August 05, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

आधार कार्ड बनने तथा नया राशन कार्ड की सौगात मिलने पर अभिभूत हुई दामिन बाई एवं इयन बाई
रायपुर/शौर्यपथ /केन्द्र सरकार के द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में सेवाओं एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने तथा उनके व्यक्तिगत अधिकारों से परिपूर्ण करने के उद्देश्य से धरती आबा संचालित की जा रही है। इस अभियान के अंतर्गत आयोजित शिविर में जनजातीय समाज के लोगों को शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजना अत्यंत लाभप्रद सिद्ध हो रहा है। बालोद जिले में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविरों के माध्यम से शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का त्वरित लाभ मिलने से जनजातीय समाज के लोगों ने शासन की इस महत्वपूर्ण पहल एवं जनहितैषी कदम की भूरी-भूरी सराहना की है।
इसी कड़ी में बालोद जिले के डौण्डीलोहारा विकासखण्ड के ग्राम मार्री बंगला में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर के माध्यम से उनके बहुप्रतीक्षित समस्याओं के निराकरण होने पर जनजातीय समाज के ग्रामीण महिलाओं ने शिविर के आयोजन की मुक्तकंठ से प्रशंसा की है। शिविर के माध्यम से अपने नन्हें पुत्र तेजस के आधार कार्ड का पंजीयन होने से ग्राम मार्री बंगला निवासी दामिन बाई तथा गहिरा नवागांव निवासी श्रीमती इयन बाई का नया राशन कार्ड बनने से दोनों महिलाएं बहुत ही अभिभूत नजर आ रही थी।
ग्राम मार्री बंगला निवासी श्रीमती दामिन बाई ने बताया कि अपने पारिवारिक जिम्मेदारी एवं घरेलू कार्य में व्यस्त होने के कारण वे चाह कर भी अपने नन्हें बालक तेजस का आधार कार्ड बनवाने के लिए पास के गांव देवरी के च्वाइस सेंटर में नहीं जा पा रही थी। जिसके कारण वे परेशान भी हो जाती थी। उन्होंने कहा कि धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत उनके गृह ग्राम मार्री बंगला में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर में उनके पुत्र तेजस के आधार कार्ड बनाने हेतु पंजीयन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। कुछ ही दिनों के पश्चात् उनके पुत्र के आधार कार्ड बनकर उन्हें प्राप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से धरती आबा जनभागीदारी अभियान समस्याओं का तत्काल समाधान होना किसी बड़ी सौगात से कम नहीं है। श्रीमती दामिन बाई ने कहा कि मेरे नन्हें बच्चे के आधार कार्ड का पंजीयन हो जाने से मैं बहुत ही प्रसन्नचित हूँ।
     इसी तरह ग्राम मार्री बंगला में आयोजित लाभ संतृप्ति शिविर के माध्यम से उनके नया राशन कार्ड बनने पर ग्राम गहिरा नवागांव की आदिवासी महिला श्रीमती इयन बाई बहुत ही प्रसन्नचित एवं उत्साही नजर आ रही थी। उन्होंने कहा कि अपने समीप के गांव में आयोजित शिविर के माध्यम से उन्हें एवं उनके परिवार को तत्काल राशन कार्ड का सौगात मिलना हम जैसे गरीब परिवार के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण है। नए राशन कार्ड बन जाने से अब उन्हें ग्राम पंचायत एवं अन्य कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। श्रीमती इयन बाई ने कहा शिविर के माध्यम से उनके जैसे जनजातीय परिवार के अनेक गरीब एवं जरूरतमंद लोगों की मांगों और समस्याओं का त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया गया। उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से केन्द्र सरकार की अत्यंत लोक हितैषी एवं जनकल्याणकारी पहल है। मार्री बंगला में आयोजित शिविर के आयोजन से लाभान्वित होने वाली दोनों महिलाओं ने शिविर आयोजन की सराहना करते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाले भारत सरकार को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया है।

शांति और विकास राह पर बढ़ रहा है बस्तर, शासन की योजनाओं से बदली गांवों की तस्वीर
पहली बार राजधानी पहुंचे बीजापुर के सुदूर गांवों के युवा, मुख्यमंत्री से आत्मीय मुलाकात कर रखी अपनी बात
रायपुर/शौर्यपथ /इच्छाशक्ति, संवेदना और समावेशी नीति से हमने बस्तर में बदलाव की नई शुरुआत की है। बस्तर के युवाओं का आत्मबल ही हमारी प्रेरणा है और हम सब मिलकर नया बस्तर गढ़ेंगे। आप सभी ने पहली बार राजधानी रायपुर को देखा है, आप सभी का यहां स्वागत है और आपकी यह यात्रा सुखद और चिरस्मरणीय हो। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज अपने निवास में प्रदेश के सुदूर और नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के नियद नेल्ला नार ग्राम पंचायतों के 96 युवक-युवतियों के दल से आत्मीय संवाद कर रहे थे।
        मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 'नियद नेल्ला नार' जैसी योजनाओं के माध्यम से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास की नई राह खोल रही है। उन्होंने कहा कि आप छत्तीसगढ़ के भविष्य हैं और आप सभी की भागीदारी से ही हम बस्तर क्षेत्र और प्रदेश को आगे लेकर जायेंगे। श्री साय ने कहा कि 'नियद नेल्ला नार’ योजना से जुड़कर जहां गांवों की तस्वीर बदल रही है, वहीं युवाओं को भी आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक जीवन मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि हमारी सरकार आपके क्षेत्र में शांति व्यवस्था स्थापित करने में जुटी हुई है और केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह ने ठान लिया है कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि माओवादी आपके क्षेत्र में विकास नहीं चाहते, लेकिन विकास के रास्ते आने वाली सभी बाधाओं को हम दूर करेंगे। बस्तर का मनोबल हमें नक्सलवाद जैसी कुरीतियों को जड़ से समाप्त करने की ऊर्जा दे रहा है।
       मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर आपके क्षेत्र में घने जंगल, मनमोहक झरने और ऊँचे पहाड़ हैं। वहां भूमि उपजाऊ है और अच्छी खेती होती है। हमारी सरकार खेती को समृद्ध बनाने के लिए पानी की सुविधा आप तक पहुंचाने का काम कर रही है। श्री साय ने कहा कि आप सभी खेती को बढ़ावा दें और जो विद्यार्थी हैं, वे मन लगाकर अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। प्रदेश के विकास में आपका सहयोग हमारे लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने ‘बस्तर ओलंपिक’ और ‘बस्तर पंडुम’ जैसे आयोजनों का उल्लेख करते हुए कहा यह बस्तर की आत्मा की अभिव्यक्ति हैं। इन आयोजनों में हजारों युवाओं, महिलाओं और बच्चों की भागीदारी ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि बस्तर अब नए युग की ओर अग्रसर है। बस्तर की कला, संस्कृति और धरोहर को संजोने का कार्य हम सब मिलकर आगे भी करते रहेंगे। आज बस्तर वासियों ने यह दिखा दिया है कि वे हिंसा नहीं, शांति और विकास चाहते हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर की धरती वीरता, धैर्य और स्वाभिमान की प्रतीक रही है और अब हम सब मिलकर इसे विकास और समृद्धि के रास्ते पर आगे लेकर जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की विभिन्न योजनाओं, कौशल प्रशिक्षण, खेल और शिक्षा के माध्यम से सरकार हर युवा को एक नया अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है।
 साय ने युवाओं से आह्वान किया कि वे मुख्यधारा से जुड़कर समाज में बदलाव के वाहक बनें और मजबूत, सुरक्षित व समृद्ध बस्तर के निर्माण में सहभागी बनें।
मुख्यमंत्री से युवाओं ने  साझा किए अपने विचार, कहा – “बस्तर को बदलने का बनेंगे माध्यम
बीजापुर जिले के सुदूर गांवों से राजधानी पहुंचे युवाओं ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से खुलकर संवाद किया। युवाओं ने न सिर्फ अपने अनुभव साझा किए, बल्कि अपने सपनों और संकल्पों की भी बात की। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा, खेल, हुनर और सेवा के रास्ते पर चलकर अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं। बस्तर को बदलना है, और हम इस बदलाव के सहभागी बनना चाहते हैं। युवाओं ने बताया कि 'नियद नेल्ला नार' योजना ने उन्हें नई पहचान और दिशा दी है।
       इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री  विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव  अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम के साथ ही वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

जल जीवन मिशन ने बदली तस्वीर, पेयजल के लिए हैंडपंप और नदी पर निर्भरता खत्म की
रायपुर/शौर्यपथ /जल जीवन मिशन दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में भी पेयजल व्यवस्था की तस्वीर बदल रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की नियद नेल्ला नार योजना और भारत सरकार के जल जीवन मिशन से घने जंगलों के बीच बसा बीजापुर जिले के उसूर विकासखण्ड का गुंजेपर्ती अब जल समृद्ध गांव बन गया है। ग्राम पंचायत गलगम के करीब 80 घरों वाले इस आश्रित गांव में जल जीवन मिशन ने पेयजल के लिए हैंडपंपों और नदी पर निर्भरता खत्म कर दी है। वहां के सभी घरों में पाइपलाइनों के जरिए नल से स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंच रहा है। जल जीवन मिशन न केवल ग्रामीणों की प्यास बुझा रहा है, बल्कि कई परिवार अतिरिक्त जल का सदुपपयोग कर अपने घरों में सब्जी-भाजी भी उगा रहे हैं। अतिरिक्त जल और उपयोग किए हुए जल के प्रबंधन से गांव साफ-सुथरा हुआ है और गांववालों का स्वास्थ्य भी सुधरा है। इससे जल के उपयोग के प्रति ग्रामीणों में जागरूकता भी बढ़ी है।
जल जीवन मिशन के तहत गुंजेपर्ती में पेयजल की आपूर्ति के लिए 21 लाख रुपए से अधिक की लागत से 3262 मीटर पाइपलाइन बिछाई गई है। वहां सौर ऊर्जा से संचालित तीन जल आपूर्ति सिस्टम भी स्थापित किए गए हैं। पहले यहां के लोग पानी की सभी जरूरतों के लिए हैण्डपंपों और नदी पर ही निर्भर थे। पानी की व्यवस्था के लिए महिलाओं को रोज घर से दूर हैंडपंप या नदी तक जाना पड़ता था। इसमें प्रतिदिन उनका बहुत सा समय यूं ही निकल जाता था। पर अब जल जीवन मिशन से उनके घर-आंगन तक नल से पानी पहुंच रहा है। हाल ही में गुंजेपर्ती में आयोजित ग्रामसभा में शत प्रतिशत हर घर जल प्रमाणीकरण किया गया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्राम पंचायत को जल आपूर्ति प्रणाली के संचालन, प्रबंधन और निगरानी की जिम्मेदारी भी हस्तांतरित की गई है।

जिला मुख्यालयों में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसदगण एवं विधायकगण होंगे मुख्य अतिथि
जशपुर में मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में होगा योगाभ्यास
रायपुर/शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। जिला मुख्यालयों से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक 21 जून को इस बार ’’योग संगम-हरित योग’’ थीम पर सामूहिक योगाभ्यास का कार्यक्रम आयोजित होगा। जिला मुख्यालयों में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास के कार्यक्रम में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय राज्य मंत्री, उपमुख्यमंत्री द्वय, मंत्रीगण, सांसद एवं विधायकगण मुख्य अतिथि होंगे। छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिला मुख्यालयों में आयोजित होने वाले सामूहिक योगाभ्यास में मुख्य अतिथि नामांकित किया गया है।
राज्यपाल  रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में 21 जून को राजधानी रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सामूहिक योगाभ्यास का कार्यक्रम आयोजित होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में जशपुर जिले के रणजीता स्टेडियम में सुबह 7 बजे सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कैबिनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े करेंगी। उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव जिला मुख्यालय मुंगेली तथा उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा कबीरधाम में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंग।
इसी तरह राजनांदगांव में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, बलरामपुर-रामानुजगंज में मंत्री श्री रामविचार नेताम, बेमेतरा में मंत्री श्री दयालदास बघेल, नारायणपुर में मंत्री श्री केदार कश्यप, कोरबा में मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में मंत्री श्री श्यामबिहारी जायसवाल, रायगढ़ में मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी, गरियाबंद में मंत्री  टंकराम वर्मा, बलौदाबाजार-भाटापारा में सांसद   बृजमोहन अग्रवाल, दुर्ग में सांसद विजय बघेल, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई में सांसद  संतोष पाण्डेय, सरगुजा में सांसद श्री चिन्तामणी महाराज, महासमुंद में सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में सांसद   राधेश्याम राठिया, जांजगीर-चांपा में सांसद   कमलेश जांगड़े, सुकमा में सांसद श्री महेश कश्यप, कांकेर में सांसद  भोजराज नाग, सक्ती में सांसद   देवेन्द्र प्रताप सिंह, बिलासपुर में विधायक श्री अमर अग्रवाल, बीजापुर में विधायक श्री आशाराम नेताम, धमतरी में विधायक  अजय चंद्राकर, बस्तर में विधायक  किरण सिंह देव, कोरिया में विधायक   भैयालाल राजवाड़े, सूरजपुर में विधायक श्रीमती रेणुका सिंह, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में विधायक  गुरू खुशवंत साहेब, दंतेवाड़ा में विधायक   चैतराम अटामी, बालोद में विधायक श्री ललित चन्द्राकर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में विधायक   प्रणव कुमार मरपच्ची और कोण्डागांव में विधायक श्री नीलकंठ टेकाम मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहेंगे।

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज रात्रि उनके निवास परिसर में जगदलपुर विधायक  किरण देव के नेतृत्व में गोंचा महापर्व आयोजन समिति के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित गोंचा महापर्व में सम्मिलित होने का न्यौता दिया। उन्होंने बताया कि छह सौ वर्षों से अधिक समय से निरंतर मनाया जा रहा यह पर्व बस्तर में सामाजिक समरसता और प्रेम का प्रतीक है।
बस्तर दशहरा के बाद सबसे ज्यादा लंबे समय तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत चंदन यात्रा के साथ 11 जून से हो चुकी है। प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि पर्व के अंतर्गत 26 जून को नेत्रोत्सव पूजा तथा 27 जून को श्री गोंचा रथयात्रा का आयोजन होगा। 5 जुलाई को बाहुड़ा गोंचा रथयात्रा के साथ महापर्व का समापन होगा। इस अवसर पर प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय को बस्तर की परंपरा अनुसार ‘तुपकी’ भेंट कर सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि गोंचा महापर्व में तुपकी चलाने की सदियों पुरानी परंपरा है। बस्तर के आदिवासी पोली बांस की नली से तुपकी तैयार करते हैं, जिसमें एक विशेष पौधे का फल डालकर बलपूर्वक दबाया जाता है, जिससे पटाखे जैसी आवाज उत्पन्न होती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आमंत्रण के लिए आभार व्यक्त करते हुए गोंचा महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
प्रतिनिधि मंडल में 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष श्री वेदप्रकाश पाण्डे, गोंचा समिति अध्यक्ष श्री चिंतामणि पाण्डे सहित श्री हेमंत पाण्डे, रजनीश पाणिग्राही, नरेंद्र पाणिग्राही, सुदर्शन पाणिग्राही, पुरुषोत्तम जोशी, मुक्तेश्वर पांडे, बनमाली पाणिग्राही, दिनेश पाणिग्राही, दिलेश्वर पाण्डे, प्रशांत पाणिग्राही, देवशंकर पंडा, विजय पांडे, आत्माराम जोशी, देवकृष्ण पाणिग्राही, जयप्रकाश पाढ़ी, वैभव पाण्डे, चुम्मन पांडे, सोमप्रकाश जोशी, वेणुधर पाणिग्राही, प्रदीप पाढ़ी, सोमेश जोशी सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

   दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम महापौर श्रीमती अलका बाघमार दो दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण पर इंदौर रवाना हो गई हैं। उनकी अनुपस्थिति में, प्रभारी वित्त विभाग के सदस्य नरेंद्र बंजारे को दो दिनों के लिए प्रभारी महापौर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।महापौर श्रीमती बाघमार ने यह आदेश जारी करते हुए शहर के कामकाज को सुचारु रूप से चलाने के लिए यह निर्णय लिया है।
  प्रभारी महापौर नरेंद्र बंजारे शुक्रवार सुबह से महापौर चेंबर में अपना दायित्व संभालेंगे। इस दौरान वे महापौर के विभागीय कार्यों और महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।
 शहर का कामकाज नहीं होगा प्रभावित प्रभारी महापौर श्री बंजारे ने आश्वस्त किया है कि उनकी देखरेख में शहर का कामकाज सुचारु रूप से चलता रहेगा और कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय या कार्य प्रभावित नहीं होगा। वे निकाय के प्रशासनिक कार्यों, जैसे कि सफाई, पानी की आपूर्ति, बिजली, आदि की देखरेख करेंगे और महत्वपूर्ण बैठकों व कार्यक्रमों में भी प्रतिनिधित्व करेंगे।

राजनांदगांव/शौर्यपथ /जिले के ग्रामीण बच्चे पढ़ाई के प्रति अपनी रूचि और जागरूकता का उदाहरण पेश करते हुए घर में पढ़ाई का कोना तैयार कर रहे हैं। यह प्रेरणादायक पहल यूनिसेफ, जिला प्रशासन राजनांदगांव और एलायंस फॉर बिहेवियर चेंज मेंबर्स सर्वहितम के टीम युवोदय राजनांदगांव, जिला समन्वयक विनोद कुमार टेम्बुकर की टीम द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यशाला में भाग लेने के बाद शुरू किया जा रहा है।
कार्यशाला में रूप नहीं गुण को देखो, आज क्या सीखा और पढ़ाई का कोना जैसे विषयों पर  प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चों के शिक्षा स्तर में सुधार एवं व्यक्तित्व विकास की कड़ी को मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चे समझकर एवं कार्यशाला से सीखकर एक विशेष पढ़ाई का स्थान तैयार कर रहे है। वहां बच्चों द्वारा किताबें व्यवस्थित रखा जा रहा है पढ़ाई का रूटीन दीवार पर चिपकाकर उसी अनुसार उसी जगह पर पढ़ाई कर रहे है। प्रत्येक गांव से युवाओं की टीम बनाई जा रही है, जिससे युवा अपने गांव के अन्य बच्चों एवं ग्रामीणजनों को जागरूक कर सकें। इस कड़ी में ग्राम पार्रीकला से हिना, सोनाली, ग्राम ठाकुरटोला से राधिका, हर्षिता, साक्षी, ग्राम पत्थरी से देविका और तनु, ग्राम डोम्हटोला से वर्षा, तनु, कुंदन जैसे सभी गांव में बच्चों एवं युवाओं द्वारा पढ़ाई का कोना बनाकर गांव में बच्चों एवं युवाओं को प्रेरित किया जा रहा है। शिक्षा स्तर में बदलाव, सुधार और व्यक्तित्व विकास किया जा सके। इस कड़ी में यूनिसेफ जिला समन्वयक श्री विनोद टेम्बुकर, दिव्या राजपूत, विकासखंड समन्वयक श्री चंद्रप्रकाश साहू, युवोदय सक्रिय स्वयंसेवक श्री तोरण, श्री साहिल, श्री भावेश एवं अन्य स्वयंसेवियों द्वारा सक्रिय योगदान दिया जा रहा है।

- कार्यक्रम में दवाईयां एवं सिकल सेल जेनेटिक कार्ड का किया गया वितरण
- विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन
राजनांदगांव /शौर्यपथ /कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्गदर्शन में विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरत्न के निर्देशानुसार प्रत्येक व्यक्ति का नि:शुल्क सिकल सेल स्क्रीनिंग किया गया। नागरिकों को सही समय पर ईलाज एवं दवाईयां उपलब्ध कराई गई और इसके साथ सिकल सेल जेनेटिक कार्ड का वितरण किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सिकल सेल  एक आनुवांशिक रोग है जिसकी सही समय पर जांच कराने और नियमित दवाईयां लेने से नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विवाह कराने के पहले सिकल सेल कुंडली का जरूर मिलान करना चाहिए। कुंडली मिलान उपरांत पॉजिटीव आये लोगों को विवाह किए जाने संबंधी पूर्ण जानकारी देने कहा। इसके लिए लोगों को जागरूक होना आवश्यक है। जिले में  6 लाख 16 हजार 308 सिकल सेल स्क्रीनिंग किया गया। जिसमें 5 लाख 93 हजार 144 सिकल सेल निगेटीव, 661 सिकल सेल पॉजिटीव एवं 10 हजार 147 सिकल सेल वाहक है।
सिविल सर्जन डॉ. श्रीमती माधुरी खंूटे ने कहा कि जिला अस्पताल में न्यूमोकोकल वैक्सिन उपलब्ध है जिसे सिकल सेल एवं थैलिसिमिया पीडि़त 4 वर्ष से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को लगाया जाना है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने मैदानी स्तर पर मितानिनों के माध्यम से जन जागरूकता फैलाने की बात कही। कार्यक्रम में जिला नोडल अधिकारी सिकल सेल डॉ. सुहद्रा ठाकुर, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक, जिला माईक्रोबॉयोलॉजिस्ट एवं स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी तथा शहरी क्षेत्र के एएनएम, मितानिन व सिकल सेल हितग्राही उपस्थित थे।

राजनांदगांव /शौर्यपथ /एनआईईपीआईडी सिकंदराबाद के अंतर्गत संचालित सीआरसी ठाकुरटोला राजनांदगांव छत्तीसगढ़ द्वारा आज छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से 8 से 40 वर्ष तक 87 दिव्यांगजन कान्हा शान्तिवनम कान्हा गांव रंगारेड्डी जिला तेलंगाना में ग्यारहवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में शामिल होने के लिए रवाना हुए। योगा दिवस के प्रोटोकॉल के अनुसार सभी राज्य से इस योगा दिवस में 3500 दिव्याँगजन शामिल होंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक, सचिव श्री राजेश अग्रवाल, सयुंक्त सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग भारत सरकार श्री राजीव शर्मा शामिल होंगे।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्रति वर्ष एक नई थीम रखी जाती है। इस वर्ष योग दिवस की थीम योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ रखी गई है। जिसका मतलब है कि जिस तरह पृथ्वी एक है, ठीक उसी तरह हमारा स्वास्थ्य भी एक ही है, जिसे हमें स्वस्थ रखने की जरूरत है। प्रति वर्ष 21 जून को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाती है। यह सिर्फ एक तारीख या औपचारिक दिन नहीं है, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा की विश्व स्वीकृति का प्रतीक बन गया है। योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन को संतुलन और शांति देने की एक कला है। सभी को योग के लाभों से जोडऩा और उन्हें स्वस्थ जीवन की दिशा में प्रेरित करना। ट्रेन रवाना के समय आस्था मुकबधिर स्कूल राजनंदगांव के अध्यक्ष श्री महेंद्र सुराना, सीआरसी से श्री पुनीत राम साहू, श्री पुष्पेंदु जना उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सीआरसी राजनंदगांव से श्री गजेन्द्र कुमार साहू समन्वय कर रहे है।

कलेक्टर ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम की तैयारी के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली
- 21 जून 2025 को सुबह 6.45 बजे से दिग्विजय स्टेडियम में होगा सामूहिक योगाभ्यास
- आयोजन की तैयारी के लिए अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
राजनांदगांव /शौर्यपथ / कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की तैयारी के लिए अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग, वन मंडलाधिकारी श्री आयुष जैन एवं जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह उपस्थित रहे।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून 2025 को सुबह 6.45 बजे से दिग्विजय स्टेडियम में सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने आयोजन की तैयारी के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने के लिए नागरिकों को अधिक से अधिक प्रेरित करना है। इसमें अधिक से अधिक लोगों की सक्रिय सहभागिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, स्कूल बच्चे, खिलाड़ी, सभी अधिकारी-कर्मचारी एवं नागरिक शामिल होंगे। उन्होंने मंच, साऊंड, योग करने के लिए कार्पेंट की व्यवस्था, वाहन पार्किंग, ट्रैफिकके संबंध में दायित्व सौंपे एवं आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवी एवं समाज सेवी संस्थाएं कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने समाज कल्याण विभाग एवं खेल विभाग को कार्यक्रम की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए कहा। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम राजनांदगांव श्री खेमलाल वर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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