
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
नारायणपुर / शौर्यपथ / ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से आज विकासखण्ड नारायणपुर के सभी ग्राम पंचायतों में जनचौपाल का आयोजन किया गया। कलेक्टर प्रतिष्ठा मंमगाईं द्वारा जनचौपाल के नोडल अधिकारियों की जिला पंचायत के सभा कक्ष में समीक्षा बैठक लेकर आवेदनों का शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए . उन्होंने सभी नोडल अधिकारियों के द्वारा निर्धारित ग्राम पंचायतो के जनचौपाल में प्राप्त आवेदनों की जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीणों द्वारा जन चौपाल में प्रस्तुत किए गए आवेदनो का निराकरण करने का आश्वासन दिया गया। जनचौपाल कार्यक्रम के अंतर्गत क्लस्टर गरांजी, रेमावण्ड, धौड़ाई, बेनूर, पालकी, बड़ेजम्हरी, हलामीमुंजमेटा तथा छोटेडोंगर सहित नारायणपुर विकासखण्ड के सभी क्लस्टरों के ग्राम पंचायतों में आयोजित किया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री आवास, बोर खनन, पानी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, राशन वितरण जैसी बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं को बेझिझक जनचौपाल में उपस्थित अधिकारियों को प्रस्तुत किया गया।
कलेक्टर ममगाईं द्वारा जनचौपाल की प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जनपद व ग्राम पंचायत स्तरीय ड्यूटी लगाई गई अधिकारियों को जनचौपाल में प्राप्त आवेदनों को जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों को संबंधित विभाग के माध्यम से शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिए.
बैठक में अपर कलेक्टर बीरेंद्र बहादुर पंचभाई, एसडीएम गौतम चंद पाटिल, उपसंचालक पंचायत विक्रम बहादुर, जनपद सीईओ एलएन पटेल सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे.
मुंगेली/शौर्यपथ / इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र, मुंगेली में पारंपरिक कृषि पर्व ‘‘अक्षय तृतीया’’ का हर्षाेल्लास के साथ आयोजन किया गया। कार्यक्रम में धरती माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई और भूमि में बीज बोया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ.आर.एल.शर्मा ने बताया कि अक्ति तिहार कृषि संस्कृति में आस्था, परंपरा और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है। यह त्यौहार छत्तीसगढ़ की समृद्ध कृषि परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो कृषि नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। इस दिन किसान बीजों की पूजा कर अच्छी फसल के लिए कामना करते हैं। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान कृषि वैज्ञानिकों द्वारा उपस्थित कृषकों को बीज संरक्षण एवं फसल उत्पादन से जुड़ी आधुनिक तकनीकों की जानकारी भी प्रदान की गई। इस दौरान कृषि महाविद्यालय मुंगेली के अधिकारी-कर्मचारी, विषय वस्तु विशेषज्ञ इंजी. पल्लवी पोर्ते, सहायक प्राध्यापक डॉ. देवाशीष पाड़ी, ग्राम पंचायत के सरपंच श्री शिवकुमार साहू, छात्र-छात्राएं एवं आसपास के कृषकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
प्रभारी देवनारायण चन्द्राकर ने शासकीय एवं अर्द्धशासकीय भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराया जाने के निर्देश
दुर्ग/शौर्यपथ / नगर निगम महापौर श्रीमती अलका बाघमार के मार्गदर्शन में आज बुधवार को प्रभारी नगरीय नियोजन एवं लोक कर्म समिति में बैठक आयोजित किया गया। इस बैठक में लोक कर्म विभाग से जुड़े अधिकारियों को विकास कार्यों को कार्यालयीन अवधि में उपस्थित रहकर कार्यों को करने के निर्देश दिए गए।
*बैठक में लिए गए निर्णय*
निगम सीमा अंतर्गत वार्ड के समस्त पार्षदों से राय लेकर 1.00 लाख तक बी.टी. रोड़ पेंच रिपेयरिंग कार्य कराए जाने हेतु प्रस्ताव बनाया जाएगा।
निगम सीमा अंतर्गत समस्त शासकीय एवं अर्द्धशासकीय भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराया जाएगा
दुर्ग निगम क्षेत्रांतर्गत जितने भी भवन बनाए जाते हैं, उनमें रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित होने के पश्चात् ही भवन पूर्णता प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
बिजली विभाग को पत्र दिया जाएगा कि बिना भवन पूर्णता प्रमाण पत्र एवं टैक्स की रसीद के स्थायी बिजली मीटर न दिया जाए।
*अन्य निर्णय*
नये विकसित होने वाले क्षेत्र पर कंटूर प्लान तैयार किया जाएगा।
दुर्ग शहर सीमा अंतर्गत राजस्व विभाग से विभिन्न शासकीय जगहों की सूची मांगकर उन स्थानों पर वृक्ष लगाकर फेंसिंग कार्य किया जाएगा।निगम सीमा अंतर्गत जहा आवश्यक हो, वहां पर बारिश के पहले डस्ट डालने हेतु प्रस्ताव बनाया जाएगा।
*बैठक में उपस्थित*
नगरीय नियोजन एवं लोक कर्म समिति सदस्य संजय कोहले, कुलेश्वर साहू, कमल देवांगन, गुलाब वर्मा, गोविंद देवांगन, श्रीमती लोकेश्वरी ठाकुर, आशीष चंद्राकर, सरस निर्मलकर,कार्यपालन अभियंता वीपी मिश्रा, आरके जैन, भवन अधिकारी गिरीश दीवान, सहायक अभियंता संजय ठाकुर एवं ठाकरे।दुर्ग निगम का बड़ा फैसला: रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं तो जुर्माना।
दुर्ग निगम ने शहरवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब यदि कोई व्यक्ति अपने भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाता है, तो उसे जुर्माना देना पड़ सकता है। यह निर्णय शहर में जल संचयन को बढ़ावा देने और भूजल स्तर को सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है।
नियम
सभी नए भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा।
पुराने भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की आवश्यकता होगी।
जो व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं करेगा, उसे जुर्माना देना पड़ सकता है।
*लाभ*
शहर में जल संचयन को बढ़ावा मिलेगा।भूजल स्तर में सुधार होगा।पानी की बचत होगी।
*कार्रवाई*
दुर्ग निगम ने इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए एक टीम का गठन किया है। यह टीम शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर भवनों का निरीक्षण करेगी और जो व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- साहू समाज ईमानदारी और मेहनत का अच्छा उदाहरण
- उप मुख्यमंत्री अरूण साव घुमका नगर पंचायत में आयोजित तहसील, परिक्षेत्रीय एवं ग्रामीण स्तरीय कर्मा जयंती महोत्सव कार्यक्रम में हुए शामिल
राजनांदगांव /शौर्यपथ /उप मुख्यमंत्री अरूण साव जिले के घुमका नगर पंचायत में आयोजित तहसील, परिक्षेत्रीय एवं ग्रामीण स्तरीय कर्मा जयंती महोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने भक्त माता कर्मा जयंती और दानवीर भामाशाह जयंती की सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी। उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में घुमका को नगर पंचायत बनाया गया है। इसके लिए डेढ़ करोड़ रूपए विकास कार्यों के लिए स्वीकृत किया गया। उन्होंने बताया कि घुमका नगर पंचायत के विकास कार्यो के लिए 50 लाख रूपए की घोषणा की गई है।
उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि भक्त माता कर्मा साहू समाज का इतिहास गौरवपूर्ण और वैभवशाली होने का प्रमाण है। भक्त माता कर्मा, दानवीर भामाशाह, राजिम माता साहू समाज की प्रेरणा है। कर्मा माता के इस त्याग एवं तपस्या से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। समाज की विशेषता एवं ताकत ईमानदारी और मेहनत है। समाज अपनी ईमानदारी और मेहनत से शिक्षा, रोजगार, व्यापार, राजनीतिक सहित हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अपने आचरण और व्यवहार से सभी समाज के साथ मिलकर रहने वाला समाज है। यह साहू समाज की विशेषता और ताकत है। सभी समाज के साथ अच्छा और सद्भावनापूर्वक संबंध होता है। उन्होंने दानवीर भामाशाह की जयंती पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि दानवीर भामाशाह प्रखर राष्ट्र भक्त थे। उन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। दानवीर भामाशाह ने महाराणा प्रताप की सेना को सशक्त बनाने के लिए पूरी संपत्ति दान कर दिया। उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा गांव, गरीब और किसानों के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर सेवा की जा रही है। हर गरीब परिवार के घर में शौचालय का निर्माण, मुफ्त में रसोई गैस कनेक्शन, मुफ्त में 5 लाख रूपए तक ईलाज, प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्का मकान बनाकर दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि किसानों को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि साहू समाज को ईमानदारी और मेहनत को बचाकर रखना है वहीं समाज की पहचान और ताकत है।
सांसद संतोष पाण्डेय ने कहा कि माता कर्मा का दूसरा नाम प्रेम है। भगवान कृष्ण के प्रति प्रेम और स्नेह माता कर्मा की पहचान है। माता कर्मा की खिचड़ी खाने के लिए भगवान स्वयं आए। उन्होंने कहा कि साहू समाज मजबूत समाज है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति बड़ा नहीं होता है समूह ताकत देती है तो वह बड़ा हो जाता है। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह में साहू समाज का अनुकरण करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश के विकास के लिए अनेक बड़े-बड़े निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बिना मांगे महतारी वंदन योजना के अंतर्गत माताओं के लिए प्रति माह 1 हजार रूपए दे रहे हैं। विधायक डोंगरगढ़ श्रीमती हर्षिता बघेल ने माता कर्मा जयंती की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि माता कर्मा अपनी भक्ति से भगवान कृष्ण को प्रसन्न किया। माता कर्मा जयंती पूरे क्षेत्र में साहू समाज संगठित होकर समारोह मना रहा है। इस अवसर पर तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष जितेन्द्र साहू ने संबोधित करते हुए कहा कि समाज में शिक्षा और एकता बहुत जरूरी है। अध्यक्ष जिला साहू संघ श्री भागवत साहू ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का स्वागत उद्बोधन तहसील साहू संघ घुमका के अध्यक्ष मंथीर साहू ने दिया। इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती किरण वैष्णव, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती देवकुमारी साहू, जिला पंचायत सदस्य विभा साहू, कोमल सिंह राजपूत, पूर्व विधायक भुनेश्वर बघेल, एसडीएम खेमलाल वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, एवं साहू समाज के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
शहर इंदिरा मार्केट से लेकर स्टेशन रोड श्री शिवम तक नए पोल पर 39 लाख से अधिक की लागत से हुआ रौशन
दुर्ग/शौर्यपथ / नगर पालिक निगम क्षेत्र अंतर्गत 15वें वित्त आयोग निधि से स्वीकृति इंदिरा मार्केट से लेकर श्री शिवम शॉपिंग मॉल तक में ट्यूबलर नए पोल में लगी लाइट का मेयर श्रीमती अलका बाघमार ने 39 पोल में 86 लाइट व 110 वाट की एलईडी को बटन दबाकर चालू किया गया। 39 लाख से इंदिरा मार्किट से श्री शिवम तक सडक़ मार्ग रौशन हुआ, जिससे यातायात में आमजन को परेशानी नहीं होगी।शहर के प्रथम नागरिक मेयर श्रीमती अलका बाघमार ने कहा कि शहर के चौक चौराहों व सार्वजनिक स्थानों में भी शहर जगमगाने लगा है।
मेयर ने कहा कि वार्डो में बन्द पड़ी स्ट्रीट लाइट को लगातार बदलवाने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा शेष बचे हुए स्ट्रीट लाइट व सौंदर्गीकरण निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने की बात अधिकारियों से कही।
इंदिरा मार्केट कुँआ चौक के पास आज के पोल में लगे प्रकाश व्यवस्था शुभारंभ कार्यक्रम में उपस्थित सभापति श्याम शर्मा, आयुक्त सुमित अग्रवाल,विद्युत व यांत्रिकी प्रभारी ज्ञानेश्वर ताम्रकर,एमआईसी देवनारायण चन्द्राकर,नीलेश अग्रवाल,मनीष साहू,लीलाधर पाल की मौजूदगी रही।बात दे कि वार्ड क्रमांक30 श्याम शर्मा से,वार्ड27 पार्षद ममता सेन,वार्ड क्रमांक 29 बबिता गुड्डू यादव,वार्ड क्रमांक 8 खालिक रिजवी,वार्ड क्रमांक 26 आरएन वर्मा,वार्ड क्रमांक 28 मनीष बघेल इन 6 वार्डो से होकर गुजरने वाली इंदिरा मार्किट से श्री शिवम तक सडक़ मार्ग हुआ रौशन।
कार्यक्रम के दौरान कुलेश्वर साहू,कमल देवांगन,ममता सेन,मनीष कोठारी,मनीष बघेल,सरस निर्मलकर,युराज कुंजाम, बबिता गुड्डू यादव,जिंतेंद्र ताम्रकर, सहायक अभियंता सुरेश केवलानी,अभ्युदय मिश्रा,बालमुकुंद साहू, सफाई दरोगा,मनोहर शेन्द्रे सहित इंदिरा मार्किट व्यापारी संघ के दिलीप मारोटी ,गोपाल यादव,सहित अन्य लोग उपस्थित रहें।इदिरा मार्केट स्टेशन रोड लंबे समय से पार्षद सहित व्यपारियो की मांग पर नगर निगम द्वारा क्षेत्र का प्रोजेक्ट तैयार किया था। उसकी मंजूरी मिलने के बाद इसका टेंडर लगाया गया।
इदिरा मार्केट स्टेशन रोड शिवम मॉल तक ट्यूबलर पोल में प्रकाश व्यवस्था कार्य 15वें वित्त आयोग निधि के अंतर्गत प्रकाश व्यवस्था हेतु प्राप्त स्वीकृति अनुसार 39 नए पोल में 86 लाइट लगवाया गया।इस अवसर पर आदि मौजूद रहें।
(1 मई अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर विशेष)
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा श्रमिकों एवं उनके परिजनों की बेहतरी के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए लगातार आर्थिक मदद दी जा रही है। श्रम विभाग के तीनों मंडल - छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल, छ.ग. असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल एवं छ.ग. श्रम कल्याण मंडल के माध्यम से योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हो रहा है। इसी का परिणाम है कि बीते सवा साल में श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगभग 500 करोड़ रूपए डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में अंतरित किए जा चुके हैं।
प्रदेश के श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन का कहना है कि प्रदेश में विष्णु देव सरकार के सुशासन में अब मजदूर का बच्चा मजदूर नहीं रहेगा। श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के हितों में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। इनमें प्रमुख रूप से मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, मिनीमाता महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार किट योजना, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा प्रोत्साहन योजना, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी हेतु सहायता राशि योजना, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना, शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना संचालित की जा रही है। प्रदेश के श्रम मंत्री श्री देवांगन का कहना है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि हर हाथ को काम इस दिशा में प्रदेश के वाणिज्य उद्योग एवं श्रम विभाग द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। श्रम विभाग के लिए चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 255 करोड़ 31 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।
मजदूर दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है। 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस या श्रमिक दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य मजदूरों के अधिकारों, सामाजिक न्याय और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों के लिए संकल्प लेना है। यह दिन श्रमिकों के योगदान को याद करने और उनके संघर्षों को सम्मानित करने के लिए भी मनाया जाता है। यह दिवस वर्ष 1886 में शिकागो के हेमार्केट स्क्वायर में मजदूरों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की याद में मनाया जाता है, जहां अनेक श्रमिकों ने 8 घंटे के कार्य दिवस की मांग की थी। सन् 1889 में, द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में घोषित किया था। इस दिन को मनाने का उद्देश्य मजदूरों के अधिकारों को सुनिश्चित करना, सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों के लिए आवाज बुलंद करना है। भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1923 में चेन्नई (मद्रास) से हुई थी। भारतीय संविधान निर्माण सभा के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर ने श्रमिकों के काम का समय 12 घंटे से घटाकर 8 घंटे किया। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं को प्रसूति अवकाश की सुविधा उपलब्ध कराई।
श्रम विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के अंतर्गत अटल श्रम सशक्तिकरण योजना के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में 125 करोड़ 10 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह वर्ष 2025-26 में पंजीकृत 2 लाख 26 हजार संगठित श्रमिकों के लिए राज्य शासन के अनुदान हेतु 6 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन का कहना है कि विष्णु देव सरकार की सोच है कि हर हाथ को काम मिले उसका उचित दाम मिले और हर पेट को अन्न मिले यह हमारी सरकार की आदर्श नीति है। इस नीति को क्रियान्वित करने हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री द्वारा शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना प्रदेश के सभी जिलों में प्रारंभ करने की घोषणा की गई है, जिसके परिपालन में इस वर्ष 13 जिलों में 31 भोजन केंद्र प्रारंभ किए जा चुके हैं। जिसका विस्तार चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में समस्त जिलों में किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों एवं निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु विकासखण्ड स्तर पर मोबाईल कैम्प लगाए जाने की पहल विभाग द्वारा की गई है। अब तक 4 हजार 705 मोबाईल कैम्प लगाए जा चुके हैं।
औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा हेतु चालू वित्तीय वर्ष में 6 करोड़ 24 लाख 25 हजार रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। श्रम विभाग के अंतर्गत कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं का मुख्य दायित्व श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को भी चिकित्सा हित लाभ उपलब्ध कराया जाता है। कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं के लिए 64 करोड़ 18 लाख रूपए का प्रावधान राज्य सरकार द्वारा किया गया है।
रायपुर /शौर्यपथ /अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस, एक मई, एक ऐसा दिन है जो श्रम की महत्ता, मेहनतकश हाथों के सम्मान और सामाजिक न्याय की भावना को उजागर करता है। यह दिवस न केवल इतिहास में दर्ज है बल्कि 1886 के शिकागो आंदोलन को भी याद दिलाता है, जिसमें मजदूरों ने 8 घंटे काम, 8 घंटे विश्राम और 8 घंटे आत्म विकास के अधिकार की मांग की थी, बल्कि यह आज भी उस संघर्ष को व्यक्त करता है जो श्रमिक अपने अधिकारों, सम्मान और सुरक्षा के लिए हर दिन करते हैं ।
एमसीबी जिले में श्रमिक कल्याण योजनाओं का दिख रहा प्रभाव
छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला जो छत्तीसगढ़ के नए जिलों में से एक है, यहाँ के मेहनतकश श्रमिकों की मेहनत और लगन इस क्षेत्र की आर्थिक धड़कन बन चुकी है। इस जिले की सड़कों से लेकर निर्माण स्थलों तक, खेतों से लेकर खदानों तक श्रमिकों का पसीना इस इलाके की तरक्की में संजीवनी की तरह काम करता है। जब हम इस क्षेत्र में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या को देखते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि यह जिला श्रमिक शक्ति का केंद्र बन चुका है। मंडल स्तर पर भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अंतर्गत 30,534 श्रमिक पंजीकृत हैं और असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल में 30,118 श्रमिकों का नाम दर्ज है। जिला गठन के बाद भी भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल में 6,257 और असंगठित क्षेत्र में 4,601 श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है। कुल मिलाकर 71,510 श्रमिकों का पंजीकरण होना इस बात का प्रमाण है कि सरकार की योजनाएं लोगों तक पहुँच रही हैं और श्रमिक अपने हक के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
ब्लॉक स्तर पर बात करें तो मनेंद्रगढ़ में 26,065 श्रमिक पंजीकृत हैं, वहीं खड़गवां ब्लाक में 22,847 और भरतपुर ब्लाक में 10,739 श्रमिक पंजीकृत है, ये आँकड़े न केवल प्रशासनिक सक्रियता को दर्शाते हैं बल्कि यह भी प्रमाणित करते हैं कि श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक भागीदारी कितनी अहम है। इसी उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन और भारत सरकार के संयुक्त प्रयासों से अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
श्रमिकों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाएं है लागू
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा श्रमिकों के लिए संचालित योजनाएं श्रम की गरिमा को बढ़ावा देने और जीवन स्तर सुधारने की दिशा में सराहनीय पहल हैं। महतारी जतन योजना के तहत अब तक 1,351 श्रमिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। यह योजना गर्भवती महिलाओं को पोषण और प्रसवपूर्व देखभाल हेतु वित्तीय सहायता देती है, ताकि मातृत्व और शिशु जीवन सुरक्षित और स्वस्थ रह सके। मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना के तहत 2,672 विद्यार्थियों को साइकिल प्रदान की गई है, जिससे उन्हें स्कूल जाने में सुविधा हो और शिक्षा बाधित न हो। मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना के अंतर्गत 1,887 श्रमिकों को उनके कार्य के अनुरूप औजार उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर होकर कार्य में दक्षता ला सकें। मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना के तहत 306 महिलाओं को स्वरोजगार हेतु सिलाई मशीन दी गई है, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन रही है। वहीं श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई, जिसके तहत 3,536 बच्चों को छात्रवृत्ति मिली है। इससे शिक्षा की ओर रुझान बढ़ा है और भविष्य की राहें खुली हैं।
मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना में 211 छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक लाने पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर कौशल विकास योजना में 1,031 श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें नई तकनीकों और कार्य दक्षता की जानकारी दी गई है, जिससे वे बेहतर रोज़गार के अवसर प्राप्त कर सकें। सुरक्षा उपकरण सहायता योजना के अंतर्गत 1,230 निर्माण श्रमिकों को हेलमेट, जैकेट, सेफ्टी शूज़ आदि दिए गए, जिससे उनके कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। वही मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के अंतर्गत 78 श्रमिक परिवारों को राहत दी गई, जिनके सदस्य या तो दिव्यांग हुए या जिनकी मृत्यु कार्य के दौरान हो गई हो । मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना के तहत 494 लड़कियों को विवाह, शिक्षा या स्वरोजगार हेतु आर्थिक सहायता दी गई। वृद्ध श्रमिकों को भी सरकार ने नहीं भुलाया, उन्हें मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना के अंतर्गत पेंशन स्वरूप 56 लाभार्थियों को सहायता दी जा रही है । इसके अतिरिक्त बच्चों को निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी सहायता योजना से 507 छात्र लाभान्वित हुए, जिससे वे गरिमामय तरीके से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे श्रमिक बच्चों को निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना के अंतर्गत 8 छात्रों को संसाधन व मार्गदर्शन उपलब्ध कराया गया है। निर्माण श्रमिकों को आवास हेतु मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना के तहत 7 श्रमिकों को घर बनाने में मदद मिली है ।
केंद्र सरकार की श्रमिक कल्याण योजना से भी हो रहे है लाभान्वित
केंद्र सरकार की योजनाओं की बात करें तो प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत 709 श्रमिकों को नाममात्र प्रीमियम पर 2 लाख का जीवन बीमा कवर प्रदान किया गया है। वहीं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 1,412 श्रमिकों को दुर्घटना बीमा का लाभ मिला है, जिसमें आकस्मिक मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में 2 लाख तक की सहायता दी जाती है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार की एक और उल्लेखनीय पहल है “शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न सहायता योजना“ जिसका शुभारंभ 29 मार्च 2025 को मनेंद्रगढ़ नगर पालिका परिषद परिसर में किया गया। इस योजना के अंतर्गत प्रतिदिन 200 से 250 श्रमिकों को मात्र 05 रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जाता है। यह न केवल भूख की समस्या का समाधान है, बल्कि यह श्रमिकों को आत्मसम्मान और गरिमा के साथ जीवन जीने की राह भी देता है।
छत्तीसगढ़ सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में श्रमिकों के कल्याण हेतु प्रतिबद्ध है। इस अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर हम सभी का कर्तव्य बनता है कि श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करें, उन्हें सम्मान दें और उनके जीवन को बेहतर बनाने में सहभागी बनें। क्योंकि जब श्रमिक मुस्कुराता है, तो समाज मुस्कुराता है। जब श्रमिक सुरक्षित होता है, तो राष्ट्र सशक्त होता है। और जब श्रमिक प्रगति करता है, तो देश आगे बढ़ता है।
155 से अधिक परिवारों ने कराया जांच, 40 बच्चे पाए गए जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित
पीड़ित बच्चों का होगा निः शुल्क ईलाज
बाल संदर्भ कार्यक्रम के तहत 71 गंभीर कुपोषित बच्चों का किया गया स्वास्थ्य जांच
रायपुर /शौर्यपथ /जिला प्रशासन सूरजपुर द्वारा श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल, नवा रायपुर के सहयोग से एसईसीएल के प्रोजेक्ट “धड़कन” एवं आरबीएसके, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय बाल हृदय परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मुख्यमंत्री बाल संदर्भ कार्यक्रम के तहत् राज्य के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य जांच कर जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित बच्चों का चिन्हांकन किया गया। गौरतलब है कि जिला प्रशासन द्वारा जिले के ज्यादा से ज्यादा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर जरूरतमंद बच्चों का ईलाज सुनिश्चित करने अभियान चलाया जा रहा है। सूरजपुर जिला के कलेक्टर श्री एस जयवर्धन ने बताया कि चिन्हांकित बच्चों का निः शुल्क उपचार कराया जाएगा।
एसईसीएल के प्रोजेक्ट “धड़कन” के तहत आयोजित शिविर में जिले के 155 से अधिक परिवारों ने अपने बच्चों का परीक्षण कराया, जिसमें 40 बच्चे जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित पाए गए। शिविर में महिला बाल विकास विभाग द्वारा बाल संदर्भ कार्यक्रम के तहत बच्चों के स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमें रायपुर के श्री सत्य साई हॉस्पिटल के बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों एवं जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों द्वारा बच्चों का स्वास्थ्य जांच किया गया।
सूरजपुर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि आयोजित इस शिविर में जिले के लगभग 155 से अधिक परिवारों ने परीक्षण कराया, इनमें से 84 बच्चों का इकोकार्डियोग्राफी किया गया जिन्हें जन्मजात हृदय रोग संबंधी लक्षण, जैसे-साँस लेने में परेशानी, जल्दी थकान होना, उम्र के अनुसार वजन ना बढ़ना इत्यादि समस्याएं थी। पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया कि जाँच के पश्चात लगभग 40 बच्चों को जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित पाया गया, जिनके उचित ईलाज हेतु उनके अभिभावकों को परामर्श दिया गया है। इसके अलावा बाल संदर्भ कार्यक्रम के तहत जिला हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरो द्वारा कुल 71 गम्भीर कुपोषित बच्चों का भी स्वास्थ्य जांच किया गया। ग़ौरतलब है कि कैम्प में चिह्नांकित एवं उपचार योग्य बच्चों का इलाज ज़िला प्रशासन एवं एसईसीएल के द्वारा श्री सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल, रायपुर छत्तीसगढ़ में पूर्णतः निःशुल्क कराया जाएगा।
इस आयोजित शिविर में ग्राम उमेशपुर से अपने 13 वर्षीय बच्चे आदित्य को लेकर आईं ज्योति ठाकुर ने जिला प्रशासन द्वारा एसईसीएल और जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि इस तरह की सुविधा से गरीब और दूरदराज के परिवारों को बड़ी राहत मिलती है और आसानी से स्वास्थ्य सुविधा मिल जाती है । गरीब परिवारों को रायपुर स्थित हॉस्पिटल में भागदौड़ करना काफी मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित होते रहने चाहिए ताकि गरीब परिवारों की मदद हो सके। इसके अलावा ग्राम सोनपुर की संतोषी सिंह, सूरजपुर की सोनिया देवांगन और चंद्रपुर की चंद्रपति देवांगन ने भी इस आयोजित शिविर के लिए प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
रायपुर/शौर्यपथ /प्रदेश के श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस (मई दिवस) के अवसर पर श्रमवीरों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर मंत्री देवांगन ने सभी श्रमिकों के सुखमय और उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। देवांगन ने कहा है कि एक मई को हर साल हम मेहनतकश श्रमिकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मजदूर दिवस मनाते हैं। यह श्रमिकों की मेहनत और समर्पण के सम्मान का दिन है। मंत्री देवांगन ने कामगारों की सामाजिक-आर्थिक खुशहाली के लिए प्रतिबद्धता प्रकट करते हुए कहा है कि श्रमिक हमारे समाज का अभिन्न अंग और विकास की आधारशिला हैं। छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों सहित सभी जरूरतमंद लोगों के विकास का हरसंभव प्रयास कर रही है।
मंत्री देवांगन ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को लगातार सरकार की योजनाओं का लाभ तेजी से दिलाया जा रहा है। श्रम विभाग के तीनों मंडल - छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल, संगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा एवं श्रम कल्याण मंडल के माध्यम से योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हो रहा है। इसी का परिणाम है कि बीते सवा साल में श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगभग 500 करोड़ रूपए डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में अंतरित किए जा चुके हैं, जिससे श्रमिकों के साथ-साथ उनके परिवारों का भी सामाजिक, आर्थिक विकास हो रहा है।
रायपुर /शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित सुशासन तिहार 2025 के तहत किसानों, ग्रामीण समुदायों, आमजनों तथा मछुआरों को भी विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ पहुँचाने की दिशा में व्यापक पहल की गई है। दंतेवाड़ा जिला में सुशासन तिहार के प्रथम चरण में प्राप्त आवेदनों का तेजी से निराकरण कर आमजनों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। इसी क्रम में, मत्स्य पालन विभाग ने प्राप्त आवेदनों का गहन सत्यापन कर किसानों को लाभान्वित करने की कार्यवाही तेजी से पूरी की गई है।
सुशासन तिहार का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करना, समस्याओं का त्वरित समाधान करना और पात्र हितग्राहियों तक सुविधाओं को पारदर्शी ढंग से पहुँचाना है। इस क्रम में मत्स्य पालन विभाग को सुशासन तिहार के दौरान मत्स्य कृषकों से विभिन्न मांगों के संबंध में आवेदन प्राप्त हुए थे। जिनका सत्यापन उपरांत विभाग ने कुआकोंडा के खतकुड़ी कोर्राम, बालवीर कोर्राम, हल्बारास के राजेश राणा, पांडेवार के महेश ठाकुर और टेकनार के अमेश कुमार को मछली पालन हेतु आवश्यक जाल (नेट) प्रदाय करने के साथ-साथ आधुनिक तौर-तरीके से मत्स्य पालन करने की तकनीक के संबंध में मार्गदर्शन दिया। मत्स्य जाल प्राप्त होने से इन किसानों को अब अपनी आजीविका को और मजबूत करने का अवसर मिला है। यह सहायता न केवल उनकी आज की जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि भविष्य में उनकी आय में भी इजाफा करेगी। मछली पालन के लिए उच्च गुणवत्ता वाले जाल की उपलब्धता से आधुनिक तकनीकों की उपलब्धता से उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, जिससे वे बेहतर आर्थिक स्थिरता हासिल कर सकेंगे। दंतेवाड़ा जिला प्रशासन और मछली पालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की पहल से किसानों का शासन के प्रति विश्वास और भागीदारी दोनों बढ़ेगी।
रायपुर /शौर्यपथ /मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ राज्य के सुदूर अनुसूचित एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां यात्री परिवहन की सुविधा कम है, वहां आम जनता को सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना‘‘ शुरू करने का अहम निर्णय लिया गया है।
इस योजना के तहत हल्के/मध्यम परिवहन मोटरयान 18 से 42 बैठक क्षमता (चालक को छोड़कर) के वाहन को अनुज्ञा पत्र और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। नवीन ग्रामीण मार्गाें के विनिर्धारण के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। अनुज्ञा का लाभ छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को मिलेगा, जिसमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं तथा नक्सल प्रभावितों को प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन निविदा प्रक्रिया से किया जाएगा। इस योजना के तहत संबंधित वाहन स्वामी को ग्रामीण मार्गाें पर वाहनों के संचालन के लिए प्रथम परमिट निर्गमन की तिथि से तीन साल अधिकतम अवधि के लिए मासिक कर में पूर्णतः छूट दी जाएगी।
इस योजना के तहत संचालित विभिन्न श्रेणी के वाहनों को राज्य शासन द्वारा प्रथम वर्ष 26 रूपए प्रति किलोमीटर, द्वितीय वर्ष 24 रूपए प्रति किलोमीटर तथा तृतीय वर्ष 22 रूपए प्रति किलोमीटर विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से चलने में असमर्थ दिव्यांग, 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को एक परिचारक के साथ किराया में पूरी छूट रहेगी, वहीं नक्सल प्रभावित व्यक्तियों को आधा किराया लगेगा।
मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश की तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने और डिजिटल कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसके तहत नवा रायपुर अटल नगर में State of Art NIELIT की स्थापना के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान NIELIT को 10.023 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
राज्य में NIELIT केन्द्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, डिजिटल कौशल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। यह केन्द्र न केवल युवाओं को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें रोजगार के नये अवसर प्रदान करेगा। इससे छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी शिक्षा के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा।
मंत्रिपरिषद ने रेगहा, बटाई, लीज और डुबान क्षेत्र पर खेती करने वाले किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार की कृषक उन्नति योजना का लाभ अब उक्त श्रेणी के किसानों को भी मिलेगा। मंत्रिपरिषद ने बैठक में ‘‘कृषक उन्नति योजना‘‘ के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए इसका लाभ प्रदेश के ऐसे उक्त समस्त कृषक जिनसे खरीफ मौसम में सहकारी समिति एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से धान/धान बीज का उपार्जन किया गया हो, उन्हें आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया है।
मंत्रिपरिषद की बैठक में सीधी भर्ती 2023 में नियुक्ति उपरांत सेवा समाप्त किये गये 2621 बी.एड. अर्हताधारी सहायक शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए उनको अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है।
अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार हटाये गए बी.एड अर्हताधारी 2621 सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के राज्य में रिक्त 4,422 पदों में समायोजित किया जाएगा। समायोजन गैर विज्ञापित पदों पर किया जाएगा। कला/विज्ञान संकाय से 12वीं उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को निर्धारित अर्हता (12वीं गणित/विज्ञान) पूर्ण करने हेतु 3 वर्ष की अनुमति दी जाएगी साथ ही इन अभ्यर्थियों को प्रयोगशाला कार्य के संबंध में एस.सी.ई.आर.टी. के माध्यम से दो माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग के शेष 355 अभ्यर्थियों के लिए सांख्येत्तर पदों का सृजन किया जाएगा।
समायोजन के लिए जिलों की प्राथमिकता में पहले राज्य के अनुसूचित क्षेत्र के जिलों के रिक्त पदों में उसके पश्चात सीमावर्ती जिलों के रिक्त पदों पर तत्पश्चात अन्य जिलों में समायोजन किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं से आ रहे बदलाव
रायपुर/शौर्यपथ /हर वर्ष 1 मई को हम श्रमिक दिवस मनाते हैं। यह एक ऐसा दिन जो श्रमिकों के अथक परिश्रम, संघर्ष और योगदान को सम्मान देने का अवसर प्रदान करता है। छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है, राज्य की आर्थिक प्रगति में महिला श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी जाना जाता है।
कृषि, खनन, वनों से प्राप्त उत्पादों और छोटे उद्योगों पर आधारित अर्थव्यवस्था वाले छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचलों में महिलाएँ खेती-बाड़ी, तेंदूपत्ता संग्रहण और हस्तशिल्प निर्माण जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में निर्माण कार्य, घरेलू सेवाएँ और छोटे व्यापारों में उनकी भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। महिला श्रमिकों की भागीदारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्रों में, फिर भी उनकी मेहनत को अब भी उचित मान्यता और पारिश्रमिक नहीं मिल पाता। महिला श्रमिकों के सामने कई चुनौतियाँ हैं। जिनमें समान वेतन का अभाव, समान कार्य के बावजूद वेतन असमानता, खनन और निर्माण जैसे क्षेत्रों में असुरक्षित परिस्थितियाँ, प्रसूति लाभों और स्वास्थ्य सुविधाओं की सीमित पहुँच, कम पढ़ाई और तकनीकी प्रशिक्षण के कारण सीमित अवसर, पारंपरिक सोच और घरेलू जिम्मेदारियाँ उनकी स्वतंत्रता को सीमित करती हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महिला श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की गई है। जिसमें मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण मिशन के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी महिलाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के लिए विशेष सहायता दी जा रही है। नई श्रमिक नीति द्वारा असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत महिला श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी की गारंटी और कार्यस्थल पर सुरक्षा मानकों को अनिवार्य बनाया गया है। महिला शक्ति केंद्रों के विस्तार से प्रत्येक जिले में महिला शक्ति केंद्र स्थापित कर महिला श्रमिकों को कानूनी सहायता, स्वास्थ्य सुविधा और रोजगार परामर्श उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देकर महिला स्वावलंबन के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। सखी वन स्टॉप सेंटर में हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए त्वरित सहायता और पुनर्वास की व्यवस्था। मनरेगा में महिलाओं के भागीदारी बढ़ाने रोजगार दिवसों में महिलाओं के न्यूनतम 50 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करने की पहल शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ में महिला श्रमिकों कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें मुख्य रूप से मिनीमाता महतारी जतन योजना है, जो पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों को प्रसूति सहायता प्रदान करती है।इस योजना के तहत बच्चे के जन्म के बाद पंजीकृत महिला श्रमिकों को 20 हजार की एकमुश्त राशि मिलती है। इसके अलावा राज्य सरकार विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रम और सहायता योजनाएं भी चलाती है, जो महिला श्रमिकों को सशक्त बनाने में मदद करती हैं।
मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना अंतर्गत 18 से 50 वर्ष आयु के बीच की पंजीकृत महिला श्रमिकों को सिलाई मशीन के लिए सहायता प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण के लिए सहायता प्रदान करती है।छत्तीसगढ़ महिला कोष महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन करता है, जिसमें वित्तीय सहायता प्रशिक्षण और अन्य संसाधन शामिल हैं।घरेलू महिला कामगार कौशल उन्नयन एवं ठेका श्रमिक, हमाल कामगार परिवार सशक्तिकरण योजना,घरेलू महिला श्रमिकों, ठेका श्रमिकों और हमाल श्रमिकों के कौशल विकास और परिवार को सशक्त बनाने के लिए योजना है। सक्षम योजना छत्तीसगढ़ महिला कोष के तहत संचालित एक योजना है जो विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा और अविवाहित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है। महतारी वंदन योजना से महिलाओं को 1 हजार रूपए प्रति माह की आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार महिला श्रमिकों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चला रही है, प्रशिक्षण के बाद उनके रोजगार का प्रबंध भी कर रही है, ताकि उन्हें आर्थिक मजबूती मिल सके, सरकार माताओं-बहनों तक जनहितैषी योजनाओं के शत प्रतिशत लाभ की पहुंच भी सुनिश्चित कर रही है। जबकि स्वयं सहायता समूहों के जरिए आर्थिक स्वतंत्रता और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय सरकार में प्रदेश के विकास में महिला श्रमिकों के योगदान को सम्मान मिला है।
कोंडागांव/ शौर्यपथ / बड़े बड़े संस्थान और होटल को तो आपने व्ही आई पी संस्था के नाम से सूना होगा किन्तु प्रदेश का एक ऐसा गुपचुप ठेला इन दिनों चर्चा में है जहाँ मंत्री और विधायक ने भी गुपचुप का स्वाद चखा है . बता दे कि कोंडागांव जिला मुख्यालय एनसीसी ग्राउंड में स्थित शिव शंकर चाट भंडार अब वीआईपी प्रतिष्ठान बन गया है दरअसल इस प्रतिष्ठान में दो पर वित्त मंत्री ओ पी चौधरी आ चुके वही सोमवार को देखने को मिला कि भानुप्रतापपुर की कांग्रेस विधायका सावित्री मनोज मांडवी जी को गुपचुप खाते देखा गया ।
विधायका का एक दिवसीय चित्रकूट दौरा था जहाँ वापसी के दौरान गुपचुप खाने शिव शंकर चाट भंडार में रुके थे। बड़े बड़े वीआईपीयो को यहां का चाट और गुपचुप लुभा रहा है ऐसे में हम ऐसे दुकान को वीआईपी प्रतिष्ठान कह ही सकते है ।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में गत दिवस विशेष सामान्य सभा सत्र का आयोजन किया गया था विशेष सामान्य सभा का आयोजन एक राष्ट्र एक चुनाव के समर्थन के लिए किया गया था किंतु नगर पालिका निगम में एक राष्ट्र एक चुनाव का प्रस्ताव सर्वसम्मति से न होकर बहुमत के आधार पर पास हुआ .
बता दे कि दुर्गा नगर पालिक निगम में बाघमार सरकार पूर्ण बहुमत से है ऐसे में प्रस्ताव का पूर्ण बहुमत से पास होना मात्र औपचारिकता ही थी किंतु वही विशेष सामान्य सभा सत्र काफी गहमागहमी के बीच हुआ सामान्य सभा का विशेष सत्र में विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं कांग्रेस से कांग्रेस पार्षद एवं पूर्व महापौर आर एन वर्मा ने एक राष्ट्र एक चुनाव का प्रस्ताव नगर निगम में लाने की बात का पुरजोर विरोध किया कांग्रेस के नेता आर एन वर्मा ने कहा कि नगर पालिका निगम नियमत: इस प्रकार के किसी भी प्रस्ताव को सदन के पटल पर नहीं रख सकती और इसका कोई औचित्य नहीं रह जाता. ऐसे में जब शहर में भिन्न-भिन्न समस्याओं का अम्बार लगा हुआ है निगम के राजस्व की बर्बादी का औचित्य ही नहीं बनता.
वहीं दूसरी तरफ अगर दुर्ग निगम की बाघमार सरकार की बात करें तो एक तरफ शहरी सरकार एक राष्ट्र एक चुनाव की बात कर रही है परंतु दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अपनी पहचान बन चुकी भारतीय लोकतंत्र में पक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भी बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है ऐसे में दुर्ग नगर निगम की शहरी सरकार के द्वारा विपक्ष को महत्व न देना एक बड़ा ही गंभीर विषय नजर आ रहा है लाखों रुपए खर्च कर बड़े-बड़े विज्ञापन देकर सत्ता संभालने और प्रभारी के पदभार ग्रहण करने के बाद शहरी सरकार ने अपना काम काज आरंभ किया परंतु लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका निभा रहे कांग्रेस को उनका हक नहीं मिला .
सत्ता परिवर्तन के बाद विपक्ष नेता की भूमिका निभा रहे हैं संजय कोहले ने कक्ष की मांग की परंतु शहरी सरकार को अस्तित्व में आये हुए दो माह से भी ज्यादा का समय हो चुका है उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है कक्ष नहीं .
पूर्व की बाकलीवाल सरकार ने लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीर पेश करते हुए रूढ्ढष्ट भवन का विस्तार किया और सभागृह तथा दो अतिरिक्त कक्ष का निर्माण करवाया जो नेता प्रतिपक्ष के लिए एवं पार्षदों के लिए आरक्षित था . यह बात अलग है कि पिछली सरकार में भाजपा विपक्ष में थी और नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में अजय वर्मा थे अजय वर्मा को पूर्व की बाकलीवाल सरकार के द्वारा कक्ष आवंटन किया गया था परंतु अजय वर्मा ने कक्ष नहीं लिया वहीं वर्तमान की बाघमार सरकार के द्वारा ऐसी कोई लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीर पेश नहीं की गई और ना ही वर्तमान समय तक नेता प्रतिपक्ष को कक्ष देने की पहल की गई .
ऐसे में शहरी सरकार द्वारा एक राष्ट्र एक चुनाव की बात लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीर पर कहीं ना कहीं प्रश्न चिन्ह लगा रहा है बता दे कि प्रदेश के अन्य नगरी निकायों में नेता प्रतिपक्ष को कक्ष का आवंटन किया गया है वहीं कुछ निकायों में वाहन सुविधा भी दी गई है ऐसे में दुर्ग नगर पालिक निगम की शहरी सरकार द्वारा विपक्ष के नेता के साथ इस तरह का व्यवहार लोकतंत्र को आईना दिखाने जैसा प्रतीत हो रहा है मंगलवार को हुए सामान्य सभा के विशेष सत्र के पहले विपक्ष की कांग्रेस ने निगम कार्यालय के द्वारा के पास नेता प्रतिपक्ष का अस्थाई कक्ष खुले स्थान पर कर अपना विरोध भी जताए अब देखना यह है कि एक राष्ट्र एक चुनाव के लाभ की लंबी फेहरिस्त बताने वाली बाघमार सरकार विपक्ष के लिए किस तरह का सार्थक कदम उठाती हैं और लोकतंत्र की खूबसूरती को बरकरार रखने की दिशा में उनके पहल का सभी को इंतजार है?