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सेहत टिप्स /शौर्यपथ /डबल चिन का फैट फेस के लुक को खराब कर देता है. इसको मेकअप से भी नहीं छुपाया जा सकता है. ऐसे में फिर हम यहां पर एक्सपर्ट द्वारा बताए एक्सरसाइज के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप अपने ठुड्डीके पास जमे फैट को आसानी से कम कर लेंगी. इस एक्सरसाइज से आपके फेस पर 1 हफ्ते में असर दिखाई देने लगेगा. तो आइए जानते हैं उस चिन एक्सरसाइज के बारे में.
चिन फैट एक्सरसाइज
योग एक्सपर्ट डॉक्टर प्रियंका त्रिवेदी वीडियो में बताती हैं कि आपको सबसे पहले अपने दोनों हाथों की इंडेक्स फिंगर और थम्ब को हार्ट शेप में फोल्ड करना है फिर आपको चिन के लेफ्ट और राइट साइज में इनको स्ट्रेच करते हुए चिन को मसाज देना है.
इसके अलावा आपको अपने सिर को पीछे की तरफ ले जाना है जिससे आपके चिन पर स्ट्रेच पड़े. इसके अलावा आपको अपने गर्दन को एक बार लेफ्ट साइड स्ट्रेच करना है फिर राइट साइड. इन दोनों को दस-दस बार करना है. इससे आपका चिन फैट तेजी से कम होगा. आपको बता दें कि यह एक्सरसाइज आपके थायराइड को भी कम करने में मदद करेगा.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /हृदय से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. यह सेहत से जुड़ी सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है. वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन के आकड़ों के अनुसार हर साल 1.79 करोड़ लोगों की मौत का कारण हृदय से जुड़ी बीमारियां होती हैं. लोगों को हृदय रोग के प्रति जागरूक करने के लिए हर वर्ष 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है. आइए जानते हैं हार्ट डिजीज के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय ….
हार्ट डिजीज के लक्षण
हृदय रोग के लक्षण हर व्यक्ति में अलग अलग हो सकते हैं. सामान्य लक्षणों में शामिल हैं.
सीने में दर्द
सांस लेने में दिक्कत
थकान और आलस महसूस करना
जी मिचलाना
जबड़े, गर्दन और पीठ में दर्द
हृदय रोग के कारण
कुछ लोगों को हृदय रोग का खतरा ज्यादा रहता है. जेनेटिक कारणों के साथ खराब लाइफस्टाइल इसका कारण बन सकती है.
हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल
स्मोकिंग और अल्कोहल की आदत
अधिक वजन और मोटापा
डायबिटिज
डाइट संबंधी गड़बड़ियां
नींद नहीं आने की बीमारी
हृदय रोग से बचाव के उपाय
हृदय रोग से बचने के लिए कुछ उपाय अपनाएं जा सकते हैं
बैलेंस डाइट : हृदय रोग से बचने के लिए फाइबर और प्रोटीन से भरपूर बैलेंस डाइट लेनी चाहिए. डाइट में हरी सब्जियां, ताजे फल और साबुत अनाज को भी शामिल करना चाहिए.
एक्सरसाइज : नियमित एक्सरसाइज से दिल और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
वेट कंट्रोल: दिल से जुड़ी बीमारियों से बचने क लिए वेट को कंट्रोल में रखना चाहिए. वेट कंट्रोल रखने से हृदय से जुड़ी परेशानियां कम होती हैं. इससे डायबिटीज जैसी बीमारियां से भी बचने में मदद मिलती है.
स्मोकिंग और अल्कोहल से दूरी : स्मोकिंग और अल्कोहल हृदय से जुड़ी कई परेशानियां का कारण होते हैं. हृदय रोग से बचने के लिए इनसे दूर रहना चाहिए.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /हर कोई एक अच्छी बॉडी पाना चाहता है. चेस्ट मसल्स को टोन करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप व्यायाम करें और अपने रुटीन में ऐसे व्यायाम शामिल करें जो छाती की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने में मदद करें. ज्यादातर लोग सिर्फ अपनी अपर चेस्ट की मांसपेशियों पर काम करते हैं और लोअर चेस्ट को नजरअंदाज करते हैं जिसे पेक्टोरल मांसपेशियों के रूप में भी जाना जाता है. अपनी लोअर चेस्ट को मजबूत करने से शरीर की कई एक्टिविटीज में सुधार होता है. यहां चेस्ट मसल्स को बेहतर बनाने के लिए कुछ एक्सरसाइज के बारे में जानिए.
चेस्ट मसल्स को टोन करने के व्यायाम | Exercises to tone chest muscles
1. पुशअप्स को इनलाइन करें
पुश-अप्स आपकी छाती को बनाने और अपनी मांसपेशियों को काम करने का एक शानदार तरीका है. पुश-अप्स पूरे ऊपरी शरीर और पीठ में ताकत बढ़ाने में मदद करते हैं. एक झुकी हुई स्थिति से पुश-अप्स करना वास्तव में आपकी छाती को आकार देने में मदद करता है क्योंकि इससे उसके निचले हिस्से पर तनाव बढ़ जाता है. इस अभ्यास को करने के लिए आपको आमतौर पर एक बेंच या प्लेटफॉर्म की जरूरत होती है.
कैसे करें ये एक्सरसाइज?
इस एक्सरसाइज को करने के लिए किसी बेंच के सामने खड़े हो जाएं. अब अपने हाथों को कंधे की चौड़ाई से अलग बेंच पर रखें. अपनी पीठ और पैरों के साथ एक पौधे की स्थिति में सीधे बहुत अंत तक फैले हुए हों. अब धीरे-धीरे अपनी बाहों को मोड़ें जैसे आप सामान्य पुश-अप्स में करते हैं. आपके हाथ आपकी छाती के करीब होने चाहिए और फिर धीरे-धीरे अपने शरीर को ऊपर उठाएं. इस अभ्यास के लिए 10-12 सेट करें, शुरुआती स्टेप में सिर्फ एक सेट करें.
2. डिक्लाइन डंबल प्रेस
यह सामान्य डम्बल प्रेस का एक लेवल ऊपर है. यह डम्बल और बारबेल दोनों के माध्यम से किया जा सकता है. बेंच को उसकी सपाट ऊंचाई से थोड़ा नीचे अपनी छाती की ओर रखें. यह आपकी छाती को हाई स्पीड से टारगेट करेगा. यह आपकी छाती को आकार देने और टोन करने के लिए एक बेहतरीन व्यायाम है. यह बहुत आसान नहीं है और इस अभ्यास को पहली बार करते समय आपको किसी के समर्थन की जरूरत हो सकती है. यह आपकी पीईसी मांसपेशियों को आकार देता है और उन्हें मजबूत बनाता है.
3. केबल क्रॉसओवर
केबल क्रॉसओवर मशीन की मदद से करना होता है. यह आपकी लोवर चेस्ट और ऊपरी छाती को भी टोन करने में सहायक है. अपने हाथों की थोड़ी सी स्थिति बदलकर आप उस हिस्से को नियंत्रित कर सकते हैं जिस पर आपको दबाव डालना है. हाई पुली सेट करने से आपकी लोअर चेस्ट टोन होगी और लोअर पुली को सेट करने से आपकी अपर चेस्ट बन जाएगी.
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /बिजनेस करना हमेशा से कैरियर का सबसे बेस्ट विसल्प माना जाता है. किसी के अंदर रहकर काम करने से अच्छा होता है खुद का कुछ कर लिया जाए. कुछ धार्मिक बातें होती है जिनका किसी भी धंधे को करते समय ध्यान रखना जरूरी होता है. हिन्दू धर्म में नियमों के लिए जरूरी माने जाने वाले पुराणों में से एक विष्णु पुराण व्यापार को लेकर नियम बताता है. इसमें कुछ ऐसी चीजें बताई गई हैं जिनको बेचना सही नहीं माना गया है.
इन चीजों का बिजनेस करने से बचें
गाय का दूध
गाय का दूध बेचना कुछ लोगों के लिए जीवन आधार होता है. ग्वालों के लिए ये पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला बिजनेस हैं. मगर हिन्दू धर्म में जिस गाय को मां का दर्जा दिया गया है, उनके दूध का व्यापार अपने फायदे के लिए करना गलत माना जाता है. विष्णु पुराण के मुताबिक गाय का दूध केवल उसके बछड़े के लिए होता है. इसको बेचना नहीं चाहिए.
गुड़
गुड़ को शुभ का प्रतिक माना जाता है. यह किसी भी पूजन सामग्री में सबसे जरूरी होता है. मगर हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक और विष्णु पुराण में दी गई जानकारी के अनुसार पैसों के लिए गुड़ बेचना गलत है. गुड़ का व्यापार करना सही नहीं माना गया है. बल्कि अगर किसी को गुड़ की जरूरत हो तो उसे खुद ही खुशी-खुशी दे देना चाहिए.
सरसों का तेल
बाजार में 150 रुपये प्रति लिटर से भी अधिक महंगा मिलने वाला सरसों का तेल (Mustard Oil) व्यापारियों के लिए सबसे अधिक लाभ कमाने का जरिया है. लेकिन इसको भी पैसे कमाने कि लिए बेचना गलत है. पुराण में इसका भी जिक्र मिलता है. अगर किसी को जरूरत हो तो उसे ऐसे ही दे देनी चाहिए.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /हिन्दू व्रत-त्योहारों में संतान सप्तमी को एक जरूरी व्रत माना जाता है. इसे हर मां नए संतान प्राप्ति के लिए,उसकी तरक्की और उसकी लंबी उम्र के लिए करती हैं. इस व्रत को हर वर्ष भाद्रपद महीने की शुक्लपक्ष के सप्तमी तिथि के दिन किया जाता है. कई लोग इसे मुक्ताभरण व्रत और ललिता सप्तमी व्रत के नाम से भी जानते हैं. संतान सप्तमी के दिन भगवान सूर्य और शंकर-पार्वती की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन का व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है, संतान दीर्धायु होती हैं और उनके सभी दुखों का नाश होता है. आइए जानते हैं कि इस साल इस व्रत को करने का सही मूहूर्त क्या है.
हर वर्ष भाद्रपद महीने की शुक्लपक्ष के सप्तमी तिथि संतान सप्तमी का व्रत किया जाता है.संतान की सुख-समृद्धि के लिए इस व्रत को सबसे उत्तम माना जाता है. इस साल संतान सप्तमी से महालक्ष्मी व्रत की भी शुरूआत हो रही हैं. माना जाता है कि आर्थिक तंगीसे छुटकारा पाने के लिए महालक्ष्मी व्रत बहुत लाभदायक होता है.
व्रत का सही मुहूर्त
हिन्दू पंचांगके अनुसार इस साल के भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 21 सितंबर 2023 को दोपहर 2:14 बजे शुरू होकर 22 सितंबर 2023 को दोपहर 1:35 बजे खत्म होगी. इसी बीच महिलाएं व्रत रखेंगी और भगवान शिव के साथ माता गौरी का ध्यान करके व्रत करेंगी.
ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 4:35 से सुबह 5:22 तक
अभिजित मुहूर्त : सुबह 11:49 से दोपहर 12:38 तक
गोधूलि मुहूर्त : शाम 6:18 से शाम 6:42 तक
अमृत काल : सुबह 6:47 से सुबह 8:23 तक
ग्रहण /शौर्यपथ /इस साल कुल 4 ग्रहण लगने थे जिनमें से पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल के दिन और पहला चंद्र ग्रहण 5 मई की रात लगा था. आने वाले अक्टूबर के महीने में 2 और ग्रहण लगने वाले हैं. इस खगोलीय घटना को बेहद खास संयोग भी बताया जा रहा है जो कम ही देखने को मिलता है. अक्टूबर वो महीना होने जा रहा है जिसमें 2 ग्रहण लगेंगे. यह ग्रहण साल का आखिरी सूर्य ग्रहण और साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा. जानिए इन ग्रहणों की तिथि और समय से लेकर सबकुछ.
अक्टूबर में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण |
साल के दूसरे सूर्य ग्रहण की बात करें तो सूर्य ग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है. 14 अक्टूबर, शनिवार के दिन लगने वाला है दूसरा सूर्य ग्रहण जोकि वलयाकार पूर्ण सूर्य ग्रहण होने वाला है और इसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जा सकता है.
यह वलयाकार सूर्य ग्रहण कई हिस्सों से देखा जा सकता है जिनमें नॉर्थवेस्टर्न यूनाइटेड स्टेट्स, मेक्सिको, सेंट्रल अमेरिका और साउथ अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक और आर्कटिक रीजन शामिल हैं. इसके अलावा, अन्य वेस्टर्न कंटीज से पूर्ण ना सही लेकिन सूर्य ग्रहण का कुछ हिस्सा नजर आ सकता है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इस सूर्य ग्रहण को देखने के लिए स्पेशल आई प्रोटेक्शन ग्लासेस वगैरह पहनने की सलाह दी है.
बता दें कि भारत से इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा. क्योंकि भारत में ग्रहण नहीं नजर आएगा इसीलिए धार्मिक आधार पर भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा.
साल 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण और आखिरी ग्रहण 28-29 अक्टूबर की रात लगने वाला है. इस ग्रहण को यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया समेत संसार के कई हिस्सों से देखा जा सकेगा. यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जिसमें चंद्रमा के कुछ हिस्से पर ही ग्रहण लगता है. ऐसा तब होता है जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच से गुजरती है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है. यह ग्रहण 29 अक्टूबर, शुक्रवार 1:06 एएम पर दिखेगा और 2:22 एएम पर समाप्त हो जाएगा. इस ग्रहण में चंद्रमा का रंग संतरी जैसा दिखता है.
साल के दूसरे चंद्र ग्रहण को भारत से देखा जा सकता है इसीलिए धार्मिक आधार पर इसका सूतक काल मान्य होगा. नई दिल्ली में 29 अक्टूबर 01:44:05 एएम पर अधिकतम ग्रहण देखने को मिलेगा.
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत अब राज्य के पात्र परिवारों को 25 लाख रुपए तक की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। पूर्व में इस योजना के तहत चिन्हित दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को अधिकतम 20 लाख रुपए तक की राशि दी जाती थी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विधानसभा के विगत मानसून सत्र में अनुपूरक बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री श्री बघेल की इस घोषणा के अनुपालन में राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव द्वारा अनुमोदन के बाद सहायता राशि 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए करने की प्रशासकीय मंजूरी का आदेश जारी कर दिया है।
रेरा ने आदेश पारित कर दिया निर्णय
रायपुर/शौर्यपथ / रियल एस्टेट प्रोजेक्ट रहेजा रेसीडेन्सी, लाभांडी, रायपुर (छ.ग.) प्रमोटर एस. पी. बिल्डकॉन प्रा.लि. द्वारा श्री संजय रहेजा, पता-30, 31 प्रथम तल श्याम प्लाजा, पण्डरी, रायपुर (छ.ग.). छत्तीसगढ़ रेरा में पंजीयन नंबर - पीसीजीरेरा 280618000375 के रूप में 28 जून 2018 से पंजीकृत है। प्रोजेक्ट में रहवासियों द्वारा भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-31 एवं छ.ग. भू-संपदा (विनियमन और विकास) नियम, 2017 एतद् पश्चात् नियम की कंडिका 35 के अंतर्गत प्रमोटर के विरूद्ध शिकायत प्रस्तुत की गई है। प्रोजेक्ट में रहवासियों द्वारा अनावेदक के प्रश्नाधीन प्रोजेक्ट रहेजा रेसीडेन्सी में बहुत सारी कमियाँ हैं और उसे सुधारा नहीं गया है। अनुमोदित विकास अनुज्ञा अनुसार अनुमोदित ले-आउट में पार्किंग क्षेत्र के लिये प्रवेश एवं निकास बिन्दु एक दूसरे के विपरीत दिशा में होने के कारण रहवासियों को बड़ी असुविधा एवं समस्याएं पैदा हो रही है। अनावेदक द्वारा छ.ग. रेरा के वेबपोर्टल में प्रस्तुत की गई दस्तावेजों में भिन्नता है। प्रोजेक्ट में प्रमोटर द्वारा ब्रोशर में उल्लेखित सुविधाओं को पूर्ण नहीं किया गया है। प्रोजेक्ट में कारों के पार्किंग के लिये पार्किंग स्थल की व्यवस्था नहीं की गई है। प्रमोटर द्वारा रेरा अधिनियम, 2016 की धारा-17 अनुसार आबंटितियों के संघ को पंजीकृत हस्तांतरण विलेख को निष्पादित कर सामान्य क्षेत्र सुपुर्द करने के लिये दायित्वाधीन है। प्रमोटर सभी विशिष्टियों के साथ प्रोजेक्ट का विकास करने में असफल रहा है। प्रमोटर द्वारा एकमुश्त रखरखाव शुल्क प्रमोटर एवं अनावेदक को संदाय कर चुके हैं और उन पर संदाय करने का कोई दायित्व नहीं है। फिर भी प्रमोटर द्वारा मेंटनेंस हेतु रहवासियों की सोसायटी को प्रोजेक्ट हस्तांतरित नहीं किया जा रहा है। प्रोजेक्ट में प्रमोटर द्वारा रहवासियों से वसूल की गई सिंकिंग फण्ड व संधारण मद की राशि हस्तांतरण नहीं की जा रही है। दिलचस्प और उल्लेखनीय पहलू यह है कि प्रमोटर द्वारा भी रेरा में कॉलोनी के रहवासियों एवं सोसायटी के विरूद्ध शिकायत की गई कि प्रमोटर कॉलोनी निर्माण एवं विकास का समस्त कार्य कर चुका है, अब मेंटनेंस कॉलोनीवालों को सोसायटी बनाकर करना चाहिए, किन्तु रहवासी मेंटनेंस चार्ज नहीं देते है, न ही सोसायटी कॉलोनी को हेण्डओवर करता है, जिसके कारण प्रमोटर को प्रतिवर्ष करोड़ों का नुकसान हो रहा है। उसे अपने जेब से पैसा लगाकर कॉलोनी का रखरखाव करना पड़ता है।
दोनों पक्षों से प्राप्त शिकवा शिकायत पर रेरा द्वारा कई चरणों में सुनवाई की गई और उभय पक्ष की सहमति से समस्या का समाधान तलाशने का उपक्रम किया गया। दोनों पक्षों की सहमति से रेरा द्वारा भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के दायरे में सुनवाई आदेश पारित किया गया। प्राधिकरण में प्रकरण क्रमांक - M-PRO-2023-01934 M-PRO-2023-01892 में प्राधिकरण द्वारा एकसाथ सुनवाई की गई। उक्त प्रकरण में प्राधिकरण द्वारा 20.09.2023 को प्रमोटर के विरूद्ध आदेश पारित किया गया है कि रू-
प्रमोटर एस.पी. डेव्लपर्स प्रा. लि. द्वारा श्री संजय रहेजा अनावेदक तत्काल अधिनियम के प्रावधान अनुसार रहेजा रेसीडेंशियल कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड आवेदक को मेंटनेंस का दायित्व हस्तांतरित करें, आवेदक एवं अनावेदक 02 माह के भीतर कन्वेयन्स डीड निष्पादित करें।
2. अनावेदक कन्वेयन्स डीड निष्पादन के समय ही सींकिंग फंड एवं मेंटनेंस प्रभार की राशि जो कि समेकित रूप से (-)29,18,616/- रूपये आवेदक के पक्ष में हस्तांतरित करें।
3. अनावेदक एस.पी. डेव्लपर्स प्रा. लि. द्वारा श्री संजय रहेजा शेष आबंटितियों से वसूली योग्य शोध्य राशि सींकिंग फंड मद में 57,55,520/- रूपये एवं मेंटनेंस मद में 3,75,21,130/- रूपये अर्थात् कुल 4,32,76,650 रूपये दो माह के भीतर वसूल कर आवेदक रहेजा रेसीडेंशियल कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के खाते में जमा कराए।
रायपुर/शौर्यपथ / कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गोधन न्याय योजना की वर्चुअल समीक्षा बैठक वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से 22 सितम्बर को पूर्वान्ह 11 बजे से आयोजित की गई है।
बैठक में रोका-छेका अभियान एवं घुमन्तु पशुओं पर की गई कार्यवाही, गौठान निर्माण की प्रगति, गोबर क्रय, कम्पोस्ट उत्पादन, विक्रय व उपयोग (ग्रामीण एवं शहरी), स्व-सहायता समूहों व गोठान समितियों को भुगतान, गोठान प्रबंधन समिति के सदस्यों की एंट्री एवं भुगतान, स्वावलंबी गोठान, गोमूत्र क्रय एवं उपयोग को बढ़ावा, गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण, राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत प्रशिक्षण सह सम्मेलन की समीक्षा की जाएगी।
बैठक में सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, वनमंडलाधिकारी, नोडल अधिकारी नगरीय निकाय, उप संचालक कृषि, जिलों के संयुक्त एवं उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, उप संचालक उद्यानिकी, उप एवं सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को अद्यतन जानकारी के साथ नियत तिथि एवं समय पर बैठक में उपस्थित होने निर्देशित किया गया।
जिले के प्रतिभागी दल को सम्मिलित कराने हेतु कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी
रायपुर/शौर्यपथ / राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन 25 से 27 सितम्बर तक रायपुर में होगा। खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव द्वारा इस संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 2023-24 में जिले के प्रतिभागी, दल को सम्मिलित कराने के लिए दिशा-निर्देश दिए है। राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन के संबंध में 24 सितम्बर को शाम 7 बजे सभी जिलों के दल मैनेजर एवं खेल अधिकारियों की बैठक सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित की गई है। बैठक में विधावार प्रतिभागी, मैनेजरों की सूची के साथ उपस्थित होना अनिवार्य है।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा मंत्रालय से जिला कलेक्टरों को जारी परिपत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 2023-24 के आयोजन के संबंध में पूर्व में दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके है। राज्य स्तर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन 25 से 27 सितम्बर तक रायपुर में आयोजित है, जिसमें भागीदारी करने वाले प्रतिभागी और दलों को भेजनें के लिए कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि जिले से प्रस्थान करने वाले प्रतिभागियों के दल में शामिल दल प्रभारी एवं उनके सहयोगी स्टॉफ, प्रतिभागियों (पुरूष एवं महिला), वाहन चालक, परिचालक एवं वाहन की जानकारी 22 सितम्बर को सायं 5 बजे तक ई-मेल आईडी This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it. पर अनिवार्यतः भेजना सुनिश्चित करें। प्रतिभागियों को राज्य स्तर पर लाने-ले-जाने तथा रास्ते में भोजन इत्यादि की व्यवस्था एवं इस पर आने वाला सम्पूर्ण व्यय संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा वहन किया जाए।
राज्य स्तर पर आने वाले प्रतिभागी दलों के साथ संबंधित जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक के द्वारा एक-एक डिप्टी कलेक्टर तथा उप पुलिस अधीक्षक की ड्यूटी लगाई जाए। जिलों से आने वाले महिला प्रतिभागियों के साथ अनिवार्य रूप से महिला कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाए।
राज्य स्तर पर शामिल होने वाले संभाग स्तरीय प्रत्येक जिले के प्रतिभागी को पहचान पत्र प्रदाय किए जाने हेतु प्रारूप संभाग द्वारा सभी जिलों के खेल अधिकारियों का उपलब्ध करा दी गई है। अतः यह सुनिश्चित करें कि जिले से आने वाले प्रत्येक प्रतिभागी निर्धारित प्रारूप में जिला खेल अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित एवं सील सहित पहचान पत्र के साथ ही यात्रा करें।
जिले के दल 24 सितम्बर को सायं 6 बजे तक अनिवार्य रूप से अपनी उपस्थिति दें। जिलों के दल मैनेजर प्रत्येक विधावार नियुक्त प्रभारी से समन्वय कर, प्रतिभागी, दल को सुव्यवस्थित रूप से प्रतिभागिता सुनिश्चित कराएं तथा विधावार निर्धारित प्रतियोगिता आयोजन स्थल पर समय पूर्व उपस्थित होना सुनिश्चित करें।