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ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /बालों को लेकर आज के समय में अमूमन लोग जूझ रहे हैं. बालों के तेजी से झड़ने के साथ उनके सफेद और बेजान होना. अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से जूझ रहे हैं और अपने बालों को हेल्दी, काला, लंबा और घना बनाना चाहते हो वो भी बिना एक पैसा खर्च किए तो आज हमारे पास आपके लिए एक देसी नुस्खा है जो आपके बालों को हेल्दी रखने में आपकी मदद करेगा. इसके साथ ही यह बालों का झड़ना कम करने के साथ उनको काला करने और लंबा करने में भी मदद करेगा. यह होम रेमेडि एक बार आजमाने के बाद आप दूसरों को भी अपना ये सीक्रेट शेयर जरूर करेंगे.
आज हम बात कर रहे हैं एलोवेरा की. यह बात तो हम सभी जानते हैं कि यह हमारे बालों के लिए कितना फायदेमंद होता है. अगर आप इसका इस्तेमाल सही तरीके से करते हैं तो यह आपके बालों से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है. तो आइए जानते हैं बालों पर एलोवेरा लगाने का सही तरीका जिससे आपके बालों से जुड़ी तमाम परेशानियां दूर हो जाएं.
बालों पर एलोवेरा कैसे लगाएं |
एलोवेरा हेयर मास्क आपके बालों के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इस मास्क को बनाने के लिए सबसे पहले एलोवेरा का जेल को एक बर्तन में निकाल लें. अब इसमें ग्लिसरीन को मिला लें. इन दोनों चीजों को मिक्सर में डालकर एक फाइन पेस्ट बना लें. अब इस पेस्ट को कटोरी में निकाल लें और कॉटन की मदद से अपने स्कैल्प और बालों के सिरों तक अच्छे से लगा लें. इस मास्क को बाल धोने से आधा घंटा पहले अपना बालों पर लगाएं और फिर बालों को माइल्ड शैंपू से धोलें. हफ्ते में दो बार इस हेयर मास्क का इस्तेमाल आपको बालों को मजबूत, काला और घना बनाने में मदद कर सकता है.
महासमुंद/शौर्यपथ/ राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना “नरवा, गरूवा, घुरूवा अऊ बाड़ी योजना“ के तहत “नरवा विकास“ को जिले में क्रियान्वित किया जा रहा है। नरवा विकास के तहत उपचार योग्य 44 नरवा, नालों का जीर्णोद्धार किया गया है। विदित हो प्राकृतिक रूप से बहने वाले नरवा/नाला प्रकृति की एक अमूल्य धरोहर है, जो आज किसी कारणवश विलुप्त होते जा रहे है अथवा जलस्तर की कमी की वजह से क्रियान्वित नहीं है। नरवा/नाला प्रकृति द्वारा प्रदत्त जल का एक उत्तम स्त्रोत है, जो अपने आस पास में लगे राजस्व भूमि में सिंचाई की सुविधा प्रदान करता है एवं वन्यजीवों को भी जल उपलब्ध कराता है। “नरवा विकास“ के तहत नरवा/नाला के जीर्णोद्धार से कृषकों एवं वन्यजीवों, साथ ही साथ जलस्तर में वृद्धि करना “नरवा विकास“ का मूल संकल्प है।
इसी तारतम्य में नरवा विकास के तहत महासमुंद वन मंडल के वन परिक्षेत्र बागबाहरा अंतर्गत वर्ष 2020-21 में बागबाहरा परिक्षेत्र के आमाकोनी परिवृत्त के परिसर चोरभट्ठी के अंतर्गत कक्ष क्रमांक 103, 105, 106 बगनई नाला को उपचारित किया गया, बगनई नाला की कुल लंबाई 15.00 किमी. है एवं जल संग्रहण क्षेत्र का रकबा 802.00 हेक्टेयर है। जिसमें वन क्षेत्र का भू-जल संरक्षण एवं मृदा संरक्षण का उपचार किया गया। बगनई नाला के सुधार के लिए ब्रशवुड वेकडेन (160 नग) एवं डाईक (5 नग) संरचना के निर्माण किया गया। बगनई नाला के सुधार कार्य में ग्राम चोरभट्ठी के ग्राम वासियों को 2748 मानव दिवस के आधार पर 80 ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। उक्त निर्मित संरचना से लगभग 13.00 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई में सहयोग मिला है, जिससे लगभग 10 से 12 कृषक लाभान्वित हुए है। फलस्वरूप कृषक दोहरे फसल लगा रहे है, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हुई। “नरवा विकास“ वर्तमान ही नहीं अपितु भविष्य में जल की कमी की समस्या को दूर करने में अत्यंत प्रभावी सिद्ध होगा।
नरवा विकास योजना से बगनई नाला के जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया गया, बगनई नाला के जल स्रोतों को उपचारित करने से भूमि जल स्तर में सुधार एवं मृदा क्षरण को रोकने में अपनी महती भूमिका निभाई है। जिससे भू जल आधारित स्रोतों जैसे कुआ, बोर, हैंडपंप आदि में लम्बे समय तक जल उपलब्ध रहेगा। भू जल स्तर रकबा में वृद्धि के साथ जैव विविधता की स्थिति बेहतर हो रही है, वन्य प्राणियों के वनक्षेत्र के बाहर आबादी क्षेत्र में आने से होने वाली घटनाओं में कमी हो रही है, उक्त योजना से वनक्षेत्र में जल वृद्धि होने से वन्य प्राणियों के लिए अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हुआ है, साथ ही साथ योजना से सिंचाई क्षेत्रों में वृद्धि होने लगा है।
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /सर्दी-खासी होने पर गले में तेज दर्द और जलन होती हैं. खासकर बारिश के मौसम में ये समस्या बढ़ जाती है. कई बार भीगने के चलते, या ठंडा-गर्म खाने के चलते, या शरीर के तापमान में असंतुलन से जुखाम, खराश और खांसी हो जाती हैं. इससे गले में जलन
होने लगती हैं जिसकी वजह से खाने-पीने में भी दिक्कत आती है. दवाइयों से इसे ठीक किया जा सकता हैं लेकिन इससे राहत के लिए आप कुछ घरेलू उपाय भी अपना कर देख सकते हैं.
इन 4 उपायों से दूर करें गले की जलन
हल्दी पानी
हल्दी में सबसे ज्यादा औषथिय गुण मिलते हैं. ये एंटी ऑक्सीडेंट (Anti Oxidant) का सबसे महत्तवपूर्ण स्रोत है. गले की जलन (Throat Burning) से राहत पाने के लिए आप हल्दी पानी (Haldi Water) से गरारा कर सकते हैं. इसके लिए 1 ग्लास पानी में आधा चम्मच हल्दी और आधा चम्मच नमक मिलाएं. अब इस पानी से हर 2-3 घंटे में गरारा करें.
अदरक पानी
अदरक (Ginger) गले के लिए काफी अच्छा माना जाता हैं. सर्दी-खासी (Cough and Cold) में अकसर लोग इसे चाय में मिलाकर पीते हैं. लेकिन अगर अदरक पानी (Ginger Water) को सीधा पिया जाएं तो इससे गले के जलन से राहत मिल सकती हैं. इसे बनाने के लिए 1 कप पानी में थोड़ा अदरक, नींबू का रस और आधा चम्मच शहद मिलाकर उबाल लें और पिए.
तुलसी पानी
आयुर्वेद में तुलसी को बहुत जरूरी औषधि माना जाता है. इसे पूजा-पाठ से लेकर दवाइयों तक हर जगह इस्तेमाल किया जाता है. अदरक की तरह ये भी गले के लिए काफी अच्छा होता है. गले की जलन से आराम पाने के लिए आप तुलसी के कुछ पत्तों को पानी में उबाल कर पीएं. दिन में दो बार पीने से आपको इसका असर जल्दी दिखने लगेगा.
नमक पानी
कभी-कभी गले में बलगम जम जाने के चलते भी जलन और खराश होती हैं. इसके लिए नमक पानी से गरारा करना फायदेमंद हो सकता है. गर्म पानी में नमक डालकर और अगर मन हो तो मेथी के कुछ दाने डालकर अच्छी तरह उबाल लें और गुनगुना करके गरारा करें.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /दस दिवसीय गणेशोत्सव के दूसरे दिन बुधवार सुबह महाराष्ट्र के पुणे में प्रसिद्ध दगडूशेठ गणपति पंडाल में 31,000 से अधिक महिलाओं ने 'अथर्वशीर्ष' का जाप किया. यह जाप ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश को समर्पित है. श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति ट्रस्ट के अनुसार, यह उनके गणेश उत्सव समारोह में अथर्वशीर्ष के वार्षिक पाठ का 36वां साल है.
आपको बता दें कि पारंपरिक पोशाक पहने 31,000 महिलाओं ने लोकप्रिय दगडूशेठ गणपति पंडाल के सामने यह भजन गाया. इस साल पंडाल की सजावट की थीम अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर की प्रतिकृति है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को 10 दिवसीय उत्सव के पहले दिन इस पंडाल में विशेष पूजा अर्चना की. राज्य में त्योहार का सार्वजनिक उत्सव 1890 के दशक से शुरू हुआ जब राष्ट्रवादी नेता बाल गंगाधर तिलक और अन्य लोगों ने जनता को संगठित करने के लिए यह फैसला किया.
पिछले कुछ दिनों में मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों में गणेश मंडल बड़ी मूर्तियों को ढोल-नगाड़े की थाप के साथ अपने पंडालों में ले गए. घरेलू गणेश मूर्तियां ज्यादातर सोमवार की रात या मंगलवार की सुबह 'गणपति बप्पा मोरया' के जयकारों के साथ लाई गईं.
वर्तमान में 67 लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर हो रही खरीदी
चार सालों में वनोपज संग्राहकों की संख्या में 4 गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी
डेढ़ लाख से बढ़कर 6 लाख से ज्यादा हुए वनोपज संग्राहक
कोदो, कुटकी, रागी भी समर्थन मूल्य पर खरीद रही छत्तीसगढ़ सरकार
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ में रोजगार, स्व-रोजगार, स्थानीय संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और उद्यमिता विकास को लेकर अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं। विगत साढ़े चार वर्षों में ग्रामीण तबकों और सुदूर वनांचल क्षेत्रों में रहने वाले जरूरतमंद लोगों तक इन योजनाओं का भरपूर लाभ पहुंचा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में निवास करने वाले वनवासी एवं आदिवासियों के हित में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में देश का 74 प्रतिशत लघु वनोपज संग्रहित होता है।
छत्तीसगढ़ में संग्राहकों के हित में लघु वनोपजों की संख्या में वृद्धि करते हुए 7 से बढ़ाकर वर्तमान में 67 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि इसके परिणाम स्वरूप विगत साढ़े चार सालों में संग्राहकों की संख्या में भी 4 गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है, वर्ष 2018-19 में संग्राहकों की संख्या 1.5 लाख थी, जो आज बढ़कर 6 लाख हो गई है। वर्ष 2021-22 में कुल 42 हजार मीट्रिक टन लघु वनोपजों की खरीदी की गई है, जबकि यह मात्रा वर्ष 2018-19 में 540 मीट्रिक टन थी। इस तारतम्य में प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ श्री अनिल राय ने बताया कि छत्तीसगढ़ में लघु धान्य फसलों को बढ़ावा देने के लिए मिलेट मिशन भी चलाया जा रहा है। इसके तहत समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी, रागी की खरीदी की जा रही है।
छत्तीसगढ़ पूरे देश का सबसे बड़ा वनोपज संग्राहक राज्य हैै। पिछले साढ़े चार वर्षों में छत्तीसगढ़ सरकार की जनहितैषी योजनाओं के परिणाम स्वरुप लगभग 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों एवं 06 लाख वनोपज संग्राहकों को अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो रही है। संग्राहकों के हित में तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 2 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा किया गया है, वहीं संग्राहकों को विगत चार वर्षों के दौरान 2146.75 करोड़ रूपए तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है। संग्राहक परिवारों के हित में शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत् अब तक 4692 हितग्राहियों को 71.02 करोड़ रूपए की सहायता प्रदान की गई है।
वन अधिकारों के क्रियान्वयन में भी छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी राज्य है। छत्तीसगढ़ सरकार ने लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा दिया है और लाख उत्पादक कृषकों को अल्पकालीन ऋण प्रदान करने की योजना भी लागू की है, जिसके प्रभाव स्वरूप आज लाख उत्पादक किसान भी आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।
जिनकी नियुक्तियाँ हो चुकी वह यथा स्थिति न्यायालय के आदेश के रहेगी अधीन
न्यायालय के अगले आदेश तक नियुक्ति की प्रक्रिया को नहीं दिया जाएगा अंतिम रूप
रायपुर/शौर्यपथ /पीएससी चयन से संबंधित याचिका की सुनवाई माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष की गई, महाधिवक्ता कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार जिसमें राज्य सरकार के द्वारा न्यायालय के समक्ष यह वक्तव्य दिया गया कि हम उक्त प्रकरण की स्वयं जांच कर माननीय न्यायालय के समक्ष जवाब पेश करेंगे एवं जब तक मामले के अगली सुनवाई नही हो जाती तब तक इस विषय को बढ़ावा न देकर जिन व्यक्तियों पर आक्षेप लगा है और उनकी नियुक्ति नही हुई है, उसको आगे अंतिम रूप नही दिया जायेगा एवं जिनकी नियुक्तियाँ हो चुकी है वह यथा स्थिति माननीय न्यायालय के आदेश के अधीन रहेगी।
माननीय न्यायालय ने उक्त वक्तव्य को रिकार्ड पर लेते हुए याचिका की अगली सुनवाई एक सप्ताह के बाद रखी है एवं राज्य सरकार तथा पीएससी को निर्देशित किया है कि वे जो सूचीं याचिकाकर्ता के द्वारा पेश की गई है उसके तथ्यों की सत्यता के संबंध में भी जांच कर ले तथा याचिकाकर्ता को निर्देशित किया गया है कि वह चयनित व्यक्तियों को पक्षकार बनाये और अपनी याचिका में निर्धारित संशोधन कर पेश करें। न्यायालय के द्वारा याचिकाकर्ता को भी सचेत किया गया है कि अगर याचिकाकर्ता की जानकारी गलत पाई गयी तो उसके विरुद्ध भी न्यायोचित कार्यवाही की जायेगी।
व्रत त्योहार /शौर्यपथ /स्कंद षष्ठी हर महीने शुल्क पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है. इसे कांदा षष्ठी भी कहा जाता है. यह भगवान स्कंद की पूजा करने के लिए मनाया जाता है, जो भगवान कार्तिकेय के अवतार माने जाते हैं और भगवान शिव माता पार्वती के पुत्र हैं. इस षष्ठी में लोगों के द्वारा व्रत रखा जाता है, और कार्तिकेय भगवान की विधिवत रूप से पूजा अर्चना की जाती है. यह प्रमुख दक्षिणी त्योहार है जो भगवान स्कंद और सब्रमण्यम से जुङा है. आम तौर पर लोग जानते हैं कि गणेश चतुर्थी भाद्रपद में होती है, लेकिन संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि दोनों भगवान गणेश से संबंधित हैं. अगर आप भी भगवान कार्तिकेय की कृपा-दृष्टि के चाहते हैं, तो इस तरीके से भगवान स्कंद की पूजा करें.
क्या है शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार स्कंद षष्ठी की शुरुआत 20 सितंबर, बुधवार को दोपहर 2 बजकर 16 मिनट पर होगी और 21 सितंबर, गुरुवार को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर इसका समापन होगा.
क्या है पूजा की सही विधि
भारत में चाहे कोई भी त्योहार हो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. स्कंद षष्ठी में भी आपको ऐसी कुछ बातें याद रखनी चाहिए ताकि भगवान की कृपया हमेशा आप पर बनी रहे. सुबह उठकर नहाना सबसे जरूरी माना जाता है. ठीक इसी तरह इस दिन भी आपको सबसे पहले सुबह उठकर नहा लेना चाहिए. स्वच्छ और साफ कपड़े धारण करें. उसके बाद शुभ मुहूर्त पर एक चौकी लगाकर उस पर लाल या पीला रंग का कपड़ा बिछाए और भगवान कार्तिकेय को चौकी पर विराजमान करें. ध्यान रहे उनकी जगह को बदलना नहीं है और जिस दिन आपने उनकी स्थापना की उस दिन से लेकर अगले दिन तक उनकी पूजा अर्चना करें. उन्हें नहलाएं, नए वस्त्र पहनाएं. धूप- दीप, हल्दी, चंदन, फूल और फल चढ़ाएं. कार्तिकेय चालीसा का पाठ और मंत्र जाप करें. फिर आरती करके परिवार के लिए सुख, समृद्धि और शांति की कामना करें. शाम में आरती करके फलाहार करें.
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर स्थित निजी होटल में टाईम्स गु्रप द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘‘मिरर नॉउ समिट-छत्तीसगढ़ पाथ टू प्रोग्रेस‘‘ में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन और सकारात्मक परिणामों पर अपनी बातें रखी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे भौगोलिक रूप से छोटे राज्यों में भी बेहतर काम हो रहे है और यहां लोग खुशहाल है। उन्होंने कहा कि देश की आधी से अधिक आबादी किसान है और छतीसगढ़ में तो 75 फीसदी से अधिक लोग खेती-किसानी से जुड़े है। हमने किसानी को फायदे का व्यवसाय बनाया और उन्हें उपज का सही दाम देने का काम किया है। हमारी प्राथमिकता न केवल कृषि केंद्रित रही बल्कि इसके समानांतर हमने वनांचल में रहने वाले लोगों के सामाजिक व आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में प्रभावी काम किया है।
श्री बघेल ने गोधन न्याय योजना से किसानो व पशुपालकों के जीवन में आए बदलावों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हमने इसे लागू करने से पहले शासन स्तर पर लंबा अध्ययन किया और उसके बाद ही लोगों को इससे जोड़ा गया। अब तक 265 करोड़ रुपये की गोबर की खरीदी और लगभग 300 करोड़ रूपये की वर्मीकम्पोस्ट तैयार हो चुका है। साथ ही 10 हजार 200 गौठानों में से 6500 गौठान स्वावलंबी हो चुके है। उन्होंने कहा कि गौठान में आजीविका के लिए बहुत सारी एलाइड गतिविधियां संचालित हो रही है और 13 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों की 2 लाख से अधिक महिलाओं को रोजगार मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों का दायरा घटा है और इन इलाकों में हमने विकासात्मक कार्यों को बढ़ावा दिया। अब वनांचलों में 67 प्रकार के वनोपज की खरीदी कर रहे है। वन उत्पादोें के वैल्यू एडिशन से मुनाफे में बढ़ोत्तरी हुई है। मुझे खुशी है कि देश का सबसे बड़ा मिलेट प्लांट छत्तीसगढ़ में स्थापित किया गया है। और समर्थन मूल्य में इसकी भी खरीदी की जा रही है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह, मिरर नाउ के मैनेजिंग एडिटर श्री निकुंज गर्ग उपस्थित थे।
रायपुर/शौर्यपथ /राज्य की औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में प्रशिक्षण अधिकारी के विभिन्न रिक्त पदों की पूर्ति हेतु तृतीय चरण की ऑनलाइन काउसंलिंग उपरांत दस्तावेज सत्यापन हेतु 22 सितम्बर 2023 को व्यवसाय कम्प्युटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, इलेक्ट्रिशियन, वेल्डर एवं 23 सितम्बर 2023 को व्यवसाय फिटर, मैकेनिक डीजल, मैकेनिक मोटर व्हीकल, टर्नर, विषय-वर्कशॉप कैल्कूलेशन एंड साइंस एंड इजीनियरिंग ड्राइंग के अभ्यर्थियों को शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय सेजबहार, रायपुर में प्रातः 09:30 बजे बुलाया गया है। इस हेतु अभ्यर्थियों को एसएमएस पर भी सूचना भेजी जा रही है। सभी अभ्यर्थी अद्यतन जानकारी हेतु निरंतर संचालनालय की वेबसाइट
http://cgiti.cgstate.gov.in/
तथा अपने लॉगिन आईडी का नियमित अवलोकन करते रहें। दस्तावेज सत्यापन उपरांत संबंधित अभ्यर्थी आगामी दिवस दोपहर 02:00 बजे तक उसी स्थल पर पंजीयन प्रभारी के पास अपना दावा आपत्ति भी प्रस्तुत कर सकते हैं।
संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय और योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा हुए शामिल
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ योग आयोग द्वारा रायपुर के नवजीवन सोसायटी पचपेड़ी नाका रायपुर में 45 वां निःशुल्क नियमित योगाभ्यास केन्द्र शुरू किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय के मुख्य आतिथ्य तथा छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेश शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
श्री विकास उपाध्याय ने योग आयोग को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र के लगभग सभी वार्डाे में निःशुल्क योगाभ्यास केंद्र शुरू हो चुके हैं। इन केन्द्रों के माध्यम से अधिक से अधिक नागरिकों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने की दिशा में काम किया जा रहा है। सेतुबंध आसन के सामूहिक योगाभ्यास के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज किये जाने पर भी उन्होंने छत्तीसगढ़ योग आयोग को बधाई दी।
श्री ज्ञानेश शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जन-जन को स्वस्थ एवं निरोगी रखने के उद्देश्य से योग आयोग द्वारा नगर निगम अंतर्गत आने वाले सभी प्रमुख सार्वजनिक उद्यानो में निःशुल्क नियमित योगाभ्यास केंद्र प्रारंभ किया जा चुका है। यहां आम नागरिक योग के माध्यम से स्वास्थ लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर योग आयोग के अधिकारी, योग प्रशिक्षक सहित बड़ी संख्या में योग साधकगण उपस्थित थे।