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रायपुर / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और इसके पीछे सरकार की प्रोत्साहन योजनाएं बड़ा कारण बन रही हैं। केंद्र सरकार की दो प्रमुख योजनाओं—फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड) एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स फेज-2 (FAME-II) और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 (EMPS-2024)—के तहत पिछले तीन वर्षों में राज्य के खरीदारों को 138 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी मिली है।
केंद्रीय भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजु श्रीनिवास वर्मा ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
FAME-II योजना (अप्रैल 2019 – मार्च 2024) के तहत अप्रैल 2022 से मार्च 2024 के बीच छत्तीसगढ़ में 33,552 इलेक्ट्रिक वाहन बिके। इस अवधि में खरीदारों को 121.26 करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ दिया गया।
वहीं, EMPS-2024 योजना, जो सिर्फ छह महीने (अप्रैल–सितंबर 2024) के लिए प्रभावी रही, के दौरान 13,091 इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहन बिके और खरीदारों को 16.74 करोड़ रुपये की राहत दी गई।
अधिकारियों के अनुसार, इन योजनाओं के तहत खरीदारों को अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होती। सब्सिडी सीधे वाहन की खरीद कीमत से घटा दी जाती है और बाद में यह राशि भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा मूल उपकरण निर्माता कंपनियों (OEMs) को भुगतान कर दी जाती है। इस कारण राज्य में कोई भी भुगतान लंबित नहीं है।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि बैटरी चालित स्कूटर, तिपहिया और कारों की बढ़ती बिक्री न सिर्फ ईंधन पर निर्भरता कम करेगी, बल्कि प्रदूषण घटाने में भी मददगार साबित होगी। सरकार के सतत सहयोग के साथ, छत्तीसगढ़ में स्वच्छ और हरित परिवहन की ओर बदलाव अब और तेज़ी पकड़ रहा है।
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