजना पूरे देश के लिए शुरु की जानी चाहिए। श्री पर्वतागौड़ा चंदनगौड़ा गद्दीगौडर की अध्यक्षता वाली लोकसभा की कृषि मामलों की स्थायी समिति ने केंद्र सरकार को दिए अपने सुझाव में कहा है कि किसानों से उनके मवेशियों का गोबर खरीदने से उनकी आय में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे, जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा, साथ ही आवारा मवेशियों की समस्या का भी समाधान होगा। लोकसभा में रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पूर्व यह समिति केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों को भी ऐसा ही सुझाव दे चुकी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में 20 जुलाई 2020 से छत्तीसगढ़ में गोबर को गोधन बनाने की दिशा में सुविचारित कदम उठाते हुये गोधन न्याय योजना लागू की गई है, जिसमें पशु पालकों से गोबर क्रय करके गोठानों में वर्मीकंपोस्ट एवं अन्य उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना का संचालन सुराजी गांव योजना के तहत गांव-गांव में निर्मित गौठानों के माध्यम से किया जा है। इन गोठानों में पशुओं के चारे और स्वास्थ्य की देखभाल के साथ-साथ रोजगारोन्मुखी गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं। इन्हीं गोठानों में गोधन न्याय योजना के तहत वर्मी कंपोस्ट टांकों का निर्माण किया गया है, जिनमें स्व सहायता समूहों की महिलाएं जैविक खाद का निर्माण कर रही हैं। गोबर की खरीद गोठान समितियों के माध्यम से 2 रुपए किलो की दर से की जाती है। अब तक गोबर विक्रेता किसानों, पशुपालकों और संग्राहकों को 80 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
स्व सहायता समूहों द्वारा अब तक 71 हजार 300 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा चुका है। वर्तमान में 7 हजार 841 स्व-सहायता समूह गोठान की गतिविधि संचालित कर रहे है। इन समूहों के लगभग 60 हजार सदस्यों को वर्मी खाद उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी, गोबर दिया निर्माण इत्यादि विभिन्न गतिविधियों से 942 लाख की आय प्राप्त हो रही है। गोठान योजना के लिये वर्ष 2021-22 के बजट में 175 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित जैविक खाद के विक्रय के लिए छत्तीसगढ़ में 10 रुपए प्रति किलो की दर तय की गई है। राज्य में वन, उद्यानिकी, कृषि समेत सभी शासकीय विभागों द्वारा आवश्यकतानुसार स्व सहायता समूहों से जैविक खाद की खरीद की जाती है, इसके साथ-साथ किसानों द्वारा भी जैविक खाद खरीदा जा रहा है। गोधन न्याय योजना से भूमिहीन कृषि श्रमिकों को भी नियमित आय हो रही है।
छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन से जैविक खेती एवं गौ-पालन को बढ़ावा, पशु पालकों को आर्थिक लाभ तथा रोजगार के नये अवसरों का सृजन हो रहा है। सरकार की इस पहल को भारत सरकार एवं अन्य राज्यों द्वारा भी सराहा जा रहा है।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किया है। आदेश सीधी भर्ती के पदों पर 3 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में नियुक्त किये जाने बाबत् है। सामान्य प्रशासन विभाग ने दो टूक कहा है कि अगर कोई अधिकारी अब 3 साल के प्रोबेशन के बजाय 2 साल के प्रोबेशन के साथ नियुक्ति आदेश जारी करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
पिछले साल ही राज्य सरकार ने प्रदेश में 3 साल के प्रोबेशन पीरियड का आदेश लागू किया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों, राजस्व मंडल, कमिश्नर, कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ को जारी कर इस फैसले की जानकारी भी दे दी थी, जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि किसी भी सीधी भर्ती के पदों में परिवीक्षा अवधि अब 3 साल की होगी।
जारी आदेश में कहा गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक एफ 1-1/2017/1-3. दिनांक 28.07.2020 में छ.ग. सिविल सेवा (सेवा की सामान्य श्ते) नियम, 1961 के नियम-8 के उपनियम 1 में संशोधन कर “किसी सेवा या पद पर सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त किसी भी व्यक्ति को प्रथमतः 03 वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर रखा जायेगा’ का प्रावधान किया गया है तथा दिनांक 29.07.2020 को प्रसारित निर्देश में यह कहा है कि समस्त विभागों के भर्ती नियमों में भी संशोधन की आवश्यकता होगी जब तक समस्त विभागों द्वारा अपने-अपने भर्ती नियमों में संशोधन की कार्यवाही पूर्ण नहीं कर ली जाती तब तक सभी विभागों के भर्ती नियम स्वमेव संशोधित माने जावेंगे।
इसी तारतम्य में वित्त विभाग द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक 367/ वित्त / नियम /चार/2020 दिनांक 28.07.2020 में छत्तीसगढ़ मूलभूत नियम के नियम 22सी के उप-नियम (1) में किये गये संशोधन के फलस्वरूप सीधी भर्ती के पदों पर चयनित शासकीय सेवकों को तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि में नियत स्टायपेण्ड देय होगा तथा परिवीक्षा अवधि की समाप्ति पर, जब वह सेवा या पद पर स्थाई किया जाता है।
तब शासकीय सेवक का वेतन, उस सेवा या पद को लागू समयमान का न्यूनतम नियत किया जायेगा। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1961 के नियम 8 के उप-नियम (1) तथा छत्तीसगढ़ मूलभूत नियम के नियम 22सी के उप नियम (1) में किये गये संशोधन राजपत्र में प्रकाशन होने की तिथि से प्रभावशील है। 5/ उक्त प्रावधान लागू होने के उपरांत भी कतिपय विभागों/ विभागाध्यक्ष कार्यालयों/ कलेक्टर कार्यालयों द्वारा शासन के उपरोक्त नियम/ निर्देशों के विपरीत 02 वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर नियुक्ति आदेश जारी किये जा रहे हैं, जो सर्वथा शासन के नियम/निर्देशों के विपरीत है।
अतः आदेशानुसार निर्देशित किया जाता है कि जिन विभागों/विभागाध्यक्ष कार्यालयों/कलेक्टर कार्यालयों एवं शासन के अधीनस्थ निगम / मंडल / बोर्ड/ आयोग /प्राधिकरण/स्वशासी संस्थाओं आदि में दिनांक 28.07.2020 से की गई नियुक्ति में शासन के नियम/निर्देशों के विपरीत 02 वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर जारी नियुक्ति आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए, 03 वर्ष की परिवीक्षा के साथ नियत स्टायपेण्ड पर करने का आदेश जारी करें।
उक्त निर्देश का पालन सुनिश्चित करने हेतु समस्त नियुक्ति प्राधिकारी, सामान्य प्रशासन विभाग को अवगत करावें। ऐसे नियुक्ति प्राधिकारी, जो उक्त निर्देश की अवहेलना करते हुए. 02 वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर नियुक्ति आदेश जारी किया जाना पाया जाता है तो, उन नियुक्ति प्राधिकारियों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
रायपुर / शौर्यपथ / खुड़मुड़ा हत्याकांड को लेकर डीजीपी डीएम अवस्थी ने बड़ा बयान दिया है। बुधवार को उन्होंने कहा कि खुड़मुड़ा हत्याकांड का पर्दाफाश जल्द होने वाला है। जो ब्लाइंड मर्डर होते है, उसमें धैर्य रखकर ही जांच की जाती है। इस मामले की जांच बहुत ही गंभीरता से हो रही है। विवेचना एकदम सही दिशा में चल रही है। अभी नार्को टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद मामला और भी स्पष्ट हो जाएगा। डीजीपी ने यह बयान अमलेश्वर में आयोजित व्यसन मुक्ति कार्यशाला के समापन कार्यक्रम के बाद दिया।
इसके अलावा उन्होंने बठेना कांड पर कहा कि मामला सुलझाने पुलिस की टीम लगी हुई है। अब फारेंसिक टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। साथ ही मेडिकल कालेज की रिपोर्ट भी आ गई है। डीजीपी अवस्थी ने कहा है कि बठेना में पांच लोगों की मौत मामले की विवेचना जारी है। दो-तीन दिनों में हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट आने के बाद मामला सुलझाने में मदद मिलेगी। हैंड राइटिंग एक्सपर्ट रिपोर्ट आने के बाद विवेचना का पूरा स्वरूप सामने आएगा। यदि स्पष्ट होता है कि सुसाइडल है तो आगे विवेचना की जाएगी।