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माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 पारित
रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पारित माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, राज्य में व्यापार एवं वाणिज्य को सरल, पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस संशोधन विधेयक का मुख्य उद्देश्य व्यापारियों को कानूनी राहत, कारोबारी प्रक्रियाओं को सरल बनाना, कर मामलों का शीघ्र निराकरण और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है।
विधेयक में इनपुट टैक्स क्रेडिट के प्रावधानों को और स्पष्ट किया गया है ताकि कारोबार, कर भुगतान और क्रेडिट के उपयोग में पारदर्शिता आ सके। विशेष श्रेणी के लेन-देन (जैसे सेज, निर्यात, वेयरहाउस परिसंचरण) को स्पष्ट परिभाषित किया गया है। साथ ही वित्त अधिनियम, 2025 के केंद्र सरकार के संशोधनों के अनुरूप कई तकनीकी और प्रक्रियागत बदलाव किए गए हैं।
माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025 के अनुसार इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर नियम में संशोधन किया गया है। अब आईजीएसटी में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के अंतर्गत प्राप्त इनपूट टैक्स क्रेडिट का वितरण अपनी शाखाओं में करने की अनुमति मिलेगी। इससे जीएसटी अधिनियम की विसंगतियां दूर होंगी और ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा मिलेगा।
विधेयक में ऐसे पेनाल्टी की राशि जिसमें टैक्स डिमांड शामिल नहीं है ऐसे प्रकरणों में अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील प्रस्तुत करने के लिए पूर्व डिपोजिट 25 प्रतिशत राशि को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार वाउचर टैक्स निर्धारण को और अधिक स्पष्ट किया गया है। पहले जीएसटी प्रणाली में वाउचर पर कर निर्धारण के संबंध स्थिति स्पष्ट नही थी इस पर जीएसटी कब लगेगा इन्हें जारी करने के समय या इन्हें रिडीम करते समय इस संबंध में विभिन्न एंडवास रूलिंग अथारिटी मत भिन्नता थी। संशोधन विधेयक के अनुसार अब वाउचर रिडीम करते समय जीएसटी लगेगा।
तंबाकू आदि उत्पादों के लिए ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म लागू किया गया है, जिससे उनकी आपूर्ति श्रृंखला की कड़ी निगरानी हो सकेगी। ऐसे उत्पादों के सभी यूनिट पैकेट में एक क्यूआर कोड अंकित करना होगा, जिसे स्कैन करने पर निर्माता, उत्पाद, एमआरपी, विक्रेता, बिल आदेश, भुगतान के सभी रिकार्ड आदि जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही निर्माता और होलसेलर को इन यूनिट पैकेट के मूव्हमेंट का रिकार्ड रखना होगा। ताकि जांच एजेंसियों को किसी भी समय ऐसी सूचनाएं उपलब्ध हो सके।
विशेष आर्थिक क्षेत्र को प्रोत्साहन के तहत इन विशेष क्षेत्रों के वेयर हाउस में रखे गए वस्तुओं के निर्यात किए जाने से पूर्व वस्तुओं के फिजिकल मूवमेंट के बिना क्रय विक्रय किए जाने पर अब जीएसटी नहीं लगेगा। यह बदलाव सेज में निवेश और कारोबार को बढ़ावा देगा तथा ये क्षेत्र अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे। विधेयक में ‘प्लांट या मशीनरी’ शब्दों के स्थान पर ‘प्लांट और मशीनरी‘ शब्दो को प्रतिस्थापित किया गया है। प्लांट शब्द में ‘भवन‘ सम्मिलित नहीं होगा एवं इस पर इनपुट क्रेडिट की पात्रता नहीं होगी। डिजिटल मुहर, डिजिटल चिन्ह या किसी प्रकार का अन्य चिन्हांकन सहित ‘विशिष्ट पहचान चिह्नांकन’ का प्रावधान भी शामिल किया गया है।
छत्तीसगढ़ की उपलब्धियां
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2024-25 में राज्य को 16,299 करोड़ रूपए जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ, जो राज्य के कुल कर राजस्व का 38 प्रतिशत है। इस वर्ष 18 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज की गई और छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर रहा। राज्य के भीतर माल परिवहन के लिए ई-वे बिल की सीमा 50,000 रूपए से बढ़ाकर 1,00,000 रूपए कर दी गई है, जिससे 26 प्रतिशत छोटे व्यापारियों को कागजी कार्यवाही से राहत मिली है।
नई सरकार के गठन के बाद से 43,612 नए पंजीकरण किए गए हैं। पंजीकरण प्रक्रिया को 13 दिनों से घटाकर अब सिर्फ 2 दिन में पूर्ण किया जा रहा है। पूर्व में केवल 15 जिलों में जीएसटी कार्यालय थे, अब राज्य के 33 जिलों में कार्यालय स्थापित कर दिये गये हैं। कर अपवंचन की रोकथाम के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स और बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट का गठन किया गया है।
भूमि अधिग्रहण संबंधी विवादों की संख्या में आएगी कमी
किसानों को मिल सकेगा न्यायसंगत मुआवजा
मुख्यमंत्री ने कहा अधिग्रहण से प्रभावित हितग्राहियों के हित में ऐतिहासिक कदम
भूमि मूल्य निर्धारण को पारदर्शी, सरल और विवाद मुक्त बनाने की सार्थक पहल
मुख्यमंत्रीविष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रीपरिषद ने दी मंजूरी
रायपुर/शौर्यपथ/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित मंत्रीपरिषद की बैठक में वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के एक महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह प्रस्ताव राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि के बाजार मूल्य निर्धारण से संबंधित है, जिसमें किसानों, भू-अर्जन से प्रभावित हितग्राहियों और राजस्व से जुड़े मामलों में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया गया है।
अनुमोदित प्रस्ताव के तहत ग्रामीण कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना के लिए 500 वर्गमीटर तक के भू-खण्ड की दर को समाप्त करते हुए सम्पूर्ण रकबा की गणना हेक्टेयर दर से की जाएगी। भारतमाला परियोजना और बिलासपुर के अरपा भैंसाझार में जिस तरह की अनियमितताएँ सामने आई थीं, उनसे बचने के लिए यह व्यवस्था मददगार होगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की परिवर्तित भूमि का मूल्यांकन सिंचित भूमि के ढाई गुना करने के प्रावधान को विलोपित करने के साथ ही शहरी सीमा से लगे ग्रामों की भूमियों और निवेश क्षेत्र की भूमियों के लिए वर्गमीटर में दरों का निर्धारण किया जाएगा। इस प्रस्ताव के लागू होने से भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों में विवादों की संख्या घटेगी और किसानों को पारदर्शी और न्यायसंगत मुआवजा मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि यह निर्णय नीति निर्माण की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है। उन्होंने इस निर्णय को किसानों और भूमि अधिग्रहण से प्रभावित हितग्राहियों के हित में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। उनका मानना है कि गाइडलाइन दरों की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाकर हम न सिर्फ किसानों को न्याय दिलाएंगे बल्कि राज्य की विकास परियोजनाओं की रफ्तार को भी गति देंगे। यह बदलाव राज्य में भूमि मूल्य निर्धारण की प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सरल और विवाद-मुक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास होगा।
सर्वे में शामिल देशभर के 4,566 शहरों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर टॉप-100 में छत्तीसगढ़ के 25 शहर
गारबेज-फ्री सिटी स्टार रेटिंग में राज्य के 62 शहरों ने बढ़ाया अपना दर्जा, रायपुर को सेवन स्टार सम्मान
सिंगल, थ्री और फाइव स्टार दर्जा प्राप्त शहरों की संख्या 114 पहुँची, पिछले सर्वे में थी 71
तीन नगर निगम ओडीएफ प्लस प्लस से वाटर प्लस श्रेणी में पहुंचे, 163 निकायों को मिला ओडीएफ प्लस प्लस दर्जा
रायपुर/शौर्यपथ /भारत सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। राज्य के नगरीय निकायों के उत्कृष्ट प्रदर्शन का परिणाम है कि इस बार सर्वेक्षण में शामिल 169 शहरों में से 115 शहरों ने अपनी रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार किया है। स्वच्छता के इस राष्ट्रीय मूल्यांकन में देशभर के 4,566 शहरों के बीच छत्तीसगढ़ के 25 शहर टॉप-100 में शामिल हुए हैं, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में बड़ी छलांग है, जब केवल 16 शहर टॉप-100 में आ पाए थे।
राज्य के 62 नगरीय निकायों ने गारबेज-फ्री सिटी स्टार रेटिंग में अपना दर्जा बढ़ाया है, जबकि सिंगल, थ्री और फाइव स्टार प्राप्त करने वाले शहरों की संख्या 71 से बढ़कर अब 114 हो गई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ने इस बार फाइव स्टार से बढ़कर सेवन स्टार की सर्वोच्च रेटिंग प्राप्त की है। रायपुर को गारबेज-फ्री सिटी श्रेणी में यह सम्मान प्राप्त हुआ है, साथ ही स्वच्छता में उसे वाटर प्लस शहर का दर्जा भी मिला है।
इस बार बिलासपुर, कोरबा और भिलाई नगर—ये तीन नगर निगम ओडीएफ प्लस प्लस से बढ़कर वाटर प्लस श्रेणी में पहुंच गए हैं। राज्य के 163 नगरीय निकायों को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा प्राप्त हुआ है, जिनमें किरंदुल और भाटापारा नगर पालिका तथा कुंरा नगर पंचायत जैसे निकाय भी शामिल हैं, जो पहले केवल ओडीएफ श्रेणी में थे। सीतापुर नगर पंचायत ने भी ओडीएफ प्लस से आगे बढ़कर ओडीएफ प्लस प्लस दर्जा हासिल किया है।
पिछले डेढ़ वर्षों में 62 नगरीय निकायों ने अपने सतत प्रयासों के माध्यम से गारबेज-फ्री सिटी स्टार रेटिंग में सुधार किया है। बिलासपुर और अंबिकापुर ने अपने थ्री स्टार स्तर को बढ़ाकर फाइव स्टार किया है, जबकि भिलाई नगर, जगदलपुर नगर निगम, जामुल नगर पालिका और घरघोड़ा नगर पंचायत ने 2023-24 के सिंगल स्टार दर्जे से आगे बढ़ते हुए अब थ्री स्टार प्राप्त किया है। वहीं, धमतरी, शिबरीनारायण और राजपुर जैसे शहर, जो पूर्ववर्ती सर्वे में स्टार रेटिंग में नहीं थे, उन्होंने सीधे थ्री स्टार श्रेणी में प्रवेश किया है। स्वच्छता और सौंदर्यीकरण के क्षेत्र में विशेष प्रयासों के चलते राज्य के 52 नगरीय निकायों ने नो स्टार से उन्नत होकर अब सिंगल स्टार दर्जा प्राप्त कर लिया है।
इस बार कई नगरीय निकायों की राष्ट्रीय रैंकिंग में बड़ा सुधार देखने को मिला है। वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय स्तर पर 649वें स्थान पर रहे सिमगा ने इस बार 95वीं रैंक हासिल की है। इसी तरह जशपुर 637वें से 91वें, राजपुर 630वें से 63वें और घरघोड़ा 616वें से 71वें स्थान पर आ गया है। भिलाई-चरोदा ने अपनी रैंकिंग 587 से सुधारकर 68, दोरनापाल ने 557 से 81, दंतेवाड़ा ने 552 से 70, जगदलपुर ने 461 से 55, मुंगेली ने 447 से 86, कवर्धा ने 430 से 77, कुनकुरी ने 426 से 84, दुर्ग ने 314 से 80, राजनांदगांव ने 268 से 46, भिलाई नगर ने 267 से 22, छुरा ने 230 से 76, प्रतापपुर ने 173 से 62, बलरामपुर ने 65 से 53 और रायपुर ने 12वीं रैंक से बढ़कर चौथा स्थान प्राप्त किया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के शहरों की इस उपलब्धि को स्थानीय निकायों और नागरिकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि शहरी सरकार, राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर नवाचारों के साथ शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के शहरों की रैंकिंग में और भी सुधार होगा और इस बार की राष्ट्रीय सफलता सभी नगरीय निकायों को और अधिक प्रेरित करेगी।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नगरीय निकायों की सराहना करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में नगरीय विकास और स्वच्छता हेतु राज्य सरकार द्वारा 7,400 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी, जिसका यह सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग ने सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया था कि वे अपने अधीनस्थ अमले के साथ प्रतिदिन प्रातः भ्रमण कर सफाई कार्यों की नियमित निगरानी करें। साव ने कहा कि विभाग की इन दोनों पहलों की इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा – छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है, कानून अपना कार्य कर रहा है
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज मंत्रालय, महानदी भवन में केरल एवं ओडिशा के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा सांसद चलाकुडी से बेनी बेहनन, कोट्टायम से श्री के. फ्रांसिस जॉर्ज, कोल्लम से श्री एन. के. प्रेमचंद्रन, कोरापुट से सप्तगिरि उल्का, और केरल विधानसभा सदस्य श्रीमती रोजी एम. जॉन शामिल थे।प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से राज्य में हाल ही में चर्चा में आए धर्मांतरण प्रकरण की जानकारी साझा की।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय और समरसता में विश्वास रखने वाला प्रदेश है, जहाँ सभी धर्मों के लोग सौहार्दपूर्वक रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि मामले की जांच न्यायिक प्रक्रिया के तहत की जा रही है। कानून स्वतंत्र रूप से अपना कार्य कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश की बेटियाँ और नागरिक सुरक्षित और सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करें।
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में पदक विजेता खिलाड़ियों ने सौजन्य भेंट की।
मुख्यमंत्री साय ने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने खिलाड़ियों को और अधिक मेहनत कर प्रदेश का नाम राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रदेश के विजेता खिलाड़ियों में रजत पदक विजेता अन्नू देवी कुंवर, दीप्ति साहू तथा कांस्य पदक विजेता संजना कन्नौजिया और हर्षा सेन शामिल थीं। प्रशिक्षक विशाल हियाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ किक बॉक्सिंग संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्री छगन लाल मुंदड़ा तथा महासचिव श्री आकाश गुरुदीवान उपस्थित थे।
रायपुर में खुलेगा APEDA का क्षेत्रीय कार्यालय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों से कृषि निर्यात को मिलेगा नया प्रोत्साहन, राज्य बनेगा एक्सपोर्ट हब
रायपुर/शौर्यपथ / कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात को प्रोत्साहन देने की दिशा में छत्तीसगढ़ को एक बड़ी सौगात मिली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों एवं उद्योग विभाग की सक्रिय पहल के फलस्वरूप भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने रायपुर में APEDA का क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की स्वीकृति प्रदान की है।
इस क्षेत्रीय कार्यालय के प्रारंभ होने से छत्तीसगढ़ के किसानों, उत्पादकों और निर्यातकों को अनेक लाभ एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगे। अब उन्हें ट्रेनिंग, प्रमाणन, पैकेजिंग, मानकीकरण और निर्यात संबंधी सेवाओं के लिए अन्य राज्यों के कार्यालयों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
स्थानीय स्तर पर मिलेगी वैश्विक गुणवत्ता की सुविधा
राज्य में APEDA कार्यालय की स्थापना से अब फाइटो-सेनेटरी प्रमाणपत्र, गुणवत्ता प्रमाणन, लैब टेस्टिंग, और निर्यात से जुड़ी प्रक्रियाएं यहीं पूरी की जा सकेंगी। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि किसानों और निर्यातकों की लागत में भी कमी आएगी।
छत्तीसगढ़ के उत्पादों को मिलेगी ब्रांडिंग और वैश्विक पहचान
APEDA कार्यालय से फल, सब्ज़ियाँ, चावल, GI टैग वाले उत्पाद, मिलेट्स और अन्य कृषि उत्पादों का सीधे अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में निर्यात आसान होगा। इससे उत्पादों को उचित दाम, व्यापारियों को नए बाज़ार, और राज्य को वैश्विक मंच पर पहचान मिलेगी।
किसानों की आय और ज्ञान दोनों में वृद्धि
निर्यात से किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही, नई तकनीकों, गुणवत्ता नियंत्रण, आधुनिक पैकेजिंग और अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग की जानकारी और प्रशिक्षण उन्हें स्थानीय स्तर पर मिल सकेगा।
निर्यात बुनियादी ढांचे को मिलेगा प्रोत्साहन
APEDA न केवल प्रमाणन और ब्रांड प्रमोशन में सहयोग करता है, बल्कि निर्यात बुनियादी ढांचे के निर्माण और रख-रखाव में भी सहायता करता है। इससे राज्य में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस जैसे सुविधाओं का विकास होगा, जिससे कृषि व्यापार को नई गति मिलेगी।
विशेष योजनाएं और सब्सिडी का लाभ राज्य को मिलेगा
APEDA द्वारा चलाए जा रहे एक्सपोर्ट प्रमोशन, स्किल डेवलपमेंट और सब्सिडी योजनाओं का लाभ अब छत्तीसगढ़ के किसान, स्टार्टअप और MSMEs को सहजता से मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री साय ने इस ऐतिहासिक पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों और उत्पादकों को अब वैश्विक बाजार से जोड़ने का मजबूत माध्यम मिल गया है। यह कार्यालय न केवल कृषि निर्यात को प्रोत्साहन देगा, बल्कि राज्य की आर्थिक समृद्धि की दिशा में भी एक निर्णायक कदम सिद्ध होगा। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को ‘वोकल फॉर लोकल टू ग्लोबल’ की दिशा में एक अग्रणी राज्य बनाएगी और समृद्ध कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए क्षेत्र में नए अवसरों के द्वार खोलेगी।
मंत्रिमण्डल ने दी स्टेट क्रिकेट संघ को 7.96 एकड़ भूमि
मुख्यमंत्री साय की विशेष पहल पर नियमों को शिथिल कर लिया गया निर्णय
रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप राज्य के उभरते क्रिकेट खिलाड़ियों के प्रशिक्षण एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-3, ग्राम-परसदा में 7.96 एकड़ भूमि क्रिकेट एकेडमी की स्थापना हेतु आबंटित करने का निर्णय लिया गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि सरकारी व्ययन नियमों के तहत, गैर-लाभकारी संस्थाओं को सीधे भूमि आवंटन का प्रावधान नहीं है, लेकिन इस विशेष मामले में राज्य शासन ने नियमों को शिथिल कर यह निर्णय लिया है, जिससे खिलाड़ियों के हित में क्रिकेट एकेडमी की स्थापना हो सके।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को 2016 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से पूर्णकालिक मान्यता प्राप्त है। इसके लिए नगर विकास प्राधिकरण ने कुल 7.96 एकड़ भूमि चिन्हित की है।
छत्तीसगढ़ राज्य में क्रिकेट के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। प्रदेश के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। नवा रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम मौजूद है, परंतु अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं और प्रशिक्षण के लिए एकेडमी की जरूरत महसूस की जा रही थी। इस निर्णय से प्रदेश के प्रतिभाशाली युवाओं को क्रिकेट में आगे बढ़ने के बेहतरीन अवसर मिलेंगे और राज्य को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिलेगी। छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम न केवल प्रदेश के युवा क्रिकेटरों के लिए अवसर के नए द्वार खोलेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ को खेल के क्षेत्र में मजबूत पहचान दिलाने में सहायक होगा।
गौसेवा के साथ घर-घर किचन गार्डन निर्माण पर भी दिया जा रहा है विशेष जोर
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य गौ संरक्षण एवं संवर्धन समिति द्वारा आयोजित ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने अभियान के पोस्टर का अनावरण किया और समिति के सदस्यों को इस पुण्य कार्य के लिए शुभकामनाएँ एवं बधाई दी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गौसेवा भारतीय संस्कृति की आत्मा है, जो न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष समिति द्वारा चलाए जा रहे अभियान में गौसेवा के साथ-साथ घर-घर किचन गार्डन निर्माण पर विशेष बल दिया जा रहा है, जो जनस्वास्थ्य सुधार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सराहनीय पहल है।
इस अवसर पर समिति के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुबोध राठी ने मुख्यमंत्री को अभियान की रूपरेखा से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा आगामी 4 नवम्बर 2025 को प्रदेशभर में गौ विज्ञान परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा का उद्देश्य जनसामान्य में गौवंश के महत्व, पारिस्थितिक तंत्र में उसकी भूमिका, ग्लोबल वार्मिंग की रोकथाम में योगदान तथा पंचगव्य के वैज्ञानिक पक्षों के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है।
राठी ने बताया कि यह परीक्षा माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक एवं महाविद्यालय—इन तीन श्रेणियों में आयोजित की जाएगी। प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को ₹51,000 नगद, द्वितीय स्थान हेतु ₹31,000 तथा तृतीय स्थान हेतु ₹21,000 नगद पुरस्कार एवं गौमय उत्पादों का किट प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार जिला स्तरीय परीक्षा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः ₹3,100, ₹2,100 एवं ₹1,100 नगद पुरस्कार के साथ गौ उत्पाद किट प्रदान किए जाएँगे।
परीक्षा में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को गौ विज्ञान ग्रंथ एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इच्छुक विद्यार्थी अपनी संस्था के प्राचार्य अथवा गौ विज्ञान प्रभारी से संपर्क कर पंजीयन करा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष इस परीक्षा में प्रदेशभर से एक लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था। इस वर्ष समिति ने एक लाख से अधिक विद्यार्थियों की भागीदारी का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस अवसर पर प्रांत संयोजक अन्ना सफारे, प्रांत उप प्रमुख मनोज पांडेय, गौ ग्रंथ संपादक डॉ. अमित पांडेय सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
नागपंचमी पर्व प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व और करुणा का प्रतीक - मुख्यमंत्री साय
रायपुर/शौर्यपथ/मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को नागपंचमी (29 जुलाई 2025) के पावन अवसर पर शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पर्व हमारी सनातन संस्कृति की गहराई, लोक आस्था की ऊर्जा और प्रकृति के साथ समरसता का जीवंत प्रतीक है। यह हमारे पूर्वजों द्वारा रचित वह परंपरा है, जो जीव-जगत के साथ सम्मानपूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश देती है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नागपंचमी का पर्व पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता के प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है।
मुख्यमंत्री साय ने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे इस पर्व के माध्यम से न केवल सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजें, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशीलता और सामाजिक सौहार्द को जीवन में अपनाएँ।