August 03, 2025
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जांजगीर - चांपा

जांजगीर - चांपा (255)

जांजगीर चांपा / शौर्यपथ / जनपद पंचायत अकलतरा के अंतर्गत 57 ग्राम पंचायत आते हैं जनपद पंचायत अकलतरा में 11 ऐसे सचिव है जिन्हें सीईओ की मेहरबानी से दो-दो जगह का प्रभार दिया गया है जबकि 12 ऐसे सचिव भी हैं जिन्हें जनपद पंचायत अकलतरा में संलग्न कर दिया गया है जिन सचिवों को दो जगह का प्रभार है और कई सचिवों को एक भी जगह का प्रभाव नहीं मिल रहा है सत्यव्रत तिवारी सीईओ अकलतरा की मेहरबानी कुछ इस तरह से है जिसके चलते 12 सचिव कोई भी पंचायत नहीं होने की वजह से अपना कार्य भी अच्छी तरह से नहीं कर पा रहे हैं। सरकार के द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं जिससे कि ग्राम पंचायत अधिक से अधिक विकास की ओर अग्रसर हो सके। ऐसे में जनपद पंचायत अकलतरा के ग्राम पंचायत किस तरह से विकास की ओर अग्रसर हो सकेंगे। यह सोचने वाली बात है।

ग्राम पंचयात सचिव लोगो के प्रभार के संसोधन ऊपर से हुवा है, ईश बारे में ज्यादा जनकारी नही दे सकता जानकारी चाहिए तो आप सूचना के अधिकार में जानकारी ले सकते है बाईट भी नही दूँगा।

सत्यव्रत शि, तिवारी, सीईओ जनपद पंचायत अकलतरा

जांजगीर-चांपा / शौर्यपथ / कलेक्टर यशवंत कुमार ने आकस्मिक आपदा में मृत्यु के 04 प्रकरणों में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत कुल 16 लाख रूपये की आर्थिक सहायता अनुदान राशि की स्वीकृति दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की तहसील अकलतरा के ग्राम लटिया के श्री शशिभुषण मरकाम की पानी में डुबने से मृत्यु होने पर उनके निकटतम वारिस पत्नि श्रीमती पार्वती मरकाम, तहसील बलौदा के ग्राम डोंगरी के श्री विनोद केंवट की सर्पदंश से मृत्यु होने पर उनके निकटतम वारिस मां फुदाना बाई, तहसील जैजैपुर के ग्राम भातमाहुल निवासी श्रीमती श्यामबाई की सर्पदंश से मृत्यु होने पर उनके निकटतम वारिस पति श्री राजेन्द्र रात्रे और ग्राम गुजियाबोड़ के श्री अजीत कुमार साहू की पानी में डुबने से मृत्यु होने पर उनके निकटतम वारिस पत्नि श्रीमती रामेश्वरी को राजस्व पुस्तक 6-4 के तहत चार-चार लाख रूपये की सहायता राशि की स्वीकृति दी है।

जांजगीर-चांपा / शौर्यपथ / दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम -2016 के तहत निःशक्त व्यक्तियों की पहचान, शत-प्रतिशत प्रमाणीकरण तथा यूडीआईडी कार्ड बनाने के लिए जनपद पंचायतवार शिविर का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर यशवंत कुमार ने सभी नगरीय निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों और जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को पत्र जारी कर शिविर आयोजन के संबंध में निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर द्वारा जारी पत्र के अनुसार जिले में अब तक यूडीआईडी पंजीयन का कार्य 79 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। शत-प्रतिशत प्रमाणीकरण एवं यूडीआईडी पंजीयन हेतु जिले के समस्त विकासखंड में यूडीआईडी पंजीयन शिविर 24 फरवरी से शुरू होगा। शिविर में महिला एवं बाल विकास विभाग, सर्व शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, स्वास्थ्य विभाग, जनपद एवं नगरीय निकाय से समन्वय स्थापित कर दिव्यांगजनों का यूडीआईडी कार्ड बनाया जाएगा।
शिविर के लिए तिथि निर्धारित -
शिविर के लिए निर्धारित तिथि के अनुसार जनपद पंचायत डभरा में 24 फरवरी को डीपीआरसी भवन में और जनपद पंचायत मालखरौदा में 27 फरवरी को सद्भावना भवन में शिविर का आयोजन होगा। इसी प्रकार जनपद पंचायत जैजैपुर के सद्भावना भवन में 3 मार्च को, जनपद पंचायत सक्ती के सामुदायिक भवन में 6 मार्च को, जनपद पंचायत बम्हनीडीह के कार्यालय भवन में 10 मार्च को, नवागढ़ के जनपद पंचायत भवन में 15 मार्च को, पामगढ़ जनपद पंचायत के सद्भावना भवन में 17 मार्च को, जनपद पंचायत अकलतरा के स्वर्गीय योगेंद्र सिंह स्मृति भवन में 22 मार्च को और बलौदा के जनपद पंचायत भवन में 24 मार्च को शिविर का आयोजन होगा।
प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे और प्रमाण पत्रों का होगा नवीनीकरण -
शिविर में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जिला मेडिकल बोर्ड की टीम उपस्थित रहेगी। ऐसे दिव्यांग जिनके प्रमाण पत्र नहीं है उनके, प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे। साथ ही प्रमाण पत्रों का नवीनीकरण भी किया जाएगा। निःशक्तजनों को अपने साथ पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र के साथ उपस्थित होने कहा गया है।
यूडीआईडी रजिस्ट्रेशन हेतु हितग्राहियों को लाने की दी गई जिम्मेदारी-
दिव्यांगजनों को यूडीआईडी कार्ड रजिस्ट्रेशन हेतु सभी दिव्यांगजनों को मूल चिकित्सा प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, आय, जाति, निवास एवं शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण पत्र की छाया प्रति के साथ उपस्थित कराने कहा गया है। आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज दिव्यांग बच्चों के प्रमाणीकरण एवं यूडीआईडी पंजीयन हेतु शिविर स्थल तक लाने व सकुशल वापस पहुंचाने की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास को दी गई है। प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक स्तर पर अध्यनरत छात्र-छात्राओं को लाने व वापस पहुंचाने की जिम्मेदारी खंड स्रोत समन्वयक को सौंपी गई है। 18 वर्ष से अधिक या ऐसे निःशक्तजन को स्कूल में दर्ज नहीं है उनको जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के दिशा निर्देश में शिविर स्थल पर पहुंचाने की जिम्मेदारी संबंधित गांव के पंचायत सचिव को दी गई है।
शिविर का आयोजन-
कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु जारी निर्देश का पालन करते हुए किया जाएगा। जिन दिव्यांगजनों का यूडीआईडी कार्ड बनाया जा चुका है, उन्हें शिविर में लाने की आवश्यकता नही है। स्थानीय स्तर पर शिविर का अधिक से अधिक प्रचार करने कहा गया है। शिविर स्थल पर भोजन, पेयजल इत्यादि की व्यवस्था मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा किया जाएगा।

जांजगीर-चांपा / शौर्यपथ / जिला प्रशासन द्वारा नगर पंचायत शिवरीनारायण को माघ मेले के आयोजन की अनुमति दे दी है। मेले के लिए अपर कलेक्टर श्रीमती लीना कोसम को नोडल और अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जांजगीर को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। मेला का अयोजन 27 फरवरी से 11 मार्च तक किया जाएगा। सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए मेले में शामिल होने वालों को कोविड-19, प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा। माघ पूर्णिमा के पश्चात अन्य दिनों का मेला प्रातः 10 बजे से रात्रि 10 बज तक आयोजन की अनुमति होगी। मेले में चलित सिनेमा की रात्रि 11.30 बजे तक अनुमति दी गई है। मेले के दौरान भारत सरकार, छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा जारी कोविड-19, के प्रोटोकाल का पालन आयोजन समिति, अधिकारियों, गणमान्य नागरिकों द्वारा करवाया जाएगा।
मेले के दौरान कोविड-19, सहित स्वास्थ्य सुरक्षा के निर्देशों का कड़ाई से पालन करवाया जाएगा। अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 निगेटिव का रिपोर्ट साथ में लाना होगा। यह रिपोर्ट 3 दिन से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। मेला स्थल के प्रवेश द्वार पर पहचान पत्र के आधार पर आगंतुकों की पंजी संधारित की जाएगी। सभी आगंतुकों को पहचान पत्र लेकर आना अनिवार्य होगा। इस संबंध में प्रचार-प्रसार के लिए सभी एसडीएम को मुनादी कराने के निर्देश दिए गए है। मेला स्थल में प्रवेश के पूर्व आगंतुको का थर्मल स्केन किया जाएगा। अलक्षण वाले आगंतुकों को प्रवेश की अनुमति होगी। बिना मास्क का प्रवेश वर्जित रहेगा। प्रवेश एवं निकास बिन्दूओं के साथ-साथ परिसर के भीतर समान्य क्षेत्रों में हेण्ड सेनेटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करने का दायित्व आयोजन समिति का होगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेला स्थल पर कोविड जांच की व्यवस्था की जाएगी।
मेला स्थल की निगरानी के लिए भीड़ संभावित वाले स्थानों पर सी.सी कैमरे की व्यवस्था समिति द्वारा की जाएगी। दुकानदार एवं कर्मचारियों द्वारा कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर ही स्टाल लगाने की अनुमति दी जाएगी। चार-पांच दुकानों का कलस्टर बनाकर बैरिकेटिंग कर समाजिक दूरी का पालन करते हुए दुकान का संचालन करना होगा। एक दुकान में चार लोगों को काम करने की अनुमति होगी। दुकानदारों को इनवर्टर की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।
सभी दुकानदार सैनिटाइजर की व्यवस्था स्वयं करेंगे। भीड़ वाले आयोजन जैसे मौत का कुआं, ओपन थिएटर, सरकस आदि में निर्धारित क्षमता के अनुसार ही प्रवेश की अनुमति होगी। इन स्थानों पर नगर पंचायत के स्वयसेवक तैनात रहेंगे।
नदी घाट में गहराई वाले स्थानों का चिन्हाकन कर वहां लोगों का जाना वर्जित किया जाएगा। वन और पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा मेला स्थल पर बांस से बेरिकेटिंग की व्ययस्था की जाएगी। इसी प्रकार नदी घाट की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए गोताखोर तीन बोट, फायर ब्रिगेड आदि की व्यवस्था जिला सेनानी द्वारा की जाएगी। पीएचई के अधिकारियों को मेला के दौरान पेयजल व्यवस्था के लिए सभी हेण्डपंप चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं। सार्वजनिक शौचालयों, स्नान घरों तथा दुकान बंद होने के पश्चात दुकानों की सेनेटाइजेशन नगर पंचायत द्वारा प्रतिदिन की जाएगी।
मेले में सामूहिक रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक कार्यक्रम, भजन-कीर्तन की अनुमति नही होगी। इस संबंध में प्रचार-प्रसार करने नगर पंचायत को निर्देशित किया गया है। मेला स्थल के बाहर वाहन पार्किंग के लिए पांच से अधिक स्थानों का चिन्हाकंन करने एवं बाइपास मार्ग की व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग को निर्देशित किया गया है। मेले के दौरान या मेला स्थल में यदि कोई व्यक्ति कोविड पाजीटिव होता है तो सम्पूर्ण ईलाज का दायित्व आयोजन समिति का होगा। मेला के कारण क्षति होने की स्थिति में मुआवजा का भुगतान आयोजन समिति को करना होगा।
धार्मिक व पूजा स्थल के संबंध में निर्देश-
प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर और थर्मल स्केनिंग की व्यवस्था करनी होगी। फेस कव्हर या मास्क के साथ अलक्षण वाले व्यक्तियों को प्रवेश दिया जाएगा। भीड़ एकत्रित ना हो इसके लिए आगंतुको को बारी-बारी से प्रवेश करना होगा। श्रद्धालुओं को जूता-चप्पल को अपने वाहन में रखकर पूजा स्थल पर आने के लिए निर्देशित करने कहा गया हैं। साथ ही अलग-अलग स्लाट पर जूता चप्पल रखने की व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया गया है। कतार में खड़े दो व्यक्तियों के मध्य की दूरी छह फीट रखने के कहा गया है। मूर्ति व पवित्र पुस्तक आदि को स्पर्श करने की अनुमति नही होगी। सामुदायिक रसोई/लंगर/अन्नदान की व्यवस्था होने पर फिजिकल डिस्टेंसिंग के मापदंडो का पालन करना होगा। प्रसाद वितरण पवित्र जल का छिड़काव, घंटी बजाने की अनुमति नही होगी। नियमित सफाई, सेनेटाइजर की व्यवस्था करने के लिए मंदिर समिति को निर्देशित किया गया है।

जांजगीर-चांपा / शौर्यपथ / कलेक्टर यशवंत कुमार ने आज कलेक्ट्रेट कार्यालय सभाकक्ष में पुलिस, होमगार्ड, पंचायत, जेल, महिला एवं बाल विकास, राजस्व, नगगरीय निकाय और स्वास्थ्य विभाग की सयुक्त बैठक लेकर कोविड-19, टीकाकरण की प्रगति की समीक्षा की।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि कोविड वैक्सीन के पहले डोज के 28 दिन बाद दूसरा डोज लगाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सेकंड डोज लेने के दो सप्ताह के अंदर आम तौर पर एंटीबाडी का सुरक्षात्मक स्तर इम्यूनिटी विकसित होती है। वैैैक्सीन लगाने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार करना जरूरी है। जिससे कोरोना संक्रमण से स्वयं को सुरक्षित रख सकें।
कलेक्टर ने टीकाकरण की विभागवार समीक्षा करते हुए पंजीयन के विरूद्ध कम टीकाकरण होने पर संबंधित विभाग के जिला अधिकारियों के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर ने कहा कि गर्भवती एवं प्रसव के छह महिना बाद तक स्तनपान कराने वाली महिलाओं एवं अन्य गंभीर रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों को छोड़कर शेष सभी को टीका लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रथम व द्वितीय चरण में संबंधित विभाग के जिन अधिकारियों, कर्मचारियों का पंजीयन किसी कारण से नही हो पाया है, वे पंजीयन के लिए स्वास्थ्य विभाग को तत्काल सूची प्रस्तुत करें। ताकि उनका पंजीयन कर अगामी चरणों के टीककरण पूर्ण किया जा सके। कलेक्टर ने टीकाकरण के नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर श्री करूण डहरिया और सहायक नोडल डाॅ पुष्पेन्द्र लहरे से कहा कि विभागवार प्रगति की जानकारी प्रति दिन संबंधित जिला अधिकारियों को उपलब्ध कराए। जिससे छुटे हुए लोगों का टीकाकरण समय पर पूर्ण किया जा सके। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती लीना कोसम, एस.एस.पैकरा, जिला सेनानी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, सभी एसडीएम, एसडीओपी, जनपद सीईओं, नगरीय निकाय के सीएमओं उपस्थित थे।

जांजगीर-चांपा / शौर्यपथ / कलेक्टर यशवंत कुमार ने आज जिला कार्यालय में आयोजित समयसीमा बैठक में विभागीय कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि गंभीर कुपोषित बच्चों के उपचार के लिए जिले के सभी एनआरसी (पोषण पुनर्वास केन्द्र) चालू रहेंगे। एनआरसी की क्षमता के अनुरूप शतप्रतिशत बेड पर गंभीर कुपोषित बच्चों को भर्ती कराने की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग की होगी। एन आर सी में भर्ती बच्चे और उनके साथ अभिभावक मां को सभी उपलब्ध सुविधाओं का लाभ मिले यह स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाय। कलेक्टर ने कहा कि उपचार से लाभांवित बच्चों के स्वास्थ्य की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। एनआरसी में उपलब्ध सामाग्री खिलौने, टीव्ही, फर्नीचर, बेड आदि उपयोगी हालत में हो, समय समय पर इसकी भी समीक्षा होगी।
राजस्व विभाग में आवेदन समय सीमा के बाद लंबित न रहे-
कलेक्टर ने राजस्व विभाग के अधिकारियों से कहा कि सीमाकंन, बटाकंन, बटवारा, रिकार्ड दुरूस्तिकरण आदि से संबंधित कोई भी आवेदन समय सीमा के बाद लंबित न रहे। उन्होंने कहा कि समय सीमा के बाद लंबित प्रकरणों के लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। कलेक्टर ने कहा कि शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त रखने और अनाधिकृत निर्माण को रोकने की जिम्मेदारी भी राजस्व अधिकारियों की है। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि कालोनी निर्माण के लिए निमयानुसार निर्धारित प्रक्रिया के तहत अनुमति प्रदान की जाए। इसके लिए कालोनी निर्माण कराने वालो से निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन कर अनुमति लेने के लिए राजस्व अधिकारी प्रेरित करें। साथ ही नियम विरूद्ध निर्माण होने पर कार्यवाही कर जिला कार्यालय को अवगत कराते हुए तोड़ने की भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
मवेशियों को भी गौठान में लाना सुनिश्चित करवाए-
कलेक्टर ने वन और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे नर्सरी लगाने के लिए जिले के गौठानो में तैयार किये जा रहे कम्पोस्ट खाद की खरीदी करें। जिससे खाद तैयार करने वाली महिला स्व-सहायता समूहों को प्रोत्साहन मिले। उन्होंने जनपद पंचायत के सीईओं से कहा कि गौठानों से संबंधित गतिविधियां गौठान परिसर में ही संचालित हों। गौठान प्रतिदिन निर्धारित अवधि में खुला रहे और मवेशियों को भी गौठान में लाना सुनिश्चित करवाएं। गोबर खरीदी की मात्रा के विरूद्ध निर्धारित अनुपात में कम्पोस्ट खाद तैयार हो यह सुनिश्चित करें ,इस पर सतत निगरानी रखें ।
धान को सुरक्षित रखने जिम्मेदारी संबंधित समिति प्रभारियों की-
कलेक्टर ने धान खरीदी से संबंधित अधिकारियों से कहा कि संग्रहण केन्द्रों और उपार्जन केन्द्रों में रखे हुए धान को समुचित उपाय कर सुरक्षित रखने का कार्य संबंधित समिति प्रभारियों की है। जिला खाद्य अधिकारी, सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी और जिला विपणन अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वे इसकी सतत निगरानी कर धान की सुरक्षा सुनिश्चित करवाएं। धूप, पानी और चूहो से धान को सुरक्षित रखने के लिए निर्देशानुसार कार्यवाही किया जाय। बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती लीना कोसम, एस.एस.पैकरा, संयुक्त कलेक्टर सचिन भूतड़ा, डिप्टी कलेक्टर, सभी एसडीएम सहित विभिन्न विभागो के जिला अधिकारी उपस्थित थे।

राजनांदगांव / शौर्यपथ / छग कान्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने पत्रकारवार्ता में बताया कि गौण खनिज की छग शासन द्वारा राजपत्र में प्रकाशित दरें एवं बाजार दर के द्वारा निर्माण ठेकेदारों की जो कटौती की जा रही है, जो कि व्यवहारिक नहीं है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की रॉयल्टी की दरों की कटौती ठेकेदारों के द्वारा स्वीकार्य है, परंतु बाजार दर अनुचित है। वर्तमान में समय में अगर बाजार दर से कटौती की जायेगी, तो ठेकेदारों के द्वारा निर्माणाधीन कार्यों का घर बेचकर भुगतान करना पड़ेगा। चूंकि भवन निर्माण में आरसीसी का रेट 4231 रूपये घन मीटर एसओआर में दर है, अगर वह भवन 20 प्रतिशत बिलो में निर्माण हेतु निवदा ली गयी है तो उस समय आरसीसी का रेट 3385 रूपये होगा और गिट्टी की रॉयल्टी 520 घनमीटर होगी, शेष 2865 रूपये में जीएसटी, आईटी, लेबर, सीमेंट और विभागीय सिस्टम में शिष्टाचार इन तमाम कटौती के बाद ठैकेदार को 5 वर्ष की रखरखाव करना है, कुल मिलाकर इस प्रकार की कटौती शासन द्वारा की गयी है। इस परिस्थिति में निर्माण करना संभव नहीं है।
शुक्ला ने बताया कि रोड निर्माण में जीएसबी का एक घनमीटर का मूल्य 1372 रूपये है। 20 प्रतिशत बिलो में ठेकेदारों द्वारा अनुबंध किया गया है, तो इसका 274 रूपये घटाने के बाद 1098 रूपये जिसमें 520 रूपये रॉयल्टी की कटौती, शेष 578 रूपये जीएसटी आईटी और विभागीय शिष्टाचार के बाद निर्माण एजेंसी के पास कुछ नहीं बचता, घर से पैसा लगाकर 5 वर्ष रखरखाव करना है, इसी तरह से मुरूम और रेत में इसी प्रकार की कटौती होती है। इससे स्पष्ट होता है कि ठेकेदारों के द्वारा निर्माण करना, भवन, रेाड, ब्रिज, एनीकट, कैनाल का निर्माण करना संभव नहीं है।
शुक्ला ने बताया कि लोक निर्माण विभाग में निर्माण कार्यों के रखरखाव हेतु पांच वर्ष की समय सीमा निर्धारित की गयी है एवं जल संसाधन विभाग में दस वर्षों की रखरखाव निर्धारित एवं एनीकट बांध डेम दस वर्ष रखी गयी है, जो पूर्णता व्यवहारिक नहीं है। जिसे संसोधित किया जाये, अथवा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और एडीबी द्वारा जो निर्माण कार्य कराये जा रहे है, उनमें रखरखाव हेतु विभाग द्वारा भुगतान किया जाता है, इस नियम को लागू किया जाये।
शुक्ला ने बताया कि निर्माण विभागों में तृतीय पार्टी चेकिंग की शर्ते निर्माण कार्यों में लागू की गयी है। प्रदेश के निर्माण ठेकेदारों को चेकिंग की शर्ते मंजूर है, परंतु चेकिंग की समय सीमा निर्धारण कर एवं निर्माण विभागों को जो ठेकेदारों के भुगतान 5 प्रतिशत एसडी राशि एवं पीजी की राशि की कटौती की जाती है। श्री शुक्ला ने शासन से अनुरोध किया है कि अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि को थर्ड पार्टी चेकिंग में लाना अनिवार्य न किया जाये। निर्माण कार्य समाप्त होते ही अतिरिक्त सुरक्षा की राशि रिलीज किया जाये।
शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में छग शासन द्वारा ई श्रेणी पंजीयन शुरू की गयी है, जिसमें बेरोजगार नवयुवकों को इस श्रेणी में पंजीयन कराके एक वर्ष में ब्लॉक स्तर पर 50 लाख रूपये तक की निर्माण करने की पात्रता होगी, हम सभी ठेकेदार शासन के निर्णय का स्वागत करते है, परंतु इस प्रकार से बस्तर परिक्षेत्र में 50 लाख तक का निर्माण कर्य में मेनुवल टेंडर नियम लागू किया गया है। उस नियम को आगे बढ़ाते हुए शासन से अनुरोध है दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर परिक्षेत्र एवं अंबिकापुर परिक्षेत्र में इस नियम को लागू किया जाये, चूंकि छग प्रदेश में 16 हजार रजिस्टर्ड ठेकेदार है, जिनममें 80 प्रतिशत ठेकेदार 20-30 लाख का निर्माण कार्य करते है, चूंकि ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। श्री शुक्ला ने मांग की है कि नगर पालिक निगम में रॉयल्टी विभाग द्वारा काटी जाये और नगर पालिका का लंबित भुगतान रिलीज किया जाये।
इस अवसर पर छग कान्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन जिला अध्यक्ष संजय सिंगी, जिला महासचिव आलोक बिंदल, जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र पांडे सहित बड़ी संख्या में छग कान्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन के सदस्य उपस्थित थे।

जांजगीर - चांपा / शौर्यपथ / ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जांजगीर में बसंत पंचमी के पावन पुनीत अवसर पर विद्या बुध्दि की अधिष्ठात्री देवी मॉं सरस्वती जी की पूरी श्रध्दा एवं निष्ठा से पूजा अर्चना की गयी. पंडित श्री राकेश तिवारी जी द्वारा विधिवत मंत्रोच्चार से पूजा अर्चना करवायी गयी.. मॉं सरस्वती जी की पूजा विद्यालय के एकेडमिक कोआर्डिनेटर श्री संतदास सर, श्रीमती भिष्मिता साहू, कुमारी प्रियंका शर्मा व श्रीमती शीतल राठौर व क्लास 10 वीं के बच्चों व स्कूल प्राचार्या श्रीमती सोनाली सिंह व प्रबंधन समिति से आलोक अग्रवाल, श्रीमती प्रणिता अग्रवाल, श्री विष्णु धानुका श्रीमती बबीता धानुका के मार्ग दर्शन व उपस्थिति में व समस्त स्कूल स्टाफ की उपस्थिति में किया गया.. समस्त पूजा की तैयारी श्रीमती भिष्मिता साहू , कुमारी वर्षा सिंह, व कुमारी रश्मि थोरानी द्वारा संम्पन्न किया गया। मॉं सरस्वती जी की पूजा में विशेष रूप से उपस्थित जिला न्यायालय जॉंजगीर से श्री संतोष कुमार महोबिया जी सी. जे. एम. जॉंजगीर , श्रीमती मेनका प्रधान एस डी एम जॉंजगीर व सरकारी अधिवक्ता श्री राजेश पॉंडेय जी व श्री संजय सिंह, श्री अंजुम जावेद अंसारी, श्री आत्मजीत सिंह जी, श्री श्रृषिकेश उपाध्याय जी व संदीप अग्रवाल नैला की उपस्थिति रही।
मॉं सरस्वती जी की पूजा अर्चना के पश्चात समस्त स्टाफ व अभ्यागत लोगों व प्रबंध समिति के सदस्यों द्वारा आरती की गयी। आरती के पश्चात मॉं विद्या दायनी से प्रार्थना की गयी कि शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली समस्त बाधायें अब इस कोरोना काल से दूर हो जायें ताकि नियमित रूप से अध्ययन अध्यापन का कार्य प्रारंभ हो सके..
मॉं सरस्वती जी की विधिवत पूजा अर्चना के पश्चात ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल बनारी जॉंजगीर द्वारा अपने छठवें स्थापना दिवस का केक स्कूली बच्चों से व सभी स्कूल स्टाफ के द्वारा कटवाया गया आज इस स्थापना दिवस के अवसर पर कोरोना काल के जंग में लोगों को बचाने में अपनी महती भूमिका अदा करने के लिये श्रीमती मेनका प्रधान एस डी एम जॉंजगीर को कोरोना वारियर्स मोमेन्टो भेंटकर सम्मानित किया गया तथा श्री संतोष महोबिया जी सी जे एम जॉंजगीर को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया..
बसंत पंचमी व स्कूल स्थापना दिवस के कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित पूर्व सांसद श्रीमती कमला देवी पाटले जी ने मॉं सरस्वती की पूजा अर्चना करने के उपरांत स्कूलशिक्षिका श्रीमती नीलम सिंह द्वारा पुष्प गुच्छ भेंटकर अभिवादन किया तथा शिक्षिका कुमारी ऐश्वर्या ब्रिजवानी द्वारा श्रीमती ममता राठौर जी को पुष्प गुच्छ भेंटकर अंभिवादन किया.. श्रीमती कमला देवी पाटले जी ने स्कूल के समस्त टीचर्स को कोरोना काल में आन लाइन स्टडीज चालू रखने व संकट काल में निरंतर शिक्षा को बढ़ावा प्रदान करने हेतु सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को ब्रिलियंट शिँक्षाविद सम्मान पत्र भेंटकर सम्मानित किया..इस अवसर पर स्कूल मैनेजमेंट से श्रीमती बबीता विष्णु धानुका व श्रीमती प्रणिता आलोक अग्रवाल उपस्थित रहे तत्पश्चात् स्कूल प्रबंधन समिति व प्रिंसिपल श्रीमती सोनाली सिंह द्वारा विशेष रूप से उपस्थित पूर्व सॉंसद श्रीमती कमला देवी पाटले जी को स्मृति चिन्ह भेंट स्वरूप प्रदान किया गया ..
कार्यक्रम समाप्ति उपरांत महाप्रसाद व सहभोज का आयोजन किया गया जिसमें सभी ने मिलकर एक साथ आनंद लिया..
कार्यक्रम का संचालन सुश्री प्रियंका शर्मा ने किया, स्वागत व्यवस्था श्रीमती साधना सिंह व श्रीमती प्रियंका द्विवेदी, पूजा की साज सज्जा श्रीमती भिष्मिता साहू, श्रीमती शीतल राठौर, कुमारी वर्षा सिंह, कुमारी रश्मि थोरानी, श्रीमती नीलम सिंह, कुमारी प्रीतिबाला सिंह व उर्वशी अग्रवाल व ऐश्वर्या ब्रिजवानी द्वारा, बैठक व्यवस्था श्री विकास साहू व श्री सनत कुमार, श्री भानुप्रताप व श्री दिनेश मिरी व पूजा का आन लाइन संचालन श्री शान्तनु जाना व भानुप्रताप मधुकर द्वारा, म्यूजिक व साउंड सिस्टम श्री भानुप्रताप मधुकर व दिनेश मिरी द्वारा व भोजन व्यवस्था श्रीमती विजयलता राठौर, श्रीमती आशा राठौर, श्रीमती भारती यादव, कुमारी रश्मि थोरानी, श्रीमती मिनिमोल थॉमस, श्री विनीत देवॉंगन व श्री अजीत राठौर द्वारा तथा विशेष सहयोग के रूप में संगीता कश्यप, द्वारिका राठौर, दिनेश व औमप्रकाश व जुगनू की भूमिका रही.. सभी का ह्रदय से आभार प्रदर्शन स्कूल प्रिंसिपल श्रीमती सोनाली सिंह द्वारा किया गया।

जांजगीर चांपा / शौर्यपथ / जिले में सिंचाई विभाग एक ऐसा विभाग है जहां सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार का ही बोलबाला है चाहे वह प्रमुख नहर हो या उप नहर उसके निर्माण से लेकर मरम्मत कार्य तक इतना भ्रष्टाचार किया जाता है कि नहरों का कुछ ही वर्षों में नामोनिशान तक नहीं मिलता फिर पुनः विभाग द्वारा उन्हीं ठेकेदारों को ठेका देकर कार्यों के पीछे करोड़ों रुपए खर्च कर दिया जाता है और ठेकेदारो से लेकर उच्च अधिकारी तक सभी का जेब तो पूर्ण रूप से भर जाता है परंतु शासन प्रशासन को करोड़ों का चूना लगाने में अधिकारी व ठेकेदारों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आती है खोखरा सेन्द्री नहर उप संभाग जांजगीर के अंतर्गत आते हैं उस नहर का निर्माण 2 से 3 वर्ष पूर्व कराया गया था जो अभी वर्तमान में कई जगहों से दरारें पड़ गई हैं और कई स्थानों पर तो पूर्ण रूप से नहर उखड़ गया है फाल के पास मोटी ढलाई किया जाता है जैसे पानी के बहाव बढ़ने पर भी नहर ना फूट सके परंतु ठेकेदारों द्वारा अपनी जेब भरने के चक्कर में उक्त स्थानों पर घटिया निर्माण का कार्य किया जाता है एवं 15 इंच मोटी ढलाई के स्थान पर सिर्फ 4 इंच की ढलाई की जाती है जिससे लगभग सभी फाल के पास के नहर पूर्ण रूप से धरा शाही हो गए हैं इसकी ना तो जांच होती है और ना ही कोई कार्रवाई होती है क्योंकि अधिकारी का जमा रहना मानो एक प्रचलन शा बन गया है अनुविभागीय अधिकारी किसी भी हद तक भ्रष्टाचार करें उन पर किसी भी प्रकार का अंकुश लगा पाना शासन प्रशासन के हाथ में नहीं है एक तरफ शासन-प्रशासन जहां कहती है कि हर विभाग में अधिकारियों का तबादला 2 से 3 वर्ष के अंदर होना स्वाभाविक है परंतु सिंचाई विभाग एक ऐसा विभाग है जहां तबादले की सुई सिर्फ कार्यपालन अभियंता पर गिरती है बाकी लगभग सभी अधिकारी यथा स्थान पर बने रहते हैं .
जांजगीर उप संभाग के सब इंजीनियर से लेकर अनुविभागीय अधिकारी व प्रभारी कार्यपालन अभियंता तक का सफर तय करने वाले डीएल खुटे इसका स्पष्ट उदाहरण है अभी तक लगभग 20 से 25 वर्षों में इनका तबादला जांजगीर जिला से बाहर हुआ ही नहीं है उनकी ऊंची पहुंच के चलते भले ही राज्य में किसी की सरकार हो वह अपने यथा स्थान पर बने हुए हैं शायद उनका तबादला कर पाना किसी भी उच्च अधिकारी व शासन प्रशासन के हाथ में नहीं है एक तरफ लगता है ऐसा है कि मानो सिंचाई विभाग उनकी प्रर्सनल जागीर बन गई है और वह जी तोड़ के भ्रष्टाचार करें उन पर अंकुश लगा पाना शासन के हाथ में नहीं है राज्य में 15 वर्ष पूर्व कांग्रेस की सरकार थी उसके उपरांत 2003 से दो हजार अट्ठारह तक भाजपा की सरकार थी तदुपरांत पुनः कांग्रेस की सरकार बनने उपरांत भी इस अधिकारी पर शासन प्रशासन का किसी भी प्रकार का कार्यवाही ना होना समझ से परे है शासन प्रशासन को इन पर कार्यवाही करने की आवश्यकता है जिसके चलते कार्यों में सजगता व भ्रष्टाचार मे कमी आ सके। इस संबंध में कार्यपालन अभियंता जांजगीर के दूरभाष में संपर्क करने पर उनके द्वारा फोन उठाना जरूरी नहीं समझा गया और कार्यालय जाने पर उनका साइड में होना बताया गया।


नहर निर्माण व मरम्मत के बारे में जानकारी कार्यपालन अभियंता जांजगीर दे सकते हैं रही बात अधिकारी के तबादले की वह उच्च स्तर पर होता है हमें तबादला करने का अधिकार नहीं है।

ऊईके सी.ई.नहर विभाग बिलासपुर

जांजगीर-चांपा / शौर्यपथ / राज्य सरकार के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवसीय खेल अकादमी रायपुर,बिलासपुर हेतु खिलाड़ियों के चयन हेतु जिला स्तरीय चयन ट्रायल का दो दिवसीय आयोजन हाई स्कूल क्रमांक-01 के मैदान में किया गया। एथलेटिक्स, हाकी और तीरंदाजी खेल के लिए चयनित 56 खिलाडी राज्य स्तरीय चयन ट्रायल में भाग लेंगे। चयन के लिए निर्धारित बैटरी टेस्ट पास करना अनिवार्य किया गया है। ़
जिला खेल अधिकारी प्रमोद सिंह बैस ने बताया कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष से रायपुर एवं बिलासपुर में प्रारंभ होने वाले आवासीय खेल अकादमी हेतु जिला स्तरीय चयन ट्रायल का आयोजन गया। प्रथम दिन 15 फरवरी को एथलेटिक्स और 16 फरवरी को हाकी और तीरंदाजी के खिलाड़ियों के लिए चयन ट्रायल का आयोजन किया गया। जिले के 09 से 17 वर्ष तक के इच्छुक खिलाड़ी चयन ट्रायल में शामिल हुए। बालक-बालिका वर्ग के एथलेटिक्स में 237, हाकी में 40 और तीरंदाजी के 10 खिलाड़ी शामिल हुए। जिला स्तर पर चयनित खिलाड़ी राज्य स्तरीय चयन ट्रायल में शामिल होंगे। राज्य स्तर पर चयनित खिलाड़ियों को खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवसीय खेल अकादमी रायपुर व बिलासपुर में खेल प्रशिक्षण, खेल किट, शिक्षा व्यवस्था एवं अन्य सुविधाएं राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क उपलब्ध करवायी जाएगी। खेल प्रतिभाओं के विकास एवं खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने के उद्देश्य आवासीय खेल अकादमी का गठन किया गया है। खेल अकादमी संचालन नियम 2014 के अनुरूप तय मानक अनुसार प्रतिभागियों का बालक-बालिका वर्गवार बैटरी टेस्ट एवं खेल विधावार कौशल टेस्ट का आयोजन किया गया।

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