June 20, 2025
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शौर्यपथ

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बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रख आचार संहिता पर चुनाव आयोग और मुख्यमंत्री जी चिंतन करें-सूरज उपाध्याय, AAP
   रायपुर/शौर्यपथ /आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू जी ने कहा है कि प्रदेश सरकार राज्य में समय पर नगरीय निकाय चुनाव व पंचायत चुनाव करवाने में विफल रही। नगरीय निकाय और पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद राज्य सरकार ने सभी जगह प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं और अब जब बच्चों के वार्षिक परीक्षाओं का समय आने वाला है तब सरकार चुनाव के लिए आचार संहिता लगाने वाली है। चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी,कभी शिक्षक ट्रेनिंग, कभी वोटिंग के लिए और कभी काउंटिंग के लिए जायेंगे। जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी। साथ ही इसी समय ही 10 वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा, NEET, जी की तैयारी और बहुत सारे इंट्रेस एग्जाम की तैयारी करतें हैं, अभी आचार संहिता लगाने से जिससे निश्चित ही बच्चों का पूरा शिक्षा सत्र प्रभावित होगा। इस बारे में चुनाव आयोग और मुख्यमंत्री जी को विचार करना चाहिए।
वहीं आम आदमी पार्टी के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता और सोशल मीडिया प्रभारी सूरज उपाध्याय जी का कहना है कि प्रदेश में 20 जनवरी से 28 जनवरी तक प्री बोर्ड परीक्षा होने वाली है। चुनाव में लगभग 2 लाख शिक्षकों की ड्यूटी लगेगी। और जबकि प्रदेश में 56 हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं स्पष्ट है की सभी स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों की कमी है। उस पर अगर शिक्षकों कीचुनाव हेतु ड्यूटी लग जाएगी तो उनकी इस वर्ष की शिक्षा बाधित होगी।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी बच्चों की शिक्षा को लेकर बहुत गंभीर है और चुनाव आयोग और मुख्यमंत्री जी से अपेक्षा करती है कि बच्चों के भ This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it. विष्य को ध्यान में रखते हुए नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव हेतु आचार संहिता अभी ना लगाते हुए गर्मी की छुट्टी में चुनाव करवाएँ।

  दुर्ग/शौर्यपथ /नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन भाजपा नेता डॉ. प्रतीक उमरे ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से दहेज निरोधक कानून में संशोधन का आग्रह किया है।डॉ. प्रतीक उमरे ने दहेज निरोधक कानून अर्थात धारा 498ए के बढ़ते दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाएं इसका ग़लत इस्तेमाल कर रही हैं।झूठे केस दर्ज हो रहे हैं।हिंसा के ठोस सुबूत के बिना इस धारा का बद-इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।महिलाओं की बढ़ा-चढ़ाकर कर पेश की गई शि‍कायतों में बेकसूर परिवारजनों को फंसा दिया जाता है।दहेज मामले में ससुराल के सारे लोगों को लपेटना प्रवृत्ति बन गई है।नतीजतन वे परेशान होते हैं और कई बार उनकी गिरफ़्तारी भी हो जाती है।ससुराल पक्ष के लोगों को फंसाने के लिए दहेज प्रताड़ना कानून का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है।सिर्फ आरोपों के आधार पर रिश्तेदारों के खिलाफ कार्रवाई करना इस कानून के साथ-साथ कानूनी प्रक्रिया का भी दुरुपयोग है।इसलिए इस 'दुरुपयोग' को रोकने केंद्र सरकार को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।दहेज प्रताड़ना का आरोप किसी पति और उसके रिश्तेदारों के लिए कभी न मिटने वाले बदनामी के दाग की तरह है।इस प्रवृत्ति का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए।लेकिन इसके समाधान के लिए कोई पहल आज तक नहीं किया गया।कई दहेज प्रताड़ना के झूठे मामलों में निर्दोष लोग व उनके परिवारजन आत्महत्या करने को मजबूर हो चुके हैं।आज यह सबसे बड़ी सामाजिक समस्या बन चुकी है।
*सुप्रीम कोर्ट ने भी माना, हो रहा है दुरुपयोग*
ऐसे ही आंकड़ों पर गौर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि शिकायतकर्ता कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं।कोर्ट ने इसमें पुलिस को आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी थी।सुप्रीम कोर्ट ने गाइड लाइन जारी की थी कि इन मामलों में जांच के बाद ही गिरफ्तारी की जाए।अगर पुलिस जांच में मामला झूठा पाया जाए तो पुलिस उसे रद्द भी कर सकती है।सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय पहले यह भी कहा था कि थोड़ा सा भी वैवाहिक अनबन होते ही विवाहिता एवं उसके परिजन पहले पुलिस थानों में दहेज प्रताड़ना की झूठी शिकायत दर्ज करवाते हैं और फिर समझौता के नाम पर मोटी वसूली की जाती है।
*झूठी शिकायत पर कड़ी सजा का हो प्रावधान*
अधिकांश मामलों में पुलिस को मालूम होता है कि मामला फर्जी है लेकिन दर्ज करना कानूनन उनकी मजबूरी होता है।इस तरह के मामलों में झूठी शिकायत दर्ज कराने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने व कड़ी सजा का भी प्रावधान करने की आवश्यकता है।नियम अनुसार उन पर एफआईआर होना चाहिए,ताकि झूठी शिकायतों की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सके।महिलाओं को तमाम तरह के अपराधों,शारीरिक मानसिक शोषण,प्रताड़ना और हिंसा से उन्हें बचाने के लिए कानूनी कवच दिए गए हैं,इससे उनकी स्थिति पहले से अधिक मजबूत हुई है।लेकिन ऐसी दास्तानों की कोई कमी नहीं कि इन कानूनों ने अनेक लोगों और परिवारों की जिंदगी तबाह करके रख दी है।अनेक परिवार तनाव भरी जिंदगी जी रहे हैं।

- कृषि के क्षेत्र में उपयोग किए जा रहे पानी का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना आवश्यक
- कलेक्टर ने कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं मत्स्यपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा की
राजनांदगांव /शौर्यपथ /कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं मत्स्यपालन विभाग की भौतिक, वित्तीय प्रगति एवं अन्य गतिविधियों की समीक्षा की। कलेक्टर अग्रवाल ने जिले में घटते हुए जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों को कम पानी उपयोग वाली अधिक लाभकारी फसलों की खेती के लिए किसानों को प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में उपयोग किए जा रहे पानी का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना आवश्यक है। जिले में मक्का, दलहन, तिलहन एवं सब्जी, फल जैसी फसलों की खेती का रकबा बढ़ाने कहा। जिससे किसानों को खेती-किसानी में अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रगतिशील किसान जो कम पानी उपयोग वाली फसलों के उत्पादन से अधिक आमदानी अर्जित कर रहें हैं उन्हें अन्य किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम एवं संगोष्ठियां आयोजित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बीज की उपलब्ध के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सही समय में पर्याप्त मात्रा में बीज उपलब्ध हो जाना चाहिए। किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। किसानों को सही समय पर पर्याप्त मात्रा में कम पानी उपयोग वाली बीज उपलब्ध होने से किसानों को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन कार्यक्रम प्रचलित फसलों की खेती तुलना में आर्थिक रूप से अधिक लाभकारी है। बीज उत्पादन के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाने के लिए धान के अलावा दलहन, तिलहन एवं अन्य फसलों की खेती का विस्तार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि वृक्षारोपण में वृहद स्तर पर नीम के पौधे रोपे जाएंगे। उन्होंने नीम के पौधे तैयार करने के लिए नर्सरी तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि एवं उद्यानिकी फसलों के उत्पादों में उपयोग किए जा रहे हानिकारक रासायनों के कारण स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ी है।
कलेक्टर अग्रवाल ने पधुधन विकास विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्य करें और लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैकयार्ड कुक्कुट ई-वितरण, बकरा वितरण, सांड वितरण, उन्नत मादा वत्स पालन, राज्य डेयरी उद्यमिता विकास के भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कृत्रिम गर्भाधान एवं टीकाकरण योजना में लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मत्स्य विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मत्स्य बीज उत्पादन, मत्स्योत्पादन, मत्स्य पालन प्रसार योजना, शिक्षण प्रशिक्षण योजना, मछुआ सहकारी समितियों को अनुदान, जलाशयों में मत्स्योद्योग विकास योजना एवं मछुआरों का दुर्घटना बीमा के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने मत्स्य बीज उत्पादन एवं मत्स्योत्पादन योजना में प्रगति लाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उप संचालक कृषि  नागेश्वर लाल पाण्डे, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. अनुप चटर्जी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी डॉ. गुंजन झा, सहायक संचालक उद्यान जीएस सोनकुसले, मत्स्य निरीक्षक मत्स्य पालन सुश्री वर्तिका ठाकुर, बीज प्रबंधक परमानंद वर्मा, सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी नीरज अंकुर टोप्पो सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

- वन चेतना केन्द्र में कटहल और जामून का किया पौधा रोपण
   राजनांदगांव /शौर्यपथ /वन एवं जलवायु, परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास, सहकारिता एवं संसदीय कार्य विभाग मंत्री श्री केदार कश्यप ने आज राजनांदगांव जिले के प्रवास के दौरान वन चेतना केन्द्र मनगट्टा का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत वन चेतना केन्द्र में कटहल और जामुन का पौधा रोपण किया। वन मंत्री श्री कश्यप ने वनचेतना केंद्र मनगट्टा पहुंचने के बाद ट्री हाउस, मड हाउस, निर्माणाधीन स्टोन हाउस का निरीक्षण करने के बाद जीप में बैठकर बफरजोन का दौरा किया। उन्होंने रास्ते भर रूक-रूककर वन्य जीवों के संबंध में अधिकारियों से पूछताछ करते हुए चीतलों के आहार व स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने वन चेतना केन्द्र के क्षेत्र, वन्यजीव और सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। वन मंत्री ने मनगट्टा वन चेतना केन्द्र को पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधायुक्त बनाने की दिशा में कार्य करने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छा वन चेतना केन्द्र है। इसे आकर्षक रूप से बनाने के लिए राज्य सरकार पूरा ध्यान दे रही है। वन चेतना केन्द्र में चीतल, पायथन जैसे जानवरों की मौजुदगी इसे विशेष बनाती है। यहां पर और कौन-कौन से वन्यजीव रख सकते हैं इसके लिए परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री वी श्रीनिवास राव, सीसीएफ वन्य प्राणी, सीएफ, डीएफओ श्री आयुष जैन, एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा सहित जनप्रतिनिधि एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कैबिनेट के सदस्यों के साथ सुनी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात'
'मन की बात ' सुनने वालों में नई ऊर्जा और उत्साह का  करती है संचार
'मन की बात' में छत्तीसगढ़ के गुरुघासीदास तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व की चर्चा भी
रायपुर /शौर्यपथ //मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की रेडियो वार्ता "मन की बात" सुनी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 'मन की बात' कार्यक्रम में हर बार कुछ न कुछ नया सीखने को मिलता है। यह कार्यक्रम वास्तव में देशवासियों की उपलब्धियों, मानवता की सेवा के कार्यों और नवाचार की जानकारियों का अनूठा संगम है, जहां प्रधानमंत्री जी की ज्ञान, विज्ञान की बातें, स्वस्फूर्त रूप से देशवासियों के देश के लिए समर्पित होकर किए जा रहे कार्यों और नई नई जानकारियां सुनने वालों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करती है।
'मन की बात' में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने छत्तीसगढ़ के गुरुघासीदास तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व की चर्चा करते हुए कहा कि ये हम सभी के लिए बहुत खुशी की बात है कि बीते दो महीनों में हमारे देश में दो नए टाइगर रिजर्व जुड़े हैं। इनमें से एक है छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास–तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व और दूसरा है –मध्यप्रदेश में रातापानी टाइगर रिजर्व।
प्रधानमंत्री ने मन की बात में अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की उपलब्धियों, युवाओं द्वारा शुरू किए गए स्टार्ट अप, महिला सशक्तिकरण के सफल प्रयासों का उल्लेख किया। देश की महान विभूतियों स्वामी विवेकानंद और नेताजी सुभाषचंद बोस से युवाओं को प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की बात कही। प्रधानमंत्री ने मन की बात में देशवासियों से कहा कि हम सभी अपने अपने काम से अपने देश को हर दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ बनाने का प्रयास करते रहें।
प्रधानमंत्री ने मन की बात में भारतीय गणतंत्र की 75वीं वर्षगाँठ पर संविधान सभा की सभी महान विभूतियों को नमन किया। उन्होंने मन की बात में बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के संविधान सभा में परस्पर सहयोग, डॉ० राजेंद्र प्रसाद जी के मानवीय मूल्यों के प्रति देश की प्रतिबद्धता और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के अवसर की समानता पर प्रेरणादायक संबोधन के अंश उनकी आवाज में सुनवाए।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज के महाकुंभ में युवाओं की भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि जब युवा-पीढ़ी अपनी सभ्यता से गर्व के साथ जुड़ती है, तो उसकी जड़ें और भी मजबूत होती है जिससे उसका स्वर्णिम भविष्य भी  सुनिश्चित हो जाता है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ समता और समरसता का संगम और विविधता में एकता का उत्सव है।
 प्रधानमंत्री ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा पर्व की 11 जनवरी को पहली वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दिन लाखों राम भक्तों ने अयोध्या में रामलला के साक्षात दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि हमें विकास के रास्ते पर चलते हुए, अपनी विरासत को भी सहेजना है और उनसे प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ना है।

    रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अमर शहीद गेंदसिंह के 20 जनवरी को शहादत दिवस पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आजादी के लिए बलिदान देने वाले अमर शहीद गेंदसिंह को याद करते हुए कहा कि सन् 1857 में हुए देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से काफी पहले ही गेंदसिंह जी ने अंग्रेजों की गुलामी और शोषण के विरूद्ध आवाज उठाई थी। बस्तर के आदिवासी भाई-बहनों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले नेतृत्वकर्ता शहीद गेंदसिंह  को 20 जनवरी 1825 को परलकोट के महल के सामने फांसी दी गई थी। अपने स्वाभिमान तथा मातृभूमि की रक्षा के लिए गेंदसिंह शहीद हो गए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि परलकोट के मुक्ति आंदोलन के नायक गेंदसिंह का मातृभूमि की मुक्ति के लिए दिया गया अविस्मरणीय बलिदान हम सभी को देशसेवा के लिये  अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की प्रेरणा देते रहेगा।

  नई दिल्ली / एजेंसी / आस्था के केंद्र महाकुम्भ में भीषण आग लगने की खबर सामने आ रही है . आग से उठे धुए के गुबार को काफी दूर से देखा जा सकता है . वही रह रह कर सिलेंडर फटने से आग पर काबू पाने में अग्नि शमन के जवानो को दिक्कतों का सामना करना पड़ा .
   महाकुंभ क्षेत्र में लगी यह भीषण आग इतनी है कि इसमें 20 से 25 टेंट जल गए हैं. यह आग अखाड़े से आगे वाली सड़क पर लोहे के ब्रिज के नीचे लग गई है. वहीं प्रशासन की तरफ से राहत बचाव को लेकर काम तेज किया जा रहा है और इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि कोई भी वहां फंसा न हो. वहीं महाकुंभ क्षेत्र में लगी आग के मामले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया. मुख्यमंत्री के निर्देश पर वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए.
  वहीं महाकुंभ में लगी आग पर काबू पा लिया गया है, इस आग से कई शिविर जलकर राख हो गए हैं. फायर ब्रिगेड की आधा दर्जन गाड़ियों ने आग पर काबू पाया है. सेक्टर 19 और सेक्टर 5 के बॉर्डर पर ओल्ड जीटी रोड क्रॉसिंग के पास यह भीषण आग लगी थी. सबसे पहले विवेकानंद शिविर में आग लगी थी, किसी चिंगारी या बिजली के शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है. आग लगने से यह शिविर पूरी तरह जलकर राख हो गया है.
  इसके साथ ही आसपास के दूसरे शिविरों को भी खाली कराया गया. आग ने कई दूसरे शिविरों को भी अपनी चपेट में लिया, हालांकि आग पर काबू पा लिया गया है. अभी तक किसी श्रद्धालु के नुकसान की कोई जानकारी सामने नहीं आई है. निर्मल आश्रम के स्वामी श्री गोपी हरि जी महाराज ने बताया कि महाकुंभ में लगी आग में 6 सिलिंडर फटे और बाकी सिलिंडर निकाले गए. लगभग 10000 SQ फीट एरिया में आग लगी थी, पूरे क्षेत्र का कपड़ा जल गया है सिर्फ बांस-बल्ली बचे हैं. इस आग को काबू पाने के लिए लगभग 20 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आई हैं.

   

 

रायपुर। शौर्यपथ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए .कैबिनेट की बैठक में किसानों के हित में आज एक बड़ा निर्णय लिया गया। इस निर्णय के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अनुरूप इस साल भी समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले राज्य के लगभग 27 लाख किसानों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोषित दर के अनुसार 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा। इस साल किसानों से केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य 2300 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की जा रही है, जिसका भुगतान किसानों को किया जा रहा है तथा प्रति क्विंटल अंतर की राशि 800 रूपए छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को आदान सहायता के रूप में एकमुश्त फरवरी 2025 में प्रदान करेगी। 

- कैबिनेट ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में उपार्जित धान में से अतिशेष धान की नीलामी को ऑनलाईन प्लेटफार्म के माध्यम से निराकरण करने का निर्णय लिया है। 

- छत्तीसगढ़ राज्य में एचव्ही-4 श्रेणी के विद्युत उपभोक्ता-मिनी स्टील प्लांट, स्टील उद्योग को जिनके कैप्टिव पावर प्लांट नहीं है या एक मेगा वॉट से कम है तथा उनका लोड 2.5 एमव्हीए से अधिक है को औद्योगिक एवं आर्थिक मंदी के कारण उन्हें प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने तथा राहत देने के उद्देश्य से कैबिनेट द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए विशेष राहत पैकेज अंतर्गत ऊर्जा प्रभार में 01 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक अधिकतम एक रुपया प्रति यूनिट छूट देने का निर्णय लिया गया।

-कैबिनेट ने विधानसभा सत्र में किए गए घोषणा के अनुपालन में राज्य के कलाकारों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। अर्थाभावग्रस्त लेखकों और कलाकारों एवं उनके आश्रितों को वित्तीय सहायता देने के लिए संस्कृति विभाग द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ कलाकार कोष नियम 1982 में संशोधन कर राज्य के कलाकारों को 25 हजार रुपये के स्थान पर अब अधिकतम 50 हजार रूपए की सहायता एवं मृत्यु होने पर 01 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान किए जाने का निर्णय लिया है। 

-छत्तीसगढ़ राज्य के युवाओं को वित्तीय बाजारों, निवेश के साधनों एवं वित्तीय नियोजन के क्षेत्र में उपयुक्त कौशल तथा आवश्यक ज्ञान उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छात्र स्किलिंग प्रोग्राम (एसएसपी) के तहत नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के साथ एमओयू करने का निर्णय लिया गया है। यह प्रशिक्षण हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल तथा कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए संचालित किया जाएगा। 

 

 

क्या भाजपा में भी चाटुकारों को मिलेगा टिकट कार्यकर्ताओं की होगी अनदेखी

    दुर्ग / शौर्यपथ / भारतीय जनता पार्टी ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में जीत का श्रेय संगठन के कार्यकर्ताओं को माना .संगठन के कार्यकर्ताओं ने निर्वृत्मान अध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा के अगुवाई में जो 5 साल मेहनत की उसका परिणाम रहा कि भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनी परंतु सरकार बनते ही अब भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ताओं की अपेक्षा के प्रारंभिक लक्षण नजर आने लगे हैं .
कुछ दिनों बाद प्रदेश में नगर निगम चुनाव होने वाले हैं वहीं दुर्ग नगर निगम के चुनाव की तैयारी भी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने शुरू कर दी है और दावेदारों की आवेदन फॉर्म की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है परंतु यह प्रक्रिया अब दिखावा मात्र ही प्रतीत हो रही है क्योंकि ऐसी जानकारी मिल रही है कि कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की उपेक्षा भारतीय जनता पार्टी में भी खुलेआम हो रही है ताजा मामले के अनुसार दुर्ग के वार्ड नंबर 38 जो कि पिछड़ा वर्ग घोषित हुआ है ऐसे में वार्ड में पिछड़ा वर्ग के भाजपा कार्यकर्ताओं ने आवेदन फार्म जमा किए हैं परंतु जिन्होंने विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के लिए मेहनत की और कार्य किया अब उनका नाम पैनल की सूची में भी नहीं है ऐसे व्यक्ति का नाम पैनल की सूची में है जो जैन परिवार के यहां निमंत्रण पत्र बांटने का कार्य करता है और इसी काबिलियत के आधार पर उसकी दावेदारी इतनी मजबूत हो गई की पैनल में प्रथम दावेदार में उनके नाम को अंकित किया गया है.
बता दे की खंडेलवाल कॉलोनी निवासी रामचंद सेन को लगभग वार्ड प्रत्याशी घोषित करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है कोर कमेटी की बैठकें दिखावा मात्र ही साबित हो रही हैं रामचंद सेन के आवेदन फार्म वायरल होने के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि जिस आवेदन फॉर्म में यह लिखा है की रामचंद द्वारा जैन परिवारों के घरों में निमंत्रण पत्र बांटने का कार्य किया जाता है जिसके कारण जैन परिवार का हर सदस्य उन्हें जानता है और यही काबिलियत के आधार पर उसे प्रत्याशी घोषित किया जाए इसके बाद इस पत्र के वायरल होने से वार्ड के वह निवासी जो पिछड़े वर्ग से आते हैं अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं सालों बाद वार्ड नंबर 38 को पिछड़े वर्ग आरक्षण का लाभ मिला है ऐसे में एक बार फिर उनके बीच का व्यक्ति को अगर मौका नहीं मिलता तो उनके साथ धोखे की बात होगी.
वार्ड नंबर 38 सदर मंडल वार्ड के अंतर्गत आता है इस मंडल के अध्यक्ष महेंद्र लोढ़ा जो जैन परिवार से आते है . वही एक दावेदार ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा है कि वह जब फॉर्म जमा करने गए थे तब विधायक के करीबी ने विधायक के सामने ही स्पष्ट कह दिया था कि वार्ड नंबर 38 से रामचंद सेन के लिए हम तैयारी कर रहे हैं और उसका टिकट लगभग फाइनल है अगर उनकी बात सच होती है तो फिर भारतीय जनता पार्टी जो संगठन को सर्वोपरि मानती है अगर व्यक्ति विशेष की बातों के आधार पर बिना संगठन के फैसले के प्रत्याशी को फाइनल करने की बात कर रही है ऐसे में संगठन के एवं समिति के सदस्यों का औचित्य दिखावा मात्र रह जाएगा और भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष एवं निर्वृत्मान जिला अध्यक्ष मात्र रबर स्टैंप के रूप में नजर आएंगे .अब देखना यह है कि क्या संगठन का फैसला पैनल से दिखावे मात्र प्रक्रिया के आधार पर होता है या फिर संगठन निचले स्तर पर इसकी जांच पड़ताल कर आगे की प्रक्रिया पूर्ण करेंगी और काबिल व्यक्ति को चुनावी मैदान में उतारेगी ना कि चाटुकारिता को आधार मानेगी ?

दुर्ग / शौर्यपथ / नगरी निकाय चुनाव का आगज हो चुका है राजनीतिक पार्टियों अपने दावेदारों के आवेदन लेने बैठक कर रही है एवं आगे की रणनीति बना रही है वहीं दुर्ग कांग्रेस में एक बार फिर सभापति कक्षा में उभरे कांग्रेस प्रत्याशी के विरुद्ध विरोधी नीतियों का नजारा हाल ही में राजीव भवन दुर्ग में पहुंचे प्रभारी विकास उपाध्याय के सामने नजर आया है .
मामला यह है कि आरक्षण के चलते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मदन जैन का वार्ड आरक्षण की चपेट में आ गया है जिसके कारण मदन जैन वार्ड नंबर 39 से चुनाव लड़ने के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर चुके हैं वहीं इस बार से लगातार तीन बार पार्षद रहे शकुंन ढीमर ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर चुकी है सभी को मालूम है कि मदन जैन कांग्रेस नेता के साथ-साथ एक बड़े व्यवसाय हैं पैसों की कोई कमी नहीं है और गए बगाहे चुनावी खर्च में दिए पैसों का जिक्र मदन जैन करते रहते हैं .कल ऐसे ही मामला देखने को मिला जिसमें मदन जैन की तैयारी के चलते शकुंन ढीमर ने अपने कड़े तेवर दिखा दिए तीन बार की पार्षद शकुंन ढीमर ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वार्ड नंबर 39 में वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगी .वार्ड में लगातार सक्रिय होने के कारण और कांग्रेसी कार्यकर्ता के रूप में वार्ड नंबर 39 से चुनाव लड़ने का हक उनका बनता है क्योंकि मदन जैन ने विधानसभा चुनाव में खुलकर कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा का विरोध किया था और अरुण वोरा को हराने में मदन जैन का भी बड़ा हाथ है ऐसे में अब कांग्रेस के लिए बड़ा सवाल यह है कि वार्ड नंबर 39 से ऐसे कार्यकर्ता को टिकट दे जो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का विरोध कर कांग्रेस को हराने में भूमिका निभाई हो या फिर ऐसे प्रत्याशी को टिकट दे जिन्होंने हार के बावजूद भी कांग्रेस का दामन थामा रखा .
वही एक बार फिर शकुंन ढीमर के बुलंद स्वर के कारण राजनीतिक हलको में फिर से निर्वृत्मान सभापति राजेश यादव के कक्ष में उठे विद्रोह की चर्चा होने लगी . बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी अरुण गोर के विरोध के स्वर और रणनीति बनाने में मदन जैन की प्रमुख भूमिका रही जो कि पूर्व सभापति के कक्ष में बैठे कांग्रेसी नेता कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा के विरोध के स्वर को हवा देते रहे वही इस हवा को विराम लगाने में निर्वृत्मान सभापति राजेश यादव कहीं से भी सफल होते नजर नहीं आए परिणाम यह रहा की दुर्ग कांग्रेस की आपसी गुटबाजी चरम सीमा पर पहुंची और कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा की 48000 से भी अधिक वोटो से हार हुई .
अब निगम चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस प्रत्याशी अरुण वोरा के विरोधी कांग्रेस से टिकट की मांग कर रहे हैं ऐसे में कांग्रेस संगठन के सामने बड़ा सवाल यह है कि जिन्होंने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध किया हो वह क्या अपने राजनीतिक पहुंच के चलते वार्ड पार्षद का टिकट ले आएंगे या फिर कांग्रेस संगठन ऐसे विरोधियों का साथ न देकर कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में उतार कर यह संदेश देगी की विरोधियों के लिए कांग्रेस में कोई जगह नहीं..

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