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नई दिल्ली /शौर्यपथ / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में पहुंचे, जहां पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। लोगों ने पीएम मोदी को देखते हुए 'देखो-देखो कौन आया, शेर आया-शेर आया'' के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस दौरान जनता पीएम मोदी की एक झलक पाने को बेताब दिख रही थी।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो में लोग मोदी-मोदी के नारे लगाते हुए दिखाई दे रहे। इसके अलावा, जब वे जनता के पास उनसे मिलने के लिए पहुंचे तो लोगों ने 'जय श्री राम', 'जय श्री राम' के भी नारे लगाए। इस बीच, कई लोग देखो देखो कौन आया, शेर आया, शेर आया के भी नारे लगाए। वीडियो को महज कुछ ही घंटों में 35 हजार से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है।
चौथी वंदे भारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी
वहीं, इस दौरे पर पीएम मोदी ने देश की चौथी 'वंदे भारत एक्सप्रेस' ट्रेन को हिमाचल प्रदेश के ऊना रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ट्रेन हिमाचल प्रदेश के अंब अंदौरा स्टेशन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बीच चलेगी। अधिकारियों ने कहा कि नई वंदे भारत ट्रेन पहले की ट्रेन की तुलना में अधिक उन्नत और हल्की है तथा कम अवधि में तेज गति से चलने में सक्षम है। ट्रेन बुधवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलेगी और अंबाला, चंडीगढ़, आनंदपुर साहिब तथा ऊना में रुकेगी।
52 सेकंड में 100 किलोमीटर पकड़ेगी रफ्तार
यह महज 52 सेकंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती है। इस ट्रेन की शुरुआत से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने और यात्रा का एक आरामदायक और तेज माध्यम प्रदान करने में मदद मिलेगी। इससे पहले, प्रधानमंत्री के ऊना के पेखुबेला हेलीपैड पहुंचने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री बाद में राज्य के दो जिलों में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करने और आधारशिला रखने के बाद ऊना और चंबा जिलों में दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे। पिछले पांच साल में प्रधानमंत्री का हिमाचल प्रदेश का यह नौवां दौरा है। हिमाचल प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
नई दिल्ली /शौर्यपथ /मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने गाजियाबाद स्थित कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। जांच एजेंसी का कहना है कि अय्यूब ने आम जनता को धोखा देने के इरादे से धन जुटाने के लिए अभियान चलाया था। ईडी ने उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से साल 2021 में दर्ज FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।
पत्रकार पर आरोप हैं कि उन्होंने 'केटो' प्लेटफॉर्म के माध्यम से चैरिटी के नाम पर धन जुटाने के लिए अभियान शुरू किए थे, जिसके जरिए आम लोगों को धोखा दिया गया है। जांच अधिकारियों के अनुसार, तीन अभियान चलाए गए थे। इनमें अप्रैल-मई 2020 में किसानों और झुग्गी में रहने वालों के लिए फंड, जून-सितंबर 2020 में असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य और मई से जून 2021 के बीच भारत में कोविड प्रभावित लोगों के लिए फंड शामिल है।
खबर है कि अय्यूब को तीन अभियानों के जरिए 2.69 करोड़ रुपये मिले थे। इनमें से 80.49 लाख रुपये विदेशी मुद्रा थी। फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेग्युलेशन्स एक्ट यानी FCRA के कथित रूप से उल्लंघन के बाद आयकर विभाग ने उनके खिलाफ जांच शुरू की थी, जिसके बाद उन्होंने विदेशी अनुदान को लौटा दिया था।
ईडी के अनुसार, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुटाए गए फंड अय्यूब के पिता और बहन के खाते में आए थे, जिन्हें बाद में उन्होंने अपने निजी खाते में ट्रांसफर किया। इसके बाद उन्होंने फंड का इस्तेमाल कर अपने लिए 50 लाख रुपये की एफडी बनाई और अन्य 50 लाख रुपये नए खाते में भेजे। केवल 29 लाख रुपये ही राहत कार्य में खर्च किए गए थे। ईडी की यह भी कहना है कि राहत कार्य के लिए अधिक खर्च दिखाने के लिए फर्जी बिल भी जमा किए गए थे।
ईडी का कहना है कि जांच में यह पता चला है कि राणा अय्यूब ने केवल लोगों को धोखा देने के इरादे से फंड जुटाने के अभियान शुरू किए थे। साथ ही एजेंसी ने यह भी कहा कि अय्यूब ने धन को बेदाग दिखाने की कोशिश की।
नई दिल्ली /शौर्यपथ /केरल में मानव बलि देने के तीनों आरोपियों को कोर्ट ने 12 दिन की हिरासत में भेज दिया है। इस मामले की जांच करने के लिए केरल पुलिस ने एक विशेष टीम बनाई है। बता दें कि तांत्रिक शफी के कहने पर भगवल सिंह और लैला नाम के दंपत्ति ने दो महिलाओं को बेरहमी से मार दिया था। इसके बाद उनके शवों के साथ भी खिलवाड़ किया गया। अब पथानामथिट्टा जिले से ही एक महिला तांत्रिक को भी हिरासत में लिया गया है। वह एक बच्चे को लेकर तंत्र-मंत्र कर रही थी।
महिला तांत्रिक की हरकत पता चलने के बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। हालांकि पुलिस तुरंत ऐक्शन नहीं लिया। लोगों ने महिला तांत्रिक की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि तंत्र-मंत्र के दौरान बच्चा बेहोश हो गया था।
लोगों का कहना है कि लंबे समय से उसने स्थानीय लोगों को परेशान कर रखा था। जब कोई आवाज उठाने की कोशिश करता था तब वह श्राप देने की धमकी देती थी। महिला का नाम शोभना उर्फ बसंती बताया जा रहा है। गौरतलब है कि कोच्चि में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई थी। यहां मोहम्मद शफी ने एक दंपत्ति को धन का लालच देकर उनसे नरबलि दिलवाई। दो महिलाओं को पैसे और ऐक्टिंग का लालच देकर लाया गया और उनके 56 टुकड़े कर दिए गए। आरोप है कि तीनों ने मिलकर इंसान का मांस खाया।
अब केरल में अंधविश्वास को लेकर सख्त कानून बनाने की मांग की जा ही है। सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि राज्य में अब नए कानून की जरूरत है। वहीं भाजपा ने वामपंथी सरकार पर सवाल उठाए हैं। भाजपा का कहना है कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़े हैं और राज्य सरकार कानून व्यवस्था लागू करने में सफल नहीं हो पा रही है।
नई दिल्ली /शौर्यपथ /भारतीय रेलवे ने यात्रियों के साथ-साथ अब माल ढुलाई के लिए भी सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन चलाने का फैसला किया है। माल ढुलाई के लिए देश की पहली वंदे भारत ट्रेन दिल्ली-एनसीआर और मुंबई क्षेत्रों के लिए संचालित की जाएगी। भारत में फिलहाल यात्रियों के लिए वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा रही हैं। माल ढुलाई के लिए जो वंदे भारत ट्रेन चलेगी उसका ज्यादातर इस्तेमाल सुपरफास्ट पार्सल सर्विस के लिए किया जाएगा।
रेलवे बोर्ड की ओर से 11 अक्टूबर को जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को लिखी गई एक चिट्ठी के अनुसार, फ्रेट ईएमयू नाम की ये ट्रेनें एक सुपरफास्ट पार्सल सेवा के रूप में काम करेंगी जिसका उद्देश्य कम समय में अधिक से अधिक सामान ले जाना और उन कार्गो खेपों को अपनी तरफ मोड़ना है जिन्हें फिलहाल परिवहन के अन्य माध्यम से ले जाया जा रहा है।
160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से भरेगी फर्राटा
वंदे भारत मालगाड़ियों को 160 किमी प्रति घंटा की स्पीड से कंटेनर परिवहन के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें ऑटोमेटिक स्लाइडिंग दरवाजों के साथ 1800 मिमी चौड़े रेक में उन कंटेनरों को भी लोड किया जा सकता है जो कि एक निश्चित तापमान की जरूरत होती है। इसके साथ ट्रेन में रोलर फ्लोर सिस्टम और 264 टन का कुल पेलोड होगा।
चेन्नई में होगी ट्रेन का निर्माण
सूत्रों के मुताबिक, माल ढुलाई के लिए भी वंदे भारत ट्रेन का निर्माण भी चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में ही होगा। जहां फिलहाल यात्रियों के लिए चल रही वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण किया जा रहा है। इसी साल दिसंबर में वंदे भारत प्लेटफॉर्म पर पहला माल ईएमयू रेक शुरू होने की उम्मीद है।
पीएम मोदी चौथी वंदे भारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को देश में चौथी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इससे पहले देश में तीन ट्रेनों का संचालन किया जा रहा था। चौथी ट्रेन नई दिल्ली से चंडीगढ़ होते हुए हिमाचल प्रदेश के ऊना होते हुए अंब-अंदौरा तक चलेगी। देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के लिए चलाई गई थी। दूसरी नई दिल्ली से कटरा के लिए और तीसरी अहमदाबाद से मुंबई सेंट्रल के लिए लगाई। जिसे पीएम मोदी ने हाल में हरी झंडी दिखाई थी।
सेहत टिप्स /शौर्यपथ / दुनियाभर में 10 अक्टूबर का दिन विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर बढ़ रही दिमागी सेहत से जुड़ी समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक करने और इस बढ़ते खतरे को कम करना है। आइए आज इस खास मौके पर जान लेते हैं रोजाना की लाइफ से जुड़ी 5 ऐसी गलतियों के बारे में जो व्यक्ति की दिमागी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
नींद न आना-
जिन लोगों की रात की नींद पूरी नहीं होती है, उनमें समय के साथ चिंता-तनाव और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का जोखिम अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए अच्छी नींद महत्वपूर्ण है। नींद न आना आपके मूड, ऊर्जा के स्तर, प्रेरणा और मानसिक सेहत को प्रभावित कर सकता है। यदि आपको भी नींद से संबंधित दिक्कत है तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।
गुस्सा करने की आदत-
जिन लोगों को छोटी बातों पर भी गुस्सा करने की आदत होती है, उनका दिमाग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है। जब आप गुस्सा करते हैं, तो आपकी नसों पर दबाव पड़ता है, जो उन्हें कमजोर बनाता है। इसके कारण दिमाग की ताकत कम होने लगती है।
इनएक्टिव लाइफ स्टाइल-
शोध में भी पाया गया है कि ताजी हवा में सांस लेना और सूरज के संपर्क में रहना आपके दिमाग के लिए अच्छा है। घर के अंदर रहने की आदत आपमें चिंता-तनाव जैसे विकारों के जोखिम को बढ़ा सकती है।
जंक फूड खाने की आदत-
जंक फूड और शुगर का अधिक सेवन दिमाग पर बुरा असर डालता है। रिफाइंड शुगर खाने से दिमाग का विकास धीमा हो जाता है। जंक-प्रोसेस्ड फूड्स खाने की आदत आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। जंक फूड खाने की जगह अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए फाइबर, विटामिन से भरपूर और साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। हम जिस प्रकार के आहार का सेवन करते हैं वह सीधे तौर पर हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
स्क्रीन टाइम का बढ़ना-
स्क्रीन पर अधिक समय बिताने की आदत आपके मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर तौर से प्रभावित कर सकती है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि स्क्रीन पर अधिक समय बिताने वाले लोगों में अवसाद, चिंता और ब्रेन फॉग जैसे विकारों और नकारात्मक भावनाओं के विकसित होने का जोखिम अधिक होता है।
दिमाग को तेज बनाती हैं ये चीजें-
-डार्क चॉकेलट
-ग्रीन टी
-ब्रोकली
-अखरोट
-बादाम
-बेरी
-अनार
-कद्दू के बीज
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /दुनिया भर में भारतीय सामाजिक व्यवस्था की मिसाल दी जाती है। यहां हर दिन, हर मौसम में कोई न कोई अवसर ऐसा आ ही जाता है, जिसके बहाने आप दूसरों से घुलते-मिलते हैं। इस सौहार्द और अपनेपन के बावजूद कुछ लोग लगातार अकेले पड़ते चले जाते हैं और हम मान लेते हैं कि वे ऐसे ही हैं। हम किसी को चिड़चिड़ा, तो किसी को गुस्सैल मानकर पीछे हटने लगते हैं। जबकि कभी-कभी घुन्ने, लो कॉन्फीडेंस या एकांतप्रिय होने के टैग देने से भी नहीं घबराते। जबकि जरूरत है इस तरह के व्यवहार के कारण को समझकर उस व्यक्ति की मदद करना। यहां हम ऐसी 5 मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं (5 most ignored mental health issues) के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्हें अकसर लोग किसी का नेचर समझकर उसे अलग-थलग कर देते हैं।
इन संकेतों को समझना है जरूरी (Signs of mental health issues)
क्या आप इन दिनों लो महसूस कर रही हैं? आपको लगता है कि अब तक की आपकी जिंदगी व्यर्थ साबित हुई है। अब तक आपने कुछ विशेष हासिल नहीं किया है। ये सारे विचार आपके दिमाग में अचानक आते हैं। इसके बाद आप खुद को बहुत अकेला और असहाय महसूस करने लगती हैं।
आप कभी बहुत दुखी महसूस करने लगती हैं, तो कभी खुशी भी महसूस करती हैं। पर खुश होने का भाव कुछ मिनट के लिए ही मन में आता है। फिर आप दुख में डूबने लगती हैं। आपमें नकारात्मक विचार ज्वार-भाटे की तरह आते हैं और गायब हो जाते हैं। यदि आप भी इन विचारों से जूझ रही हैं, तो आपको इन्हें इग्नोर नहीं करना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर विस्तार से बात करने के लिए हमारे साथ हैं पारस हॉस्पिटल गुरुग्राम के सीनियर कंसलटेंट साइकाइट्री डॉ. आर सी जिलोहा ।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस
डॉ. आर सी जिलोहा बताते हैं, “विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया की लगभग 12 प्रतिशत आबादी को मेंटल और बिहेवियरल परेशानी है। भारत में 1000 में लगभग 100 लोगों को मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम हैं। जबकि वास्तविक समस्या आंकड़ों से अधिक भी हो सकती है।
भारत में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च संस्था द्वारा मेंटल हेल्थ पर किये गये रिसर्च के निष्कर्ष और भी चिंताजनक हैं। इनमें सामने आया है कि भारत में मेंटल हेल्थ के प्रति अनदेखी के कारण बड़ी संख्या में लोगों के समस्याग्रस्त होने का पता ही नहीं चल पाता। लोग जब उपचार के लिए आगे नहीं आते, तो समस्या और बढ़ जाती है।”
आत्महत्या के मामलों और दूसरी मानसिक समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे या विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाना शुरू किया। इसका उद्देश्य लोगों में मेंटल हेल्थ इश्यूज के प्रति जागरूकता बढ़ाना और मानसिक रूप से स्वस्थ करने का प्रयास करना भी है।
यहां हैं वे 5 मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जिन्हें लोग अकसर इग्नोर कर देते हैं
1 खुद को कमतर आंकना
हाल में एक ऐसी महिला मिली, जिन्होंने पिछले पंद्रह दिनों से अपने-आपको घर में कैद कर लिया था। वे परिवार के सदस्यों से न के बराबर बात करती थीं। बाहरी लोगों से तो उन्होंने मिलना-जुलना बहुत पहले ही छोड़ दिया था।
बातचीत करने पर पता चला कि उन्हें ऐसा लगता है कि गृहणी के रूप में उन्होंने अपना जीवन बर्बाद कर लिया है। औरों के मुकाबले उनके जीवन का कोई मूल्य नहीं है। अपने आप को कम आंकने की यह प्रवृत्ति डिप्रेशन की ओर भी ले जा सकती है।
यदि आपके मन में भी ऐसे विचार आते हैं, आप स्वयं को दूसरों की अपेक्षा कमतर आंकने लगी हैं, तो आपको इसे अपनी आदत या किस्मत मानकर इग्नोर नहीं करना चाहिए। यह मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो सकती है। जिसके लिए आपको तुरंत मनोचिकित्सक से मिलना चाहिए।
2 ध्यान एक जगह स्थिर नहीं कर पाना (frequent distraction)
डॉ. आर सी जिलोहा बताते हैं, “किसी भी काम को करने में मन न लगना, एक काम को छोड़कर दूसरा काम करने लगना, माइंड किसी एक स्थान पर कंसन्ट्रेट न रह पाना या काम करते हुए ध्यान भंग हो जाना, ऊब जाना भी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। आपको इन पर ध्यान देकर इनका कारण समझने की कोशिश करनी चाहिए।
अगर ऐसा लगातार हो रहा है और इससे आपकी प्रोडक्टिविटी प्रभावित हो रही है, तो आपको मनोचिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
3 अक्सर बहुत अधिक गुस्से में आ जाना
यदि आप छोटी-छोटी बात पर अपना आपा खो देती हैं। किसी भी सामान को उठाकर इधर-उधर फेंकने लग जाती हैं। गुस्से में सामने वाले व्यक्ति पर भी सामान फेंक देती हैं।
किसी सामान्य व्यक्ति को भी अपना दुश्मन मानने लगती हैं, तो आपको तुरंत मनोचिकित्सक से मिलना चाहिए। ये समस्या किसी अंतर्निहित दबाव की ओर इशारा कर रहीं हैं। जिसे आपको ठीक से समझना होगा।
4 अक्सर कल्पनालोक में रहना
यदि आप यथार्थ की बजाय कल्पना में जीने लग रही हैं, हमेशा यह कहती हैं कि जिस दुनिया में हमलोग रह रहे हैं, वह माया-मोह है। हमें किसी और दुनिया में रहना चाहिए। ये सभी विचार हेलुसिनेशन(hallucination)में जीने के संकेत हो सकते हैं। इसके पीछे लंबे समय से नशा करना भी कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में परिवारवालों को आगे बढ़कर डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
5 अकेले रहना
डॉ. आर सी जिलोहा कहते हैं, “यदि घर का कोई भी व्यक्ति अकेले रहना पसंद करने लगा है। लंबे समय से किसी भी व्यक्ति से बात करना पसंद न करना, पूछने पर हमेशा निराशावादी विचार प्रकट करना, महसूस कर रहे हों, तो आपको उनके प्रति सावधान हो जाना चाहिए।
संभव है कि वे आत्महत्या करने की योजना बना रही हों या कभी इसके लिए प्रयास भी कर चुकी हों। उन्हें तुरंत मनोचिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।”
खेल /शौर्यपथ /भारत और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के बीच वाका की पिच पर दूसरा वॉर्म-अप मैच खेला जा रहा है। भारत को पहले गेंदबाजी का मौका मिला और पहले छह ओवरों में वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने महज एक विकेट पर 54 रन ठोक डाले थे। वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की इस शुरुआत के बाद ऐसा लग रहा था कि भारतीय गेंदबाजों का आज दिन नहीं है और कम से कम 190 से ऊपर का टारगेट तो टीम इंडिया को मिलेगा ही। आर अश्विन और हर्षल पटेल ने हालांकि टीम को संकट से निकाला। खासकर आर अश्विन ने जिन्होंने 17वें ओवर में महज दो रन देकर तीन विकेट निकाले।
इस ओवर से पहले हालांकि अश्विन की भी जमकर पिटाई हुई थी। अक्षर पटेल के खाते में भले ही विकेट नहीं आया, लेकिन उन्होंने तीन ओवर में 22 रन ही खर्चे। वहीं हर्षल पटेल ने पहले मैच में पिटाई के बाद दमदार वापसी की। हर्षल ने पिछले वॉर्म-अप मैच में 49 रन लुटाए थे, लेकिन इस मैच में चार ओवर में 27 रन देकर दो विकेट निकाले।
अर्शदीप सिंह ने तीन ओवर फेंके और 25 रन खर्चकर एक विकेट निकाला। अश्विन और हर्षल की गेंदबाजी टीम इंडिया के लिए काफी बड़ा पॉजिटिव प्वॉइंट रहा। हार्दिक पांड्या ने भी दो ओवर किए और इस दौरान 17 रन खर्चे, जबकि दीपक हुड्डा ने अपने दो ओवर में 22 रन लुटा डाले। 10 ओवर में वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया का स्कोर एक विकेट पर 78 था, लेकिन 20 ओवर में टीम आठ विकेट पर 168 रन ही बना पाई। टीम इंडिया को जीत के लिए 169 रन बनाने होंगे।
मनोरंजन /शौर्यपथ /RRR जैसी फिल्मों को पछाड़ते हुए भारत की तरफ से ऑस्कर के लिए गई फिल्म लास्ट फिल्म शो वो फिल्म है जो हर फिल्म देखने वाले के दिल को छूने का माद्दा रखती है। फिल्म देखने के बाद यह साफ हो जाता है कि क्यों ये फिल्म भारत की तरफ से ऑस्कर के लिए गई थी। फिल्म में थिरकने को मजबूर करने वाले गाने नहीं हैं, बड़ी स्टार कास्ट नहीं है, बहुत ग्लैमर नहीं है, लेकिन बावजूद इसके यह फिल्म बहुत खास है। चलिए जानते हैं क्यों?
क्या है Last Film Show की कहानी?
छेल्लो शो या लास्ट फिल्म शो समय नाम के एक लड़के की कहानी है जो सुदूर खेत-खलिहानों के बीच पड़ने वाले एक रेलवे स्टेशन पर चाय बेचता है। उसके पिता की इसी स्टेशन पर चाय की दुकान है और स्टेशन के पीछे थोड़ी ही दूरी पर खेतों के बीच एक कच्चा घर है जिसमें उसका परिवार रहता है।
समय के पिता को फिल्मों से नफरत है। लेकिन एक दिन उसे पता चलता है कि उसके पापा सबको फिल्म दिखाने शहर ले जा रहे हैं। पूछने पर समय को पता चलता है कि यह एक धार्मिक फिल्म है इसलिए वह लोग फिल्म देखने जा रहे हैं। थिएटर में समय के पिता उसे बताते हैं कि फिल्में देखना अच्छी बात नहीं होती है। इसलिए यह उसके जीवन का पहला और आखिरी शो है जिसे वो देखने आए हैं।
लेकिन समय के लिए फिल्म देखने का यह पहला और आखिरी अनुभव किस तरह उसकी पूरी जिंदगी बदलकर रख देता है यहीं से शुरू होती है वो दिलचस्प कहानी जो कई लेयर्स खोलती है और हर एक परत एक नई तरह की कहानी लेकर आती है। जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है वैसे-वैसे आप समझने लगते हैं कि समय की कहानी असल में भारतीय सिनेमाघरों में आए बदलावों की कहानी है।
समय को कहानियां सुनना और सुनाना पसंद है। वह स्टेशन पर चाय बेचने के बाद पटरियों पर घूम-घूमकर माचिस की डिब्बियां बीनता है और फिर इन डिब्बियों पर बने चित्रों के जरिए एक कहानी बनाता है जिसे वो अपने दोस्तों को सुनाता है। लेकिन जब समय थिएटर में फिल्म देखने जाता है तो उसे सिनेमाघर की उस तकनीक से प्यार हो जाता है जिसके जरिए कहानियों को सुनने के साथ-साथ देखा भी जा सकता है।
धीरे-धीरे समय की दोस्ती प्रोजेक्टर रूम में काम करने वाले एक शख्स से हो जाती है। समय फजान नाम के इस शख्स को अपनी मां के हाथ का बनाया लजीज खाना खिलाता है जिसके बदले में वह उसे प्रोजेक्टर रूम में बैठकर फिल्म देखने देता है। धीरे-धीरे समय सिनेमाघर की सारी तकनीकियां सीख लेता है। लेकिन एक दिन समय और फजान की जिंदगी में भूचाल आ जाता है जब उन्हें पता चलता है कि थिएटर से पुराने निगेटिव रोल वाले प्रोजेक्टर्स को हटाया जा रहा है।
फिल्म में क्या अच्छा, क्या बुरा?
समय की कहानी के जरिए आप भारतीय सिनेमा के एक पूरे युग को जीते हैं। फिल्म बहुत डाउन टू अर्थ है। बचपन की वो मासूमियत और सादगी आपको पूरे वक्त मुस्कुराते रहने पर मजबूर करती है। फिल्म में एक कमाल का सादापन है जो आपके दिल को छू जाता है। जिस तरह के सीन और बैकग्राउंड म्यूजिक का इस्तेमाल हुआ है वो बहुत कमाल का है। हर एक कलाकार ने अपना काम बखूबी किया है और कहना होगा कि डायरेक्शन के मामले में नलिन ने अपना बेस्ट दिया है। फिल्म के जरिए उन दिग्गजों को सलाम किया गया है जिन्होंने सिनेमा को वहां पहुंचाया जहां ये आज है।
फिल्म देखनी चाहिए या नहीं?
इस सवाल का जवाब थोड़ा सब्जेक्टिव है। अगर आपको थिरकने के लिए मजबूर कर देने वाला म्यूजिक, ग्लैमर, हीरोइज्म, दमदार एक्शन, रोमांस या ड्रामा देखना है तो 'लास्ट फिल्म शो' आपके लिए नहीं है। लेकिन अगर आप रूटीन सिनेमा से हटकर कुछ बहुत खास और यूनिक देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए है। फिल्म आपके दिल को एक अजीब का सुकून देती है और एक ऐसी कहानी सुनाती है जिससे ज्यादातर लोग अछूते ही रहे हैं। समय की शैतानियां कई बार आपको हंसाती हैं तो कई बार उसके मासूम सवाल आपको सोचने के लिए मजबूर कर देते हैं। कुल मिलाकर एक बहुत खूबसूरत और कमाल की फिल्म है।
लाइफस्टाइल /शौर्यपथ /रिश्ता चाहे कोई भी हो, उसकी नीव प्यार, विश्वास और एक दूसरे के लिए सम्मान पर टिकी हुई होती है। आपका रिलेशनशिप कितना स्ट्रॉन्ग है यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप दोनों के बीच खुलकर कितनी बातचीत होती है। अक्सर लोगों के बीच रिश्ते टूटने का सबसे बड़ा कारण ही एक दूसरे को समय न देना और कन्वर्सेशन की कमी होती है। वहीं जब दो लोग एक रिश्ते में प्यार के साथ भरोसा भी रखते हैं तो उनकी इमोशनल बॉन्डिंग और मजबूत बनती है। लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसे पार्टनर भी होते हैं जो अपने रिश्ते में दूसरे व्यक्ति को धोखा दे रहे होते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही धोखेबाज पार्टनर से जुड़े उन 3 सवालों के बारे में, जिनका जवाब वो कभी नहीं देता।
इन सवालों का जवाब कभी नहीं देते धोखेबाज पार्टनर-
क्या मैं आपका फोन यूज कर सकती हूं-
धोखेबाज पार्टनर आपको कभी भी अपना फोन यूज करने के लिए नहीं देगा। ऐसा करने से बचने के लिए वो आपके सामने कई बहाने बनाने लगेगा। ताकि आप उसका फोन यूज न कर पाएं। हो सकता है उसे अपने किसी राज के खुलने का डर सता रहा हो। हालांकि हर केस में ऐसा हो जरूरी नहीं। बेहतर होगा पार्टनर पर जबरदस्ती की जासूसी न करें सीधे से बता दें कि आपके मन में क्या चल रहा है।
बहुत ज्यादा बिजनेस ट्रिप्स-
अधिकतर ऑफिसों में लोगों को बिजनेस ट्रिप के लिए बाहर जाना पड़ता है। ऐसा अगर महीने में 1 या 2 बार होता है तो यह नॉर्मल है लेकिन अगर आपका पार्टनर आए दिन आपको बिजनेस ट्रिप का बहाना देकर कई दिनों के लिए घर से बाहर रहता है तो आपको थोड़ा अलर्ट हो जाना चाहिए। ऐसे में आपका उनसे पूछना कि आजकल बहुत ज्यादा बिजनेस ट्रिप्स क्यों लग रहे हैं।
क्या तुम मुझे चीट कर रहे हो?-
आपका पार्टनर अगर धोखेबाज है तो आपके इस सवाल का जवाब वो आपको कभी नहीं देगा। अगर आपके इस सवाल का वो तसल्ली से आपको जवाब दे देता है तो समझ जाएं कि वो धोखेबाज नहीं है लेकिन अगर वह बहाने बनाने लगे तो वो आपको हो सकता है चीट कर रहा हो।
इन चीजों को देखकर भी समझ जाए कि पार्टनर दे रहा है आपको धोखा
- खर्चों के बारे में ना बताना
- सोशल मीडिया पर सीक्रेट अकाउंट
- क्रेडिट कार्ड्स के बिल छुपाना
- अपने लुक पर पहले की तुलना में बहुत ज्यादा ध्यान देना
-फोन में लॉक या पासवर्ड लगाना
- झूठ बोलना
- आपके सरप्राइज देने से बहुत गुस्सा होना।
डिस्क्लेमर: कई बार जरूरत से ज्यादा बेवजह शक करना भी पार्टनर के डिस्ट्रैक्ट होने की वजह हो सकती है। हो सकता है इस वजह से भी वह आपके सवालों का जवाब ठीक से न दे। बेवजह जासूसी करने से बेहतर है कि आप ठीक से बैठकर बात कर लें।
खाना खजाना /शौर्यपथ /क्या आपने कभी ढाबे वाले भरवा बैंगन करी खाए हैं? यह सवाल पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि भल ढाबे पर बैंगन कौन-ऑर्डर करता है? लेकिन आपको बता दें कि ढाबे पर बनने वाले बैंगन स्वाद के मामले में पनीर, गोभी और किसी और पॉप्युलर सब्जी तक को फेल कर सकते हैं। यह बैंगन इतने मसालेदार होते हैं कि आप इन्हें रोटी, नान और यहां तक की चावल के साथ भी खा सकते हैं। आइए, जानते हैं कैसे बनाएं ढाबा स्टाइल भरवा बैंगन करी।
भरवा बैंगन करी बनाने की सामग्री-
बैंगन
मूंगफली
साबुत धनिया
हल्दी
लाल मिर्च
गरम मसाला
अमचूर
नमक
हींग
तेजपत्ता
टमाटर
जीरा
भरवा बैंगन करी बनाने की विधि-
सबसे पहले एक बैंगन को धोकर इन्हें एक्स की शेप में चीरा लगाकर काट लें। बैंगन छोटे आकार वाले लें। अब इसे अच्छी तरह साफ करके पानी में भिगो दें। अब एक पैन में मूंगफली, साबुत धनिया, जीरा, सौंफ और मेथी रोस्ट कर लें। आंच कम होनी चाहिए। अब इस मसाले को मिक्सी जार में ठंडा करके डालें। इसमे हल्दी, नमक, लाल मिर्च और अमचूर पाउडर डालकर पीस लेंं। अब इसका पाउडर एक कटोरी में निकालकर इस सूखे पाउडर को बैंगन में भर दें। अब एक कहाड़ी में घी डालें। इसमें हींंग, जीरा और तेजपत्ता डालकर रोस्ट करें। अब इसमें बैंगन डालकर पकने के लिए रख दें। अब बैंगन 15-20 मिनट में पक जाएं, तो इन्हें आराम से पकड़कर एक प्लेट में निकाल लें। अब इसी कहाड़ी में थोड़ा तेल डालें। बारीक कटा प्याज डालकर भूनें। अब हल्दी, नमक, गरम मसाला डालकर भून लें। अब टमाटर प्यूरी डालें। अच्छी तरह पका लें। अब बैंगन को इसमें डाल दें। थोड़ा-पानी डालें। मसालेदार ग्रेवी बना लें। आपकी भरवा बैंगन करी तैयार है।