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दुर्ग। शौर्यपथ । नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत स्थित मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत निर्मित एलआईसी ऑफिस के सामने स्थित रिक्त दुकान क्रमांक 05 के लिए 29 हितग्राहियो से आवेदन आमंत्रित किया गया था। जिसका जिला शहरी विकास अभिकरण से अनुमोदन प्राप्त हो गया है।
जिसकी लॉटरी द्वारा आबंटन किया जाएगा।रिक्त दुकान की लॉटरी नगर पालिक महापौर कक्ष में दिनाँक 20 अप्रैल दिन गुरुवार शाम 4 बजे किया जाएगा।
रायपुर । शौर्यपथ । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आज लिंग भेद एवं अवैध गर्भपात के विरूद्ध काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के प्रतिनिधियों से चर्चा की। स्वास्थ्य मंत्री ने रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन और राज्य में महिला-पुरूष अनुपात बेहतर करने गैर-सरकारी संगठनों से फीडबैक लेकर सुझाव मांगे। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त डॉ. सी.आऱ. प्रसन्ना, स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री भोसकर विलास संदिपान, पीसीपीएनडीटी एक्ट के संयुक्त संचालक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव और स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. महेन्द्र सिंह भी बैठक में शामिल हुए।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बैठक में सुझाव दिया कि महिला-पुरूष असमानता को दूर करने और अच्छा लिंगानुपात बनाए रखने के लिए जागरूक करने हाईस्कूलों एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में बच्चों के बीच इनसे जुड़े विषयों पर वाद-विवाद, भाषण और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि महिला आयोग द्वारा इन मुद्दों पर जागरूकता के लिए जागरूकता रथ के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए युवाओं को सेंसिटाइज (Sensitise) करने की जरूरत है। इस एक्ट के बारे में जागरूक करने, राज्य में बेहतर लिंगानुपात बनाए रखने और अवैध गर्भपात को रोकने के संबंध में सोशल मीडिया पर भी पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
पीसीपीएनडीटी एक्ट के संयुक्त संचालक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने राज्य पर्यवेक्षक मंडल की बैठक में बताया कि राज्य के 14 जिलों के 56 सोनोग्राफी सेंटर्स का राज्य स्तरीय निरीक्षण दल द्वारा निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण के दौरान एक्ट का उल्लंघन पाए जाने पर 14 सेंटर्स को नोटिस जारी कर दो को सील किए जाने और एक केंद्र के निलंबन की अनुशंसा की गई है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर गठित निरीक्षण दलों द्वारा 853 केंद्रों का निरीक्षण कर एक्ट का उल्लंघन करने वाले 23 सेंटर्स के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। जिला स्तरीय दलों द्वारा 16 सेंटर्स को नोटिस जारी करने, पांच सेंटर्स को सील करने और दो सेंटर्स के निलंबन की कार्रवाई की गई है। बैठक में गैर-सरकारी संगठन अनमोल फाउंडेशन, सहभागी, प्रदान, समर्थ और अर्पण के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव रखे।
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विश्व हीमोफीलिया दिवस पर डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में स्वास्थ्य चिकित्सा संगोष्ठी का आयोजन*
रायपुर । शौर्यपथ ।. विश्व हीमोफीलिया दिवस पर आज रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग एवं रक्त चिकित्सा (हीमेटोलॉजी) विभाग द्वारा राज्य स्तरीय स्वास्थ्य चिकित्सा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में प्रमुख वक्ता के रूप में संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल के हीमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल आमंत्रित थे। डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक एवं रेडियोडायग्नोसिस विभाग के प्रमुख डॉ. एस.बी.एस. नेताम ने मुख्य अतिथि के रूप में संगोष्ठी का शुभारंभ किया।
राज्य स्तरीय स्वास्थ्य चिकित्सा संगोष्ठी के संयोजक एवं पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओंकार खंडवाल ने संगोष्ठी में बच्चों में होने वाली हीमोफीलिया की अनुवांशिक बीमारी के प्रथम स्तर पर निदान व उचित प्रोटोकॉल द्वारा इसकी गंभीरता एवं जटिलता (कॉम्प्लिकेशन) को कम करने के सम्बन्ध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रमुख रूप से लड़कों को होने वाली इस दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी में रक्त का थक्का जल्दी न बन पाने के कारण छोटे खरोचों में भी लम्बे समय तक रक्तस्राव होते रहता है। यह आगे चलकर क्लोटिंग फैक्टर के रक्त आधान के बाद भी हफ्ते व महीने के अंतराल में बार-बार जोड़ों व मांसपेशियों में आंतरिक रक्तस्त्राव, सूजन व दर्द की पुनरावृत समस्याएं होते रहती हैं जो आगे चलकर विकलांगता का रूप भी ले लेती है।
संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल के हीमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल ने बताया कि हमें क्लोटिंग फैक्टर के ट्रांसफ्यूज़न तक ही सीमित नहीं रहना है, बल्कि साथ-साथ बीमारी के जल्दी पहचान व शुरुआती स्तर में ही प्रिवेंटिव केयर के अंतर्गत क्रमागत प्रोफैलेक्सिस ट्रीटमेंट के विभिन्न नवीन विकल्पों के द्वारा इस बीमारी की गंभीरता एवं जटिलता (कॉम्प्लीकेशंस) को रोकना है। हीमोफिलिया जैसी आनुवंशिक बीमारी में प्रिवेंटिव प्रोफाइलैक्टिक फैक्टर 8/9 का ट्रांसफ्यूजन ही स्टैण्डर्ड ऑफ केयर है जिससे हम मरीज को होने वाली अपंगता से बचा सकते हैं। संगोष्ठी के सफल आयोजन में पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के शिशु रोग विभाग के विशेषज्ञों डॉ. वीरेंद्र कुर्रे, डॉ. प्रांकुर पांडे, डॉ. शिल्पा भार्गव और डॉ. धीरज सोलंकी का विशेष योगदान रहा।
दुर्ग । शौर्यपथ । वर्तमान में बेरोजगारी भत्ता पोर्टल में प्राप्त आवेदकों के बैंक खातों का सत्यापन हेतु क्लस्टर स्तर पर आवेदकों के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। आवेदकों के बैंक खातों का सत्यापन हेतु वर्तमान में उनके बैंक खातों की सूची बैंकों को प्रेषित किया जा रहा है। बैंकों द्वारा खातो की वैधता की जानकारी संबंधित जनपदों एवं निकायों को सत्यापन उपरांत पुनः प्रेषित की जा रही है। यह प्रक्रिया श्रमसाध्य एवं समयसाध्य है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी), छत्तीसगढ़ द्वारा इस प्रक्रिया का सरलीकरण करने के लिए बैंक खातों का सत्यापन राज्य स्तर पर ही सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) सिस्टम के माध्यम से वृहद स्तर पर परीक्षण किया गया एवं इसे अत्यंत कम समय में संपादित किये जाने हेतु उपयुक्त पाया है। बैंक खातों का सत्यापन की वर्तमान प्रक्रिया के स्थान पर इसे राज्य स्तर पर एनआईसी द्वारा पीएफएमएस सिस्टम पर किया जाएगा।
दुर्ग । शौर्यपथ । आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 के मद्देनजर मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन व वहां मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टोरेट सभाकक्ष में उपस्थित संबंधित अधिकारियों के साथ आज समय सीमा बैठक की शुरूआत हुई। कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने बैठक में इआरओनेट में लंबित आवेदनों के निराकरण, मतदान केन्द्रों का भौतिक सत्यापन, मतदान केन्द्रों में न्यूनतम सुनिश्चित सुविधाओं की जानकारी, मतदान केन्द्र के नाम, भवन या स्थल परिर्वतन, पोलिंग स्टेशन के लोकेशन और क्रिटिकल व संवेदनशील मतदाता केंद्र के संबंध में चर्चा की। कलेक्टर ने मतदान केन्द्र के भौतिक सत्यापन और पोलिंग स्टेशन लोकेशन के लिए संबंधित अधिकारियों को स्थल पर जाकर निरीक्षण करने के लिए आदेशित किया। उन्होंने अधिकारियों को चुनाव आयोग द्वारा दिए गए गाईड-लाईन को स्पष्ट रूप से अनुसरण करने की और मतदान केन्द्र के स्थल परिर्वतन की स्थिति में नवीन चयनित स्थल मतदाता पहुंच सुविधा अनुरूप 2 किलोमीटर के दायरे में रखने की बात कही। उन्होंने मतदाता केन्द्र में मूलभूत सुविधा जैसे बिजली, पेयजल, शौचालय, रैम्प इत्यादि को भी दुरूस्त करने के लिए कहा।
बैठक में कलेक्टर ने नगरीय निकाय क्षेत्र में बनने वाले वेंडिंग जोन के संबंध में नगर निगम आयुक्तों से जानकारी मांगी। जिसमें कलेक्टर ने शहर के अतिक्रमण भार को नगण्य करने के लिए संबंधित अधिकारियों से शहर में अव्यवस्थित ठेले, रेहड़ी, खोमचे व गुमटी वालों के आंकड़ों पर चर्चा की। उन्होंने प्रस्तुत किए गए आंकड़ों पर अपना मत स्पष्ट किया कि ये ठेले, रेहड़ी, खोमचे और गुमटी वाले जहां-जहां वेंडिंग जोन का कार्य पूर्ण होता जाएगा वहां-वहां अपने आपको प्रतिस्थापित करते जाएंगे। इसके लिए उन्होंने नगरीय निकाय के संबंधित अधिकारियों को अपने स्टाफ के माध्यम से ठेले वालों के आंकड़े को क्रॉस चेक करवाने के लिए कहा। ताकि शहर में अव्यवस्था पर लगाम लगाया जा सके और शहरी तस्वीर को बदलकर व्यवस्थित किया जा सके।
कलेक्टर ने 1 अप्रैल से शुरू हुए सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर भी संबंधित अधिकारियों से चर्चा की। जिसमें कार्य की प्रगति को तय समय में पूरा करने के लिए उन्होंने गठित की गई टीम की संख्या में और व्यक्ति जोड़ने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने जिन गांवों में निर्मित क्लस्टर की टीमें अपने अंतिम पड़ाव में है अर्थात् जिन्होंने 90 प्रतिशत से ऊपर सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। उनके शत-प्रतिशत सर्वेक्षण होने की स्थिति में उन्हें अन्य दलों के साथ जोड़ने के लिए नोडल अधिकारी को कहा ताकि समय सीमा के पूर्व ही लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके। जनपद पंचायत दुर्ग, पाटन और धमधा में सर्वे का 75 प्रतिशत कार्य वर्तमान में पूर्ण हो चुका है।
इसके अलावा बैठक में राजस्व मामलों में चर्चा की गई जिसमें मुख्य रूप से स्वामित्व योजना को लेकर चर्चा की गई। जिसमें सर्वे और मैपिंग को लेकर कलेक्टर ने जानकारी मांगी। इसके अलावा कलेक्टर ने कहा कि अवैध खनन से संबंधित मामलों में लगाम लगे इसके लिए रेत व मुरूम के खनन से संबंधित जानकारी की सूचना कोटवार द्वारा संबंधित राजस्व अधिकारी व नजदीकी थाने में दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने अवैध प्लाटिंग के संबंध में भी राजस्व के अधिकारियों को कड़ा रूख अपनाने की बात कही।
बैठक में अपर कलेक्टर श्री अरविंद एक्का, अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मनी भोई, आयुक्त नगर निगम भिलाई श्री रोहित व्यास, जिला पंचायत सीइओ श्री अश्वनी देवांगन, संयुक्त कलेक्टर श्री प्रवीण वर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती योगिता देवांगन, संयुक्त कलेक्टर श्री विनय सोनी, एसडीएम दुर्ग श्री मुकेश रावटे, एसडीएम धमधा श्री बृजेश सिंह क्षत्रिय, नगर निगम आयुक्त दुर्ग श्री लोकेश चंद्राकर, आयुक्त नगर निगम रिसाली श्री आशीष देवांगन आयुक्त नगर निगम भिलाई चरौदा श्री अजय त्रिपाठी एवं अन्य अधिकारी गण उपस्थित थे।
दुर्ग । शौर्यपथ । जिले में ग्रीष्मकालीन धान फसलों के लिए किसानों से मौसम परिवर्तन होने के कारण कीट व्याधि रोग जैसे तनाछेदक एवं अन्य रोगों का प्रकोप सामान्यतः धान की फसलों को प्रभावित करता है। इस संबंध में उप संचालक कृषि ने निदान के लिए समसामयिक सलाह दी है कि खरीफ सीजन की धान फसल में खेत के अवशेष (नरई) में तनाछेदक के अण्डे एवं मिट्टी में ब्लास्ट रोग के बीजाणु उपस्थित रहते हैं जो कि रबी सीजन में धान की पुनः खेती करने पर नई फसल को उपहार स्वरूप मिलते हैं। ऐसी स्थिति से निबटने के लिए किसानों को धान की जगह फसल चक्र परिवर्तन अपनाकर दलहन-तिलहन फसलों की खेती करनी चाहिए। इस संबंध में विभाग द्वारा मैदानी स्तर पर कर्मचारियों के द्वारा नियमित रूप से प्रचार-प्रसार किया जाता रहा है। उन्होंने कहा है कि मौसम में बदलाव की वजह से तनाछेदक कीट प्रकोट एवं नेक ब्लास्ट की समस्या आ रही है। ऐसे में बाइफ्रेनथ्रिन 10 ईसी का 350 एमएल प्रति एकड़ या क्लोरेनट्रेनिलीप्रोल का 30 एमएल प्रति एकड़ के मान से स्प्रे करने से इसकी रोकथाम की जा सकती है। इसी प्रकार नेक ब्लास्ट को नियंत्रित करने एजाक्सीस्ट्रोबिन 300 एमएल या टेबुकोनाजोल 250 एमएल या प्रोपिकोनाजोल का 250 एमएल प्रति एकड़ की दर से छिड़काव किया जाना चाहिए। उप संचालक ने पुनः किसानों से अपील करते हुए कहा है कि आगामी ग्रीष्मकालीन धान की बोनी न करें और दलहन-तिलहन फसल की खेती अपनाते हुए जल संरक्षण में अपना अमूल्य सहयोग करें।
दुर्ग । शौर्यपथ । राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, उप क्षेत्रीय कार्यालय, दुर्ग द्वारा वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन होटल एवलान मालवीय नगर, दुर्ग में 19 अप्रैल 2023 को प्रातः 11 बजे से आयोजित किया जायेगा। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के उपमहानिर्देशक श्री रोशन लाल साहू, की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में पश्चिम अंचल के उपमहानिर्देशक श्री राजेन्द्र गौतम भी सम्मिलित होंगे ।
इस कार्याशाला में छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग, राजनांदगांव, कवर्धा, बालोद, बेमेतरा जिले के उद्यमी तथा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, उप क्षेत्रीय कार्यालय दुर्ग, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के अधिकारी भी शामिल होंगे।
वरिष्ट सांख्यिकी अधिकारी श्री सी.पी.एस मरकाम ने बताया कि भारत सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय जीडीपी गणना में विनिर्माण क्षेत्र सूचकांक के निर्माण हेतु वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण द्वारा आंकडे एकत्रित करता है। वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण के लिए विशेष रूप से तैयार की गई अनुसूचियों एवं कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन सूचना एकत्रित की जाती है। वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण के रिटर्न को ऑनलाइन भरने में आने वाली कठिनाईयों को, औद्योगिक संगठन एवं चयनित औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधियों के साथ पारस्परिक वार्तालाप द्वारा निराकरण हेतु इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
दुर्ग । शौर्यपथ । आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 हेतु मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदत्त ऑनलाईन कर्मचारी डाटा प्रविष्टी सॉफ्टवेयर (पीपीईएस) का उपयोग करते हुए कर्मचारी डाटाबेस 30 अप्रैल तक तैयार किया जाना है। कर्मचारी डाटाबेस तैयार करने के लिए प्रत्येक विभाग के जिला प्रमुख स्वयं एवं अधीनस्थ कार्यालयों के अधिकारियों-कर्मचारियों का डाटा एंट्री अपने ही कार्यालय में करना होगा।
कर्मचारी डाटाबेस सॉफ्टवेयर तैयार करने के संबंध में 19 अप्रैल को सुबह 11 बजे कलेक्टोरेट सभागार में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उक्त प्रशिक्षण कार्यालय में नियुक्त नोडल अधिकारी, सहायक प्रोग्रामर, डाटा एंट्री आपरेटर एवं स्थापना लिपिक को दिया जाएगा। सॉफ्टवेयर यूजर मैनुअल, यूजर आई.डी. एवं पासवर्ड से संबंधित जानकारी प्रशिक्षण के दौरान सूचना विज्ञान अधिकारी एन.आई.सी. दुर्ग द्वारा दी जाएगी।
विभाग के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की डाटा एंट्री करना होगी। मूल कार्यालय से अलग अन्य कार्यालय में संलग्न कर्मचारियों की एंट्री उस कार्यालय से करनी है, जहां से उनका वेतन निकाला जाता है। किसी भी परिस्थिति में कर्मचारी डाटाबेस में किसी भी कर्मचारी की एंट्री एक से अधिक बार नहीं करनी है।
सॉफ्टवेयर में डाटा एंट्री प्रारंभ के लिए दिशा-निर्देश
जिला निर्वाचन अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार सॉफ्टवेयर में डाटा एंट्री प्रारंभ करने से पहले कार्यालय एवं समस्त कर्मचारियों की जानकारी संलग्न प्रारूप में तैयार करनी होगी। कर्मचारी डाटाबेस के सभी कॉलम की जानकारी अनिवार्य रूप से भरना होगा। कर्मचारी डाटाबेस में किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का विवरण केवल एक बार ही भरना होगा। कर्मचारी डाटाबेस के फोटो कॉलम में संबंधित अधिकारी-कर्मचारी का कलर फोटो स्कैन कर अपलोड (जेपीजी फार्मेट में अधिकतम 20 केबी फाईल साईज) करना होगा। दिव्यांग, निशक्त अधिकारी-कर्मचारी का डाटा एंट्री करते समय दिव्यांगता, निशक्ता का प्रकार एवं प्रतिशत भी एंट्री करनी होगी। साथ ही सक्षम प्राधिकारी के द्वारा दिया गया दिव्यांतगता, निशक्ता का प्रमाण पत्र स्कैन कर अपलोड ( जेपीजी फार्मेट में अधिकतम 100 केबी 150 केबी फाईल साईज) में करनी होगी। निर्वाचन ड्यूटी में नियुक्त अधिकारियों-कर्मचारीयों को मानदेय का भुगतान कैशलेश माध्यम से उनके बैंक अकाउंट में किया जाएगा। कर्मचारी डाटाबेस में संबंधित अधिकारी-कर्मचारी का वेतन जिस बैंक अकाउंट नंबर में जमा करवाया जाता है, उसका विवरण (अकाउंट नंबर, बैंक का नाम ब्रांच का नाम एवं उसका आईएफएससी कोड) भरना होगा। कर्मचारी डाटाबेस में अधिकारी -कर्मचारी का मतदाता पहचान क्रमांक (ईपीन/EPIC ) नंबर भरना होगा। यदि किसी अधिकारी-कर्मचारी का इपिक नहीं बना है तो संबंधितों के तत्कान इपिक तैयार किया जाकर इपिक नंबर कर्मचारी डाटाबेस में अनिवार्यतः प्रविष्ट करना होगा।
उपरोक्तानुसार अधिकारियों-कर्मचारियों का डाटाबेस अद्यतन होने के बाद अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची प्रिंट कर जांच करवानी होगी। सब कुछ ठीक होने पर ही डाटाबेस को फाईनालाईज करना होगा। फाईनालाईज होने के पश्चात ही आपके कार्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी अद्यतन हो पाएगी। तत्पश्चात इस आशय का प्रमाण-पत्र कि आपके विभाग के समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों का डाटाबेस तैयार हो गया निर्वाचन कार्यालय में भेजना होगा।
रायपुर । शौर्यपथ । मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रम में श्रम, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा की। मुख्य सचिव ने श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को उनके लिए संचालित योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें लाभान्वित किया जाए।
मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना के तहत श्रमिकों को आवास निर्माण अथवा नवीन आवास क्रय करने हेतु योजनाबद्ध कार्य करने के निर्देश श्रम विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। बैठक में वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार के अंतर्गत हुई प्रगति की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने वन अधिकार अधिनियम के तहत लाभान्वित हितग्राहियों को राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश अनुसूचित जाति विभाग के अधिकारी को दिए गए है। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू मौजूद थे।
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्रों की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि व्यक्तिगत वन अधिकार के तहत अनुमोदित और स्वीकृत दावों की संख्या करीब 4 लाख 67 हजार 569 है। हितग्राहियों को 4 लाख 61 हजार 377 वन अधिकार पत्र वितरित कर दिए गए हैं। हितग्राहियों को करीब 3 लाख 74 हजार 628 हेक्टेयर से अधिक भूमि वितरित की गई है।
इसी तरह से सामुदायिक वन अधिकार के तहत अनुमोदित और स्वीकृत दावों की संख्या करीब 47 हजार 391 है। सामुदायिक वन अधिकार के तहत अब तक 47 हजार 91 से अधिक वन अधिकार पत्रों का वितरण हितग्राहियों को कर दिया गया है और 20 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि हितग्राहियों को वितरित कर दी गई है। इसी तरह से सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के तहत 4 हजार 19 दावों स्वीकृत किए गए हैं और करीब 3 हजार 974 हितग्राहियों को 17 लाख 34 हजार 163 हेक्टेयर भूमि हितग्राहियों को वितरित की दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वितरित भूमि में विभिन्न विभागों के अभिसरण से भूमि समतलीकरण, मेड़ बंधान, पशुपालन हेतु शेड, सिंचाई के लिए नलकूप-कुआं, स्टापडेम, पशुपालन और कुक्कुट पालन, बकरी पालन तथा प्रधानमंत्री आवास योजना, आदान सहायता, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, कृषि ऋण सहित राज्य शासन की अन्य कल्याणकारी योजनाओं से हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों की आदिवासी पुरातन, संस्कृति को संरक्षित करने तथा श्रद्धा स्थलों में देवगुड़ी, ग्राम देवता स्थलों पर विभिन्न निर्माण एवं मरम्मत तथा रख-रखाव के कार्य किए जा रहे हैं। इसके तहत अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों के लिए प्रत्येक ग्राम हेतु 5 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की जाती है। इसके तहत वर्ष 2022-23 में 717 कार्य स्वीकृत किए गए हैं।
मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत बस्तर संभाग, सरगुजा संभाग और प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज के परबों के उत्तम आयोजन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को 10 हजार रूपए प्रदान करने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई है। इसके तहत वर्ष 2023-24 में नवीन मद के रूप में 5 करोड़ रूपए के राशि का प्रावधान किया गया है।
मुख्य सचिव ने आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत आने वाले छात्रावास एवं आश्रमों की मरम्मत, रख-रखाव तथा पेंटिंग कार्य की समीक्षा में अधिकारियों ने बताया कि करीब 500 आश्रमों और छात्रावासों में भवनों की गोबर पेंट से रंगाई-पोताई और मरम्मत के कार्य किए जा रहे हैं। सभी आश्रम और छात्रावासों में यह कार्य 10 जून तक पूर्ण कर लिया जाएगा। बैठक में सभी राज्य शासन के विभिन्न आयोगों के कार्यालय हेतु बहुमंजलीय भवनों के उपयोग के संबंध में भी विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, ऊर्जा विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, श्रम विभाग के सचिव श्री अमृत कुमार खलखो और आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास श्रीमती शम्मी आबिदी, उप श्रमायुक्त सुश्री सविता मिश्रा सहित आदिम जाति विकास विभाग, श्रम विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
दुर्ग । शौर्यपथ । नगर पालिक निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत आज वार्ड 30 मान होटल के निकट विधायक अरुण वोरा एवं महापौर धीरज बाकलीवाल ने एमआईसी सदस्य व वार्ड 30 के पार्षद भोला महोविया,संजय कोहले,वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व पार्षद फतेहसिंह भाटिया,मनदीप सिंह भाटिया,एल्डरमेन कृष्णा देवांगन,उपअभियंता करण यादव के अलावा नागरिको के साथ नारियल फोड़कर व् कुदाल चलाकर उक्त कार्यक्रम को संपन्न किया।भूमिपूजन के अवसर पर अरुण वोरा ने कहा कि अच्छी सड़कों के बनने के बाद शहर क्षेत्र से बाजार आने जाने वालो को आवागन में बहुत आसानी होगी और बारिश के मौके में भी लोग आसानी से आ जा सकेंगे।महापौर धीरज बाकलीवाल ने कहा कि वार्ड वासी विगत कई दिनों से इन भीड़भाड़ जगहों इंदिरा मार्केट कुआँ चौक से होटल मान होते हुए चंडी मंदिर रोड संधारण कार्य के लिए लगातार मांग कर रहें थे। जिसकी लागत 18 लाख से सड़क डामरीकरण कार्य होना है।जिससे आम जनो को आने जाने में सुविधा होगी।महापौर धीरज बाकलीवाल ने इस अवसर पर कहा कि जनसुविधा के सभी कार्य प्राथमिकता से कराए जा रहे हैं।उन्होंने ये भी कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में जनहित से जुड़े सभी कार्य किए जा रहे हैं।इस मौके पर बड़ी संख्या में वार्ड नागरिक के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे।