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दुर्ग । शौर्यपथ । दुर्ग नगर निगम चुनाव में इस बार कांग्रेस और भाजपा के बीच में रोचक मुकाबला होने की संभावना को लगातार बल मिल रहा है एक तरफ भारतीय जनता पार्टी इस तरह मैदान में उतरी थी मानो एक तरफ जीत होगी परंतु लगातार भाजपा में विरोध के स्वर और परिस्थितियों प्रतिकूल नजर आ रही है कारण चाहे तकनीकी हो या फिर कोई साजिश परंतु वार्ड नंबर 13 से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मैदान से बाहर हो गए और इस वार्ड से एक बार फिर कांग्रेस की जीत लगभग सुनिश्चित हो गई.
बता दें कि कभी सरोज पांडे के कट्टर समर्थक रहे अजीत वेद पिछले कुछ दिनों से स्थानीय विधायक के समर्थन के रूप में प्रसिद्ध हो गए थे परंतु नगर निगम चुनाव में उनका आधार स्तंभ कहा जाने वाला वार्ड नंबर 12 से उन्हें टिकट नहीं मिला और संगठन की तरफ से उन्हें वार्ड नंबर 13 से टिकट दिया गया.
वहीं ऐसी क्या बात हुई की अजीत वेद ने वार्ड नंबर 12 एवं वार्ड नंबर 13 से नामांकन दाखिल कर दिया परंतु तय शुदा रणनीति के तहत भारतीय जनता पार्टी के द्वारा अधिकृत प्रत्याशी के रूप में वार्ड नंबर 13 से उन्हें B फॉर्म मिला परंतु नामांकन के बाद होने वाले स्कूटनी में अजीत वैद 12 नंबर वार्ड से अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान उतरेंगे और वार्ड नंबर 13 से अपना नाम हटा लिए या तकनीकी रूप से हट गया यह एक अलग चर्चा का विषय है परंतु स्थिति यह है कि वार्ड नंबर 13 से वर्तमान समय में अब भारतीय जनता पार्टी का कोई भी पार्षद चुनावी मैदान में नहीं है वहीं कांग्रेस के दिग्गज पार्षदों में पहचान बनाने वाले संजय कोहले अब वार्ड नंबर 13 से कांग्रेस के प्रत्याशी है एवं मुकाबले में कोई ऐसा प्रत्याशी नहीं जो उन्हें हरा सके.
इस प्रकार एक वार्ड पूरा का पूरा अब कांग्रेस खेमे में चला गया जिसके कारण भाजपा की मेयर प्रत्याशी अलका वाघमारे के भी वोट में गिरावट आने की उम्मीद है अजीत वेद के वार्ड नंबर 12 से निर्दलीय लड़ने के कारण उनका वोट बैंक भी अब कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है.
इस तरह अजीत वेद के निर्दलीय चुनाव लड़ने से भारतीय जनता पार्टी को दो वार्ड में सीधे-सीधे नुकसान की संभावनाएं प्रबल हो गई और भारतीय जनता पार्टी की मेयर प्रत्याशी अलका वाघमारे इन दो वार्डो में अंतिम सूची जारी होने के पहले ही पिछड़ गई इस तरह कांग्रेस के लिए एक अच्छी शुरुआत का आगाज हो गया।
दुर्ग। शौर्यपथ। राजनीति में पाल-पाल स्थितियां बदलती रहती है कब किसका पलड़ा भारी हो और कब कौन कमजोर हो यह कहना सुनिश्चित नहीं होता वर्तमान हालात में वार्ड नंबर 37 का आकलन अगर किया जाए तो शिवनायक क्षेत्र की जनता की पहली पसंद के रूप में उभर कर सामने आ रहे हैं .28 जनवरी को नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है नाम आपसी की तारीख 31 जनवरी है 11 फरवरी को मतदान होना है ऐसे में पार्षद प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए मंत्र 11 दिन का समय शेष बचेगा इन 11 दिनों में प्रत्याशियों को अपने वार्ड की जनता के सामने जाकर अपनी उपलब्धियां एवं विकास के कार्यों का उल्लेख करना होगा वही प्रतिद्वंदी प्रत्याशी के वादों पर भी सवालिया निशान खड़े करने होंगे लोकप्रियता और वार्ड वासियों से जुड़ाव पार्षद चुनाव में एक हम हिस्सा होता है ऐसे में अगर नगर पालिका निगम दुर्ग के वार्ड नंबर 37 की बात करें तो वार्ड नंबर 37 में पूर्व पार्षद श्रद्धा सोनी कांग्रेस के तरफ से चुनावी मैदान में है और भारतीय जनता पार्टी की तरफ से शिवनायक चुनावी मैदान में उतारकर श्रद्धा सोनी को कड़ा मुकाबला दे रहे हैं शिवनायक जिस तरह से चुनाव प्रचार कर रहे हैं और समर्थकों का उन्हें भरपूर साथ मिलना है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है जा सकता है कि वार्ड के वीडियो के अनुसार शिवनायक को अगर भारतीय जनता पार्टी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं भी करती तो भी शिव नायक को वार्ड वासी निर्दलीय चुनावी मैदान में उतार कर जीत दिलाते ऐसे में जब विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी का साथ और मजबूत एवं योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के मामले में आगे रहने वाले संगठन का साथ शिवनायक को मिल रहा है तो यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले 11 फरवरी को शिव नायक अपने वार्ड से जीत का खाता खोलकर भारतीय जनता पार्टी की झोली में समर्पित कर देंगे वार्ड में शिव नायक युवा वर्ग की पहली पसंद है वही 5 साल पहले शिवनायक वार्ड पार्षद थे और उनका कार्यकाल वार्ड में बेहतरीन रहा किंतु आरक्षण के चलते पिछले चुनाव में शिव नायक चुनावी मैदान से हट गए थे और वार्ड नंबर 37 में कांग्रेस का कब्जा हो गया था किंतु एक बार फिर जब देश और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन चुकी है ऐसे में अब आम जनता और युवा वर्ग का झुकाव भाजपा की तरफ ज्यादा जाता हुआ नजर आ रहा है ऐसे में वार्ड नंबर 37 से शिवनायक जीत के प्रबल दावेदार के रूप में सामने नजर आ रहे हैं आखिरी फैसला 15 फरवरी को सभी के सामने आ जाएगा की जनता किसके तरफ जाती है।
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग शहर में नगर निगम चुनाव की सक्रियता आरंभ हो गई है आज नामांकन का आखिरी दिन है इस बार कांग्रेस से प्रेमलता पोषण साहू प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन जमा करेंगे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी प्रदेश सरकार के कार्यों और उपलब्धियां के सहारे चुनावी मैदान में उतरेंगे वहीं कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी यह है कि पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल जो पूरे शहर के विकास की बात कर रहे थे आज किसी भी वार्ड से चुनावी मैदान में नहीं उतरे हैं . सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व महापौर वार्ड नंबर 45 से टिकट चाहते थे परंतु उन्हें टिकट नहीं मिली वार्ड नंबर 45 से राजेश शर्मा के चुनावी मैदान में उतरने की चर्चा हुई थी परंतु अंतिम समय में युवा कांग्रेस अध्यक्ष आयुष शर्मा हेलीकॉप्टर प्रत्याशी के रूप में वार्ड नंबर 45 से चुनावी मैदान में उतर गए ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि शहरी सरकार में उपलब्धियां कम घोटाले ज्यादा हुए वहीं पूर्व विधायक अरुण वोरा और धीरज बाक़लीवाल के बीच राजनीतिक खाई इतनी गहरी हो गई है कि उनके टिकट काटने में पूर्व विधायक का बड़ा हाथ माना जा रहा है वर्तमान समय में दुर्ग कांग्रेस में आपसी मन मुटाव का आलम यह है कि अब नेता सार्वजनिक स्थानों के अलावा आपस में एक दूसरे के सामने भी जाना पसंद नहीं कर रहे हैं ऐसे में वर्तमान प्रत्याशी प्रेमलता साहू के लिए काफी विकट स्थिति उत्पन्न हो गई अगर वह पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल के साथ में जाते हैं तो वोरा नाराज हो जायेंगे.
वही शहर में अव्यवस्था का कई मामला सामने है जिसका जवाब देना वर्तमान प्रत्याशी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है ऐसे में प्रत्याशी प्रेमलता साहू को चुनाव जीतने के लिए भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी का आरोप झेल रहे नेताओं से दूरी बनाकर जीत के लिए प्रयास करना होगा।
दुर्ग। शौर्यपथ। प्रदेश में हुए 2023 के विधानसभा चुनाव में दुर्ग विधानसभा क्षेत्र से दुर्ग की जनता ने और कई कांग्रेसियों ने विधायक अरुण वोरा को सिरे से नकार दिया एवं भाजपा के प्रत्याशी के रूप में नए चेहरे गजेंद्र यादव के पक्ष में खुलकर मतदान किया. पिछले कई सालों से दुर्ग कांग्रेस का संगठन निष्क्रिय रहा कुछ नेताओं की मनमानी के चलते संगठन के सक्रिय कार्यकर्ता निष्क्रिय होते गए और उनका मनोबल लगातार टूटता रहा. विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद भी वर्तमान में हो रहे नगरी निकाय चुनाव में एक बार फिर पूर्व विधायक के द्वारा इसी पक्षपात का नजारा देखने को नजर आ रहा है ऐसे कई वार्ड है जहां से कांग्रेस प्रत्याशी जीत का सेहरा बांध सकते थे उन वार्डों में भी मनमानी की कैंची अपना काम कर रही है वार्ड 42 से कांग्रेस को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रकाश गीते का इस बार पत्ता काट दिया गया और शिवाकांत तिवारी को चुनाव मैदान में उतार अपनी जीती हुई सीट गवाने की कगार पर खड़ा कर दिया गया.
वहीं अपने खुद के किए हुए वादे से मुकरने का आरोप राजेश शर्मा को एल्डरमैन बनाकर पूर्व विधायक ने किया उन्हें एक बार फिर से वार्ड नंबर 45 से टिकट देकर पूर्व विधायक ने यह साबित कर दिया कि उनके लिए कांग्रेस से बड़ा संबंध है कांग्रेस दूसरे नंबर पर आता है. जबकि युवा चेहरे और कम उम्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले पूर्व महापौर शंकर लाल ताम्रकार के पोते एवं सालों से सक्रिय राजनीति करने वाले सौरभ ताम्रकार को मौका ना देकर कांग्रेस ने यह सीट भी हेलीकाप्टर प्रत्याशी उतार कर गवाने की कगार पर खड़ी कर दी है.
वही पिछले बार हुए राजनीतिक समझौते की बात की पूरी जानकारी होने के बावजूद भी वार्ड नंबर 6 से मनीष यादव का पत्ता साफ हो गया और एक बार फिर निष्क्रिय पार्षद की छवि के रूप में वार्ड में चर्चित राजेश यादव को प्रत्याशी घोषित किया गया. वहीं वार्ड नंबर 38 से मनोज सिन्हा को प्रत्याशी घोषित कर यह वार्ड भी भाजपा के खाते में सजाकर देने का कार्य आने वाले समय में कांग्रेस को सिर्फ नुकसान पहुंचाएगा। लगातार कई आरोप वार्ड नंबर 8 के पार्षद अब्दुल गनी पर लगाते आ रहे हैं जो सच भी साबित हो रहे हैं पहले फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे पार्षद बनना फिर बिजली के खंबे की हेरा फेरी के वीडियो प्रमाण होने के बावजूद भी इस बार से अब्दुल गनी को टिकट देना कांग्रेस का आत्मघाती कदम साबित हो सकता है. परंतु दुर्ग में कांग्रेस संगठन का अस्तित्व शून्य है और पूर्व विधायक अरुण वोरा जो आम जनता के लाडले विधायक का दावा करते थे उन्हें जनता ने पिछले विधानसभा चुनाव में आइना दिखा दिया बावजूद उसके वर्तमान समय में टिकट वितरण में जिस तरह से प्रत्याशियों की घोषणा हुई कहीं नहीं कहीं कांग्रेस को ही नुकसान होगा परंतु संबंध बड़ा कांग्रेस छोटा यही नजर आ रहा दुर्ग विधानसभा क्षेत्र में आखिर संगठन दुर्ग विधानसभा क्षेत्र को एक बार फिर भूल गया ऐसा प्रतीत प्रत्याशियों की घोषणा के बाद नजर आ रहा है.
राजनीति में उठापटक और बदलती स्थिति कोई नई बात नहीं है ऐसे में देखना यह होगा कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस किस पायदान पर पहुंचती है और संबंधों का क्या महत्व रह जाता है?
दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्गा नगर निगम चुनाव में महापौर का पद महिला ओबीसी होने के कारण कई कांग्रेस नेत्री ने इस पर दावेदारी पेश की चुकी कांग्रेस सत्ता से बाहर है ऐसे में कांग्रेस किसी भी स्थिति में शहरी सरकार में फिर से कब्जा करने किसी ऐसे प्रत्याशी की तलाश कर रही थी जो शहर की जनता को विश्वास दिला सके कि वहां मजबूत दावेदार है ऐसे में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वार्ड में सक्रियता और लोकप्रियता को इसका आधार माना गया कांग्रेस संगठन ने दुर्ग नगर पालिक निगम से महापौर के लिए प्रेमलता साहू को अपना उम्मीदवार घोषित किया है प्रेमलता साहू अपने वार्ड में दो बार पार्षद के रूप में सफल कार्यकाल पूरा कर चुकी है और वार्ड में काफी लोकप्रिय है वहीं तहसील साहू संघ के अध्यक्ष के रूप में श्रीमती प्रेमलता साहू के पति पोषण साहू सक्रिय हैं सामाजिक स्तर पर देखें तो दुर्ग नगर निगम क्षेत्र में 25 से 30% की जनसंख्या साहू समाज की है वहीं दुर्ग विधानसभा क्षेत्र में यादव जाति के विधायक होने से महापौर के रूप में कांग्रेस का यादव समाज से प्रत्याशी घोषित करने से कहीं ना कहीं कांग्रेस को ही नुकसान होता जिले में साहू समाज को विधानसभा में भी प्राथमिकता नहीं मिली ऐसे में कांग्रेस ने सामाजिक स्तर पर साहू समाज को मौका देकर साहू समाज के वोटरों को भी आकर्षित करने का जो कार्य किया वह कहीं ना कहीं कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती प्रेमलता साहू को फायदा पहुंचाएगा वहीं अगर रामकली यादव की बात करें तो पिछले नगर निगम चुनाव में श्रीमती रामकली यादव को कांग्रेस ने वार्ड प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा था परंतु यादव बहुल मोहल्ला होने के बावजूद भी कांग्रेस प्रत्याशी रामकली यादव तीसरे पायदान पर रही ऐसे में कांग्रेस संगठन कांग्रेस की वार्ड में तीसरे पायदान पर आने की स्थिति में श्रीमती रामकली यादव को महापौर प्रत्याशी घोषित करने में कहीं ना कहीं सोचने ने पर मजबूर कर दिया होगा सालों से राजनीति के क्षेत्र में सक्रियता के साथ कार्य करने का परितोषित कांग्रेस ने श्रीमती रामकली यादव को कांग्रेस सरकार के समय बखूबी प्रदान किया और उन्हें पुलिस प्राधिकरण विभाग में सदस्य के रूप में नामांकित किया जिसमें वह वर्तमान समय में भी कार्यरत है ऐसे में श्रीमती रामकली यादव द्वारा टिकट न मिलने से नाराज होकर पार्टी बदलने की बात को दुर्ग शहर की जनता एक राजनीतिक स्टंट के रूप में देख रही है बदहाल कांग्रेस की स्थिति वर्तमान समय में निष्क्रिय संगठन के जिम्मेदार पूर्व विधायक अरुण वोरा को माना जा रहा है ऐसे समय में कांग्रेस का दामन छोड़ना कहीं ना कहीं श्रीमती रामकली यादव के लिए राजनीतिक सफर का अंत साबित ना हो जाए. अभी श्रीमती रामकली यादव ने भाजपा में प्रवेश करने का फैसला लिया है किंतु भाजपा में प्रवेश नहीं हुआ है श्रीमती रामकली यादव के पुत्र और छत्तीसगढ़ी फिल्मो मे रूचि रखने वाले विकास यादव ने जरूर सोशल मीडिया के माध्यम से यह बात कही परंतु प्रवेश करने की बात कहना और प्रवेश करना दोनों में जमीन आसमान का अंतर है चुनावी सीजन में ऐसे मामले सामने आते ही रहते हैं अब देखना यह है कि श्रीमती रामकली यादव कांग्रेस का दामन छोड़ेगी या फिर दामन छोड़ने की बात कहना सिर्फ राजनीतिक स्टंट ही साबित होगा जिसका दुर्ग की जनता को बेसब्री से इंतजार है.
दुर्ग।शौर्यपथ । नगर पालिक निगम दुर्ग में भारतीय जनता पार्टी के वार्ड पार्षदों की सूची जारी होने के चंद घंटे बाद कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी सूची देखकर ऐसा पति थोड़ा है कि कई वार्डों में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को यह सीट तोहफे में दे दी । ऐसे ही एक वार्ड की अगर बात करें तो वार्ड नंबर 41 में भारतीय जनता पार्टी ने श्रीमती जयंती साहू को मैदान में उतर कर रुबीना हमीद खोखर को आसान जीत प्रदान कर दी। पिछले कई सालों से हो रहे निगम चुनाव में ऐसा कोई भी प्रत्याशी दमदार नहीं रहा जो हमीद खोखर के साथ मुकाबले में नजर आया हो 2019 के चुनाव में भाजपा को मुकाबले में खड़ा करने वाले मतिम शेख ही दमदारी से नजर आए परंतु इस बार एक बार फिर भाजपा वार्ड नंबर 41 से अपने आप को मुकाबले में लगभग बाहर करती नजर आई भाजपा के प्रत्याशी जयंती साहू की बात करें तो वह सक्रियता के मामले में कहीं से भी प्रबल दावेदार के रूप में अफीफा तैय्यबा (मतिम शेख) को दरकिनार करते हुए टिकट वितरण किया गया जिससे वार्ड के निवासियों के अनुसार अब मुकाबला एक तरफ हो गया । वार्ड नंबर 41 से पूर्व में लगातार रिकार्ड मतों से जीतने वाले हामिद खोखर इसलिए 15 सालों से वार्ड की जनता के सुख-दुख के साथ ही बने हुए हैं एवं सक्रियता से वार्ड की जनता की सेवा कर रहे हैं ऐसे में जयंती साहू का चुनावी मैदान में उतरना मात्र एक व्यवहारिक प्रक्रिया ही नजर आ रहा है और यह वार्ड एक बार फिर कांग्रेस के खाते में स्पष्ट जाते हुए नजर आ रही है ।
दुर्ग / शौर्यपथ / आपके अपने शौर्यपथ समाचार ने आरक्षण की घोषणा होते ही दुर्गा नगर निगम में चार प्रबल दावेदारों की सूची की चर्चा की थी कांग्रेस से दो दावेदार एवं भाजपा से दो दावेदार शौर्य पथ का आकलन सही साबित हुआ कांग्रेस के दो दावेदारों श्रीमती सत्यवती वर्मा एवं श्रीमती प्रेमलता पोषण साहू में से श्रीमती प्रेमलता पोषण साहू पर भरोसा जताते हुए अपना प्रत्याशी घोषित किया वहीं भारतीय जनता पार्टी ने श्रीमती अलका वाघमारे पर भरोसा जताया श्रीमती अलका वाघमारे एवं श्रीमती प्रेमलता साहू की राजनीति सक्रियता की बात करें तो दोनों ही नगर पालिक निगम में पार्षद की भूमिका में रह चुके हैं और वार्ड की जनता के प्रति अपने दायित्व को निभा चुके हैं जहां श्रीमती अलका वाघमारे पूर्व में वार्ड पार्षद एवं वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की जिला उपाध्यक्ष के साथ-साथ कई अन्य जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए संगठन के साथ जुड़ी रही. वहीं श्रीमती प्रेमलता साहू लगातार दो बार वार्ड की पार्षद रहे दुर्ग नगर निगम में ओबीसी महिला आरक्षण होने के बाद एवं दोनों ही पार्टी के द्वारा महापौर प्रत्याशी की घोषणा के बाद स्थिति साफ हो गई अब इस चुनावी जंग में श्रीमती प्रेमलता पोषण साहू एवं श्रीमती अलका वाघमारे आमने-सामने होगी सक्रियता के मामले में दोनों बराबर है.
नगरी निकाय चुनाव में जातिगत समीकरण मायने नहीं रखते परंतु दूसरी तरफ यह भी सत्य है कि दुर्गा नगर पालिक निगम क्षेत्र में साहू समाज की बहुलता है वहीं दूसरे नंबर पर कुर्मी समाज आता है ऐसे में दोनों ही समाज के मतदाता निगम क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लाने में सक्षम है दोनों ही प्रत्याशी ने विवाद छवि के होने के साथ-साथ हम उम्र भी है ऐसे में दुर्गा नगर निगम में नारी शक्ति के रूप में जीते चाहे श्रीमती अलका वाघमारे की हो या फिर श्रीमती प्रेमलता पोषण साहू की ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस बार रबर स्टैंप महापौर इस बार दुर्गा नगर निगम को नहीं मिलेगा दोनों ही प्रत्याशी अपने-अपने पार्टियों में सभी नेताओं से तालमेल बनाकर राजनीति करते आ रहे हैं किसी एक नेता की छवि इनमें नजर नहीं आई वहीं कार्यकर्ताओं के बीच से आने के कारण दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं में भी उत्साह का वातावरण निर्मित है
जीत या हार तो परिणाम के बाद ही पता चलेगा परंतु यह भी सत्य है कि आरोप प्रत्यारोप का जो दौर चलेगा वह एक स्वच्छ राजनीति को भी जन्म देगा दोनों ही नारी शक्ति मिलनसार एवं सौम्य व् शिक्षित परिवार से संबंध रखते हैं ऐसे में चुनावी मुकाबला रोचक तो रहेगा ही परंतु इस रोचकता में एक मर्यादा भी शामिल रहेगी जो एक स्वच्छ लोकतंत्र और खूबसूरत लोकतंत्र का अहम हिस्सा है जिसकी जिसका स्वप्न संविधान के निर्माता ने देखा शौर्यपथ समाचार पत्र दोनों ही प्रत्याशियों को शुभकामनाएं देता है जीत किसी एक की ही होगी एवं दूसरा प्रत्याशी छाया महापौर के रूप में 5 साल तक पहचाना जाएगा और विपक्ष में रहकर अपनी भूमिका को जरूर निभाएगा .
दुर्ग में महापौर के यह है प्रबल दावेदार, चुनावी जंग नहीं होगी कांग्रेस और भाजपा के लिए आसान...
https://www.shouryapathnews.in/khas-khabar/32300-2025-01-07-14-09-19
दुर्ग / शौर्यपथ / कुम्हारी नगर पालिका परिषद् अध्यक्ष सीट ओबीसी महिला आरक्षित होने से इस बार नारी शक्ति के पास परिषद् की कमान रहेगी एक तरफ कांग्रेस अभि तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर सकी जबकि कुम्हारी नगर पालिका परिषद् से चंद किलोमीटर की दुरी पर ही प्रदेश के पूर्व सीएम का गृह निवास है . वही भाजपा ने प्रदेश के सभी निकायों और पार्षदों की सूचि जारी कर दी है .
कुम्हारी से जिस प्रत्याशी का चयन भाजपा संगठन ने किया है उनका राजनैतिक क्षेत्र , सामजिक क्षेत्र , धार्मिक क्षेत्र में विगत दो दशको से भी ज्यादा समय से सक्रियता रही है . भाजपा ने श्रीमती मीना वर्मा पर भरोसा जताया . श्रीमती वर्मा के नाम कि घोषणा होते ही समर्थको सहित क्षेत्र की जनता में हर्ष व्याप्त है . कुम्हारी निवासी श्रीमती मीना वर्मा के सामाजिक क्स्र्यो की लम्बी फेहरिस्त है उन्हें उपराष्ट्रपति द्वारा उनके समाज में योगदान के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है .बचपन से ही कुशल नेत्र्रित्त्व क्षमता , संघ एवं भाजपा में वर्षो सक्रियता से कार्यकर्त्ता भी घोषणा के बाद खुशिया मना रहे एवं भाजपा की जीत के दावे कर रहे जो भाजपा के लिए एक शुभ संकेत है .
प्रदेश में साय सरकार लगातार अपने जनहित के कार्यों से लोकप्रियता के शिखर को छू रही है. लोकसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने भारतीय जनता पार्टी पर अपना पूरा भरोसा जताया और 11 में से 10 सीट भारतीय जनता पार्टी ने जीती कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए अपनी पहचान बनाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अब नगरी निकाय चुनाव में भी उन प्रत्याशियों को महत्व दिया जो संगठन से सालों से जुड़े हैं. कार्यकर्ताओ में चर्चा है कि इस बार उन्हें अध्यक्ष प्रत्याशी के रूप में ऐसा नेतृत्व मिला है जो छात्र जीवन से ही नेतृत्व की क्षमता रखती हैं बता दें कि श्रीमती मीना वर्मा छात्र जीवन से ही शाला नायक के रूप में नेतृत्व की जो शुरुआत की लगातार सामाजिक संगठनों में अपनी सहभागिता निभाई वहीं सामाजिक कार्यों के लिए उपराष्ट्रपति के द्वारा सम्मान पाने वाली श्रीमती मीना वर्मा सामाजिक कार्यों के साथ-साथ धार्मिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं साफ एवं स्वच्छ छवि की पहचान बनाने वाली श्रीमती मीना वर्मा के प्रत्याशी घोषित होते ही भारतीय जनता पार्टी सहित क्षेत्र की जनता को यह विश्वास हो गया कि सालों बातें एक ऐसा नेतृत्व मिला है जो क्षेत्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन करेंगी .
बता दें कि जिस तरह से प्रदेश में नगरी निकाय अध्यक्ष के चुनाव में संगठन को महत्व दिया गया उससे कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है और पार्टी के प्रति उनकी समर्पण भावना पहले से भी ज्यादा विश्वसनीय प्रतीत हो रही है ऐसे में श्रीमती मीना वर्मा के प्रत्याशी घोषित होने के साथ समर्थकों को सहित क्षेत्र की जनता में चर्चा का विषय है कि अब कांग्रेस से कोई भी प्रत्याशी मैदान में आए जीत भाजपा की ही होगी.
दुर्ग निगम:अलका वाघमारे भारतीय जनता पार्टी से मेयर प्रत्याशी घोषित ,कार्यकर्ताओं की जीत...
दुर्ग।शौर्यपथ । काफी इंतजार के बाद भारतीय जनता पार्टी संगठन ने एक बार फिर प्रत्याशी घोषणा में कांग्रेस को पछाड़ दिया । जिस तरह से प्रत्याशी की घोषणा भारतीय जनता पार्टी ने की उससे आम कार्यकर्ताओं में पार्टी के प्रति विश्वास बढ़ा। भारतीय जनता पार्टी ने दुर्ग नगर निगम से मेयर प्रत्याशी के रूप में भारतीय जनता पार्टी की सक्रीय कार्यकर्ता वर्तमान जिला उपाध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद श्रीमती अलका वाघमारे (वर्मा ) को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया । अलका वाघमारे के नाम की घोषणा होते ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिला वहीं पार्टी कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता जमा शुरू होने लगे और भारतीय जनता पार्टी की मेयर प्रत्याशी का स्वागत करने आतुर दिखाई दिए सभी में चर्चा का यह विषय रहा की सालों बाद भारतीय जनता पार्टी ने कार्यकर्ता का सम्मान किया और सक्रिय कार्यकर्ता को प्रत्याशी घोषित की पार्टी के प्रति जो आशाएं थीं उसे पूरी किया ।