June 04, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

   व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / नवरात्रि का विशेष धार्मिक महत्व होता है. शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती है और नौ दिनों तक चलती है. मान्यतानुसार भक्त नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी  पर पूजा का समापन करते हैं. माना जाता है नवरात्रि पर पूजा-आराधना करने पर मां दुर्गा    प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सभी कष्टों का निवारण कर देती हैं. व्रती भक्तों को सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति भी होती है. जानिए किस दिन से शुरू हो रही है शारदीय नवरात्रि और घटस्थापना कैसे करते हैं.
शारदीय नवरात्रि की तिथि |  
   पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि इस साल 14 अक्टूबर, शनिवार रात 11 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और 16 अक्टूबर, सोमवार की मध्यरात्रि 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. इस चलते शारदीय नवरात्रि का पहला व्रत 15 अक्टूबर, रविवार के दिन रखा जाएगा और इसी दिन से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत हो जाएगी. इस दिन स्वाति और चित्रा नक्षत्र भी बन रहे हैं.
   नवरात्रि के नौ दिनों में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां सिद्धिदात्री और मां महागौरी की क्रमानुसार पूजा की जाती है.
शारदीय नवरात्रि पर घटस्थापना
  शारदीय नवरात्रि के दिन घटस्थापना  का शुभ मुहूर्त चित्रा नक्षत्र के दौरान किया जाता है. इस बार चित्रा नक्षत्र की तिथि 14 अक्टूबर शाम 4 बजकर 24 मिनट पर शुरू हो रही है और अगले दिन 15 अक्टूबर की शाम 36 बजकर 13 मिनट पर रहेगा. ऐसे में इस अवधि में ही घटस्थापना करना बेहद शुभ साबित होता है.
  घटस्थापना करने के लिए शारदीय नवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं. व्रत   रखने वाले लोग व्रत का संकल्प लेते हैं. मंदिर की साफ-सफाई की जाती है और गंगाजल से मंदिर को साफ किया जाता है. इसके बाद लाल कपड़े को चौकी पर बिछाते हैं. मां दुर्गा की प्रतिमा सजाई जाती है. इसके बाद पास ही मिट्टी का कलश रखा जाता है और उसके चारों ओर अशोक के पत्ते लगाए जाते हैं और स्वास्तिक बनाते हैं. इसमें सुपारी, सिक्का और अक्षत डाले जाते हैं. नारियल में लाल चुनरी लपेटकर इसे कलश के ऊपर रखते हैं और मां जगदंबे को आवाहन देते हैं. दीप जलाया जाता है और कलश स्थापना की विधि पूरी होती है.

    व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / किसी भी मंगल कार्य के पहले पूजे जाने वाले भगवान गणेश का महापर्व गणेश उत्सव  चल रहा हैं. 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव के दौरान बप्पा का ध्यान करना, घर पर उनकी स्थापना करना और व्रत करना काफी फलदायक हो सकता हैं और बप्पा की असीम कृपा बरस सकती हैं. विधिवत पूजा करने से भगवान गणेश सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. एकदंत को उत्सव के दौरान कई प्रकार के भोग चढ़ाएं जाते हैं, खासतौर से उनका प्रिय मोदक  जरूर चढ़ता है. लेकिन अगर किसी कारण आप बप्पा को मोदक नहीं चढ़ा सकते हैं तो इन भोगों का चढ़ावा भी उन्हें उतना ही प्रसन्न कर सकता हैं.
गणेश जी को पसंद हैं ये भोग  
बेसन के लड्डू
   बेसन के ताजे लड्डू  भगवान गणेश को बहुत प्रिय हैं. अगर आप उन्हें भोग के रूप में ये लड्डू चढ़ाएंगे तो इससे बप्पा काफी प्रसन्न होंगे.
मोतीचूर के लड्डू
   दस दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव के दौरान आप उन्हें मोतीचूर के लड्डू  भी चढ़ा सकते हैं. किसी भी प्रकार का लड्डू बप्पा को बहुत पसंद आता है.
खीर
   घर पर गाय के दूध से बना खीर  भी भगवान को भोग के रूप में चढ़ाया जा सकता हैं. इसे और भी शुद्ध और भोग लायक बनाने के लिए आप इसमें मखाने, ड्राई फ्रूट और मेवे डाल सकते हैं.
गुड़
    पूजा-पाठ के कार्यों में मीठे के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला गुड  भी भोग के रूप में चढ़ाया जा सकता है. भगवान ऐसा कभी नहीं कहते कि मुझे मोदक या लड्डू ही चाहिए. सही और शुद्ध आचरण से बप्पा को चढ़ाए गुड से भी वे उतने ही प्रसन्न होंगे.
नारियल
  नारियल को भगवान गणेश के रूप में ही पूजा जाता है. ऐसे में बप्पा को नारियल भी काफी ज्यादा पसंद है. मांगलिक कार्यों में और पूजा-पाठ में नारियल चढ़ाने का हमेशा से खास महत्व रहा है.

  टिप्स ट्रिक्स /शौर्यपथ /आजकल लोग अपने बच्चे को जन्म से ही गाय का या भैंस का दूध  पिलाना शुरू कर देते हैं. इससे मां के दूध से मिलने वाले फायदों से बच्चा दूर रहता है. लेकिन इस लापरवाही से बच्चे को कई परेशानियां हो सकती हैं और उसका ग्रोथ बुरी तरह से प्रभावित हो सकता हैं. अगर मां को दूध पीलाने में कोई परेशानी है तो बच्चे को फॉर्मुला दूध   देना ज्यादा अच्छा है. डॉक्टर पवन मंडाविया   बताते हैं कि एक साल से छोटे बच्चों को गाय का दूध क्यों नहीं देना चाहिए
नवजात को इन 5 कारणों से ना दें गाय का दूध  
1. हाई कॉमप्लेक्स प्रोटीन
  दूध में मिलने वाला प्रोटीन कॉम्प्लेक्स   होता है. ये गाय के बच्चे के तेज ग्रोथ में मदद करता है. लेकिन 1 साल से छोटे बच्चे में इसका पचना मुश्किल होता है. इससे उनकी कीडनी और आंतों पर बुरी तरह असर डाल सकता है.  
2. आयरन की कमी
  शरीर में खून की सही मात्रा बनाएं रखने के लिए आयरन रीच फूड बहुत जरूरी हैं. खासतौर से नवजात बच्चे को अच्छा ग्रोथ देने के लिए आयरन की मात्रा शरीर में जानी चाहिए. लेकिन गाय के दूध में आयरन की कमी होती है. इससे बच्चे को अनीमिया  भी हो सकता है.
3. विटामिन-सी की कमी
   इम्यूनिटी बूस्टर वीटामिन-सी  भी गाय के दूध में कम मात्रा में देखने को मिलता है. जबकि 1 साल से छोटे बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत करने वाली चीज ही खिलानी-पीलानी चाहिए.
4. कम न्यूट्रिएंट्स
   बच्चे की सही ग्रोथ के लिए जरूरी न्यूट्रिएंट्स  गाय के दूध से उसे नहीं मिल पाता है. इससे बच्चे की ग्रोथ प्रभावित हो सकती हैं. साथ ही दूध में पानी मिला होने के कारण बच्चे को सही मात्रा में फैट   भी नहीं मिल पाता है.
5. शरीर फूल जाना
   गाय के दूध में प्रोटीन, फॉस्फेट और कैल्सियम की मात्रा ज्यादा होती हैं. इससे बच्चे का शरीर बाहर से फूल   जाता है और बच्चा हेल्दी नजर आता है लेकिन अंदर से उसका शरीर कमजोर ही रह जाता है. 

  सेहत टिप्स /शौर्यपथ / भारतीय खानों के स्वाद में चार चांद लगाने वाला धनिया और इसके छोटे बीज सेहत के लिए भी बहुत अच्छे साबित हो सकते हैं. इनमें भारी मात्रा में विटामिन-सी , विटामिन-के , और एंटीऑक्सीडेंट गुण देखने को मिलते हैं. ये ऐसे बीज हैं जो हर किचन में आसानी से मिल जाते हैं लेकिन लोगों को इसके फायदे के बारे में पता नहीं होता हैं. सुबह उठकर खाली पेट धनिया का पानी पीना आपको कई सारे रोगों से बचा सकता हैं. इसके कुछ मुख्य फायदे ये हैं.
इन 5 तरीकों से हैं फायदेमंद
शुगर कंट्रोल में असरदार
शुगर के मरीजों के लिए धनिया का पानी काफी ज्यादा फायदेमंद हो सकता हैं. इसे रोज पीने से आपके शरीर का शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा.
इम्यूनिटी बूस्टर
 धनिया के बीज में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इससे शरीर का इम्यून सिस्टम  मजबूत रहता है और रोध-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. सुबह खाली पेट इसका पानी पीने से आपको असर जल्दी दिखने लगेगा.
आंखों के लिए फायदेमंद
 विटामिन-ए, विटामिन-सी और विटामिन-ई के गुणों के कारण धनिया का पानी आपके आंखों के लिए अच्छा साबित हो सकता हैं. इससे आंखों की रौशनी  बेहतर रहती है और आंखों को सही न्यूट्रीएंट्स भी मिलते है.
वजन कर सकता है कम
  खाली पेट धनिया का पानी पीने से आपका वजन कम  हो सकता है. इससे आपके शरीर में मेटाबॉलिज्म  को बढ़ावा मिलता है. आप इसे डिटॉक्स वाटर   के रूप में भी पी सकते हैं.
बालों को देता है मजबूती
  धनिया के बीज में मिलने वाले विटामिन-सी और विटामिन-के बालों को मजबूती देते हैं. इससे बालों का झड़ना   और टूटना रूक सकता हैं.
ऐसे करें इस्तेमाल
    एक बाउल पानी में एक चम्मच धनिया के दाने डालें
    फिर इसे अच्छी तरह उबाल लें
    पानी के उबलकर आधा होने के बाद इसे उतार लें
    अब इसे छान कर थोड़ा गुनगुना करके पिएं   

    वास्तु टिप्स /शौर्यपथ /आपके रोज के खाने से लेकर मां अन्नपूर्णा के घर में वास करने तक कई चीजों के हिसाब से किचन घर का काफी जरूरी हिस्सा बन जाता है. सभी अपने किचन की सजावट अपने हिसाब से करते हैं. अकसर लोग किचन में वास्तु का ख्याल नहीं रखते हैं. कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें किचन में रखने से वास्तु दोष लग सकता है और आपकी बरकत और खुशहाली पर प्रभाव पड़ सकता हैं. ऐसे में आप कंगाल भी हो सकते हैं. आज ही आपको इन चिजों को अपने किचन से हटा देना चाहिए.
  इन 6 चीजों को किचन से तुरंत हटाएं
प्लास्टिक का स्टोरेज सेट
   कई लोग ऑनलाइन सस्ते मिलने वाले प्लास्टिक के स्टोरेज  सेट अपने किचन में रखते हैं. लेकिन वास्तु के हिसाब से किचन में प्लास्टिक के बर्तन और डब्बे नहीं रखने चाहिए. इससे घर में नकारात्मक एनर्जी और स्वास्थ से जुड़ी समस्या भी पैदा हो सकती है. प्लास्टिक को इस्तेमाल करने से राहु ग्रह का दोष लग सकता है.
दवाइयां
  किचन में दवाइयां या फर्स्ट एड कीट रखना वास्तु के हिसाब से गलत है. इसे किचन में रखने से धन हानि की समस्या पैदा हो सकती है. साथ ही इससे निगेटिव एनर्जी भी बढ़ सकती हैं.
कचरे का डिब्बा
   अकसर लोग अपने किचन में ही कचरे का डिब्बा रखते हैं. इससे घर का सारा कूड़ा किचन में ही जाता है. कूड़ा नकारात्मकता की पहचान है. कचरे के डिब्बे को किचन में रखने से घर के सभी लोगों के सेहत पर गलत प्रभाव पड़ सकता हैं.
शीशा
   किचन में आइना  रखना अशुभ हो सकता है. खासतौर से ऐसा आइना जिसमें आपके चूल्हे की आग नजर आती हो, तो इसे तुरंत हटा दें. वास्तु के अनुसार शीशे की वजह से किचन में अधिक उर्जा का प्रवाह हो सकता है, जिससे किचन में आग और पानी का संतु्लन बिगड़ सकता है.
टूटे हुए बर्तन
   टूटे हुए बर्तन किचन में रखना अशुभ फलदायी माना जाता है. ऐसे में माता लक्ष्मी नाराज होती हैं और धन हानि की आशंका बढ़ती हैं. साथ ही इससे घर में दरिद्रता और दुर्भाग्य भी बढ़ता है. किचन में भुलकर भी टूटे कप, प्लेट, तवा, जैसी कोई भी चीज न रखें.
झाड़ू
   वास्तु के अनुसार झाडू को कभी किचन में नहीं रखना चाहिए. हालांकि झाडू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, लेकिन किचन में इसे रखना बहुत अशुभ होता है. इससे घर के लोगों के बीच विश्वास कम होता है और घर में सुख-शांति खत्म होती हैं.     

    रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 24 सितंबर को राजधानी रायपुर सहित सुकमा जिले के छिंदगढ़ और कोण्डागांव जिला मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री श्री बघेल पूर्वान्ह 11.05 बजे पंडित जवाहरलाल नेहरु चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के सभागार में आयोजित राज्य संगोष्ठी ‘‘सी.जी. फिजियोकॉन 2023’’ इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट के कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री कार्यक्रम पश्चात दोपहर 12 बजे स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर से विमान द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 12.40 बजे मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट जगदलपुर पहुंचेंगे और वहां से हेलीकॉप्टर द्वारा दोपहर 1.10 बजे सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ पहुंचेंगे। श्री बघेल छिंदगढ़ के मिनी स्टेडियम में आयोजित आमसभा में विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन करेंगे।  
      मुख्यमंत्री श्री बघेल छिंदगढ़ से दोपहर 2.35 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा कोण्डागांव जिले के लिए प्रस्थान करेंगे और कोण्डागांव में दोपहर 3.10 बजे सेंट्रल लाईब्रेरी, आदिवासी विश्रामगृह भवन का लोकार्पण तथा विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास-लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल विकास नगर स्टेडियम में आयोजित आमसभा को सम्बोधित करेंगे। श्री बघेल शाम 5 बजे पुलिस ग्राउण्ड हेलीपेड रायपुर लौट आएंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल शाम 6.35 बजे शहीद स्मारक भवन रायपुर में जय बूढ़ी मां गाड़ा महासभा द्वारा आयोजित ‘नुवाखाई जोहार भेंटघाठ’ मिलन समारोह 2023 में शामिल होंगे।

118 कार्यों का भूमिपूजन और 19 कार्यों का होगा लोकार्पण, जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत 257 हितग्राही होंगे लाभान्वित
81 करोड़ रूपए की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग 30 के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य का होगा भूमिपूजन
50 से अधिक स्कूल भवन, नरवा विकास के 7 कार्य, 47 गांवों में एकल ग्राम जल प्रदाय योजना का भूमिपूजन  
    रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 24 सितंबर को सुकमा जिले के छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में 273.28 करोड़ रूपये की लागत के 137 विकास कार्याें का लोकार्पण व भूमिपूजन करेंगे। इनमें 254.10 करोड़ रूपये की लागत के 118 कार्यो का लोकार्पण और 19.18 करोड़ रूपये के 19 कार्यो का लोकार्पण शामिल है। मुख्यमंत्री के हाथों विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत कुल 257 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड, नियुक्ति पत्र, आर्थिक सहायता राशि का चेक और सामाग्री का वितरण किया जाएगा।
     भूमिपूजन वाले कार्याें में राष्ट्रीय राजमार्ग योजना के तहत 81.08 करोड़ रूपये लागत के राष्ट्रीय राजमार्ग 30 में 12 उच्च स्तरीय पुलिया निर्माण एवं चौड़ीकरण-मजबूतीकरण कार्य का भूमिपूजन किया जाएगा। इसी प्रकार विकासखण्ड सुकमा, कोण्टा, छिंदगढ़ के 47 गांवों में जल जीवन मिशन के तहत 53.38 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित होने वाली एकल ग्राम जल प्रदाय योजना के कार्य एवं छिंदगढ़ में 3 करोड़ की लागत से आवर्धन जल प्रदाय योजना का कार्य, शिक्षा विभाग के हास्टल, लाईब्रेरी, स्कूल भवन, अतिरिक्त भवन, पोटा केबिन, लोक निर्माण विभाग के संड़क, पुल-पुलिया, सीसी रोड, जल प्रदाय योजना, माईनर ब्रिज निर्माण, आदिम जाति अनुसूचित जाति विकास के 3 आश्रम भवन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के उप स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन, 23 प्राथमिक शाला भवन निर्माण कार्य जिसकी कुल लागत 50.77 करोड़ रूपये से अधिक है, आदि कार्य। इसी प्रकार 23.70 करोड़ रूपये की लागत के सुकमा में खेल परिसर, महाविद्यालय व विद्यालय में अतिरिक्त कक्ष, 2 उच्च स्तरीय पुल निर्माण के कार्य, स्वास्थ्य विभाग के 13.96 करोड़ रूपये की लागत से सुकमा के जिला अस्पताल में 50 बिस्तर क्रिटीकल केयर ब्लाक सहित अन्य 03 स्थानांे पर स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 4.22 करोड़ रूपये के लागत से 02 सड़क एवं चार सीसी रोड निर्माण, आदिम जाति कल्याण विभाग व पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के तहत 4.83 करोड़ रूपये की लागत के सीसी रोड, पुल-पुलिया, सामुदायिक भवन, स्कूल भवन, आंगनबाड़ी भवन, पंचायत भवन व स्व-सहायता समूह के लिए आजिविका वर्क शेड आदि कार्य, वन विभाग के 5 करोड़ रूपये के 07 नरवा विकास कार्य का भूमिपूजन होगा। इसी तरह विभिन्न विकासखण्डों में भी अन्य विकास कार्याें का भूमिपूजन होगा।
    मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा लोेकार्पित होने वाले कार्याें में जिला निर्माण समिति के तहत 9.47 करोड़ रूपये से निर्मित स्कूल भवन एवं संधारण, शेड निर्माण, जिला अस्पताल में अतिरिक्त भवन निर्माण, माईनर ब्रिज का लोकार्पण होगा। इसी प्रकार ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग अंतर्गत 1.74 करोड़ रूपए की लागत से पोटाकेबिन, स्कूल भवन की मरम्मत, 34.74 लाख रूपये की लागत से जिला अस्पताल में निर्मित बर्न वार्ड, उप स्वास्थ्य केन्द्र सुकमा में अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत 4.66 करोड़ रूपये की लागत से 9 एकल ग्राम जल प्रदाय योजना और 2 रेट्रोफिटिंग जल प्रदाय योजना, 2.65 करोड़ रूपये की लागत के 09 उचित मूल्य की दुकान निर्माण, 14 आंगनबाड़ी भवन निर्माण और 30 लाख रूपये की लागत से मुसारिया माता मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य का लोकार्पण होगा।

स्कूलों और सामुदाय की भागीदारी से होंगे विविध कार्यक्रम  
 दिल्ली में अमृत वाटिका उद्यान विकसित करने में प्रत्येक गांव से जाएगी मिट्टी
   रायपुर/शौर्यपथ / भारत में स्वतंत्रता की लड़ाई में शहीद हुए गुमनाम नायकों एवं शहीदों को श्रद्धांजलि देने और विद्यार्थियों को ऐेसे वीरों के जीवन से परिचित कराने के उद्देश्य से राज्य के समस्त स्कूलों में वीरगाथा एवं ‘‘मेरी माटी मेरा देश’’ से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रत्येक गांव से मिट्टी लेकर उसे विकासखण्ड व जिले से होते हुए कलश यात्रा के माध्यम से दिल्ली भेजा जाएगा। इस मिट्टी का उपयोग दिल्ली में अमृत वाटिका उद्यान विकसित करने के लिए किया जाएगा।
     ‘‘मेरी माटी मेरा देश’’ कार्यक्रम के प्रथम चरण अंतर्गत शामिल गतिविधियों में अपने क्षेत्र में वीर सेनानियों के स्मारक बनाकर उनका स्मरण करना, स्वंतत्रता संग्राम सेनानी और उनके परिवार के सदस्यों को सम्मानित करना है। समुदाय के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर राष्ट्रगान एवं झण्डावंदन किया जाएगा। सभी सरकारी, निजी, अनुदान प्राप्त स्कूलों में बच्चों के माध्यम से प्रभात फेरी का आयोजन किया जाएगा। जिसमें स्थानीय डाकघर से झण्डा क्रय करते हुए झण्डे के साथ अधिक से अधिक बच्चों एवं समुदायों को शामिल कर प्रभात फेरी निकाली जाएगी। खेलकूद, गेड़ी दौड़, स्थानीय खेलकूद, नाटक, रोल प्ले आदि का आयोजन होगा। महान व्यक्तित्व एवं स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित मुद्दों पर निबंध लेखन, चित्रकला, पोस्टर, मूर्तिकला एवं रंगोली आदि से संबंधित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। देशभक्ति गीत, कविता एवं गायन प्रतियोगिताएं भी होंगी। प्राचार्य, संस्था प्रमुख एवं समुदाय के विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित कर उनका उद्बोधन सुना जाएगा।
       द्वितीय चरण में इस कार्यक्रम के अंतर्गत कलेक्टर के नेतृत्व में 30 सितम्बर के पहले सभी गांवों एवं वार्ड से स्थानीय स्तर पर मिट्टी को एकत्र कर उसका संकलन किया जाएगा। विकासखण्ड स्तर पर निगम कार्यालयों के सहयोग से सभी गांवों और वार्ड के मिट्टी को एकत्र कर 13 अक्टूबर के पहले आपस में मिलाकर रखा जाएगा। विकासखण्ड से कलश के रूप में इस संग्रहित मिट्टी को राज्य स्तर पर निर्धारित स्थल पर पहुंचाया जाएगा और उसे 27 अक्टूबर के पहले दिल्ली ले जाने के लिए एकत्र किया जाएगा।
     इस कार्यक्रम के अंतर्गत भारत के नागरिक पोर्टल merimaatimeradesh.gov.in में जाकर प्रतिज्ञा ले सकते हैं। इस पोर्टल में अपना फोटो जिसमें वे काम कर रहे हो, पौधे लगा रहे हो, मिट्टी का दिया पकड़े हो आदि से संबंधित फोटो अपलोड कर सकते हैं। ऐसा करने पर उन्हें मेरी माटी मेरा देश के नाम से एक सर्टिफिकेट भी प्राप्त होगा, जिसे डाउनलोड भी किया जा सकेगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत शपथ ली जाएगी कि-भारत को 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित बनाने के सपने को साकार करेंगे।

    नई दिल्ली /शौर्यपथ /कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी की पत्नी एलिजाबेथ का एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें वे अपने बड़े बेटे के बीजेपी में शामिल होने को उचित ठहराती हुई नजर आ रही हैं. वीडियो वायरल होने के बाद केरल में कांग्रेस की स्थिति असहज हो गई है. एक ईसाई ध्यान केंद्र के यूट्यूब चैनल पर जारी किए गए वीडियो में भावुक एलिजाबेथ यह स्वीकार कर रही हैं कि वे अनिल एंटनी को बीजेपी से मिले निमंत्रण के बारे में बहुत पहले से जानती थीं.
    एलिजाबेथ यह दावा करते हुए सुनाई दे रही हैं कि उनके बेटे को प्रार्थनाओं के कारण राजनीति में नया अवसर मिला. उन्होंने कहा कि हालांकि, उनके दोनों बेटे राजनीति में आना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी के हालिया चिंतन शिविर में वंशवाद की राजनीति के खिलाफ पारित एक प्रस्ताव से झटका लगा था.
''बेटे के अच्छे भविष्य के लिए बहुत प्रार्थना की और फोन आ गया''
एके एंटनी की पत्नी ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे के अच्छे भविष्य के लिए बहुत प्रार्थना की और तभी उन्हें अनिल का फोन आया. एंटनी की पत्नी एलिजाबेथ ने वीडियो में कहा, ‘‘मेरा बेटा 39 साल का हो गया...उसने मुझे फोन किया और कहा कि उसे प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया है और उन्होंने उसे बीजेपी में शामिल होने की बात कही है.''
   एलिजाबेथ ने कहा कि वह और उनका परिवार कांग्रेस पार्टी में विश्वास करता है, लेकिन उनके बेटे ने उनसे कहा कि अगर वह बीजेपी में शामिल होंगे तो उन्हें अच्छे अवसर मिलेंगे.
''टीवी चैनलों से पता चलने पर एके एंटनी को झटका लगा''
    एलिजाबेथ ने कहा कि उन्होंने परिवार में किसी को भी अनिल के बीजेपी में शामिल होने के फैसले के बारे में नहीं बताया. उन्होंने स्वीकार किया कि अनिल के बीजेपी में शामिल होने के बारे में चार दिन बाद टीवी चैनलों के जरिए पता चलने पर एके एंटनी को झटका लगा था.
     उन्होंने कहा कि एंटनी ने बाद में अपने बेटे के फैसले को स्वीकार किया और उससे कहा कि जब भी मन चाहे वह घर आ सकता है, लेकिन घर में राजनीति पर चर्चा नहीं होनी चाहिए.
    कांग्रेस नेतृत्व, एके एंटनी या अनिल एंटनी ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी इस साल अप्रैल में बीजेपी में शामिल हुए थे.

   नई दिल्ली/शौर्यपथ /महिला आरक्षण बिल का क्या होगा, कैसे वो हकीकत बनेगा और इतना लंबा इंतजार उसके लिए क्यों करना पड़ रहा है? संसद के दोनों सदनों ने इसे पारित कर दिया है, लेकिन यह लागू 2027 के बाद होगा. इस पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी से खास बातचीत की.
   महिला आरक्षण को डीलिमिटेशन से जोड़ना क्या जरूरी था? इस सवाल पर एसवाई कुरैशी ने कहा कि, यह बिल्कुल जरूरी था. अभी एक-दो चीजें अभी बिल्कुल क्लियर नहीं हैं. वन थर्ड सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व की जाएंगी, क्या वे अभी जो 543 हैं उसी में से वन थर्ड औरतों को जाएंगी या सीटों का नंबर बढ़ेगा? पार्लियामेंट की नई बिल्डिंग में सीटें बढ़ा दी गई हैं. पार्लियामेंट की नई बिल्डिंग पर गवर्नमेंट से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था. तब गवर्नमेंट ने कहा था 808 सीटें लोकसभा में और 383 या 384 सीटें राज्यसभा में करेंगे. हो सकता है ये एडीशनल सीटें बढ़ाई जाएं. उसके बाद डीलिमिटेशन की बात आती है. कान्स्टीट्यूशन में लिखा है, हर सेंसस के बाद, हर दस साल के बाद डीलिमिटेशन कमीशन बैठा करेगी.
     उन्होंने कहा कि, चार बार डीलिमिटेशन कमीशन बैठी है, 1963 में 1972 में और 1972 में एक इशू रेज हुआ था साउथ इंडियन स्टेट ने रेज किया कि जो हमारे स्टेट में नंबर ऑफ सीट एलॉट की जाती हैं, हम लोगों ने फैमिली प्लानिंग प्रोग्राम बहुत अच्छे से किया तो पॉपुलेशन कंट्रोल हो गई. यूपी, बिहार और नार्थ इंडिया में बेतहाशा पॉपुलेशन बढ़ रही है, तो सीटें सारी उनको चली जाएंगी, यह तो नहीं चलेगा. यह बहुत माकूल बात थी, पार्लियामेंट ने उसको माना. और 25 साल के लिए यह फ्रीज कर दिया कि जो स्टेट को सीट एलोकेटेड हैं वो डिस्टर्ब नहीं की जाएंगी. 25 साल बाद जब 2002 में जब यह मसला दुबारा आया तो लॉजिक वही था, तो पार्लियामेंट ने उसको फिर 25 साल के लिए बढ़ा दिया. यह 2026 में खत्म होगा.
एक्ट पारित होने के बाद बनता है डीलिमिटेशन कमीशन
        डिलिमिटेशन होता कैसे है? इस सवाल पर एसवाई कुरैशी ने कहा कि, हर बार डीलिमिटेशन के लिए पार्लियामेंट कानूनी तौर पर एक एक्ट पारित करती है. उसके बाद एक डीलिमिटेशन कमीशन बनती है, जिसका चेयरमेन सुप्रीम कोर्ट का रिटायर जज होता है. यह जरूरी है, चेयरमेन सुप्रीम कोर्ट का फार्मर जज होगा. उसके दो मेंबर और होते हैं. एक चीफ इलेक्शन कमिश्नर ऑफ इंडिया या उसके नॉमिनेशन से सेकेंड या थर्ड इलेक्शन कमिश्नर. तीसरा मेंबर स्टेट का इलेक्शन कमिश्नर, जिस स्टेट में डीलिमिटेशन होना है. क्योंकि हर स्टेट की अलग-अलग जांचें होती हैं, कितनी कान्स्टीट्यूएंसी हैं, कितनी लाइनें खींचनी हैं.. इसके अलावा पांच-सात स्पेशन नॉमिनी वगैरह होते हैं.
परिसीमन आयोग का फैसला होता है अंतिम
    क्या परिसीमन आयोग की फाइंडिंग को अदालत में चुनौती दे सकते हैं? सवाल पर पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, नहीं दे सकते. डीलिमिटेशन कमीशन का फैसला फाइनल है और जस्टिसेबल नहीं है.
सीटें बढ़ती हैं तो महिलाओं की भागेदारी आसान होगी
        लोकसभा की सीटें कितनी बढ़ेंगी, यह किस पर निर्धारित होगा. जनसंख्या पर, यदि जनसंख्या पर तो कितनी जनसंख्या पर? इस प्रश्न के जवाब में एसवाई कुरैशी ने कहा कि, कितनी सीटें होंगी यह पार्लियामेंट रीकंसीडरेशन से डिसाइड कर सकती है. जैसे एक दफा यूके का इलेक्शन हो रहा था, वह बहुत छोटा है, हम उससे 40 गुना बड़े हैं. लेकिन उनके हाउस ऑफ कामंस की स्ट्रेंथ हमसे ज्यादा है. वहां 12000 वोटरों पर एक मेंबर ऑफ हाउस ऑफ कामंस है. अगर हम उस रेश्यो से चलेंगे तो हमको 12-14 हजार एमपी चाहिए होंगे. वह चीज नहीं है. पार्लियामेंट 543 से अच्छा चलता ही रहा है, अगर उसको बढाकर 880 करते हैं तो अच्छा खासा इजाफा होगा. इसके नतीजे में औरतों को एडिशनल सीटें मजे से, आसानी से एकमोडेट हो सकेंगी. यह डिटरमिनेशन पार्लियामेंट करेगी.
सभी सीटों के लिए जनसंख्या का एक तय आंकड़ा नहीं
     क्या जनसंख्या 18 लाख पर एक सीट करेंगे या 10 लाख पर? सवाल पर उन्होंने कहा, यह नहीं होता, कोशिश यह होती है कि सारी कान्स्टीट्यूएंसी में पॉपुलेशन में एक बैलेंस हो. एक मिसाल देता हूं, 2006-2008 में लास्ट डीलिमिटेशन कमीशन ने जब फैसला किया, उस समय आउटर दिल्ली की कान्स्टीट्यूएंसी में 35 लाख वोटर थे और चांदनी चौक में पांच लाख वोटर थे. एक आदमी को पांच लाख वोटरों तक पहुंचने में और 35 लाख तक पहुंचने में कितना फर्क पड़ता है. तो उसको बैलेंस किया जाता है. तो जब बैलेंस किया गया तो एवरेज करीब 15 लाख निकला. कि अगर 15 लाख कर दोगे तो सब बैलेंस हो जाएंगी. प्लस-माइनस एक-दो लाख इधर-उधर किसी भी वजह से होता हो, लेकिन एवरेज करीब 15 लाख है. लेकिन हर जगह यह 15 लाख नहीं हो सकता. कई स्टेट ही छोटे हैं. लक्षद्वीप में तो सारे वोटर ही 80 हजार हैं. सिक्किम में लाख-डेढ़ लाख वोटर हैं.

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