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महाराष्ट्र/शौर्यपथ /महाराष्ट्र के अकोला से गणपति पंडाल में दान पेटी तोड़कर चोरी करने का मामला सामने आया है. यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है. सोशल-मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. लोग चोरी के इस वीडियो को देखकर हैरान हैं. वहीं, अब पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोर की पहचान करने की कोशिश कर रही है.
दरअसल, यह घटना उमरी वासियों के राजा श्री संत रोहिदास महाराज गणेशोत्सव गणपति पंडाल की है. जहां 25 सितंबर को दोपहर 2:13 बजे एक चोर ने दान पेटी से हजारों रुपए चुरा लिये. इस घटना के समय मंडप के कार्यकर्ता पंडाल के पीछे काम कर रहे थे.
चोर ने मौके का लाभ उठाकर गणपति पंडाल में प्रवेश किया और श्री गणपति बप्पा के सामने रखी दान पेटी खोलकर उसमें आए चढ़ावों पर अपना हाथ साफ कर दिया. इसके बाद वह गणपति पंडाल से निकलकर फरार हो गया.
गणपति पंडाल में हुई चोरी की यह घटना वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो गई. मंडप के पदाधिकारियों द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार, यह चोरी 15000 से 16000 रुपए की हुई है. सिविल लाइन पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोर की पहचान करने की कोशिश में हैं और जांच में जुटी है.
गणपती उत्सव के अवसर पर चोरी की इस अजब-गजब घटना सामने आने के बाद अब सभी गणेश पंडाल कमेटी की तरफ से ऐसी मांग की जा रही है कि बड़े मंडपों पर 2 पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगानी चाहिए.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /बालों के झड़ने और लगातार पतले होने की दिक्कत को दूर करने के लिए कई तरह के तेल लगाए जाते हैं. लेकिन, क्या आपने कभी घी को सिर पर लगाकर देखा है. असल में घी को बालों में लगाना एक आयुर्वेदिक नुस्खा है जो बालों को बढ़ाने और घना बनाने में असर दिखाता है. घी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों और एंटी-ऑक्सीडेंट्स का भी अच्छा स्त्रोत है जो बालों की कई दिक्कतें भी दूर करता है. जानिए बालों पर किस तरह घी लगाएं और इसे लगाने के कौन-कौनसे फायदे होते हैं.
बालों पर घी लगाने के फायदे |
बढ़ते हैं बाल
घी को बालों पर लगाने से स्कैल्प का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जिससे बाल लंबे, घने और हेल्दी बनते हैं. इससे बालों को बढ़ने में भी मदद मिलती है और झड़ते बालों की दिक्कत कम करने में भी यह नुस्खा मददगार है. बालों में घी लगाने के लिए इसे हल्का गर्म करें और उंगलियों या रूई की मदद से बालों की जड़ों से लेकर सिरों तक घी लगा लें. इसे सिर में रातभर भी लगाकर रखा जा सकता है या फिर सिर धोने से एक घंटे पहले भी बालों में घी लगा सकते हैं.
दूर होगा डैंड्रफ
डैंड्रफ से छुटाकारा दिलाने में भी घी का असर दिखता है. एक कटोरी में 2 चम्मच घी, एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच बादाम का तेल मिलाएं. इस मिश्रण को स्कैल्प पर अच्छी तरह लगाएं और एक घंटे बाद सिर धो लें. डैंड्रफ का सफाया हो जाएगा.
मुलायम बनेंगे बाल
बालों पर यूं तो सादा घी लगाने पर भी बाल मुलायम होने लगते हैं लेकिन इसे नारियल तेल के साथ मिलाकर लगाने से बाल अत्यधिक मुलायम हो जाते हैं. एक चम्मच नारियल के तेल में बराबर मात्रा में घी मिला लें. इसे सिर पर लगाएं और एक से डेढ़ घंटे बाद रोज की ही तरह शैंपू से सिर धो लें. हफ्ते में एक बार भी इस नुस्खे को आजमाया जाए तो बालों पर कमाल का असर दिखता है.
स्कैल्प को मिलती है नमी
जिन लोगों के बाल जरूरत से ज्यादा रूखे हैं उनके लिए घी कमाल का साबित होता है. घी से सिर की मालिश करने पर ड्राई, खुजली वाली और फ्लेकी स्कैल्प को मॉइश्चर मिलता है. इससे बालों का रूखापन दूर होकर बाल सोफ्ट, सिल्की और शाइनी बनते हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /अमरूद और अमरूद के पत्ते दोनों ही सेहत के लिए बेहद अच्छे होते हैं. अमरूद के पत्तों को कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए खाया जाता है और इन्हीं में से एक है डायबिटीज. डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. ऐसे में अमरूद के पत्तों का सेवन किया जा सकता है. अमरूद के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल गुण और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं. इसके अलावा, ये पत्ते विटामिन बी और सी के भी अच्छे स्त्रोत हैं. जानिए डायबिटीज में इनका सेवन कैसे किया जा सकता है.
डायबिटीज में अमरूद के पत्ते |
डायबिटीज में अमरूद के पत्तों की चाय बनाकर पी जा सकती है. इसके लिए एक कप पानी में कुछ अमरूद के पत्ते उबालें और इसे कप में छानकर पिएं. इससे बल्ड शुगर लेवल्स रेग्यूलेट होते हैं. इस चाय को पीने का सही समय खाना खाने के बाद है. अमरूद के पत्तों को धोकर और साफ करके सुबह खाली पेट भी खाया जा सकता है.
ये भी हैं फायदे
अमरूद के पत्ते डायबिटीज में तो फायदेमंद है हीं, इनसे शरीर को और भी कई फायदे मिलते हैं. अमरूद के पत्तों के सेवन से पेट का दर्द दूर होता है.
कॉलेस्ट्रोल कम करने में भी अमरूद के पत्ते असर दिखाते हैं. इनसे नसों में जमा कॉलेस्ट्रोल पिघलकर निकल जाता है.
वजन घटाने में भी अमरूद के पत्तों का असर दिखता है. इन पत्तों से बैली फैट भी कम होने लगता है. वजन घटाने के लिए भी अमरूद के पत्तों की चाय पी सकते हैं.
अमरूद के पत्ते चबाने और इन पत्तों की चाय पीने पर बालों को भी लाभ मिलता है. ये पत्ते स्कैल्प पर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं और हेयर फॉलिकल्स को बेहतर करते हैं.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /अलसी के बीजों की गिनती सुपरफूड्स में की जाती है. इसकी एक वजह इन बीजों का पोषक तत्वों से भरपूर होना है. अलसी के बीजों में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है. इसके अलावा इनमें हाई क्वालिटी अमीनो एसिड्स होते हैं, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं और कॉपर, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और थियामिन की अच्छी मात्रा होती है. इन बीजों के सेवन से शरीर को कई फायदे मिलते हैं जिनके बारे में यहां दिया जा रहा है. साथ ही, जानिए इन बीजों को किस तरह खानपान का हिस्सा बनाया जा सकता है.
अलसी के बीज खाने के फायदे |
वजन कम करने के लिए अलसी के बीज खाए जा सकते हैं. इनमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है जो पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और एक्सेस फूड इंटेक कम होता है.
दिल की सेहतभी अलसी के बीजों को खाने पर अच्छी रहती है. अलसी के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं जो हार्ट हेल्थ को अच्छा रखते हैं. इन बीजों से इंफ्लेमेशन भी कम होती है.
ब्लड कॉलेस्ट्रोल कम करने में भी अलसी के बीजों के फायदे नजर आते हैं. इन बीजों से एलडीएल यानी गंदा कॉलेस्ट्रोल कम होता है. ये बीज शरीर से टॉक्सिंस कम करने में भी असर दिखाते हैं.
पाचन को बेहतर बनाए रखने में भी अलसी के बीज काम आते हैं. फाइबर पेट की दिक्कतों को दूर रखता है. इससे कब्ज की दिक्कत भी नहीं होती है और खाना बेहतर तरीके से पचता है.
डाइट में अलसी के बीज शामिल करना
अलसी के बीजों को भूनकर स्नैक्स की तरह खाया जा सकता है. ये बीज टेस्टी होते हैं जिससे इन्हें खाना अच्छा भी लगता है.
सुबह एक चम्मच अलसी के बीज खाकर एक गिलास गर्म पानी पीने पर पेट की चर्बी पिघलने लगती है.
अलसी के बीजों को फलों या सलाद में डालकर भी खाया जा सकता है.
ओट्स में अलसी के बीज डाले जा सकते हैं, दलिया में इन्हें डाला जा सकता है और ब्रेकफास्ट सीरियल में भी ये बीज स्वादिष्ट लगते हैं.
अलसी के बीजों का देसी तरह से इस्तेमाल करने के लिए आप 1-2 चम्मच अलसी के बीजों को पीसकर आटे में मिलाकर रोटियां बना सकते हैं या फिर परांठे की फिलिंग में इसे भर सकते हैं.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /जब भी खुद को संवारने की बात आती है तो, हम में से ज्यादातर लोग केवल चेहरे को निखारने तक ही सीमित रह जाते हैं. हाथ और पैर की तरफ ध्यान नहीं देते हैं. जिसके कारण इन हिस्सों की त्वचा चेहरे से बिल्कुल अलग दिखने लगती है. ऐसे में आज हम कैसे हाथ और पैर की डेड स्किन को बाहर निकाल सकते हैं एक बेहद ही घरेलू नुस्खा बताने वाले हैं. इस रेमेडी को तैयार करने में किन चीजों की जरूरत पड़ेगी आगे आर्टिकल में बताने वाले हैं.
राइस डेड स्किन रिमूवल पैक
सामग्री- इसके लिए आपको 01 चम्मच चावल का आटा, 1/3 बेकिंग सोडा, आधे कटे नींबू का रस, 02 चम्मच दही चाहिए.
बनाने की विधि
इन चारों सामग्रियों को अच्छे से मिक्स कर लीजिए, फिर आप अपने हाथ और पैर में अच्छे से अप्लाई कर लीजिए और 10 मिनट तक सूखने के लिए छोड़ दीजिए. इसके बाद आप वाइप से साफ कर लीजिए अच्छे से. फिर पानी से धोकर हाथ पैर को सुखा लीजिए और एक लाइट मॉइश्चराइजर अप्लाई कर लीजिए.
टैनिंग से कैसे बचें
अगर आप चाहती हैं कि आपके हाथ पैर साफ-सुथरे और चमकदार बने रहें उस पर टैनिंग की पतर ना चढ़े तो कुछ खास बातों का ध्यान रखें. सबसे पहली चीज तो बाहर निकलने से पहले चेहरे के अलावा सन स्क्रीन लोशन जरूर अप्लाई करें हाध और पैर में. दूसरी जब बाहर से घर में आएं तो हाथ पैर को अच्छे क्लीन करके मॉइश्चराइज करें. इससे आपके पैर हाथ मुलायम और चमकदार बने रहेंगे और टैनिंग भी नहीं होगी.
ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / आजकल युवाओं में कोरियन ब्यूटी हैक्स का खूब क्रेज है. उनके हैक्स लोग खूब फॉलो कर रहे हैं, खासकर स्किन केयर. असल में कोरियन लड़कियों और लड़कों की स्किन शीशे की तरह चमकदार और बेदाग होती है, यही कारण है हर कोई उनकी जैसी ग्लासी स्किन पाना चाहता है. कोरियन स्किन के बढ़ते क्रेज को देखते हुए आज हम आपको उनका सबसे पॉपुलर नुस्खा बताने जा रहे हैं. आपको बता दें कि यहां के लोग बाल हो या फिर चेहरा इसको निखारने के लिए चावल का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से करते हैं. इस आर्टिकल में पके चावल का फेस पैक बनाने के बारे में बताने वाले हैं. तो आइए जानते हैं बिना देर किए.
पके चावल का फेस पैक
- आपको एक कटोरी में 02 चम्मच पके चावल लेना है, फिर उसमें 02 चम्मच कच्चा दूध और 01 चम्मच शहद मिलाकर अच्छे से पेस्ट बना लीजिए. फिर इसको फेस पैक ब्रश की मदद से चेहरे से लेकर गर्दन तक में अच्छे से अप्लाई कर लीजिए. इस पैक को आपको 10 मिनट के लिए लगाकर रखना है. इसके बाद साफ पानी से चेहरे को अच्छे से क्लीन कर लीजिए. इसके बाद कॉटन टॉवल से फेस को हल्के हाथ से सुखाकर मॉइश्चराइजर लगा लीजिए.
- आप इस रेमेडी को हफ्ते में एकबार अप्लाई करेंगी तो आपके फेस पर कसाव बना रहेगा. झुर्री, दाग धब्बे और फाइन लाइन की समस्या नहीं होगी. वहीं, अगर आपको सनबर्न की वजह से टैनिंग हो गई है तो फिर यह पैक आपकी स्किन के लिए तो रामबाण है. जिन लोगों की उम्र 30 के पार उन्हें तो इस नुस्खे को जरूर अपनाना चाहिए.
- असल में चावल स्किन के लिए इसलिए लाभदायक है क्योंकि इसमें पाए जाने वाले अमीनो एसिड्स,एंटी-ऑक्सीडेंट्स और खनिज जैसे पोषक तत्व एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करने में सहायक होते हैं. वहीं, कच्चे दूध में क्लींजिंग गुण होता है जो स्किन से डेड सेल्स को निकालकर चेहरे को चमकदार बनाते हैं साथ ही स्किन पर नमी भी बनाए रखते हैं.
खाना खजाना/शौर्यपथ /बाजरा भारत में कई राज्यों में उगाई जाती है. यह प्राकृतिक रूप से ग्लूटेन फ्री और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. भारत में उगाई जाने वाली बाजरा फसलों में ज्वार, कोदो बाजरा, सामा बाजरा, बार्नयार्ड बाजरा, फॉक्सटेल बाजरा, रागी मुख्य हैं. सेहत के लिए बेहद फायदेमंद बाजरा को डाइट में शामिल करने की हर किसी को सलाह दी जाती है. आइए जानते हैं मिलेट्स सेहत को किस तरह लाभ पहुंचाते हैं और आप इन्हें किस तरह अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
बाजरा से सेहत को लाभ |
बाजरा पोषण से भरपूर होते हैं और चावल के बदले खाने के लिए बेहतरीन ऑप्शन साबित हो सकते हैं.
पोटेशियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा के कारण तनाव कम करने में मदद करते हैं.
फाइबर से भरपूर होने के कारण लंबे समय तक पेट को भरा रखते हैं और डाइजेशन सिस्टम को बेहतर करते हैं.
महिलाओं में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मददगार होते हैं.
बाजरा नियासिन का अच्छा सोर्स है, यह स्किन को हेल्दी रखते हैं.
डार्क बाजरा बीटा-कैरोटीन का एक अच्छा सोर्स है जो आंखों को हेल्दी रखने वाला एंटीऑक्सीडेंट है.
बाजरे में मौजूद घुलनशील और अघुलनशील फाइबर के कारण यह गट हेल्थ के लिए फायदेमंद है और कोलन कैंसर के खतरे को कम करता है.
बाजरा में कैल्शियम, आयरन और प्रोटीन भरपूर मात्रा में होती है. यह गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए कंप्लीट फूड है.
इसमें मौजूद राइबोफ्लेविन, थायमिन, नियासिन और फोलिक एसिड जैसे विटामिन सेल ग्रोथ, नर्वस सिस्टम और स्पाइन के विकास में मदद करते हैं.
इसमें मौजूद आयरन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे खनिज ब्लड बनाने में मदद करते हैं.
बाजरा डायबिटीज और हार्ट डिजीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है.
ऐसे कर सकते हैं बाजरा को डाइट में शामिल |
बाजरा को पिसवा कर आटे की तरह यूज किया जा सकता है. इसके अलावा इसे उबालकर चावल की जगह खाया जा सकता है. ये हैं बाजरा की कुछ रेसिपीज. जानें से बाजरे से क्या-क्या बन सकता है?
बाजरा-गेहूं पालक रोटी
सामग्री
200 ग्राम बाजरा
100 ग्राम साबुत अनाज गेहूं का आटा
1 गुच्छा पालक के पत्ते
लहसुन की 2 कलियां
एक कप दही
2 कटी हुई हरी मिर्च
धनिया पत्ती
चुटकी भर हल्दी
नमक स्वाद अनुसार
विधि
बाजरे और गेहूं के आटे में पालक, हरी मिर्च, लहसुन, धनिया पत्ती, हल्दी और नमक डालकर दही की मदद से गूंथ लें.
अब इसकी रोटी बनाकर कड़ाही में घी या तेल लगाकर पकाएं.
दही या पसंद की चटनी के साथ गरमागरम परोसें.
रागी जेलो
सामग्री-
1 कप रात भर भिगोई हुई रागी
1/2 कप गुड़ पाउडर
नमक की एक चुटकी
2 बड़े चम्मच कटे हुए मेवे
1 बड़ा चम्मच घी
विधि
भीगी हुई रागी को अच्छी तरह पीस लें.
वह गाढ़े दूध में बदल जाएगा.
एक पैन में रागी का दूध लें और उसमें गुड़ और नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें.
मिश्रण को धीमी आंच पर कुछ देर उबलने दें.
लगातार चलाते रहें और चलाते समय थोड़ा-थोड़ा कर घी डालें.
मिश्रण जम जाए तो इसमें कटे हुए मेवे डालें और इसे घी लगी प्लेट में निकाल लें और ठंडा होने दें. मनचाहे आकार में काटकर और परोसें.
पर्ल मिलेट डोसा |
सामग्री-
1 कप बाजरा
1/4 कप उड़द दाल
2 बड़े चम्मच चावल
नमक
विधि
बाजरा, चावल और उड़द दाल को अलग-अलग 4 घंटे के लिए पानी में भिगो कर रखें.
उन्हें अलग-अलग दरदरा पीस लें. आवश्यकतानुसार नमक मिलाएं.
फर्मेंट होने के लिए रात भर रखें.
सुबह गर्म गर्म डोसा तैयार करें और टमाटर या धनिये की चटनी और सांभर के साथ गरमागरम परोसें
मिक्स मिलेट लड्डू |
सामग्री
150 ग्राम रागी का आटा
150 ग्राम बाजरे का आटा
150 ग्राम ज्वार का आटा
75 ग्राम आटा
30 ग्राम सूखे मेवे कटे हुए
1 बड़ा चम्मच भुने हुए अलसी या तिल के बीज
3 बड़े चम्मच घी
2 पीसी हुई इलायची
विधि
एक पैन में घी गर्म करें और सभी आटे को मध्यम आंच पर खुशबू आने तक भून लें.
दूसरे पैन में गुड़ को पानी के साथ पिघला लें.
एक बार जब यह पिघल जाए तो सभी भुने हुए आटे को धीरे-धीरे डालें.
मेवे डालकर आंच से उतार लें.
हाथों पर घी लगाकर लड्डू बनाएं.
इसे एयरटाइट जार में स्टोर करके रख सकते हैं.
खाना खजाना /शौर्यपथ / अलसी के बीजों को पोषक तत्वों का भंडार कहा जाता है. असली के बीज को डाइट में हम कई तरह से शामिल कर सकते हैं और करते आए हैं. क्योंकि अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, हाई फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद माने जाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी अलसी की रोटी खाई है. जी हां आपने बिल्कुल सही सुना. अलसी की रोटी के सेवन से शरीर को कई तरह की समस्याओं से बचाने में मदद मिल सकती है. तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं इसे बनाने की आसान रेसिपी.
कैसे बनाएं अलसी की रोटी-
सामग्री-
गेहूं का आटा
अलसी के बीज
नमक स्वादानुसार
घी
विधि-
अलसी की रोटी बनाने के लिए सबसे पहले अलसी के बीजों को पीसकर पाउडर बना लें.
इसके बाद एक बाउल में साबुत गेहूं का आटा, पिसी हुई अलसी, नमक और घी डालें और आटा गूंथ लें.
आटे को कुछ मिनट के लिए रख दें.
इसके बाद रेगुलर रोटी की तरह रोटियां बना लें.
रोटियों को नॉन-स्टिक तवे पर दोनों तरफ से अच्छी तरह पकाएं.
प्लेट में निकाल कर घी लगाएं और किसी भी सब्जी के साथ खाएं.
अलसी की रोटी खाने के फायदे-
1. अलसी की रोटी डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद मानी जाती है. क्योंकि फाइबर रिच अलसी में हेल्दी फैट पाए जाते हैं, जो शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं.
2. अलसी की रोटी को हार्ट के लिए फायदेमंद माना जाता है. अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो हार्ट को हेल्दी रखने में मददगार है.
3. कब्ज से राहत दिलाने में मददगार है असली की रोटी. अलसी की रोटी में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं.
4. अगर आप वजन को कम करना चाहते हैं तो अपनी डाइट में अलसी की रोटी को शामिल कर सकते हैं. रेगुलर रोटी की तुलना में इसे ज्यादा हेल्दी माना जाता है.
सेहत टिप्स /शौर्यपथ /सुबह का समय हम सभी के लिए व्यस्त समय होता है. डेली कामकाज, बच्चों को स्कूल छोड़ने और काम की ज़िम्मेदारियों से निपटने के बीच, ब्रेकफास्ट बनाना एक वास्तविक चुनौती हो सकती है. हममें से कुछ लोग ब्रेड और बटर के एक सिंपल पीसेस का भी सहारा लेते हैं क्योंकि हम बहुत जल्दी में होते हैं. लेकिन आइए इसे फेस करें, हर दिन एक ही चीज़ खानाबहुत उबाऊ हो सकता है.तभी हम क्विक और टेस्टी ऑप्शन की तलाश शुरू करते हैं. जबकि उपमा, पोहा, सैंडविच और चीला जैसे ऑप्शन उपलब्ध हैं, यदि आप अपने ब्रेकफास्ट रूटिन में कुछ एक्साइटमेंट एड करना चाहते हैं, तो हमारे पास दही टोस्ट की एक शानदार रेसिपी है जो निश्चित रूप से पसंद आएगी.
भारतीय व्यंजनों में दही एक किचन सुपरहीरो है. हम इसका उपयोग हर चीज़ के लिए करते हैं, क्रीमी रायता बनाने से लेकर मीट को मैरीनेट करने और ग्रेवी बढ़ाने तक.यह डिप्स और सैंडविच स्प्रेड के लिए भी एक अच्छा ऑप्शन है. लेकिन आज हम आपको कुछ खास चीज़ से परिचित करा रहे हैं: दही टोस्ट. यह एक लाइफसेवर है क्योंकि यह स्पीडी, सिंपल है और इसके लिए सब्जियों की लंबी लिस्ट की आवश्यकता नहीं होती है. उस एक्स्ट्रा फ्लेवर के लिए आपको बस रोस्टेड बेसन, मुट्ठी भर मसाले, पानी और कुछ तिल चाहिए. आइए रेसिपी पर चलते हैं.
दही टोस्ट रेसिपी कैसे बनाएं-
1. सबसे पहले एक बाउल में एक कप दही लें. 1 से 1.5 बड़े चम्मच भुना हुआ बेसन, थोड़ी सी लाल मिर्च, काली मिर्च, जीरा और एक चुटकी हल्दी डालें.
2. सभी चीजों को तब तक मिलाएं जब तक आपको गाढ़ा बैटर न मिल जाए, आवश्यकतानुसार थोड़ा सा पानी मिलाएं.
3. ब्रेड का एक पीस लें और बैटर को एक तरफ फैला दें.
4. थोडे से घी के साथ पैन को गर्म करें.
5. पैन में ब्रेड का पीस, बैटर वाला पार्ट नीचे की ओर रखें. दूसरी तरफ और बैटर फैलाएं और थोड़ा बारीक कटा हरा धनिया और तिल छिड़कें. दोनों तरफ से क्रंची और गोल्डन ब्राउन होने तक पकाएं.
6. चटनी के साथ या अपने चाय के कम्फर्टिंग कप के साथ गरमागरम दही टोस्ट का आनंद लें.
व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /साल 2023 के 10वें महीने अक्टूबर में कई व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं. इस महीने में शारदीय नवरात्रि, प्रदोष व्रत, पूर्णिमा, अमावस्या, दशहरा और एकादशी के व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे. इन व्रत और त्योहारों की विशेष धार्मिक मान्यता है. सालभर के सबसे बड़े व्रत में इस महीने के व्रत गिने जाते हैं. इस माह शारदीय नवरात्रि की भी खास धूम देखने को मिलती है. वहीं, दशहरा साल के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. जानिए अक्टूबर में कौन-कौनसे व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं, इनकी तारीख क्या है और इनके महत्व के बारे में.
अक्टूबर के व्रत-त्योहार |
जीवितपुत्रिका व्रत
6 अक्टूबर के दिन जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाएगा. इस व्रत को जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में मां अपने बच्चों की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं और भगवान सूर्यनारायण की पूजा करती हैं. यह निर्जला व्रत होता है और इसकी विशेष मान्यता है.
इंदिरा एकादशी
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी के दिन पितरों की पूजा का खास विधान है. इस साल इस एकादशी का व्रत 10 अक्टूबर के दिन रखा जा रहा है.
बुध प्रदोष व्रत
अक्टूबर माह का पहला प्रदोष व्रत 11 अक्टूबर, बुधवार के दिन पड़ रहा है. प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा की जाती है. भक्त भोलेनाथ के लिए व्रत रखते हैं और शाम के समय प्रदोष काल में शिव पूजा करते हैं.
श्राद्ध
श्राद्ध के दिन पितरों की पूजा और तर्पण किया जाता है. इस साल महालय श्राद्ध 14 अक्टूबर के दिन पड़ रहा है. पितृ पक्ष में महालय अमावस्या का भी विशेष महत्व है.
शारदीय नवरात्रि
नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों का पूजन किया जाता है और बहुत से भक्त पूरे नौ दिन व्रत रखते हैं. इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरूआत 15 अक्टूबर से हो रही है.
दुर्गाष्टमी
नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गाष्टमी मनाई जाती है. दुर्गाष्टमी की तिथि इस साल 22 अक्टूबर है. इस दिन कन्यापूजन किया जाता है और घर में कंजक बैठाई जाती है.
महानवमी
दुर्गाष्टमी के अगले दिन यानी 23 अक्टूबर के दिन महानवमी मनाई जा रही है. महानवमी नवरात्रि का अंतिम दिन भी है जिसके साथ ही नवरात्रि पर्व की समाप्ति हो जाती है.
दशहरा
दशहरा या विजयादशमी इस साल 24 अक्टूबर के दिन पड़ रहा है. पौराणिक कथाओं के अनुसार दशहरा के दिन ही श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था.
पापांकुशा एकादशी
हर माह 2 एकादशी पड़ती हैं. अक्टूबर की दूसरी एकादशी 25 अक्टूबर के दिन है. इस एकादशी पर व्रत और पूजा-पाठ करने से मान्यतानुसार सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.
प्रदोष व्रत
हर महीने दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं. अक्टूबर का दूसरा प्रदोष व्रत 26 अक्टूबर, गुरुवार के दिन पड़ेगा. पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि में प्रदोष व्रत रखा जाता है और शिव पूजा होती है.
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा के साथ ही अक्टूबर माह के सभी बड़े व्रत-त्योहार खत्म हो जाएंगे. इस महीने शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर, शनिवार के दिन पड़ रही है. इस पूर्णिमा की विशेष धार्मिक मान्यता है और कहते हैं इस दिन पूजा करने पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है.