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नई दिल्ली / शौर्यपथ /केरल में काले जादू की वजह से मानव बलि देने का मामला सामने आने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस ने बुधवार को इस मामले में कई सनसनीखेज खुलासे किए। पुलिस ने बताया कि एक शव के कुल 56 टुकड़े किए गए थे। कोच्चि के कमिशनर सीएच नागराजू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुख्य आरोपी शफी का आपराधिक अतीत रहा है और उसने दंपति - भगवल सिंह और उसकी पत्नी लैला को फंसाया, जिन्होंने पैसों के लिए ये बलि दी। शफी को मनोरोगी बताते हुए कमिश्नर ने कहा कि इस बात की जांच की जाएगी कि उसने दंपत्ति को कैसे मना लिया। दूसरी ओर पुलिस ने आगे बताया कि दंपति का कोई आपराधिक अतीत नहीं है।
क्रूर तरीके से हुई पीड़ितों की हत्या
आयुक्त ने बताया कि पीड़ितों को क्रूर तरीके से मारा गया। शरीर के अंगों को भगवल सिंह के घर के परिसर के विभिन्न हिस्सों में दफनाया गया था। पीड़ितों के निजी अंगों में भी चोट लगी थी। साथ ही, शफी ने पीड़ितों को प्रताड़ित करने में आनंद भी लिया। आरोपियों में से एक लैला ने कबूल किया है कि उन्होंने (उन तीनों ने) पीड़ितों के शरीर के एक हिस्से को पकाकर भी खाया। तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
शफी ने कपल का किया ब्रेनवॉश
यह सनसनीखेज घटना मंगलवार को सामने आई जब पुलिस गुमशुदगी की शिकायत की जांच कर रही थी। सुरागों के बाद, पुलिस ने पाया कि तांत्रिक मोहम्मद शफी ने मानव बलि देने के लिए एक कपल का ब्रेनवॉश किया और उन्हें आर्थिक लाभ मिलने का वादा किया। यह उनकी दूसरी शिकार थी, जबकि पहली शिकार एक अन्य महिला थी जिसे जून में मार दिया गया था।
शफी ने कपल को दूसरी बलि के लिए किया तैयार
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी शफी एक कट्टर अपराधी है और विभिन्न थानों में आठ मामलों का सामना कर रहा है। उसके अपराधों की सूची में बलात्कार, अतिचार, शराब के नशे में झगड़ा और धोखाधड़ी शामिल है। पुलिस ने कहा कि उसने पुलिस को झांसा देने के लिए हर साल अपना घर बदला और ज्यादातर शिविरों में रहा। लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए उसने सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। दंपति ने उसके साथ संपर्क किया और 'अनुष्ठान' के लिए 1.50 लाख रुपये का भुगतान किया जिसमें मानव बलि भी शामिल थी। जून में पहली बलि के बाद, दंपति ने जब कोई वित्तीय सुधार नहीं देखा और शफी के पास गया और फिर शफी ने उनको दूसरी बलि लेने के लिए तैयार किया।
नई दिल्ली /शौर्यपथ /सुप्रीम कोर्ट में साल 2016 में हुई नोटबंदी की संवैधानिक वैधता पर बुधवार को सुनवाई हुई। याचिका पर कोर्ट ने केंद्र सरकार और आरबीआई से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी। बता दें कि साल 2016 में केंद्र सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था, जिसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को कहा कि वह सरकार के नीतिगत फैसलों की न्यायिक समीक्षा पर 'लक्ष्मण रेखा' से अवगत है, लेकिन यह तय करने के लिए 2016 के नोटबंदी के फैसले की जांच करनी होगी कि क्या यह मुद्दा केवल "अकादमिक" अभ्यास बन गया है। पांच जजों के एस ए नज़ीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जब संविधान पीठ के सामने कोई मुद्दा उठता है, तो जवाब देना उसका कर्तव्य है।
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने कहा कि जब तक नोटबंदी पर एक्ट को उचित तरीके से चुनौती नहीं दी जाती, तब तक यह मुद्दा अनिवार्य रूप से अकादमिक रहेगा। विमुद्रीकरण अधिनियम 1978 में कुछ उच्च मूल्य के नोटों के विमुद्रीकरण के लिए जनहित में प्रदान करने के लिए पारित किया गया था ताकि अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक पैसों के अवैध ट्रांसफर की जांच की जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह घोषित करने के लिए कि क्या यह एकेडेमिक है या निष्फल है, उसे मामले की जांच करने की जरूरत है क्योंकि दोनों पक्ष सहमत नहीं हैं। कोर्ट ने कहा, ''मुद्दे का जवाब देने के लिए, हमें सुनवाई करनी होगी।''कोर्ट की बेंच ने कहा, "हम हमेशा जानते हैं कि लक्ष्मण रेखा कहां है, लेकिन जिस तरह से इसे किया गया था, उसकी जांच की जानी चाहिए। हमें यह तय करने के लिए वकील को सुनना होगा।'' उधर, केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शैक्षणिक मुद्दों पर अदालत का समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
मेहता की दलील पर आपत्ति जताते हुए याचिकाकर्ता विवेक नारायण शर्मा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि वह 'संवैधानिक पीठ के समय की बर्बादी' जैसे शब्दों से हैरान हैं, क्योंकि पिछली बेंच ने कहा था कि इन मामलों को एक संविधान बेंच के समक्ष रखा जाना चाहिए। एक पक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम ने कहा कि यह मुद्दा अकादमिक नहीं है और इसका फैसला शीर्ष अदालत को करना है। उन्होंने कहा कि इस तरह की नोटबंदी के लिए संसद के एक अलग एक्ट की आवश्यकता है। बता दें कि 16 दिसंबर, 2016 को तत्कालीन सीजेआई टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटबंदी की वैधता वाली याचिका को पांच न्यायाधीशों की एक बड़ी बेंच के पास भेज दिया था।
नई दिल्ली /शौर्यपथ /तमिलनाडु के सलेम जिले में एक 20 साल की प्रेग्नेंट युवती को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के मुताबिक उसने कॉलेज में पढ़ने वाले अपने ही क्लासमेट से शादी की थी जो कि नाबालिग था। अप्रैल में नाबालिग छात्र अचानक गायब हो गया था। बाद में पता चला कि वह अपनी एक सीनियर स्टूडेंट के साथ रह रहा है। लड़के के मां-बाप ने अदालत में याचिका दाखिल की।
युवती को मेडिकल जांच के लिए भेजा जाएगा। पुलिस का कहना है कि युवती पर पॉक्सो ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने नाबालिग लड़के को उसके मां-बाप के हवाले कर दिया है।
इसी तरह के एक दूसरे मामले में 17 साल के लड़के ने एक नाबाबिग लड़की से शादी कर ली। मामला कुड्डालोर जिले का है। इसके बाद आरोपी किशोर को हिरासत में लिया गया है। दरअसल उसका एक वीडियो वायरल हो गया था। वह बस स्टैंड पर लड़की को मंगलसूत्र पहना रहा था। पुलिस ने लड़के के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया है और उसे ऑब्जर्वेशन होम भेज दिया है।
पुलिस का कहना है कि लड़के के लड़की के साथ शारीरिक संबंध थे। उसे मेडिकल एग्जामिनेशन के लिए भेजा जाएगा। वहीं पुलिस ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करने के आरोप में भी एक शख्स को गिरफ्तार किया है और उसपर एससी/एसटी ऐक्ट लगाया गया है।
नई दिल्ली /शौर्यपथ /कोरोना महामारी के चलते दो साल के ब्रेक के बाद चीन ने 1300 से ज्यादा भारतीय छात्रों को वीजा जारी किया है। दरअसल चीन में महामारी की शुरुआत से ही सख्त कोविड-19 प्रतिबंध लागू हैं। इसके चलते भारत और चीन से सीधी उड़ानें भी दो साल से बंद हैं। हालांकि सीधी उड़ानें शुरू होने की संभावना नहीं है लेकिन चीन ने 1,300 से अधिक भारतीय छात्रों को अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने के वास्ते चीन लौटने के लिए वीजा दे दिया है।
चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के एक अधिकारी लियू जिनसोंग ने चीन में भारतीय राजदूत लुओ गुओडोंग से मुलाकात की और उन्हें आगे की प्रगति की जानकारी दी। चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "1,300 से अधिक भारतीय छात्रों ने चीन आने के लिए वीजा प्राप्त किया है, और दो बैचों में लगभग 300 व्यवसायियों ने चीन एयरलाइंस की एक चार्टर्ड उड़ान से यिवू शहर, झेजियांग प्रांत के लिए उड़ान भरी है।" चीन ने कहा कि 300 भारतीय व्यवसायी अपना चार्टर्ड फ्लाइट से चीनी औद्योगिक शहर यिवू पहुंचे हैं।
चीनी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले हजारों भारतीय छात्र इस समय घर में ही फंसे हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 23,000 से अधिक भारतीय छात्र वर्तमान में विभिन्न चीनी विश्वविद्यालयों में नामांकित हैं, जिनमें से अधिकांश मेडिकल छात्र हैं। भारत लंबे समय से चीन से छात्रों की वापसी की अनुमति देने का आग्रह कर रहा है। जुलाई में चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुई बातचीत में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए भारतीय छात्रों की चीन वापसी का मुद्दा उठाया था।
भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें फिलहाल फिर शुरू होने की संभावना नहीं
कोविड-19 महामारी संबंधी नियमों में बदलाव के बिना भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानों का संचालन फिलहाल फिर से शुरू होने की संभावना नहीं है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। वर्ष 2019 के अंत में वुहान में पहली बार कोविड-19 संक्रमण और बाद में दुनियाभर में इसके फैलने के बाद से दोनों देशों के बीच उड़ान सेवाएं बाधित हैं। महामारी संबंधी प्रतिबंधों के कारण सैकड़ों भारतीय छात्र, चीन में काम करने वाले भारतीयों के परिवारों और व्यापारियों के लिए उड़ान में व्यवधान एक बड़ी समस्या बन गया है। चीन ने हालांकि हाल में लगभग तीन साल बाद वीजा प्रतिबंध हटा लिया है।
सूत्रों ने यहां बताया कि उड़ानों के फिर से शुरू नहीं होने की संभावना को देखते हुए भारतीयों को हांगकांग से यात्रा करने की सलाह दी जा रही है। भारत और हांगकांग के बीच दैनिक उड़ान सेवाओं का संचालन हो रहा है। ऐसी स्थिति में भारतीय हांगकांग से चीन के शहरों के लिए उड़ान भर सकते हैं, जहां उन्हें सात दिन तक पृथकवास(क्वारंटाइन) में रहना होगा। भारतीय यात्री चीन के लिए फिलहाल श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों से यात्रा कर रहे हैं।
चीन ने वर्ष 2020 में लगभग सभी देशों से उड़ान सेवाएं बंद कर दीं थी। हाल के महीनों में चीन ने दक्षिण एशियाई देशों नेपाल, श्रीलंका और पाकिस्तान समेत कुछ देशों से सीमित उड़ान सेवाओं की अनुमति देना शुरू कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन सीमित उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए कई महीनों से बातचीत कर रहे हैं। लेकिन कोविड संक्रमित यात्री मिलने पर उड़ान रद्द करने से संबंधित चीन के नियम के कारण सीधी उड़ानों का संचालन शुरू नहीं हो रहा है।
विमानन कंपनियों को नियम का पालन करना कठिन लगता है क्योंकि वे कोविड का परीक्षण नहीं करते हैं जो चीन की यात्रा करने वाले सभी यात्रियों के लिए अनिवार्य हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू होने की संभावना तब तक नहीं है, जब तक कि चीन इस नियम को खत्म नहीं कर देता।
शौर्यपथ / फेंगशुई चीन की एक पद्धति है जिसके अनुसार मनुष्य और प्रकृति के बीच तालमेल बिठाने का प्रयास किया जाता है। फेंगशुई चीजों को घर और ऑफिस में रखने से पूरा एनवायरनमेंट पॉजिटिव एनर्जी से भर जाता है और उस जगह का मौहोल बेहद खुशनुमा हो जाता है। वास्तु शास्त्र की तरह फेंगशुई में भी कुछ उपाय बताए गए हैं। जिसको अपनाकर आप आस- पास की निगेटिव एनर्जी को पॉजिटिव में बदल सकते हैं।
फेंगशुई कैट- फेंगशुई में कैट को बेहद शुभ माना गया है। इसे सुख समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। जापान में इसे लकी कैट या मनी कैट भी कहते हैं। फेंग शुई कैट को ऑफिस में रखने से कारोबार में तरक्की आती है।
- घर में सौभाग्य की वृद्धि के लिए हरे रंग की कैट उत्तर -पूर्व दिशा में रखना बहुत शुभ माना जाता है।
- नीले रंग की कैट दक्षिण- पूर्व दिशा में रखने से घर में धन की कमी नहीं होती।
- लाल रंग की कैट दक्षिण पश्चिम दिशा में रखने सेपति पति के भी पति पत्नी के बीच का प्यार बढ़ता है।
फेंगशुई ऊंट- फेंगशुई ऊंट को मेहनत और सफलता का प्रतीक माना जाता है ऑफिस के उत्तर पश्चिम दिशा में फेंगशुई ऊंट की मूर्ति रखने से चारों तरफ पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह होता है। जिससे कार्य में आने वाली समस्या और तनाव से छुटकारा मिलता है।
- फेंगशुई ऊंट को जीवन की मुश्किल परिस्थिति में सफल होने वाले जीव के तौर पर माना जाता है।
- घर की आर्थिक स्थिति खराब होने पर या धन की कमी होने पर फेंगशुई ऊंट को घर के उत्तर पश्चिम दिशा में रखने से धन लाभ होता है।
कछुआ- शस्त्रों के अनुसार कछुआ को भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। धातु से बना कछुआ घर में रखने पर घर की उत्तर दिशा में रखने पर घर पर मां लक्ष्मी का आशीष बना रहता है। यदि आप कारोबार में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं तो ऐसे में क्रिस्टल से बना एक कछुआ रखना बेहद लाभकारी साबित हो सकता है।
- कछुए को लंबी आयु और पॉजिटिव एनर्जी का भी प्रतीक माना जाता है। फेंगशुई के अनुसार कछुए को घर में रखने से हर प्रकार की समस्या दूर हो जाती है और व्यक्ति प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ने लगता है।
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / सुहागनों का इंतजार खत्म होने वाला है। कल यानी 12 अक्टूबर को करवाचौथ का व्रत रखा जाएगा। इस दिन का इंतजार हर सुहागन महिला बड़ी बेसब्री से इतंजार करती है। करवा चौथ के व्रत में सबसे खास होती है सरगी। जो सास अपनी बहू को देती है। सरगी की थाली में सुहाग की चीजों के साथ ही मिठाइयां, फल, ड्राई फ्रूट्स जैसी कई चीजें शामिल होती हैं। सुबह इन्हें खाकर महिलाएं अपना करवा चौथ का व्रत शुरू करती हैं। जिसके बाद शाम को चांद की पूजा के बाद पति के हाथ से पानी पीकर ही अपना व्रत खोलती हैं। सरगी में हमेशा ऐसी चीजों को शामिल किया जाता है, जिससे महिला को पूरे दिन भूख न लगे। इसी चीज को ध्यान में रखते हुए आप भी अपनी सरगी में गोभी का पराठा शामिल कर सकती हैं। आइए जान लेते हैं क्या है इसे बनाने का आसान और टेस्टी तरीका।
गोभी का पराठा बनाने के लिए सामग्री-
-2 कप गेहूं का आटा
-1/2 कप घी
भरावन सामग्री-
-2 कप गोभी, कद्दूकस
-2 टेबल स्पून हरा धनिया, टुकड़ों में कटा हुआ
-1 टी स्पून अदरक, बारीक कटा हुआ
-1 टी स्पून हरी मिर्च, बारीक कटी हुई
-1 टेबल स्पून नमक
-1 टेबल स्पून नींबू का रस
गोभी का पराठा बनाने की विधि-
गोभी का पराठा बनाने के लिए सबसे पहले गेहूं के आटे को पानी में गूंथकर उसकी छोटी लोई बनाकर उसे हल्का बेल लें। अब किनारों को कप की शेप में हल्का मोड़ लें। बीच में गोभी का मिश्रण रखें और इसे चारों ओर से बंद करके बेल लें। हल्का सूखा आटा लगाएं, जिससे ये बेलते समय न फटे। अब इसके बाद तवा को आंच पर गर्म कर लें। जब तवा अच्छी तरह गर्म हो जाए, तो आंच को हल्का कर दें। बेला हुआ पराठा डालें। जब किनारे हल्के फूलने लगें, तो इसके ऊपर घी लगाएं। जब ये एक तरफ से सिक जाए, तो इसे पलट लें। ऐसे ही पराठे को दूसरी तरफ से भी सेकें। आंच से उतारकर गर्मा-गर्म परोसें।
करवाचौथ पर बनाएं लाजवाब स्वाद वाली अचारी गोभी, कम समय में होगी तैयार
अचारी गोभी बनाने के लिए आपको चाहिए-
-गोभी
-प्याज
-मेथी दाना
-राई
-हींग
-जीरा
-सौंफ
-जीरा पाउडर
- कलौंजी
- नमक
- हल्दी पाउडर
- लाल मिर्च पाउडर
- धनिया पाउडर
- हरी मिर्च पाउडर
- अदरक-लहसुन का पेस्ट
- दही
- सरसों का तेल
- हरा धनिया
- अदरक
कैसे बनाएं अचारी गोभी
1) इसे बनाने के लिए तेल गरम करें और फिर इसमें मेथी दाना, राई, जीरा, कलौंजी, सौंफ और हींग डालें।
2) धनिया पाउडर, जीरा पाउडर डालें और इसे अच्छे से चटकने दें। फिर इसमें कटा हुआ प्याज डालें और अच्छे से भूनें।
3) अब इसमें कटी हुई हरी मिर्च, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर डालें और एक मिनट के लिए फिर से भूनें। अब इसमें गोभी के फूल और नमक को डालें।
4) इसी के साथ इसमें 1-2 टेबल स्पून पानी छिड़कें और अच्छी तरह मिलाएं, इसे ढककर आधा पकने दें। और फिर इसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट के साथ दही डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
5) मीडियम आंच पर 4-5 मिनट तक दही की ग्रेवी गाढ़ी होने तक भूनें। अचारी गोभी बनकर तैयार है, कटे हुए हरे धनिये और अदरक से इसे गार्निश करें।
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /धनिया का पानी पीने के फायदे
इम्यूनिटी होगी बूस्ट- धनिया आपके इम्युनिटी लेवल को बढ़ाने के लिए जाना जाता है, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फ्री रेडिकल्स को कम करने में मदद करता हैं।
बालों के लिए बेहतरीन- विटामिन के, सी और ए जैसे विटामिनों से भरपूर होने की वजह से ये बालों को मजबूत बनाने और ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी हैं। सुबह धनिए का पानी पीने से आपके बालों का झड़ना और टूटना कम होता है।
थायराइड में फायदेमंद- रिपोर्टस कि मानें तो थायराइड के पेशेंट के लिए धनिया का पानी अमृत है। धनिया के पानी से दोनों तरह के थायरॉइड असंतुलन का इलाज किया जा सकता है।
डीटॉक्स होती है बॉडी- धनिया एक मूत्रवर्धक है, और इसलिए आपके शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालने में आपको मदद मिलती है। सुबह धनिए का पानी पीने से आप अपने सिस्टम को डिटॉक्स कर सकते हैं।
वेट लॉस में मिलती है मदद- धनिया में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट फ्री रेडिकल्स को कम करने में मदद करते हैं और आपके वजन को कम करने में भी मदद करता है।
कैसे बनाएं धनिया का पानी
इसे बनाने के लिए एक चम्मच धनिया के बीज को 5 मिनट के लिए पानी में उबाल लें। इसे तब तक उबालें जब तक पानी आधा न हो जाए। फिर इसे छानें और पीएं।
वेट लॉस के लिए कैसे बनाएं धनिया का पानी
धनिए का पानी बनाना बहुत ही आसान है। आपको बस एक चम्मच धनिया का बीज लेना है और उन्हें एक गिलास पानी में रात भर भिगोना है। सुबह पानी को छानकर पी लें। भीगे हुए बीजों को फेंके नहीं क्योंकि आप उन्हें खाना पकाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
धनिए के बीज के पानी से किसे बचना चाहिए?
धनिया के बीज का आमतौर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, लेकिन इसके बीज से एलर्जी पैदा हो सकती है। इससे रेडनेस और खुजली हो सकती है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को धनिए के बीज का ज्यादा मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
लाइफस्टाइल /शौर्यपथ /मां के दूध तक प्लास्टिक का खतरा पहुंच गया है। शोधकर्ताओं ने पहली बार मां के दूध में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण मिलने की जानकारी दी है। इटली में यूनिवर्सिटी ऑफ पॉलिटेनिका के वैज्ञानिकों ने प्रसव के एक हफ्ते बाद 34 माताओं के दूध के नमूनों पर अध्ययन किया। इनमें से तीन चौथाई नमूनों में प्लास्टिक के अति सूक्ष्म कण मिले हैं। माताओ के दूध में प्लास्टिक के कण मिलने से शोधकर्ताओं में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि नवजात के लिए मां के दूध को सबसे अच्छा आहार माना जाता है। प्लास्टिक मिला दूध पीने से शिशुओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
पैकेजिंग में पाए जाने वाले प्लास्टिक के कण मिले
पॉलीमर्स पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, दूध के नमूनों का विश्लेषण 'रमन माइक्रो स्पेक्ट्रोस्कोपी डिटेक्शन एंड कैरेक्टराइजेशन ऑफ माइक्रोप्लास्टिक्स इन ह्यूमन ब्रेस्ट मिल्क' द्वारा किया गया था। शोध में शामिल की गईं 34 माताओं में से 26 के दूध में प्लास्टिक के कण पाए गए। कण का आकार दो माइक्रोन पाया गया। वहीं, पॉलिथीन, पीवीसी और पॉलीप्रोपिलीन से बने प्लास्टिक के सूक्ष्म कण मिले, ये सभी पैकेजिंग मटीरियल में पाए जाते हैं।
मां के दूध तक कैसे पहुंचा कण, नहीं मिला जवाब
प्लास्टिक के कण मां के दूध तक कैसे पहुंचे, यह समझने के लिए शोधकर्ताओं ने प्लास्टिक पैकेजिंग वाली खाने-पीने की वस्तुओं पर भी अध्ययन किया। हालांकि वे दोनों के बीच कोई लिंक नहीं ढूंढ पाए। इससे यह माना गया कि प्लास्टिक के सूक्ष्म कण पर्यावरण में हर जगह मौजूद हैं। प्लास्टिक के सूक्ष्म कण पहाड़ी और ध्रुवीय क्षेत्रों जैसे दूरस्थ स्थानों में भी पाए गए हैं। ये कण भोजन, पानी और हवा के जरिए मानव शरीर में प्रवेश करते हैं। ये कण कैंसर का कारण भी बन सकते हैं।
विशेषज्ञों की सलाह
यूनिवर्सिटी ऑफ पॉलिटेनिका डेले मार्चे की डॉक्टर नोटरस्टीफनो का कहना है कि मां के दूध में प्लास्टिक के कण मिलने से शिशुओं के लिए चिंता बढ़ गई है। इस पर शोध करने की जरूरत है कि गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान प्लास्टिक के कणों से कैसे बचा जाए। साथ ही प्रदूषण कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को प्लास्टिक पैकेजिंग वाली वस्तुएं खाने से बचना चाहिए। वहीं, नीदरलैंड में व्रीजे यूनिवर्सिटी, एम्स्टर्डम के प्रोफेसर डिक वेथाक ने कहा कि प्लास्टिक के छोटे कण अधिक खतरनाक होते हैं। मां को अपनी देखरेख और अच्छे से करने की जरूरत है।
पानी और नमक भी हो सकते हैं प्लास्टिक से दूषित
'कंज्यूमर रिपोर्ट्स' में अप्रैल 2020 में छपे एक आलेख के अनुसार, कुछ शोधकर्ताओं का मानना था कि औसत व्यक्ति प्रति सप्ताह लगभग 5 ग्राम प्लास्टिक की खपत करता है। आलेख के अनुसार, पीने का पानी और टेबल नमक भी प्लास्टिक से दूषित हो सकते हैं। स्तनपान कराने वाली मां भी अपने बच्चों को प्लास्टिक से दूषित कर रही हैं। वहीं, मार्च 2018 में 'हेल्थलाइन' में एक लेख में फ्रेडोनिया अध्ययन का हवाला दिया गया, जिसमें पाया गया कि 93 प्रतिशत बोतलबंद पानी के माइक्रोप्लास्टिक के साथ दूषित होने के संकेत हैं। अध्ययन में नौ देशों के 19 स्थानों से खरीदे गए 11 ब्रांड के 27 लॉट से 259 पानी की बोतलों की जांच की गई थी।
परीक्षणों से चौंकाने वाले डाटा:
- अमेरिका में परीक्षण किए गए सभी वयस्कों में से 93% के मूत्र में कार्सिनोजेनिक रासायनिक बिस्फेनॉल ए मिला था।
- सात देशों में जांचे गए नल के पानी के 83 फीसदी नमूनों में प्लास्टिक माइक्रोफाइबर पाए गए।
- मैनचेस्टर में टेम्स नदी का परीक्षण 2018 की शुरुआत में किया गया था। पाया गया कि प्रति घन मीटर तलछट में प्लास्टिक के 5,17,000 कण हैं।
प्लास्टिक कणों से बचने के 5 आसान तरीके-
1- नल का पानी पिएं। बोतलबंद पानी पर निर्भर नहीं रहें। फ्रंटियर्स इन केमिस्ट्री जर्नल में प्रकाशित 2018 के एक अध्ययन के अनुसार, बोतलबंद पानी में नल के पानी की तुलना में माइक्रोप्लास्टिक स्तर औसतन लगभग दोगुना होता है।
2- भोजन को चूल्हे पर या गिलास में माइक्रोवेव करके गर्म करें, प्लास्टिक में नहीं। कुछ तरह के प्लास्टिक गर्म होकर तुरंत रसायन छोड़ते हैं जो भोजन में मिल जाता है। इसके अलावा, डिशवॉशर में प्लास्टिक डालने से बचें।
3- खाने-पीने की वस्तुएं कांच, सिलिकॉन या फॉइल में पैक और स्टोर हों। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार रीसाइक्लिंग कोड 3, 6 और 7 वाले प्लास्टिक से बने खाद्य कंटेनरों में संभावित रूप से हानिकारक रसायन हो सकते हैं।
4- जितना हो सके ताजा खाना खाएं। प्लास्टिक में लिपटे प्रोसेस्ड फूड पर निर्भर न रहें। जितना अधिक संसाधित या पैक किया गया भोजन होता है, उतना ही अधिक जोखिम होता है कि इसमें हानिकारक रसायन हो सकते हैं।
5- घर की नियमित रूप से सफाई करें, कहीं भी मिट्टी जमा न होने दें। आपके घर की धूल माइक्रोप्लास्टिक्स और प्लास्टिक में पाए जाने वाले रसायनों, जैसे कि फेथलेट्स से भरी हुई हो सकती है। धूल साफ करने से प्लास्टिक की मात्रा कम करने में मदद मिल सकती है।
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /कोई भी गंभीर बीमारी एक दिन में नहीं होती बल्कि बीमारियों के भी चरण होते हैं। ऐसे में अगर आप शुरुआती संकेत या लक्षणों को समझ जाते हैं, तो आप समय रहते बीमारियों का इलाज करा सकते हैं। अर्थराइटिस बीमारी भी ऐसी ही है। यह बहुत ही दर्दनाक बीमारी है। उम्र बढ़ने के साथ यह बीमारी और भी खतरनाक होती जाती है। जोड़ों और हड्डियों के दर्द की यह बीमारी इतनी खतरनाक हो जाती है कि काम करना तक मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों के बारे में जरूर जानें। अर्थराइटिस के प्रति अवेयरनेस बढ़ाने के लिए 12 अक्टूबर को विश्व अर्थराइटिस दिवस मनाया जाता है।
जोड़ों में दर्द होना
जोड़ों में दर्द गठिया का पहला संकेत है। इसमें दर्द के साथ जोड़ों में जलन (Burning Sensation) जैसा महसूस होता है। यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि चलना, पैर मोड़ना भी बहुत मुश्किल हो जाता है।
लाल दिखना
जोड़ों के आसपास लालिमा (Redness) भी दिखाई देती है। ज्यादातर मरीजों को यह शिकायत भी होती है। यह भी एक शुरुआती लक्षण है।
सूजन
जोड़ों में दर्द के साथ सूजन भी हो सकती है। यह सूजन घुटनों के आसपास ज्यादा होती है और इसे देखकर लगता जैसे आपको कोई चोट लगी हो। सूजन नीली और लाल रंग की दिखाई देती है।
सुबह के समय ज्यादा दर्द होना
कई मरीजों को सुबह के समय पैरों और हाथों के जोड़ों में ज्यादा दर्द होता है। खासतौर पर बदलते मौसम में हाथ-पैरों में दर्द ज्यादा होता है।
चलने-फिरने में परेशानी
आपको अगर चलने-फिरने में परेशानी और घुटनों में दर्द, चटकन जैसी प्रॉब्लम्स हों, तो समझ जाएं कि ये भी अर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /भारतीय किचन में कुछ मिले ना मिले लेकिन चाय पत्ती जरूर मिल जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किचन में मौजूद चायपत्ती स्किन और बाल दोनों के लिए कमाल कर सकती है। ये एक ऐसा इंग्रेडिएंट है जो बालों के लिए बेहद इफेक्टिव है। हेयर प्रॉब्लम से छुटकारा पाने के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। ये झड़ते बालों को रोकने के साथ ही सफेद होने से रोकने में मदद करती है। इसके अलावा ये हेयर ग्रोथ को बूस्ट करने में भी मदद करती है। यहां जानिए कि कैसे आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
काले बालों के लिए
पिसी हुई कॉफी बालों को गहरा भूरा रंग करने में मदद करती है।हालांकि लंबे समय तक इस रंग को बनाए रखने के लिए आप चाय के साथ कॉफी मिला सकते हैं। आपको बस तीन ब्लैक टी बैग्स को तीन कप पानी में उबालना है। फिर इसमें तीन बड़े चम्मच इंस्टेंट कॉफी मिलाएं। कुछ देर उबालें और फिर ठंडा हो जाए, तो ब्रश या हेयर कलर एप्लीकेटर लें और इस मिश्रण को अपने बालों पर लगाएं। कुछ देर लगा रहने के बाद बालों को वॉश करें।
स्कैल्प पर खुजली
डैंड्रफ के कारण स्कैल्प पर खुजली होती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए चायपत्ती के पानी से बालों को रिंस करें। इसके लिए पानी को गर्म करें और फिर इसमें चाय पत्ती के साथ लेमन ग्रास और तुलसी डालें। अच्छे जब उबल जाए तो इसे ठंडा करें और फिर इसमें नींबू का रस डालें अच्छी तरह मिलाएं और फिर बालों पर इसे लगाएं। कुछ देर लगा रहने के बाद बालों को वॉश करें।
बेजान रुखे बालों के लिए
बेजान रुखे बालों से छुटकारा पाने के लिए आप इसकी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए चाप पचत्ती के साथ एलोवेरा को मिक्स करना है। ऐसा करने के लिए चायपत्ती के पानी को ठंडा करें और फिर इसमें एलोवेरा का जेल मिक्स करें। इसको बालों पर कुछ देर के लिए लगाएं और फिर ऐसे ही छोड़ दें। कुछ देर बाद वॉश करें।