June 04, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

   ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ /चेहरे पर बाल होना सामान्य है, लेकिन कभी-कभी हार्मोनल इंबैलेंस के कारण महिलाओं के चेहरे पर कुछ ज्यादा ही हेयर ग्रो करने लगते हैं खासकर अपर लिप्स के ऊपर. इन बालों को हटाने के लिए उन्हें बार-बार पार्लर के चक्कर लगाने पड़ते हैं. हालांकि, कुछ ऐसे घरेलू उपाय भी हैं जिनकी मदद से आसानी से इन बालों को हटाया जा सकता है. आइए जानते हैं अपर लिप्स के बालों   को हटाने के आसान घरेलू उपाय.
अपर लिप्स के बाल हटाने के घरेलू उपाय
बेसन और दूध
   एक चम्मच बेसन और दूध को मिलाकर पेस्ट बनाएं और अपर लिप्स के बालों पर लगा दें. सूख जाने पर हल्के हाथों से स्क्रब करें. इससे अनचाहे बालों   से छुटकारा मिल जाएगा.
नींबू चीनी
  अपर लिप्स के बालों को रिमूव करने के लिए नींबू और चीनी का घोल बनाकर लगाएं. सूख जाने पर स्क्रब करते हुए निकालें. इससे आसानी से अपर लिप्स के अनचाहे बाल हट जाएंगे.
दूध हल्दी
  बालों को नेचुरली रिमूव करने में दूध और हल्दी सबसे पहले आते हैं. इसके लिए एक चम्मच दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे होंठों के ऊपर के बालों पर लगा लें. अच्छी तरह सूखने के बाद अंगुलियों को गीला कर रगड़-रगड़ कर छुड़ाएं.
शहद हल्दी
 एक चम्मच दही में एक चम्मच शहद और चुटकीभर हल्दी मिलाएं और उसे इसे होंठों के ऊपर के बालों पर लगा लें. थोड़ी देर बाद अंगुलियों को गीला कर रगड़-रगड़ कर छुड़ाएं. पेस्ट के साथ बाल भी साफ हो जाएंगे.
नींबू शहद
  अपर लिप्स के ऊपर के बालों को रिमूव करने के लिए एक चम्मच शहद में आधे नींबू का रस   मिलाएं और इसे होंठों के ऊपर लगाएं. थोड़ी देर बाद अंगुलियों को गीला कर रगड़-रगड़ कर छुड़ाएं. पेस्ट के साथ बाल भी साफ हो जाएंगे.

  ब्यूटी टिप्स /शौर्यपथ / महिलाएं अपने चेहरे के साथ हाथों और पैरों की खूबसूरती में भी चार-चांद लगाना चाहती हैं. हाथों की खूबसूरती में नाखूनों का बहुत महत्व होता है. नेल्स को सुंदर दिखाने के लिए तरह-तरह के नेल पेंट से लेकर नेल आर्ट तक का सहारा लिया जाता है. इन दिनों नेल्स को बड़ा दिखाने के लिए नेल एक्सटेंशन   का भी काफी ट्रेंड है. लेकिन, नेल एक्सटेंशन के कई साइड इफेक्ट्स भी होते हैं. आइए जानते हैं क्या है नेल एक्सटेंशन और कौनसे हैं इसके खतरे जिनसे बचे रहने की जरूरत होती है.
नेल एक्सटेंशन के साइड इफेक्ट्स |  
  नेल्स की खूबसूरती बढ़ाने के लिए नेल एक्सटेंशन करवाया जाता है. इसमें असली नेल्स के ऊपर एक्रेलिक नेल्स लगाए जाते हैं. इसके बाद उन्हें मनचाहा शेप दिया जाता है. असली नेल्स पर एक्रेलिक नेल्स चिकपाएं जाते हैं और उन पर जेल कोटिंग करके उन्हें शाइनी बनाया जाता है. इस तरह नेल एक्सटेंशन कराने के कुछ नुकसान भी हैं.
नैचुरल ग्लो में कमी
  नेल एक्सटेंशन के लिए असली नेल्स को रगड़कर पतला किया जाता है जिससे उनकी नैचुरल चमक कम हो जाती है. बार-बार नेल एक्सटेंशन के कारण नाखुनों की चमक हमेशा के लिए खराब हो सकती है.
हाथ से काम करने में परेशानी
   नेल एक्सटेंशन के कारण हाथों से काम करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. भले ही इससे हाथ खूबसूरत दिखें लेकिन रूटीन कामों जैसे कंप्यूटर या मोबाइल चलाने से लेकर घर के कामों में भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
काफी खर्चीला
   नेल एक्सटेंशन काफी महंगा भी होता है. इसकी फीस 1000 रुपए से लेकर 6000 तक हो सकती है. इसके साथ ही एक्सटेंशन के बाद नेल्स की देखभाल के लिए भी कई प्रोडक्ट्स खरीदने पड़ते हैं. इतने खर्च के बाद एक बार करवाया गया नेल एक्सटेंशन 5 से 6 सप्ताह तक ही रहता है.

  खाना खजाना /शौर्यपथ /जब बात इंडियन स्ट्रीट फूड की आती है, तो आप कचौरी को मिस नहीं कर सकते हैं. आटे के अंदर भरे हुए मसाले और तेल में फ्राई की गई कचौरियाँ किसी लाजवाब से कम नहीं हैं! इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि आपके पास इसे बनाने के कई तरह के ऑप्शन मौजूद होते हैं. डो आपके मूड और टेस्ट पर डिपेंड करते हैं. आपने सही पढ़ा! भारत भर में ही आपको कई कचौरी रेसिपी मिल जाएंगी. मीठी और नमकीन दोनों, जिनमें से सभी की फिलिंग बिल्कुल अलग और लाजवाब होती है. आज हम बात कर रहे हैं क्लासिक काठियावाड़ी कचौरी की. ये गुजरात की फेमस डिश है. इसमें मटर की फिलिंग की जाती है और गर्म चाय के साथ इसका आनंद लिया जाता है. शाम का नाश्ता होने के साथ ही यह वहां रहने वाले लोगों के नाश्ते की थाली में जरूर मिल जाती है.
काठियावाड़ी कचौड़ी में खास क्या है?
        जो लोग सोचते थे कि गुजराती खाने में केवल ढोकला, खाखरा और फाफड़ा ही है, तो हम पर विश्वास करें, इस एरिया में और भी बहुत कुछ है - काठियावाड़ी खाना इसका एक उदाहरण है. गुजरात में काठियावाड़ (जिसमें राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, भावनगर, सुरेंद्रनगर और पोरबंदर शामिल हैं) यहां के खाने में विशेष तौर पर दाल, अनाज और जीरा, मिर्च और हल्दी जैसे कई मसालों को शामिल किया जाता है. सबसे जरूरी बात यह है कि गुजराती खाने से बिल्कुल अलग काठियावाड़ी खाना गर्म और मसालेदार होता है और यह कचौरी इसे सर्वश्रेष्ठ बनाती है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसे बनाना बेहद आसान है. तो आइए जानते हैं इसे बनाने की रेसिपी.
काठियावाड़ी कचौड़ी रेसिपी:
        कचौड़ी बनाने के लिए सबसे पहले आटा (मैदा) लीजिए और उसमें अजवाइन, नमक, तेल और पानी डालकर आटा गूंध लीजिए. अब उबले और मसले हुए हरे मटर के साथ जीरा, अदरक, हल्दी और भी कुछ मसाले मिलाकर फिलिंग तैयार करेंगे. शेफ ने इसमें कुरकुरापन बढ़ाने के लिए भुनी हुई कुचली हुई मूंगफली मिलाई हैं.
अब आटे से एक गोला काट लें, इसमें स्टफिंग डालकर इसे चपटा बेल लें और सुनहरा और कुरकुरा होने तक डीप फ्राई करें.  बस आपकी स्वादिष्ट काठियावाड़ी कचौड़ी बनकर तैयार है.

    सेहत टिप्स /शौर्यपथ /मोटापा, बैली फैट, साइड फैट, थाई फैट इस तरह के ना जाने कितने फैट हैं जिनसे आज कम समय में कुछ लोग जूझ रहे हैं. इसकी वजह कई बार उनका खान-पान होता है, कई बार लाइफस्टाइल तो कई बार कुछ बीमारियों की वजह से भी वजन बढ़ने लग जाता है. मोटापा यानि आपको कई बीमारियों की चपेट में भी ला सकता है, इसलिए बेहतरी इसी में होती है कि आप इसको कंट्रोल में रखें. वैसे तो वजन कम करने के लिए डाइट, एक्सरसाइज, योगा और भी बहुत सी चीजें हैं जिनको आप आजमा सकते हैं. इसी के साथ अगर आप सुबह उठते ही अपने खाने-पीने की आदतों को बदल दें. तब भी आपके पेट की चर्बी कम हो सकती है. पेट की चर्बी की बात हम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि इसको कम करना सबसे मुश्किल होता है. आज हम आपको एक ऐसा नुस्खा बताने वाले हैं जो आपके वजन को कम करने के साथ ही आपकी पेट की चर्बी को भी मक्खन की तरह पिघलाने में मदद कर सकता है.
सुबह-सुबह खाली पेट हेल्दी ड्रिंक को पीना वजन को कम करने और आपको हेल्दी बनाए रखने में मदद कर सकता है. हम सुबह के समय जो आदतें अपनाते हैं, वे हमारे पूरे स्वास्थ्य पर आसर डालती हैं. इसके अलावा, जब आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो सुबह सबसे पहले क्या खाते-पीते हैं यह और भी बहुत जरूरी हो जाता है. आंवले के रस का सेवन आपका वजन कम करने के साथ ही आपकी सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद हो सकता है. तो आइए जानते हैं सुबह खाली पेट आंवले का जूस पीने के फायदे जिन्हें जानकर आप इसको पीने के लिए मजबूर हो जाएंगे.
आंवला जूस पीने के फायदे
1. वेट लॉस
आंवला में पाए जाने वाले फाइबर शरीर के मल त्याग को कंट्रोल करने में मदद करता है और इरिटेबल बाउल सिंड्रों जैसी बीमारियों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है. आंवले में विटामिन सी अधिक मात्रा में पाया जाता है जो आपके शरीर को दूसरे पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करने के साथ वजन कम करने और बैली फैट को कम करने में मदद कर सकता है.
2. फाइबर से भरपूर
   आंवला फाइबर, विटामिन सी और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है. जो इसे कई बीमारियों से लड़ने, भूख को कम करने में मदद कर पाता है. आंवले में मौजूद विटामिन सी बीमारियों से बचाने में और शरीर को हेल्दी बनाए रखने में मदद कर सकते हैं. आंवला में विटामिन सी काफी मात्रा में पाया जाता है जो आपके शरीर को अन्य पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है, इसलिए अगर आप आयरन और दूसरे मिनरल्स लेते हैं तो आंवले का सेवन आपके लिए लाभदायी हो सकता है.
3. स्ट्रांग इम्यूनिटी
   100 ग्राम आंवला (लगभग आधा कप) में 300 मिलीग्राम विटामिन सी पाया जाता है. विटामिन सी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स को ज्यादा प्रभावी ढंग से काम करने, स्किन को मजबूत करने और घावों को तेजी से ठीक करने में मदद करते हैं और इम्यूनिटी को बू्स्ट करने में मदद कर सकते हैं.
4. ब्रेन हेल्थ
   आंवले में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट ब्रेन सेल्स पर हमला करने और उन्हें नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़कर याददाश्त को भी मजबूत बना सकते हैं. आंवले में पाया जाने वाला विटामिन सी शरीर को नॉरपेनेफ्रिन का प्रोडक्शन करने में मदद करती है, एक न्यूरोट्रांसमीटर मनोभ्रंश से जूझ रहे लोगों ब्रेन फंक्शन में सुधार कर सकता है.
5. कंट्रोल डायबिटीज
   आंवले में सॉल्युबल फाइबर की मौजूदगी ब्लड शुगर के लेवल और डायबिटीज को रोकने के लिए फायदेमंद हो सकती है. आंवले में सॉल्युबल फाइबर शरीर में जल्दी घुल जाता है, जिससे शरीर में शुगर को अवशोषित करने की स्पीड स्लो हो जाती है.

     व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /यूपी-बिहार समेत देशभर में छठ का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. बहुत लोग इस पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं. 2023 में छठ पूजा 17 नवंबर से 20 नवंबर तक मनाई जाएगी. पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन छठ यानी पहला अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ इस महापर्व का समापन होता है.  छठ पूजा  को विभिन्न क्षेत्रों में सूर्य षष्ठी, छठ, छठी, छठ पर्व, डाला पूजा और डाला छठ भी कहा जाता है.  ठेकुआ इस त्योहार का प्रसाद है. ठेकुआ के बिना पूजा पूरी नहीं मानी जाती है. लोग इसे चाव से खाते भी हैं. ठेकुआ को ठेकरी और खजूरिया के नाम से भी जाना जाता है. यूपी बिहार में इसे बेहद पसंद किया जाता है.  
छठ पूजा महत्व-
     छठ पूजा का त्योहार सूर्य भगवान की पूजा के लिए समर्पित है. जीवन में समृद्धि और परिवार के सदस्यों की भलाई के लिए उगते और डूबते सूर्य से प्रार्थना की जाती है. कई लोग पूजा के बाद सूर्य को प्रणाम करने और पारंपरिक भोजन खाने से पहले 36 घंटे का निर्जला व्रत रखते हैं. रीति-रिवाजों के अनुसार, भक्त शुरुआती दिनों में पूरे दिन उपवास करते हैं और पूजा करने के बाद एक बार भोजन करते हैं. तीसरे दिन, उपवास पूरी रात जारी रहता है और अगले दिन त्योहार का अंतिम दिन एक जल निकाय में डुबकी लगाने और सूर्य की पूजा करने के बाद खोला जाता है.
छठ पूजा में बनाया जानें वाला ठेकुआ-
   ठेकुआ छठ पूजा के दौरान बनाया जाने वाला सबसे पॉपुलर डिश है. यह बिहारी स्पंशैल्टी गेहूं के आटे में चीनी, घी और सूखे मेवे मिलाकर बनाया जाता है. बिस्किट जैसा मीठा स्नैक बनाने के लिए मिश्रण को घी में डीप फ्राई किया जाता है.

    टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /कुकिंग ऑयल आपके फूड, उसके स्‍वाद और सेहत तीनों के लिए ही बेहद अहम है. खाना पकाने के लिए बेस्‍ट कुक‍िंग ऑयल तो हम सब लोग तलाशते हैं. तेल के नाम से भले ही आप अपने वजन और हार्ट की हेल्‍थ के बारे में सोचना शुरू कर दें, लेकिन आपको यह भी जानना चाहिए कि अगर आप सही तेल का इस्‍तेमाल करते हैं, तो आप अपनी सेहत को बेहतर कर स‍कते हैं. तो कुल मिलकार यह बात सामने आती है कि तेल खाना आपके लिए नुकसानदायक नहीं है. गलत तेल, और उसका गलत मात्रा में किया गया गलत इस्‍तेमाल नुकसानदायक है. तो अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आपकी सेहत के लिए कौन सा तेल बेहतर है. तो आप यहा देख सकते हैं कि आप कौन- कौन से 10 तेल का उपयोग कर खाने के स्वाद को और बढ़ा सकते हैं.
       इस लिस्‍ट में नारियल का तेल भी अच्‍छे स्‍कोर के साथ खड़ा है. नारियल तेल का उपयोग खाना बनाने के साथ स्वास्थ के लिए भी किया जाता है. नारियल तेल को पाचन तंत्र के लिए भी अच्छा माना जाता है. लेकिन फिर से वही बात सामने आ जाती है कि यह कैसे तय किया जाए कि कोई तेल शुद्ध है उसमें कोई मिलावट नहीं है. तो तेल की शुद्धता जांचने वाले उपायों की बात फिर कभी करेंगे, आज जान लेते हैं कि आप खुद ही घर पर कैसे तेल बना सकते हैं. क्‍यों कैसी रही. कैमिलक, प्रिजर्वेटिव और एडिटिव्स से रहित एक ऐसा तेल जिस पर आप आंखें मूंद कर भरोसा कर सकते हैं, क्‍योंकि वह आपने अपने हाथों से तैयार किया है. तो बिना देर करे आज जानते हैं घर पर शुद्ध नारियल तेल बनाने का तरीका.
      इससे पहले कि हम यह जानें कि शुद्ध नारियल तेल कैसे बनाते हैा, यह समझना भी जरूरी है कि वर्जिन नारियल तेल इतना खास क्यों है. वर्जिन नारियल तेल दो तरीकों से खुद को सामान्य किस्म से अलग करता है: निष्कर्षण प्रक्रिया और इसके स्वास्थ्य लाभ. 'वर्जिन' शब्द का मतलब है निष्कर्षण के दौरान यानी तेल निकालने के दौरान किसी तरह की गर्मी यानी हीट का इस्‍तेमाल नहीं किया गया या बहुत कम गर्मी का इस्‍तेमाल किया गया है. यह सौम्य विधि तेल की प्राकृतिक अच्छाई को बरकरार रखती है.

  व्रत त्यौहार /शौर्यपथ /धार्मिक मान्यतानुसार एकादशी का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. सालभर में 24 एकादशी पड़ती हैं जिनमें से एक आज मनाई जा रही है. आज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी है जिसे परिवर्तिनी एकादशी भी कहते हैं. इस एकादशी पर व्रत  रखना बेहद शुभ माना जाता है. कहते हैं इस दिन भगवान विष्णु अपनी निंद्रा में करवट बदलते हैं. मुद्रा में परिवर्तन के कारण ही इसे परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन भक्त श्रीहरि के लिए व्रत रखते हैं और विशेष पूजा-पाठ भी करते हैं. जानिए इस व्रत में भक्त क्या खाते हैं.
परिवर्तिनी एकादशी कब है
     पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर परिवर्तिनी एकादशी पड़ती है. इस साल यह व्रत 2 दिनों का माना जा रहा है. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 25 सितंबर सुबह 7 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 26 सितंबर सुबह 5 बजे खत्म होगी. इस चलते परिवर्तिनी एकादशी को 25 सितंबर और 26 सितंबर दोनों दिन मनाया जा रहा है. साथ ही, एकादशी का व्रत आज 25 सितंबर के दिन ही रखा जाएगा.
  मान्यतानुसार एकादशी का व्रत रखने पर जीवन के सभी दुखों से मुक्ति मिलती है, घर में खुशहाली आती है, कष्ट दूर रहते हैं और ग्रहों की अशुभता दूर हो जाती है.
एकादशी की पूजा
     परिवर्तिनी एकादशी में सुबह सवेरे उठकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके व्रत का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करके उनकी प्रतिमा के समक्ष तुलसी दल अर्पित किया जाता है और साथ ही पुष्प चढ़ाए जाते हैं. इसके बाद भगवान की आरती की जाती है. भगवान विष्णु के साथ-साथ माता पार्वती का भी पूजन होता है. भक्त दिनभर भगवान विष्णु के गीत, भजन और आरती आदि सुनते हैं.
एकादशी व्रत में क्या खाएं
    एकादशी के व्रत में शकरकंदी, कट्टू, आलू, नारियल, काली मिर्च और साबुदाना का सेवन किया जा सकता है. इसके अलावा सेंधा नमक, अदरक, बादाम, दूध और चीनी को भी खानपान में सम्मिलित करते हैं.
    जो भक्त एकादशी का व्रत रखते हैं या अगर किसी के घर में कोई व्यक्ति एकादशी का व्रत रख रहा है तो उन्हें मांस, लहसुन, मसूर की दाल और प्याज आदि से परहेज करने के लिए कहा जाता है.

‘‘छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना‘‘ का करेंगे शुभारंभ
‘‘छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना‘‘ के 30 हजार हितग्राहियों को आवास स्वीकृति पत्र का करेंगे वितरण
‘‘प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना‘‘ के छूटे हुए 01 लाख हितग्राहियों को 25 हजार रूपए के मान से प्रथम किश्त की राशि का वितरण
‘‘मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना‘‘ के 500 हितग्राहियों को एक-एक लाख रूपए की राशि का हितग्राहियों के खाते में हस्तांतरण
स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित गारमेंट फैक्ट्री का होगा शुभारंभ
नगरीय क्षेत्रों में 1117 हितग्राहियों को वन अधिकार पत्रों का होगा वितरण
   रायपुर/शौर्यपथ /लोकसभा सांसद श्री राहुल गांधी 25 सितम्बर को दोपहर 12 बजे बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखण्ड के ग्राम परसदा (सकरी) में आयोजित ‘‘आवास न्याय सम्मेलन‘‘ में ‘‘छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना‘‘ का शुभारंभ करेंगे। इस मौके पर सांसद श्री गांधी और मुख्यमंत्री श्री बघेल ‘‘छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना‘‘ के 30 हजार हितग्राहियों को आवास स्वीकृति पत्र एवं ‘‘प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना‘‘ के 01 लाख हितग्राहियों को 25-25 हज़ार रूपए की प्रथम किस्त की राशि और ‘‘मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना‘‘ के 500 हितग्राहियों को एक-एक लाख रुपए के मान से 5 करोड़ की राशि का वितरण करेंगे। श्री गांधी और श्री बघेल सम्मेलन में बिलासपुर जिले के लिए 597.61 करोड़ रुपए की लागत वाले 413 विकास व निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगे तथा चयनित 2594 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र तथा नगरीय क्षेत्रों में 1117 हितग्राहियों को वन अधिकार पत्रों का वितरण करेंगे।   
      सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, उप मुख्यमंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुश्री कुमारी शैलजा, सांसद श्री दीपक बैज, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रविन्द्र चौबे करेंगे। यह सम्मेलन परसदा के फायर एवं एस.डी.आर.एफ. मैदान में आयोजित किया जा रहा है।  
      आवास न्याय सम्मेलन में सांसद श्री राहुल गांधी और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल राज्य सरकार की ‘‘छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास न्याय योजना‘‘ के 30 हजार हितग्राहियों को आवास स्वीकृति पत्र वितरित करेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना के छूटे हुए 01 लाख हितग्राहियों को 25 हजार रूपए के मान से प्रथम किश्त की राशि का वितरण करेंगे।
      इस मौके पर अतिथियों द्वारा आयोजन स्थल पर लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन करेंगे और योजनाओं के हितग्राहियों से भेंटकर आवास स्वीकृति आदेश, योजनाओं के तहत सहायता राशि के चेक तथा ट्राईसिकल आदि का वितरण करेंगे। इस मौके पर  अतिथियों द्वारा स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित गारमेंट फैक्ट्री गनियारी-नगोई का शुभारंभ भी किया जाएगा।
      गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने घोषणा की थी कि केन्द्र सरकार यदि आवास योजना के पात्र हितग्राहियों का सर्वे प्रारंभ नहीं कराती है, तो राज्य सरकार सर्वे कराकर उन्हें आवास बनाने के लिए मदद करेगी।
आवास न्याय सम्मेलन में प्रदेश के गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत, अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री श्री मोहन मरकाम, सांसद बिलासपुर श्री अरूण साव, सांसद कोरबा श्री ज्योत्सना महंत, संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, विधायक बिल्हा श्री धरमलाल कौशिक, विधायक श्री शैलेष पाण्डेय, डॉ. श्री कृष्णमूर्ति बांधी, डॉ. श्रीमती रेणु जोगी, श्री रजनीश सिंह और जिला पंचायत अध्यक्ष बिलासपुर श्री अरूण सिंह चौहान विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

सेंट्रल लाईब्रेरी से युवाओं के ज्ञान को बढ़ाने और कौशल विकास में सहायक होगी: मुख्यमंत्री श्री बघेल
   रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने कोंडागांव प्रवास के दौरान शासकीय गुंडाधुर महाविद्यालय परिसर में 6 करोड़ रूपये की लागत से नवनिर्मित सर्वसुविधायुक्त अत्याधुनिक सेंट्रल लाईब्रेरी का लोकार्पण कर जिले के युवाओं को बेहतर भविष्य की सौगात दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह लाइब्रेरी जिले के युवाओं के ज्ञान को बढ़ाने और कौशल विकास में सहायक साबित होगी, जिससे युवा अपने भविष्य को संवार सकेंगे। इस अवसर पर आबकारी, वाणिज्यिक, उद्योग एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा, अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग विभाग मंत्री श्री मोहन मरकाम, बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद श्री दीपक बैज, छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष एवं केशकाल विधायक श्री संतराम नेताम, जिला पंचायत के अध्यक्ष देवचंद मातलाम, सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बंगाराम सोड़ी, गोंडवाना समाज के अध्यक्ष बुधसिंह नेताम, आदिवासी समाज के विभिन्न पदाधिकारी, कलेक्टर दीपक सोनी, पुलिस अधीक्षक वाई अक्षय कुमार सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
    बतादें की कोंडागांव जिले को एक एजुकेशन हब बनाने के लिए इस केन्द्रीय ग्रंथालय का शुभारंभ किया गया है । यह ग्रंथालय सभी आयु वर्ग बच्चों, युवाओं व वरिष्ठ - जनों के लिए समर्पित होगी । ग्रंथालय को सुविधा की दृष्टि से न्यूज पेपर मैगजीन जोन, किड्स जोन, डिस्कशन जोन, रीडिंग जोन में बांटा गया है ताकि पढ़ने-समझने के सभी पहलुओं को कवर कर सकें । आज लाइब्रेरी के साथ साथ ई - ज्ञान पोर्टल का भी लोकार्पण किया गया। इस पोर्टल के माध्यम से 128 सरकारी माध्यमिक विद्यालय और उच्च विद्यालय के पुस्तकालयों में उपलब्ध सभी पुस्तकों का एक डेटाबेस बनाया गया है, और उसे ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है । इसके माध्यम से जिले का कोई भी विद्यार्थी या आम नागरिक, जिन्हें किसी भी किताब की जरूरत है वह घर बैठे बैठे जिले के 128 लाइब्रेरी में उपलब्ध किसी भी किताब को आबंटित करवा सकता है और उसे वह किताब खंड स्त्रोत समन्वयक के माध्यम से 7 दिन के भीतर उपलब्ध करा दिया जायेगा।
     साथ ही जिले में स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु इन्क्यूबेशन एवं इन्नोवेशन हब कोंडागांव का उद्घाटन किया गया। बेरोज़गारी भत्ता प्राप्त करने वाले युवाओं और स्टार्टअप्स की इच्छा रखने वाले लोगों को मार्गदशन दिया जा रहा है। इस हेतु आज राज्य के प्रमुख संस्थानों जैसे आईआईटी भिलाई, ट्रिपल आईटी नया रायपुर और हेडस्टार्ट के साथ एमओयू में हस्ताक्षर किया गया। ये संस्थान इनक्यूबेटर में दाखिल फाउंडर्स को व्यापार संचालन में आने वाली विभिन्न आवश्यक बिन्दुओं पर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक 25 सितंबर से 27 सितंबर तक
      रायपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए चल रही छत्तीसगढ़िया ओलंपिक प्रतियोगिता अब अंतिम दौर पर पहुंच चुकी है। 25 सितंबर से राज्य स्तरीय ओलंपिक की शुरूआत हो रही है। 27 सितंबर तक चलने वाली इस 3 दिवसीय राज्य स्तरीय ओलंपिक प्रतियोगिता में संभाग स्तरीय प्रत्येक खेल के विजेता प्रतिभागी एवं दल अपने खेल जौहर का प्रदर्शन करेंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल एवं खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल के मार्गदर्शन में चल रही छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को इस वर्ष भी अभूतपूर्व लोकप्रियता मिल रही है।     
      संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार राज्य स्तरीय छत्तीसढ़िया ओलंपिक प्रतियोगिता का आयोजन रायपुर के 4 खेल मैदानों में किया जा रहा है। सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियत बुढ़ापारा में फुगड़ी, बिल्लस, भंवरा, बांटी (कांचा), रस्सीकूद एवं कबड्डी का आयोजन हो रहा है। इसी तरह संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण रायपुर परिसर के खुला मैदान में  संखली, रस्साकसी, लंगड़ी, गिल्ली डंडा, पिट्ठुल एवं गेेड़ी दौड़ की प्रतियोगिता होगी। स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा में 100 मीटर दौड़, लंबी कूद, रस्सी कूद एवं कुश्ती और नेताजी सुभाष स्टेडियम में खो-खो की प्रतियोगिताएं आयोजित किए जा रहे हैं। प्रत्येक खेल में आयुवार एवं वर्गवार टाइम सेड्यूल जारी किए गए हैं। प्रतियोगिता सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चलेगी।
   छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में युवाओं के साथ ही बूढ़े, बच्चें एवं महिलाएं भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में लंबी कूद, 100 मीटर दौड़ एवं कुश्ती के खेल में 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करने की घोषणा की है। यह प्रावधान इसी सत्र से लागू होगा।

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