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रायपुर/ शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मंत्री बंगलों में मोटी रकम लेकर नियम विरुद्ध तहसीलदारों का ट्रांसफर किया गया है। विधानसभा चुनाव के 3 महीना पहले ही तहसीलदारों का ट्रांसफर किया गया था सरकार बनते ही 9 महीने में दो बार तहसीलदारों का ट्रांसफर कर दिया गया। ट्रांसपरेंट पोस्टिंग के नियम कायदे को ताक पर रखा गया है। लंबे अरसे से एक स्थान पर काम कर रहे तहसीलदारों को ट्रांसफर का लाभ नहीं दिया गया बल्कि लेनदेन करके ट्रांसफर की सूची बनाई गई। कई तहसीलदार ऐसे हैं, जिनका चार माह में चार-चार बार ट्रांसफर हुआ है। एक महिला तहसीलदार ने अपने पारिवारिक कारण से ट्रांसफर के लिए आवेदन किया था उससे ट्रांसफर के एवज में 15 लाख रु की मांग की गई पैसा नहीं देने के चलते उनका ट्रांसफर नहीं किया गया।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 15 साल के भाजपा सरकार के दौरान भी ट्रांसफर उद्योग चल रहे थे। 9 महीने की सरकार में बार-बार भाजपा के नेता और आरएसएस के आनुसांगिक संगठन अपने मन माफिक लोगों का ट्रांसफर करने के लिए लगातार पत्र लिख रहे हैं, सोशल मीडिया में कई पत्र सार्वजनिक हुए हैं। हर विभाग में भाजपा के दलाल सक्रिय हो गए हैं, काम करने वालों को प्रताड़ित किया जा रहा है, दुर्भावना पूर्वक उनका ट्रांसफर कर दिया आता है। भाजपा का मूल काम कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार करना है, अवैध और काली कमाई के लिए वह किस हद तक गिर सकते हैं यह तहसीलदार के ट्रांसफर लिस्ट से स्पष्ट हो गया है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि तहसीलदार के अनुचित ट्रांसफर करने में संलिप्त, लेनदेन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो, तहसीलदार के आरोपी की जांच हो, ट्रांसफर लिस्ट को निरस्त किया जाए और तय नियम के अनुसार पुनः ट्रांसफर की सूची जारी हो।
गोठानों में तालाबंदी, तैयार वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, गौमूत्र दवा और अन्य उत्पादों के विक्रय और भुगतान रोक दिए
रायपुर/ शौर्यपथ / विगत नौ महीनों से छत्तीसगढ़ में गोठानों की बदहाली, दुर्दशा और रोजगार के अवसर को बाधित करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार द्वारा दुर्भावना पूर्वक अचानक गोठान बंद कर दिया गया जिसके कारण छत्तीसगढ़ की 27 लाख लाख़ बहनें, जो महिला समूहों के माध्यम से गोठानों से संबद्ध होकर अपनी आजीविका कमा रही थी, उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। कई गोठानों में प्रॉसेस किया हुआ वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, गौमूत्र से निर्मित जैविक कीटनाशक दवाएं पैकिंग होकर रखे हुए हैं, उन पर अघोषित तौर पर प्रतिबंध लगा है, विक्रय पर रोक है। गौ-कास्ट, दिया, गमले, अगरबत्ती जैसे गोठानों में निर्मित अन्य उत्पादों को, जो गोठानों में काम करने वाली महिला समूह की बहनों ने बड़ी मेहनत से बनाया है, उसके विक्रय को भी भाजपा की सरकार बनने के बाद से बाधित करके रखा है, जिसके चलते छत्तीसगढ़ की लाखों महिलाओं के समक्ष जीवन यापन की समस्या उत्पन्न हो गई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार पर महिला विरोधी और रोजगार विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि 9 महीने की भाजपा सरकार के दौरान रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिए कोई काम नहीं हुए, उल्टे यह जन विरोधी सरकार रोजगार के अवसर कम करने और छीनने का काम कर रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में लगभग 10 हजार गोठान बनाए थे, जिसमें से 7 हजार गोठान स्वावलंबी हो चुके थे, गोठान समिति और महिला स्व-सहायता समूह की बहने मिलकर काम कर रहे थे, लेकिन वर्तमान भाजपा की सरकार ने बिना सोचे समझे, दुर्भावनापूर्वक उन गोठानों का संचालन बंद कर दिया, यही नहीं जो गोबर विक्रय किए थे, उनका भुगतान नहीं हुआ, वनांचल क्षेत्र में जो पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने 7 से बढ़कर 74 वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की थी, उसके प्रोसेसिंग का काम भी उस क्षेत्रों में संचालित गोठनों में कार्यरत महिला समूह की बहने करती थी, जिनके विक्रय के उपरांत लाभांश भी उन महिला समूहों को मिलता था, भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से वनांचल क्षेत्र के गोठानों में संचालित वनोपजों की प्रोसेसिंग भी अघोषित रूप से बंद कर दी गई है, जिससे लाखों महिलाओं के समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो गया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दुर्भावना के चलते गोठानों के लिए संरक्षित डेढ़ लाख एकड़ से अधिक जमीन पर सत्ता के सरंक्षण में भू माफियाओ के कब्जे हो रहे हैं, गोवंशी पशु सड़कों पर दुर्घटना के शिकार होने के लिए मजबूर है, छत्तीसगढ़ के किसान खुली चराई से परेशान हैं, खेती कर पाना मुश्किल हो रहा है, जैविक खेती को बढ़ावा देने का ढोंग करने वाले भाजपाई कमीशनखोरी में मस्त है। भाजपा की सरकार में छत्तीसगढ़ में नकली खाद, नकली दवा नकली बीज के रैकेट को संरक्षण मिल रहा है। जैविक खेती, वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट के लिए किस भटक रहे हैं और महिला समितियां के परिश्रम से निर्मित वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट गौमूत्र दवा और अन्य उत्पाद गोदामों में कैद हैं, अपने खून पसीने की कमाई का प्रतिफल पाने के लिए छत्तीसगढ़ की बहन बेटियां दर-दर भटकने के लिए मजबूर है।
रायपुर/ शौर्यपथ / बलौदाबाजार आगजनी एवं लचर व बदहाल कानून व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार पर ध्यानाकर्षण करने के लिये कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि सरकार की अकर्मण्यता के कारण प्रदेश की कानून व्यवस्था बदहाल हो चुकी है, वहीं अपनी नाकामी को छिपाने लगातार सरकार प्रशासन का दुरूपयोग कर विपक्षी पार्टी को निशाना बना रही है, तत्संबंध में निम्न बिंदुओं पर कार्यवाही हेतु आपका ध्यानाकार्षण करना चाहते हैं :-
1. बलौदाबाजार जिले में घटित पूज्य जैतखाम को काटे जाने मामले में सतनामी समाज को आज तक न्याय नहीं मिला है, जो कि अत्यंत गंभीर विषय है, साथ ही कलेक्टर परिसर में घटित आगजनी की भयावह घटना घोर प्रशासनिक चूक व सरकार के उदासीनता का नतीजा था। कांग्रेस के विधायक श्री देवेन्द्र यादव, युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष श्री शैलेन्द्र बंजारे, एनएसयूआई के विधानसभा अध्यक्ष श्री सूर्यकांत वर्मा एवं अन्य कांग्रेस से जुड़े कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिना किसी साक्ष्य विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज कर द्वेषपूर्वक जेल भेज दिया गया, जिसके बाद पुलिस द्वारा ना ही कार्यवाही आगे बढ़ाई गई, ना आज पर्यन्त कांग्रेसजनों एवं सतनामी समाज के निर्दोष गिरफ्तार किये गये लोगों का चालान पेश किया गया है।
जबकि सभा स्थल पर दोनों राजनैतिक दल सहित सतनामी समाज के नेता उपस्थित थे, लेकिन भाजपा समर्थित पीएचई ठेकेदार अजगल्ले एवं भाजपा के बलौदाबाजार जिला अध्यक्ष श्री सनम जांगड़े एवं अन्य भाजपा पदाधिकारी, नेताओं की भूमिका संदिग्ध रही है, पूज्य जैतखाम को काटे जाने को लेकर, सभा स्थल में भोजन व्यवस्था, टेंट व्यवस्था इनके द्वारा की गई, लेकिन पुलिस द्वारा अब तक इस दिशा को दबाए रखने का काम किया गया है।
2. वर्तमान में प्रदेश में महिलाओं से जुड़े अपराध, सामूहिक दुष्कर्म, अनाचार, स्कूली छात्राओं के साथ छेड़छाड़, नाबालिग बच्चियों का लैंगिक शोषण, जैसी घटनाए लगातार बढ़ रही है, जिससे प्रदेश की महिलाएं स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। वहीं ऐसे भी प्रकरण सामने आ रहे हैं, जहां पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय पुलिस मामले में लीपापोती करती है, बल्कि घटना को दबाए जाने दबाव बनाया जा रहा है। प्रदेश के सरकारी हॉस्टल, छात्रावास भी बच्चियों के लिए सुरक्षित नहीं है।
3. प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से लचर व बदहाल हो चुकी है, सरकार के संरक्षण में रेत माफिया, शराब कोचिया, प्रदेश भर में सक्रिय हैं, जिससे ग्रामीण व वनांचलों में भी दहशत का माहौल है, प्रदेश में चैन-स्नेचिंग, डकैती, चाकू-बाजी, गोलीबारी, हत्या, मारपीट की घटनाएं लगातार सामने आ रही है। प्रदेश में अंतरराज्यीय गिरोह अपना पैर पसार रहे हैं, जिसे रोकने के लिए सरकार पूरी तरह नाकाम है।
वहीं सरकार द्वारा हर मुद्दे को राजनीतिक रंग देने और अपनी नाकामी छुपाने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर द्वेषपूर्वक कार्यवाही करने हेतु फर्जी एफआईआर दर्ज किए जा रहे हैं। अतः उपरोक्त विषयों पर कांग्रेस पार्टी आपका ध्यानाकर्षित करते हुए निर्दोषजनों की निःशर्त रिहाई एवं प्रदेश के बदहाल कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने की मांग करते है। साथ ही, हम आपसे आग्रह करते हैं कि, बलौदाबाजार मामले की हाईकोर्ट जज की देखरेख में निष्पक्ष जांच करायी जाये अथवा सतनामी समाज के मंशानुरूप पूरे घटनाक्रम की सी.बी.आई. जांच कराये जाने की मांग करते हैं।
प्रतिनिधिमंडल में पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू, पूर्व कार्य. प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, पूर्व मंत्री अमितेष शुक्ल, विधायक लखेश्वर बघेल, प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, खादी ग्रामोद्योग के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश उपाध्यक्ष पी.आर. खुंटे, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमचंद जायसी, प्रदेश महामंत्री कन्हैया अग्रवाल, प्रदेश महामंत्री सकलेन कामदार, प्रदेश महामंत्री सुबोध हरितवाल, युवा कांग्रेस अध्यक्ष आकाश शर्मा, सेवादल अध्यक्ष अरुण ताम्रकार, रायपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष उधोराम वर्मा, रायपुर महापौर एजाज ढेबर, रायपुर सभापति प्रमोद दुबे उपस्थित थे।
बेटियां स्कूल और हॉस्टल की समस्याओं पर आवाज उठाती है तो उन्हें जेल भेजने की धमकी दी जाती है
रायपुर/ शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने तहसीलदार माया अंचल के द्वारा बेटियों को जेल भेजने की धमकी देने की कड़ी निंदा की उन्होंने सरकार से कड़ी कार्यवाही की मांग की उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बेटी पढ़ाओ नहीं बल्कि बेटियों को डराओ नीति पर काम कर रही।बेटियां पढ़ना चाहती है लेकिन स्कूल में शिक्षक नहीं है हॉस्टल में सुविधा नहीं है और जब बेटियां स्कूल के लिए शिक्षक और हॉस्टल के लिए सुविधाओं की मांग करती है तब भाजपा सरकार में उन बेटियों को वीडियो जारी करने की धमकी देकर डराया जाता है उन्हें जेल भेजने की धमकी दी जाती हैं। छात्रो के पक्ष में खड़े होने वाले कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के नेता, कार्यकर्ताओं के खिलाफ यह सरकार दुर्भावनापूर्वक एफआईआर करती है। राजनांदगांव के डीईओ ने शिक्षक की मांग करने पर बेटियों को जेल भेजने की धमकी दिया था। इस मामले में माननीय न्यायालय ने भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
बिलासपुर जिला के तहसीलदार माया अंचल ने पचमढ़ी हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्राओं को जेल भेजने की धमकी दी। राजधानी रायपुर के प्राथमिक शाला पंडरी में मासूम बच्चीयों के साथ यौन शोषण के मामले में प्रशासन लीपापोती करती रही, मामला दबाने का कुत्सित प्रयास किया गया, पीड़ित छात्राओं का विडियों वायरल होने पर विलंब से कार्यवाही हुई। भिलाई डीपीएस का मामला सर्वविदित है। गरियाबंद जिले के स्कूल में शिक्षक नहीं होने से छात्र एवं पालकों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था लचर हो गई है स्कूल में न शिक्षक है न हॉस्टल में सुविधा है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 9 महीने में ही भाजपा की सरकार अलोकप्रिय हो चुकी है। सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ उठ रहे आवाज को दबाने के लिए तानाशाही रवैया अपना रही है लोकतंत्र की हत्या कर रही है । सरकार में बैठे लोगों में आलोचना सुनने का साहस नहीं है। विपक्ष और पत्रकार जब सरकार के कुशासन के खिलाफ जनता की आवाज उठती है आम लोगो के लिए सुविधा और सुरक्षा की मांग करती है तब विपक्षी दल के नेताओ कार्यकर्ताओं एवं पत्रकारों के खिलाफ षड्यंत्र रचकर फर्जी एफआईआर दर्ज की जाती है। पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रखकर उन्हे फंसाया जाता है। पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। 9 महीने में प्रशासनिक आतंक दिखने लग गया है।
9 माह के भाजपा राज में महिलायें असुरक्षित
पूरे प्रदेश में हर दिन कहीं न कहीं गैंगरेप की घटना हो रही है
रायपुर/ शौर्यपथ / राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 9 माह के भाजपा सरकार के राज में छत्तीसगढ़ में महिलायें असुरक्षित हो गयी है। इससे बड़ा दुर्भाग्यजनक क्या हो सकता है राजधानी में महिलायें सुरक्षित नहीं है। रायपुर नया बस स्टैण्ड में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म होता है। दूसरे दिन रिपोर्ट लिखा गया उसमें भी सामूहिक दुष्कर्म को नकार दिया गया। बलात्कार का रिपोर्ट लिखा गया, यहां भी पुलिस अपराधियों को सजा देने के बजाय उन्हें बचाने में लगी है। रोज-रोज प्रदेश में कहीं न कहीं सामूहिक बलात्कार की घटना हो रही है। महिलायें खुले में बाहर निकलने में भयभीत हो रही है। बस्तर, जशपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर से लेकर राजधानी रायपुर में भी महिलायें खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। बेहद दुर्भाग्यजनक है कि सरकार जिसे इन मामलों को गंभीरता से लेकर कार्यवाही करवाना चाहिये, वह बलात्कार जैसी घटनाओं को भी छुपाने और अपराधियों को बचाने का काम कर रही है। अभी तक 8 माह में प्रदेश में महिलाओं के प्रति 3094 अपराध हुये है तथा 600 से अधिक बलात्कार की घटना हुई है।
भिलाई के डीपीएस स्कूल में 4 साल की मासूम बच्ची के साथ दुराचार की घटना हो गयी। बिना एफआईआर के एसपी ने घटना को नकार दिया, जबकि पास्को एक्ट में प्रावधान है कि ऐसी कोई घटना होने पर पहले एफआईआर होना चाहिये उसके बाद जांच होनी चाहिये। भिलाई के बच्ची के साथ दुराचार के मामले में दो-दो डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बच्ची के निजी अंगों में चोट है कुछ गलत हुआ है। उसके बाद एसपी मामले को नकारते है। हम पूछना चाहते है पुलिस ने एफआईआर कब किया? मेडिकल बोर्ड का गठन कब हुआ? बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण कब कराया गया? घटना सरकार के संज्ञान में था। सरकार ने क्या कार्यवाही किया? पास्को एक्ट में एफआईआर बिना किये क्लीनचीट दिये जाने के कारण एसपी पर कार्यवाही क्यों नहीं किया गया?
रायगढ़ के पुसौर में एक आदिवासी महिला के साथ 14 लोगों ने दुराचार किया, पुलिस रिपोर्ट लिखने में बहानेबाजी कर रही थी, मीडिया में दबाव के बाद रिपोर्ट लिखा गया। जशपुर के एक नाबालिक बच्ची के साथ सामूहिक दुराचार हो गया। कोण्डागांव में एक महिला के साथ सामूहिक दुराचार हो गया, 20 दिन तक रिपोर्ट नहीं लिखी गयी। बेहद दुर्भाग्यजनक है कि बंगाल की घटना पर प्रतिक्रिया देने वाले भाजपाई छत्तीसगढ़ में 4 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी पर मौन है। हमने इस संबंध में ज्ञापन सौपने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से भी समय मांगा है।
इस मामले में कांग्रेस ने निर्णय लिया है कि हम अपनी बहन, बेटियों की रक्षा की लड़ाई लड़ेंगे, आंदोलन करेंगे। सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के लिये मजबूर करेंगे। 2 सितंबर को इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश में प्रेस कांफ्रेंस होगी तथा 3 सितंबर को प्रदेश के सभी जिलों में प्रदर्शन किया जायेगा।
तीन साल पहले खुद माने थे भूपेश सरकार के समय नक्सलवाद में कमी आई
बस्तर में हो रहे फर्जी एनकाउंटर पर शाह क्यों मौन रहे?
रायपुर/ शौर्यपथ / गृहमंत्री में साहस हो तो बतायें नक्सलवाद के मामले में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने अपने प्रेस कांन्फ्रेस में तथ्यों को गलत ढंग से प्रस्तुत किया। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आंकड़े बताते है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के दौरान नक्सली घटनाओं में कमी आई थी। स्वंय अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में आकर 5 अप्रैल 2021 को मीडिया में बयान दिया था कि राज्य की भूपेश सरकार और केन्द्र सरकार ने मिलकर नक्सलवाद को पीछे खदेड़ दिया है। राज्य में नक्सली घटनाओं में 80 प्रतिशत तक की कमी आई है। अमित शाह के सामने आरपीएफ के डीजीपी ने कहा था छत्तीसगढ़ में नक्सलवादी पैकअप की ओर है। आज गृह मंत्री की कांग्रेस सरकार के प्रयासों पर ऊँगली उठा रहे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कांग्रेस की सरकार बनने के बाद विश्वास विकास सुरक्षा के मूल मंत्र से नक्सलवादी घटनाओं और नक्सलवाद पर कमी आई थी। कांग्रेस की सरकार के समय दूरस्थ क्षेत्रों में कैंप बनाये गये पहुंच मार्ग बनाये गये। अबूझमाड़ में दो पुल बनाया गया। 300 से अधिक स्कूलों को खोला गया, राशन दुकान, अस्पताल खोला गया, 67 से अधिक वनोपजों की खरीदी की गयी। लोगो का भरोसा सरकार और सुरक्षा बलो के प्रति बढ़ा था। नक्सलवाद पर प्रभावी नियंत्रण हुआ था।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बस्तर में हो रहे फर्जी एन्काउंटर पर अमित शाह क्यों मौन रहे। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से एक बार फिर आदिवासियों पर अत्याचार का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश में नक्सली बताकर स्थानीय आदिवासीयों के फर्जी एनकाउंटर की घटनाएं बढ़ गई है, बस्तर में विगत 8 महीने के भाजपा सरकार के दौरान 30 से अधिक स्थानीय आदिवासियों को फर्जी एनकाउंटर में मारा गया। बीजापुर के पीडिया में 10 मई को हुई कथित मुड़भेड़ में मारे गए 12 लोगों में से 10 स्थानीय निर्दोष ग्रामीण थे। जान बचाने पेड़ पर चढ़े आदिवासियों को भी घेर कर गोली मारी गई। मृतकों के परिजनों ने मनरेगा जॉब कार्ड आधार कार्ड और राशन कार्ड भी प्रस्तुत किये। न्यायिक जांच की मांग की गई लेकिन सरकार तैयार नहीं हुई।
एक आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाकर आदिवासियों की भावना से खेल रही भाजपा
भाजपा के लिए आदिवासी सिर्फ़ वोट बैंक, वह उनकी संस्कृति को बर्दाश्त नहीं करती
आदिवासी भाजपा को इसके लिए कभी माफ़ नहीं करेंगे
रायपुर/ शौर्यपथ / पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि आरएसएस के दबाव में छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस का बहिष्कार कर दिया और इस तरह से भाजपा ने प्रदेश के लाखों आदिवासियों व उनकी संस्कृति का अपमान किया है. उन्होंने कहा है कि इसके लिए प्रदेश के आदिवासी भाजपा को कभी माफ़ नहीं करेंगे.
श्री बघेल ने अपने बयान में कहा है कि आरएसएस ने आखिर अपना असली रंग दिखा दिया है और भाजपा सरकार पर दबाव बनाकर विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम रद्द करवा दिए. श्री बघेल ने कहा है कि रायपुर में विश्व आदिवासी दिवस पर दो कार्यक्रम आयोजित थे. एक रायपुर के इंडोर स्टेडियम में था जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को शामिल होना था और दूसरा कार्यक्रम महंत घासीदास संग्रहालय की कला वीथिका में आदिवासियों पर आयोजित एक प्रदर्शनी थी, जिसका उद्घाटन भाजपा सरकार के वरिष्ठ आदिवासी मंत्री रामविचार नेताम को करना था. एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गए नहीं और दूसरा कथित ‘अपरिहार्य कारणों से’ स्थगित कर दिया गया.
उन्होंने कहा है कि आरएसएस के अनुषांगिक संगठन वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से एक सार्वजनिक बयान दिया गया है जिसमें कहा गया है कि भारत के आदिवासियों के लिए विश्व आदिवासी दिवस की कोई प्रासंगिकता नहीं है. अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह के बयान से स्पष्ट है कि आदिवासियों के इस दिवस को संघ एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के रूप में देखता है. श्री बघेल ने कहा है कि आदिवासियों की अलग सांस्कृतिक पहचान आरएसएस को हमेशा से खटकती रही है और इसीलिए वे इसका विरोध करते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि भाजपा ने आदिवासियों व उनकी संस्कृति का जो खुला विरोध किया है उसे छत्तीसगढ़ के आदिवासी नहीं भूलेंगे और भाजपा को कभी माफ़ नहीं करेंगे. उन्होंने कहा है कि भाजपा आदिवासियों को सिर्फ़ वोट बैंक की तरह देखती है और इसीलिए उसने कहने को तो एक आदिवासी को मुख्यमंत्री बना दिया है पर उन्हें अपने आदिवासी भाई बहनों के साथ उत्सव मनाने से भी रोक रही है.
उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ की एक तिहाई से अधिक आबादी आदिवासियों की है और उनकी विशिष्ट संस्कृति छत्तीसगढ़ को अलग पहचान देती है. इसी पहचान के चलते विश्व आदिवासी दिवस को कांग्रेस की सरकार ने अवकाश घोषित किया था और आदिवासी नृत्य महोत्सव मनाना शुरु किया था जिसमें न केवल देश भर के बल्कि विदेश के आदिवासी समूह भी शामिल होते थे. श्री बघेल ने कहा है कि प्रदेश भर के आदिवासी अलग अलग जगह एकत्रित होकर जब विश्व आदिवासी दिवस मना रहे थे तो आरएसएस का एक संगठन इसका खुला विरोध कर रहा था.
मोदी सरकार ने 18 लाख आवास में एक भी आवास स्वीकृत नहीं किया
कांग्रेस सरकार में 1176142 आवास स्वीकृत 1088492 पूर्ण 87650 प्रगति पर
रायपुर/ शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार बताएं नये 18 लाख आवास बनाने हितग्राहियों को पैसा कब मिलेगा ? केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2024 से अब तक एक भी मकान स्वीकृत नहीं किए हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान 1176142 ग्रामीण पीएम आवास स्वीकृत किया गया था जिसमें से 10 लाख 88492 आवास पूर्ण हो चुके हैं और 87650 आवास का निर्माण कार्य चल रहे हैं। 309000 शहरी आवास स्वीकृत किए थे जिसमें से 279000 से अधिक आवास पूर्ण हो गए हैं शेष आवास का निर्माण चल रहा है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान जो 18 लाख आवास देने का वादा किया था बीते 8 महीने में एक भी हितग्राहियों को आवास बनाने राशि जारी नहीं किया गया है। ना ही केंद्र सरकार से स्वीकृति मिली है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 18 लाख आवाज देने का वादा किया था और आज सरकार बनने के बाद उन गरीबों को आवास देने से बीजेपी पीछे हट रही है। प्रदेश के आवासहीन भाजपा के वादा खिलाफी के शिकार हो गए हैं। भाजपा ने प्रदेश के गरीबों को झूठा वादा किया था मोदी की गारंटी आवासहीनों के लिए चुनावी जुमला साबित हुआ है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार पर प्रधानमंत्री आवास नहीं बनाने का झूठा आरोप लगाया था। आज आंकड़े बता रहे हैं कि 5 साल में कांग्रेस की सरकार ने सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री आवास का निर्माण किया है इस मामले में गुजरात भी पीछे हैं। भाजपा सरकार को 18 लाख आवास के हितग्राहियों को तत्काल मकान बनाने पैसा देना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेश के पांच संभाग के सभी जिला में तेजी से प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण किया गया था रायपुर संभाग जिला रायपुर स्वीकृत 29480 निर्माणाधीन 994, बलौदाबाजार स्वीकृत 45373 निर्माणाधीन 2889 धमतरी स्वीकृत 40388 निर्माणाधीन 1180 गरियाबंद स्वीकृत 45902 निर्माणाधीन 3835, महासमुंद स्वीकृत 73266 निर्माणाधीन 3830 सरगुजा संभाग जिला बलरामपुर स्वीकृत 44188 निर्माणाधीन 2038, जशपुर स्वीकृत 61784 निर्माणाधीन 3852, कोरिया स्वीकृत 13416 निर्माणाधीन 2271, मनेन्द्रगढ़ स्वीकृत 23172 निर्माणाधीन 4476, सूरजपुर स्वीकृत 37568 निर्माणाधीन 2653, सरगुजा स्वीकृत 65904 निर्माणाधीन 5195, बस्तर संभाग जिला बस्तर स्वीकृत 23063 निर्माणाधीन 2226, बीजापुर स्वीकृत 4449 निर्माणाधीन 810, नारायणपुर स्वीकृत 3829 निर्माणाधीन 1381, सुकमा स्वीकृत 10118 निर्माणाधीन 871, दंतेवाड़ा स्वीकृत 11179 निर्माणाधीन 2004, कोंडागांव स्वीकृत 15994 निर्माणाधीन 4581, कांकेर स्वीकृत 29207 निर्माणाधीन 5027, बिलासपुर संभाग जिला बिलासपुर स्वीकृत 59123 निर्माणाधीन 4824, गौरेला स्वीकृत 27608 निर्माणाधीन 2597, जांजगीर-चांपा स्वीकृत 45436 निर्माणाधीन 2872, कोरबा स्वीकृत 64837 निर्माणाधीन 5106, मुंगेली स्वीकृत 49225 निर्माणाधीन 2286, रायगढ़ स्वीकृत 57793 निर्माणाधीन 2706, सक्ती स्वीकृत 46585 निर्माणाधीन 3015, सारंगढ़ स्वीकृत 47796 निर्माणाधीन 3020, दुर्ग संभाग जिला बालोद स्वीकृत 32394 निर्माणाधीन 2085, बेमेतरा स्वीकृत 32724 निर्माणाधीन 1999, दुर्ग स्वीकृत 23700 निर्माणाधीन 1289, कबीरधाम स्वीकृत 48657 निर्माणाधीन 2883, खैरागढ़ स्वीकृत 19052 निर्माणाधीन 953, मोहला स्वीकृत 15490 निर्माणाधीन 1399, राजनांदगांव स्वीकृत 27442 निर्माणाधीन 503 है जो केंद्र के स्वीकृत 1176142 ग्रामीण आवास है।
कोरोना काल में 2 लाख छत्तीसगढ़ियो की रोजी-रोटी बचाने भूपेश सरकार ने उद्योगों के बिजली में छूट दिया
साय सरकार के आर्थिक कुपबंधन से बिजली के दाम बढ़े- कांग्रेस
रायपुर/ शौर्यपथ/ स्टील उद्योगों को बिजली बिल में राहत को घोटाला बताना भाजपा सरकार की घटिया मानसिकता है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बिजली बिल के दाम बढ़ाकर साय सरकार ने आम उपभोक्ता सहित उद्योगों और किसानों की कमर तोड़ने में लगी है। ऊपर से पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा दी गयी रियायतों को घोटाला बताकर अपनी नाकामियों पर से पर्दा डालने का प्रयास है। कोरोना काल में जब उद्योग, व्यापार बंदी के कागार पर खड़े थे तब कांग्रेस की भूपेश सरकार इन उद्योगों में काम करने वाले 2 लाख से अधिक छत्तीसगढ़िया मजदूरों की रोजी-रोटी बचाने के लिये उद्योगों को बिजली बिल में रियायत दिया ताकि उद्योग बंद न हो और मजदूरों को उनका रोजगार मिलता रहे। सरकार के द्वारा दिये गये विभिन्न रियायतों को फायदा यह हुआ कि जब देश में कोरोना काल में उत्पादन घट गया, आर्थिक मंदी आ गयी छत्तीसगढ़ इस आर्थिक मंदी से अछूता रहा।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार तो आम उपभोक्ताओं को मिल रहे 400 यूनिट तक के बिजली बिल के छूट को भी समाप्त करने का षड़यंत्र रच रही है। किसी दिन सरकार के तरफ से छूट आ जायेगा कि 45 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को 4000 करोड़ से अधिक का छूट देकर पूर्ववर्ती सरकार ने घोटाला कर दिया। अतः बिजली के दामों में छूट को समाप्त किया जाता है। अपनी नाकामी तथा आर्थिक कुप्रबंधन को पूर्ववर्ती सरकार पर डालना भाजपा सरकार की फितरत बन गयी है। सरकार का वित्तीय प्रबंधन फेल हो चुका है। 7 माह में 28000 करोड़ रू. साय सरकार ने कर्जा ले लिया है। सारी जनहित की योजनाओं को बंद कर दिया। अब उपभोक्ताओं को मिलने वाली रियायत को घोटाला बताकर अपनी सरकार के द्वारा बिजली के दाम बढ़ाने के निर्णय को सही ठहराने की साजिश की जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में मांग से अधिक मेगावाट बिजली का उत्पादन करने की क्षमता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार आने के बाद से विद्युत का उत्पादन और आपूर्ती दुर्भावना पूर्वक बाधित किया जा रहा है। सर्वे के आधार पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने हर साल लगभग साढ़े 7 प्रतिशत की दर से बिजली के डिमांड बढ़ने का अनुमान लगाते हुए कोरबा पश्चिम में 1320 मेगावाट संयंत्र की स्थापन के लिए आधारशिला रखी थी जिसे भाजपा की सरकार आने के बाद से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। 2003 से 2018 तक भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार हर साल बिजली की दरों में वृद्धि की एवं 15 वर्षो में लगभग 300 प्रतिशत अर्थात् बिजली की दर में तीन गुना वृद्धि की गयी थी, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल को विभाजित कर पांच कंपनी बनाकर उसका आर्थिक बोझ जनता के ऊपर डाला था, अब वही दौर फिर से शुरु हो गया है। छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पिछली सरकार के घाटों को पाटते हुये बिजली बिल हॉफ योजना के अंतर्गत 45 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 4000 करोड़ रू. सब्सिडी देकर बिजली के मामले में बहुत बड़ी राहत दी है। वहीं किसानों को 5 एचपी निःशुल्क बिजली, बीपीएल के उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुफ्त बिजली, अस्पतालों, उद्योगों को सस्ती दर पर बिजली देकर राहत पहुंचाई है। भाजपा की सरकार आने के बाद बिजली कटौती शुरू हो गई और बिल दुगुना आने लगे।