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- कार्यक्रम में दवाईयां एवं सिकल सेल जेनेटिक कार्ड का किया गया वितरण
- विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन
राजनांदगांव /शौर्यपथ /कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्गदर्शन में विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न के निर्देशानुसार प्रत्येक व्यक्ति का नि:शुल्क सिकल सेल स्क्रीनिंग किया गया। नागरिकों को सही समय पर ईलाज एवं दवाईयां उपलब्ध कराई गई और इसके साथ सिकल सेल जेनेटिक कार्ड का वितरण किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सिकल सेल एक आनुवांशिक रोग है जिसकी सही समय पर जांच कराने और नियमित दवाईयां लेने से नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विवाह कराने के पहले सिकल सेल कुंडली का जरूर मिलान करना चाहिए। कुंडली मिलान उपरांत पॉजिटीव आये लोगों को विवाह किए जाने संबंधी पूर्ण जानकारी देने कहा। इसके लिए लोगों को जागरूक होना आवश्यक है। जिले में 6 लाख 16 हजार 308 सिकल सेल स्क्रीनिंग किया गया। जिसमें 5 लाख 93 हजार 144 सिकल सेल निगेटीव, 661 सिकल सेल पॉजिटीव एवं 10 हजार 147 सिकल सेल वाहक है।
सिविल सर्जन डॉ. श्रीमती माधुरी खंूटे ने कहा कि जिला अस्पताल में न्यूमोकोकल वैक्सिन उपलब्ध है जिसे सिकल सेल एवं थैलिसिमिया पीडि़त 4 वर्ष से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को लगाया जाना है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने मैदानी स्तर पर मितानिनों के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने की बात कही। कार्यक्रम में जिला नोडल अधिकारी सिकल सेल डॉ. सुहद्रा ठाकुर, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक, जिला माईक्रोबॉयोलॉजिस्ट एवं स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी तथा शहरी क्षेत्र के एएनएम, मितानिन व सिकल सेल हितग्राही उपस्थित थे।
राजनांदगांव /शौर्यपथ /एनआईईपीआईडी सिकंदराबाद के अंतर्गत संचालित सीआरसी ठाकुरटोला राजनांदगांव छत्तीसगढ़ द्वारा आज छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से 8 से 40 वर्ष तक 87 दिव्यांगजन कान्हा शान्तिवनम कान्हा गांव रंगारेड्डी जिला तेलंगाना में ग्यारहवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में शामिल होने के लिए रवाना हुए। योगा दिवस के प्रोटोकॉल के अनुसार सभी राज्य से इस योगा दिवस में 3500 दिव्याँगजन शामिल होंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक, सचिव श्री राजेश अग्रवाल, सयुंक्त सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार श्री राजीव शर्मा शामिल होंगे।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्रति वर्ष एक नई थीम रखी जाती है। इस वर्ष योग दिवस की थीम योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ रखी गई है। जिसका मतलब है कि जिस तरह पृथ्वी एक है, ठीक उसी तरह हमारा स्वास्थ्य भी एक ही है, जिसे हमें स्वस्थ रखने की जरूरत है। प्रति वर्ष 21 जून को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाती है। यह सिर्फ एक तारीख या औपचारिक दिन नहीं है, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा की विश्व स्वीकृति का प्रतीक बन गया है। योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन को संतुलन और शांति देने की एक कला है। सभी को योग के लाभों से जोडऩा और उन्हें स्वस्थ जीवन की दिशा में प्रेरित करना। ट्रेन रवाना के समय आस्था मुकबधिर स्कूल राजनंदगांव के अध्यक्ष श्री महेंद्र सुराना, सीआरसी से श्री पुनीत राम साहू, श्री पुष्पेंदु जना उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सीआरसी राजनंदगांव से श्री गजेन्द्र कुमार साहू समन्वय कर रहे है।
कलेक्टर ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम की तैयारी के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली
- 21 जून 2025 को सुबह 6.45 बजे से दिग्विजय स्टेडियम में होगा सामूहिक योगाभ्यास
- आयोजन की तैयारी के लिए अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
राजनांदगांव /शौर्यपथ / कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की तैयारी के लिए अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग, वन मंडलाधिकारी श्री आयुष जैन एवं जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह उपस्थित रहे।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून 2025 को सुबह 6.45 बजे से दिग्विजय स्टेडियम में सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने आयोजन की तैयारी के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने के लिए नागरिकों को अधिक से अधिक प्रेरित करना है। इसमें अधिक से अधिक लोगों की सक्रिय सहभागिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, स्कूल बच्चे, खिलाड़ी, सभी अधिकारी-कर्मचारी एवं नागरिक शामिल होंगे। उन्होंने मंच, साऊंड, योग करने के लिए कार्पेंट की व्यवस्था, वाहन पार्किंग, ट्रैफिकके संबंध में दायित्व सौंपे एवं आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी एवं समाज सेवी संस्थाएं कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने समाज कल्याण विभाग एवं खेल विभाग को कार्यक्रम की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए कहा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम राजनांदगांव श्री खेमलाल वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
- परकोलेशन टैंक और इंजेक्शन वेल मॉडल बन रहा पहचान
- आधुनिक तकनीक से भूजल रिचार्ज का देश में पहला प्रयोग
राजनांदगांव/शौर्यपथ / राजनांदगांव जिले में भूजल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में मिशन जल रक्षा के अंतर्गत एक अनूठी और तकनीकी दृष्टि से समृद्ध पहल की जा रही है, जो राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन रही है। जिले में अब तक कुल 1693 परकोलेशन टैंक का निर्माण किया जा चुका है, जो भूजल रिचार्ज की प्राकृतिक संरचनाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन टैंकों के निर्माण के लिए जीआईएस फ्रैक्चर जोन आइडेंटिफिकेशन जैसी वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिससे जल के प्रवाह और भूजल पुनर्भरण के उपयुक्त स्थलों का चयन किया गया। इन टैंकों में आसपास के क्षेत्रों से वर्षा जल एकत्रित होकर सीधे जमीन में रिसता है और भूजल स्तर को पुन: भरने में सहायक होता है।
नवाचार की नई दिशा-
परकोलेशन टैंक तथा इंजेक्शन वेल का समायोजन जल संरक्षण की इस मुहिम को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु राजनांदगांव जिले ने परकोलेशन टैंकों में इंजेक्शन वेल जोडऩे की अभिनव कार्ययोजना तैयार की है। अब तक 200 से अधिक परकोलेशन टैंकों में इंजेक्शन वेल का निर्माण सफलतापूर्वक किया जा चुका है और आगामी वर्षा ऋतु से पूर्व इस संख्या को और अधिक बढ़ाने हेतु तेजी से कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि युक्त संरचना की लागत मात्र 37 हजार रूपए है जो कि एक हैंडपंप खोदने की लागत से भी कम है और इसका कार्य सीधे सरफेस में इकट्ठा होने वाले जल को फिल्टर मीडिया से गुजारते हुए सीधे ग्राउंडवाटर टेबल में पहुंचने का है।
इंजेक्शन वेल की विशेषताएं -
वर्षा जल को फिल्टर कर गहराई तक सीधे जलभंडार तक पहुँचाया जाता है। संरचना की न्यूनतम लागत मात्र 37000 आसन एवं सीधे समझ में आने वाली तकनीक है। खाली पड़े ग्राउंडवाटर टेबल का सर्वोत्तम उपयोग, यह प्रणाली तेज वर्षा के समय अधिक जल को तुरंत जमीन में भेजने में सक्षम है। परंपरागत रिसाव विधियों की तुलना में अधिक प्रभावशाली भूजल पुनर्भरण संभव होता है। मिशन जल रक्षा के तहत पारंपरिक तारीख से आगे बढ़ते हुए अब नवीनतम तकनीक के आधार पर संरचनाएं तैयार किया जाना आज के समय की मुख्य जरूरत है। जिले की यह पहल इसलिए भी विशिष्ट है क्योंकि इसमें परकोलेशन टैंक के निर्माण में जीआईएस मैपिंग, हाईड्रोलॉजिकल, सर्वे तथा रनआफ कैचमेंट एनॉलसिस जैसी तकनीकों का उपयोग किया गया है। इस तकनीकी दृष्टिकोण के कारण संरचनाएं न केवल प्रभावी सिद्ध हो रही हैं, बल्कि उनका दीर्घकालिक जल संरक्षण में योगदान भी स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाला होगा। साथ ही साथ वर्तमान में स्वीकृत किए गए 46 बोरखनन में हैंडपंप के साथ बोरवेल के साथ-साथ इंजेक्शन वेल की भी स्वीकृति प्रदान की गई जिसमें बोरवेल से 30 फीट की दूरी में ही 100 फिट गहरा इंजेक्शन वेल का निर्माण कर बोरवेल का ओवरफ्लो पानी सीधे इंजेक्शन वेल से जोड़ा जा रहा है जिससे कि पानी का दुरूपयोग कम से कम हो और बोरवेल कभी सूखने की स्थिति में ना आए इन प्रयासों को ग्रामीणों द्वारा बड़े ध्यान पूर्वक देखकर तकनीक को समझते हुए सुझाव भी प्रदान किए जा रहे हैं।
सम्भावित परिणाम और सामाजिक प्रभाव-
इंजेक्शन वेल से वर्षा जल सीधे भूजल स्तर तक पहुँचेगा, जिससे स्थानीय जल स्तर में वृद्धि होगी। कुएं, हैंडपंप, और ट्यूबवेल में जल की उपलब्धता बढ़ेगी।
राष्ट्रीय स्तर पर पहला प्रयोग -
यह समायोजन मॉडल परकोलेशन टैंक और इंजेक्शन वेल देश में अपने आप में पहला प्रयास माना जा रहा है, जिसमें भूजल रिचार्ज के लिए अत्याधुनिक तकनीक को समग्र ग्रामीण विकास मॉडल में समाहित किया गया है। यह जल शक्ति मंत्रालय सहित विभिन्न संस्थाओं के लिए भी समय-समय पर केंद्रीय मंत्री एवं अन्य प्रतिनिधियों के माध्यम से अध्ययन और अनुकरणीय मॉडल के रूप में प्रस्तुत की जा रही है।
प्रशासनिक नेतृत्व एवं सतत निगरानी -
इस पहल के पीछे जिला प्रशासन की दूरदर्शिता, तकनीकी टीमों का समर्पण और जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतों की सहभागिता प्रमुख भूमिका निभा रही है। कार्य की नियमित निगरानी, सर्वेक्षण और सामुदायिक भागीदारी ने इसे सफल बनाने में निर्णायक योगदान दिया है।
जिले में परकोलेशन टैंक और इंजेक्शन वेल युक्त भूजल रिचार्ज मॉडल, जल संकट से जूझते ग्रामीण भारत के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। यह पहल न केवल भूजल स्तर में सुधार लाने वाली है, बल्कि एक सतत, विज्ञान आधारित और सामुदायिक भागीदारी से युक्त जल नीति की मिसाल भी पेश कर रही है।
राजनांदगांव/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, राजनांदगांव क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक कार्यालय में पदस्थ सहायक प्रकाशन अधिकारी श्री धर्मेन्द्र शाह मंडावी को पब्लिसिटी ऑफिसर के पद पर पदोन्नति दी गई है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी रायपुर के मुख्य अभियंता (मानव संसाधन) कार्यालय द्वारा जारी आदेश के तहत श्री मंडावी को राजनांदगांव क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रशासनिक कार्यालय में पदस्थ किया गया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी में श्री मंडावी के सेवाकाल की शुरूवात वर्ष 2015 से प्रारंभ हुआ। इस दौरान वे रायपुर क्षेत्र, मुख्यमंत्री सचिवालय, अंबिकापुर क्षेत्र में पदस्थ रहे। अविभाजित राजनांदगांव जिले के मोहला-मानपुर वनांचल क्षेत्र औंधी जैसे सुदुर अंचल से गरीबी और अपर्याप्त संसाधनों के बीच श्री मंडावी ने बीएससी (औद्यो0 मात्स्यिकी), पत्रकारिता में स्नातक एवं स्नातकोत्तर, फोटो एवं विडियोग्राफी में डिप्लोमा, एमबीए की शिक्षा हासिल की। विद्युत मंडल में प्रतियोगी परीक्षा एवं साक्षात्कार के माध्यम से सहायक प्रकाशन अधिकारी के पद पर वर्ष 2015 में सिलेक्ट हुए थे। इस अवसर पर राजनांदगांव क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक श्री शिरीष सेलट, अधीक्षण अभियंता राजनांदगांव वृत्त श्री शंकेश्वर कंवर, अधीक्षण अभियंता कवर्धा वृत्त श्री रंजीत घोष सहित सभी कार्यपालन अभियंताओं ने श्री मंडावी को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
देर रात आकस्मिक निरीक्षण कर रेत एवं गिट्टी से भरे 8 वाहन के जप्ती की कार्रवाई की गई
राजनांदगांव/शौर्यपथ /कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के निर्देशानुसार जिले में अवैध रेत परिवहन एवं उत्खनन पर राजस्व एवं खनिज विभाग द्वारा संयुक्त कार्रवाई की गई। देर रात आकस्मिक निरीक्षण कर रेत एवं गिट्टी से भरे 8 वाहन के जप्ती की कार्रवाई की गई। जिसमें से 5 वाहन में रेत एवं 3 में गिट्टी थी। जिले में रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर आगे भी निरंतर कार्रवाई जारी रहेगी। भर्रेगांव से रेती से भरे 4 वाहन हाईवा सीजी-08 एएन-3492, सीजी 08 एएल- 3164, सीजी-08 एएम-4503, सीजी-07 सीआर-1931 की जप्ती की कार्रवाई की गई। इसी तरह सीजी-08 एवाई 9034 में रेत तथा सीजी-08 बीड़ी 8700, सीजी-08 एजी 6811, सीजी-08 बीएल 5015 में गिट्टी का अवैध परिवहन किया जा रहा था। एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा एवं खनिज अधिकारी श्री प्रवीण चंद्राकर की टीम ने यह कार्रवाई की। इसी तरह डोंगरगढ़ विकासखंड में भी अवैध रेत परिवहन करते हुए 2 हाईवा जप्त किया गया है। एसडीएम डोंगरगढ़ श्री मनोज मरकाम, एसडीएम डोंगरगांव श्रीकांत कोर्राम द्वारा भी अनुविभागों में रेत के अवैध परिवहन एवं उत्खनन पर लगातार कार्रवाई की जा रही है।
17 प्रतिशत नमक घोल से बीज उपचार एवं आगामी खरीफ सीजन की तैयारी हेतु कृषकों को दी गई जानकारी
किसानों को फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने से होने वाले फायदे के बारे में बताया गया
उन्नत कृषि तकनीक, आधुनिक कृषि उपकरणों, केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं की दी गई जानकारी
राजनांदगांव /शौर्यपथ /विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम साकरा एवं ईरा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में किसानों को कृषि विभाग, पशुपालन विभाग एवं उद्यान विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी के वैज्ञानिकों द्वारा बीज उत्पादन, 17 प्रतिशत नमक घोल से बीज उपचार एवं आगामी खरीफ सीजन की तैयारी हेतु कृषकों को विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम में उप संचालक कृषि श्री नागेश्वर लाल पाण्डेय, सरपंच, पंच, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक एवं कृषकगण उपस्थित थे।
शिविर में किसानों को जानकारी देते हुए बताया गया कि प्राकृतिक खेती में फसलों के पोषक तत्व की आपूर्ति हेतु जीवाणु खाद फसल अवशेष और प्रकृति में उपलब्ध खनिज जैसे रॉक फास्फेट का उपयोग किये जाते हैं। इनके खेत में उपयोग से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है। प्राकृतिक खेती में बीजामृत, घनजीवामृत, जीवामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नि अस्त्र, दशपर्णी अर्क का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही जैविक खेती में जैव उर्वरक अंतर्गत नील हरित काई, राइजोबियम कल्चर, एजोस्पाइरिलम, एजोटोबैक्टर, स्पूर घोलक जीवाणु (पीएसबी), कचरा अपघटक का उपयोग किया जाता है। किसानों को पोषक तत्वों से भरपूर लघु धान्य फसलों के बढ़ती मांग को देखते हुए रागी, कोदो, कुटकी की फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया गया। किसानों को बताया गया कि आधुनिक जीवन शैली में बीमारियों मधुमेह, अल्सर, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमरियों को रोकने के लिए लघु धान्य फसल पौष्टिक एवं गुणकारी है। किसानों को धान के बदले अन्य फसल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने से होने वाले फायदे के संबंध में बताया गया। फसल चक्र परिवर्तन से खरपतवारों का नियंत्रण आसानी से हो जाता है। वहीं कीटों का प्रकोप भी कम होता है।
विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत मृदा परीक्षण के फायदों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि किसानों को अपने खेतों का मृदा का परीक्षण अवश्य कराना चाहिए। इससे मृदा में पोषक तत्वों की कमी को देखते हुए आवश्यकता अनुसार उर्वरक का उपयोग करने से फसल उत्पादकता में वृद्धि होगी। किसानों को फसलों में पौध संरक्षण के संबंध में समुचित जानकारी देते हुए रसायनों का उचित प्रयोग करने के लिए बताया गया। उन्नत कृषि तकनीक, आधुनिक कृषि उपकरणों, केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही अभियान के दौरान खरीफ मौसम की प्रमुख फसलों की उन्नत एवं वैज्ञानिक तकनीक, बीज उपचार, धान की सीधी बुआई विधि, पशुपालन एवं उन्नत पशु नस्ल की जानकारी, आधुनिक कृषि यंत्र ट्रेक्टर, थ्रेसर, हार्वेस्टर, स्प्रेयर, राईस ट्रायर, स्ट्रा बेलर, लेजर लैंड लेवलर, ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव, उद्यानिकी फसल, मत्स्य पालन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार फसल में संतुलित पोषक तत्वों का उपयोग एवं नवाचारों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, मृदा स्वास्थ्य योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, सब्जी को सुरक्षित रखने के लिए पैक हाऊस के निर्माण हेतु अनुदान, संरक्षित खेती हेतु ग्रीन हाऊस स्ट्रक्चर के लिए 50 प्रतिशत की अनुदान राशि के बारे में जानकारी दी गई।
राजनांदगांव /शौर्यपथ / डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार के लिए जिले के पात्र कृषक 31 जुलाई 2025 तक उप संचालक कृषि एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय राजनांदगांव से आवेदन पत्र नि:शुल्क प्राप्त एवं निर्धारित प्रपत्र में पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन पत्र सफलता की कहानी के साथ प्रस्तुत कर सकते है। डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार के लिए चयनित कृषक को राज्य स्थापना दिवस 1 नवम्बर 2025 के अवसर पुरस्कृत किया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत जानकारी वेबसाईट www.agriportal.cg.nic.in से प्राप्त की जा सकती है।
डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार के लिए केवल ऐसे कृषक ही सम्मिलित होने के लिए पात्र होंगे जो विगत दस वर्षों से कृषि का कार्य छत्तीसगढ़ क्षेत्र में कर रहे है। छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी हो, कुल वार्षिक आमदनी में से न्यूनतम 75 प्रतिशत आय कृषि से हो एवं तकाबी, सिंचाई शुल्क, सहकारी बैंकों का कालातीत ऋण नहीं हो। पुरस्कार के लिए फसल विविधीकरण एवं उत्पादकता वृद्धि हेतु नवीन कृषि तकनीकी अपनाने का स्तर, उन्नत कृषि तकनीकी के प्रचार-प्रसार एवं अन्य कृषकों द्वारा अपनाने के लिए प्रेरित करने हेतु प्रयास, विगत तीन वर्षों में विभिन्न फसलों की उत्पादकता का स्तर तथा कृषि एवं सहयोगी क्षेत्र में कृषक द्वारा किया गया उल्लेखनीय व नवोन्वेषी कार्य कृषक का चयन एवं मूल्यांकन का आधार होगा। कृषि क्षेत्र में सर्वोत्तम कार्य करने वाले किसान को पुरस्कार दिया जाएगा। ऐसे कृषक जो खेती में नव तकनीकी को अपनाते हो, जिसकी फसल सघनता अच्छी हो, समन्वित कृषि प्रणाली एवं फसल विविधीकरण अपनाता हो, कृषि के क्षेत्र में नवान्वेषी कार्य करता हो, भूमि एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया हो सहित अन्य कृषि संबंधित उत्कृष्ट कार्य के लिए डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर दिया जाएगा। पुरस्कार हेतु कृषकों से प्राप्त आवेदन पत्र में उल्लेखित गुण-दोष के आधार पर तथ्यों का सत्यापन विकासखंड स्तरीय डॉ. खूबचंद बघेल कृषक रत्न पुरस्कार छानबीन समिति द्वारा किया जाएगा। कृषकों का चयन जिला स्तरीय छानबीन समिति एवं राज्य स्तरीय जूरी सदस्यों द्वारा किया जाएगा एवं उनके द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम होगा।
- त्रिनेत्र योजना देश की पहली बेहतरीन एवं अद्भुत योजना
- कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने नागरिकों से त्रिनेत्र योजना में सहयोग करने के लिए किया आह्वान
- शहर में चोरी, अपराध सहित अन्य अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए जनसहभागिता से सीसीटीवी कैमरा लगाने की पहल
- प्रथम चरण में एक जुलाई तक त्रिनेत्र योजना अंतर्गत सीसीटीवी कैमरा एवं सर्वर जोड़कर प्रारंभ किया जाएगा
राजनांदगांव/शौर्यपथ / कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे एवं पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग ने आज जिला कार्यालय के कलेक्टर कक्ष में त्रिनेत्र योजना के संबंध में संयुक्त बैठक ली। शहर की सुरक्षा के दृष्टिगत जिले में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा जनसहभागिता से जनप्रतिनिधि, चेम्बर ऑफ कामर्स, समाज प्रमुख, संगठन, व्यापारी संघ, समाज सेवी, गणमान्य नागरिकों द्वारा प्रोजेक्ट त्रिनेत्र अंतर्गत सीसीटीवी कैमरा लगाने की अनोखी पहल की गई है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे एवं पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने सभी राईस मिलर्स, स्कूल-कालेज, उद्योगपति, हॉस्पिटल, बिल्डिर्स, होटल, बैंकर्स एवं नागरिकों से त्रिनेत्र योजना में सहयोग देने के लिए आह्वान किया है। कलेक्टर ने कहा कि एक जुलाई तक प्रथम चरण में त्रिनेत्र योजना अंतर्गत सीसीटीवी कैमरा एवं सर्वर जोड़कर प्रारंभ कर दिया जाएगा। इसमें सहयोग करने वाली संस्थाएं सामग्री की गुणवत्ता की जानकारी कंट्रोल रूम आकर देख सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि त्रिनेत्र योजना देश की पहली बेहतरीन योजना है, जिससे शहर में चोरी, अपराध सहित अन्य अपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए जनसहभागिता से सीसीटीवी कैमरा लगाने की पहल की गई है। इस योजना अंतर्गत नागरिकों ने लगभग सवा करोड़ रूपए का सहयोग दिया है। जिससे शहर में अभी तक लगभग 70 हजार मीटर आरमंड आप्टिक ऑफ्टिक फाईबर एवं पोल लगाकर बिछा दिया गया है। प्रथम चरण में सेफ्टी बाक्स एवं कैमरा लगाने का कार्य शुरू हो चुका है। त्रिनेत्र योजना अपराधियों पर शिकंजा कसने एवं असमाजिक तत्वों पर नजर बनाए रखने के लिए कारगर कदम है। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री अतुल विश्वकर्मा, पुलिस सायबर टीम से अभिषेक साहू, द्वारिका प्रसाद, कोषाध्यक्ष त्रिनेत्र अशोक मोदी, टेक्निशियन श्री सृष्टिपाल सिंह भाटिया एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
- कलेक्टर ने राजस्व शिविर में आमजनों की सुनी समस्याएं, प्रकरणों का संवेदनशीलतापूर्वक निराकरण करने के दिए निर्देश
- शिविर में 15 किसानों को किसान किताब का किया गया वितरण
- त्रुटि सुधार के 25 मामलों का हुआ त्वरित निराकरण
राजनांदगांव/शौर्यपथ /जनसामान्य की समस्याओं का निराकरण करने तथा उन्हें तत्काल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा जिले के सभी तहसील कार्यालय में राजस्व शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिससे नागरिकों को राजस्व से संबंधित समस्याओं के लिए परेशान न पड़े और उनके कार्य तत्काल सुगमतापूर्वक शीघ्र पूरा हो सके। इसी कड़ी में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने डोंगरगांव तहसील कार्यालय में आयोजित राजस्व शिविर का औचक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने नागरिकों की समस्याओं को सुनकर राजस्व अधिकारियों को प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनमानस के राजस्व संबंधी समस्याओं का समाधान संवेदनशीलतापूर्वक एवं तत्परता से करें।
राजस्व शिविर में कुल 329 आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें से नामांतरण के 47, बटवारा के 26, सीमांकन के 21, बटांकन के 45, त्रुटि सुधार के 48, आय-जाति-निवास प्रमाण पत्र के 54, अतिक्रमण के 14, पट्टा के 12, किसान किताब के 29, अन्य 33 आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें से मौके पर ही 75 आवेदन पर त्वरित कार्रवाई कर निराकृत किया गया। शिविर में 15 किसानों को नि:शुल्क किसान किताब वितरित किया गया। शिविर में राजस्व अमला एक ही स्थान पर उपलब्ध होने पर जनसामान्य के राजस्व संबंधी प्रकरणों का त्वरित निराकरण हुआ एवं मामले को समझाना भी आसान हो गया। शिविर में नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अंजू त्रिपाठी, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रंजिता, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्री मनीष साहू, श्री राम कुमार गुप्ता, एसडीएम डोंगरगांव श्री श्रीकांत कोर्राम सहित जनपद सदस्य, पार्षद, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी उपस्थित थे।
- सोलर प्लांट लगाने के लिए 30 हजार से 78 हजार रूपए तक का अनुदान
- योजना से लाभान्वित होने ऑनलाईन कर सकते हैं आवेदन
राजनांदगांव /शौर्यपथ /प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से अपने घर के छत पर ही 300 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली उत्पादन किया जा सकता हैं। इसके लिए उपभोक्ताओं को सस्ते ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध किया जा रहा है। इसके साथ ही अधिकतम 78 हजार रूपए का अनुदान भी किया जाता है। हमारे सौर मंडल में ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत सूर्य है। सौर ऊर्जा को ग्रीन एनर्जी भी कहते हैं, क्योंकि इससे बिजली उत्पादन में प्रदूषण नहीं होता। यदि लोगों के घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाए तो यह बिजली आम जनता को नि:शुल्क मिलेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना शुरू की है। जिसके तहत मार्च 2027 तक देश के एक करोड़ घरों में रूफ टॉप सोलर प्लांट लगवाने का संकल्प लिया गया है। इस संकल्प को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ में 5 लाख रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा है। एक से तीन किलोवॉट तक का सोलर प्लांट लगाने के लिए 30 हजार से 78 हजार रूपए तक का अनुदान दे रही है। तकनीकी रूप से तीन किलोवॉट के सोलर प्लांट में हर माह औसतन 300 यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। छत पर उत्पादित पूरी बिजली, यदि आपके घर में उसी माह उपयोग नहीं होती तो वह सीएसपीडीसीएल के ग्रिड में संरक्षित कर आगामी माह के उपयोग हेतु उपलब्ध रहेगी। जिसका फायदा लाभार्थी घरेलू उपभोक्ता को निरंतर प्राप्त होता रहेगा। उपभोक्ता पीएम सूर्यघर योजना के पोर्टल या मोबाइल ऐप में जाकर पंजीयन कराएं और इस योजना के सभी लाभ ले सकते हैं। यह योजना बिजली बिल हाफ नहीं बल्कि बिजली बिल समाप्त कर देगी। यानी आपको 3 किलोवॉट के सोलर प्लांट पर 300 यूनिट बिजली हर माह मुफ्त मिलेगी। आप खुद बिजली के उत्पादक भी हैं और उपभोक्ता भी।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना अंतर्गत लाभार्थियों को 78 हजार रूपए तक अनुदान सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। इस योजना से बिजली बिल कम और नवीन रोजगार सृजन होगा तथा अक्षय ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। योजनांतर्गत औसत मासिक विद्युत खपत 0-105 यूनिट के लिए 1-2 किलो वॉट के रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता हेतु 30 हजार रूपए से 60 हजार रूपए तक का अनुदान दिया जाएगा। औसत मासिक विद्युत खपत 150-300 यूनिट के लिए 2-3 किलो वॉट के रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता हेतु 60 हजार रूपए से 78 हजार रूपए तक का अनुदान। औसत मासिक विद्युत खपत 300 से अधिक यूनिट के लिए 3 किलो वॉट से अधिक रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता हेतु 78 हजार रूपए तक का अनुदान। ग्रुप हाऊसिंग सोयायटी एवं निवासी कल्याण संघ के लिए 18 हजार रूपए प्रति किलोवाट अनुदान का प्रावधान है।
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से लाभान्वित होने आवेदन करने की प्रक्रिया -
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया 5 स्टेप में की जा सकती है। पहले स्टेप में सबसे पहले पोर्टल 222.श्चद्वह्यह्वह्म्4ड्डद्दद्धड्डह्म्.द्दश1.द्बठ्ठ पर रजिस्टर व पंजीयन कराना होगा। अपने राज्य का चुनाव कर इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी, इलेक्ट्रिसिटी कन्ज्यूमर नंबर का चुनाव करना होगा। अपना मोबाईल नंबर और मेल आईडी प्रविष्ट करना होगा। स्टेप-2 में कन्ज्यूमर नंबर और मोबाईल नंबर से लाग-इन कर रूफटॉप सोलर के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्टेप-3 में अब अपू्रवल के लिए इंतजार करना होगा एवं विद्युत विभाग में पंजीकृत वेंडर से ही सौर संयंत्र लगवायें। स्टेप-4 में एक बार इंस्टालेशन पूरा हो जाने पर प्लांट का विवरण जमा करना होगा और नेट मीटर के लिए ओवदन करना होगा। स्टेप 5 में नेट मीटर की स्थापना और डिस्कॉम द्वारा निरीक्षण के बाद पोर्टल से प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा। स्टेप-6 में कमिशनिंग रिपोर्ट प्राप्त कर, अपना बैंक खाता विवरण तथा निरस्त चेक पोर्टल के माध्यम से जमा करना होगा। इसके बाद तीन दिनों के भीतर आपको सब्सिडी प्राप्त हो जायेगी।
- विधानसभा अध्यक्ष सुशासन तिहार के अंतिम दिन आयोजित ग्राम सिंघोला के समाधान शिविर में हुए शामिल
- सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों के आधार पर विकास कार्यों के लिए बनेंगी योजनाएं
- विधानसभा अध्यक्ष ने ग्राम सिंघोला में अतिरिक्त टंकी निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की
- ग्रामवासियों के आग्रह पर 8 लाख रूपए की लागत से दो सीसी रोड निर्माण की घोषणा की
- समस्या के समाधान के लिए किए गए प्रभावी कार्य
- सुशासन तिहार में जनमानस के सुख-दुख की मिली जानकारी
- शासन की विभिन्न योजनाओं से हर वर्ग हो रहे लाभान्वित
- शिविर में वन विभाग में वन रक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र किया गया प्रदान
राजनांदगांव /शौर्यपथ /विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज जनपद पंचायत राजनांदगांव के ग्राम सिंघोला में सुशासन तिहार के अंतिम दिन आयोजित समाधान शिविर में शामिल हुए। विधानसभा अध्यक्ष ने ग्राम सिंघोला में अतिरिक्त टंकी निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान की तथा ग्रामवासियों के आग्रह पर 8 लाख रूपए की लागत से दो सीसी रोड निर्माण की घोषणा की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज सुशासन तिहार का अंतिम दिन है। प्रथम चरण में कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ एवं ग्राम पंचायतों के अधिकारियों ने आवेदन प्राप्त करने का कार्य किया एवं इसके निराकरण के लिए सभी ने बहुत उत्साह से कार्य किया। उन्होंने कहा कि ग्राम सिंघोला कलस्टर अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सिंघोला, मुडपार म, कोटराभाठा, महराजपुर, धामनसरा, भोथीपारखुर्द, रानीतराई, उसरीबोड, भवंरमरा, ढोडिया, सुरगी, कुम्हालोरी के ग्रामीणों से प्राप्त आवेदनों का निराकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय सुशासन तिहार में एक माह से निरंतर हेलीकाप्टर से दौरा कर रहे है और समाधान शिविरों में शामिल होकर आम जनता के सुख-दुख की जानकारी ले रहे है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं सरकार ने विगत डेढ़ वर्षों में बहुत अच्छा कार्य किया है। देश में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय पहले मुख्यमंत्री है, जहां कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जा रही है। ऐसी योजना किसी अन्य राज्य में नहीं है। महतारी वंदन योजना के तहत माताओं को 1000 रूपए की राशि प्रतिमाह दी जा रही है। वहीं शासन की विभिन्न योजनाओं से हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है। गांव-गांव के विकास, सड़क-पुलिया, सीमेंट कांक्रीट रोड, मंगल भवन, पंचायत भवन के कार्य चल रहे है। शासन की योजनाओं को गति प्रदान करने के लिए सुझाव लिए जा रहे हंै। सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों के आधार पर विकास कार्यों के लिए योजनाएं बनेगी। भीषण गर्मी में भी कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और सभी अधिकारी शिविर में जनमानस की समस्याओं के समाधान के लिए कार्य कर रहे है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राजनांदगांव जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 70 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं। ग्राम सिंघोला में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत 1700 आवेदन प्राप्त हुए है, 924 आवेदन आवास प्लस 2.0 की सूची में शामिल होंगे तथा 98 प्रकरणों का तत्काल निराकरण किया गया। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री की स्वीकृति से सभी हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिल जायेगें। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन, सामाजिक सुरक्षा अंतर्गत पेंशन, राशन कार्ड सहित विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी कार्य किए गए है। उन्होंने ग्रामीणों से प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे आपके घरों की छत पर बिजली बनाने की योजना से लाभ मिलेगा। बिजली का बिल शत-प्रतिशत कम हो जाएगा। एक से तीन किलोवॉट तक सोलर प्लांट लगाने के लिए केन्द्र सरकार ने 30 हजार से 78 हजार रूपए तक अनुदान मिलेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने शिविर में प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना से लाभान्वितों को पूर्णता प्रमाण पत्र और स्वीकृति प्रमाण पत्र प्रदान किया। इसके साथ ही आयुष्मान वय वंदन कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, लखपति दीदीयों को प्रमाण पत्र प्रदान किया। उन्होंने वन विभाग में वन रक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
जिला पचंायत अध्यक्ष श्रीमती किरण वैष्णव ने कहा कि आज सुशासन तिहार अंतर्गत समाधान शिविर का अंतिम दिन है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप हर व्यक्ति की समस्या के समाधान के लिए कार्य किया गया। शासन-प्रशासन आम जनता के द्वार तक पहुंची। उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर ग्राम को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए कार्य करेंगे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह ने बताया कि ग्राम सिंघोला कलस्टर के ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण के तहत 1240 आवास स्वीकृत किए गए है। जिनमें से 961 आवास पूर्ण कर लिया गया है। 168 नवीन जॉब कार्ड, 189 नवीन शौचालय, 21 पेंशन, 80 राशन कार्ड तथा ग्राम पंचायतों में 24691 आयुष्मान कार्ड बनाया गया है।
समाधान शिविर में विभागीय अधिकारियों ने आवेदनों के निराकरणों का वाचन किया। महिला बाल विकास विभाग द्वारा गर्भवती माताओं की गोदभराई एवं नन्हे बच्चों का अन्नप्रासन कराया गया। शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई तथा पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा, श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष श्री योगेश दत्त मिश्रा, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित के अध्यक्ष श्री सचिन बघेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण वैष्णव, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती किरण साहू, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती देवकुमारी साहू, जनपद पंचायत सदस्य श्रीमती खुशबू साहू, श्री खूबचंद पारख, श्री रामजी भारती, श्री राजेन्द्र गोलछा, श्री सौरभ कोठारी, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे, पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग, वनमंडलाधिकारी श्री आयुष जैन, अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा सहित सिंघोला कलस्टर में शामिल ग्राम पंचायतों के सरपंच, पंच, बड़ी संख्या में अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।
शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की है जरूरत
रायपुर/शौर्यपथ / राजनांदगांव जिले के ग्रामीण अंचल के शासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं, जिससे परीक्षा परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी राजनांदगांव से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, घोटिया (विकासखंड डोंगरगढ़) में कक्षा 10वीं एवं 12वीं के लिए कुल 103 विद्यार्थियों की दर्ज संख्या है, परंतु स्वीकृत 11 पदों के विरुद्ध मात्र 03 व्याख्याता कार्यरत हैं एवं 08 पद रिक्त हैं। शिक्षकों की इस गंभीर कमी के कारण वर्ष 2024-25 में कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम 27.27 प्रतिशत तथा कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम 66.66 प्रतिशत रहा, जो कि चिंताजनक है।
दूसरी ओर, शहरी क्षेत्रों में अपेक्षाकृत अधिक संख्या में शिक्षक पदस्थ हैं। ठाकुर प्यारेलाल शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, राजनांदगांव में 84 विद्यार्थियों की तुलना में 10 शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि दर्ज संख्या के अनुसार केवल 04 शिक्षकों की आवश्यकता है। यह स्थिति शिक्षकों के असंतुलित पदस्थापना के कारण है। जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने तथा सीमित संसाधनों के समुचित उपयोग की दिशा में शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जाना नितांत आवश्यक है। इससे सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या के अनुरूप विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी तथा शैक्षणिक गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार आएगा।
- उत्साह एवं ऊर्जा के साथ मीडिया प्रतिनिधि, बच्चे एवं युवा बड़ी संख्या में हुए शामिल
राजनांदगांव/शौर्यपथ भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा खेलो इंडिया फिट इंडिया अंतर्गत स्वास्थ्य एवं फिटनेस के प्रति जागरूकता लाने के लिए आज अंतर्राष्ट्रीय एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम गौरव पथ राजनांदगांव में सुबह मीडिया प्रतिनिधियों के लिए फिट इंडिया संडे सायकिलिंग रैली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मीडिया प्रतिनिधि एवं साई हॉस्टल के बच्चे उपस्थित रहे। इस अवसर पर संयुक्त संचालक जनसंपर्क डॉ. उषा किरण बड़ाईक ने सायकल रैली को झण्डी दिखाकर रवाना किया। उत्साह एवं ऊर्जा के साथ मीडिया प्रतिनिधियों के साथ बच्चों एवं युवाओं ने भी सायकल रैली में भाग लिया। खुशी जाहिर करते हुए सभी ने सेल्फी जोन में सेल्फी ली।
संयुक्त संचालक जनसंपर्क डॉ. उषा किरण बड़ाईक ने कहा कि मीडिया प्रतिनिधि कठिन परिश्रम करते है और उनकी दिनचर्या थोड़ी अव्यवस्थित होती है। ऐसे में स्वास्थ्य का ध्यान रखना उनके लिए चुनौतीपूर्ण होता है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देना बहुत जरूरी है। इस सायकल रैली के माध्यम से मीडिया के प्रतिनिधियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास किया गया है, ताकि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए फिजिकल एक्टीविटी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। साई हॉस्टल के प्रभारी एवं बास्केटबाल कोच श्री पंकज पाण्डेय ने कहा कि मीडिया प्रतिनिधियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए प्रयास किया गया, ताकि जो समय नहीं निकाल पा रहे है, वे रविवार को समय निकालकर फिटनेस के लिए कार्य करें। उन्होंने बताया कि हर रविवार को डॉक्टर, नर्स, पुलिस, बार काउंसलिंग के साथ सायकल रैली का आयोजन किया गया है। कार्य के बावजूद अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए समय निकालकर प्रतिदिन सायकल चलाने एवं अन्य गतिविधियों को अपनाना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार श्री संदीप साहू ने कहा कि सायकल रैली के माध्यम से पत्रकर साथियों को इस आयोजन से जोड़ा गया है। सुबह उठ कर सायकल या कोई भी एक फिजिकल एक्टिीविटी जरूर अपनाएं, जिससे आप स्वस्थ महसूस करेंगे। उन्होंने इस योजना के लिए साई तथा जनसंपर्क विभाग को बधाई दी। मीडिया प्रतिनिधि श्री परमानंद रजक ने कहा कि सायकल चलाने पर स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। बीमारियों को दूर करने के लिए सायकल एक अच्छी गतिविधि है। मीडिया प्रतिनिधि श्री प्रमोद शेण्डे ने बताया कि वे हाकी खिलाड़ी और बास्केटबाल के लिए राष्ट्रीय स्तर के लिए खिलाड़ी रहे है। उन्होंने कहा कि खेल हमारी जीवन शैली को दर्शाता है और यह गतिविधियांं समाज को आपस में जोड़ती है। स्वास्थ रहने के लिए यह जरूरी है। मीडिया प्रतिनिधि श्री किशोर सिल्लेदार ने कहा कि सायकल रैली के आयोजन से प्रेरणा मिल रही है। सुबह उठकर सायकल चलाने से हम दिनभर स्वस्थ महसूस करेंगे। मीडिया प्रतिनिधि श्री नीरा साहू ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सायकल चलाना छूट गया था, लेकिन इस सायकल रैली में शामिल होने से प्रेरणा और ऊर्जा मिल रही है और इससे स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। मीडिया प्रतिनिधि अंकालु साहू ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है, जिसके माध्यम से मीडिया, बच्चों एवं नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आएगी। इस अवसर पर सौरभ ताम्रकार, जनसंपर्क विभाग से सहायक सूचना अधिकारी प्रवीण रंगारी, जिला समन्वयक सूर्यकांत चंद्राकर, विनय साहू, खेलो इंडिया के कोच सकील अहमद एवं बड़ी संख्या में अन्य मीडिया प्रतिनिधि, बच्चे एवं युवा उपस्थित रहे। मंच संचालन प्रदीप शर्मा ने किया।