
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
0.46 प्रतिशत तक सिमटी मलेरिया दर: बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं की ऐतिहासिक उपलब्धि
रायपुर/शौर्यपथ छत्तीसगढ़ सरकार के मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को बस्तर संभाग में बड़ी सफलता मिली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर जैसे संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में मलेरिया के मामलों में ऐतिहासिक कमी दर्ज की गई है।
राज्य शासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बस्तर संभाग में मलेरिया धनात्मक दर 4.60 प्रतिशत से घटकर मात्र 0.46 प्रतिशत रह गई है। वहीं वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2024 में मलेरिया के मामलों में 72 प्रतिशत की गिरावट आई है। राज्य का वार्षिक परजीवी सूचकांक (API) वर्ष 2015 में 5.21 था, जो घटकर 2024 में 0.98 हो गया है। बस्तर संभाग का API इसी अवधि में 27.4 से घटकर 7.11 तक पहुंचा है। 2023 की तुलना में 2024 में मलेरिया प्रकरणों में 8.52 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान हमारी सरकार की जन-केंद्रित सोच और समर्पित स्वास्थ्य प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्र में मलेरिया नियंत्रण में मिली यह सफलता स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों, मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मेहनत का प्रमाण है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य पूरे छत्तीसगढ़ को मलेरिया मुक्त बनाना है और इस दिशा में ठोस प्रयास लगातार जारी हैं। अभियान के तहत मच्छरदानी वितरण, घर-घर जाकर जांच, त्वरित उपचार, और जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से मलेरिया के प्रसार को नियंत्रित किया गया है। वर्ष 2024 में अभियान के 10वें और 11वें चरणों में विशेष निगरानी और उपचार कार्यों के चलते मलेरिया नियंत्रण को और बल मिला है।
राज्य सरकार मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री साय ने इस अभियान में योगदान देने वाले स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय प्रशासन, मितानिनों और आमजन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सफलता सामूहिक प्रयासों से ही संभव हुई है और यह छत्तीसगढ़ को एक स्वस्थ और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
8.77 करोड़ की लागत से बनेगा 50 बिस्तरों वाला मातृ-शिशु चिकित्सालय: सुरक्षित मातृत्व और स्वस्थ बचपन की दिशा में सशक्त पहल
50 लाख की लागत से तैयार होगी ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले के कुनकुरी को एक महत्वपूर्ण सौगात प्रदान की। उन्होंने गिनाबहार में 8.77 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 50 बिस्तरों वाले मातृ-शिशु चिकित्सालय और 50 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाली ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का भूमिपूजन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज जशपुर जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास की एक नई कड़ी जुड़ रही है। इस चिकित्सालय के निर्माण से कुनकुरी सहित फरसाबहार, कांसाबेल और दुलदुला जैसे आसपास के क्षेत्रों की माताओं, बहनों और बच्चों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि जशपुर में 200 बिस्तरों वाले आधुनिक चिकित्सालय का निर्माण शीघ्र प्रारंभ होगा। इस वर्ष के बजट में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, नर्सिंग कॉलेज और फिजियोथेरेपी कॉलेज भी खोले जाएंगे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना और जेनरिक दवा दुकानों के माध्यम से आमजन को किफायती इलाज सुलभ कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए वय वंदना योजना एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य-सुरक्षा कवच है।मितानिन बहनों के मानदेय का भुगतान अब ऑनलाइन किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित हुई है।
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी को जमीनी स्तर पर लागू करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने बताया कि किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीद की जा रही है, और उन्हें प्रति क्विंटल 3,100 रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। तेंदूपत्ता संग्रहकों को अब 5,500 रुपये प्रति मानक बोरा का भुगतान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवारों के लिए आवास निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना के अंतर्गत राज्य की 70 लाख से अधिक माताओं और बहनों को प्रतिमाह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। साथ ही, 5.60 लाख भूमिहीन कृषि श्रमिकों को 10,000 रुपये की विशेष सहायता राशि प्रदान की गई है। पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) खोलने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है, जिससे ग्रामीणों को अपने गांव में ही बैंकिंग, धन जमा-निकासी जैसी सुविधाएं मिलेंगी। अगले पंचायती राज दिवस तक सभी पंचायतों में ये सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राजस्व प्रशासन में सुधार के लिए कई बड़े निर्णय लिए गए हैं। अब जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण की प्रक्रिया स्वतः पूरी होगी, और फर्जी रजिस्ट्री पर अंकुश लगेगा। विश्व योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
आदिवासी अंचल को मिली मातृत्व सुरक्षा की नई सौगात
उल्लखेनीय है कि कुनकुरी में प्रस्तावित 50 बिस्तरों वाला मातृ-शिशु चिकित्सालय न केवल कुनकुरी, बल्कि फरसाबहार, कांसाबेल और दुलदुला जैसे तीन अन्य विकासखंडों की महिलाओं और बच्चों को स्थानीय स्तर पर चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा। गर्भवती महिलाओं को प्रसवपूर्व देखभाल, प्रसव, जटिलताओं का उपचार और बच्चों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति गंभीर बीमारियों की पहचान और उपचार में सहायता करेगी। 50 लाख रुपये की लागत से बनने वाली ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट के माध्यम से लैब जांच सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी, जिससे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, कमिश्नर श्री नरेंद्र दुग्गा, आईजी श्री दीपक कुमार झा, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, श्री भरत सिंह, श्री कृष्ण कुमार राय, श्री सुनील गुप्ता, श्री उपेंद्र यादव, श्री राजकुमार गुप्ता, श्री अमन शर्मा, श्री गोपाल कश्यप, श्री मनोज जायसवाल, श्री राजेश चौधरी, श्री यशवंत यादव, श्री विकास नाग सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले में कुनकुरी के सलियाटोली ग्राम में 4.37 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले 250 सीटर नालंदा परिसर का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रत्येक जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। इसके लिए सभी जिला मुख्यालयों में नालंदा परिसरों की स्थापना की जा रही है। जशपुर जिले में दो स्थानों पर नालंदा परिसर का निर्माण किया जा रहा है। नालंदा परिसर अत्याधुनिक पुस्तकालय, शिक्षण संसाधनों और तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित होगा। विद्यार्थियों की निर्बाध पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए यह परिसर 24 घंटे खुला रहेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शासन द्वारा नागरिक सुविधाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ई-ऑफिस के माध्यम से सभी विभागों की सेवाएँ ऑनलाइन की जा रही हैं। राजस्व क्षेत्र में 10 नवीन क्रांतिकारी पहल लागू की गई है, जिससे रजिस्ट्री और नामांतरण जैसी प्रक्रियाएँ अब आमजन के लिए सरल और सुलभ हो गई हैं।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छात्रहित को ध्यान में रखते हुए पीएससी जैसी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सीबीआई जाँच कराई जा रही है। साथ ही, जशपुर जिले में मेडिकल कॉलेज, कृषि महाविद्यालय, उद्यानिकी, नर्सिंग, नेचुरोपैथी और फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना की जाएगी।
नालंदा परिसर: अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त, 24x7 अध्ययन के लिए समर्पित केंद्र
नालंदा परिसर में महानगरों की तर्ज पर सप्ताह के सातों दिन, चौबीसों घंटे अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें इंडोर और आउटडोर स्टडी ज़ोन के साथ-साथ प्राकृतिक वातावरण से जुड़ने के लिए ऑक्सी रीडिंग ज़ोन की व्यवस्था होगी।यह परिसर स्वायत्त मॉडल पर आधारित होगा और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा। ईको-फ्रेंडली डिज़ाइन के इस परिसर में विद्युत खपत न्यूनतम होगी और 50 से अधिक देशी पौधों की प्रजातियाँ रोपी जाएँगी। युवाओं के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए परिसर में यूथ टावर, स्पोर्ट्स कोर्ट, कैफेटेरिया, एटीएम और हेल्थ ज़ोन जैसी सुविधाएँ भी विकसित की जाएँगी। संचालन के लिए स्ववित्तपोषित मॉडल को अपनाया जाएगा। लाइब्रेरी में 50,000 से अधिक पुस्तकें, डिजिटल लाइब्रेरी, वाई-फाई ज़ोन और प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें उपलब्ध होंगी। साथ ही, आरएफआईडी आधारित प्रवेश प्रणाली, बायोमेट्रिक आईडी, पुस्तकों की ट्रैकिंग के लिए आरएफआईडी और सॉफ्टवेयर आधारित पुस्तक प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था होगी।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, कुनकुरी जनपद अध्यक्ष श्रीमती सुशीला साय, उपाध्यक्ष श्री बालेश्वर यादव, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, श्री भरत सिंह, श्री कृष्ण कुमार राय, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय सर्व नाई सेन समाज के महासम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में हुए शामिल
सेन समाज भवन विस्तार हेतु ₹10 लाख एवं बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु ₹10 लाख की घोषणा
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज जशपुर जिले के कुनकुरी के महुआटोली में आयोजित सर्व नाई सेन समाज के महासम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि नाई समाज को मेहनती और स्वावलंबी समाज के रूप में जाना जाता है। सेन समाज के अनेक लोग आज शिक्षा, व्यापार, प्रशासन और तकनीकी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा के दम पर विशिष्ट उपलब्धियाँ हासिल कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस वर्ष 12वीं कक्षा के प्रदेश टॉपर अखिल सेन इसी समाज से हैं। रायपुर में एआई डेटा सेंटर की स्थापना करने जा रहे इंदौर के उद्यमी भी सेन समाज से हैं। मुख्यमंत्री ने भारत रत्न स्व. कर्पूरी ठाकुर जी का स्मरण करते हुए कहा कि देश की उन्नति में सेन समाज का योगदान उल्लेखनीय रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जन्म से लेकर अंत्येष्टि तक कोई भी संस्कार सेन समाज के योगदान के बिना पूर्ण नहीं होता। समाज के विविध संस्कारों में इस समाज की भूमिका अत्यंत विशिष्ट है।
शिक्षा है समाज की प्रगति की कुंजी: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री साय ने शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा केवल रोजगार प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण की कुंजी है। जिस समाज में शिक्षा का स्तर ऊंचा होता है, वह समाज उतना ही सशक्त और प्रगतिशील बनता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता को बेहतर बनाने हेतु निरंतर नीतिगत निर्णय ले रही है। राज्य में अब राष्ट्रीय स्तर की सभी प्रमुख शैक्षणिक संस्थाएँ स्थापित की जा रही हैं। नालंदा परिसर जैसे अत्याधुनिक पुस्तकालयों का निर्माण प्रदेशभर में किया जा रहा है, ताकि छात्र प्रतियोगी युग के अनुरूप स्वयं को तैयार कर सकें।
सेन समाज को सामाजिक भवन विस्तार व बाउंड्रीवाल के लिए ₹20 लाख की सौगात
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कुनकुरी स्थित सेन समाज के सामाजिक भवन के विस्तार हेतु ₹10 लाख और बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु ₹10 लाख की राशि स्वीकृत करने की घोषणा की।
छत्तीसगढ़ केश शिल्पी बोर्ड की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन ने इस अवसर पर कहा कि महतारी वंदन योजना प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मसम्मान का मजबूत आधार बन रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना ने माताओं-बहनों में एक नया आत्मविश्वास जगाया है और शासन की जनहितैषी योजनाएँ प्रदेश में सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास का आधार बन रही हैं।
मुख्यमंत्री ने सेन समाज की प्रतिभाओं को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर सेन समाज के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभावान सदस्यों को “संत शिरोमणि सेन सम्मान” से सम्मानित किया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, श्री कृष्ण कुमार राय, श्री भरत सिंह, सर्व सेन समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री पुनीत सेन, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अविनाश ठाकुर, श्री राज श्रीवास सहित समाज के पदाधिकारीगण, गणमान्यजन और बड़ी संख्या में समाज के सदस्य उपस्थित थे।
- जिले भर में लगभग 18 हजार से अधिक पौधे लगाए गए
- कलेक्टर ने जिलेवासियों से बारिश के मौसम में पौधे लगाने की अपील की
राजनांदगांव/शौर्यपथ /बारिश के मौसम के दृष्टिगत आज जिले के सभी शासकीय कार्यालयों में एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत सघन पौधरोपण किया गया। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के निर्देश पर आज जिले के सभी शासकीय कार्यालयों में व्यापक पैमाने पर पौधरोपण किया गया। जिले भर में लगभग 18 हजार से अधिक पौधे लगाए गए। इस अवसर पर सभी ने पौधरोपण करने के बाद पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए भी सभी ने प्रतिबद्धता व्यक्त की। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने जिलेवासियों से बारिश के मौसम में पौधे लगाने की अपील की है। उन्होंने सभी नागरिकों से आव्हान करते हुए कहा है कि आइए हम अपने शहर एवं गांव को हरा भरा बनाएं। धरती की हरीतिमा, पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना दायित्व निभाते हुए एक पेड़ माँ के नाम अभियान में सहभागिता निभाएं। उन्होंने कहा कि बारिश पौधरोपण के लिए उपयुक्त समय है। यही वह वक्त है जब पौधे आसानी से मिट्टी में अपनी जड़ें मजबूती से बना लेते हैं। ग्लोबल वार्मिंग एवं बढ़ते तापमान के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए पौधरोपण करना एवं जल संरक्षण बहुत आवश्यक है। ऑक्सीजन को बढ़ाने और धरती के तापमान को कम करने के लिए हमारा यह कर्तव्य है कि पौधे लगाएं और उनकी देखभाल एवं सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाना पुण्य का कार्य है। आज हमें वृक्षों की छांव मिल रही है, क्योंकि किसी ने बहुत पहले पौधे लगाए थे। आने वाली पीढिय़ों को उन वृक्षों की शीतल छांव मिलती है, वहीं फल-फूल भी प्राप्त होते हैं। आइए हम सभी पौधरोपण के लिए प्रतिबद्ध होकर अपनी भागीदारी निभाएं।
शासकीय कार्यालयों के साथ ही जनप्रतिनिधियों की भी एक पेड़ माँ के नाम अभियान अंतर्गत सहभागिता रही। जिले में कलेक्टोरेट, जिला पंचायत, कृषि, कौशल विकास प्राधिकरण, महिला एवं बाल विकास, परिवहन, रेशम, पशु चिकित्सा, आदिम जाति कल्याण, खेल एवं युवा कल्याण, नगर पंचायत डोंगरगढ़, नगर पंचायत छुरिया, स्वास्थ्य, विद्युत, बीज निगम, नगर पालिक निगम, लोक निर्माण, जल संसाधन, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, क्रेडा, उप जेल, मछली पालन, लीड बैंक मैनेजर, सहकारी संस्थाएं, शिक्षा, आयुष, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगर तथा ग्राम निवेश,राज्य कर, विपणन, स्टेट वेयर हासिंग कार्पोरेशन, जनपद पंचायत छुरिया, जिला व्यापार एवं उद्योग, खनिज, नगर पंचायत डोंगरगढ़, कृषि उपज मंडी, गृह निर्माण मंडल, जनपद पंचायत राजनांदगांव सहित अन्य विभागों व कार्यालयों में एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत सघन पौधरोपण किया गया।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण वैष्णव ने एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत ग्राम भंडारपुर, चिरचारीकला, थैलीटोला, भोलापुर में पौधरोपण किया। इस दौरान अन्य जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने पौधरोपण किया। एसडीएम राजनांदगांव श्री खेमलाल वर्मा, एसडीएम डोंगरगांव श्री श्रीकांत कोर्राम, एसडीएम डोंगरगढ़ श्री अभिषेक तिवारी ने तहसील परिसर में एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत पौधरोपण किया। इस अवसर पर तहसील कार्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा फलदार व छायादार पौधों का रोपण किया गया। कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग श्री समीर शर्मा द्वारा सोमनी स्थित जल शुद्धिकरण संयंत्र में एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत पौधरोपण किया गया। इस अवसर पर पीएचई विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा फलदार व छायादार पौधों का रोपण किया गया।
जगदलपुर, शौर्यपथ। ग्यारहवाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग ’ योग संगम और हरित योग थीम पर सामूहिक योग कार्यक्रम शहर के इंदिरा प्रियदर्शनी स्टेडियम में किया गया। योगाभ्यास कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जगदलपुर विधायक किरण देव शामिल हुए। इस अवसर पर श्री देव ने कहा कि करें योग-रहें निरोग इसी भावना के साथ स्वस्थ शरीर के लिए नियमित योग आसनों का अभ्यास करें। भारत वर्ष की पुरातन विधा योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष कसरत के रूप में पहचान मिली है। आज पूरे विश्व सहित प्रदेश के सभी जगहों पर योगाभ्यास किया जा रहा है। इस दौरान विधायक श्री देव ने एक पेड़ माँ के नाम के तहत स्टेडियम परिसर में पौधरोपण भी किया ।
इस योगाभ्यास कार्यक्रम में महापौर संजय पाण्डे, पार्षद वेद प्रकाश और जिले के गणमान्य जनप्रतिनिधि, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरिस एस, सीईओ जिला पंचायत प्रतीक जैन, वन मंडलाधिकारी उत्तम गुप्ता, सभी जिला स्तरीय अधिकारी, गणमान्य जनप्रतिनिधिगण, बहु संख्या में योगाभ्यास करने वाले नागरिक उपस्थित थे। जिले के विभिन्न विकासखंड मुख्यालय स्कूलों, आश्रम-छात्रावास सहित ग्राम पंचायत स्तर में भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर लोगों ने उत्साह के साथ योगाभ्यास में हिस्सा लिया। विकासखंड लोहांडीगुड़ा के चित्रकोट जलप्रपात के समीप आयोजित योगाभ्यास में विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, पूर्व विधायक लच्छूराम कश्यप सहित अन्य गणमान्य लोगों ने योग किया ।
राजनितिक विश्लेषण/शौर्य पथ समाचार
दुर्ग शहर की कांग्रेस राजनीति एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है, जहां पारंपरिक नेतृत्व की पकड़ कमजोर होती जा रही है, वहीं एक नया नेतृत्व उभरने की कोशिश में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह उभरता चेहरा है दुर्ग जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर, जो अब तक ग्रामीण कांग्रेस तक सीमित माने जाते थे, लेकिन अब उनकी सक्रियता और रणनीति दुर्ग शहर विधानसभा सीट की ओर इशारा कर रही है।
जन्मदिन पर लगे पोस्टरों से शुरू हुई राजनीतिक चर्चा
हाल ही में राकेश ठाकुर के जन्मदिन पर दुर्ग शहर में जगह-जगह लगे पोस्टरों और बैनरों ने स्थानीय राजनीति में हलचल पैदा कर दी। इन पोस्टरों में न तो पूर्व विधायक अरुण बोरा दिखाई दिए, न ही उनके गुट से जुड़े किसी नेता की मौजूदगी रही। इसके विपरीत राकेश ठाकुर की राजनीतिक छवि को अलग और स्वतंत्र रूप में उभारने का प्रयास स्पष्ट नजर आया।
पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल के साथ भी ठाकुर के संबंध महज औपचारिकता की सीमाओं तक सिमटे दिखे। यह परिस्थितियाँ साफ संकेत देती हैं कि ठाकुर शहर की राजनीति में अपनी जमीन बनाने के अभियान पर हैं, और यह अभियान महज संगठनात्मक नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव की गहरी तैयारी का हिस्सा हो सकता है।
कांग्रेस का निष्क्रिय संगठन और घटती पकड़
वर्तमान समय में दुर्ग शहर कांग्रेस एक निष्क्रिय इकाई बन चुकी है। अध्यक्ष स्तर से लेकर बूथ स्तर तक कहीं कोई ठोस राजनीतिक गतिविधि नहीं दिखती। विपक्ष की भूमिका निभाने वाली पार्टी के रूप में कांग्रेस जनता से कटती जा रही है, और यही खाली जगह अब राकेश ठाकुर जैसे नेता अपने आंदोलन, विरोध प्रदर्शन और जनसरोकार वाले कार्यों से भरने में लगे हैं। ठाकुर की यह सक्रियता न सिर्फ शहर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रेरित कर रही है, बल्कि निष्क्रिय नेतृत्व पर सवाल भी खड़े कर रही है।
स्व. मोतीलाल वोरा का युग और उनके जाने के बाद की राजनीतिक शून्यता
यह भी एक राजनीतिक यथार्थ है कि स्वर्गीय मोतीलाल वोरा के जीवनकाल में दुर्ग शहर कांग्रेस में किसी अन्य नेता का उभार संभव नहीं था। उनकी गहरी पकड़ और संगठन पर प्रभाव के चलते अधिकांश कार्यकर्ता उनकी छत्रछाया में ही सीमित रहते थे। उनकी मृत्यु के बाद यह छत्रछाया खत्म हो गई, और धीरे-धीरे अरुण बोरा की पकड़ भी कमजोर होती गई। अब कांग्रेस कार्यकर्ता खुलकर बोरा के विरोध में भी उतरने लगे हैं, जैसा कि पिछली विधानसभा चुनाव में स्पष्ट रूप से देखा गया।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का कांग्रेस से ही विरोध
दुर्ग शहर विधानसभा सीट से पिछले छह बार चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक अरुण बोरा के खिलाफ पार्टी के भीतर ही व्यापक असंतोष दिखाई दिया था। 2023 के विधानसभा चुनाव में यह असंतोष खुले विरोध में तब्दील हो गया, जब कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रचार में भाग नहीं लिया, बल्कि गुप्त रूप से अन्य प्रत्याशियों के पक्ष में काम किया। यह परिदृश्य बताता है कि दुर्ग कांग्रेस में आपसी गुटबाजी केवल अंदरूनी मसला नहीं रह गया, बल्कि चुनाव में हार की मुख्य वजह बन चुका है।
पाटन, भिलाई और दुर्ग ग्रामीण: तय दावेदार, पर दुर्ग शहर में असमंजस
पाटन विधानसभा से भूपेश बघेल का टिकट लगभग तय माना जा रहा है। दुर्ग ग्रामीण से पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू दोबारा दावेदारी को लेकर सक्रिय हैं। भिलाई नगर से देवेंद्र यादव का कद प्रदेश स्तर तक स्थापित हो चुका है। इन सभी सीटों पर स्पष्टता होने के बाद सिर्फ दुर्ग शहर विधानसभा सीट पर ही टिकट को लेकर संशय और खींचातानी का माहौल है। यही वह मौका है जहां राकेश ठाकुर जैसे नेता अपनी भूमिका को धीरे-धीरे मजबूत करने में लगे हैं।
राकेश ठाकुर: रणनीति, संगठन और सक्रियता का समन्वय
राकेश ठाकुर की सबसे बड़ी ताकत है -उनकी जमीनी सक्रियता और युवाओं के बीच बढ़ता समर्थन। ग्रामीण इलाकों से जुड़ा होने के बावजूद, वह शहर में जन आंदोलनों, विरोध प्रदर्शन और मुद्दों पर बेबाक बयानबाजी के जरिए तेजी से एक प्रभावी चेहरा बनते जा रहे हैं। उनकी सक्रियता कांग्रेस हाईकमान की निगाहों से दूर नहीं रह सकती, और यदि शहर कांग्रेस में निष्क्रियता बनी रही तो पार्टी नेतृत्व भी नई सोच के साथ नया चेहरा आजमा सकता है।
भविष्य की संभावनाएं और खतरे
इस बदलते परिदृश्य में दो बातें तय हैं:
1. अगर कांग्रेस दुर्ग शहर में भीतरघात, निष्क्रियता और गुटबाजी से नहीं उबरी, तो आगामी चुनाव में फिर हार की नौबत आ सकती है।
2. अगर राकेश ठाकुर जैसे सक्रिय नेताओं को उचित मंच और संगठनात्मक सहयोग मिला, तो वे पार्टी को एक नया जीवन दे सकते हैं।
परंतु, यह भी सच है कि कांग्रेस के लिए एक और गुट का उभार जहां नई ऊर्जा ला सकता है, वहीं पुराने नेताओं की असहजता और आंतरिक कलह को और गहरा भी कर सकता है।
राजनांदगांव /शौर्यपथ /अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने 21 जून 2025 को सुबह 6.30 बजे दिग्विजय स्टेडियम राजनांदगांव में आयोजित जिला स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी नागरिकों से अपील की है। उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग को अपनी दैनिक जीवन शैली में अपनाकर हम अपने स्वास्थ्य को अच्छा रख सकते है। योग हमारी भारतीय संस्कृति की अमूल्य देन है। योग के माध्यम से हम अपने जीवन शैली में महत्वपूर्ण परिवर्तन कर सकते है। यह हमारी शारीरिक एवं मानसिक क्षमता में वृद्धि करता है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन नागरिकों को अपने अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की दिशा में आयोजित किया गया है। उन्होंने अधिक से अधिक नागरिकों को जिला स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आव्हान किया है। योग दिवस की थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए, योग संगम एवं हरित योग है।
ई-केवायसी की अंतिम तिथि 30 जून
बालोद/शौर्यपथ /जिला खाद्य अधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत राज्य में ’एक राष्ट्र, एक राशनकार्ड’ योजनातर्गत सभी हितग्राहियों को आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से खाद्यान्न वितरण किया जाना है। जिसके अंतर्गत ई-केवायसी हेतु शेष हितग्राहियों को 30 जून 2025 तक केवायसी अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत 02 लाख 34 हजार 756 राशनकार्ड प्रचलित है। जिसमें राशनकार्डो में 08 लाख 95 हजार 986 सदस्य पंजीकृत है। पंजीकृत सदस्यों में से 08 लाख 26 हजार 967 सदस्यों का ई-केवायसी पूर्ण हो चुका है तथा 69 हजार 19 सदस्यों का ई-केवायसी शेष है। इसके साथ ही भारत सरकार द्वारा 05 वर्ष से कम उम्र के सदस्यों का ई-केवायसी में छूट दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी उचित मूल्य दुकान में संचालित ई-केवायसी की सुविधा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा जारी ’मेरा ई-केवायसी एप्प’ के माध्यम से भी ई-केवायसी कर सकते है। इस एप्प के माध्यम से ई-केवायसी करने के लिए एंड्रायड मोबाइल में गुगल प्ले स्टोर से एप्प डाउनलोड कर हितग्राही राज्य, जिला का चयन कर अपना आधार नंबर डालकर आधार ओटीपी के माध्यम से फेस ई-केवायसी कर सकते हैं।
भीमकन्हार शिविर में राशन कार्ड की सौगात मिलने पर बुजुर्ग मेहतरीन बाई ने की शासन की जनहितैषी पहल की सराहना
बालोद/शौर्यपथ/बालोद जिले में आयोजित धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत लाभ संतृप्ति शिविरों के माध्यम से तात्कालिक लाभ मिलने से आदिवासी समाज के लोग एवं हितग्राही अत्यंत प्रसन्नचित एवं अपने सुखद भविष्य के प्रति आशान्वित नजर आ रहे हैं। केन्द्र सरकार के द्वारा विभिन्न 25 सेवा से लाभान्वित करने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही लाभ संतृप्ति शिविर अत्यंत सफलीभूत सिद्ध हो रही है। इसी कड़ी में आज जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम भीमकन्हार में आयोजित शिविर में ग्राम परसाडीह ज की निवासी श्रीमती मेहतरीन बाई की बीपीएल राशन कार्ड बनने से वे बहुत ही प्रसन्नचित है। श्रीमती मेहतरीन बाई ने बताया कि वे एवं उसके पति अपने पारिवारिक आवश्यकताओं के चलते बहुत दिनों से बीपीएल राशन कार्ड बनाने के लिए ग्राम पंचायत एवं अन्य शासकीय कार्यालयों में जाने के लिए प्रयासरत थे। इसी दौरान उन्हें गांव के लोगों के द्वारा आदिवासियों के समस्याओं के निराकरण हेतु पास के ग्राम भीमकन्हार में शिविर आयोजित होने की जानकारी दी गई। शिविर में पहुँचने के बाद पंचायत विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा ही बहुत कम समय में मेरा बीपीएल राशन कार्ड बनाने की कार्रवाई पूरी की गई है। जिससे समय की बचत होने के साथ-साथ हमें पंचायत एवं अन्य कार्यालयों के चक्कर लगाने की समस्या से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि भीमकन्हार में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर के माध्यम से हमें बीपीएल राशन कार्ड मिलने से मैं और मेरा परिवार बहुत ही प्रसन्नचित एवं अपने सुखद भविष्य के लिए पूरी तरह से आशान्वित है। उन्होंने शासन की इस महत्वपूर्ण पहल की सराहना करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के द्वारा हम आदिवासियों को हर तरह से मदद पहुँचाकर आत्मनिर्भर बनाने हेतु लाभ संतृप्ति शिविरों का जो आयोजन किया जा रहा है उनसे हमारे आदिवासी वर्ग के अनेक जरूरतमंद लोग लाभान्वित होंगे। श्रीमती मेहतरीन बाई ने शिविर के माध्यम से उनके परिवार की बड़ी समस्या का निराकरण होने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले केन्द्र सरकार को हृदय से धन्यवाद देते हुए उनके प्रति विनम्र आभार व्यक्त किया है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित एक निजी होटल में बंसल न्यूज़ द्वारा आयोजित "पंख खेल उपलब्धि पुरस्कार 2025" कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने खेल के क्षेत्र में ग्रामीण प्रतिभाओं को मंच देने के लिए बंसल न्यूज़ की पहल की सराहना की और आयोजकों एवं सम्मानित युवा खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विगत तीन वर्षों से बंसल न्यूज़ द्वारा प्रदेश भर के ग्रामीण अंचलों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सम्मानित करने का जो कार्य किया जा रहा है, वह अत्यंत सराहनीय और प्रेरणादायी है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रतिवर्ष चयनित खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 50,000 रुपए प्रदान किए जा रहे हैं, जो उन्हें खेल गतिविधियों और अभ्यास को निरंतर बनाए रखने तथा बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में बंसल न्यूज़ प्रदेशवासियों के लिए एक सशक्त मंच के रूप में उभरा है। उन्होंने संस्थान को साधुवाद देते हुए कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में भी यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने उपस्थित जनसमूह को 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दीं और सभी से योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का आग्रह भी किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, खेल मंत्री टंकराम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक किरण देव सहित जनप्रतिनिधिगण, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में खिलाड़ीगण उपस्थित रहे।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जशपुर प्रवास के दौरान कुनकुरी रेस्ट हाउस में आमजन से आत्मीय चर्चा करते हुए कहा कि योग मानवता को भारत की अमूल्य देन है। योग हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हर बीमारी के इलाज के लिए योग में कोई न कोई उपयोगी आसन अवश्य है। यदि हम नियमित रूप से योग करें तो बीमारियों से बच सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि योग को हमें अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाना चाहिए। योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन प्रदान करने वाली एक सम्पूर्ण जीवनशैली है। उन्होंने कहा कि यदि हम प्रतिदिन थोड़ा समय योग को दें, तो दीर्घकालीन स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हम सभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आभारी हैं, जिन्होंने योग को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाई। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से आज पूरी दुनिया योग की महत्ता को समझ रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रधानमंत्री जी द्वारा योग दिवस का प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने के बाद, 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया गया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर योग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें आम नागरिकों से लेकर अधिकारी-कर्मचारी तक उत्साहपूर्वक भाग लेंगे। मुख्यमंत्रीसाय ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है कि योग आज विश्व के सभी देशों में जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है और इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व को जाता है। उन्होंने कहा कि विश्व के 190 से अधिक देशों में इस दिन योग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो भारत की सांस्कृतिक शक्ति और जीवनदायिनी परंपरा की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाता है।
22 जून 1968 – 22 जून 2025
लेखक: शौर्यपथ विशेष प्रतिनिधि
परिचय: धरती से शीर्ष तक की यात्रा
छत्तीसगढ़ की राजनीति में यदि किसी महिला नेता ने जमीनी राजनीती से लेकर राष्ट्रीय मंच तक अपने व्यक्तित्व, नेतृत्व और दृष्टिकोण से गहरी छाप छोड़ी है, तो वह हैं सुश्री सरोज पांडे। 22 जून 1968 को जन्मी सरोज पांडे आज भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, और संगठन में एक मजबूत, भरोसेमंद स्तंभ के रूप में पहचानी जाती हैं।
उनकी राजनीतिक यात्रा दुर्ग से आरंभ हुई, लेकिन उनकी सोच और संगठनात्मक कौशल ने उन्हें देशव्यापी पहचान दिलाई। उनके जन्मदिवस के इस अवसर पर उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों और उनके जीवन के प्रेरणादायी प्रसंगों को स्मरण करना न केवल श्रद्धांजलि है, बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी है।
राजनीतिक सफर: संघर्ष, समर्पण और सफलता
➤ दुर्ग नगर निगम से राष्ट्रीय मंच तक
वर्ष 2000: दुर्ग नगर निगम की महापौर निर्वाचित, जहां उन्होंने अपने कुशल प्रशासन से स्वच्छता, पेयजल, सड़कों और सामुदायिक विकास में मील के पत्थर स्थापित किए।
वर्ष 2008: दुर्ग विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं।
वर्ष 2009: दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित होकर दिल्ली की संसद तक पहुंची।
यह रिकॉर्ड उन्हें विशेष बनाता है — एक साथ महापौर, विधायक और सांसद बनने वाली महिला नेता।
संगठन में महत्वपूर्ण भूमिकाएं और कार्यभार
राष्ट्रीय पदों पर विश्वस्त जिम्मेदारी
सरोज पांडे भारतीय जनता पार्टी की उन नेताओं में हैं जिन पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने संगठन को विस्तार देने के लिए प्रभारी, सहप्रभारी और पर्यवेक्षक के रूप में कई राज्यों में जिम्मेदारियां सौंपीं, जिनमें प्रमुख हैं:
उत्तर प्रदेश: महिला मोर्चा की प्रभारी और संगठन सशक्तिकरण की जिम्मेदारी।
झारखंड और उत्तराखंड: चुनावी रणनीति, संगठन विस्तार और महिला सशक्तिकरण योजनाओं के लिए पर्यवेक्षक।
बिहार, ओडिशा एवं महाराष्ट्र: प्रभारी के रूप में नियुक्त होकर पार्टी को नई दिशा दी।
छत्तीसगढ़: संगठन में कई बार पुनः सक्रिय भूमिका में, जहां उन्होंने चुनावी प्रबंधन में उत्कृष्ट भूमिका निभाई।
महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष
भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने महिला कार्यकर्ताओं के बीच संवाद, प्रशिक्षण और नेतृत्व विकास की एक नई संस्कृति की शुरुआत की।
भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
पार्टी ने उन्हें संगठन के शीर्ष पद — राष्ट्रीय महासचिव और वर्तमान में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जैसे पदों पर आसीन किया।
इन पदों पर रहते हुए उन्होंने नीति निर्धारण, संवाद और कार्यकर्ता जुड़ाव जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया।
प्रभावशाली वक्ता और मीडिया की प्रिय नेत्री
सरोज पांडे की पहचान एक तेजस्वी वक्ता और तर्कसंगत प्रवक्ता के रूप में भी है।
वे समाचार चैनलों, जनसभाओं, पार्टी फोरम्स पर गंभीर विषयों को सहज भाषा में रखती हैं।
उनके भाषणों में साफ सोच, स्पष्ट उद्देश्य और संगठन की दृढ़ता झलकती है।
कार्यकर्ताओं की नेता, संगठन की शक्ति
सरोज पांडे की राजनीति केवल पद आधारित नहीं रही, बल्कि कार्यकर्ताओं के साथ जमीन पर खड़ी राजनीति रही है।
वे लगातार बूथ स्तर से लेकर मंडल, जिला और प्रदेश स्तर तक कार्यकर्ता संवाद करती रही हैं।
संगठनात्मक प्रशिक्षण, संवाद यात्रा और कार्यकर्ता सम्मान समारोहों में उनका उत्साह प्रेरणादायक रहा है।
कुछ विशेष उपलब्धियां और स्मरणीय घटनाएं
2010 में "21वीं सदी की प्रभावशाली महिला नेता" पुरस्कार प्राप्त।
2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में कई राज्यों में जनसभाएं लीं।
छत्तीसगढ़ में भाजपा के रणनीतिक चुनावी प्रबंधन की थिंक टैंक सदस्य रहीं।
महिला अधिकार, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्होंने संसद में कई मुद्दों को पुरजोर ढंग से उठाया।
जन्मदिवस पर संदेश
शौर्यपथ परिवार की ओर से सुश्री सरोज पांडे जी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और निरंतर जनसेवा का अवसर मिलता रहे।
उनका जीवन न केवल एक प्रेरणा है, बल्कि आज की राजनीति में नैतिकता, नारी नेतृत्व और निष्ठा का प्रतीक है।
"सरोज पांडे — एक नाम, एक पहचान, एक आंदोलन।"
"जहां महिला शक्ति, विचार और संगठन के संगम से उठता है विश्वास का सूरज।"
दुर्ग । शौर्यपथ समाचार।
पुलिस विभाग में कार्यरत जवानों की सेवा और समर्पण का सम्मान करते हुए, आज एक भावुक क्षण तब देखने को मिला जब सड़क दुर्घटना में शहीद हुए आरक्षक क्रमांक 1724 उपेन्द्र कुमार तिवारी की माताजी श्रीमती चंद्रकांति तिवारी को 1 करोड़ रुपये की बीमा राशि का चेक सौंपा गया।
यह राशि पुलिस सेलरी पैकेज (P.S.P.) के अंतर्गत भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा प्रदान की गई, जो राज्य पुलिस विभाग और एसबीआई के मध्य हुए साझा एमओयू के तहत बीमा कवरेज में आती है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल, एसबीआई क्षेत्रीय प्रबंधक श्री रूपक मंडल (सेक्टर-1, भिलाई), एवं एसबीआई शाखा गंजपारा, दुर्ग के शाखा प्रबंधक श्री राहुल मोदी की उपस्थिति में चेक प्रदान किया गया।
आरक्षक उपेन्द्र कुमार तिवारी की 26 दिसंबर 2024 को एक दुखद सड़क दुर्घटना में असामयिक मृत्यु हो गई थी। वे जिला पुलिस बल, दुर्ग में सेवाएं दे रहे थे और अपने कर्तव्यों का निष्ठा पूर्वक निर्वहन कर रहे थे। उनका यह बलिदान पूरे पुलिस विभाग के लिए एक प्रेरणा बन गया है।
पुलिस सेलरी पैकेज के तहत एसबीआई द्वारा पुलिसकर्मियों को दुर्घटना के कारण मृत्यु, स्थायी पूर्ण विकलांगता या आंशिक विकलांगता की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाती है, जो कि जवानों और उनके परिवारों के लिए एक आश्वस्ति का कार्य करता है।
इस पहल को देखकर अन्य पुलिसकर्मियों में सुरक्षा की भावना और सिस्टम के प्रति विश्वास और भी मजबूत हुआ है। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस अवसर पर शहीद आरक्षक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवार को हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। यह बीमा पैकेज न केवल एक आर्थिक सहायता है, बल्कि यह पुलिस जवानों के योगदान और बलिदान की सामाजिक स्वीकृति और मान्यता का प्रतीक भी है।